जयपुर, 7 अप्रैल (आईएएनएस)। आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत ने शुक्रवार को राष्ट्रीय सेवा संगम को संबोधित करते हुए कहा, हिंदू आध्यात्मिक गुरु मिशनरियों से बेहतर काम कर रहे हैं।
भागवत राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ द्वारा यहां देश में तीसरी बार और राजस्थान में पहली बार आयोजित हो रहे तीन दिवसीय राष्ट्रीय सेवा संगम को संबोधित कर रहे थे।
भागवत ने कहा, आम तौर पर देश के बुद्धिजीवी लोग अपनी सेवा के लिए मिशनरियों का जिक्र करते हैं। हालांकि, जब हमने देश का दौरा किया तो देखा कि हिंदू आध्यात्मिक गुरुओं द्वारा प्रदान की जाने वाली सेवा मिशनरियों की तुलना में अधिक है।
भागवत ने आगे कहा, हमारे समाज में कई खानाबदोश लोग हैं, जिन्होंने देश की आजादी के लिए लड़ाई लड़ी। वे झुके नहीं, आजादी के लिए लड़ते रहे और इधर-उधर घूमते रहे। उनके पास कोई वोटर आईडी या राशन कार्ड नहीं था। विदेशी शासकों ने उन्हें अपराधी घोषित कर दिया। जब संघ को उनके बारे में पता चला तो हमने उनके साथ काम किया और खानाबदोश जनजातियां भी समाज की सेवा करने लगीं।
भागवत ने आगे कहा कि जब बाहर वालों की हार हुई तो अंदर वालों ने देश को तोड़ने का काम किया। हमें एकजुट होकर खड़े होने की जरूरत है। अगर हमारे समाज में कोई पिछड़ रहा है तो यह हमारे लिए अच्छी बात नहीं है। सबको समान मानकर ही समाज आगे बढ़ सकता है। कमजोर लोगों को ताकत देनी होगी।
संघ की स्थापना के समय से स्वयंसेवकों द्वारा सेवा की जाती रही है। सेवा की मानसिकता सभी में होती है, बस इसे जगाना है। हम आज से ही सेवा के माध्यम से समाज को स्वस्थ बनाने का प्रयास कर रहे हैं।
संगम में देश भर के 3,500 से अधिक स्वयंसेवी संगठनों के प्रतिनिधि उपस्थित थे। आरएसएस के महासचिव दत्तात्रेय होसबोले भी थे। रिपोर्ट के अनुसार, सेवा संगम से जुड़े कार्यों की प्रदर्शनी का गुरुवार को उद्घाटन किया गया।
पहला सेवा संगम 2010 में बेंगलुरु में आयोजित किया गया था और इसमें 980 प्रतिनिधियों ने भाग लिया था। 2015 में, दूसरा सेवा संगम नई दिल्ली में आयोजित किया गया था और इसमें 3,500 प्रतिनिधियों ने भाग लिया था। अब तीसरा सेवा संगम जयपुर में हो रहा है।
–आईएएनएस
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