ग्रेटर नोएडा, 3 मार्च (आईएएनएस)। यमुना एक्सप्रेस वे औद्योगिक विकास प्राधिकरण की 83वीं बोर्ड बैठक सोमवार को प्राधिकरण के अध्यक्ष और प्रमुख सचिव औद्योगिक विकास आलोक कुमार की अध्यक्षता में आयोजित की गई। इस बैठक में कुल 51 प्रस्ताव रखे गए, जिनमें से सभी को मंजूरी मिल गई। अगली बोर्ड बैठक 28 मार्च को आयोजित होगी।
बैठक में कई महत्वपूर्ण निर्णय लिए गए, जिनमें से सबसे प्रमुख बकाएदार और निर्माण न करने वाले आवंटियों को राहत देना था। प्राधिकरण ने उन आवंटियों को राहत देने का निर्णय लिया है, जिन्होंने 64.7 प्रतिशत अतिरिक्त मुआवजा का भुगतान किया है। इन आवंटियों को बकाया राशि चार किस्तों में जमा करने का समय दिया गया है।
इसके अलावा, जिन आवंटियों को भूखंड की रजिस्ट्री करानी है, उन्हें 31 दिसंबर तक बिना किसी अर्थदंड के भवन निर्माण की छूट प्रदान की गई है। इस निर्णय से करीब 1,700 आवंटियों को फायदा होगा।
मुख्य कार्यपालक अधिकारी डॉ. अरुणवीर सिंह ने बताया कि जिन आवंटियों को लीज डीड कराने के लिए चेक लिस्ट जारी की गई है, उन्हें 31 दिसंबर तक बिना किसी अर्थदंड के निर्माण कार्य करने की छूट दी गई है। इसके बाद, निर्माण के लिए कोई छूट नहीं प्रदान की जाएगी। इसके अलावा, जिन आवंटियों ने अभी तक 64.7 प्रतिशत अतिरिक्त मुआवजा जमा नहीं किया था, उन्हें चार किस्तों में बकाया राशि जमा करने का अवसर दिया गया है।
आवेदन एक मार्च से ऑनलाइन किए जा सकेंगे और 60 दिन के अंदर 25 प्रतिशत अतिरिक्त राशि बिना किसी ब्याज के जमा करनी होगी, बाकी बकाया राशि तीन किस्तों में दो साल के अंदर जमा करनी होगी।
प्राधिकरण ने मेडिकल कॉलेज की योजना को भी मंजूरी दे दी है। एमसीआई की सिफारिश के बाद, प्राधिकरण ने 20 एकड़ जमीन पर मेडिकल कॉलेज बनाने की अनुमति दी है। पहले मेडिकल कॉलेज का उल्लेख ब्रोशर में नहीं था, लेकिन अब इसे योजना में शामिल किया गया है। यमुना एक्सप्रेसवे प्राधिकरण ने नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट से दिल्ली-एनसीआर और आसपास के 26 जिलों को जोड़ने के लिए 150 ईवी बसों की सेवा शुरू करने की मंजूरी दी है। यह सेवा प्रदेश सरकार के सहयोग से शुरू की जा रही है, जिसमें यमुना प्राधिकरण को 150 बसों की आपूर्ति की जाएगी।
इसके अलावा, एयरपोर्ट के लिए राजस्थान, मध्य प्रदेश, दिल्ली, हरियाणा और उत्तराखंड रोडवेज बस सेवा के साथ समझौता किया गया है। यमुना प्राधिकरण ने समाज कल्याण विभाग को महिला छात्रावास बनाने के लिए सेक्टर-17 और 22 ई में 6,640 वर्ग मीटर जमीन एक रुपये के प्रतीक मूल्य पर 90 साल के लीज पर देने का निर्णय लिया है। इस जमीन की रजिस्ट्री समाज कल्याण विभाग के नाम पर होगी।
इसके साथ ही, प्राधिकरण ने किसानों की आबादी के पास पेरिफेरल रोड बनाने का भी निर्णय लिया है, ताकि किसानों की समस्याओं का समाधान हो सके। प्राधिकरण ने मास्टर प्लान 2041 और राया अर्बन सेंटर को मंजूरी देने का निर्णय लिया है। पहले कुछ गांव मास्टर प्लान से बाहर थे, लेकिन अब उन्हें 2041 के मास्टर प्लान में शामिल किया गया है।
इसके अलावा, पहले खरीदी गई जमीन पर किसानों को अतिरिक्त मुआवजा देने की योजना भी तैयार की गई है। 2023-24 में प्राधिकरण को 605 करोड़ रुपये का लाभ हुआ और 2024-25 में 400 करोड़ रुपये का लाभ होने की संभावना है। इस लाभ में सबसे ज्यादा योगदान आवासीय योजनाओं से आया है।
प्राधिकरण ने यह भी निर्णय लिया है कि वह लोक निर्माण विभाग और ग्रामीण अभियंत्रण सेवा की अधूरी पड़ी सड़कों का निर्माण करेगा। प्राधिकरण अपने बजट से इन सड़कों का निर्माण करेगा। इसके लिए बजट भी तैयार कर लिया गया है।
–आईएएनएस
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