नई दिल्ली, 16 जून (आईएएनएस)। दिल्ली के मुखर्जी नगर इलाके में स्थित एक निजी कोचिंग संस्थान की इमारत की सबसे ऊपरी मंजिल पर गुरुवार को आग लगने से कई छात्र चमत्कारिक ढंग से बाल-बाल बच गए।
वायरल वीडियो में छात्रों को तीन मंजिला इमारत की सबसे ऊपरी मंजिल पर खिड़की के शीशे तोड़ते और अपनी जान बचाने के लिए रस्सियों, तारों और सीढ़ी का इस्तेमाल करते हुए नीचे उतरते देखा जा सकता है।
दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने ट्वीट किया, कुछ छात्रों को भागने की कोशिश में मामूली चोटें आई हैं, बाकी सुरक्षित हैं। घबराने की कोई बात नहीं है। दमकल विभाग ने आग पर काबू पा लिया है। जिला प्रशासन भी मौके पर मौजूद है।
इलाके से बीजेपी सांसद मनोज तिवारी ने घटनास्थल का दौरा किया और स्थिति का जायजा लिया। उन्होंने छात्रों से भी बातचीत की और घायलों का हाल जाना।
अधिकारियों के मुताबिक, करीब 150 छात्रों को बचा लिया गया है। संस्कृति कोचिंग सेंटर की सबसे ऊपरी मंजिल से नीचे उतरने वाले 22 छात्रों में से कुछ को चोटें आईं, लेकिन उनकी हालत गंभीर नहीं थी।
अग्निशमन विभाग द्वारा जारी एक वीडियो में लोगों, मुख्य रूप से छात्रों के नाटकीय बचाव अभियान को दिखाया गया है, क्योंकि दमकलकर्मियों ने कुशलता से उन्हें खिड़कियों के माध्यम से निकाला।
फंसे हुए छात्रों ने संस्थान की सबसे ऊपरी मंजिल से नीचे उतरकर बचाव अभियान के दौरान एक-दूसरे का समर्थन और सहायता करते हुए उल्लेखनीय टीम वर्क का प्रदर्शन किया। नीचे सड़क पर एक बड़ी भीड़ जमा हो गई थी, अधिकांश ने नाटकीय घटनाओं को अपने सेलफोन पर कैद कर लिया था।
दिल्ली दमकल सेवा (डीएफएस) के निदेशक अतुल गर्ग के अनुसार, ज्ञान भवन में आग लगने की सूचना दोपहर 12 बजकर 28 मिनट पर मिली। उन्होंने कहा कि कुल 11 दमकल गाड़ियों को मौके पर भेजा गया, जिन्होंने बचाव अभियान पूरा किया।
कोचिंग सेंटर में लगी आग ने एक बार फिर राष्ट्रीय राजधानी में अवैध या अनधिकृत इमारतों पर वाणिज्यिक व्यवसाय चलाने पर चिंता जताई है।
सूत्रों के अनुसार, दिल्लीभर में 5,000 से अधिक कोचिंग सेंटर संचालित हैं, विशेष रूप से लक्ष्मी नगर, मुखर्जी नगर, कालू सराय, सत्य निकेतन, राजेंद्र पैलेस और करोल बाग क्षेत्रों में।
एक वरिष्ठ अग्निशमन अधिकारी ने कहा कि इनमें से अधिकांश संस्थान अग्निशमन विभाग से अनापत्ति प्रमाणपत्र भी नहीं लेते हैं और स्वतंत्र रूप से काम करते हैं।
गर्ग ने कहा, ज्यादातर कोचिंग सेंटर भीड़भाड़ वाले इलाकों में स्थित हैं। इसलिए जब ऐसी घटना होती है, तो दमकल गाड़ियों को मौके पर पहुंचने में मुश्किल होती है।
एक अन्य अग्निशमन अधिकारी ने कहा, संस्कृति कोचिंग सेंटर में केवल एक निकास था। अगर छात्रों और अग्निशमन अधिकारियों ने समय पर कार्रवाई नहीं की होती तो यह घटना बड़ी हो सकती थी। सभी मयार्दाओं को ताक पर रखकर काम कर रहे हैं।
अग्निशमन अधिकारी ने कहा, ज्यादातर लोग चार मंजिल तक निर्माण करते हैं, जिसमें निरीक्षण की आवश्यकता नहीं होती है। लेकिन बिना मंजूरी के व्यावसायिक प्रतिष्ठान चलाना अवैध है। इस तरह के कृत्य मानव जीवन के लिए खतरा पैदा करते हैं।
–आईएएनएस
एसजीके