सहारनपुर, 17 मार्च (आईएएनएस)। दारुल उलूम देवबंद के मौलवियों ने पीडीपी प्रमुख और जम्मू-कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती की जम्मू-कश्मीर के पुंछ जिले के नवग्रह मंदिर में पूजा पर नाराजगी जताई है।
मौलवियों ने कहा कि दूसरे धर्म की परंपरा उनके विश्वास के खिलाफ है।
मदरसा जामिया शेख-उल हिंद के कुलपति मौलाना मुफ्ती असद कासमी ने कहा, मुसलमानों को केवल अपने धर्म का पालन करना चाहिए। शरिया के अनुसार अन्य धर्मों की परंपराओं को अपनाने की अनुमति नहीं है।
हालांकि उन्होंने कहा कि यह कोई फतवा नहीं है, बल्कि उनका निजी विचार है।
उन्होंने कहा, अगर कोई (मुस्लिम) अन्य धार्मिक प्रथाओं को चुनता है, तो यह उचित नहीं है। देश स्वतंत्र है, और हर कोई जानता है कि सही और गलत क्या है।
जमीयत दावत-उल मुस्लिमीन के संरक्षक मौलाना कारी इशाक गोरा ने कहा, धर्म के नियमों का पालन किया जाना चाहिए।
–आईएएनएस
सीबीटी
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सहारनपुर, 17 मार्च (आईएएनएस)। दारुल उलूम देवबंद के मौलवियों ने पीडीपी प्रमुख और जम्मू-कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती की जम्मू-कश्मीर के पुंछ जिले के नवग्रह मंदिर में पूजा पर नाराजगी जताई है।
मौलवियों ने कहा कि दूसरे धर्म की परंपरा उनके विश्वास के खिलाफ है।
मदरसा जामिया शेख-उल हिंद के कुलपति मौलाना मुफ्ती असद कासमी ने कहा, मुसलमानों को केवल अपने धर्म का पालन करना चाहिए। शरिया के अनुसार अन्य धर्मों की परंपराओं को अपनाने की अनुमति नहीं है।
हालांकि उन्होंने कहा कि यह कोई फतवा नहीं है, बल्कि उनका निजी विचार है।
उन्होंने कहा, अगर कोई (मुस्लिम) अन्य धार्मिक प्रथाओं को चुनता है, तो यह उचित नहीं है। देश स्वतंत्र है, और हर कोई जानता है कि सही और गलत क्या है।
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मौलवियों ने कहा कि दूसरे धर्म की परंपरा उनके विश्वास के खिलाफ है।
मदरसा जामिया शेख-उल हिंद के कुलपति मौलाना मुफ्ती असद कासमी ने कहा, मुसलमानों को केवल अपने धर्म का पालन करना चाहिए। शरिया के अनुसार अन्य धर्मों की परंपराओं को अपनाने की अनुमति नहीं है।
हालांकि उन्होंने कहा कि यह कोई फतवा नहीं है, बल्कि उनका निजी विचार है।
उन्होंने कहा, अगर कोई (मुस्लिम) अन्य धार्मिक प्रथाओं को चुनता है, तो यह उचित नहीं है। देश स्वतंत्र है, और हर कोई जानता है कि सही और गलत क्या है।
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मौलवियों ने कहा कि दूसरे धर्म की परंपरा उनके विश्वास के खिलाफ है।
मदरसा जामिया शेख-उल हिंद के कुलपति मौलाना मुफ्ती असद कासमी ने कहा, मुसलमानों को केवल अपने धर्म का पालन करना चाहिए। शरिया के अनुसार अन्य धर्मों की परंपराओं को अपनाने की अनुमति नहीं है।
हालांकि उन्होंने कहा कि यह कोई फतवा नहीं है, बल्कि उनका निजी विचार है।
उन्होंने कहा, अगर कोई (मुस्लिम) अन्य धार्मिक प्रथाओं को चुनता है, तो यह उचित नहीं है। देश स्वतंत्र है, और हर कोई जानता है कि सही और गलत क्या है।
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मौलवियों ने कहा कि दूसरे धर्म की परंपरा उनके विश्वास के खिलाफ है।
मदरसा जामिया शेख-उल हिंद के कुलपति मौलाना मुफ्ती असद कासमी ने कहा, मुसलमानों को केवल अपने धर्म का पालन करना चाहिए। शरिया के अनुसार अन्य धर्मों की परंपराओं को अपनाने की अनुमति नहीं है।
हालांकि उन्होंने कहा कि यह कोई फतवा नहीं है, बल्कि उनका निजी विचार है।
उन्होंने कहा, अगर कोई (मुस्लिम) अन्य धार्मिक प्रथाओं को चुनता है, तो यह उचित नहीं है। देश स्वतंत्र है, और हर कोई जानता है कि सही और गलत क्या है।
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मौलवियों ने कहा कि दूसरे धर्म की परंपरा उनके विश्वास के खिलाफ है।
मदरसा जामिया शेख-उल हिंद के कुलपति मौलाना मुफ्ती असद कासमी ने कहा, मुसलमानों को केवल अपने धर्म का पालन करना चाहिए। शरिया के अनुसार अन्य धर्मों की परंपराओं को अपनाने की अनुमति नहीं है।
हालांकि उन्होंने कहा कि यह कोई फतवा नहीं है, बल्कि उनका निजी विचार है।
उन्होंने कहा, अगर कोई (मुस्लिम) अन्य धार्मिक प्रथाओं को चुनता है, तो यह उचित नहीं है। देश स्वतंत्र है, और हर कोई जानता है कि सही और गलत क्या है।
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मौलवियों ने कहा कि दूसरे धर्म की परंपरा उनके विश्वास के खिलाफ है।
मदरसा जामिया शेख-उल हिंद के कुलपति मौलाना मुफ्ती असद कासमी ने कहा, मुसलमानों को केवल अपने धर्म का पालन करना चाहिए। शरिया के अनुसार अन्य धर्मों की परंपराओं को अपनाने की अनुमति नहीं है।
हालांकि उन्होंने कहा कि यह कोई फतवा नहीं है, बल्कि उनका निजी विचार है।
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उन्होंने कहा, अगर कोई (मुस्लिम) अन्य धार्मिक प्रथाओं को चुनता है, तो यह उचित नहीं है। देश स्वतंत्र है, और हर कोई जानता है कि सही और गलत क्या है।
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मदरसा जामिया शेख-उल हिंद के कुलपति मौलाना मुफ्ती असद कासमी ने कहा, मुसलमानों को केवल अपने धर्म का पालन करना चाहिए। शरिया के अनुसार अन्य धर्मों की परंपराओं को अपनाने की अनुमति नहीं है।
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