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यूपी के स्कूलों को 2000 करोड़ रुपये से किया जाएगा अपग्रेड

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March 13, 2023
in राष्ट्रीय
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यूपी के स्कूलों को 2000 करोड़ रुपये से किया जाएगा अपग्रेड
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लखनऊ, 13 मार्च (आईएएनएस)। उत्तर प्रदेश सरकार 2,000 करोड़ रुपये की लागत से राज्य के सरकारी प्राथमिक और उच्च प्राथमिक विद्यालयों का उन्नयन करेगी। सरकारी प्रवक्ता के अनुसार मुख्यमंत्री अभ्युदय योजना के तहत बेसिक शिक्षा विभाग के प्रत्येक विकास खंड (कुल 880 प्राथमिक एवं उच्च प्राथमिक विद्यालय) को विकसित करने पर 1000 करोड़ रुपये खर्च किये जायेंगे।

सरकार की मंशा अगले तीन वर्षों में लगभग 4,000 (प्रत्येक विकास खंड में 4-5) अभ्युदय समग्र विद्यालयों को विकसित करने की है।

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इसके लिए बेसिक शिक्षा विभाग ने कार्ययोजना तैयार कर ली है, जिस पर कार्रवाई की जा रही है।

इन स्कूलों को प्री-प्राइमरी से कक्षा 8 में अपग्रेड कर राज्य सरकार न केवल हर छात्र को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा देना चाहती है, बल्कि छात्रों के कौशल विकास के लिए स्कूलों को सभी सुविधाओं से लैस करना चाहती है।

महानिदेशक स्कूली शिक्षा विजय किरण आनंद ने कहा कि इन स्कूलों को निर्धारित मानकों के अनुरूप क्रमोन्नत कर मुख्यमंत्री अभ्युदय कम्पोजिट स्कूल का दर्जा दिया जाएगा।

उन्होंने कहा, लगभग 1.42 करोड़ रुपये की राशि से प्रत्येक संयुक्त विद्यालय में अधोसंरचना सुविधाओं के उन्नयन का प्रावधान किया गया है। इस प्रकार प्रथम चरण में लगभग 704 परिषदीय विद्यालयों को मुख्यमंत्री अभ्युदय समग्र विद्यालय के रूप में क्रमोन्नत किया जायेगा।

इन स्कूलों को राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 के तहत बच्चों के समावेशी और कौशल विकास के लिए विशेष रूप से प्रोत्साहित किया जाएगा।

इन विद्यालयों के उन्नयन के बाद प्री-प्राइमरी से कक्षा 8 तक प्रति कक्षा अलग-अलग कक्षाओं की व्यवस्था सुनिश्चित की जायेगी। प्रत्येक विद्यालय को लगभग 450 विद्यार्थियों की क्षमता का विकसित किया जायेगा।

–आईएएनएस

सीबीटी

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लखनऊ, 13 मार्च (आईएएनएस)। उत्तर प्रदेश सरकार 2,000 करोड़ रुपये की लागत से राज्य के सरकारी प्राथमिक और उच्च प्राथमिक विद्यालयों का उन्नयन करेगी। सरकारी प्रवक्ता के अनुसार मुख्यमंत्री अभ्युदय योजना के तहत बेसिक शिक्षा विभाग के प्रत्येक विकास खंड (कुल 880 प्राथमिक एवं उच्च प्राथमिक विद्यालय) को विकसित करने पर 1000 करोड़ रुपये खर्च किये जायेंगे।

सरकार की मंशा अगले तीन वर्षों में लगभग 4,000 (प्रत्येक विकास खंड में 4-5) अभ्युदय समग्र विद्यालयों को विकसित करने की है।

इसके लिए बेसिक शिक्षा विभाग ने कार्ययोजना तैयार कर ली है, जिस पर कार्रवाई की जा रही है।

इन स्कूलों को प्री-प्राइमरी से कक्षा 8 में अपग्रेड कर राज्य सरकार न केवल हर छात्र को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा देना चाहती है, बल्कि छात्रों के कौशल विकास के लिए स्कूलों को सभी सुविधाओं से लैस करना चाहती है।

महानिदेशक स्कूली शिक्षा विजय किरण आनंद ने कहा कि इन स्कूलों को निर्धारित मानकों के अनुरूप क्रमोन्नत कर मुख्यमंत्री अभ्युदय कम्पोजिट स्कूल का दर्जा दिया जाएगा।

उन्होंने कहा, लगभग 1.42 करोड़ रुपये की राशि से प्रत्येक संयुक्त विद्यालय में अधोसंरचना सुविधाओं के उन्नयन का प्रावधान किया गया है। इस प्रकार प्रथम चरण में लगभग 704 परिषदीय विद्यालयों को मुख्यमंत्री अभ्युदय समग्र विद्यालय के रूप में क्रमोन्नत किया जायेगा।

इन स्कूलों को राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 के तहत बच्चों के समावेशी और कौशल विकास के लिए विशेष रूप से प्रोत्साहित किया जाएगा।

इन विद्यालयों के उन्नयन के बाद प्री-प्राइमरी से कक्षा 8 तक प्रति कक्षा अलग-अलग कक्षाओं की व्यवस्था सुनिश्चित की जायेगी। प्रत्येक विद्यालय को लगभग 450 विद्यार्थियों की क्षमता का विकसित किया जायेगा।

–आईएएनएस

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लखनऊ, 13 मार्च (आईएएनएस)। उत्तर प्रदेश सरकार 2,000 करोड़ रुपये की लागत से राज्य के सरकारी प्राथमिक और उच्च प्राथमिक विद्यालयों का उन्नयन करेगी। सरकारी प्रवक्ता के अनुसार मुख्यमंत्री अभ्युदय योजना के तहत बेसिक शिक्षा विभाग के प्रत्येक विकास खंड (कुल 880 प्राथमिक एवं उच्च प्राथमिक विद्यालय) को विकसित करने पर 1000 करोड़ रुपये खर्च किये जायेंगे।

सरकार की मंशा अगले तीन वर्षों में लगभग 4,000 (प्रत्येक विकास खंड में 4-5) अभ्युदय समग्र विद्यालयों को विकसित करने की है।

इसके लिए बेसिक शिक्षा विभाग ने कार्ययोजना तैयार कर ली है, जिस पर कार्रवाई की जा रही है।

इन स्कूलों को प्री-प्राइमरी से कक्षा 8 में अपग्रेड कर राज्य सरकार न केवल हर छात्र को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा देना चाहती है, बल्कि छात्रों के कौशल विकास के लिए स्कूलों को सभी सुविधाओं से लैस करना चाहती है।

महानिदेशक स्कूली शिक्षा विजय किरण आनंद ने कहा कि इन स्कूलों को निर्धारित मानकों के अनुरूप क्रमोन्नत कर मुख्यमंत्री अभ्युदय कम्पोजिट स्कूल का दर्जा दिया जाएगा।

उन्होंने कहा, लगभग 1.42 करोड़ रुपये की राशि से प्रत्येक संयुक्त विद्यालय में अधोसंरचना सुविधाओं के उन्नयन का प्रावधान किया गया है। इस प्रकार प्रथम चरण में लगभग 704 परिषदीय विद्यालयों को मुख्यमंत्री अभ्युदय समग्र विद्यालय के रूप में क्रमोन्नत किया जायेगा।

इन स्कूलों को राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 के तहत बच्चों के समावेशी और कौशल विकास के लिए विशेष रूप से प्रोत्साहित किया जाएगा।

इन विद्यालयों के उन्नयन के बाद प्री-प्राइमरी से कक्षा 8 तक प्रति कक्षा अलग-अलग कक्षाओं की व्यवस्था सुनिश्चित की जायेगी। प्रत्येक विद्यालय को लगभग 450 विद्यार्थियों की क्षमता का विकसित किया जायेगा।

–आईएएनएस

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सरकार की मंशा अगले तीन वर्षों में लगभग 4,000 (प्रत्येक विकास खंड में 4-5) अभ्युदय समग्र विद्यालयों को विकसित करने की है।

इसके लिए बेसिक शिक्षा विभाग ने कार्ययोजना तैयार कर ली है, जिस पर कार्रवाई की जा रही है।

इन स्कूलों को प्री-प्राइमरी से कक्षा 8 में अपग्रेड कर राज्य सरकार न केवल हर छात्र को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा देना चाहती है, बल्कि छात्रों के कौशल विकास के लिए स्कूलों को सभी सुविधाओं से लैस करना चाहती है।

महानिदेशक स्कूली शिक्षा विजय किरण आनंद ने कहा कि इन स्कूलों को निर्धारित मानकों के अनुरूप क्रमोन्नत कर मुख्यमंत्री अभ्युदय कम्पोजिट स्कूल का दर्जा दिया जाएगा।

उन्होंने कहा, लगभग 1.42 करोड़ रुपये की राशि से प्रत्येक संयुक्त विद्यालय में अधोसंरचना सुविधाओं के उन्नयन का प्रावधान किया गया है। इस प्रकार प्रथम चरण में लगभग 704 परिषदीय विद्यालयों को मुख्यमंत्री अभ्युदय समग्र विद्यालय के रूप में क्रमोन्नत किया जायेगा।

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इन विद्यालयों के उन्नयन के बाद प्री-प्राइमरी से कक्षा 8 तक प्रति कक्षा अलग-अलग कक्षाओं की व्यवस्था सुनिश्चित की जायेगी। प्रत्येक विद्यालय को लगभग 450 विद्यार्थियों की क्षमता का विकसित किया जायेगा।

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सरकार की मंशा अगले तीन वर्षों में लगभग 4,000 (प्रत्येक विकास खंड में 4-5) अभ्युदय समग्र विद्यालयों को विकसित करने की है।

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इन स्कूलों को राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 के तहत बच्चों के समावेशी और कौशल विकास के लिए विशेष रूप से प्रोत्साहित किया जाएगा।

इन विद्यालयों के उन्नयन के बाद प्री-प्राइमरी से कक्षा 8 तक प्रति कक्षा अलग-अलग कक्षाओं की व्यवस्था सुनिश्चित की जायेगी। प्रत्येक विद्यालय को लगभग 450 विद्यार्थियों की क्षमता का विकसित किया जायेगा।

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सरकार की मंशा अगले तीन वर्षों में लगभग 4,000 (प्रत्येक विकास खंड में 4-5) अभ्युदय समग्र विद्यालयों को विकसित करने की है।

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इन स्कूलों को प्री-प्राइमरी से कक्षा 8 में अपग्रेड कर राज्य सरकार न केवल हर छात्र को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा देना चाहती है, बल्कि छात्रों के कौशल विकास के लिए स्कूलों को सभी सुविधाओं से लैस करना चाहती है।

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उन्होंने कहा, लगभग 1.42 करोड़ रुपये की राशि से प्रत्येक संयुक्त विद्यालय में अधोसंरचना सुविधाओं के उन्नयन का प्रावधान किया गया है। इस प्रकार प्रथम चरण में लगभग 704 परिषदीय विद्यालयों को मुख्यमंत्री अभ्युदय समग्र विद्यालय के रूप में क्रमोन्नत किया जायेगा।

इन स्कूलों को राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 के तहत बच्चों के समावेशी और कौशल विकास के लिए विशेष रूप से प्रोत्साहित किया जाएगा।

इन विद्यालयों के उन्नयन के बाद प्री-प्राइमरी से कक्षा 8 तक प्रति कक्षा अलग-अलग कक्षाओं की व्यवस्था सुनिश्चित की जायेगी। प्रत्येक विद्यालय को लगभग 450 विद्यार्थियों की क्षमता का विकसित किया जायेगा।

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इन स्कूलों को राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 के तहत बच्चों के समावेशी और कौशल विकास के लिए विशेष रूप से प्रोत्साहित किया जाएगा।

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इन स्कूलों को प्री-प्राइमरी से कक्षा 8 में अपग्रेड कर राज्य सरकार न केवल हर छात्र को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा देना चाहती है, बल्कि छात्रों के कौशल विकास के लिए स्कूलों को सभी सुविधाओं से लैस करना चाहती है।

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इन विद्यालयों के उन्नयन के बाद प्री-प्राइमरी से कक्षा 8 तक प्रति कक्षा अलग-अलग कक्षाओं की व्यवस्था सुनिश्चित की जायेगी। प्रत्येक विद्यालय को लगभग 450 विद्यार्थियों की क्षमता का विकसित किया जायेगा।

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सरकार की मंशा अगले तीन वर्षों में लगभग 4,000 (प्रत्येक विकास खंड में 4-5) अभ्युदय समग्र विद्यालयों को विकसित करने की है।

इसके लिए बेसिक शिक्षा विभाग ने कार्ययोजना तैयार कर ली है, जिस पर कार्रवाई की जा रही है।

इन स्कूलों को प्री-प्राइमरी से कक्षा 8 में अपग्रेड कर राज्य सरकार न केवल हर छात्र को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा देना चाहती है, बल्कि छात्रों के कौशल विकास के लिए स्कूलों को सभी सुविधाओं से लैस करना चाहती है।

महानिदेशक स्कूली शिक्षा विजय किरण आनंद ने कहा कि इन स्कूलों को निर्धारित मानकों के अनुरूप क्रमोन्नत कर मुख्यमंत्री अभ्युदय कम्पोजिट स्कूल का दर्जा दिया जाएगा।

उन्होंने कहा, लगभग 1.42 करोड़ रुपये की राशि से प्रत्येक संयुक्त विद्यालय में अधोसंरचना सुविधाओं के उन्नयन का प्रावधान किया गया है। इस प्रकार प्रथम चरण में लगभग 704 परिषदीय विद्यालयों को मुख्यमंत्री अभ्युदय समग्र विद्यालय के रूप में क्रमोन्नत किया जायेगा।

इन स्कूलों को राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 के तहत बच्चों के समावेशी और कौशल विकास के लिए विशेष रूप से प्रोत्साहित किया जाएगा।

इन विद्यालयों के उन्नयन के बाद प्री-प्राइमरी से कक्षा 8 तक प्रति कक्षा अलग-अलग कक्षाओं की व्यवस्था सुनिश्चित की जायेगी। प्रत्येक विद्यालय को लगभग 450 विद्यार्थियों की क्षमता का विकसित किया जायेगा।

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सरकार की मंशा अगले तीन वर्षों में लगभग 4,000 (प्रत्येक विकास खंड में 4-5) अभ्युदय समग्र विद्यालयों को विकसित करने की है।

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इन स्कूलों को प्री-प्राइमरी से कक्षा 8 में अपग्रेड कर राज्य सरकार न केवल हर छात्र को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा देना चाहती है, बल्कि छात्रों के कौशल विकास के लिए स्कूलों को सभी सुविधाओं से लैस करना चाहती है।

महानिदेशक स्कूली शिक्षा विजय किरण आनंद ने कहा कि इन स्कूलों को निर्धारित मानकों के अनुरूप क्रमोन्नत कर मुख्यमंत्री अभ्युदय कम्पोजिट स्कूल का दर्जा दिया जाएगा।

उन्होंने कहा, लगभग 1.42 करोड़ रुपये की राशि से प्रत्येक संयुक्त विद्यालय में अधोसंरचना सुविधाओं के उन्नयन का प्रावधान किया गया है। इस प्रकार प्रथम चरण में लगभग 704 परिषदीय विद्यालयों को मुख्यमंत्री अभ्युदय समग्र विद्यालय के रूप में क्रमोन्नत किया जायेगा।

इन स्कूलों को राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 के तहत बच्चों के समावेशी और कौशल विकास के लिए विशेष रूप से प्रोत्साहित किया जाएगा।

इन विद्यालयों के उन्नयन के बाद प्री-प्राइमरी से कक्षा 8 तक प्रति कक्षा अलग-अलग कक्षाओं की व्यवस्था सुनिश्चित की जायेगी। प्रत्येक विद्यालय को लगभग 450 विद्यार्थियों की क्षमता का विकसित किया जायेगा।

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सरकार की मंशा अगले तीन वर्षों में लगभग 4,000 (प्रत्येक विकास खंड में 4-5) अभ्युदय समग्र विद्यालयों को विकसित करने की है।

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महानिदेशक स्कूली शिक्षा विजय किरण आनंद ने कहा कि इन स्कूलों को निर्धारित मानकों के अनुरूप क्रमोन्नत कर मुख्यमंत्री अभ्युदय कम्पोजिट स्कूल का दर्जा दिया जाएगा।

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सरकार की मंशा अगले तीन वर्षों में लगभग 4,000 (प्रत्येक विकास खंड में 4-5) अभ्युदय समग्र विद्यालयों को विकसित करने की है।

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इन स्कूलों को प्री-प्राइमरी से कक्षा 8 में अपग्रेड कर राज्य सरकार न केवल हर छात्र को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा देना चाहती है, बल्कि छात्रों के कौशल विकास के लिए स्कूलों को सभी सुविधाओं से लैस करना चाहती है।

महानिदेशक स्कूली शिक्षा विजय किरण आनंद ने कहा कि इन स्कूलों को निर्धारित मानकों के अनुरूप क्रमोन्नत कर मुख्यमंत्री अभ्युदय कम्पोजिट स्कूल का दर्जा दिया जाएगा।

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इन स्कूलों को राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 के तहत बच्चों के समावेशी और कौशल विकास के लिए विशेष रूप से प्रोत्साहित किया जाएगा।

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लखनऊ, 13 मार्च (आईएएनएस)। उत्तर प्रदेश सरकार 2,000 करोड़ रुपये की लागत से राज्य के सरकारी प्राथमिक और उच्च प्राथमिक विद्यालयों का उन्नयन करेगी। सरकारी प्रवक्ता के अनुसार मुख्यमंत्री अभ्युदय योजना के तहत बेसिक शिक्षा विभाग के प्रत्येक विकास खंड (कुल 880 प्राथमिक एवं उच्च प्राथमिक विद्यालय) को विकसित करने पर 1000 करोड़ रुपये खर्च किये जायेंगे।

सरकार की मंशा अगले तीन वर्षों में लगभग 4,000 (प्रत्येक विकास खंड में 4-5) अभ्युदय समग्र विद्यालयों को विकसित करने की है।

इसके लिए बेसिक शिक्षा विभाग ने कार्ययोजना तैयार कर ली है, जिस पर कार्रवाई की जा रही है।

इन स्कूलों को प्री-प्राइमरी से कक्षा 8 में अपग्रेड कर राज्य सरकार न केवल हर छात्र को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा देना चाहती है, बल्कि छात्रों के कौशल विकास के लिए स्कूलों को सभी सुविधाओं से लैस करना चाहती है।

महानिदेशक स्कूली शिक्षा विजय किरण आनंद ने कहा कि इन स्कूलों को निर्धारित मानकों के अनुरूप क्रमोन्नत कर मुख्यमंत्री अभ्युदय कम्पोजिट स्कूल का दर्जा दिया जाएगा।

उन्होंने कहा, लगभग 1.42 करोड़ रुपये की राशि से प्रत्येक संयुक्त विद्यालय में अधोसंरचना सुविधाओं के उन्नयन का प्रावधान किया गया है। इस प्रकार प्रथम चरण में लगभग 704 परिषदीय विद्यालयों को मुख्यमंत्री अभ्युदय समग्र विद्यालय के रूप में क्रमोन्नत किया जायेगा।

इन स्कूलों को राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 के तहत बच्चों के समावेशी और कौशल विकास के लिए विशेष रूप से प्रोत्साहित किया जाएगा।

इन विद्यालयों के उन्नयन के बाद प्री-प्राइमरी से कक्षा 8 तक प्रति कक्षा अलग-अलग कक्षाओं की व्यवस्था सुनिश्चित की जायेगी। प्रत्येक विद्यालय को लगभग 450 विद्यार्थियों की क्षमता का विकसित किया जायेगा।

–आईएएनएस

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लखनऊ, 13 मार्च (आईएएनएस)। उत्तर प्रदेश सरकार 2,000 करोड़ रुपये की लागत से राज्य के सरकारी प्राथमिक और उच्च प्राथमिक विद्यालयों का उन्नयन करेगी। सरकारी प्रवक्ता के अनुसार मुख्यमंत्री अभ्युदय योजना के तहत बेसिक शिक्षा विभाग के प्रत्येक विकास खंड (कुल 880 प्राथमिक एवं उच्च प्राथमिक विद्यालय) को विकसित करने पर 1000 करोड़ रुपये खर्च किये जायेंगे।

सरकार की मंशा अगले तीन वर्षों में लगभग 4,000 (प्रत्येक विकास खंड में 4-5) अभ्युदय समग्र विद्यालयों को विकसित करने की है।

इसके लिए बेसिक शिक्षा विभाग ने कार्ययोजना तैयार कर ली है, जिस पर कार्रवाई की जा रही है।

इन स्कूलों को प्री-प्राइमरी से कक्षा 8 में अपग्रेड कर राज्य सरकार न केवल हर छात्र को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा देना चाहती है, बल्कि छात्रों के कौशल विकास के लिए स्कूलों को सभी सुविधाओं से लैस करना चाहती है।

महानिदेशक स्कूली शिक्षा विजय किरण आनंद ने कहा कि इन स्कूलों को निर्धारित मानकों के अनुरूप क्रमोन्नत कर मुख्यमंत्री अभ्युदय कम्पोजिट स्कूल का दर्जा दिया जाएगा।

उन्होंने कहा, लगभग 1.42 करोड़ रुपये की राशि से प्रत्येक संयुक्त विद्यालय में अधोसंरचना सुविधाओं के उन्नयन का प्रावधान किया गया है। इस प्रकार प्रथम चरण में लगभग 704 परिषदीय विद्यालयों को मुख्यमंत्री अभ्युदय समग्र विद्यालय के रूप में क्रमोन्नत किया जायेगा।

इन स्कूलों को राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 के तहत बच्चों के समावेशी और कौशल विकास के लिए विशेष रूप से प्रोत्साहित किया जाएगा।

इन विद्यालयों के उन्नयन के बाद प्री-प्राइमरी से कक्षा 8 तक प्रति कक्षा अलग-अलग कक्षाओं की व्यवस्था सुनिश्चित की जायेगी। प्रत्येक विद्यालय को लगभग 450 विद्यार्थियों की क्षमता का विकसित किया जायेगा।

–आईएएनएस

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लखनऊ, 13 मार्च (आईएएनएस)। उत्तर प्रदेश सरकार 2,000 करोड़ रुपये की लागत से राज्य के सरकारी प्राथमिक और उच्च प्राथमिक विद्यालयों का उन्नयन करेगी। सरकारी प्रवक्ता के अनुसार मुख्यमंत्री अभ्युदय योजना के तहत बेसिक शिक्षा विभाग के प्रत्येक विकास खंड (कुल 880 प्राथमिक एवं उच्च प्राथमिक विद्यालय) को विकसित करने पर 1000 करोड़ रुपये खर्च किये जायेंगे।

सरकार की मंशा अगले तीन वर्षों में लगभग 4,000 (प्रत्येक विकास खंड में 4-5) अभ्युदय समग्र विद्यालयों को विकसित करने की है।

इसके लिए बेसिक शिक्षा विभाग ने कार्ययोजना तैयार कर ली है, जिस पर कार्रवाई की जा रही है।

इन स्कूलों को प्री-प्राइमरी से कक्षा 8 में अपग्रेड कर राज्य सरकार न केवल हर छात्र को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा देना चाहती है, बल्कि छात्रों के कौशल विकास के लिए स्कूलों को सभी सुविधाओं से लैस करना चाहती है।

महानिदेशक स्कूली शिक्षा विजय किरण आनंद ने कहा कि इन स्कूलों को निर्धारित मानकों के अनुरूप क्रमोन्नत कर मुख्यमंत्री अभ्युदय कम्पोजिट स्कूल का दर्जा दिया जाएगा।

उन्होंने कहा, लगभग 1.42 करोड़ रुपये की राशि से प्रत्येक संयुक्त विद्यालय में अधोसंरचना सुविधाओं के उन्नयन का प्रावधान किया गया है। इस प्रकार प्रथम चरण में लगभग 704 परिषदीय विद्यालयों को मुख्यमंत्री अभ्युदय समग्र विद्यालय के रूप में क्रमोन्नत किया जायेगा।

इन स्कूलों को राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 के तहत बच्चों के समावेशी और कौशल विकास के लिए विशेष रूप से प्रोत्साहित किया जाएगा।

इन विद्यालयों के उन्नयन के बाद प्री-प्राइमरी से कक्षा 8 तक प्रति कक्षा अलग-अलग कक्षाओं की व्यवस्था सुनिश्चित की जायेगी। प्रत्येक विद्यालय को लगभग 450 विद्यार्थियों की क्षमता का विकसित किया जायेगा।

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