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Home मनोरंजन

मैं स्टाइलिश से ज्यादा सहज दिखने की कोशिश करता हूं : अभिनेता सिद्धार्थ मल्होत्रा

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August 21, 2024
in मनोरंजन
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मैं स्टाइलिश से ज्यादा सहज दिखने की कोशिश करता हूं : अभिनेता सिद्धार्थ मल्होत्रा
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नई दिल्ली, 21 अगस्त (आईएएनएस)। बॉलीवुड के डैपर डूड सिद्धार्थ मल्होत्रा ने कहा कि उनके का सफर काफी आगे बढ़ा है और वह इस बात पर काफी समय देते हैं कि वह जो भी पहनते हैं, वह परफेक्ट हो।

ृसिद्धार्थ ने अपने फैशन गेम को लेकर आईएएनएस से कहा, “मेरा झुकाव क्लासिक की तरफ है जिसमें हल्का से मैस्क्युलिन टच हो। मैं बहुत ज्यादा स्टाइलिश दिखने की बजाय नेचुरल दिखने की कोशिश करता हूं।”

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सिद्धार्थ ने अपने करियर की शुरुआत 2012 में “स्टूडेंट ऑफ द ईयर” से की था। बाद में “एक विलेन”, “कपूर एंड संस” और “शेरशाह” जैसी हिट फिल्मों में नजर आए। फैशन मॉडल के तौर पर अपना करियर शुरू करने वाले सिद्धार्थ ने कहा, “फिटिंग मेरे लिए निश्चित रूप से जरूरी है और मैं यह सुनिश्चित करने में समय लगाता हूं कि हर पीस परफेक्शन के हिसाब से हो।”

उनचालीस साल के स्टार ने इस बात पर सहमति जताई कि हिंदी सिनेमा में उनके 12 साल के सफर में उनके फैशन में काफी बदलाव आया है। अभिनेता ने कहा, “मेरी फैशन यात्रा काफी आगे बढ़ी है और इसे स्क्रीन पर मेरे द्वारा निभाए गए अलग-अलग किरदारों ने काफी हद तक आकार दिया है। इन भूमिकाओं ने कई तरह की शैलियों और युगों से मेरा परिचय कराया है।”

सिद्धार्थ ने पहली बार फिल्म निर्माता करण जौहर के सहायक निर्देशक के रूप में “माई नेम इज खान” से सिनेमा की दुनिया में कदम रखा था। उन्होंने बताया कि वह विशिष्ट पात्रों के लिए ग्लैमर के आकर्षण की सराहना करते हैं।

उन्होंने कहा कि रोजमर्रा के स्टाइल में वह आराम और सादगी को प्राथमिकता देते हैं। आखिरकार, ऑनस्क्रीन वे जो पहनते हैं वे किरदार और फिल्म के दृश्यों के अनुसार होते हैं।

अपने परफेक्ट फैशन के चयन के साथ पुरुषों के स्टाइल को नये सिरे से परिभाषित करने वाले स्टार ने इस बात में कोई कसर नहीं छोड़ी कि पुरुष भी अपने कपड़ों के कलेक्शन के साथ महिलाओं की तरह ही प्रयोग करते हैं।

यह पूछे जाने पर कि क्या वह इस बात से सहमत हैं कि जब पुरुषों के फैशन की बात आती है, तो महिलाओं की तुलना में प्रयोग करने के लिए बहुत कुछ नहीं होता है, सिद्धार्थ ने कहा, “मैं इस दृष्टिकोण से असहमत हूं।”

‘योद्धा’ स्टार ने कहा कि पुरुषों के लिए फैशन उद्योग में जबरदस्त विकास हुआ है, जिसमें फास्ट फैशन से लेकर हाई-एंड लग्जरी तक के कई विकल्प उपलब्ध हैं।

सिद्धार्थ ने कहा, “आज, पुरुषों के पास कई तरह से स्टाइलों और रुझानों तक पहुंच है जो व्यक्तिगत अभिव्यक्ति की अनुमति देते हैं। यह अपनी पसंद सोच-समझकर तय करने और खुद को कैसे स्टाइल करना है, इसके बारे में है। हमें अब पुरुषों के कपड़ों की पारंपरिक धारणाओं के अनुरूप नहीं रहना है।”

अभिनेता ने पुरुषों के लिए फैशन की बात आने पर डिजाइनरों द्वारा किए गए प्रयासों को स्वीकार किया।

अभिनेता ने कहा, “डिजाइनर नई सीमाएं तय कर रहे हैं, ऐसे कपड़े बना रहे हैं जो विभिन्न सौंदर्यशास्त्र और व्यक्तित्वों को पूरा करते हैं। स्ट्रीट वेयर से लेकर सिलवाये सूट तक, संभावनाएं अनंत हैं। पुरुषों के लिए प्रयोग करने और यह पता लगाने का यह एक रोमांचक समय है कि उन्हें क्या पसंद है।”

–आईएएनएस

आरके/एकेजे

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नई दिल्ली, 21 अगस्त (आईएएनएस)। बॉलीवुड के डैपर डूड सिद्धार्थ मल्होत्रा ने कहा कि उनके का सफर काफी आगे बढ़ा है और वह इस बात पर काफी समय देते हैं कि वह जो भी पहनते हैं, वह परफेक्ट हो।

ृसिद्धार्थ ने अपने फैशन गेम को लेकर आईएएनएस से कहा, “मेरा झुकाव क्लासिक की तरफ है जिसमें हल्का से मैस्क्युलिन टच हो। मैं बहुत ज्यादा स्टाइलिश दिखने की बजाय नेचुरल दिखने की कोशिश करता हूं।”

सिद्धार्थ ने अपने करियर की शुरुआत 2012 में “स्टूडेंट ऑफ द ईयर” से की था। बाद में “एक विलेन”, “कपूर एंड संस” और “शेरशाह” जैसी हिट फिल्मों में नजर आए। फैशन मॉडल के तौर पर अपना करियर शुरू करने वाले सिद्धार्थ ने कहा, “फिटिंग मेरे लिए निश्चित रूप से जरूरी है और मैं यह सुनिश्चित करने में समय लगाता हूं कि हर पीस परफेक्शन के हिसाब से हो।”

उनचालीस साल के स्टार ने इस बात पर सहमति जताई कि हिंदी सिनेमा में उनके 12 साल के सफर में उनके फैशन में काफी बदलाव आया है। अभिनेता ने कहा, “मेरी फैशन यात्रा काफी आगे बढ़ी है और इसे स्क्रीन पर मेरे द्वारा निभाए गए अलग-अलग किरदारों ने काफी हद तक आकार दिया है। इन भूमिकाओं ने कई तरह की शैलियों और युगों से मेरा परिचय कराया है।”

सिद्धार्थ ने पहली बार फिल्म निर्माता करण जौहर के सहायक निर्देशक के रूप में “माई नेम इज खान” से सिनेमा की दुनिया में कदम रखा था। उन्होंने बताया कि वह विशिष्ट पात्रों के लिए ग्लैमर के आकर्षण की सराहना करते हैं।

उन्होंने कहा कि रोजमर्रा के स्टाइल में वह आराम और सादगी को प्राथमिकता देते हैं। आखिरकार, ऑनस्क्रीन वे जो पहनते हैं वे किरदार और फिल्म के दृश्यों के अनुसार होते हैं।

अपने परफेक्ट फैशन के चयन के साथ पुरुषों के स्टाइल को नये सिरे से परिभाषित करने वाले स्टार ने इस बात में कोई कसर नहीं छोड़ी कि पुरुष भी अपने कपड़ों के कलेक्शन के साथ महिलाओं की तरह ही प्रयोग करते हैं।

यह पूछे जाने पर कि क्या वह इस बात से सहमत हैं कि जब पुरुषों के फैशन की बात आती है, तो महिलाओं की तुलना में प्रयोग करने के लिए बहुत कुछ नहीं होता है, सिद्धार्थ ने कहा, “मैं इस दृष्टिकोण से असहमत हूं।”

‘योद्धा’ स्टार ने कहा कि पुरुषों के लिए फैशन उद्योग में जबरदस्त विकास हुआ है, जिसमें फास्ट फैशन से लेकर हाई-एंड लग्जरी तक के कई विकल्प उपलब्ध हैं।

सिद्धार्थ ने कहा, “आज, पुरुषों के पास कई तरह से स्टाइलों और रुझानों तक पहुंच है जो व्यक्तिगत अभिव्यक्ति की अनुमति देते हैं। यह अपनी पसंद सोच-समझकर तय करने और खुद को कैसे स्टाइल करना है, इसके बारे में है। हमें अब पुरुषों के कपड़ों की पारंपरिक धारणाओं के अनुरूप नहीं रहना है।”

अभिनेता ने पुरुषों के लिए फैशन की बात आने पर डिजाइनरों द्वारा किए गए प्रयासों को स्वीकार किया।

अभिनेता ने कहा, “डिजाइनर नई सीमाएं तय कर रहे हैं, ऐसे कपड़े बना रहे हैं जो विभिन्न सौंदर्यशास्त्र और व्यक्तित्वों को पूरा करते हैं। स्ट्रीट वेयर से लेकर सिलवाये सूट तक, संभावनाएं अनंत हैं। पुरुषों के लिए प्रयोग करने और यह पता लगाने का यह एक रोमांचक समय है कि उन्हें क्या पसंद है।”

–आईएएनएस

आरके/एकेजे

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नई दिल्ली, 21 अगस्त (आईएएनएस)। बॉलीवुड के डैपर डूड सिद्धार्थ मल्होत्रा ने कहा कि उनके का सफर काफी आगे बढ़ा है और वह इस बात पर काफी समय देते हैं कि वह जो भी पहनते हैं, वह परफेक्ट हो।

ृसिद्धार्थ ने अपने फैशन गेम को लेकर आईएएनएस से कहा, “मेरा झुकाव क्लासिक की तरफ है जिसमें हल्का से मैस्क्युलिन टच हो। मैं बहुत ज्यादा स्टाइलिश दिखने की बजाय नेचुरल दिखने की कोशिश करता हूं।”

सिद्धार्थ ने अपने करियर की शुरुआत 2012 में “स्टूडेंट ऑफ द ईयर” से की था। बाद में “एक विलेन”, “कपूर एंड संस” और “शेरशाह” जैसी हिट फिल्मों में नजर आए। फैशन मॉडल के तौर पर अपना करियर शुरू करने वाले सिद्धार्थ ने कहा, “फिटिंग मेरे लिए निश्चित रूप से जरूरी है और मैं यह सुनिश्चित करने में समय लगाता हूं कि हर पीस परफेक्शन के हिसाब से हो।”

उनचालीस साल के स्टार ने इस बात पर सहमति जताई कि हिंदी सिनेमा में उनके 12 साल के सफर में उनके फैशन में काफी बदलाव आया है। अभिनेता ने कहा, “मेरी फैशन यात्रा काफी आगे बढ़ी है और इसे स्क्रीन पर मेरे द्वारा निभाए गए अलग-अलग किरदारों ने काफी हद तक आकार दिया है। इन भूमिकाओं ने कई तरह की शैलियों और युगों से मेरा परिचय कराया है।”

सिद्धार्थ ने पहली बार फिल्म निर्माता करण जौहर के सहायक निर्देशक के रूप में “माई नेम इज खान” से सिनेमा की दुनिया में कदम रखा था। उन्होंने बताया कि वह विशिष्ट पात्रों के लिए ग्लैमर के आकर्षण की सराहना करते हैं।

उन्होंने कहा कि रोजमर्रा के स्टाइल में वह आराम और सादगी को प्राथमिकता देते हैं। आखिरकार, ऑनस्क्रीन वे जो पहनते हैं वे किरदार और फिल्म के दृश्यों के अनुसार होते हैं।

अपने परफेक्ट फैशन के चयन के साथ पुरुषों के स्टाइल को नये सिरे से परिभाषित करने वाले स्टार ने इस बात में कोई कसर नहीं छोड़ी कि पुरुष भी अपने कपड़ों के कलेक्शन के साथ महिलाओं की तरह ही प्रयोग करते हैं।

यह पूछे जाने पर कि क्या वह इस बात से सहमत हैं कि जब पुरुषों के फैशन की बात आती है, तो महिलाओं की तुलना में प्रयोग करने के लिए बहुत कुछ नहीं होता है, सिद्धार्थ ने कहा, “मैं इस दृष्टिकोण से असहमत हूं।”

‘योद्धा’ स्टार ने कहा कि पुरुषों के लिए फैशन उद्योग में जबरदस्त विकास हुआ है, जिसमें फास्ट फैशन से लेकर हाई-एंड लग्जरी तक के कई विकल्प उपलब्ध हैं।

सिद्धार्थ ने कहा, “आज, पुरुषों के पास कई तरह से स्टाइलों और रुझानों तक पहुंच है जो व्यक्तिगत अभिव्यक्ति की अनुमति देते हैं। यह अपनी पसंद सोच-समझकर तय करने और खुद को कैसे स्टाइल करना है, इसके बारे में है। हमें अब पुरुषों के कपड़ों की पारंपरिक धारणाओं के अनुरूप नहीं रहना है।”

अभिनेता ने पुरुषों के लिए फैशन की बात आने पर डिजाइनरों द्वारा किए गए प्रयासों को स्वीकार किया।

अभिनेता ने कहा, “डिजाइनर नई सीमाएं तय कर रहे हैं, ऐसे कपड़े बना रहे हैं जो विभिन्न सौंदर्यशास्त्र और व्यक्तित्वों को पूरा करते हैं। स्ट्रीट वेयर से लेकर सिलवाये सूट तक, संभावनाएं अनंत हैं। पुरुषों के लिए प्रयोग करने और यह पता लगाने का यह एक रोमांचक समय है कि उन्हें क्या पसंद है।”

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ृसिद्धार्थ ने अपने फैशन गेम को लेकर आईएएनएस से कहा, “मेरा झुकाव क्लासिक की तरफ है जिसमें हल्का से मैस्क्युलिन टच हो। मैं बहुत ज्यादा स्टाइलिश दिखने की बजाय नेचुरल दिखने की कोशिश करता हूं।”

सिद्धार्थ ने अपने करियर की शुरुआत 2012 में “स्टूडेंट ऑफ द ईयर” से की था। बाद में “एक विलेन”, “कपूर एंड संस” और “शेरशाह” जैसी हिट फिल्मों में नजर आए। फैशन मॉडल के तौर पर अपना करियर शुरू करने वाले सिद्धार्थ ने कहा, “फिटिंग मेरे लिए निश्चित रूप से जरूरी है और मैं यह सुनिश्चित करने में समय लगाता हूं कि हर पीस परफेक्शन के हिसाब से हो।”

उनचालीस साल के स्टार ने इस बात पर सहमति जताई कि हिंदी सिनेमा में उनके 12 साल के सफर में उनके फैशन में काफी बदलाव आया है। अभिनेता ने कहा, “मेरी फैशन यात्रा काफी आगे बढ़ी है और इसे स्क्रीन पर मेरे द्वारा निभाए गए अलग-अलग किरदारों ने काफी हद तक आकार दिया है। इन भूमिकाओं ने कई तरह की शैलियों और युगों से मेरा परिचय कराया है।”

सिद्धार्थ ने पहली बार फिल्म निर्माता करण जौहर के सहायक निर्देशक के रूप में “माई नेम इज खान” से सिनेमा की दुनिया में कदम रखा था। उन्होंने बताया कि वह विशिष्ट पात्रों के लिए ग्लैमर के आकर्षण की सराहना करते हैं।

उन्होंने कहा कि रोजमर्रा के स्टाइल में वह आराम और सादगी को प्राथमिकता देते हैं। आखिरकार, ऑनस्क्रीन वे जो पहनते हैं वे किरदार और फिल्म के दृश्यों के अनुसार होते हैं।

अपने परफेक्ट फैशन के चयन के साथ पुरुषों के स्टाइल को नये सिरे से परिभाषित करने वाले स्टार ने इस बात में कोई कसर नहीं छोड़ी कि पुरुष भी अपने कपड़ों के कलेक्शन के साथ महिलाओं की तरह ही प्रयोग करते हैं।

यह पूछे जाने पर कि क्या वह इस बात से सहमत हैं कि जब पुरुषों के फैशन की बात आती है, तो महिलाओं की तुलना में प्रयोग करने के लिए बहुत कुछ नहीं होता है, सिद्धार्थ ने कहा, “मैं इस दृष्टिकोण से असहमत हूं।”

‘योद्धा’ स्टार ने कहा कि पुरुषों के लिए फैशन उद्योग में जबरदस्त विकास हुआ है, जिसमें फास्ट फैशन से लेकर हाई-एंड लग्जरी तक के कई विकल्प उपलब्ध हैं।

सिद्धार्थ ने कहा, “आज, पुरुषों के पास कई तरह से स्टाइलों और रुझानों तक पहुंच है जो व्यक्तिगत अभिव्यक्ति की अनुमति देते हैं। यह अपनी पसंद सोच-समझकर तय करने और खुद को कैसे स्टाइल करना है, इसके बारे में है। हमें अब पुरुषों के कपड़ों की पारंपरिक धारणाओं के अनुरूप नहीं रहना है।”

अभिनेता ने पुरुषों के लिए फैशन की बात आने पर डिजाइनरों द्वारा किए गए प्रयासों को स्वीकार किया।

अभिनेता ने कहा, “डिजाइनर नई सीमाएं तय कर रहे हैं, ऐसे कपड़े बना रहे हैं जो विभिन्न सौंदर्यशास्त्र और व्यक्तित्वों को पूरा करते हैं। स्ट्रीट वेयर से लेकर सिलवाये सूट तक, संभावनाएं अनंत हैं। पुरुषों के लिए प्रयोग करने और यह पता लगाने का यह एक रोमांचक समय है कि उन्हें क्या पसंद है।”

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नई दिल्ली, 21 अगस्त (आईएएनएस)। बॉलीवुड के डैपर डूड सिद्धार्थ मल्होत्रा ने कहा कि उनके का सफर काफी आगे बढ़ा है और वह इस बात पर काफी समय देते हैं कि वह जो भी पहनते हैं, वह परफेक्ट हो।

ृसिद्धार्थ ने अपने फैशन गेम को लेकर आईएएनएस से कहा, “मेरा झुकाव क्लासिक की तरफ है जिसमें हल्का से मैस्क्युलिन टच हो। मैं बहुत ज्यादा स्टाइलिश दिखने की बजाय नेचुरल दिखने की कोशिश करता हूं।”

सिद्धार्थ ने अपने करियर की शुरुआत 2012 में “स्टूडेंट ऑफ द ईयर” से की था। बाद में “एक विलेन”, “कपूर एंड संस” और “शेरशाह” जैसी हिट फिल्मों में नजर आए। फैशन मॉडल के तौर पर अपना करियर शुरू करने वाले सिद्धार्थ ने कहा, “फिटिंग मेरे लिए निश्चित रूप से जरूरी है और मैं यह सुनिश्चित करने में समय लगाता हूं कि हर पीस परफेक्शन के हिसाब से हो।”

उनचालीस साल के स्टार ने इस बात पर सहमति जताई कि हिंदी सिनेमा में उनके 12 साल के सफर में उनके फैशन में काफी बदलाव आया है। अभिनेता ने कहा, “मेरी फैशन यात्रा काफी आगे बढ़ी है और इसे स्क्रीन पर मेरे द्वारा निभाए गए अलग-अलग किरदारों ने काफी हद तक आकार दिया है। इन भूमिकाओं ने कई तरह की शैलियों और युगों से मेरा परिचय कराया है।”

सिद्धार्थ ने पहली बार फिल्म निर्माता करण जौहर के सहायक निर्देशक के रूप में “माई नेम इज खान” से सिनेमा की दुनिया में कदम रखा था। उन्होंने बताया कि वह विशिष्ट पात्रों के लिए ग्लैमर के आकर्षण की सराहना करते हैं।

उन्होंने कहा कि रोजमर्रा के स्टाइल में वह आराम और सादगी को प्राथमिकता देते हैं। आखिरकार, ऑनस्क्रीन वे जो पहनते हैं वे किरदार और फिल्म के दृश्यों के अनुसार होते हैं।

अपने परफेक्ट फैशन के चयन के साथ पुरुषों के स्टाइल को नये सिरे से परिभाषित करने वाले स्टार ने इस बात में कोई कसर नहीं छोड़ी कि पुरुष भी अपने कपड़ों के कलेक्शन के साथ महिलाओं की तरह ही प्रयोग करते हैं।

यह पूछे जाने पर कि क्या वह इस बात से सहमत हैं कि जब पुरुषों के फैशन की बात आती है, तो महिलाओं की तुलना में प्रयोग करने के लिए बहुत कुछ नहीं होता है, सिद्धार्थ ने कहा, “मैं इस दृष्टिकोण से असहमत हूं।”

‘योद्धा’ स्टार ने कहा कि पुरुषों के लिए फैशन उद्योग में जबरदस्त विकास हुआ है, जिसमें फास्ट फैशन से लेकर हाई-एंड लग्जरी तक के कई विकल्प उपलब्ध हैं।

सिद्धार्थ ने कहा, “आज, पुरुषों के पास कई तरह से स्टाइलों और रुझानों तक पहुंच है जो व्यक्तिगत अभिव्यक्ति की अनुमति देते हैं। यह अपनी पसंद सोच-समझकर तय करने और खुद को कैसे स्टाइल करना है, इसके बारे में है। हमें अब पुरुषों के कपड़ों की पारंपरिक धारणाओं के अनुरूप नहीं रहना है।”

अभिनेता ने पुरुषों के लिए फैशन की बात आने पर डिजाइनरों द्वारा किए गए प्रयासों को स्वीकार किया।

अभिनेता ने कहा, “डिजाइनर नई सीमाएं तय कर रहे हैं, ऐसे कपड़े बना रहे हैं जो विभिन्न सौंदर्यशास्त्र और व्यक्तित्वों को पूरा करते हैं। स्ट्रीट वेयर से लेकर सिलवाये सूट तक, संभावनाएं अनंत हैं। पुरुषों के लिए प्रयोग करने और यह पता लगाने का यह एक रोमांचक समय है कि उन्हें क्या पसंद है।”

–आईएएनएस

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नई दिल्ली, 21 अगस्त (आईएएनएस)। बॉलीवुड के डैपर डूड सिद्धार्थ मल्होत्रा ने कहा कि उनके का सफर काफी आगे बढ़ा है और वह इस बात पर काफी समय देते हैं कि वह जो भी पहनते हैं, वह परफेक्ट हो।

ृसिद्धार्थ ने अपने फैशन गेम को लेकर आईएएनएस से कहा, “मेरा झुकाव क्लासिक की तरफ है जिसमें हल्का से मैस्क्युलिन टच हो। मैं बहुत ज्यादा स्टाइलिश दिखने की बजाय नेचुरल दिखने की कोशिश करता हूं।”

सिद्धार्थ ने अपने करियर की शुरुआत 2012 में “स्टूडेंट ऑफ द ईयर” से की था। बाद में “एक विलेन”, “कपूर एंड संस” और “शेरशाह” जैसी हिट फिल्मों में नजर आए। फैशन मॉडल के तौर पर अपना करियर शुरू करने वाले सिद्धार्थ ने कहा, “फिटिंग मेरे लिए निश्चित रूप से जरूरी है और मैं यह सुनिश्चित करने में समय लगाता हूं कि हर पीस परफेक्शन के हिसाब से हो।”

उनचालीस साल के स्टार ने इस बात पर सहमति जताई कि हिंदी सिनेमा में उनके 12 साल के सफर में उनके फैशन में काफी बदलाव आया है। अभिनेता ने कहा, “मेरी फैशन यात्रा काफी आगे बढ़ी है और इसे स्क्रीन पर मेरे द्वारा निभाए गए अलग-अलग किरदारों ने काफी हद तक आकार दिया है। इन भूमिकाओं ने कई तरह की शैलियों और युगों से मेरा परिचय कराया है।”

सिद्धार्थ ने पहली बार फिल्म निर्माता करण जौहर के सहायक निर्देशक के रूप में “माई नेम इज खान” से सिनेमा की दुनिया में कदम रखा था। उन्होंने बताया कि वह विशिष्ट पात्रों के लिए ग्लैमर के आकर्षण की सराहना करते हैं।

उन्होंने कहा कि रोजमर्रा के स्टाइल में वह आराम और सादगी को प्राथमिकता देते हैं। आखिरकार, ऑनस्क्रीन वे जो पहनते हैं वे किरदार और फिल्म के दृश्यों के अनुसार होते हैं।

अपने परफेक्ट फैशन के चयन के साथ पुरुषों के स्टाइल को नये सिरे से परिभाषित करने वाले स्टार ने इस बात में कोई कसर नहीं छोड़ी कि पुरुष भी अपने कपड़ों के कलेक्शन के साथ महिलाओं की तरह ही प्रयोग करते हैं।

यह पूछे जाने पर कि क्या वह इस बात से सहमत हैं कि जब पुरुषों के फैशन की बात आती है, तो महिलाओं की तुलना में प्रयोग करने के लिए बहुत कुछ नहीं होता है, सिद्धार्थ ने कहा, “मैं इस दृष्टिकोण से असहमत हूं।”

‘योद्धा’ स्टार ने कहा कि पुरुषों के लिए फैशन उद्योग में जबरदस्त विकास हुआ है, जिसमें फास्ट फैशन से लेकर हाई-एंड लग्जरी तक के कई विकल्प उपलब्ध हैं।

सिद्धार्थ ने कहा, “आज, पुरुषों के पास कई तरह से स्टाइलों और रुझानों तक पहुंच है जो व्यक्तिगत अभिव्यक्ति की अनुमति देते हैं। यह अपनी पसंद सोच-समझकर तय करने और खुद को कैसे स्टाइल करना है, इसके बारे में है। हमें अब पुरुषों के कपड़ों की पारंपरिक धारणाओं के अनुरूप नहीं रहना है।”

अभिनेता ने पुरुषों के लिए फैशन की बात आने पर डिजाइनरों द्वारा किए गए प्रयासों को स्वीकार किया।

अभिनेता ने कहा, “डिजाइनर नई सीमाएं तय कर रहे हैं, ऐसे कपड़े बना रहे हैं जो विभिन्न सौंदर्यशास्त्र और व्यक्तित्वों को पूरा करते हैं। स्ट्रीट वेयर से लेकर सिलवाये सूट तक, संभावनाएं अनंत हैं। पुरुषों के लिए प्रयोग करने और यह पता लगाने का यह एक रोमांचक समय है कि उन्हें क्या पसंद है।”

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ृसिद्धार्थ ने अपने फैशन गेम को लेकर आईएएनएस से कहा, “मेरा झुकाव क्लासिक की तरफ है जिसमें हल्का से मैस्क्युलिन टच हो। मैं बहुत ज्यादा स्टाइलिश दिखने की बजाय नेचुरल दिखने की कोशिश करता हूं।”

सिद्धार्थ ने अपने करियर की शुरुआत 2012 में “स्टूडेंट ऑफ द ईयर” से की था। बाद में “एक विलेन”, “कपूर एंड संस” और “शेरशाह” जैसी हिट फिल्मों में नजर आए। फैशन मॉडल के तौर पर अपना करियर शुरू करने वाले सिद्धार्थ ने कहा, “फिटिंग मेरे लिए निश्चित रूप से जरूरी है और मैं यह सुनिश्चित करने में समय लगाता हूं कि हर पीस परफेक्शन के हिसाब से हो।”

उनचालीस साल के स्टार ने इस बात पर सहमति जताई कि हिंदी सिनेमा में उनके 12 साल के सफर में उनके फैशन में काफी बदलाव आया है। अभिनेता ने कहा, “मेरी फैशन यात्रा काफी आगे बढ़ी है और इसे स्क्रीन पर मेरे द्वारा निभाए गए अलग-अलग किरदारों ने काफी हद तक आकार दिया है। इन भूमिकाओं ने कई तरह की शैलियों और युगों से मेरा परिचय कराया है।”

सिद्धार्थ ने पहली बार फिल्म निर्माता करण जौहर के सहायक निर्देशक के रूप में “माई नेम इज खान” से सिनेमा की दुनिया में कदम रखा था। उन्होंने बताया कि वह विशिष्ट पात्रों के लिए ग्लैमर के आकर्षण की सराहना करते हैं।

उन्होंने कहा कि रोजमर्रा के स्टाइल में वह आराम और सादगी को प्राथमिकता देते हैं। आखिरकार, ऑनस्क्रीन वे जो पहनते हैं वे किरदार और फिल्म के दृश्यों के अनुसार होते हैं।

अपने परफेक्ट फैशन के चयन के साथ पुरुषों के स्टाइल को नये सिरे से परिभाषित करने वाले स्टार ने इस बात में कोई कसर नहीं छोड़ी कि पुरुष भी अपने कपड़ों के कलेक्शन के साथ महिलाओं की तरह ही प्रयोग करते हैं।

यह पूछे जाने पर कि क्या वह इस बात से सहमत हैं कि जब पुरुषों के फैशन की बात आती है, तो महिलाओं की तुलना में प्रयोग करने के लिए बहुत कुछ नहीं होता है, सिद्धार्थ ने कहा, “मैं इस दृष्टिकोण से असहमत हूं।”

‘योद्धा’ स्टार ने कहा कि पुरुषों के लिए फैशन उद्योग में जबरदस्त विकास हुआ है, जिसमें फास्ट फैशन से लेकर हाई-एंड लग्जरी तक के कई विकल्प उपलब्ध हैं।

सिद्धार्थ ने कहा, “आज, पुरुषों के पास कई तरह से स्टाइलों और रुझानों तक पहुंच है जो व्यक्तिगत अभिव्यक्ति की अनुमति देते हैं। यह अपनी पसंद सोच-समझकर तय करने और खुद को कैसे स्टाइल करना है, इसके बारे में है। हमें अब पुरुषों के कपड़ों की पारंपरिक धारणाओं के अनुरूप नहीं रहना है।”

अभिनेता ने पुरुषों के लिए फैशन की बात आने पर डिजाइनरों द्वारा किए गए प्रयासों को स्वीकार किया।

अभिनेता ने कहा, “डिजाइनर नई सीमाएं तय कर रहे हैं, ऐसे कपड़े बना रहे हैं जो विभिन्न सौंदर्यशास्त्र और व्यक्तित्वों को पूरा करते हैं। स्ट्रीट वेयर से लेकर सिलवाये सूट तक, संभावनाएं अनंत हैं। पुरुषों के लिए प्रयोग करने और यह पता लगाने का यह एक रोमांचक समय है कि उन्हें क्या पसंद है।”

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ृसिद्धार्थ ने अपने फैशन गेम को लेकर आईएएनएस से कहा, “मेरा झुकाव क्लासिक की तरफ है जिसमें हल्का से मैस्क्युलिन टच हो। मैं बहुत ज्यादा स्टाइलिश दिखने की बजाय नेचुरल दिखने की कोशिश करता हूं।”

सिद्धार्थ ने अपने करियर की शुरुआत 2012 में “स्टूडेंट ऑफ द ईयर” से की था। बाद में “एक विलेन”, “कपूर एंड संस” और “शेरशाह” जैसी हिट फिल्मों में नजर आए। फैशन मॉडल के तौर पर अपना करियर शुरू करने वाले सिद्धार्थ ने कहा, “फिटिंग मेरे लिए निश्चित रूप से जरूरी है और मैं यह सुनिश्चित करने में समय लगाता हूं कि हर पीस परफेक्शन के हिसाब से हो।”

उनचालीस साल के स्टार ने इस बात पर सहमति जताई कि हिंदी सिनेमा में उनके 12 साल के सफर में उनके फैशन में काफी बदलाव आया है। अभिनेता ने कहा, “मेरी फैशन यात्रा काफी आगे बढ़ी है और इसे स्क्रीन पर मेरे द्वारा निभाए गए अलग-अलग किरदारों ने काफी हद तक आकार दिया है। इन भूमिकाओं ने कई तरह की शैलियों और युगों से मेरा परिचय कराया है।”

सिद्धार्थ ने पहली बार फिल्म निर्माता करण जौहर के सहायक निर्देशक के रूप में “माई नेम इज खान” से सिनेमा की दुनिया में कदम रखा था। उन्होंने बताया कि वह विशिष्ट पात्रों के लिए ग्लैमर के आकर्षण की सराहना करते हैं।

उन्होंने कहा कि रोजमर्रा के स्टाइल में वह आराम और सादगी को प्राथमिकता देते हैं। आखिरकार, ऑनस्क्रीन वे जो पहनते हैं वे किरदार और फिल्म के दृश्यों के अनुसार होते हैं।

अपने परफेक्ट फैशन के चयन के साथ पुरुषों के स्टाइल को नये सिरे से परिभाषित करने वाले स्टार ने इस बात में कोई कसर नहीं छोड़ी कि पुरुष भी अपने कपड़ों के कलेक्शन के साथ महिलाओं की तरह ही प्रयोग करते हैं।

यह पूछे जाने पर कि क्या वह इस बात से सहमत हैं कि जब पुरुषों के फैशन की बात आती है, तो महिलाओं की तुलना में प्रयोग करने के लिए बहुत कुछ नहीं होता है, सिद्धार्थ ने कहा, “मैं इस दृष्टिकोण से असहमत हूं।”

‘योद्धा’ स्टार ने कहा कि पुरुषों के लिए फैशन उद्योग में जबरदस्त विकास हुआ है, जिसमें फास्ट फैशन से लेकर हाई-एंड लग्जरी तक के कई विकल्प उपलब्ध हैं।

सिद्धार्थ ने कहा, “आज, पुरुषों के पास कई तरह से स्टाइलों और रुझानों तक पहुंच है जो व्यक्तिगत अभिव्यक्ति की अनुमति देते हैं। यह अपनी पसंद सोच-समझकर तय करने और खुद को कैसे स्टाइल करना है, इसके बारे में है। हमें अब पुरुषों के कपड़ों की पारंपरिक धारणाओं के अनुरूप नहीं रहना है।”

अभिनेता ने पुरुषों के लिए फैशन की बात आने पर डिजाइनरों द्वारा किए गए प्रयासों को स्वीकार किया।

अभिनेता ने कहा, “डिजाइनर नई सीमाएं तय कर रहे हैं, ऐसे कपड़े बना रहे हैं जो विभिन्न सौंदर्यशास्त्र और व्यक्तित्वों को पूरा करते हैं। स्ट्रीट वेयर से लेकर सिलवाये सूट तक, संभावनाएं अनंत हैं। पुरुषों के लिए प्रयोग करने और यह पता लगाने का यह एक रोमांचक समय है कि उन्हें क्या पसंद है।”

–आईएएनएस

आरके/एकेजे

नई दिल्ली, 21 अगस्त (आईएएनएस)। बॉलीवुड के डैपर डूड सिद्धार्थ मल्होत्रा ने कहा कि उनके का सफर काफी आगे बढ़ा है और वह इस बात पर काफी समय देते हैं कि वह जो भी पहनते हैं, वह परफेक्ट हो।

ृसिद्धार्थ ने अपने फैशन गेम को लेकर आईएएनएस से कहा, “मेरा झुकाव क्लासिक की तरफ है जिसमें हल्का से मैस्क्युलिन टच हो। मैं बहुत ज्यादा स्टाइलिश दिखने की बजाय नेचुरल दिखने की कोशिश करता हूं।”

सिद्धार्थ ने अपने करियर की शुरुआत 2012 में “स्टूडेंट ऑफ द ईयर” से की था। बाद में “एक विलेन”, “कपूर एंड संस” और “शेरशाह” जैसी हिट फिल्मों में नजर आए। फैशन मॉडल के तौर पर अपना करियर शुरू करने वाले सिद्धार्थ ने कहा, “फिटिंग मेरे लिए निश्चित रूप से जरूरी है और मैं यह सुनिश्चित करने में समय लगाता हूं कि हर पीस परफेक्शन के हिसाब से हो।”

उनचालीस साल के स्टार ने इस बात पर सहमति जताई कि हिंदी सिनेमा में उनके 12 साल के सफर में उनके फैशन में काफी बदलाव आया है। अभिनेता ने कहा, “मेरी फैशन यात्रा काफी आगे बढ़ी है और इसे स्क्रीन पर मेरे द्वारा निभाए गए अलग-अलग किरदारों ने काफी हद तक आकार दिया है। इन भूमिकाओं ने कई तरह की शैलियों और युगों से मेरा परिचय कराया है।”

सिद्धार्थ ने पहली बार फिल्म निर्माता करण जौहर के सहायक निर्देशक के रूप में “माई नेम इज खान” से सिनेमा की दुनिया में कदम रखा था। उन्होंने बताया कि वह विशिष्ट पात्रों के लिए ग्लैमर के आकर्षण की सराहना करते हैं।

उन्होंने कहा कि रोजमर्रा के स्टाइल में वह आराम और सादगी को प्राथमिकता देते हैं। आखिरकार, ऑनस्क्रीन वे जो पहनते हैं वे किरदार और फिल्म के दृश्यों के अनुसार होते हैं।

अपने परफेक्ट फैशन के चयन के साथ पुरुषों के स्टाइल को नये सिरे से परिभाषित करने वाले स्टार ने इस बात में कोई कसर नहीं छोड़ी कि पुरुष भी अपने कपड़ों के कलेक्शन के साथ महिलाओं की तरह ही प्रयोग करते हैं।

यह पूछे जाने पर कि क्या वह इस बात से सहमत हैं कि जब पुरुषों के फैशन की बात आती है, तो महिलाओं की तुलना में प्रयोग करने के लिए बहुत कुछ नहीं होता है, सिद्धार्थ ने कहा, “मैं इस दृष्टिकोण से असहमत हूं।”

‘योद्धा’ स्टार ने कहा कि पुरुषों के लिए फैशन उद्योग में जबरदस्त विकास हुआ है, जिसमें फास्ट फैशन से लेकर हाई-एंड लग्जरी तक के कई विकल्प उपलब्ध हैं।

सिद्धार्थ ने कहा, “आज, पुरुषों के पास कई तरह से स्टाइलों और रुझानों तक पहुंच है जो व्यक्तिगत अभिव्यक्ति की अनुमति देते हैं। यह अपनी पसंद सोच-समझकर तय करने और खुद को कैसे स्टाइल करना है, इसके बारे में है। हमें अब पुरुषों के कपड़ों की पारंपरिक धारणाओं के अनुरूप नहीं रहना है।”

अभिनेता ने पुरुषों के लिए फैशन की बात आने पर डिजाइनरों द्वारा किए गए प्रयासों को स्वीकार किया।

अभिनेता ने कहा, “डिजाइनर नई सीमाएं तय कर रहे हैं, ऐसे कपड़े बना रहे हैं जो विभिन्न सौंदर्यशास्त्र और व्यक्तित्वों को पूरा करते हैं। स्ट्रीट वेयर से लेकर सिलवाये सूट तक, संभावनाएं अनंत हैं। पुरुषों के लिए प्रयोग करने और यह पता लगाने का यह एक रोमांचक समय है कि उन्हें क्या पसंद है।”

–आईएएनएस

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नई दिल्ली, 21 अगस्त (आईएएनएस)। बॉलीवुड के डैपर डूड सिद्धार्थ मल्होत्रा ने कहा कि उनके का सफर काफी आगे बढ़ा है और वह इस बात पर काफी समय देते हैं कि वह जो भी पहनते हैं, वह परफेक्ट हो।

ृसिद्धार्थ ने अपने फैशन गेम को लेकर आईएएनएस से कहा, “मेरा झुकाव क्लासिक की तरफ है जिसमें हल्का से मैस्क्युलिन टच हो। मैं बहुत ज्यादा स्टाइलिश दिखने की बजाय नेचुरल दिखने की कोशिश करता हूं।”

सिद्धार्थ ने अपने करियर की शुरुआत 2012 में “स्टूडेंट ऑफ द ईयर” से की था। बाद में “एक विलेन”, “कपूर एंड संस” और “शेरशाह” जैसी हिट फिल्मों में नजर आए। फैशन मॉडल के तौर पर अपना करियर शुरू करने वाले सिद्धार्थ ने कहा, “फिटिंग मेरे लिए निश्चित रूप से जरूरी है और मैं यह सुनिश्चित करने में समय लगाता हूं कि हर पीस परफेक्शन के हिसाब से हो।”

उनचालीस साल के स्टार ने इस बात पर सहमति जताई कि हिंदी सिनेमा में उनके 12 साल के सफर में उनके फैशन में काफी बदलाव आया है। अभिनेता ने कहा, “मेरी फैशन यात्रा काफी आगे बढ़ी है और इसे स्क्रीन पर मेरे द्वारा निभाए गए अलग-अलग किरदारों ने काफी हद तक आकार दिया है। इन भूमिकाओं ने कई तरह की शैलियों और युगों से मेरा परिचय कराया है।”

सिद्धार्थ ने पहली बार फिल्म निर्माता करण जौहर के सहायक निर्देशक के रूप में “माई नेम इज खान” से सिनेमा की दुनिया में कदम रखा था। उन्होंने बताया कि वह विशिष्ट पात्रों के लिए ग्लैमर के आकर्षण की सराहना करते हैं।

उन्होंने कहा कि रोजमर्रा के स्टाइल में वह आराम और सादगी को प्राथमिकता देते हैं। आखिरकार, ऑनस्क्रीन वे जो पहनते हैं वे किरदार और फिल्म के दृश्यों के अनुसार होते हैं।

अपने परफेक्ट फैशन के चयन के साथ पुरुषों के स्टाइल को नये सिरे से परिभाषित करने वाले स्टार ने इस बात में कोई कसर नहीं छोड़ी कि पुरुष भी अपने कपड़ों के कलेक्शन के साथ महिलाओं की तरह ही प्रयोग करते हैं।

यह पूछे जाने पर कि क्या वह इस बात से सहमत हैं कि जब पुरुषों के फैशन की बात आती है, तो महिलाओं की तुलना में प्रयोग करने के लिए बहुत कुछ नहीं होता है, सिद्धार्थ ने कहा, “मैं इस दृष्टिकोण से असहमत हूं।”

‘योद्धा’ स्टार ने कहा कि पुरुषों के लिए फैशन उद्योग में जबरदस्त विकास हुआ है, जिसमें फास्ट फैशन से लेकर हाई-एंड लग्जरी तक के कई विकल्प उपलब्ध हैं।

सिद्धार्थ ने कहा, “आज, पुरुषों के पास कई तरह से स्टाइलों और रुझानों तक पहुंच है जो व्यक्तिगत अभिव्यक्ति की अनुमति देते हैं। यह अपनी पसंद सोच-समझकर तय करने और खुद को कैसे स्टाइल करना है, इसके बारे में है। हमें अब पुरुषों के कपड़ों की पारंपरिक धारणाओं के अनुरूप नहीं रहना है।”

अभिनेता ने पुरुषों के लिए फैशन की बात आने पर डिजाइनरों द्वारा किए गए प्रयासों को स्वीकार किया।

अभिनेता ने कहा, “डिजाइनर नई सीमाएं तय कर रहे हैं, ऐसे कपड़े बना रहे हैं जो विभिन्न सौंदर्यशास्त्र और व्यक्तित्वों को पूरा करते हैं। स्ट्रीट वेयर से लेकर सिलवाये सूट तक, संभावनाएं अनंत हैं। पुरुषों के लिए प्रयोग करने और यह पता लगाने का यह एक रोमांचक समय है कि उन्हें क्या पसंद है।”

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ृसिद्धार्थ ने अपने फैशन गेम को लेकर आईएएनएस से कहा, “मेरा झुकाव क्लासिक की तरफ है जिसमें हल्का से मैस्क्युलिन टच हो। मैं बहुत ज्यादा स्टाइलिश दिखने की बजाय नेचुरल दिखने की कोशिश करता हूं।”

सिद्धार्थ ने अपने करियर की शुरुआत 2012 में “स्टूडेंट ऑफ द ईयर” से की था। बाद में “एक विलेन”, “कपूर एंड संस” और “शेरशाह” जैसी हिट फिल्मों में नजर आए। फैशन मॉडल के तौर पर अपना करियर शुरू करने वाले सिद्धार्थ ने कहा, “फिटिंग मेरे लिए निश्चित रूप से जरूरी है और मैं यह सुनिश्चित करने में समय लगाता हूं कि हर पीस परफेक्शन के हिसाब से हो।”

उनचालीस साल के स्टार ने इस बात पर सहमति जताई कि हिंदी सिनेमा में उनके 12 साल के सफर में उनके फैशन में काफी बदलाव आया है। अभिनेता ने कहा, “मेरी फैशन यात्रा काफी आगे बढ़ी है और इसे स्क्रीन पर मेरे द्वारा निभाए गए अलग-अलग किरदारों ने काफी हद तक आकार दिया है। इन भूमिकाओं ने कई तरह की शैलियों और युगों से मेरा परिचय कराया है।”

सिद्धार्थ ने पहली बार फिल्म निर्माता करण जौहर के सहायक निर्देशक के रूप में “माई नेम इज खान” से सिनेमा की दुनिया में कदम रखा था। उन्होंने बताया कि वह विशिष्ट पात्रों के लिए ग्लैमर के आकर्षण की सराहना करते हैं।

उन्होंने कहा कि रोजमर्रा के स्टाइल में वह आराम और सादगी को प्राथमिकता देते हैं। आखिरकार, ऑनस्क्रीन वे जो पहनते हैं वे किरदार और फिल्म के दृश्यों के अनुसार होते हैं।

अपने परफेक्ट फैशन के चयन के साथ पुरुषों के स्टाइल को नये सिरे से परिभाषित करने वाले स्टार ने इस बात में कोई कसर नहीं छोड़ी कि पुरुष भी अपने कपड़ों के कलेक्शन के साथ महिलाओं की तरह ही प्रयोग करते हैं।

यह पूछे जाने पर कि क्या वह इस बात से सहमत हैं कि जब पुरुषों के फैशन की बात आती है, तो महिलाओं की तुलना में प्रयोग करने के लिए बहुत कुछ नहीं होता है, सिद्धार्थ ने कहा, “मैं इस दृष्टिकोण से असहमत हूं।”

‘योद्धा’ स्टार ने कहा कि पुरुषों के लिए फैशन उद्योग में जबरदस्त विकास हुआ है, जिसमें फास्ट फैशन से लेकर हाई-एंड लग्जरी तक के कई विकल्प उपलब्ध हैं।

सिद्धार्थ ने कहा, “आज, पुरुषों के पास कई तरह से स्टाइलों और रुझानों तक पहुंच है जो व्यक्तिगत अभिव्यक्ति की अनुमति देते हैं। यह अपनी पसंद सोच-समझकर तय करने और खुद को कैसे स्टाइल करना है, इसके बारे में है। हमें अब पुरुषों के कपड़ों की पारंपरिक धारणाओं के अनुरूप नहीं रहना है।”

अभिनेता ने पुरुषों के लिए फैशन की बात आने पर डिजाइनरों द्वारा किए गए प्रयासों को स्वीकार किया।

अभिनेता ने कहा, “डिजाइनर नई सीमाएं तय कर रहे हैं, ऐसे कपड़े बना रहे हैं जो विभिन्न सौंदर्यशास्त्र और व्यक्तित्वों को पूरा करते हैं। स्ट्रीट वेयर से लेकर सिलवाये सूट तक, संभावनाएं अनंत हैं। पुरुषों के लिए प्रयोग करने और यह पता लगाने का यह एक रोमांचक समय है कि उन्हें क्या पसंद है।”

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ृसिद्धार्थ ने अपने फैशन गेम को लेकर आईएएनएस से कहा, “मेरा झुकाव क्लासिक की तरफ है जिसमें हल्का से मैस्क्युलिन टच हो। मैं बहुत ज्यादा स्टाइलिश दिखने की बजाय नेचुरल दिखने की कोशिश करता हूं।”

सिद्धार्थ ने अपने करियर की शुरुआत 2012 में “स्टूडेंट ऑफ द ईयर” से की था। बाद में “एक विलेन”, “कपूर एंड संस” और “शेरशाह” जैसी हिट फिल्मों में नजर आए। फैशन मॉडल के तौर पर अपना करियर शुरू करने वाले सिद्धार्थ ने कहा, “फिटिंग मेरे लिए निश्चित रूप से जरूरी है और मैं यह सुनिश्चित करने में समय लगाता हूं कि हर पीस परफेक्शन के हिसाब से हो।”

उनचालीस साल के स्टार ने इस बात पर सहमति जताई कि हिंदी सिनेमा में उनके 12 साल के सफर में उनके फैशन में काफी बदलाव आया है। अभिनेता ने कहा, “मेरी फैशन यात्रा काफी आगे बढ़ी है और इसे स्क्रीन पर मेरे द्वारा निभाए गए अलग-अलग किरदारों ने काफी हद तक आकार दिया है। इन भूमिकाओं ने कई तरह की शैलियों और युगों से मेरा परिचय कराया है।”

सिद्धार्थ ने पहली बार फिल्म निर्माता करण जौहर के सहायक निर्देशक के रूप में “माई नेम इज खान” से सिनेमा की दुनिया में कदम रखा था। उन्होंने बताया कि वह विशिष्ट पात्रों के लिए ग्लैमर के आकर्षण की सराहना करते हैं।

उन्होंने कहा कि रोजमर्रा के स्टाइल में वह आराम और सादगी को प्राथमिकता देते हैं। आखिरकार, ऑनस्क्रीन वे जो पहनते हैं वे किरदार और फिल्म के दृश्यों के अनुसार होते हैं।

अपने परफेक्ट फैशन के चयन के साथ पुरुषों के स्टाइल को नये सिरे से परिभाषित करने वाले स्टार ने इस बात में कोई कसर नहीं छोड़ी कि पुरुष भी अपने कपड़ों के कलेक्शन के साथ महिलाओं की तरह ही प्रयोग करते हैं।

यह पूछे जाने पर कि क्या वह इस बात से सहमत हैं कि जब पुरुषों के फैशन की बात आती है, तो महिलाओं की तुलना में प्रयोग करने के लिए बहुत कुछ नहीं होता है, सिद्धार्थ ने कहा, “मैं इस दृष्टिकोण से असहमत हूं।”

‘योद्धा’ स्टार ने कहा कि पुरुषों के लिए फैशन उद्योग में जबरदस्त विकास हुआ है, जिसमें फास्ट फैशन से लेकर हाई-एंड लग्जरी तक के कई विकल्प उपलब्ध हैं।

सिद्धार्थ ने कहा, “आज, पुरुषों के पास कई तरह से स्टाइलों और रुझानों तक पहुंच है जो व्यक्तिगत अभिव्यक्ति की अनुमति देते हैं। यह अपनी पसंद सोच-समझकर तय करने और खुद को कैसे स्टाइल करना है, इसके बारे में है। हमें अब पुरुषों के कपड़ों की पारंपरिक धारणाओं के अनुरूप नहीं रहना है।”

अभिनेता ने पुरुषों के लिए फैशन की बात आने पर डिजाइनरों द्वारा किए गए प्रयासों को स्वीकार किया।

अभिनेता ने कहा, “डिजाइनर नई सीमाएं तय कर रहे हैं, ऐसे कपड़े बना रहे हैं जो विभिन्न सौंदर्यशास्त्र और व्यक्तित्वों को पूरा करते हैं। स्ट्रीट वेयर से लेकर सिलवाये सूट तक, संभावनाएं अनंत हैं। पुरुषों के लिए प्रयोग करने और यह पता लगाने का यह एक रोमांचक समय है कि उन्हें क्या पसंद है।”

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ृसिद्धार्थ ने अपने फैशन गेम को लेकर आईएएनएस से कहा, “मेरा झुकाव क्लासिक की तरफ है जिसमें हल्का से मैस्क्युलिन टच हो। मैं बहुत ज्यादा स्टाइलिश दिखने की बजाय नेचुरल दिखने की कोशिश करता हूं।”

सिद्धार्थ ने अपने करियर की शुरुआत 2012 में “स्टूडेंट ऑफ द ईयर” से की था। बाद में “एक विलेन”, “कपूर एंड संस” और “शेरशाह” जैसी हिट फिल्मों में नजर आए। फैशन मॉडल के तौर पर अपना करियर शुरू करने वाले सिद्धार्थ ने कहा, “फिटिंग मेरे लिए निश्चित रूप से जरूरी है और मैं यह सुनिश्चित करने में समय लगाता हूं कि हर पीस परफेक्शन के हिसाब से हो।”

उनचालीस साल के स्टार ने इस बात पर सहमति जताई कि हिंदी सिनेमा में उनके 12 साल के सफर में उनके फैशन में काफी बदलाव आया है। अभिनेता ने कहा, “मेरी फैशन यात्रा काफी आगे बढ़ी है और इसे स्क्रीन पर मेरे द्वारा निभाए गए अलग-अलग किरदारों ने काफी हद तक आकार दिया है। इन भूमिकाओं ने कई तरह की शैलियों और युगों से मेरा परिचय कराया है।”

सिद्धार्थ ने पहली बार फिल्म निर्माता करण जौहर के सहायक निर्देशक के रूप में “माई नेम इज खान” से सिनेमा की दुनिया में कदम रखा था। उन्होंने बताया कि वह विशिष्ट पात्रों के लिए ग्लैमर के आकर्षण की सराहना करते हैं।

उन्होंने कहा कि रोजमर्रा के स्टाइल में वह आराम और सादगी को प्राथमिकता देते हैं। आखिरकार, ऑनस्क्रीन वे जो पहनते हैं वे किरदार और फिल्म के दृश्यों के अनुसार होते हैं।

अपने परफेक्ट फैशन के चयन के साथ पुरुषों के स्टाइल को नये सिरे से परिभाषित करने वाले स्टार ने इस बात में कोई कसर नहीं छोड़ी कि पुरुष भी अपने कपड़ों के कलेक्शन के साथ महिलाओं की तरह ही प्रयोग करते हैं।

यह पूछे जाने पर कि क्या वह इस बात से सहमत हैं कि जब पुरुषों के फैशन की बात आती है, तो महिलाओं की तुलना में प्रयोग करने के लिए बहुत कुछ नहीं होता है, सिद्धार्थ ने कहा, “मैं इस दृष्टिकोण से असहमत हूं।”

‘योद्धा’ स्टार ने कहा कि पुरुषों के लिए फैशन उद्योग में जबरदस्त विकास हुआ है, जिसमें फास्ट फैशन से लेकर हाई-एंड लग्जरी तक के कई विकल्प उपलब्ध हैं।

सिद्धार्थ ने कहा, “आज, पुरुषों के पास कई तरह से स्टाइलों और रुझानों तक पहुंच है जो व्यक्तिगत अभिव्यक्ति की अनुमति देते हैं। यह अपनी पसंद सोच-समझकर तय करने और खुद को कैसे स्टाइल करना है, इसके बारे में है। हमें अब पुरुषों के कपड़ों की पारंपरिक धारणाओं के अनुरूप नहीं रहना है।”

अभिनेता ने पुरुषों के लिए फैशन की बात आने पर डिजाइनरों द्वारा किए गए प्रयासों को स्वीकार किया।

अभिनेता ने कहा, “डिजाइनर नई सीमाएं तय कर रहे हैं, ऐसे कपड़े बना रहे हैं जो विभिन्न सौंदर्यशास्त्र और व्यक्तित्वों को पूरा करते हैं। स्ट्रीट वेयर से लेकर सिलवाये सूट तक, संभावनाएं अनंत हैं। पुरुषों के लिए प्रयोग करने और यह पता लगाने का यह एक रोमांचक समय है कि उन्हें क्या पसंद है।”

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ृसिद्धार्थ ने अपने फैशन गेम को लेकर आईएएनएस से कहा, “मेरा झुकाव क्लासिक की तरफ है जिसमें हल्का से मैस्क्युलिन टच हो। मैं बहुत ज्यादा स्टाइलिश दिखने की बजाय नेचुरल दिखने की कोशिश करता हूं।”

सिद्धार्थ ने अपने करियर की शुरुआत 2012 में “स्टूडेंट ऑफ द ईयर” से की था। बाद में “एक विलेन”, “कपूर एंड संस” और “शेरशाह” जैसी हिट फिल्मों में नजर आए। फैशन मॉडल के तौर पर अपना करियर शुरू करने वाले सिद्धार्थ ने कहा, “फिटिंग मेरे लिए निश्चित रूप से जरूरी है और मैं यह सुनिश्चित करने में समय लगाता हूं कि हर पीस परफेक्शन के हिसाब से हो।”

उनचालीस साल के स्टार ने इस बात पर सहमति जताई कि हिंदी सिनेमा में उनके 12 साल के सफर में उनके फैशन में काफी बदलाव आया है। अभिनेता ने कहा, “मेरी फैशन यात्रा काफी आगे बढ़ी है और इसे स्क्रीन पर मेरे द्वारा निभाए गए अलग-अलग किरदारों ने काफी हद तक आकार दिया है। इन भूमिकाओं ने कई तरह की शैलियों और युगों से मेरा परिचय कराया है।”

सिद्धार्थ ने पहली बार फिल्म निर्माता करण जौहर के सहायक निर्देशक के रूप में “माई नेम इज खान” से सिनेमा की दुनिया में कदम रखा था। उन्होंने बताया कि वह विशिष्ट पात्रों के लिए ग्लैमर के आकर्षण की सराहना करते हैं।

उन्होंने कहा कि रोजमर्रा के स्टाइल में वह आराम और सादगी को प्राथमिकता देते हैं। आखिरकार, ऑनस्क्रीन वे जो पहनते हैं वे किरदार और फिल्म के दृश्यों के अनुसार होते हैं।

अपने परफेक्ट फैशन के चयन के साथ पुरुषों के स्टाइल को नये सिरे से परिभाषित करने वाले स्टार ने इस बात में कोई कसर नहीं छोड़ी कि पुरुष भी अपने कपड़ों के कलेक्शन के साथ महिलाओं की तरह ही प्रयोग करते हैं।

यह पूछे जाने पर कि क्या वह इस बात से सहमत हैं कि जब पुरुषों के फैशन की बात आती है, तो महिलाओं की तुलना में प्रयोग करने के लिए बहुत कुछ नहीं होता है, सिद्धार्थ ने कहा, “मैं इस दृष्टिकोण से असहमत हूं।”

‘योद्धा’ स्टार ने कहा कि पुरुषों के लिए फैशन उद्योग में जबरदस्त विकास हुआ है, जिसमें फास्ट फैशन से लेकर हाई-एंड लग्जरी तक के कई विकल्प उपलब्ध हैं।

सिद्धार्थ ने कहा, “आज, पुरुषों के पास कई तरह से स्टाइलों और रुझानों तक पहुंच है जो व्यक्तिगत अभिव्यक्ति की अनुमति देते हैं। यह अपनी पसंद सोच-समझकर तय करने और खुद को कैसे स्टाइल करना है, इसके बारे में है। हमें अब पुरुषों के कपड़ों की पारंपरिक धारणाओं के अनुरूप नहीं रहना है।”

अभिनेता ने पुरुषों के लिए फैशन की बात आने पर डिजाइनरों द्वारा किए गए प्रयासों को स्वीकार किया।

अभिनेता ने कहा, “डिजाइनर नई सीमाएं तय कर रहे हैं, ऐसे कपड़े बना रहे हैं जो विभिन्न सौंदर्यशास्त्र और व्यक्तित्वों को पूरा करते हैं। स्ट्रीट वेयर से लेकर सिलवाये सूट तक, संभावनाएं अनंत हैं। पुरुषों के लिए प्रयोग करने और यह पता लगाने का यह एक रोमांचक समय है कि उन्हें क्या पसंद है।”

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सिद्धार्थ ने अपने करियर की शुरुआत 2012 में “स्टूडेंट ऑफ द ईयर” से की था। बाद में “एक विलेन”, “कपूर एंड संस” और “शेरशाह” जैसी हिट फिल्मों में नजर आए। फैशन मॉडल के तौर पर अपना करियर शुरू करने वाले सिद्धार्थ ने कहा, “फिटिंग मेरे लिए निश्चित रूप से जरूरी है और मैं यह सुनिश्चित करने में समय लगाता हूं कि हर पीस परफेक्शन के हिसाब से हो।”

उनचालीस साल के स्टार ने इस बात पर सहमति जताई कि हिंदी सिनेमा में उनके 12 साल के सफर में उनके फैशन में काफी बदलाव आया है। अभिनेता ने कहा, “मेरी फैशन यात्रा काफी आगे बढ़ी है और इसे स्क्रीन पर मेरे द्वारा निभाए गए अलग-अलग किरदारों ने काफी हद तक आकार दिया है। इन भूमिकाओं ने कई तरह की शैलियों और युगों से मेरा परिचय कराया है।”

सिद्धार्थ ने पहली बार फिल्म निर्माता करण जौहर के सहायक निर्देशक के रूप में “माई नेम इज खान” से सिनेमा की दुनिया में कदम रखा था। उन्होंने बताया कि वह विशिष्ट पात्रों के लिए ग्लैमर के आकर्षण की सराहना करते हैं।

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‘योद्धा’ स्टार ने कहा कि पुरुषों के लिए फैशन उद्योग में जबरदस्त विकास हुआ है, जिसमें फास्ट फैशन से लेकर हाई-एंड लग्जरी तक के कई विकल्प उपलब्ध हैं।

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अभिनेता ने कहा, “डिजाइनर नई सीमाएं तय कर रहे हैं, ऐसे कपड़े बना रहे हैं जो विभिन्न सौंदर्यशास्त्र और व्यक्तित्वों को पूरा करते हैं। स्ट्रीट वेयर से लेकर सिलवाये सूट तक, संभावनाएं अनंत हैं। पुरुषों के लिए प्रयोग करने और यह पता लगाने का यह एक रोमांचक समय है कि उन्हें क्या पसंद है।”

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