ग्रेटर नोएडा, 13 सितंबर (आईएएनएस)। यमुना प्राधिकरण की बुधवार को 78वीं बोर्ड बैठक संपन्न हुई। इसमें कई प्रस्ताव रखे गए थे। जिन प्रस्तावों पर मुहर लगी है, उनमें सबसे ज्यादा फायदा किसानों और आवंटियों को होने वाला है।
बैठक में कई महत्वपूर्ण फैसले लिए गए। जिनमें ओटीएस स्कीम से लोगों को लाभ मिलेगा। फैसलों में एक मुश्त समाधान पॉलिसी योजना (वन टाइम सेटलमेंट पॉलिसी) लाई गई है।
प्राधिकरण की विभिन्न योजनाओं औद्योगिक, मिश्रित, संस्थागत, ग्रुप हाउसिंग व टाउनशिप व वाणिजियक योजना में डिफाल्टर की संख्या और डिफाल्ट धनराशि की प्राप्ति के लिए एक बार फिर ओटीएस योजना लाई गई है। यह योजना 1 अक्टूबर से 1 महीने ले लिए लागू रहेगी।
बोर्ड बैठक में प्राधिकरण ने बताया कि वित्तीय वर्ष 2022-23 के 31 अगस्त तक कुल राजस्व प्राप्तियां 708.02 करोड़ रुपए थी। जबकि, वित्तीय वर्ष 2023-24 के 31 अगस्त तक प्राधिकरण की कुल राजस्व प्राप्तियां 773.54 करोड़ रुपए रही।
प्राधिकरण ने फैसला लिया है कि औद्योगिक भूखंडों के आवंटन में प्रचलित ई-ऑक्शन की प्रक्रिया समाप्त करते हुए 4,000 वर्गमीटर तक का आवंटन पूर्व की भांति ड्रॉ/लॉटरी से किया जाएगा। मिल्क बूथ, वेजिटेबल बूथ, विश्वविद्यालय (25 एकड़ क्षेत्रफल तक) व धार्मिक स्थल को ई-ऑक्शन से बाहर कर ऑब्जेक्टिव क्राइटीरिया के आधार पर करने का निर्णय लिया गया।
जनहित में अन्य संस्थागत उपयोग के भूखंडों (अनाथालय, विधवा आश्रम, ओल्ड ऐज होम) के संबंध में गहन स्टडी कराकर आगामी बैठक में प्रस्तुत किया जाएगा।
–आईएएनएस
पीकेटी