मुजफ्फरपुर, 16 जून (आईएएनएस)। बिहार के मुजफ्फरपुर की रसीली और मीठी लीची देश विदेश में प्रसिद्ध है। इस साल मौसम परिवर्तन के कारण भले ही लीची के उत्पादन पर प्रतिकूल असर पड़ा है लेकिन इसकी मांग कम नहीं हुई है। इस साल रेल के माध्यम से 12 राज्यों में लीची भेजी गई।
इस बार रेल प्रशासन द्वारा मुजफ्फरपुर जंक्शन से 9 मई से लीची ढुलाई की व्यवस्था की गई, जिसके तहत बिना बिचौलिए के किसान एवं व्यापारी सीधे रेलवे बुकिंग काउंटर से लीची बुक करा कर अपने गंतव्य तक भेज सके।
इस पहल से किसानों को कम किराया भुगतान कर लीची पवन एक्सप्रेस एवं अन्य ट्रेनों से लोकमान्य तिलक टर्मिनस एवं अन्य स्टेशनों को भेजा गया।
रेल प्रशासन के इस कदम का किसानों एवं छोटे व्यापारियों ने भरपूर फायदा उठाया, जिसके परिणामस्वरूप इस वर्ष सोनपुर मंडल में पहली बार रिकॉर्ड लीची ढुलाई की गई।
मंडल रेल प्रबंधक (डीआरएम) नीलमणि ने बताया कि 18 मई से 14 जून तक वी पी (पार्सल वैन) द्वारा कुल 6,102 क्विंटल लीची लोकमान्य तिलक टर्मिनस स्टेशन भेजी गई, जो कि पिछले वर्ष की तुलना में 377 क्विंटल अधिक है। इससे रेलवे को 27 लाख 70 हजार 946 रुपए का राजस्व प्राप्त हुआ।
उन्होंने बताया कि इसके अलावा, 9 मई से 14 जून तक लूज पार्सल वैन द्वारा 4,310 क्विंटल लीची अहमदाबाद, गुवाहाटी, अमृतसर, कानपुर, प्रयागराज, कोलकाता, टाटा, दिल्ली, भुसावल समेत कई स्टेशनों को भेजा गया, जो कि पिछले वर्ष की तुलना में 572 क्विंटल अधिक है, इससे रेलवे को 14 लाख 40 हजार 61 रुपए का राजस्व प्राप्त हुआ।
उन्होंने बताया कि इस सीजन में मुजफ्फरपुर जंक्शन से अब तक 10,412 क्विंटल की रिकॉर्ड ढुलाई हुई, जिससे रेलवे को 42 लाख 11 हजार रुपए का राजस्व की प्राप्ति हुई।
पिछले वर्ष मुजफ्फरपुर जंक्शन से कुल 9,462 क्विंटल लीची की ढुलाई हुई थी।
मंडल रेल प्रबंधक के मुताबिक, इस बार लीची भेजने के इच्छुक व्यापारियों एवं किसानों की सुविधा के मद्देनजर मुजफ्फरपुर स्टेशन पर लदान हेतु व्यापक प्रबंध किए जाने के संदर्भ में लीची व्यापारियों एवं किसानों तथा रेल प्रशासन के बीच बैठक कर बेहतर समन्वय स्थापित किया गया। जिससे इस वर्ष भारी मात्रा में लीची लदान हुई।
उन्होंने आगे कहा कि मंडल का यह प्रयास रहा है कि सामानों की ढुलाई में किसानों, बड़े व्यापारियों के साथ साथ छोटे व्यापारियों के हितों का भी ध्यान रखा जाए।
–आईएएनएस
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