बीजिंग, 23 अगस्त (आईएएनएस)। यूरोपीय आयोग ने 20 अगस्त को चीन के इलेक्ट्रिक वाहन के खिलाफ सब्सिडी विरोधी जांच के अंतिम फैसले का खुलासा किया। इसके अनुसार यूरोपीय आयोग चीनी निर्यात कंपनियों पर 17 प्रतिशत 36.3 प्रतिशत का प्रतिकारी शुल्क लगाएगा, लेकिन टेस्ला की टैक्स दर नौ प्रतिशत है।
बताया जाता है कि यूरोपीय आयोग के इस फैसले का उद्देश्य यूरोपीय संघ के इलेक्ट्रिक वाहन उद्योग के परिवर्तन और विकास के लिए जगह बनाना है। यूरोपीय आयोग ने 4 अक्तूबर 2023 को अपने अधिकार के अनुसार स्वतंत्र रूप से मामला दर्ज किया।
अंतर्राष्ट्रीय समुदाय ने इस पर बड़ा ध्यान दिया। यूरोयीप संघ के कई सदस्य देशों, ऑटोमोटिव उद्योग संगठन व कंपनियों, थिंक टैंक और विशेषज्ञों ने क्रमशः कहा कि प्रतिकारी शुल्क लगाने का असली उद्देश्य “निष्पक्ष व्यापार” के बहाने संरक्षणवाद करना है। यूरोपीय संघ के इलेक्ट्रिक वाहन उद्योग के विकास को बढ़ावा देने के लिये प्रतिस्पर्धा से नहीं डरना चाहिए।
वास्तव में यूरोपीय संघ जलवायु परिवर्तन और हरित परिवर्तन के नये चरण की वैश्विक प्रतिस्पर्द्धा में प्रभुत्व स्थापित करना चाहता है। हाल के वर्षों में कई देशों ने फोटोवोल्टिक उत्पाद, इलेक्ट्रिक वाहन और लिथियम बैटरी को व्यवसाय के विकास में प्राथमिकता दी। यूरोपीय संघ ने वर्ष 2019 में नवीन ऊर्जा उद्योग का विकास बढ़ाना शुरू किया। यूरोपीय संघ का उद्देश्य न सिर्फ संयुक्त राष्ट्र के सतत विकास का लक्ष्य हासिल करना है, बल्कि इसके मौके पर यूरोपीय संघ के उद्योगों की वैश्विक स्पर्द्धा शक्ति बढ़ाना भी है। इसके लिए बड़ी संख्या में औद्योगिक सब्सिडी नीतियां लागू की गयीं हैं।
(साभार- चाइना मीडिया ग्रुप, पेइचिंग)
–आईएएनएस
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