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यूनेस्को ने चीन में अंतर्राष्ट्रीय एसटीईएम शिक्षा संस्थान स्थापित करने का प्रस्ताव पारित किया

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November 10, 2023
in अंतरराष्ट्रीय
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यूनेस्को ने चीन में अंतर्राष्ट्रीय एसटीईएम शिक्षा संस्थान स्थापित करने का प्रस्ताव पारित किया
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बीजिंग, 10 नवंबर (आईएएनएस)। यूनेस्को की 42वीं महासभा फ्रांस की राजधानी पेरिस में हुई और चीन के शांगहाई शहर में यूनेस्को अंतर्राष्ट्रीय एसटीईएम शिक्षा अनुसंधान प्रतिष्ठान की स्थापना के प्रस्ताव को मंजूरी दी गई। यह पहली बार है कि चीन में शीर्ष स्तरीय यूनेस्को केंद्र स्थापित किया जाएगा।

महासभा की शिक्षा समिति की चर्चाओं के दौरान, सदस्य देशों ने सक्रिय रूप से भाग लिया, जिसके परिणामस्वरूप रिकॉर्ड संख्या में वक्ताओं ने इस मुद्दे को संबोधित किया।

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शांगहाई में इस शैक्षणिक संस्थान की स्थापना के लिए कई देशों ने चीन का आभार व्यक्त किया। उन्होंने इसे यूनेस्को के लक्ष्यों के लिए चीन की ओर से महत्वपूर्ण समर्थन के रूप में मान्यता दी, जो नई तकनीकी क्रांति द्वारा लाई गई चुनौतियों का सामना करने और शिक्षा 2030 के उद्देश्यों को आगे बढ़ाने के लिए आवश्यक है।

इसके अलावा, कई देशों ने यूनेस्को सचिवालय के प्रयासों की सराहना की और शांगहाई में एक शीर्ष स्तरीय यूनेस्को केंद्र की स्थापना के लिए मसौदा प्रस्ताव का समर्थन किया।

विशेष रूप से, अंतर्राष्ट्रीय एसटीईएम शिक्षा अनुसंधान प्रतिष्ठान दुनिया भर में यूनेस्को के दस शीर्ष स्तरीय केंद्रों में से एक है। इसका प्राथमिक उद्देश्य बाल्यावस्था से वयस्कता तक विज्ञान, प्रौद्योगिकी, इंजीनियरिंग और गणित में समावेशी, न्यायसंगत और उच्च गुणवत्ता वाली शिक्षा को बढ़ावा देना है।

(साभार- चाइना मीडिया ग्रुप, पेइचिंग)

–आईएएनएस

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बीजिंग, 10 नवंबर (आईएएनएस)। यूनेस्को की 42वीं महासभा फ्रांस की राजधानी पेरिस में हुई और चीन के शांगहाई शहर में यूनेस्को अंतर्राष्ट्रीय एसटीईएम शिक्षा अनुसंधान प्रतिष्ठान की स्थापना के प्रस्ताव को मंजूरी दी गई। यह पहली बार है कि चीन में शीर्ष स्तरीय यूनेस्को केंद्र स्थापित किया जाएगा।

महासभा की शिक्षा समिति की चर्चाओं के दौरान, सदस्य देशों ने सक्रिय रूप से भाग लिया, जिसके परिणामस्वरूप रिकॉर्ड संख्या में वक्ताओं ने इस मुद्दे को संबोधित किया।

शांगहाई में इस शैक्षणिक संस्थान की स्थापना के लिए कई देशों ने चीन का आभार व्यक्त किया। उन्होंने इसे यूनेस्को के लक्ष्यों के लिए चीन की ओर से महत्वपूर्ण समर्थन के रूप में मान्यता दी, जो नई तकनीकी क्रांति द्वारा लाई गई चुनौतियों का सामना करने और शिक्षा 2030 के उद्देश्यों को आगे बढ़ाने के लिए आवश्यक है।

इसके अलावा, कई देशों ने यूनेस्को सचिवालय के प्रयासों की सराहना की और शांगहाई में एक शीर्ष स्तरीय यूनेस्को केंद्र की स्थापना के लिए मसौदा प्रस्ताव का समर्थन किया।

विशेष रूप से, अंतर्राष्ट्रीय एसटीईएम शिक्षा अनुसंधान प्रतिष्ठान दुनिया भर में यूनेस्को के दस शीर्ष स्तरीय केंद्रों में से एक है। इसका प्राथमिक उद्देश्य बाल्यावस्था से वयस्कता तक विज्ञान, प्रौद्योगिकी, इंजीनियरिंग और गणित में समावेशी, न्यायसंगत और उच्च गुणवत्ता वाली शिक्षा को बढ़ावा देना है।

(साभार- चाइना मीडिया ग्रुप, पेइचिंग)

–आईएएनएस

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बीजिंग, 10 नवंबर (आईएएनएस)। यूनेस्को की 42वीं महासभा फ्रांस की राजधानी पेरिस में हुई और चीन के शांगहाई शहर में यूनेस्को अंतर्राष्ट्रीय एसटीईएम शिक्षा अनुसंधान प्रतिष्ठान की स्थापना के प्रस्ताव को मंजूरी दी गई। यह पहली बार है कि चीन में शीर्ष स्तरीय यूनेस्को केंद्र स्थापित किया जाएगा।

महासभा की शिक्षा समिति की चर्चाओं के दौरान, सदस्य देशों ने सक्रिय रूप से भाग लिया, जिसके परिणामस्वरूप रिकॉर्ड संख्या में वक्ताओं ने इस मुद्दे को संबोधित किया।

शांगहाई में इस शैक्षणिक संस्थान की स्थापना के लिए कई देशों ने चीन का आभार व्यक्त किया। उन्होंने इसे यूनेस्को के लक्ष्यों के लिए चीन की ओर से महत्वपूर्ण समर्थन के रूप में मान्यता दी, जो नई तकनीकी क्रांति द्वारा लाई गई चुनौतियों का सामना करने और शिक्षा 2030 के उद्देश्यों को आगे बढ़ाने के लिए आवश्यक है।

इसके अलावा, कई देशों ने यूनेस्को सचिवालय के प्रयासों की सराहना की और शांगहाई में एक शीर्ष स्तरीय यूनेस्को केंद्र की स्थापना के लिए मसौदा प्रस्ताव का समर्थन किया।

विशेष रूप से, अंतर्राष्ट्रीय एसटीईएम शिक्षा अनुसंधान प्रतिष्ठान दुनिया भर में यूनेस्को के दस शीर्ष स्तरीय केंद्रों में से एक है। इसका प्राथमिक उद्देश्य बाल्यावस्था से वयस्कता तक विज्ञान, प्रौद्योगिकी, इंजीनियरिंग और गणित में समावेशी, न्यायसंगत और उच्च गुणवत्ता वाली शिक्षा को बढ़ावा देना है।

(साभार- चाइना मीडिया ग्रुप, पेइचिंग)

–आईएएनएस

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बीजिंग, 10 नवंबर (आईएएनएस)। यूनेस्को की 42वीं महासभा फ्रांस की राजधानी पेरिस में हुई और चीन के शांगहाई शहर में यूनेस्को अंतर्राष्ट्रीय एसटीईएम शिक्षा अनुसंधान प्रतिष्ठान की स्थापना के प्रस्ताव को मंजूरी दी गई। यह पहली बार है कि चीन में शीर्ष स्तरीय यूनेस्को केंद्र स्थापित किया जाएगा।

महासभा की शिक्षा समिति की चर्चाओं के दौरान, सदस्य देशों ने सक्रिय रूप से भाग लिया, जिसके परिणामस्वरूप रिकॉर्ड संख्या में वक्ताओं ने इस मुद्दे को संबोधित किया।

शांगहाई में इस शैक्षणिक संस्थान की स्थापना के लिए कई देशों ने चीन का आभार व्यक्त किया। उन्होंने इसे यूनेस्को के लक्ष्यों के लिए चीन की ओर से महत्वपूर्ण समर्थन के रूप में मान्यता दी, जो नई तकनीकी क्रांति द्वारा लाई गई चुनौतियों का सामना करने और शिक्षा 2030 के उद्देश्यों को आगे बढ़ाने के लिए आवश्यक है।

इसके अलावा, कई देशों ने यूनेस्को सचिवालय के प्रयासों की सराहना की और शांगहाई में एक शीर्ष स्तरीय यूनेस्को केंद्र की स्थापना के लिए मसौदा प्रस्ताव का समर्थन किया।

विशेष रूप से, अंतर्राष्ट्रीय एसटीईएम शिक्षा अनुसंधान प्रतिष्ठान दुनिया भर में यूनेस्को के दस शीर्ष स्तरीय केंद्रों में से एक है। इसका प्राथमिक उद्देश्य बाल्यावस्था से वयस्कता तक विज्ञान, प्रौद्योगिकी, इंजीनियरिंग और गणित में समावेशी, न्यायसंगत और उच्च गुणवत्ता वाली शिक्षा को बढ़ावा देना है।

(साभार- चाइना मीडिया ग्रुप, पेइचिंग)

–आईएएनएस

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महासभा की शिक्षा समिति की चर्चाओं के दौरान, सदस्य देशों ने सक्रिय रूप से भाग लिया, जिसके परिणामस्वरूप रिकॉर्ड संख्या में वक्ताओं ने इस मुद्दे को संबोधित किया।

शांगहाई में इस शैक्षणिक संस्थान की स्थापना के लिए कई देशों ने चीन का आभार व्यक्त किया। उन्होंने इसे यूनेस्को के लक्ष्यों के लिए चीन की ओर से महत्वपूर्ण समर्थन के रूप में मान्यता दी, जो नई तकनीकी क्रांति द्वारा लाई गई चुनौतियों का सामना करने और शिक्षा 2030 के उद्देश्यों को आगे बढ़ाने के लिए आवश्यक है।

इसके अलावा, कई देशों ने यूनेस्को सचिवालय के प्रयासों की सराहना की और शांगहाई में एक शीर्ष स्तरीय यूनेस्को केंद्र की स्थापना के लिए मसौदा प्रस्ताव का समर्थन किया।

विशेष रूप से, अंतर्राष्ट्रीय एसटीईएम शिक्षा अनुसंधान प्रतिष्ठान दुनिया भर में यूनेस्को के दस शीर्ष स्तरीय केंद्रों में से एक है। इसका प्राथमिक उद्देश्य बाल्यावस्था से वयस्कता तक विज्ञान, प्रौद्योगिकी, इंजीनियरिंग और गणित में समावेशी, न्यायसंगत और उच्च गुणवत्ता वाली शिक्षा को बढ़ावा देना है।

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शांगहाई में इस शैक्षणिक संस्थान की स्थापना के लिए कई देशों ने चीन का आभार व्यक्त किया। उन्होंने इसे यूनेस्को के लक्ष्यों के लिए चीन की ओर से महत्वपूर्ण समर्थन के रूप में मान्यता दी, जो नई तकनीकी क्रांति द्वारा लाई गई चुनौतियों का सामना करने और शिक्षा 2030 के उद्देश्यों को आगे बढ़ाने के लिए आवश्यक है।

इसके अलावा, कई देशों ने यूनेस्को सचिवालय के प्रयासों की सराहना की और शांगहाई में एक शीर्ष स्तरीय यूनेस्को केंद्र की स्थापना के लिए मसौदा प्रस्ताव का समर्थन किया।

विशेष रूप से, अंतर्राष्ट्रीय एसटीईएम शिक्षा अनुसंधान प्रतिष्ठान दुनिया भर में यूनेस्को के दस शीर्ष स्तरीय केंद्रों में से एक है। इसका प्राथमिक उद्देश्य बाल्यावस्था से वयस्कता तक विज्ञान, प्रौद्योगिकी, इंजीनियरिंग और गणित में समावेशी, न्यायसंगत और उच्च गुणवत्ता वाली शिक्षा को बढ़ावा देना है।

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इसके अलावा, कई देशों ने यूनेस्को सचिवालय के प्रयासों की सराहना की और शांगहाई में एक शीर्ष स्तरीय यूनेस्को केंद्र की स्थापना के लिए मसौदा प्रस्ताव का समर्थन किया।

विशेष रूप से, अंतर्राष्ट्रीय एसटीईएम शिक्षा अनुसंधान प्रतिष्ठान दुनिया भर में यूनेस्को के दस शीर्ष स्तरीय केंद्रों में से एक है। इसका प्राथमिक उद्देश्य बाल्यावस्था से वयस्कता तक विज्ञान, प्रौद्योगिकी, इंजीनियरिंग और गणित में समावेशी, न्यायसंगत और उच्च गुणवत्ता वाली शिक्षा को बढ़ावा देना है।

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महासभा की शिक्षा समिति की चर्चाओं के दौरान, सदस्य देशों ने सक्रिय रूप से भाग लिया, जिसके परिणामस्वरूप रिकॉर्ड संख्या में वक्ताओं ने इस मुद्दे को संबोधित किया।

शांगहाई में इस शैक्षणिक संस्थान की स्थापना के लिए कई देशों ने चीन का आभार व्यक्त किया। उन्होंने इसे यूनेस्को के लक्ष्यों के लिए चीन की ओर से महत्वपूर्ण समर्थन के रूप में मान्यता दी, जो नई तकनीकी क्रांति द्वारा लाई गई चुनौतियों का सामना करने और शिक्षा 2030 के उद्देश्यों को आगे बढ़ाने के लिए आवश्यक है।

इसके अलावा, कई देशों ने यूनेस्को सचिवालय के प्रयासों की सराहना की और शांगहाई में एक शीर्ष स्तरीय यूनेस्को केंद्र की स्थापना के लिए मसौदा प्रस्ताव का समर्थन किया।

विशेष रूप से, अंतर्राष्ट्रीय एसटीईएम शिक्षा अनुसंधान प्रतिष्ठान दुनिया भर में यूनेस्को के दस शीर्ष स्तरीय केंद्रों में से एक है। इसका प्राथमिक उद्देश्य बाल्यावस्था से वयस्कता तक विज्ञान, प्रौद्योगिकी, इंजीनियरिंग और गणित में समावेशी, न्यायसंगत और उच्च गुणवत्ता वाली शिक्षा को बढ़ावा देना है।

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