चेन्नई, 1 मार्च (आईएएनएस)। वैश्विक क्रेडिट रेटिंग एजेंसी मूडीज इन्वेस्टर्स सर्विस ने बुधवार को भारत के साथ-साथ अमेरिका, रूस, यूरो क्षेत्र, चीन और अन्य कई के आर्थिक विकास अनुमानों को बढ़ा दिया।
मूडीज ने कहा कि 2022 की दूसरी छमाही में मजबूत डेटा ने 2023 के लिए बड़े कैरी-ओवर प्रभाव पैदा किए।
इसने 2023 में भारत की विकास दर 5.5 प्रतिशत और 2024 के लिए 6.5 प्रतिशत रहने का अनुमान लगाया है।
महंगाई दर के मामले में मूडीज ने भारत के लिए 2023 के लिए 6.1 फीसदी और 2024 के लिए 5.5 फीसदी रहने का अनुमान जताया है।
क्रेडिट रेटिंग एजेंसी के अनुसार, 2023 और 2024 में आर्थिक विकास के प्राइमरी चालक केंद्रीय बैंकों के निर्णय होंगे कि ब्याज दरों को कितना बढ़ाया जाए, कितने समय के लिए और कब कम करना शुरू किया जाए।
मूडीज ने कहा कि केंद्रीय बैंक, दशकों में सबसे आक्रामक मौद्रिक नीति को कसने के बाद, अब एक अनिश्चित मोड़ पर हैं, और इसे अब इस सवाल का सामना करना पड़ रहा है कि क्या मुद्रास्फीति को कम करने के लिए अब तक की गई दरों में बढ़ोतरी का कितना असर हुआ है?
ऐसा माना जा रहा है कि दरों में बढ़ोतरी का अंत निकट है, लेकिन यह साफ नहीं है कि कितनी अधिक दर वृद्धि उचित होगी और कितने समय तक ब्याज दरें प्रतिबंधात्मक रहेंगी। वेतन और मुद्रास्फीति की गतिशीलता के अनुसार केंद्रीय बैंकों के निर्णय विकसित होंगे।
उभरते हुए बाजारों में अधिकांश केंद्रीय बैंक दर वृद्धि में एक विस्तारित ठहराव की ओर बढ़ने के करीब हैं, ध्यान धीरे-धीरे बढ़ते हुए मुद्रास्फीति के दबावों के साथ विकास को बढ़ावा देने के लिए स्थानांतरित हो रहा है।
मूडीज ने कहा, फेड (यूएस फेडरल रिजर्व) के सख्त चक्र के अंत के तुरंत बाद दरों में कटौती की जा सकती है, हालांकि हम उम्मीद करते हैं कि उभरते बाजार के केंद्रीय बैंक मुद्रास्फीति के पुनरुत्थान जोखिमों के बारे में सतर्क रहेंगे, जो अमेरिका में नीतिगत दिशा को बदल सकता है।
भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) की मौद्रिक नीति समिति ने फरवरी में रेपो रेट को 25 बेसिस प्वाइंट से बढ़ाकर 6.5 प्रतिशत की थी।
मूडीज को उम्मीद है कि अधिकांश प्रमुख अर्थव्यवस्थाओं में आर्थिक गतिविधियों और रोजगार पर संचयी मौद्रिक नीति के बढ़ते दबाव के साथ 2023 में वैश्विक विकास धीमा रहेगा।
मूडीज ने कहा, हमारा अनुमान है कि जी-20 की वैश्विक आर्थिक वृद्धि 2022 में 2.7 फीसदी से घटकर 2023 में 2.0 फीसदी हो जाएगी और फिर 2024 में सुधर कर 2.4 फीसदी हो जाएगी।
–आईएएनएस
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