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यूपी में अगले तीन वर्षों में 28.92 लाख महिला स्वयं सहायता समूह सदस्यों को बनाया जाएगा ‘लखपति दीदी’

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November 24, 2024
in राष्ट्रीय
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यूपी में अगले तीन वर्षों में 28.92 लाख महिला स्वयं सहायता समूह सदस्यों को बनाया जाएगा ‘लखपति दीदी’
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लखनऊ, 24 नवंबर (आईएएनएस)। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अगुवाई में प्रदेश महिला सशक्तिकरण और आत्मनिर्भरता के क्षेत्र में नए आयाम स्थापित कर रहा है। केंद्र सरकार की योजनाओं को मिशन मोड में लागू करते हुए योगी सरकार ने ग्रामीण और शहरी महिलाओं के जीवन स्तर को सुधारने और उन्हें आर्थिक रूप से सशक्त बनाने की दिशा में कई महत्वपूर्ण पहल की हैं। लखपति दीदी योजना भी इन्हीं में से एक है।

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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की महत्वाकांक्षी लखपति दीदी योजना के अंतर्गत मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अगुवाई में प्रदेश सरकार ने अगले तीन वर्षों में 28.92 लाख महिला स्वयं सहायता समूह (एसएचजी) सदस्यों को लखपति बनाने का लक्ष्य रखा है। अब तक 13.28 लाख सदस्यों की आय को आजीविका रजिस्टर में अपडेट भी किया जा चुका है, जिनमें से 1.37 लाख से अधिक महिलाएं लखपति बन चुकी हैं। इस योजना के तहत कृषि, दुग्ध विकास, रेशम उत्पादन, और मत्स्य पालन जैसे विभिन्न विभागों के साथ समन्वय स्थापित कर महिलाओं को कम से कम दो या अधिक आय स्रोतों से जोड़ा जा रहा है।

योगी सरकार द्वारा प्रदेश में महिलाओं की आय बढ़ाने के लिए कस्टम हायरिंग सेंटर, फार्म मशीनरी बैंक, पॉली हाउस/नेट हाउस, रेशम उत्पादन, और मत्स्य पालन जैसे कार्यों के लिए सब्सिडी प्रदान की जा रही है। इस कार्यक्रम के लिए 4,274 सामुदायिक रिसोर्स पर्सन को प्रशिक्षण देकर नियुक्त किया गया है। इन प्रशिक्षित रिसोर्स पर्सन द्वारा महिलाओं को सतत प्रशिक्षण और आजीविका के नए स्रोतों की जानकारी दी जा रही है।

योगी सरकार ने वित्तीय समावेशन के माध्यम से महिलाओं को स्वावलंबी बनाने की दिशा में विशेष प्रयास किए हैं। प्रधानमंत्री स्वनिधी योजना के तहत 2 लाख से अधिक महिलाएं उत्तर प्रदेश में लाभान्वित हो चुकी हैं। इसके साथ ही, महिला स्वयं सहायता समूहों को 2,510 उचित मूल्य की दुकानें आवंटित की गई हैं। इससे न केवल उनकी आय में वृद्धि हुई है, बल्कि उनके परिवारों को भी स्थिर आर्थिक सहायता मिली है।

उत्तर प्रदेश में महिलाओं को सामाजिक सुरक्षा प्रदान करने के लिए निराश्रित महिला पेंशन योजना के तहत 32.71 लाख महिलाओं को लाभान्वित किया गया है। वहीं, प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना के तहत 60 लाख माताओं को सहायता प्रदान की गई है। ये योजनाएं महिलाओं को बेहतर स्वास्थ्य, शिक्षा, और आर्थिक सुरक्षा देने में कारगर साबित हो रही हैं।

उत्तर प्रदेश राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन के तहत 95 लाख से अधिक महिलाओं को 8,54,266 स्वयं सहायता समूहों के माध्यम से जोड़ा गया है। ग्राम संगठनों और संकुल स्तरीय संघों के जरिए ग्रामीण महिलाओं को सामूहिक रूप से सशक्त किया जा रहा है।

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के प्रयासों से उत्तर प्रदेश महिलाओं के सशक्तिकरण और समृद्धि की दिशा में अग्रसर है। मुख्यमंत्री कन्या सुमंगला योजना के तहत 19.34 लाख लाभार्थियों को सहायता प्रदान की गई है। यह योजना न केवल महिलाओं को सशक्त बना रही है, बल्कि समाज में बालिकाओं के प्रति सकारात्मक दृष्टिकोण भी विकसित कर रही है।

योगी आदित्यनाथ के कुशल नेतृत्व और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की योजनाओं के प्रभावी कार्यान्वयन से उत्तर प्रदेश में महिलाओं के आर्थिक और सामाजिक जीवन में क्रांतिकारी बदलाव आया है। प्रदेश आज महिला सशक्तिकरण का आदर्श उदाहरण बनता जा रहा है। आने वाले वर्षों में ये प्रयास न केवल महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाएंगे, बल्कि राज्य को समृद्धि और प्रगति के नए पथ पर अग्रसर करेंगे।

–आईएएनएस

डीकेएम/एएस

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लखनऊ, 24 नवंबर (आईएएनएस)। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अगुवाई में प्रदेश महिला सशक्तिकरण और आत्मनिर्भरता के क्षेत्र में नए आयाम स्थापित कर रहा है। केंद्र सरकार की योजनाओं को मिशन मोड में लागू करते हुए योगी सरकार ने ग्रामीण और शहरी महिलाओं के जीवन स्तर को सुधारने और उन्हें आर्थिक रूप से सशक्त बनाने की दिशा में कई महत्वपूर्ण पहल की हैं। लखपति दीदी योजना भी इन्हीं में से एक है।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की महत्वाकांक्षी लखपति दीदी योजना के अंतर्गत मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अगुवाई में प्रदेश सरकार ने अगले तीन वर्षों में 28.92 लाख महिला स्वयं सहायता समूह (एसएचजी) सदस्यों को लखपति बनाने का लक्ष्य रखा है। अब तक 13.28 लाख सदस्यों की आय को आजीविका रजिस्टर में अपडेट भी किया जा चुका है, जिनमें से 1.37 लाख से अधिक महिलाएं लखपति बन चुकी हैं। इस योजना के तहत कृषि, दुग्ध विकास, रेशम उत्पादन, और मत्स्य पालन जैसे विभिन्न विभागों के साथ समन्वय स्थापित कर महिलाओं को कम से कम दो या अधिक आय स्रोतों से जोड़ा जा रहा है।

योगी सरकार द्वारा प्रदेश में महिलाओं की आय बढ़ाने के लिए कस्टम हायरिंग सेंटर, फार्म मशीनरी बैंक, पॉली हाउस/नेट हाउस, रेशम उत्पादन, और मत्स्य पालन जैसे कार्यों के लिए सब्सिडी प्रदान की जा रही है। इस कार्यक्रम के लिए 4,274 सामुदायिक रिसोर्स पर्सन को प्रशिक्षण देकर नियुक्त किया गया है। इन प्रशिक्षित रिसोर्स पर्सन द्वारा महिलाओं को सतत प्रशिक्षण और आजीविका के नए स्रोतों की जानकारी दी जा रही है।

योगी सरकार ने वित्तीय समावेशन के माध्यम से महिलाओं को स्वावलंबी बनाने की दिशा में विशेष प्रयास किए हैं। प्रधानमंत्री स्वनिधी योजना के तहत 2 लाख से अधिक महिलाएं उत्तर प्रदेश में लाभान्वित हो चुकी हैं। इसके साथ ही, महिला स्वयं सहायता समूहों को 2,510 उचित मूल्य की दुकानें आवंटित की गई हैं। इससे न केवल उनकी आय में वृद्धि हुई है, बल्कि उनके परिवारों को भी स्थिर आर्थिक सहायता मिली है।

उत्तर प्रदेश में महिलाओं को सामाजिक सुरक्षा प्रदान करने के लिए निराश्रित महिला पेंशन योजना के तहत 32.71 लाख महिलाओं को लाभान्वित किया गया है। वहीं, प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना के तहत 60 लाख माताओं को सहायता प्रदान की गई है। ये योजनाएं महिलाओं को बेहतर स्वास्थ्य, शिक्षा, और आर्थिक सुरक्षा देने में कारगर साबित हो रही हैं।

उत्तर प्रदेश राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन के तहत 95 लाख से अधिक महिलाओं को 8,54,266 स्वयं सहायता समूहों के माध्यम से जोड़ा गया है। ग्राम संगठनों और संकुल स्तरीय संघों के जरिए ग्रामीण महिलाओं को सामूहिक रूप से सशक्त किया जा रहा है।

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के प्रयासों से उत्तर प्रदेश महिलाओं के सशक्तिकरण और समृद्धि की दिशा में अग्रसर है। मुख्यमंत्री कन्या सुमंगला योजना के तहत 19.34 लाख लाभार्थियों को सहायता प्रदान की गई है। यह योजना न केवल महिलाओं को सशक्त बना रही है, बल्कि समाज में बालिकाओं के प्रति सकारात्मक दृष्टिकोण भी विकसित कर रही है।

योगी आदित्यनाथ के कुशल नेतृत्व और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की योजनाओं के प्रभावी कार्यान्वयन से उत्तर प्रदेश में महिलाओं के आर्थिक और सामाजिक जीवन में क्रांतिकारी बदलाव आया है। प्रदेश आज महिला सशक्तिकरण का आदर्श उदाहरण बनता जा रहा है। आने वाले वर्षों में ये प्रयास न केवल महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाएंगे, बल्कि राज्य को समृद्धि और प्रगति के नए पथ पर अग्रसर करेंगे।

–आईएएनएस

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लखनऊ, 24 नवंबर (आईएएनएस)। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अगुवाई में प्रदेश महिला सशक्तिकरण और आत्मनिर्भरता के क्षेत्र में नए आयाम स्थापित कर रहा है। केंद्र सरकार की योजनाओं को मिशन मोड में लागू करते हुए योगी सरकार ने ग्रामीण और शहरी महिलाओं के जीवन स्तर को सुधारने और उन्हें आर्थिक रूप से सशक्त बनाने की दिशा में कई महत्वपूर्ण पहल की हैं। लखपति दीदी योजना भी इन्हीं में से एक है।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की महत्वाकांक्षी लखपति दीदी योजना के अंतर्गत मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अगुवाई में प्रदेश सरकार ने अगले तीन वर्षों में 28.92 लाख महिला स्वयं सहायता समूह (एसएचजी) सदस्यों को लखपति बनाने का लक्ष्य रखा है। अब तक 13.28 लाख सदस्यों की आय को आजीविका रजिस्टर में अपडेट भी किया जा चुका है, जिनमें से 1.37 लाख से अधिक महिलाएं लखपति बन चुकी हैं। इस योजना के तहत कृषि, दुग्ध विकास, रेशम उत्पादन, और मत्स्य पालन जैसे विभिन्न विभागों के साथ समन्वय स्थापित कर महिलाओं को कम से कम दो या अधिक आय स्रोतों से जोड़ा जा रहा है।

योगी सरकार द्वारा प्रदेश में महिलाओं की आय बढ़ाने के लिए कस्टम हायरिंग सेंटर, फार्म मशीनरी बैंक, पॉली हाउस/नेट हाउस, रेशम उत्पादन, और मत्स्य पालन जैसे कार्यों के लिए सब्सिडी प्रदान की जा रही है। इस कार्यक्रम के लिए 4,274 सामुदायिक रिसोर्स पर्सन को प्रशिक्षण देकर नियुक्त किया गया है। इन प्रशिक्षित रिसोर्स पर्सन द्वारा महिलाओं को सतत प्रशिक्षण और आजीविका के नए स्रोतों की जानकारी दी जा रही है।

योगी सरकार ने वित्तीय समावेशन के माध्यम से महिलाओं को स्वावलंबी बनाने की दिशा में विशेष प्रयास किए हैं। प्रधानमंत्री स्वनिधी योजना के तहत 2 लाख से अधिक महिलाएं उत्तर प्रदेश में लाभान्वित हो चुकी हैं। इसके साथ ही, महिला स्वयं सहायता समूहों को 2,510 उचित मूल्य की दुकानें आवंटित की गई हैं। इससे न केवल उनकी आय में वृद्धि हुई है, बल्कि उनके परिवारों को भी स्थिर आर्थिक सहायता मिली है।

उत्तर प्रदेश में महिलाओं को सामाजिक सुरक्षा प्रदान करने के लिए निराश्रित महिला पेंशन योजना के तहत 32.71 लाख महिलाओं को लाभान्वित किया गया है। वहीं, प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना के तहत 60 लाख माताओं को सहायता प्रदान की गई है। ये योजनाएं महिलाओं को बेहतर स्वास्थ्य, शिक्षा, और आर्थिक सुरक्षा देने में कारगर साबित हो रही हैं।

उत्तर प्रदेश राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन के तहत 95 लाख से अधिक महिलाओं को 8,54,266 स्वयं सहायता समूहों के माध्यम से जोड़ा गया है। ग्राम संगठनों और संकुल स्तरीय संघों के जरिए ग्रामीण महिलाओं को सामूहिक रूप से सशक्त किया जा रहा है।

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के प्रयासों से उत्तर प्रदेश महिलाओं के सशक्तिकरण और समृद्धि की दिशा में अग्रसर है। मुख्यमंत्री कन्या सुमंगला योजना के तहत 19.34 लाख लाभार्थियों को सहायता प्रदान की गई है। यह योजना न केवल महिलाओं को सशक्त बना रही है, बल्कि समाज में बालिकाओं के प्रति सकारात्मक दृष्टिकोण भी विकसित कर रही है।

योगी आदित्यनाथ के कुशल नेतृत्व और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की योजनाओं के प्रभावी कार्यान्वयन से उत्तर प्रदेश में महिलाओं के आर्थिक और सामाजिक जीवन में क्रांतिकारी बदलाव आया है। प्रदेश आज महिला सशक्तिकरण का आदर्श उदाहरण बनता जा रहा है। आने वाले वर्षों में ये प्रयास न केवल महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाएंगे, बल्कि राज्य को समृद्धि और प्रगति के नए पथ पर अग्रसर करेंगे।

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लखनऊ, 24 नवंबर (आईएएनएस)। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अगुवाई में प्रदेश महिला सशक्तिकरण और आत्मनिर्भरता के क्षेत्र में नए आयाम स्थापित कर रहा है। केंद्र सरकार की योजनाओं को मिशन मोड में लागू करते हुए योगी सरकार ने ग्रामीण और शहरी महिलाओं के जीवन स्तर को सुधारने और उन्हें आर्थिक रूप से सशक्त बनाने की दिशा में कई महत्वपूर्ण पहल की हैं। लखपति दीदी योजना भी इन्हीं में से एक है।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की महत्वाकांक्षी लखपति दीदी योजना के अंतर्गत मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अगुवाई में प्रदेश सरकार ने अगले तीन वर्षों में 28.92 लाख महिला स्वयं सहायता समूह (एसएचजी) सदस्यों को लखपति बनाने का लक्ष्य रखा है। अब तक 13.28 लाख सदस्यों की आय को आजीविका रजिस्टर में अपडेट भी किया जा चुका है, जिनमें से 1.37 लाख से अधिक महिलाएं लखपति बन चुकी हैं। इस योजना के तहत कृषि, दुग्ध विकास, रेशम उत्पादन, और मत्स्य पालन जैसे विभिन्न विभागों के साथ समन्वय स्थापित कर महिलाओं को कम से कम दो या अधिक आय स्रोतों से जोड़ा जा रहा है।

योगी सरकार द्वारा प्रदेश में महिलाओं की आय बढ़ाने के लिए कस्टम हायरिंग सेंटर, फार्म मशीनरी बैंक, पॉली हाउस/नेट हाउस, रेशम उत्पादन, और मत्स्य पालन जैसे कार्यों के लिए सब्सिडी प्रदान की जा रही है। इस कार्यक्रम के लिए 4,274 सामुदायिक रिसोर्स पर्सन को प्रशिक्षण देकर नियुक्त किया गया है। इन प्रशिक्षित रिसोर्स पर्सन द्वारा महिलाओं को सतत प्रशिक्षण और आजीविका के नए स्रोतों की जानकारी दी जा रही है।

योगी सरकार ने वित्तीय समावेशन के माध्यम से महिलाओं को स्वावलंबी बनाने की दिशा में विशेष प्रयास किए हैं। प्रधानमंत्री स्वनिधी योजना के तहत 2 लाख से अधिक महिलाएं उत्तर प्रदेश में लाभान्वित हो चुकी हैं। इसके साथ ही, महिला स्वयं सहायता समूहों को 2,510 उचित मूल्य की दुकानें आवंटित की गई हैं। इससे न केवल उनकी आय में वृद्धि हुई है, बल्कि उनके परिवारों को भी स्थिर आर्थिक सहायता मिली है।

उत्तर प्रदेश में महिलाओं को सामाजिक सुरक्षा प्रदान करने के लिए निराश्रित महिला पेंशन योजना के तहत 32.71 लाख महिलाओं को लाभान्वित किया गया है। वहीं, प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना के तहत 60 लाख माताओं को सहायता प्रदान की गई है। ये योजनाएं महिलाओं को बेहतर स्वास्थ्य, शिक्षा, और आर्थिक सुरक्षा देने में कारगर साबित हो रही हैं।

उत्तर प्रदेश राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन के तहत 95 लाख से अधिक महिलाओं को 8,54,266 स्वयं सहायता समूहों के माध्यम से जोड़ा गया है। ग्राम संगठनों और संकुल स्तरीय संघों के जरिए ग्रामीण महिलाओं को सामूहिक रूप से सशक्त किया जा रहा है।

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के प्रयासों से उत्तर प्रदेश महिलाओं के सशक्तिकरण और समृद्धि की दिशा में अग्रसर है। मुख्यमंत्री कन्या सुमंगला योजना के तहत 19.34 लाख लाभार्थियों को सहायता प्रदान की गई है। यह योजना न केवल महिलाओं को सशक्त बना रही है, बल्कि समाज में बालिकाओं के प्रति सकारात्मक दृष्टिकोण भी विकसित कर रही है।

योगी आदित्यनाथ के कुशल नेतृत्व और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की योजनाओं के प्रभावी कार्यान्वयन से उत्तर प्रदेश में महिलाओं के आर्थिक और सामाजिक जीवन में क्रांतिकारी बदलाव आया है। प्रदेश आज महिला सशक्तिकरण का आदर्श उदाहरण बनता जा रहा है। आने वाले वर्षों में ये प्रयास न केवल महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाएंगे, बल्कि राज्य को समृद्धि और प्रगति के नए पथ पर अग्रसर करेंगे।

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लखनऊ, 24 नवंबर (आईएएनएस)। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अगुवाई में प्रदेश महिला सशक्तिकरण और आत्मनिर्भरता के क्षेत्र में नए आयाम स्थापित कर रहा है। केंद्र सरकार की योजनाओं को मिशन मोड में लागू करते हुए योगी सरकार ने ग्रामीण और शहरी महिलाओं के जीवन स्तर को सुधारने और उन्हें आर्थिक रूप से सशक्त बनाने की दिशा में कई महत्वपूर्ण पहल की हैं। लखपति दीदी योजना भी इन्हीं में से एक है।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की महत्वाकांक्षी लखपति दीदी योजना के अंतर्गत मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अगुवाई में प्रदेश सरकार ने अगले तीन वर्षों में 28.92 लाख महिला स्वयं सहायता समूह (एसएचजी) सदस्यों को लखपति बनाने का लक्ष्य रखा है। अब तक 13.28 लाख सदस्यों की आय को आजीविका रजिस्टर में अपडेट भी किया जा चुका है, जिनमें से 1.37 लाख से अधिक महिलाएं लखपति बन चुकी हैं। इस योजना के तहत कृषि, दुग्ध विकास, रेशम उत्पादन, और मत्स्य पालन जैसे विभिन्न विभागों के साथ समन्वय स्थापित कर महिलाओं को कम से कम दो या अधिक आय स्रोतों से जोड़ा जा रहा है।

योगी सरकार द्वारा प्रदेश में महिलाओं की आय बढ़ाने के लिए कस्टम हायरिंग सेंटर, फार्म मशीनरी बैंक, पॉली हाउस/नेट हाउस, रेशम उत्पादन, और मत्स्य पालन जैसे कार्यों के लिए सब्सिडी प्रदान की जा रही है। इस कार्यक्रम के लिए 4,274 सामुदायिक रिसोर्स पर्सन को प्रशिक्षण देकर नियुक्त किया गया है। इन प्रशिक्षित रिसोर्स पर्सन द्वारा महिलाओं को सतत प्रशिक्षण और आजीविका के नए स्रोतों की जानकारी दी जा रही है।

योगी सरकार ने वित्तीय समावेशन के माध्यम से महिलाओं को स्वावलंबी बनाने की दिशा में विशेष प्रयास किए हैं। प्रधानमंत्री स्वनिधी योजना के तहत 2 लाख से अधिक महिलाएं उत्तर प्रदेश में लाभान्वित हो चुकी हैं। इसके साथ ही, महिला स्वयं सहायता समूहों को 2,510 उचित मूल्य की दुकानें आवंटित की गई हैं। इससे न केवल उनकी आय में वृद्धि हुई है, बल्कि उनके परिवारों को भी स्थिर आर्थिक सहायता मिली है।

उत्तर प्रदेश में महिलाओं को सामाजिक सुरक्षा प्रदान करने के लिए निराश्रित महिला पेंशन योजना के तहत 32.71 लाख महिलाओं को लाभान्वित किया गया है। वहीं, प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना के तहत 60 लाख माताओं को सहायता प्रदान की गई है। ये योजनाएं महिलाओं को बेहतर स्वास्थ्य, शिक्षा, और आर्थिक सुरक्षा देने में कारगर साबित हो रही हैं।

उत्तर प्रदेश राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन के तहत 95 लाख से अधिक महिलाओं को 8,54,266 स्वयं सहायता समूहों के माध्यम से जोड़ा गया है। ग्राम संगठनों और संकुल स्तरीय संघों के जरिए ग्रामीण महिलाओं को सामूहिक रूप से सशक्त किया जा रहा है।

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के प्रयासों से उत्तर प्रदेश महिलाओं के सशक्तिकरण और समृद्धि की दिशा में अग्रसर है। मुख्यमंत्री कन्या सुमंगला योजना के तहत 19.34 लाख लाभार्थियों को सहायता प्रदान की गई है। यह योजना न केवल महिलाओं को सशक्त बना रही है, बल्कि समाज में बालिकाओं के प्रति सकारात्मक दृष्टिकोण भी विकसित कर रही है।

योगी आदित्यनाथ के कुशल नेतृत्व और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की योजनाओं के प्रभावी कार्यान्वयन से उत्तर प्रदेश में महिलाओं के आर्थिक और सामाजिक जीवन में क्रांतिकारी बदलाव आया है। प्रदेश आज महिला सशक्तिकरण का आदर्श उदाहरण बनता जा रहा है। आने वाले वर्षों में ये प्रयास न केवल महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाएंगे, बल्कि राज्य को समृद्धि और प्रगति के नए पथ पर अग्रसर करेंगे।

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लखनऊ, 24 नवंबर (आईएएनएस)। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अगुवाई में प्रदेश महिला सशक्तिकरण और आत्मनिर्भरता के क्षेत्र में नए आयाम स्थापित कर रहा है। केंद्र सरकार की योजनाओं को मिशन मोड में लागू करते हुए योगी सरकार ने ग्रामीण और शहरी महिलाओं के जीवन स्तर को सुधारने और उन्हें आर्थिक रूप से सशक्त बनाने की दिशा में कई महत्वपूर्ण पहल की हैं। लखपति दीदी योजना भी इन्हीं में से एक है।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की महत्वाकांक्षी लखपति दीदी योजना के अंतर्गत मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अगुवाई में प्रदेश सरकार ने अगले तीन वर्षों में 28.92 लाख महिला स्वयं सहायता समूह (एसएचजी) सदस्यों को लखपति बनाने का लक्ष्य रखा है। अब तक 13.28 लाख सदस्यों की आय को आजीविका रजिस्टर में अपडेट भी किया जा चुका है, जिनमें से 1.37 लाख से अधिक महिलाएं लखपति बन चुकी हैं। इस योजना के तहत कृषि, दुग्ध विकास, रेशम उत्पादन, और मत्स्य पालन जैसे विभिन्न विभागों के साथ समन्वय स्थापित कर महिलाओं को कम से कम दो या अधिक आय स्रोतों से जोड़ा जा रहा है।

योगी सरकार द्वारा प्रदेश में महिलाओं की आय बढ़ाने के लिए कस्टम हायरिंग सेंटर, फार्म मशीनरी बैंक, पॉली हाउस/नेट हाउस, रेशम उत्पादन, और मत्स्य पालन जैसे कार्यों के लिए सब्सिडी प्रदान की जा रही है। इस कार्यक्रम के लिए 4,274 सामुदायिक रिसोर्स पर्सन को प्रशिक्षण देकर नियुक्त किया गया है। इन प्रशिक्षित रिसोर्स पर्सन द्वारा महिलाओं को सतत प्रशिक्षण और आजीविका के नए स्रोतों की जानकारी दी जा रही है।

योगी सरकार ने वित्तीय समावेशन के माध्यम से महिलाओं को स्वावलंबी बनाने की दिशा में विशेष प्रयास किए हैं। प्रधानमंत्री स्वनिधी योजना के तहत 2 लाख से अधिक महिलाएं उत्तर प्रदेश में लाभान्वित हो चुकी हैं। इसके साथ ही, महिला स्वयं सहायता समूहों को 2,510 उचित मूल्य की दुकानें आवंटित की गई हैं। इससे न केवल उनकी आय में वृद्धि हुई है, बल्कि उनके परिवारों को भी स्थिर आर्थिक सहायता मिली है।

उत्तर प्रदेश में महिलाओं को सामाजिक सुरक्षा प्रदान करने के लिए निराश्रित महिला पेंशन योजना के तहत 32.71 लाख महिलाओं को लाभान्वित किया गया है। वहीं, प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना के तहत 60 लाख माताओं को सहायता प्रदान की गई है। ये योजनाएं महिलाओं को बेहतर स्वास्थ्य, शिक्षा, और आर्थिक सुरक्षा देने में कारगर साबित हो रही हैं।

उत्तर प्रदेश राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन के तहत 95 लाख से अधिक महिलाओं को 8,54,266 स्वयं सहायता समूहों के माध्यम से जोड़ा गया है। ग्राम संगठनों और संकुल स्तरीय संघों के जरिए ग्रामीण महिलाओं को सामूहिक रूप से सशक्त किया जा रहा है।

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के प्रयासों से उत्तर प्रदेश महिलाओं के सशक्तिकरण और समृद्धि की दिशा में अग्रसर है। मुख्यमंत्री कन्या सुमंगला योजना के तहत 19.34 लाख लाभार्थियों को सहायता प्रदान की गई है। यह योजना न केवल महिलाओं को सशक्त बना रही है, बल्कि समाज में बालिकाओं के प्रति सकारात्मक दृष्टिकोण भी विकसित कर रही है।

योगी आदित्यनाथ के कुशल नेतृत्व और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की योजनाओं के प्रभावी कार्यान्वयन से उत्तर प्रदेश में महिलाओं के आर्थिक और सामाजिक जीवन में क्रांतिकारी बदलाव आया है। प्रदेश आज महिला सशक्तिकरण का आदर्श उदाहरण बनता जा रहा है। आने वाले वर्षों में ये प्रयास न केवल महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाएंगे, बल्कि राज्य को समृद्धि और प्रगति के नए पथ पर अग्रसर करेंगे।

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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की महत्वाकांक्षी लखपति दीदी योजना के अंतर्गत मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अगुवाई में प्रदेश सरकार ने अगले तीन वर्षों में 28.92 लाख महिला स्वयं सहायता समूह (एसएचजी) सदस्यों को लखपति बनाने का लक्ष्य रखा है। अब तक 13.28 लाख सदस्यों की आय को आजीविका रजिस्टर में अपडेट भी किया जा चुका है, जिनमें से 1.37 लाख से अधिक महिलाएं लखपति बन चुकी हैं। इस योजना के तहत कृषि, दुग्ध विकास, रेशम उत्पादन, और मत्स्य पालन जैसे विभिन्न विभागों के साथ समन्वय स्थापित कर महिलाओं को कम से कम दो या अधिक आय स्रोतों से जोड़ा जा रहा है।

योगी सरकार द्वारा प्रदेश में महिलाओं की आय बढ़ाने के लिए कस्टम हायरिंग सेंटर, फार्म मशीनरी बैंक, पॉली हाउस/नेट हाउस, रेशम उत्पादन, और मत्स्य पालन जैसे कार्यों के लिए सब्सिडी प्रदान की जा रही है। इस कार्यक्रम के लिए 4,274 सामुदायिक रिसोर्स पर्सन को प्रशिक्षण देकर नियुक्त किया गया है। इन प्रशिक्षित रिसोर्स पर्सन द्वारा महिलाओं को सतत प्रशिक्षण और आजीविका के नए स्रोतों की जानकारी दी जा रही है।

योगी सरकार ने वित्तीय समावेशन के माध्यम से महिलाओं को स्वावलंबी बनाने की दिशा में विशेष प्रयास किए हैं। प्रधानमंत्री स्वनिधी योजना के तहत 2 लाख से अधिक महिलाएं उत्तर प्रदेश में लाभान्वित हो चुकी हैं। इसके साथ ही, महिला स्वयं सहायता समूहों को 2,510 उचित मूल्य की दुकानें आवंटित की गई हैं। इससे न केवल उनकी आय में वृद्धि हुई है, बल्कि उनके परिवारों को भी स्थिर आर्थिक सहायता मिली है।

उत्तर प्रदेश में महिलाओं को सामाजिक सुरक्षा प्रदान करने के लिए निराश्रित महिला पेंशन योजना के तहत 32.71 लाख महिलाओं को लाभान्वित किया गया है। वहीं, प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना के तहत 60 लाख माताओं को सहायता प्रदान की गई है। ये योजनाएं महिलाओं को बेहतर स्वास्थ्य, शिक्षा, और आर्थिक सुरक्षा देने में कारगर साबित हो रही हैं।

उत्तर प्रदेश राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन के तहत 95 लाख से अधिक महिलाओं को 8,54,266 स्वयं सहायता समूहों के माध्यम से जोड़ा गया है। ग्राम संगठनों और संकुल स्तरीय संघों के जरिए ग्रामीण महिलाओं को सामूहिक रूप से सशक्त किया जा रहा है।

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के प्रयासों से उत्तर प्रदेश महिलाओं के सशक्तिकरण और समृद्धि की दिशा में अग्रसर है। मुख्यमंत्री कन्या सुमंगला योजना के तहत 19.34 लाख लाभार्थियों को सहायता प्रदान की गई है। यह योजना न केवल महिलाओं को सशक्त बना रही है, बल्कि समाज में बालिकाओं के प्रति सकारात्मक दृष्टिकोण भी विकसित कर रही है।

योगी आदित्यनाथ के कुशल नेतृत्व और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की योजनाओं के प्रभावी कार्यान्वयन से उत्तर प्रदेश में महिलाओं के आर्थिक और सामाजिक जीवन में क्रांतिकारी बदलाव आया है। प्रदेश आज महिला सशक्तिकरण का आदर्श उदाहरण बनता जा रहा है। आने वाले वर्षों में ये प्रयास न केवल महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाएंगे, बल्कि राज्य को समृद्धि और प्रगति के नए पथ पर अग्रसर करेंगे।

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लखनऊ, 24 नवंबर (आईएएनएस)। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अगुवाई में प्रदेश महिला सशक्तिकरण और आत्मनिर्भरता के क्षेत्र में नए आयाम स्थापित कर रहा है। केंद्र सरकार की योजनाओं को मिशन मोड में लागू करते हुए योगी सरकार ने ग्रामीण और शहरी महिलाओं के जीवन स्तर को सुधारने और उन्हें आर्थिक रूप से सशक्त बनाने की दिशा में कई महत्वपूर्ण पहल की हैं। लखपति दीदी योजना भी इन्हीं में से एक है।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की महत्वाकांक्षी लखपति दीदी योजना के अंतर्गत मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अगुवाई में प्रदेश सरकार ने अगले तीन वर्षों में 28.92 लाख महिला स्वयं सहायता समूह (एसएचजी) सदस्यों को लखपति बनाने का लक्ष्य रखा है। अब तक 13.28 लाख सदस्यों की आय को आजीविका रजिस्टर में अपडेट भी किया जा चुका है, जिनमें से 1.37 लाख से अधिक महिलाएं लखपति बन चुकी हैं। इस योजना के तहत कृषि, दुग्ध विकास, रेशम उत्पादन, और मत्स्य पालन जैसे विभिन्न विभागों के साथ समन्वय स्थापित कर महिलाओं को कम से कम दो या अधिक आय स्रोतों से जोड़ा जा रहा है।

योगी सरकार द्वारा प्रदेश में महिलाओं की आय बढ़ाने के लिए कस्टम हायरिंग सेंटर, फार्म मशीनरी बैंक, पॉली हाउस/नेट हाउस, रेशम उत्पादन, और मत्स्य पालन जैसे कार्यों के लिए सब्सिडी प्रदान की जा रही है। इस कार्यक्रम के लिए 4,274 सामुदायिक रिसोर्स पर्सन को प्रशिक्षण देकर नियुक्त किया गया है। इन प्रशिक्षित रिसोर्स पर्सन द्वारा महिलाओं को सतत प्रशिक्षण और आजीविका के नए स्रोतों की जानकारी दी जा रही है।

योगी सरकार ने वित्तीय समावेशन के माध्यम से महिलाओं को स्वावलंबी बनाने की दिशा में विशेष प्रयास किए हैं। प्रधानमंत्री स्वनिधी योजना के तहत 2 लाख से अधिक महिलाएं उत्तर प्रदेश में लाभान्वित हो चुकी हैं। इसके साथ ही, महिला स्वयं सहायता समूहों को 2,510 उचित मूल्य की दुकानें आवंटित की गई हैं। इससे न केवल उनकी आय में वृद्धि हुई है, बल्कि उनके परिवारों को भी स्थिर आर्थिक सहायता मिली है।

उत्तर प्रदेश में महिलाओं को सामाजिक सुरक्षा प्रदान करने के लिए निराश्रित महिला पेंशन योजना के तहत 32.71 लाख महिलाओं को लाभान्वित किया गया है। वहीं, प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना के तहत 60 लाख माताओं को सहायता प्रदान की गई है। ये योजनाएं महिलाओं को बेहतर स्वास्थ्य, शिक्षा, और आर्थिक सुरक्षा देने में कारगर साबित हो रही हैं।

उत्तर प्रदेश राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन के तहत 95 लाख से अधिक महिलाओं को 8,54,266 स्वयं सहायता समूहों के माध्यम से जोड़ा गया है। ग्राम संगठनों और संकुल स्तरीय संघों के जरिए ग्रामीण महिलाओं को सामूहिक रूप से सशक्त किया जा रहा है।

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के प्रयासों से उत्तर प्रदेश महिलाओं के सशक्तिकरण और समृद्धि की दिशा में अग्रसर है। मुख्यमंत्री कन्या सुमंगला योजना के तहत 19.34 लाख लाभार्थियों को सहायता प्रदान की गई है। यह योजना न केवल महिलाओं को सशक्त बना रही है, बल्कि समाज में बालिकाओं के प्रति सकारात्मक दृष्टिकोण भी विकसित कर रही है।

योगी आदित्यनाथ के कुशल नेतृत्व और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की योजनाओं के प्रभावी कार्यान्वयन से उत्तर प्रदेश में महिलाओं के आर्थिक और सामाजिक जीवन में क्रांतिकारी बदलाव आया है। प्रदेश आज महिला सशक्तिकरण का आदर्श उदाहरण बनता जा रहा है। आने वाले वर्षों में ये प्रयास न केवल महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाएंगे, बल्कि राज्य को समृद्धि और प्रगति के नए पथ पर अग्रसर करेंगे।

–आईएएनएस

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लखनऊ, 24 नवंबर (आईएएनएस)। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अगुवाई में प्रदेश महिला सशक्तिकरण और आत्मनिर्भरता के क्षेत्र में नए आयाम स्थापित कर रहा है। केंद्र सरकार की योजनाओं को मिशन मोड में लागू करते हुए योगी सरकार ने ग्रामीण और शहरी महिलाओं के जीवन स्तर को सुधारने और उन्हें आर्थिक रूप से सशक्त बनाने की दिशा में कई महत्वपूर्ण पहल की हैं। लखपति दीदी योजना भी इन्हीं में से एक है।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की महत्वाकांक्षी लखपति दीदी योजना के अंतर्गत मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अगुवाई में प्रदेश सरकार ने अगले तीन वर्षों में 28.92 लाख महिला स्वयं सहायता समूह (एसएचजी) सदस्यों को लखपति बनाने का लक्ष्य रखा है। अब तक 13.28 लाख सदस्यों की आय को आजीविका रजिस्टर में अपडेट भी किया जा चुका है, जिनमें से 1.37 लाख से अधिक महिलाएं लखपति बन चुकी हैं। इस योजना के तहत कृषि, दुग्ध विकास, रेशम उत्पादन, और मत्स्य पालन जैसे विभिन्न विभागों के साथ समन्वय स्थापित कर महिलाओं को कम से कम दो या अधिक आय स्रोतों से जोड़ा जा रहा है।

योगी सरकार द्वारा प्रदेश में महिलाओं की आय बढ़ाने के लिए कस्टम हायरिंग सेंटर, फार्म मशीनरी बैंक, पॉली हाउस/नेट हाउस, रेशम उत्पादन, और मत्स्य पालन जैसे कार्यों के लिए सब्सिडी प्रदान की जा रही है। इस कार्यक्रम के लिए 4,274 सामुदायिक रिसोर्स पर्सन को प्रशिक्षण देकर नियुक्त किया गया है। इन प्रशिक्षित रिसोर्स पर्सन द्वारा महिलाओं को सतत प्रशिक्षण और आजीविका के नए स्रोतों की जानकारी दी जा रही है।

योगी सरकार ने वित्तीय समावेशन के माध्यम से महिलाओं को स्वावलंबी बनाने की दिशा में विशेष प्रयास किए हैं। प्रधानमंत्री स्वनिधी योजना के तहत 2 लाख से अधिक महिलाएं उत्तर प्रदेश में लाभान्वित हो चुकी हैं। इसके साथ ही, महिला स्वयं सहायता समूहों को 2,510 उचित मूल्य की दुकानें आवंटित की गई हैं। इससे न केवल उनकी आय में वृद्धि हुई है, बल्कि उनके परिवारों को भी स्थिर आर्थिक सहायता मिली है।

उत्तर प्रदेश में महिलाओं को सामाजिक सुरक्षा प्रदान करने के लिए निराश्रित महिला पेंशन योजना के तहत 32.71 लाख महिलाओं को लाभान्वित किया गया है। वहीं, प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना के तहत 60 लाख माताओं को सहायता प्रदान की गई है। ये योजनाएं महिलाओं को बेहतर स्वास्थ्य, शिक्षा, और आर्थिक सुरक्षा देने में कारगर साबित हो रही हैं।

उत्तर प्रदेश राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन के तहत 95 लाख से अधिक महिलाओं को 8,54,266 स्वयं सहायता समूहों के माध्यम से जोड़ा गया है। ग्राम संगठनों और संकुल स्तरीय संघों के जरिए ग्रामीण महिलाओं को सामूहिक रूप से सशक्त किया जा रहा है।

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के प्रयासों से उत्तर प्रदेश महिलाओं के सशक्तिकरण और समृद्धि की दिशा में अग्रसर है। मुख्यमंत्री कन्या सुमंगला योजना के तहत 19.34 लाख लाभार्थियों को सहायता प्रदान की गई है। यह योजना न केवल महिलाओं को सशक्त बना रही है, बल्कि समाज में बालिकाओं के प्रति सकारात्मक दृष्टिकोण भी विकसित कर रही है।

योगी आदित्यनाथ के कुशल नेतृत्व और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की योजनाओं के प्रभावी कार्यान्वयन से उत्तर प्रदेश में महिलाओं के आर्थिक और सामाजिक जीवन में क्रांतिकारी बदलाव आया है। प्रदेश आज महिला सशक्तिकरण का आदर्श उदाहरण बनता जा रहा है। आने वाले वर्षों में ये प्रयास न केवल महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाएंगे, बल्कि राज्य को समृद्धि और प्रगति के नए पथ पर अग्रसर करेंगे।

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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की महत्वाकांक्षी लखपति दीदी योजना के अंतर्गत मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अगुवाई में प्रदेश सरकार ने अगले तीन वर्षों में 28.92 लाख महिला स्वयं सहायता समूह (एसएचजी) सदस्यों को लखपति बनाने का लक्ष्य रखा है। अब तक 13.28 लाख सदस्यों की आय को आजीविका रजिस्टर में अपडेट भी किया जा चुका है, जिनमें से 1.37 लाख से अधिक महिलाएं लखपति बन चुकी हैं। इस योजना के तहत कृषि, दुग्ध विकास, रेशम उत्पादन, और मत्स्य पालन जैसे विभिन्न विभागों के साथ समन्वय स्थापित कर महिलाओं को कम से कम दो या अधिक आय स्रोतों से जोड़ा जा रहा है।

योगी सरकार द्वारा प्रदेश में महिलाओं की आय बढ़ाने के लिए कस्टम हायरिंग सेंटर, फार्म मशीनरी बैंक, पॉली हाउस/नेट हाउस, रेशम उत्पादन, और मत्स्य पालन जैसे कार्यों के लिए सब्सिडी प्रदान की जा रही है। इस कार्यक्रम के लिए 4,274 सामुदायिक रिसोर्स पर्सन को प्रशिक्षण देकर नियुक्त किया गया है। इन प्रशिक्षित रिसोर्स पर्सन द्वारा महिलाओं को सतत प्रशिक्षण और आजीविका के नए स्रोतों की जानकारी दी जा रही है।

योगी सरकार ने वित्तीय समावेशन के माध्यम से महिलाओं को स्वावलंबी बनाने की दिशा में विशेष प्रयास किए हैं। प्रधानमंत्री स्वनिधी योजना के तहत 2 लाख से अधिक महिलाएं उत्तर प्रदेश में लाभान्वित हो चुकी हैं। इसके साथ ही, महिला स्वयं सहायता समूहों को 2,510 उचित मूल्य की दुकानें आवंटित की गई हैं। इससे न केवल उनकी आय में वृद्धि हुई है, बल्कि उनके परिवारों को भी स्थिर आर्थिक सहायता मिली है।

उत्तर प्रदेश में महिलाओं को सामाजिक सुरक्षा प्रदान करने के लिए निराश्रित महिला पेंशन योजना के तहत 32.71 लाख महिलाओं को लाभान्वित किया गया है। वहीं, प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना के तहत 60 लाख माताओं को सहायता प्रदान की गई है। ये योजनाएं महिलाओं को बेहतर स्वास्थ्य, शिक्षा, और आर्थिक सुरक्षा देने में कारगर साबित हो रही हैं।

उत्तर प्रदेश राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन के तहत 95 लाख से अधिक महिलाओं को 8,54,266 स्वयं सहायता समूहों के माध्यम से जोड़ा गया है। ग्राम संगठनों और संकुल स्तरीय संघों के जरिए ग्रामीण महिलाओं को सामूहिक रूप से सशक्त किया जा रहा है।

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के प्रयासों से उत्तर प्रदेश महिलाओं के सशक्तिकरण और समृद्धि की दिशा में अग्रसर है। मुख्यमंत्री कन्या सुमंगला योजना के तहत 19.34 लाख लाभार्थियों को सहायता प्रदान की गई है। यह योजना न केवल महिलाओं को सशक्त बना रही है, बल्कि समाज में बालिकाओं के प्रति सकारात्मक दृष्टिकोण भी विकसित कर रही है।

योगी आदित्यनाथ के कुशल नेतृत्व और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की योजनाओं के प्रभावी कार्यान्वयन से उत्तर प्रदेश में महिलाओं के आर्थिक और सामाजिक जीवन में क्रांतिकारी बदलाव आया है। प्रदेश आज महिला सशक्तिकरण का आदर्श उदाहरण बनता जा रहा है। आने वाले वर्षों में ये प्रयास न केवल महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाएंगे, बल्कि राज्य को समृद्धि और प्रगति के नए पथ पर अग्रसर करेंगे।

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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की महत्वाकांक्षी लखपति दीदी योजना के अंतर्गत मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अगुवाई में प्रदेश सरकार ने अगले तीन वर्षों में 28.92 लाख महिला स्वयं सहायता समूह (एसएचजी) सदस्यों को लखपति बनाने का लक्ष्य रखा है। अब तक 13.28 लाख सदस्यों की आय को आजीविका रजिस्टर में अपडेट भी किया जा चुका है, जिनमें से 1.37 लाख से अधिक महिलाएं लखपति बन चुकी हैं। इस योजना के तहत कृषि, दुग्ध विकास, रेशम उत्पादन, और मत्स्य पालन जैसे विभिन्न विभागों के साथ समन्वय स्थापित कर महिलाओं को कम से कम दो या अधिक आय स्रोतों से जोड़ा जा रहा है।

योगी सरकार द्वारा प्रदेश में महिलाओं की आय बढ़ाने के लिए कस्टम हायरिंग सेंटर, फार्म मशीनरी बैंक, पॉली हाउस/नेट हाउस, रेशम उत्पादन, और मत्स्य पालन जैसे कार्यों के लिए सब्सिडी प्रदान की जा रही है। इस कार्यक्रम के लिए 4,274 सामुदायिक रिसोर्स पर्सन को प्रशिक्षण देकर नियुक्त किया गया है। इन प्रशिक्षित रिसोर्स पर्सन द्वारा महिलाओं को सतत प्रशिक्षण और आजीविका के नए स्रोतों की जानकारी दी जा रही है।

योगी सरकार ने वित्तीय समावेशन के माध्यम से महिलाओं को स्वावलंबी बनाने की दिशा में विशेष प्रयास किए हैं। प्रधानमंत्री स्वनिधी योजना के तहत 2 लाख से अधिक महिलाएं उत्तर प्रदेश में लाभान्वित हो चुकी हैं। इसके साथ ही, महिला स्वयं सहायता समूहों को 2,510 उचित मूल्य की दुकानें आवंटित की गई हैं। इससे न केवल उनकी आय में वृद्धि हुई है, बल्कि उनके परिवारों को भी स्थिर आर्थिक सहायता मिली है।

उत्तर प्रदेश में महिलाओं को सामाजिक सुरक्षा प्रदान करने के लिए निराश्रित महिला पेंशन योजना के तहत 32.71 लाख महिलाओं को लाभान्वित किया गया है। वहीं, प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना के तहत 60 लाख माताओं को सहायता प्रदान की गई है। ये योजनाएं महिलाओं को बेहतर स्वास्थ्य, शिक्षा, और आर्थिक सुरक्षा देने में कारगर साबित हो रही हैं।

उत्तर प्रदेश राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन के तहत 95 लाख से अधिक महिलाओं को 8,54,266 स्वयं सहायता समूहों के माध्यम से जोड़ा गया है। ग्राम संगठनों और संकुल स्तरीय संघों के जरिए ग्रामीण महिलाओं को सामूहिक रूप से सशक्त किया जा रहा है।

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के प्रयासों से उत्तर प्रदेश महिलाओं के सशक्तिकरण और समृद्धि की दिशा में अग्रसर है। मुख्यमंत्री कन्या सुमंगला योजना के तहत 19.34 लाख लाभार्थियों को सहायता प्रदान की गई है। यह योजना न केवल महिलाओं को सशक्त बना रही है, बल्कि समाज में बालिकाओं के प्रति सकारात्मक दृष्टिकोण भी विकसित कर रही है।

योगी आदित्यनाथ के कुशल नेतृत्व और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की योजनाओं के प्रभावी कार्यान्वयन से उत्तर प्रदेश में महिलाओं के आर्थिक और सामाजिक जीवन में क्रांतिकारी बदलाव आया है। प्रदेश आज महिला सशक्तिकरण का आदर्श उदाहरण बनता जा रहा है। आने वाले वर्षों में ये प्रयास न केवल महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाएंगे, बल्कि राज्य को समृद्धि और प्रगति के नए पथ पर अग्रसर करेंगे।

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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की महत्वाकांक्षी लखपति दीदी योजना के अंतर्गत मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अगुवाई में प्रदेश सरकार ने अगले तीन वर्षों में 28.92 लाख महिला स्वयं सहायता समूह (एसएचजी) सदस्यों को लखपति बनाने का लक्ष्य रखा है। अब तक 13.28 लाख सदस्यों की आय को आजीविका रजिस्टर में अपडेट भी किया जा चुका है, जिनमें से 1.37 लाख से अधिक महिलाएं लखपति बन चुकी हैं। इस योजना के तहत कृषि, दुग्ध विकास, रेशम उत्पादन, और मत्स्य पालन जैसे विभिन्न विभागों के साथ समन्वय स्थापित कर महिलाओं को कम से कम दो या अधिक आय स्रोतों से जोड़ा जा रहा है।

योगी सरकार द्वारा प्रदेश में महिलाओं की आय बढ़ाने के लिए कस्टम हायरिंग सेंटर, फार्म मशीनरी बैंक, पॉली हाउस/नेट हाउस, रेशम उत्पादन, और मत्स्य पालन जैसे कार्यों के लिए सब्सिडी प्रदान की जा रही है। इस कार्यक्रम के लिए 4,274 सामुदायिक रिसोर्स पर्सन को प्रशिक्षण देकर नियुक्त किया गया है। इन प्रशिक्षित रिसोर्स पर्सन द्वारा महिलाओं को सतत प्रशिक्षण और आजीविका के नए स्रोतों की जानकारी दी जा रही है।

योगी सरकार ने वित्तीय समावेशन के माध्यम से महिलाओं को स्वावलंबी बनाने की दिशा में विशेष प्रयास किए हैं। प्रधानमंत्री स्वनिधी योजना के तहत 2 लाख से अधिक महिलाएं उत्तर प्रदेश में लाभान्वित हो चुकी हैं। इसके साथ ही, महिला स्वयं सहायता समूहों को 2,510 उचित मूल्य की दुकानें आवंटित की गई हैं। इससे न केवल उनकी आय में वृद्धि हुई है, बल्कि उनके परिवारों को भी स्थिर आर्थिक सहायता मिली है।

उत्तर प्रदेश में महिलाओं को सामाजिक सुरक्षा प्रदान करने के लिए निराश्रित महिला पेंशन योजना के तहत 32.71 लाख महिलाओं को लाभान्वित किया गया है। वहीं, प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना के तहत 60 लाख माताओं को सहायता प्रदान की गई है। ये योजनाएं महिलाओं को बेहतर स्वास्थ्य, शिक्षा, और आर्थिक सुरक्षा देने में कारगर साबित हो रही हैं।

उत्तर प्रदेश राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन के तहत 95 लाख से अधिक महिलाओं को 8,54,266 स्वयं सहायता समूहों के माध्यम से जोड़ा गया है। ग्राम संगठनों और संकुल स्तरीय संघों के जरिए ग्रामीण महिलाओं को सामूहिक रूप से सशक्त किया जा रहा है।

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के प्रयासों से उत्तर प्रदेश महिलाओं के सशक्तिकरण और समृद्धि की दिशा में अग्रसर है। मुख्यमंत्री कन्या सुमंगला योजना के तहत 19.34 लाख लाभार्थियों को सहायता प्रदान की गई है। यह योजना न केवल महिलाओं को सशक्त बना रही है, बल्कि समाज में बालिकाओं के प्रति सकारात्मक दृष्टिकोण भी विकसित कर रही है।

योगी आदित्यनाथ के कुशल नेतृत्व और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की योजनाओं के प्रभावी कार्यान्वयन से उत्तर प्रदेश में महिलाओं के आर्थिक और सामाजिक जीवन में क्रांतिकारी बदलाव आया है। प्रदेश आज महिला सशक्तिकरण का आदर्श उदाहरण बनता जा रहा है। आने वाले वर्षों में ये प्रयास न केवल महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाएंगे, बल्कि राज्य को समृद्धि और प्रगति के नए पथ पर अग्रसर करेंगे।

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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की महत्वाकांक्षी लखपति दीदी योजना के अंतर्गत मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अगुवाई में प्रदेश सरकार ने अगले तीन वर्षों में 28.92 लाख महिला स्वयं सहायता समूह (एसएचजी) सदस्यों को लखपति बनाने का लक्ष्य रखा है। अब तक 13.28 लाख सदस्यों की आय को आजीविका रजिस्टर में अपडेट भी किया जा चुका है, जिनमें से 1.37 लाख से अधिक महिलाएं लखपति बन चुकी हैं। इस योजना के तहत कृषि, दुग्ध विकास, रेशम उत्पादन, और मत्स्य पालन जैसे विभिन्न विभागों के साथ समन्वय स्थापित कर महिलाओं को कम से कम दो या अधिक आय स्रोतों से जोड़ा जा रहा है।

योगी सरकार द्वारा प्रदेश में महिलाओं की आय बढ़ाने के लिए कस्टम हायरिंग सेंटर, फार्म मशीनरी बैंक, पॉली हाउस/नेट हाउस, रेशम उत्पादन, और मत्स्य पालन जैसे कार्यों के लिए सब्सिडी प्रदान की जा रही है। इस कार्यक्रम के लिए 4,274 सामुदायिक रिसोर्स पर्सन को प्रशिक्षण देकर नियुक्त किया गया है। इन प्रशिक्षित रिसोर्स पर्सन द्वारा महिलाओं को सतत प्रशिक्षण और आजीविका के नए स्रोतों की जानकारी दी जा रही है।

योगी सरकार ने वित्तीय समावेशन के माध्यम से महिलाओं को स्वावलंबी बनाने की दिशा में विशेष प्रयास किए हैं। प्रधानमंत्री स्वनिधी योजना के तहत 2 लाख से अधिक महिलाएं उत्तर प्रदेश में लाभान्वित हो चुकी हैं। इसके साथ ही, महिला स्वयं सहायता समूहों को 2,510 उचित मूल्य की दुकानें आवंटित की गई हैं। इससे न केवल उनकी आय में वृद्धि हुई है, बल्कि उनके परिवारों को भी स्थिर आर्थिक सहायता मिली है।

उत्तर प्रदेश में महिलाओं को सामाजिक सुरक्षा प्रदान करने के लिए निराश्रित महिला पेंशन योजना के तहत 32.71 लाख महिलाओं को लाभान्वित किया गया है। वहीं, प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना के तहत 60 लाख माताओं को सहायता प्रदान की गई है। ये योजनाएं महिलाओं को बेहतर स्वास्थ्य, शिक्षा, और आर्थिक सुरक्षा देने में कारगर साबित हो रही हैं।

उत्तर प्रदेश राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन के तहत 95 लाख से अधिक महिलाओं को 8,54,266 स्वयं सहायता समूहों के माध्यम से जोड़ा गया है। ग्राम संगठनों और संकुल स्तरीय संघों के जरिए ग्रामीण महिलाओं को सामूहिक रूप से सशक्त किया जा रहा है।

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के प्रयासों से उत्तर प्रदेश महिलाओं के सशक्तिकरण और समृद्धि की दिशा में अग्रसर है। मुख्यमंत्री कन्या सुमंगला योजना के तहत 19.34 लाख लाभार्थियों को सहायता प्रदान की गई है। यह योजना न केवल महिलाओं को सशक्त बना रही है, बल्कि समाज में बालिकाओं के प्रति सकारात्मक दृष्टिकोण भी विकसित कर रही है।

योगी आदित्यनाथ के कुशल नेतृत्व और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की योजनाओं के प्रभावी कार्यान्वयन से उत्तर प्रदेश में महिलाओं के आर्थिक और सामाजिक जीवन में क्रांतिकारी बदलाव आया है। प्रदेश आज महिला सशक्तिकरण का आदर्श उदाहरण बनता जा रहा है। आने वाले वर्षों में ये प्रयास न केवल महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाएंगे, बल्कि राज्य को समृद्धि और प्रगति के नए पथ पर अग्रसर करेंगे।

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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की महत्वाकांक्षी लखपति दीदी योजना के अंतर्गत मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अगुवाई में प्रदेश सरकार ने अगले तीन वर्षों में 28.92 लाख महिला स्वयं सहायता समूह (एसएचजी) सदस्यों को लखपति बनाने का लक्ष्य रखा है। अब तक 13.28 लाख सदस्यों की आय को आजीविका रजिस्टर में अपडेट भी किया जा चुका है, जिनमें से 1.37 लाख से अधिक महिलाएं लखपति बन चुकी हैं। इस योजना के तहत कृषि, दुग्ध विकास, रेशम उत्पादन, और मत्स्य पालन जैसे विभिन्न विभागों के साथ समन्वय स्थापित कर महिलाओं को कम से कम दो या अधिक आय स्रोतों से जोड़ा जा रहा है।

योगी सरकार द्वारा प्रदेश में महिलाओं की आय बढ़ाने के लिए कस्टम हायरिंग सेंटर, फार्म मशीनरी बैंक, पॉली हाउस/नेट हाउस, रेशम उत्पादन, और मत्स्य पालन जैसे कार्यों के लिए सब्सिडी प्रदान की जा रही है। इस कार्यक्रम के लिए 4,274 सामुदायिक रिसोर्स पर्सन को प्रशिक्षण देकर नियुक्त किया गया है। इन प्रशिक्षित रिसोर्स पर्सन द्वारा महिलाओं को सतत प्रशिक्षण और आजीविका के नए स्रोतों की जानकारी दी जा रही है।

योगी सरकार ने वित्तीय समावेशन के माध्यम से महिलाओं को स्वावलंबी बनाने की दिशा में विशेष प्रयास किए हैं। प्रधानमंत्री स्वनिधी योजना के तहत 2 लाख से अधिक महिलाएं उत्तर प्रदेश में लाभान्वित हो चुकी हैं। इसके साथ ही, महिला स्वयं सहायता समूहों को 2,510 उचित मूल्य की दुकानें आवंटित की गई हैं। इससे न केवल उनकी आय में वृद्धि हुई है, बल्कि उनके परिवारों को भी स्थिर आर्थिक सहायता मिली है।

उत्तर प्रदेश में महिलाओं को सामाजिक सुरक्षा प्रदान करने के लिए निराश्रित महिला पेंशन योजना के तहत 32.71 लाख महिलाओं को लाभान्वित किया गया है। वहीं, प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना के तहत 60 लाख माताओं को सहायता प्रदान की गई है। ये योजनाएं महिलाओं को बेहतर स्वास्थ्य, शिक्षा, और आर्थिक सुरक्षा देने में कारगर साबित हो रही हैं।

उत्तर प्रदेश राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन के तहत 95 लाख से अधिक महिलाओं को 8,54,266 स्वयं सहायता समूहों के माध्यम से जोड़ा गया है। ग्राम संगठनों और संकुल स्तरीय संघों के जरिए ग्रामीण महिलाओं को सामूहिक रूप से सशक्त किया जा रहा है।

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के प्रयासों से उत्तर प्रदेश महिलाओं के सशक्तिकरण और समृद्धि की दिशा में अग्रसर है। मुख्यमंत्री कन्या सुमंगला योजना के तहत 19.34 लाख लाभार्थियों को सहायता प्रदान की गई है। यह योजना न केवल महिलाओं को सशक्त बना रही है, बल्कि समाज में बालिकाओं के प्रति सकारात्मक दृष्टिकोण भी विकसित कर रही है।

योगी आदित्यनाथ के कुशल नेतृत्व और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की योजनाओं के प्रभावी कार्यान्वयन से उत्तर प्रदेश में महिलाओं के आर्थिक और सामाजिक जीवन में क्रांतिकारी बदलाव आया है। प्रदेश आज महिला सशक्तिकरण का आदर्श उदाहरण बनता जा रहा है। आने वाले वर्षों में ये प्रयास न केवल महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाएंगे, बल्कि राज्य को समृद्धि और प्रगति के नए पथ पर अग्रसर करेंगे।

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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की महत्वाकांक्षी लखपति दीदी योजना के अंतर्गत मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अगुवाई में प्रदेश सरकार ने अगले तीन वर्षों में 28.92 लाख महिला स्वयं सहायता समूह (एसएचजी) सदस्यों को लखपति बनाने का लक्ष्य रखा है। अब तक 13.28 लाख सदस्यों की आय को आजीविका रजिस्टर में अपडेट भी किया जा चुका है, जिनमें से 1.37 लाख से अधिक महिलाएं लखपति बन चुकी हैं। इस योजना के तहत कृषि, दुग्ध विकास, रेशम उत्पादन, और मत्स्य पालन जैसे विभिन्न विभागों के साथ समन्वय स्थापित कर महिलाओं को कम से कम दो या अधिक आय स्रोतों से जोड़ा जा रहा है।

योगी सरकार द्वारा प्रदेश में महिलाओं की आय बढ़ाने के लिए कस्टम हायरिंग सेंटर, फार्म मशीनरी बैंक, पॉली हाउस/नेट हाउस, रेशम उत्पादन, और मत्स्य पालन जैसे कार्यों के लिए सब्सिडी प्रदान की जा रही है। इस कार्यक्रम के लिए 4,274 सामुदायिक रिसोर्स पर्सन को प्रशिक्षण देकर नियुक्त किया गया है। इन प्रशिक्षित रिसोर्स पर्सन द्वारा महिलाओं को सतत प्रशिक्षण और आजीविका के नए स्रोतों की जानकारी दी जा रही है।

योगी सरकार ने वित्तीय समावेशन के माध्यम से महिलाओं को स्वावलंबी बनाने की दिशा में विशेष प्रयास किए हैं। प्रधानमंत्री स्वनिधी योजना के तहत 2 लाख से अधिक महिलाएं उत्तर प्रदेश में लाभान्वित हो चुकी हैं। इसके साथ ही, महिला स्वयं सहायता समूहों को 2,510 उचित मूल्य की दुकानें आवंटित की गई हैं। इससे न केवल उनकी आय में वृद्धि हुई है, बल्कि उनके परिवारों को भी स्थिर आर्थिक सहायता मिली है।

उत्तर प्रदेश में महिलाओं को सामाजिक सुरक्षा प्रदान करने के लिए निराश्रित महिला पेंशन योजना के तहत 32.71 लाख महिलाओं को लाभान्वित किया गया है। वहीं, प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना के तहत 60 लाख माताओं को सहायता प्रदान की गई है। ये योजनाएं महिलाओं को बेहतर स्वास्थ्य, शिक्षा, और आर्थिक सुरक्षा देने में कारगर साबित हो रही हैं।

उत्तर प्रदेश राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन के तहत 95 लाख से अधिक महिलाओं को 8,54,266 स्वयं सहायता समूहों के माध्यम से जोड़ा गया है। ग्राम संगठनों और संकुल स्तरीय संघों के जरिए ग्रामीण महिलाओं को सामूहिक रूप से सशक्त किया जा रहा है।

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के प्रयासों से उत्तर प्रदेश महिलाओं के सशक्तिकरण और समृद्धि की दिशा में अग्रसर है। मुख्यमंत्री कन्या सुमंगला योजना के तहत 19.34 लाख लाभार्थियों को सहायता प्रदान की गई है। यह योजना न केवल महिलाओं को सशक्त बना रही है, बल्कि समाज में बालिकाओं के प्रति सकारात्मक दृष्टिकोण भी विकसित कर रही है।

योगी आदित्यनाथ के कुशल नेतृत्व और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की योजनाओं के प्रभावी कार्यान्वयन से उत्तर प्रदेश में महिलाओं के आर्थिक और सामाजिक जीवन में क्रांतिकारी बदलाव आया है। प्रदेश आज महिला सशक्तिकरण का आदर्श उदाहरण बनता जा रहा है। आने वाले वर्षों में ये प्रयास न केवल महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाएंगे, बल्कि राज्य को समृद्धि और प्रगति के नए पथ पर अग्रसर करेंगे।

–आईएएनएस

डीकेएम/एएस

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लखनऊ, 24 नवंबर (आईएएनएस)। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अगुवाई में प्रदेश महिला सशक्तिकरण और आत्मनिर्भरता के क्षेत्र में नए आयाम स्थापित कर रहा है। केंद्र सरकार की योजनाओं को मिशन मोड में लागू करते हुए योगी सरकार ने ग्रामीण और शहरी महिलाओं के जीवन स्तर को सुधारने और उन्हें आर्थिक रूप से सशक्त बनाने की दिशा में कई महत्वपूर्ण पहल की हैं। लखपति दीदी योजना भी इन्हीं में से एक है।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की महत्वाकांक्षी लखपति दीदी योजना के अंतर्गत मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अगुवाई में प्रदेश सरकार ने अगले तीन वर्षों में 28.92 लाख महिला स्वयं सहायता समूह (एसएचजी) सदस्यों को लखपति बनाने का लक्ष्य रखा है। अब तक 13.28 लाख सदस्यों की आय को आजीविका रजिस्टर में अपडेट भी किया जा चुका है, जिनमें से 1.37 लाख से अधिक महिलाएं लखपति बन चुकी हैं। इस योजना के तहत कृषि, दुग्ध विकास, रेशम उत्पादन, और मत्स्य पालन जैसे विभिन्न विभागों के साथ समन्वय स्थापित कर महिलाओं को कम से कम दो या अधिक आय स्रोतों से जोड़ा जा रहा है।

योगी सरकार द्वारा प्रदेश में महिलाओं की आय बढ़ाने के लिए कस्टम हायरिंग सेंटर, फार्म मशीनरी बैंक, पॉली हाउस/नेट हाउस, रेशम उत्पादन, और मत्स्य पालन जैसे कार्यों के लिए सब्सिडी प्रदान की जा रही है। इस कार्यक्रम के लिए 4,274 सामुदायिक रिसोर्स पर्सन को प्रशिक्षण देकर नियुक्त किया गया है। इन प्रशिक्षित रिसोर्स पर्सन द्वारा महिलाओं को सतत प्रशिक्षण और आजीविका के नए स्रोतों की जानकारी दी जा रही है।

योगी सरकार ने वित्तीय समावेशन के माध्यम से महिलाओं को स्वावलंबी बनाने की दिशा में विशेष प्रयास किए हैं। प्रधानमंत्री स्वनिधी योजना के तहत 2 लाख से अधिक महिलाएं उत्तर प्रदेश में लाभान्वित हो चुकी हैं। इसके साथ ही, महिला स्वयं सहायता समूहों को 2,510 उचित मूल्य की दुकानें आवंटित की गई हैं। इससे न केवल उनकी आय में वृद्धि हुई है, बल्कि उनके परिवारों को भी स्थिर आर्थिक सहायता मिली है।

उत्तर प्रदेश में महिलाओं को सामाजिक सुरक्षा प्रदान करने के लिए निराश्रित महिला पेंशन योजना के तहत 32.71 लाख महिलाओं को लाभान्वित किया गया है। वहीं, प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना के तहत 60 लाख माताओं को सहायता प्रदान की गई है। ये योजनाएं महिलाओं को बेहतर स्वास्थ्य, शिक्षा, और आर्थिक सुरक्षा देने में कारगर साबित हो रही हैं।

उत्तर प्रदेश राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन के तहत 95 लाख से अधिक महिलाओं को 8,54,266 स्वयं सहायता समूहों के माध्यम से जोड़ा गया है। ग्राम संगठनों और संकुल स्तरीय संघों के जरिए ग्रामीण महिलाओं को सामूहिक रूप से सशक्त किया जा रहा है।

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के प्रयासों से उत्तर प्रदेश महिलाओं के सशक्तिकरण और समृद्धि की दिशा में अग्रसर है। मुख्यमंत्री कन्या सुमंगला योजना के तहत 19.34 लाख लाभार्थियों को सहायता प्रदान की गई है। यह योजना न केवल महिलाओं को सशक्त बना रही है, बल्कि समाज में बालिकाओं के प्रति सकारात्मक दृष्टिकोण भी विकसित कर रही है।

योगी आदित्यनाथ के कुशल नेतृत्व और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की योजनाओं के प्रभावी कार्यान्वयन से उत्तर प्रदेश में महिलाओं के आर्थिक और सामाजिक जीवन में क्रांतिकारी बदलाव आया है। प्रदेश आज महिला सशक्तिकरण का आदर्श उदाहरण बनता जा रहा है। आने वाले वर्षों में ये प्रयास न केवल महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाएंगे, बल्कि राज्य को समृद्धि और प्रगति के नए पथ पर अग्रसर करेंगे।

–आईएएनएस

डीकेएम/एएस

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