नई दिल्ली, 18 अप्रैल (आईएएनएस)। भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के आईटी सेल प्रमुख अमित मालवीय ने शुक्रवार को पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी पर निशाना साधते हुए दावा किया कि राज्य पुलिस की रिपोर्ट ने मुर्शिदाबाद में हाल ही में हुई सांप्रदायिक हिंसा पर उनके बयानों की पोल खोल दी है।
अमित मालवीय ने ममता बनर्जी पर आरोप लगाया कि वह अशांति के लिए “बाहरी लोगों” को दोषी ठहराकर जनता को गुमराह कर रही हैं, जबकि पुलिस रिपोर्ट में स्थानीय लोगों की संलिप्तता की ओर इशारा किया गया है।
भाजपा नेता ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर लिखा, “पश्चिम बंगाल पुलिस ने मुर्शिदाबाद में हाल ही में हुई सांप्रदायिक हिंसा के बारे में ‘गृह मंत्री’ ममता बनर्जी के दावों को प्रभावी ढंग से खारिज कर दिया है। अपनी आधिकारिक रिपोर्ट में पुलिस ने पुष्टि की कि 11 अप्रैल को सजुर मोड़ पर हुई घातक हिंसा में शामिल भीड़ में “स्थानीय युवा” शामिल थे, जो बम सहित “घातक हथियारों” से लैस थे और उन्होंने पुलिस पर गोलीबारी भी की थी।”
मालवीय ने पोस्ट में लिखा, “ममता बनर्जी के इस सुझाव के विपरीत कि हिंसा बाहरी लोगों द्वारा की गई थी, खुफिया सूचनाओं ने पहले ही जुमे की नमाज के बाद “कुछ स्थानीय लोगों” द्वारा योजनाबद्ध “आंदोलन कार्यक्रम” की चेतावनी दी थी।”
मालवीय ने लिखा, “धुलियान में स्थिति और भी खराब हो गई, जहां भीड़ ने राष्ट्रीय राजमार्ग को अवरुद्ध कर दिया, पत्थर और ईंटें फेंकी, सरकारी और निजी संपत्ति को नुकसान पहुंचाया और दुकानों, मंदिरों और घरों को निशाना बनाकर लूटपाट और आगजनी की। गत 12 अप्रैल को शमशेरगंज थाने के अधिकार क्षेत्र में घोषपारा में हिंदू परिवारों के घरों में तोड़फोड़ करने की कोशिश करने वाली “उत्तेजित भीड़” के रूप में अशांति जारी रही।”
उल्लेखनीय है कि वक्फ कानून में हाल में किए गए संशोधनों के विरोध में 11 और 12 अप्रैल को मुर्शिदाबाद के सुती, धुलियान और जंगीपुर सहित अन्य इलाकों में हिंसा भड़क उठी थी। इस हिंसा में तीन लोगों की मौत हो गई थी और कई अन्य घायल हुए थे। दंगे और तोड़फोड़ के सिलसिले में अब तक 274 लोगों को गिरफ्तार किया गया है। प्रभावित क्षेत्रों में अर्धसैनिक और राज्य पुलिस बल तैनात हैं।
तृणमूल कांग्रेस ने भाजपा पर शांति बहाल करने की बजाय इस मुद्दे पर “राजनीति” करने का आरोप लगाया है।
इसी बीच, पश्चिम बंगाल के राज्यपाल सी.वी. आनंद बोस शुक्रवार को मुर्शिदाबाद हिंसा के कारण विस्थापित लोगों से मिले और पीड़ित परिवारों से बात की।
–आईएएनएस
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