नई दिल्ली, 4 दिसंबर (आईएएनएस)। केंद्रीय नागरिक उड्डयन मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने सोमवार को कहा कि यात्रियों की सुरक्षा मंत्रालय की प्राथमिकता है और नागर विमानन सुरक्षा ब्यूरो (बीसीएएस) सभी हवाईअड्डों पर कड़ी नजर रखे हुए है और यदि कोई एयरलाइन या हवाईअड्डा किसी यात्री के साथ दुर्व्यवहार का दोषी पाया जाता है तो उसके खिलाफ कार्रवाई की जाती है और जुर्माना लगाया जाता है।
सिंधिया ने यह टिप्पणी सोमवार को राज्यसभा में प्रश्नकाल के दौरान की। वह राज्यसभा सांसद कार्तिकेय शर्मा के सवाल का जवाब दे रहे थे।
शर्मा ने पूछा था कि जैसे एयरलाइन क्रू और एयरलाइंस के अधिकारों को परिभाषित किया गया है, क्या मंत्रालय यात्रियों के अधिकारों और हितों की रक्षा के लिए कोई कदम उठा रहा है, क्योंकि ऐसे कई उदाहरण सामने आए हैं कि यात्रियों के साथ सुरक्षा और प्रक्रिया के नाम पर दुर्व्यवहार किया गया।
इस पर सिंधिया ने कहा, “सुरक्षा के लिए बीसीएएस सभी हवाई अड्डों पर पैनी नजर रखता है और संरक्षा के लिए डीजीसीए एयरलाइंस के लिए सीएआर (सिविल एविएशन रिक्वायरमेंट्स) जारी करता है ताकि यात्रियों की सुरक्षा को ध्यान में रखा जा सके। यदि कोई एयरलाइन या हवाईअड्डा दुर्व्यवहार का दोषी पाया जाता है, तो एयरलाइन और हवाईअड्डे पर जुर्माना लगाया जाता है।”
एक पूरक प्रश्न के उत्तर में मंत्री ने कहा, “एयर इंडिया ने 470 विमानों का ऑर्डर दिया है। इंडिगो ने 500 विमानों का ऑर्डर दिया है और आने वाले दिनों में यह कनेक्टिविटी की रीढ़ बन जाएगा।”
नांदेड़ हवाई अड्डे का बारे में एक पूरक प्रश्न के उत्तर में सिंधिया ने कहा, “इस मुद्दे पर हमारी सलाहकार समिति में चर्चा हुई है और यहां सवाल यह है कि एयरलाइन ने नांदेड़ में अपनी सेवाएं शुरू कर दी हैं। कुछ एयरलाइंस को आर्थिक रिटर्न नहीं मिल पा रहा था, इसलिए कुछ उड़ानों की संख्या कम हो गई। कनेक्टिविटी दे रहे हैं। हवाई अड्डा हमारी प्राथमिकता है।”
उन्होंने कहा, “नांदेड़ महाराष्ट्र में एक महत्वपूर्ण स्थान है, लेकिन सिख समुदाय के लिए, उनके धर्म के लिए यह और भी महत्वपूर्ण है। समस्या एयरलाइन की ओर से नहीं है। यह हवाई अड्डा राज्य सरकार द्वारा एक निजी क्षेत्र की इकाई को दिया गया था, जिसने कभी भारतीय विमानपत्तन प्राधिकरण की फीस नहीं दी। एटीसीओ, जो हमने वहां प्रदान किया है, को वापस लेना पड़ा। मैं राज्य सरकार के साथ बात कर रहा हूं और हमें लगता है कि अगर राज्य सरकार निजी इकाई से हवाई अड्डे को वापस ले लेती है और इसे अपने-आप शुरू करती है, तो हम उन मार्गों पर परिचालन शुरू कर सकते हैं।”
इस बीच, कांग्रेस सांसद राजीव शुक्ला ने आखिरी मिनट में एयरलाइंस द्वारा टिकट रद्द करने का मुद्दा उठाया और पूछा कि सरकार कोहरे के मौसम को देखते हुए क्या कदम उठा रही है।
सिंधिया ने जवाब दिया कि “जहां तक रद्द करने की बात है तो हमारे पास एक प्रक्रिया है यदि एयरलाइन एक या दो घंटे के भीतर उड़ान रद्द करती है, तो एयरलाइन को वैकल्पिक उड़ान की व्यवस्था करनी होती है और यदि उड़ान में पाँच से छह घंटे की देरी के बाद रद्द होती है, तो एयरलाइन को वैकल्पिक उड़ान की व्यवस्था करनी होती है। यात्रियों के लिए होटल और रिफंड की व्यवस्था करना और उन्हें अगली फ्लाइट से भेजना एयरलाइंस की जिम्मेदारी है।”
मंत्री ने कहा, “अगर कहीं भी इसका पालन नहीं किया जाता है तो मंत्रालय इस पर ध्यान देता है और एयरलाइन के खिलाफ तुरंत कार्रवाई करता है।”
उन्होंने यह भी कहा कि 2021 में जब उन्होंने मंत्री पद का कार्यभार संभाला तो कोहरे के लिए मंत्रालय ने एक नई प्रक्रिया शुरू की।
उन्होंने यह भी कहा कि देश में 18 से 19 हवाई अड्डे ऐसे हैं जहां कोहरे का असर है। मंत्री ने कहा, “वित्त वर्ष 2021-22 में कोहरे के दौरान रद्दीकरण 0.05 प्रतिशत और देरी 0.01 प्रतिशत थी क्योंकि हमने तदनुसार कार्यक्रम बनाया था।”
शीतकालीन सत्र सोमवार को शुरू हुआ और 22 दिसंबर को समाप्त होगा।
–आईएएनएस
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