लखनऊ, 9 फरवरी (आईएएनएस)। उत्तर प्रदेश विधानसभा के अभी हाल में हुए उपचुनाव में एनडीए गठबंधन को यह आठवीं बड़ी जीत मिली है। मुख्यमंत्री योगी के नेतृत्व में सुशासन और सुदृढ़ कानून व्यवस्था पर मतदाताओं ने विश्वास की मुहर लगाई।
यूपी के 10 सीटों पर हालिया उपचुनाव में आठ पर एनडीए को वोट देकर मतदाताओं ने भाजपा पर विश्वास जताया है। मुख्यमंत्री योगी के नेतृत्व में नवंबर में न सिर्फ कुंदरकी में भाजपा का कमल खिला, बल्कि कटेहरी व मिल्कीपुर में भी सपा का तिलिस्म टूटा। तीनों सीटों पर भाजपा साइकिल से आगे निकल गई है और अपने कार्यकर्ता को ‘लखनऊ’ पहुंचाया।
यही नहीं, 10 में से सात पर कमल खिला तो एक सीट (मीरापुर) पर सहयोगी दल रालोद के हैंडपंप से भी विकास की गंगा बही। चुनावी आंकड़ों पर नजर डालें तो देखें कि यूपी के हालिया उपचुनावों में भाजपा को सबसे बड़ी जीत समाजवादी पार्टी के गढ़ रहे कुंदरकी में मिली। यहां भाजपा के रामवीर सिंह ने 1,70,371 वोट हासिल किए। उन्हें 1,44,791 वोटों से एकतरफा जीत मिली।
गाजियाबाद उपचुनाव में पार्टी ने महानगर अध्यक्ष संजीव शर्मा को टिकट थमाया। संजीव ने 69,351 के मार्जिन से जीत हासिल की। वहीं अयोध्या में संसदीय चुनाव के आठ महीने बाद मिल्कीपुर में भी सपा का तिलिस्म टूट गया है। यहां भाजपा को तीसरी सबसे बड़ी जीत मिली। चंद्रभानु पासवान यहां 61,710 के अंतर से जीत दर्ज करने में सफल हुए।
अंबेडकर नगर की कटेहरी में लगभग तीन दशक से अधिक समय से सूखे को खत्म किया। यहां से भाजपा उम्मीदवार धर्मराज निषाद ने तीन दशक बाद यहां कमल खिलाया। धर्मराज निषाद ने न सिर्फ सपा से यह सीट छीनी, बल्कि सपा प्रत्याशी शोभावती वर्मा को 34,514 के बड़े अंतर से हराया।
2022 विधानसभा चुनाव में कुंदरकी में समाजवादी पार्टी ने जीत हासिल की थी। इस सीट पर भी विधायक के सांसद चुने जाने के कारण उपचुनाव हुआ था। इस सीट पर सपा का कब्जा रहा। लेकिन नवंबर 2024 में हुए उपचुनाव में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में यह सीट भाजपा के खाते में गई। योगी के आह्वान पर जनता ने यहां से सपा को चारों खाने चित कर दिया। यहां के भाजपा उम्मीदवार रामवीर सिंह ठाकुर ने सपा के मो. रिजवान को 1.44 लाख से अधिक अंतर से पराजित किया। रामवीर को यहां 1,70,371 वोट मिले, जबकि मो. रिजवान को महज 25,580 वोट से संतोष करना पड़ा।
मिल्कीपुर में तीसरी बार कमल खिला है। इसके पहले यहां विपक्षी दलों का दबदबा रहता था। पहली बार 1991 में इस सीट पर भारतीय जनता पार्टी के मथुरा प्रसाद तिवारी चुनाव जीते। इसके लगभग ढाई दशक बाद बाद 2017 में यह सीट भारतीय जनता पार्टी की झोली में गई। यहां से गोरखनाथ बाबा ने कमल का फूल खिलाया। वहीं उपचुनाव में 8 फरवरी को हुई मतगणना में चंद्रभानु पासवान ने भाजपा प्रत्याशी के रूप में यह सीट समाजवादी पार्टी से छीन ली।
आठ सीटों पर जीत व अंतर : कुंदरकी- रामवीर सिंह ठाकुर- 1,70,371 (1,44,791 से जीत) गाजियाबाद- संजीव शर्मा- 96,946 (69,351 से जीत) मिल्कीपुर- चंद्रभानु पासवान- 1,46,397 (61,710 से जीत) खैर- सुरेंद्र दिलेर – 1,00181 (38,393 से जीत) कटेहरी- धर्मराज निषाद- 1,04091 (34,514 से जीत) मीरापुर- मिथिलेश पाल (रालोद)- 84,304 (30,796 से जीत) फूलपुर- दीपक पटेल- 78,289 (11,305 से जीत) मझवां- सुचिस्मिता मौर्या- 77,737 (4,922 से जीत)
–आईएएनएस
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