पटना, 7 दिसंबर (आईएएनएस)। भाजपा सांसद ज्योतिर्मय महतो ने बांग्लादेश के अंतरिम प्रधानमंत्री मोहम्मद यूनुस को दिए गए नोबेल पुरस्कार को वापस लेने के संबंध में नोबेल कमेटी को पत्र लिखा। भाजपा सांसद की ओर से नोबेल कमेटी को लिखे गए पत्र पर लोजपा (रामविलास) के सांसद अरुण भारती ने प्रतिक्रिया दी। अरुण भारती ने शनिवार को आईएएनएस से बात करते हुए कहा कि मोहम्मद यूनुस को नोबेल शांति पुरस्कार दिए जाने के बाद उनके कार्यों में जो बदलाव देखने को मिले हैं, उस पर विचार करना आवश्यक है।
अरुण भारती ने कहा कि मोहम्मद यूनुस को जब नोबेल शांति पुरस्कार दिया गया था, तो उनके योगदान को देखकर दिया गया था। लेकिन, वर्तमान में जो बांग्लादेश में उनके कार्यकलाप हैं और प्रशासन को लेकर जो स्थितियां उत्पन्न हो रही हैं, उन पर गंभीरता से विचार किया जाना चाहिए। इस विषय पर नोबेल कमेटी को समीक्षा करनी चाहिए। भाजपा सांसद ज्योतिर्मय महतो ने जो पत्र लिखा है, वह सही है और अब इस मुद्दे पर सटीक जांच होनी चाहिए कि नोबेल पुरस्कार मिलने के बाद यूनुस के कार्यों का क्या प्रभाव पड़ा है।
अरुण भारती ने कहा कि यदि किसी व्यक्ति को नोबेल पुरस्कार दिया गया है और वह व्यक्ति बाद में अपने कार्यों से उस पुरस्कार के लायक नहीं रहता, तो उसकी समीक्षा होनी चाहिए। उनका मानना है कि यदि किसी के कार्य उन सिद्धांतों के खिलाफ जाते हैं, जिनके लिए उसे सम्मानित किया गया था, तो उस पर पुनः विचार किया जाना चाहिए।
इसके अलावा, दरभंगा में दो गुटों के बीच हुई झड़प पर प्रतिक्रिया देते हुए भारती ने कहा कि इस तरह की घटनाओं की जांच सरकार को करनी चाहिए। जो दोषी होंगे, उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जानी चाहिए। इस प्रकार की घटनाएं नहीं होनी चाहिए और यदि ऐसी घटनाएं होती हैं, तो इसका समाधान बातचीत से निकलना चाहिए। यदि फिर भी समस्या बनी रहती है, तो इसकी पूरी जांच होनी चाहिए और दोषियों के खिलाफ सख्त कदम उठाए जाने चाहिए।
–आईएएनएस
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