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यूपीए ने घरेलू गैस पर 10 साल में 2,14,474 करोड़ रुपये की सब्सिडी दी थी : कांग्रेस

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March 1, 2023
in Uncategorized, ताज़ा समाचार
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यूपीए ने घरेलू गैस पर 10 साल में 2,14,474 करोड़ रुपये की सब्सिडी दी थी : कांग्रेस
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नई दिल्ली, 1 मार्च (आईएएनएस)। कांग्रेस ने मंगलवार को दावा किया कि घरेलू गैस सिलिंडर की कीमतों को नियंत्रण में रखने के लिए यूपीए सरकार ने 10 साल में 2,14,474 करोड़ रुपये की सब्सिडी दी थी।

बुधवार (1 मार्च) से घरेलू रसोई गैस और वाणिज्यिक सिलिंडर की कीमतों में क्रमश: 50 रुपये और 350.50 रुपये प्रति सिलेंडर की बढ़ोतरी के बाद कांग्रेस की यह टिप्पणी आई है।

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कांग्रेस ने कहा कि वर्ष 2004-2005 से 2013-2014 तक संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (यूपीए) सरकार के 10 साल के कार्यकाल में घरेलू उपयोग के लिए एलपीजी सिलिंडर पर दी गई कुल सब्सिडी 2,14,474 करोड़ रुपये थी।

कांग्रेस प्रवक्ता गौरव वल्लभ ने यहां एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा, यही कारण था कि घरेलू एलपीजी सिलिंडर की कीमत 500 रुपये को पार नहीं कर पाई। आपको जानकर आश्चर्य होगा कि मोदी सरकार के पिछले नौ वर्षो में मात्र 36,598 करोड़ रुपये की सब्सिडी दी।

नवीनतम बढ़ोतरी के साथ दिल्ली में रसोई गैस की खुदरा कीमत अब 1,103 रुपये प्रति सिलिंडर होगी, जबकि वाणिज्यिक सिलिंडर की कीमत 2,119.50 रुपये होगी।

वल्लभ ने पूछा, आज मार्च के पहले दिन, होली से ठीक सात दिन पहले मोदी सरकार ने हमें एक उपहार दिया है। वह उपहार क्या है? उपहार यह है कि अब देश भर में घरेलू गैस की कीमत 1,100 रुपये प्रति सिलिंडर से अधिक होगी, जबकि वाणिज्यिक गैस सिलिंडर की कीमत प्रति सिलिंडर 2,100 रुपये से अधिक होगी। ऐसा क्यों हुआ? घरेलू गैस सिलिंडर, जिसकी कीमत 2014 से पहले 500 रुपये से कम थी, अब 1,100 रुपये से अधिक हो गई है।

पार्टी ने कहा कि सरकार अब कोई सब्सिडी नहीं दे रही है, बल्कि ऊपर से जीएसटी लगा रही है। घरेलू एलपीजी सिलिंडर पर सरकार ने 5 फीसदी जीएसटी लगाया है, जबकि कमर्शियल सिलेंडर के लिए जीएसटी दर 18 फीसदी है।

जुलाई से सितंबर के दौरान सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) की वृद्धि 6.3 प्रतिशत थी, जो अक्टूबर से दिसंबर के बीच घटकर 4.4 प्रतिशत पर आ गई।

कांग्रेस प्रवक्ता ने कहा, इस अवधि में सकल घरेलू उत्पाद की वृद्धि धीमी क्यों हुई? इसका कारण यह है कि विनिर्माण में नकारात्मक वृद्धि हो रही है, 1.1 प्रतिशत का संकुचन हो रहा है, जबकि निजी खपत भी नहीं बढ़ रही है। पेट्रोल, डीजल और एलपीजी गैस की कीमतें बढ़ रही हैं। हमारे देश के आम लोगों द्वारा उपयोग किए जाने वाले आटा, मसाले, कपड़े आदि जैसी आवश्यक वस्तुओं पर मुद्रास्फीति अधिक है।

–आईएएनएस

एसजीके

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नई दिल्ली, 1 मार्च (आईएएनएस)। कांग्रेस ने मंगलवार को दावा किया कि घरेलू गैस सिलिंडर की कीमतों को नियंत्रण में रखने के लिए यूपीए सरकार ने 10 साल में 2,14,474 करोड़ रुपये की सब्सिडी दी थी।

बुधवार (1 मार्च) से घरेलू रसोई गैस और वाणिज्यिक सिलिंडर की कीमतों में क्रमश: 50 रुपये और 350.50 रुपये प्रति सिलेंडर की बढ़ोतरी के बाद कांग्रेस की यह टिप्पणी आई है।

कांग्रेस ने कहा कि वर्ष 2004-2005 से 2013-2014 तक संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (यूपीए) सरकार के 10 साल के कार्यकाल में घरेलू उपयोग के लिए एलपीजी सिलिंडर पर दी गई कुल सब्सिडी 2,14,474 करोड़ रुपये थी।

कांग्रेस प्रवक्ता गौरव वल्लभ ने यहां एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा, यही कारण था कि घरेलू एलपीजी सिलिंडर की कीमत 500 रुपये को पार नहीं कर पाई। आपको जानकर आश्चर्य होगा कि मोदी सरकार के पिछले नौ वर्षो में मात्र 36,598 करोड़ रुपये की सब्सिडी दी।

नवीनतम बढ़ोतरी के साथ दिल्ली में रसोई गैस की खुदरा कीमत अब 1,103 रुपये प्रति सिलिंडर होगी, जबकि वाणिज्यिक सिलिंडर की कीमत 2,119.50 रुपये होगी।

वल्लभ ने पूछा, आज मार्च के पहले दिन, होली से ठीक सात दिन पहले मोदी सरकार ने हमें एक उपहार दिया है। वह उपहार क्या है? उपहार यह है कि अब देश भर में घरेलू गैस की कीमत 1,100 रुपये प्रति सिलिंडर से अधिक होगी, जबकि वाणिज्यिक गैस सिलिंडर की कीमत प्रति सिलिंडर 2,100 रुपये से अधिक होगी। ऐसा क्यों हुआ? घरेलू गैस सिलिंडर, जिसकी कीमत 2014 से पहले 500 रुपये से कम थी, अब 1,100 रुपये से अधिक हो गई है।

पार्टी ने कहा कि सरकार अब कोई सब्सिडी नहीं दे रही है, बल्कि ऊपर से जीएसटी लगा रही है। घरेलू एलपीजी सिलिंडर पर सरकार ने 5 फीसदी जीएसटी लगाया है, जबकि कमर्शियल सिलेंडर के लिए जीएसटी दर 18 फीसदी है।

जुलाई से सितंबर के दौरान सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) की वृद्धि 6.3 प्रतिशत थी, जो अक्टूबर से दिसंबर के बीच घटकर 4.4 प्रतिशत पर आ गई।

कांग्रेस प्रवक्ता ने कहा, इस अवधि में सकल घरेलू उत्पाद की वृद्धि धीमी क्यों हुई? इसका कारण यह है कि विनिर्माण में नकारात्मक वृद्धि हो रही है, 1.1 प्रतिशत का संकुचन हो रहा है, जबकि निजी खपत भी नहीं बढ़ रही है। पेट्रोल, डीजल और एलपीजी गैस की कीमतें बढ़ रही हैं। हमारे देश के आम लोगों द्वारा उपयोग किए जाने वाले आटा, मसाले, कपड़े आदि जैसी आवश्यक वस्तुओं पर मुद्रास्फीति अधिक है।

–आईएएनएस

एसजीके

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नई दिल्ली, 1 मार्च (आईएएनएस)। कांग्रेस ने मंगलवार को दावा किया कि घरेलू गैस सिलिंडर की कीमतों को नियंत्रण में रखने के लिए यूपीए सरकार ने 10 साल में 2,14,474 करोड़ रुपये की सब्सिडी दी थी।

बुधवार (1 मार्च) से घरेलू रसोई गैस और वाणिज्यिक सिलिंडर की कीमतों में क्रमश: 50 रुपये और 350.50 रुपये प्रति सिलेंडर की बढ़ोतरी के बाद कांग्रेस की यह टिप्पणी आई है।

कांग्रेस ने कहा कि वर्ष 2004-2005 से 2013-2014 तक संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (यूपीए) सरकार के 10 साल के कार्यकाल में घरेलू उपयोग के लिए एलपीजी सिलिंडर पर दी गई कुल सब्सिडी 2,14,474 करोड़ रुपये थी।

कांग्रेस प्रवक्ता गौरव वल्लभ ने यहां एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा, यही कारण था कि घरेलू एलपीजी सिलिंडर की कीमत 500 रुपये को पार नहीं कर पाई। आपको जानकर आश्चर्य होगा कि मोदी सरकार के पिछले नौ वर्षो में मात्र 36,598 करोड़ रुपये की सब्सिडी दी।

नवीनतम बढ़ोतरी के साथ दिल्ली में रसोई गैस की खुदरा कीमत अब 1,103 रुपये प्रति सिलिंडर होगी, जबकि वाणिज्यिक सिलिंडर की कीमत 2,119.50 रुपये होगी।

वल्लभ ने पूछा, आज मार्च के पहले दिन, होली से ठीक सात दिन पहले मोदी सरकार ने हमें एक उपहार दिया है। वह उपहार क्या है? उपहार यह है कि अब देश भर में घरेलू गैस की कीमत 1,100 रुपये प्रति सिलिंडर से अधिक होगी, जबकि वाणिज्यिक गैस सिलिंडर की कीमत प्रति सिलिंडर 2,100 रुपये से अधिक होगी। ऐसा क्यों हुआ? घरेलू गैस सिलिंडर, जिसकी कीमत 2014 से पहले 500 रुपये से कम थी, अब 1,100 रुपये से अधिक हो गई है।

पार्टी ने कहा कि सरकार अब कोई सब्सिडी नहीं दे रही है, बल्कि ऊपर से जीएसटी लगा रही है। घरेलू एलपीजी सिलिंडर पर सरकार ने 5 फीसदी जीएसटी लगाया है, जबकि कमर्शियल सिलेंडर के लिए जीएसटी दर 18 फीसदी है।

जुलाई से सितंबर के दौरान सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) की वृद्धि 6.3 प्रतिशत थी, जो अक्टूबर से दिसंबर के बीच घटकर 4.4 प्रतिशत पर आ गई।

कांग्रेस प्रवक्ता ने कहा, इस अवधि में सकल घरेलू उत्पाद की वृद्धि धीमी क्यों हुई? इसका कारण यह है कि विनिर्माण में नकारात्मक वृद्धि हो रही है, 1.1 प्रतिशत का संकुचन हो रहा है, जबकि निजी खपत भी नहीं बढ़ रही है। पेट्रोल, डीजल और एलपीजी गैस की कीमतें बढ़ रही हैं। हमारे देश के आम लोगों द्वारा उपयोग किए जाने वाले आटा, मसाले, कपड़े आदि जैसी आवश्यक वस्तुओं पर मुद्रास्फीति अधिक है।

–आईएएनएस

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नई दिल्ली, 1 मार्च (आईएएनएस)। कांग्रेस ने मंगलवार को दावा किया कि घरेलू गैस सिलिंडर की कीमतों को नियंत्रण में रखने के लिए यूपीए सरकार ने 10 साल में 2,14,474 करोड़ रुपये की सब्सिडी दी थी।

बुधवार (1 मार्च) से घरेलू रसोई गैस और वाणिज्यिक सिलिंडर की कीमतों में क्रमश: 50 रुपये और 350.50 रुपये प्रति सिलेंडर की बढ़ोतरी के बाद कांग्रेस की यह टिप्पणी आई है।

कांग्रेस ने कहा कि वर्ष 2004-2005 से 2013-2014 तक संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (यूपीए) सरकार के 10 साल के कार्यकाल में घरेलू उपयोग के लिए एलपीजी सिलिंडर पर दी गई कुल सब्सिडी 2,14,474 करोड़ रुपये थी।

कांग्रेस प्रवक्ता गौरव वल्लभ ने यहां एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा, यही कारण था कि घरेलू एलपीजी सिलिंडर की कीमत 500 रुपये को पार नहीं कर पाई। आपको जानकर आश्चर्य होगा कि मोदी सरकार के पिछले नौ वर्षो में मात्र 36,598 करोड़ रुपये की सब्सिडी दी।

नवीनतम बढ़ोतरी के साथ दिल्ली में रसोई गैस की खुदरा कीमत अब 1,103 रुपये प्रति सिलिंडर होगी, जबकि वाणिज्यिक सिलिंडर की कीमत 2,119.50 रुपये होगी।

वल्लभ ने पूछा, आज मार्च के पहले दिन, होली से ठीक सात दिन पहले मोदी सरकार ने हमें एक उपहार दिया है। वह उपहार क्या है? उपहार यह है कि अब देश भर में घरेलू गैस की कीमत 1,100 रुपये प्रति सिलिंडर से अधिक होगी, जबकि वाणिज्यिक गैस सिलिंडर की कीमत प्रति सिलिंडर 2,100 रुपये से अधिक होगी। ऐसा क्यों हुआ? घरेलू गैस सिलिंडर, जिसकी कीमत 2014 से पहले 500 रुपये से कम थी, अब 1,100 रुपये से अधिक हो गई है।

पार्टी ने कहा कि सरकार अब कोई सब्सिडी नहीं दे रही है, बल्कि ऊपर से जीएसटी लगा रही है। घरेलू एलपीजी सिलिंडर पर सरकार ने 5 फीसदी जीएसटी लगाया है, जबकि कमर्शियल सिलेंडर के लिए जीएसटी दर 18 फीसदी है।

जुलाई से सितंबर के दौरान सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) की वृद्धि 6.3 प्रतिशत थी, जो अक्टूबर से दिसंबर के बीच घटकर 4.4 प्रतिशत पर आ गई।

कांग्रेस प्रवक्ता ने कहा, इस अवधि में सकल घरेलू उत्पाद की वृद्धि धीमी क्यों हुई? इसका कारण यह है कि विनिर्माण में नकारात्मक वृद्धि हो रही है, 1.1 प्रतिशत का संकुचन हो रहा है, जबकि निजी खपत भी नहीं बढ़ रही है। पेट्रोल, डीजल और एलपीजी गैस की कीमतें बढ़ रही हैं। हमारे देश के आम लोगों द्वारा उपयोग किए जाने वाले आटा, मसाले, कपड़े आदि जैसी आवश्यक वस्तुओं पर मुद्रास्फीति अधिक है।

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बुधवार (1 मार्च) से घरेलू रसोई गैस और वाणिज्यिक सिलिंडर की कीमतों में क्रमश: 50 रुपये और 350.50 रुपये प्रति सिलेंडर की बढ़ोतरी के बाद कांग्रेस की यह टिप्पणी आई है।

कांग्रेस ने कहा कि वर्ष 2004-2005 से 2013-2014 तक संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (यूपीए) सरकार के 10 साल के कार्यकाल में घरेलू उपयोग के लिए एलपीजी सिलिंडर पर दी गई कुल सब्सिडी 2,14,474 करोड़ रुपये थी।

कांग्रेस प्रवक्ता गौरव वल्लभ ने यहां एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा, यही कारण था कि घरेलू एलपीजी सिलिंडर की कीमत 500 रुपये को पार नहीं कर पाई। आपको जानकर आश्चर्य होगा कि मोदी सरकार के पिछले नौ वर्षो में मात्र 36,598 करोड़ रुपये की सब्सिडी दी।

नवीनतम बढ़ोतरी के साथ दिल्ली में रसोई गैस की खुदरा कीमत अब 1,103 रुपये प्रति सिलिंडर होगी, जबकि वाणिज्यिक सिलिंडर की कीमत 2,119.50 रुपये होगी।

वल्लभ ने पूछा, आज मार्च के पहले दिन, होली से ठीक सात दिन पहले मोदी सरकार ने हमें एक उपहार दिया है। वह उपहार क्या है? उपहार यह है कि अब देश भर में घरेलू गैस की कीमत 1,100 रुपये प्रति सिलिंडर से अधिक होगी, जबकि वाणिज्यिक गैस सिलिंडर की कीमत प्रति सिलिंडर 2,100 रुपये से अधिक होगी। ऐसा क्यों हुआ? घरेलू गैस सिलिंडर, जिसकी कीमत 2014 से पहले 500 रुपये से कम थी, अब 1,100 रुपये से अधिक हो गई है।

पार्टी ने कहा कि सरकार अब कोई सब्सिडी नहीं दे रही है, बल्कि ऊपर से जीएसटी लगा रही है। घरेलू एलपीजी सिलिंडर पर सरकार ने 5 फीसदी जीएसटी लगाया है, जबकि कमर्शियल सिलेंडर के लिए जीएसटी दर 18 फीसदी है।

जुलाई से सितंबर के दौरान सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) की वृद्धि 6.3 प्रतिशत थी, जो अक्टूबर से दिसंबर के बीच घटकर 4.4 प्रतिशत पर आ गई।

कांग्रेस प्रवक्ता ने कहा, इस अवधि में सकल घरेलू उत्पाद की वृद्धि धीमी क्यों हुई? इसका कारण यह है कि विनिर्माण में नकारात्मक वृद्धि हो रही है, 1.1 प्रतिशत का संकुचन हो रहा है, जबकि निजी खपत भी नहीं बढ़ रही है। पेट्रोल, डीजल और एलपीजी गैस की कीमतें बढ़ रही हैं। हमारे देश के आम लोगों द्वारा उपयोग किए जाने वाले आटा, मसाले, कपड़े आदि जैसी आवश्यक वस्तुओं पर मुद्रास्फीति अधिक है।

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बुधवार (1 मार्च) से घरेलू रसोई गैस और वाणिज्यिक सिलिंडर की कीमतों में क्रमश: 50 रुपये और 350.50 रुपये प्रति सिलेंडर की बढ़ोतरी के बाद कांग्रेस की यह टिप्पणी आई है।

कांग्रेस ने कहा कि वर्ष 2004-2005 से 2013-2014 तक संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (यूपीए) सरकार के 10 साल के कार्यकाल में घरेलू उपयोग के लिए एलपीजी सिलिंडर पर दी गई कुल सब्सिडी 2,14,474 करोड़ रुपये थी।

कांग्रेस प्रवक्ता गौरव वल्लभ ने यहां एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा, यही कारण था कि घरेलू एलपीजी सिलिंडर की कीमत 500 रुपये को पार नहीं कर पाई। आपको जानकर आश्चर्य होगा कि मोदी सरकार के पिछले नौ वर्षो में मात्र 36,598 करोड़ रुपये की सब्सिडी दी।

नवीनतम बढ़ोतरी के साथ दिल्ली में रसोई गैस की खुदरा कीमत अब 1,103 रुपये प्रति सिलिंडर होगी, जबकि वाणिज्यिक सिलिंडर की कीमत 2,119.50 रुपये होगी।

वल्लभ ने पूछा, आज मार्च के पहले दिन, होली से ठीक सात दिन पहले मोदी सरकार ने हमें एक उपहार दिया है। वह उपहार क्या है? उपहार यह है कि अब देश भर में घरेलू गैस की कीमत 1,100 रुपये प्रति सिलिंडर से अधिक होगी, जबकि वाणिज्यिक गैस सिलिंडर की कीमत प्रति सिलिंडर 2,100 रुपये से अधिक होगी। ऐसा क्यों हुआ? घरेलू गैस सिलिंडर, जिसकी कीमत 2014 से पहले 500 रुपये से कम थी, अब 1,100 रुपये से अधिक हो गई है।

पार्टी ने कहा कि सरकार अब कोई सब्सिडी नहीं दे रही है, बल्कि ऊपर से जीएसटी लगा रही है। घरेलू एलपीजी सिलिंडर पर सरकार ने 5 फीसदी जीएसटी लगाया है, जबकि कमर्शियल सिलेंडर के लिए जीएसटी दर 18 फीसदी है।

जुलाई से सितंबर के दौरान सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) की वृद्धि 6.3 प्रतिशत थी, जो अक्टूबर से दिसंबर के बीच घटकर 4.4 प्रतिशत पर आ गई।

कांग्रेस प्रवक्ता ने कहा, इस अवधि में सकल घरेलू उत्पाद की वृद्धि धीमी क्यों हुई? इसका कारण यह है कि विनिर्माण में नकारात्मक वृद्धि हो रही है, 1.1 प्रतिशत का संकुचन हो रहा है, जबकि निजी खपत भी नहीं बढ़ रही है। पेट्रोल, डीजल और एलपीजी गैस की कीमतें बढ़ रही हैं। हमारे देश के आम लोगों द्वारा उपयोग किए जाने वाले आटा, मसाले, कपड़े आदि जैसी आवश्यक वस्तुओं पर मुद्रास्फीति अधिक है।

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बुधवार (1 मार्च) से घरेलू रसोई गैस और वाणिज्यिक सिलिंडर की कीमतों में क्रमश: 50 रुपये और 350.50 रुपये प्रति सिलेंडर की बढ़ोतरी के बाद कांग्रेस की यह टिप्पणी आई है।

कांग्रेस ने कहा कि वर्ष 2004-2005 से 2013-2014 तक संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (यूपीए) सरकार के 10 साल के कार्यकाल में घरेलू उपयोग के लिए एलपीजी सिलिंडर पर दी गई कुल सब्सिडी 2,14,474 करोड़ रुपये थी।

कांग्रेस प्रवक्ता गौरव वल्लभ ने यहां एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा, यही कारण था कि घरेलू एलपीजी सिलिंडर की कीमत 500 रुपये को पार नहीं कर पाई। आपको जानकर आश्चर्य होगा कि मोदी सरकार के पिछले नौ वर्षो में मात्र 36,598 करोड़ रुपये की सब्सिडी दी।

नवीनतम बढ़ोतरी के साथ दिल्ली में रसोई गैस की खुदरा कीमत अब 1,103 रुपये प्रति सिलिंडर होगी, जबकि वाणिज्यिक सिलिंडर की कीमत 2,119.50 रुपये होगी।

वल्लभ ने पूछा, आज मार्च के पहले दिन, होली से ठीक सात दिन पहले मोदी सरकार ने हमें एक उपहार दिया है। वह उपहार क्या है? उपहार यह है कि अब देश भर में घरेलू गैस की कीमत 1,100 रुपये प्रति सिलिंडर से अधिक होगी, जबकि वाणिज्यिक गैस सिलिंडर की कीमत प्रति सिलिंडर 2,100 रुपये से अधिक होगी। ऐसा क्यों हुआ? घरेलू गैस सिलिंडर, जिसकी कीमत 2014 से पहले 500 रुपये से कम थी, अब 1,100 रुपये से अधिक हो गई है।

पार्टी ने कहा कि सरकार अब कोई सब्सिडी नहीं दे रही है, बल्कि ऊपर से जीएसटी लगा रही है। घरेलू एलपीजी सिलिंडर पर सरकार ने 5 फीसदी जीएसटी लगाया है, जबकि कमर्शियल सिलेंडर के लिए जीएसटी दर 18 फीसदी है।

जुलाई से सितंबर के दौरान सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) की वृद्धि 6.3 प्रतिशत थी, जो अक्टूबर से दिसंबर के बीच घटकर 4.4 प्रतिशत पर आ गई।

कांग्रेस प्रवक्ता ने कहा, इस अवधि में सकल घरेलू उत्पाद की वृद्धि धीमी क्यों हुई? इसका कारण यह है कि विनिर्माण में नकारात्मक वृद्धि हो रही है, 1.1 प्रतिशत का संकुचन हो रहा है, जबकि निजी खपत भी नहीं बढ़ रही है। पेट्रोल, डीजल और एलपीजी गैस की कीमतें बढ़ रही हैं। हमारे देश के आम लोगों द्वारा उपयोग किए जाने वाले आटा, मसाले, कपड़े आदि जैसी आवश्यक वस्तुओं पर मुद्रास्फीति अधिक है।

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बुधवार (1 मार्च) से घरेलू रसोई गैस और वाणिज्यिक सिलिंडर की कीमतों में क्रमश: 50 रुपये और 350.50 रुपये प्रति सिलेंडर की बढ़ोतरी के बाद कांग्रेस की यह टिप्पणी आई है।

कांग्रेस ने कहा कि वर्ष 2004-2005 से 2013-2014 तक संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (यूपीए) सरकार के 10 साल के कार्यकाल में घरेलू उपयोग के लिए एलपीजी सिलिंडर पर दी गई कुल सब्सिडी 2,14,474 करोड़ रुपये थी।

कांग्रेस प्रवक्ता गौरव वल्लभ ने यहां एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा, यही कारण था कि घरेलू एलपीजी सिलिंडर की कीमत 500 रुपये को पार नहीं कर पाई। आपको जानकर आश्चर्य होगा कि मोदी सरकार के पिछले नौ वर्षो में मात्र 36,598 करोड़ रुपये की सब्सिडी दी।

नवीनतम बढ़ोतरी के साथ दिल्ली में रसोई गैस की खुदरा कीमत अब 1,103 रुपये प्रति सिलिंडर होगी, जबकि वाणिज्यिक सिलिंडर की कीमत 2,119.50 रुपये होगी।

वल्लभ ने पूछा, आज मार्च के पहले दिन, होली से ठीक सात दिन पहले मोदी सरकार ने हमें एक उपहार दिया है। वह उपहार क्या है? उपहार यह है कि अब देश भर में घरेलू गैस की कीमत 1,100 रुपये प्रति सिलिंडर से अधिक होगी, जबकि वाणिज्यिक गैस सिलिंडर की कीमत प्रति सिलिंडर 2,100 रुपये से अधिक होगी। ऐसा क्यों हुआ? घरेलू गैस सिलिंडर, जिसकी कीमत 2014 से पहले 500 रुपये से कम थी, अब 1,100 रुपये से अधिक हो गई है।

पार्टी ने कहा कि सरकार अब कोई सब्सिडी नहीं दे रही है, बल्कि ऊपर से जीएसटी लगा रही है। घरेलू एलपीजी सिलिंडर पर सरकार ने 5 फीसदी जीएसटी लगाया है, जबकि कमर्शियल सिलेंडर के लिए जीएसटी दर 18 फीसदी है।

जुलाई से सितंबर के दौरान सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) की वृद्धि 6.3 प्रतिशत थी, जो अक्टूबर से दिसंबर के बीच घटकर 4.4 प्रतिशत पर आ गई।

कांग्रेस प्रवक्ता ने कहा, इस अवधि में सकल घरेलू उत्पाद की वृद्धि धीमी क्यों हुई? इसका कारण यह है कि विनिर्माण में नकारात्मक वृद्धि हो रही है, 1.1 प्रतिशत का संकुचन हो रहा है, जबकि निजी खपत भी नहीं बढ़ रही है। पेट्रोल, डीजल और एलपीजी गैस की कीमतें बढ़ रही हैं। हमारे देश के आम लोगों द्वारा उपयोग किए जाने वाले आटा, मसाले, कपड़े आदि जैसी आवश्यक वस्तुओं पर मुद्रास्फीति अधिक है।

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नई दिल्ली, 1 मार्च (आईएएनएस)। कांग्रेस ने मंगलवार को दावा किया कि घरेलू गैस सिलिंडर की कीमतों को नियंत्रण में रखने के लिए यूपीए सरकार ने 10 साल में 2,14,474 करोड़ रुपये की सब्सिडी दी थी।

बुधवार (1 मार्च) से घरेलू रसोई गैस और वाणिज्यिक सिलिंडर की कीमतों में क्रमश: 50 रुपये और 350.50 रुपये प्रति सिलेंडर की बढ़ोतरी के बाद कांग्रेस की यह टिप्पणी आई है।

कांग्रेस ने कहा कि वर्ष 2004-2005 से 2013-2014 तक संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (यूपीए) सरकार के 10 साल के कार्यकाल में घरेलू उपयोग के लिए एलपीजी सिलिंडर पर दी गई कुल सब्सिडी 2,14,474 करोड़ रुपये थी।

कांग्रेस प्रवक्ता गौरव वल्लभ ने यहां एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा, यही कारण था कि घरेलू एलपीजी सिलिंडर की कीमत 500 रुपये को पार नहीं कर पाई। आपको जानकर आश्चर्य होगा कि मोदी सरकार के पिछले नौ वर्षो में मात्र 36,598 करोड़ रुपये की सब्सिडी दी।

नवीनतम बढ़ोतरी के साथ दिल्ली में रसोई गैस की खुदरा कीमत अब 1,103 रुपये प्रति सिलिंडर होगी, जबकि वाणिज्यिक सिलिंडर की कीमत 2,119.50 रुपये होगी।

वल्लभ ने पूछा, आज मार्च के पहले दिन, होली से ठीक सात दिन पहले मोदी सरकार ने हमें एक उपहार दिया है। वह उपहार क्या है? उपहार यह है कि अब देश भर में घरेलू गैस की कीमत 1,100 रुपये प्रति सिलिंडर से अधिक होगी, जबकि वाणिज्यिक गैस सिलिंडर की कीमत प्रति सिलिंडर 2,100 रुपये से अधिक होगी। ऐसा क्यों हुआ? घरेलू गैस सिलिंडर, जिसकी कीमत 2014 से पहले 500 रुपये से कम थी, अब 1,100 रुपये से अधिक हो गई है।

पार्टी ने कहा कि सरकार अब कोई सब्सिडी नहीं दे रही है, बल्कि ऊपर से जीएसटी लगा रही है। घरेलू एलपीजी सिलिंडर पर सरकार ने 5 फीसदी जीएसटी लगाया है, जबकि कमर्शियल सिलेंडर के लिए जीएसटी दर 18 फीसदी है।

जुलाई से सितंबर के दौरान सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) की वृद्धि 6.3 प्रतिशत थी, जो अक्टूबर से दिसंबर के बीच घटकर 4.4 प्रतिशत पर आ गई।

कांग्रेस प्रवक्ता ने कहा, इस अवधि में सकल घरेलू उत्पाद की वृद्धि धीमी क्यों हुई? इसका कारण यह है कि विनिर्माण में नकारात्मक वृद्धि हो रही है, 1.1 प्रतिशत का संकुचन हो रहा है, जबकि निजी खपत भी नहीं बढ़ रही है। पेट्रोल, डीजल और एलपीजी गैस की कीमतें बढ़ रही हैं। हमारे देश के आम लोगों द्वारा उपयोग किए जाने वाले आटा, मसाले, कपड़े आदि जैसी आवश्यक वस्तुओं पर मुद्रास्फीति अधिक है।

–आईएएनएस

एसजीके

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नई दिल्ली, 1 मार्च (आईएएनएस)। कांग्रेस ने मंगलवार को दावा किया कि घरेलू गैस सिलिंडर की कीमतों को नियंत्रण में रखने के लिए यूपीए सरकार ने 10 साल में 2,14,474 करोड़ रुपये की सब्सिडी दी थी।

बुधवार (1 मार्च) से घरेलू रसोई गैस और वाणिज्यिक सिलिंडर की कीमतों में क्रमश: 50 रुपये और 350.50 रुपये प्रति सिलेंडर की बढ़ोतरी के बाद कांग्रेस की यह टिप्पणी आई है।

कांग्रेस ने कहा कि वर्ष 2004-2005 से 2013-2014 तक संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (यूपीए) सरकार के 10 साल के कार्यकाल में घरेलू उपयोग के लिए एलपीजी सिलिंडर पर दी गई कुल सब्सिडी 2,14,474 करोड़ रुपये थी।

कांग्रेस प्रवक्ता गौरव वल्लभ ने यहां एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा, यही कारण था कि घरेलू एलपीजी सिलिंडर की कीमत 500 रुपये को पार नहीं कर पाई। आपको जानकर आश्चर्य होगा कि मोदी सरकार के पिछले नौ वर्षो में मात्र 36,598 करोड़ रुपये की सब्सिडी दी।

नवीनतम बढ़ोतरी के साथ दिल्ली में रसोई गैस की खुदरा कीमत अब 1,103 रुपये प्रति सिलिंडर होगी, जबकि वाणिज्यिक सिलिंडर की कीमत 2,119.50 रुपये होगी।

वल्लभ ने पूछा, आज मार्च के पहले दिन, होली से ठीक सात दिन पहले मोदी सरकार ने हमें एक उपहार दिया है। वह उपहार क्या है? उपहार यह है कि अब देश भर में घरेलू गैस की कीमत 1,100 रुपये प्रति सिलिंडर से अधिक होगी, जबकि वाणिज्यिक गैस सिलिंडर की कीमत प्रति सिलिंडर 2,100 रुपये से अधिक होगी। ऐसा क्यों हुआ? घरेलू गैस सिलिंडर, जिसकी कीमत 2014 से पहले 500 रुपये से कम थी, अब 1,100 रुपये से अधिक हो गई है।

पार्टी ने कहा कि सरकार अब कोई सब्सिडी नहीं दे रही है, बल्कि ऊपर से जीएसटी लगा रही है। घरेलू एलपीजी सिलिंडर पर सरकार ने 5 फीसदी जीएसटी लगाया है, जबकि कमर्शियल सिलेंडर के लिए जीएसटी दर 18 फीसदी है।

जुलाई से सितंबर के दौरान सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) की वृद्धि 6.3 प्रतिशत थी, जो अक्टूबर से दिसंबर के बीच घटकर 4.4 प्रतिशत पर आ गई।

कांग्रेस प्रवक्ता ने कहा, इस अवधि में सकल घरेलू उत्पाद की वृद्धि धीमी क्यों हुई? इसका कारण यह है कि विनिर्माण में नकारात्मक वृद्धि हो रही है, 1.1 प्रतिशत का संकुचन हो रहा है, जबकि निजी खपत भी नहीं बढ़ रही है। पेट्रोल, डीजल और एलपीजी गैस की कीमतें बढ़ रही हैं। हमारे देश के आम लोगों द्वारा उपयोग किए जाने वाले आटा, मसाले, कपड़े आदि जैसी आवश्यक वस्तुओं पर मुद्रास्फीति अधिक है।

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नई दिल्ली, 1 मार्च (आईएएनएस)। कांग्रेस ने मंगलवार को दावा किया कि घरेलू गैस सिलिंडर की कीमतों को नियंत्रण में रखने के लिए यूपीए सरकार ने 10 साल में 2,14,474 करोड़ रुपये की सब्सिडी दी थी।

बुधवार (1 मार्च) से घरेलू रसोई गैस और वाणिज्यिक सिलिंडर की कीमतों में क्रमश: 50 रुपये और 350.50 रुपये प्रति सिलेंडर की बढ़ोतरी के बाद कांग्रेस की यह टिप्पणी आई है।

कांग्रेस ने कहा कि वर्ष 2004-2005 से 2013-2014 तक संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (यूपीए) सरकार के 10 साल के कार्यकाल में घरेलू उपयोग के लिए एलपीजी सिलिंडर पर दी गई कुल सब्सिडी 2,14,474 करोड़ रुपये थी।

कांग्रेस प्रवक्ता गौरव वल्लभ ने यहां एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा, यही कारण था कि घरेलू एलपीजी सिलिंडर की कीमत 500 रुपये को पार नहीं कर पाई। आपको जानकर आश्चर्य होगा कि मोदी सरकार के पिछले नौ वर्षो में मात्र 36,598 करोड़ रुपये की सब्सिडी दी।

नवीनतम बढ़ोतरी के साथ दिल्ली में रसोई गैस की खुदरा कीमत अब 1,103 रुपये प्रति सिलिंडर होगी, जबकि वाणिज्यिक सिलिंडर की कीमत 2,119.50 रुपये होगी।

वल्लभ ने पूछा, आज मार्च के पहले दिन, होली से ठीक सात दिन पहले मोदी सरकार ने हमें एक उपहार दिया है। वह उपहार क्या है? उपहार यह है कि अब देश भर में घरेलू गैस की कीमत 1,100 रुपये प्रति सिलिंडर से अधिक होगी, जबकि वाणिज्यिक गैस सिलिंडर की कीमत प्रति सिलिंडर 2,100 रुपये से अधिक होगी। ऐसा क्यों हुआ? घरेलू गैस सिलिंडर, जिसकी कीमत 2014 से पहले 500 रुपये से कम थी, अब 1,100 रुपये से अधिक हो गई है।

पार्टी ने कहा कि सरकार अब कोई सब्सिडी नहीं दे रही है, बल्कि ऊपर से जीएसटी लगा रही है। घरेलू एलपीजी सिलिंडर पर सरकार ने 5 फीसदी जीएसटी लगाया है, जबकि कमर्शियल सिलेंडर के लिए जीएसटी दर 18 फीसदी है।

जुलाई से सितंबर के दौरान सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) की वृद्धि 6.3 प्रतिशत थी, जो अक्टूबर से दिसंबर के बीच घटकर 4.4 प्रतिशत पर आ गई।

कांग्रेस प्रवक्ता ने कहा, इस अवधि में सकल घरेलू उत्पाद की वृद्धि धीमी क्यों हुई? इसका कारण यह है कि विनिर्माण में नकारात्मक वृद्धि हो रही है, 1.1 प्रतिशत का संकुचन हो रहा है, जबकि निजी खपत भी नहीं बढ़ रही है। पेट्रोल, डीजल और एलपीजी गैस की कीमतें बढ़ रही हैं। हमारे देश के आम लोगों द्वारा उपयोग किए जाने वाले आटा, मसाले, कपड़े आदि जैसी आवश्यक वस्तुओं पर मुद्रास्फीति अधिक है।

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बुधवार (1 मार्च) से घरेलू रसोई गैस और वाणिज्यिक सिलिंडर की कीमतों में क्रमश: 50 रुपये और 350.50 रुपये प्रति सिलेंडर की बढ़ोतरी के बाद कांग्रेस की यह टिप्पणी आई है।

कांग्रेस ने कहा कि वर्ष 2004-2005 से 2013-2014 तक संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (यूपीए) सरकार के 10 साल के कार्यकाल में घरेलू उपयोग के लिए एलपीजी सिलिंडर पर दी गई कुल सब्सिडी 2,14,474 करोड़ रुपये थी।

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नवीनतम बढ़ोतरी के साथ दिल्ली में रसोई गैस की खुदरा कीमत अब 1,103 रुपये प्रति सिलिंडर होगी, जबकि वाणिज्यिक सिलिंडर की कीमत 2,119.50 रुपये होगी।

वल्लभ ने पूछा, आज मार्च के पहले दिन, होली से ठीक सात दिन पहले मोदी सरकार ने हमें एक उपहार दिया है। वह उपहार क्या है? उपहार यह है कि अब देश भर में घरेलू गैस की कीमत 1,100 रुपये प्रति सिलिंडर से अधिक होगी, जबकि वाणिज्यिक गैस सिलिंडर की कीमत प्रति सिलिंडर 2,100 रुपये से अधिक होगी। ऐसा क्यों हुआ? घरेलू गैस सिलिंडर, जिसकी कीमत 2014 से पहले 500 रुपये से कम थी, अब 1,100 रुपये से अधिक हो गई है।

पार्टी ने कहा कि सरकार अब कोई सब्सिडी नहीं दे रही है, बल्कि ऊपर से जीएसटी लगा रही है। घरेलू एलपीजी सिलिंडर पर सरकार ने 5 फीसदी जीएसटी लगाया है, जबकि कमर्शियल सिलेंडर के लिए जीएसटी दर 18 फीसदी है।

जुलाई से सितंबर के दौरान सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) की वृद्धि 6.3 प्रतिशत थी, जो अक्टूबर से दिसंबर के बीच घटकर 4.4 प्रतिशत पर आ गई।

कांग्रेस प्रवक्ता ने कहा, इस अवधि में सकल घरेलू उत्पाद की वृद्धि धीमी क्यों हुई? इसका कारण यह है कि विनिर्माण में नकारात्मक वृद्धि हो रही है, 1.1 प्रतिशत का संकुचन हो रहा है, जबकि निजी खपत भी नहीं बढ़ रही है। पेट्रोल, डीजल और एलपीजी गैस की कीमतें बढ़ रही हैं। हमारे देश के आम लोगों द्वारा उपयोग किए जाने वाले आटा, मसाले, कपड़े आदि जैसी आवश्यक वस्तुओं पर मुद्रास्फीति अधिक है।

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बुधवार (1 मार्च) से घरेलू रसोई गैस और वाणिज्यिक सिलिंडर की कीमतों में क्रमश: 50 रुपये और 350.50 रुपये प्रति सिलेंडर की बढ़ोतरी के बाद कांग्रेस की यह टिप्पणी आई है।

कांग्रेस ने कहा कि वर्ष 2004-2005 से 2013-2014 तक संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (यूपीए) सरकार के 10 साल के कार्यकाल में घरेलू उपयोग के लिए एलपीजी सिलिंडर पर दी गई कुल सब्सिडी 2,14,474 करोड़ रुपये थी।

कांग्रेस प्रवक्ता गौरव वल्लभ ने यहां एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा, यही कारण था कि घरेलू एलपीजी सिलिंडर की कीमत 500 रुपये को पार नहीं कर पाई। आपको जानकर आश्चर्य होगा कि मोदी सरकार के पिछले नौ वर्षो में मात्र 36,598 करोड़ रुपये की सब्सिडी दी।

नवीनतम बढ़ोतरी के साथ दिल्ली में रसोई गैस की खुदरा कीमत अब 1,103 रुपये प्रति सिलिंडर होगी, जबकि वाणिज्यिक सिलिंडर की कीमत 2,119.50 रुपये होगी।

वल्लभ ने पूछा, आज मार्च के पहले दिन, होली से ठीक सात दिन पहले मोदी सरकार ने हमें एक उपहार दिया है। वह उपहार क्या है? उपहार यह है कि अब देश भर में घरेलू गैस की कीमत 1,100 रुपये प्रति सिलिंडर से अधिक होगी, जबकि वाणिज्यिक गैस सिलिंडर की कीमत प्रति सिलिंडर 2,100 रुपये से अधिक होगी। ऐसा क्यों हुआ? घरेलू गैस सिलिंडर, जिसकी कीमत 2014 से पहले 500 रुपये से कम थी, अब 1,100 रुपये से अधिक हो गई है।

पार्टी ने कहा कि सरकार अब कोई सब्सिडी नहीं दे रही है, बल्कि ऊपर से जीएसटी लगा रही है। घरेलू एलपीजी सिलिंडर पर सरकार ने 5 फीसदी जीएसटी लगाया है, जबकि कमर्शियल सिलेंडर के लिए जीएसटी दर 18 फीसदी है।

जुलाई से सितंबर के दौरान सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) की वृद्धि 6.3 प्रतिशत थी, जो अक्टूबर से दिसंबर के बीच घटकर 4.4 प्रतिशत पर आ गई।

कांग्रेस प्रवक्ता ने कहा, इस अवधि में सकल घरेलू उत्पाद की वृद्धि धीमी क्यों हुई? इसका कारण यह है कि विनिर्माण में नकारात्मक वृद्धि हो रही है, 1.1 प्रतिशत का संकुचन हो रहा है, जबकि निजी खपत भी नहीं बढ़ रही है। पेट्रोल, डीजल और एलपीजी गैस की कीमतें बढ़ रही हैं। हमारे देश के आम लोगों द्वारा उपयोग किए जाने वाले आटा, मसाले, कपड़े आदि जैसी आवश्यक वस्तुओं पर मुद्रास्फीति अधिक है।

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बुधवार (1 मार्च) से घरेलू रसोई गैस और वाणिज्यिक सिलिंडर की कीमतों में क्रमश: 50 रुपये और 350.50 रुपये प्रति सिलेंडर की बढ़ोतरी के बाद कांग्रेस की यह टिप्पणी आई है।

कांग्रेस ने कहा कि वर्ष 2004-2005 से 2013-2014 तक संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (यूपीए) सरकार के 10 साल के कार्यकाल में घरेलू उपयोग के लिए एलपीजी सिलिंडर पर दी गई कुल सब्सिडी 2,14,474 करोड़ रुपये थी।

कांग्रेस प्रवक्ता गौरव वल्लभ ने यहां एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा, यही कारण था कि घरेलू एलपीजी सिलिंडर की कीमत 500 रुपये को पार नहीं कर पाई। आपको जानकर आश्चर्य होगा कि मोदी सरकार के पिछले नौ वर्षो में मात्र 36,598 करोड़ रुपये की सब्सिडी दी।

नवीनतम बढ़ोतरी के साथ दिल्ली में रसोई गैस की खुदरा कीमत अब 1,103 रुपये प्रति सिलिंडर होगी, जबकि वाणिज्यिक सिलिंडर की कीमत 2,119.50 रुपये होगी।

वल्लभ ने पूछा, आज मार्च के पहले दिन, होली से ठीक सात दिन पहले मोदी सरकार ने हमें एक उपहार दिया है। वह उपहार क्या है? उपहार यह है कि अब देश भर में घरेलू गैस की कीमत 1,100 रुपये प्रति सिलिंडर से अधिक होगी, जबकि वाणिज्यिक गैस सिलिंडर की कीमत प्रति सिलिंडर 2,100 रुपये से अधिक होगी। ऐसा क्यों हुआ? घरेलू गैस सिलिंडर, जिसकी कीमत 2014 से पहले 500 रुपये से कम थी, अब 1,100 रुपये से अधिक हो गई है।

पार्टी ने कहा कि सरकार अब कोई सब्सिडी नहीं दे रही है, बल्कि ऊपर से जीएसटी लगा रही है। घरेलू एलपीजी सिलिंडर पर सरकार ने 5 फीसदी जीएसटी लगाया है, जबकि कमर्शियल सिलेंडर के लिए जीएसटी दर 18 फीसदी है।

जुलाई से सितंबर के दौरान सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) की वृद्धि 6.3 प्रतिशत थी, जो अक्टूबर से दिसंबर के बीच घटकर 4.4 प्रतिशत पर आ गई।

कांग्रेस प्रवक्ता ने कहा, इस अवधि में सकल घरेलू उत्पाद की वृद्धि धीमी क्यों हुई? इसका कारण यह है कि विनिर्माण में नकारात्मक वृद्धि हो रही है, 1.1 प्रतिशत का संकुचन हो रहा है, जबकि निजी खपत भी नहीं बढ़ रही है। पेट्रोल, डीजल और एलपीजी गैस की कीमतें बढ़ रही हैं। हमारे देश के आम लोगों द्वारा उपयोग किए जाने वाले आटा, मसाले, कपड़े आदि जैसी आवश्यक वस्तुओं पर मुद्रास्फीति अधिक है।

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बुधवार (1 मार्च) से घरेलू रसोई गैस और वाणिज्यिक सिलिंडर की कीमतों में क्रमश: 50 रुपये और 350.50 रुपये प्रति सिलेंडर की बढ़ोतरी के बाद कांग्रेस की यह टिप्पणी आई है।

कांग्रेस ने कहा कि वर्ष 2004-2005 से 2013-2014 तक संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (यूपीए) सरकार के 10 साल के कार्यकाल में घरेलू उपयोग के लिए एलपीजी सिलिंडर पर दी गई कुल सब्सिडी 2,14,474 करोड़ रुपये थी।

कांग्रेस प्रवक्ता गौरव वल्लभ ने यहां एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा, यही कारण था कि घरेलू एलपीजी सिलिंडर की कीमत 500 रुपये को पार नहीं कर पाई। आपको जानकर आश्चर्य होगा कि मोदी सरकार के पिछले नौ वर्षो में मात्र 36,598 करोड़ रुपये की सब्सिडी दी।

नवीनतम बढ़ोतरी के साथ दिल्ली में रसोई गैस की खुदरा कीमत अब 1,103 रुपये प्रति सिलिंडर होगी, जबकि वाणिज्यिक सिलिंडर की कीमत 2,119.50 रुपये होगी।

वल्लभ ने पूछा, आज मार्च के पहले दिन, होली से ठीक सात दिन पहले मोदी सरकार ने हमें एक उपहार दिया है। वह उपहार क्या है? उपहार यह है कि अब देश भर में घरेलू गैस की कीमत 1,100 रुपये प्रति सिलिंडर से अधिक होगी, जबकि वाणिज्यिक गैस सिलिंडर की कीमत प्रति सिलिंडर 2,100 रुपये से अधिक होगी। ऐसा क्यों हुआ? घरेलू गैस सिलिंडर, जिसकी कीमत 2014 से पहले 500 रुपये से कम थी, अब 1,100 रुपये से अधिक हो गई है।

पार्टी ने कहा कि सरकार अब कोई सब्सिडी नहीं दे रही है, बल्कि ऊपर से जीएसटी लगा रही है। घरेलू एलपीजी सिलिंडर पर सरकार ने 5 फीसदी जीएसटी लगाया है, जबकि कमर्शियल सिलेंडर के लिए जीएसटी दर 18 फीसदी है।

जुलाई से सितंबर के दौरान सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) की वृद्धि 6.3 प्रतिशत थी, जो अक्टूबर से दिसंबर के बीच घटकर 4.4 प्रतिशत पर आ गई।

कांग्रेस प्रवक्ता ने कहा, इस अवधि में सकल घरेलू उत्पाद की वृद्धि धीमी क्यों हुई? इसका कारण यह है कि विनिर्माण में नकारात्मक वृद्धि हो रही है, 1.1 प्रतिशत का संकुचन हो रहा है, जबकि निजी खपत भी नहीं बढ़ रही है। पेट्रोल, डीजल और एलपीजी गैस की कीमतें बढ़ रही हैं। हमारे देश के आम लोगों द्वारा उपयोग किए जाने वाले आटा, मसाले, कपड़े आदि जैसी आवश्यक वस्तुओं पर मुद्रास्फीति अधिक है।

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बुधवार (1 मार्च) से घरेलू रसोई गैस और वाणिज्यिक सिलिंडर की कीमतों में क्रमश: 50 रुपये और 350.50 रुपये प्रति सिलेंडर की बढ़ोतरी के बाद कांग्रेस की यह टिप्पणी आई है।

कांग्रेस ने कहा कि वर्ष 2004-2005 से 2013-2014 तक संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (यूपीए) सरकार के 10 साल के कार्यकाल में घरेलू उपयोग के लिए एलपीजी सिलिंडर पर दी गई कुल सब्सिडी 2,14,474 करोड़ रुपये थी।

कांग्रेस प्रवक्ता गौरव वल्लभ ने यहां एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा, यही कारण था कि घरेलू एलपीजी सिलिंडर की कीमत 500 रुपये को पार नहीं कर पाई। आपको जानकर आश्चर्य होगा कि मोदी सरकार के पिछले नौ वर्षो में मात्र 36,598 करोड़ रुपये की सब्सिडी दी।

नवीनतम बढ़ोतरी के साथ दिल्ली में रसोई गैस की खुदरा कीमत अब 1,103 रुपये प्रति सिलिंडर होगी, जबकि वाणिज्यिक सिलिंडर की कीमत 2,119.50 रुपये होगी।

वल्लभ ने पूछा, आज मार्च के पहले दिन, होली से ठीक सात दिन पहले मोदी सरकार ने हमें एक उपहार दिया है। वह उपहार क्या है? उपहार यह है कि अब देश भर में घरेलू गैस की कीमत 1,100 रुपये प्रति सिलिंडर से अधिक होगी, जबकि वाणिज्यिक गैस सिलिंडर की कीमत प्रति सिलिंडर 2,100 रुपये से अधिक होगी। ऐसा क्यों हुआ? घरेलू गैस सिलिंडर, जिसकी कीमत 2014 से पहले 500 रुपये से कम थी, अब 1,100 रुपये से अधिक हो गई है।

पार्टी ने कहा कि सरकार अब कोई सब्सिडी नहीं दे रही है, बल्कि ऊपर से जीएसटी लगा रही है। घरेलू एलपीजी सिलिंडर पर सरकार ने 5 फीसदी जीएसटी लगाया है, जबकि कमर्शियल सिलेंडर के लिए जीएसटी दर 18 फीसदी है।

जुलाई से सितंबर के दौरान सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) की वृद्धि 6.3 प्रतिशत थी, जो अक्टूबर से दिसंबर के बीच घटकर 4.4 प्रतिशत पर आ गई।

कांग्रेस प्रवक्ता ने कहा, इस अवधि में सकल घरेलू उत्पाद की वृद्धि धीमी क्यों हुई? इसका कारण यह है कि विनिर्माण में नकारात्मक वृद्धि हो रही है, 1.1 प्रतिशत का संकुचन हो रहा है, जबकि निजी खपत भी नहीं बढ़ रही है। पेट्रोल, डीजल और एलपीजी गैस की कीमतें बढ़ रही हैं। हमारे देश के आम लोगों द्वारा उपयोग किए जाने वाले आटा, मसाले, कपड़े आदि जैसी आवश्यक वस्तुओं पर मुद्रास्फीति अधिक है।

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