लखनऊ, 18 मई (आईएएनएस)। यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने गुरुवार को आयोजित एक उच्चस्तरीय बैठक में वाराणसी व गोरखपुर में प्रस्तावित एकीकृत मंडलीय कार्यालय परिसरों के निर्माण की प्रगति की समीक्षा की और आवश्यक दिशा-निर्देश दिए। बोले, एकीकृत मंडलीय कार्यालय परिसर का निर्माण कार्य शीघ्र प्रारंभ करें।
उन्होंने कहा कि प्रशासनिक कार्यो में सुगमता एवं आम जन की सुविधा के दृष्टिगत शासन स्तर पर संचालित सचिवालयों की तर्ज पर मंडल मुख्यालयों पर एकीकृत मंडलीय कार्यालय परिसर का विकास किया जाना व्यावहारिक होगा। प्रारंभिक चरण में गोरखपुर व वाराणसी मंडल मुख्यालय पर ऐसे मॉडल एकीकृत मंडलीय कार्यालय परिसर का विकास करने का निर्णय लिया गया है। इस संबंध में आवश्यक कार्यवाही तेजी से आगे बढ़ाई जाए।
योगी ने कहा कि एकीकृत मंडलीय कार्यालय के माध्यम से आम जनता से जुड़े सभी प्रमुख कार्यालय एक ही परिसर में संचालित होंगे। मंडल स्तरीय अधिकारियों का यह एकीकृत कार्यालय ऑडिटोरियम, वीडियो कांफ्रेंसिंग रूम, पार्किं ग, पेपरलेस वर्किं ग आदि अत्याधुनिक सुविधाओं से लैस हो। इसके बनने से जनता को काफी सुविधाएं होंगी। अपने काम के लिए उन्हें अलग-अलग दफ्तर आने-जाने की असुविधा नहीं होगी। विभिन्न कार्यालयों के बीच बेहतर समन्वय हो सकेगा।
उन्होंने कहा कि वाराणसी और गोरखपुर में एकीकृत मंडलीय कार्यालयों का निर्माण वीडीए और जीडीए द्वारा किया जाए। परियोजना की लागत संबंधित विकास प्राधिकरणों द्वारा ही वहन की जाए। एकीकृत भवन के संचालित होने के बाद जो सरकारी कार्यालय यहां शिफ्ट होंगे, उनके पूर्ववर्ती कार्यालय के परिसर की भूमि व भवन का प्रयोग प्राधिकरण ही करे। परियोजना के लिए शासन स्तर से भी आंशिक वित्तीय सहयोग दिया जाएगा।
मुख्यमंत्री ने कहा कि एकीकृत मंडलीय कार्यालय परिसर की परियोजना शासन की प्राथमिकता में है। दोनों संबंधित विकास प्राधिकरण यथाशीघ्र अपना प्रस्ताव शासन को प्रेषित करें, ताकि निर्माण कार्य समय से प्रारंभ हो सके। इसके स्वरूप का निर्धारण करते समय शहर के आगामी 50 वर्षो की आवश्यकताओं को ध्यान में रखें।
–आईएएनएस
विकेटी/एसजीके
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लखनऊ, 18 मई (आईएएनएस)। यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने गुरुवार को आयोजित एक उच्चस्तरीय बैठक में वाराणसी व गोरखपुर में प्रस्तावित एकीकृत मंडलीय कार्यालय परिसरों के निर्माण की प्रगति की समीक्षा की और आवश्यक दिशा-निर्देश दिए। बोले, एकीकृत मंडलीय कार्यालय परिसर का निर्माण कार्य शीघ्र प्रारंभ करें।
उन्होंने कहा कि प्रशासनिक कार्यो में सुगमता एवं आम जन की सुविधा के दृष्टिगत शासन स्तर पर संचालित सचिवालयों की तर्ज पर मंडल मुख्यालयों पर एकीकृत मंडलीय कार्यालय परिसर का विकास किया जाना व्यावहारिक होगा। प्रारंभिक चरण में गोरखपुर व वाराणसी मंडल मुख्यालय पर ऐसे मॉडल एकीकृत मंडलीय कार्यालय परिसर का विकास करने का निर्णय लिया गया है। इस संबंध में आवश्यक कार्यवाही तेजी से आगे बढ़ाई जाए।
योगी ने कहा कि एकीकृत मंडलीय कार्यालय के माध्यम से आम जनता से जुड़े सभी प्रमुख कार्यालय एक ही परिसर में संचालित होंगे। मंडल स्तरीय अधिकारियों का यह एकीकृत कार्यालय ऑडिटोरियम, वीडियो कांफ्रेंसिंग रूम, पार्किं ग, पेपरलेस वर्किं ग आदि अत्याधुनिक सुविधाओं से लैस हो। इसके बनने से जनता को काफी सुविधाएं होंगी। अपने काम के लिए उन्हें अलग-अलग दफ्तर आने-जाने की असुविधा नहीं होगी। विभिन्न कार्यालयों के बीच बेहतर समन्वय हो सकेगा।
उन्होंने कहा कि वाराणसी और गोरखपुर में एकीकृत मंडलीय कार्यालयों का निर्माण वीडीए और जीडीए द्वारा किया जाए। परियोजना की लागत संबंधित विकास प्राधिकरणों द्वारा ही वहन की जाए। एकीकृत भवन के संचालित होने के बाद जो सरकारी कार्यालय यहां शिफ्ट होंगे, उनके पूर्ववर्ती कार्यालय के परिसर की भूमि व भवन का प्रयोग प्राधिकरण ही करे। परियोजना के लिए शासन स्तर से भी आंशिक वित्तीय सहयोग दिया जाएगा।
मुख्यमंत्री ने कहा कि एकीकृत मंडलीय कार्यालय परिसर की परियोजना शासन की प्राथमिकता में है। दोनों संबंधित विकास प्राधिकरण यथाशीघ्र अपना प्रस्ताव शासन को प्रेषित करें, ताकि निर्माण कार्य समय से प्रारंभ हो सके। इसके स्वरूप का निर्धारण करते समय शहर के आगामी 50 वर्षो की आवश्यकताओं को ध्यान में रखें।
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लखनऊ, 18 मई (आईएएनएस)। यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने गुरुवार को आयोजित एक उच्चस्तरीय बैठक में वाराणसी व गोरखपुर में प्रस्तावित एकीकृत मंडलीय कार्यालय परिसरों के निर्माण की प्रगति की समीक्षा की और आवश्यक दिशा-निर्देश दिए। बोले, एकीकृत मंडलीय कार्यालय परिसर का निर्माण कार्य शीघ्र प्रारंभ करें।
उन्होंने कहा कि प्रशासनिक कार्यो में सुगमता एवं आम जन की सुविधा के दृष्टिगत शासन स्तर पर संचालित सचिवालयों की तर्ज पर मंडल मुख्यालयों पर एकीकृत मंडलीय कार्यालय परिसर का विकास किया जाना व्यावहारिक होगा। प्रारंभिक चरण में गोरखपुर व वाराणसी मंडल मुख्यालय पर ऐसे मॉडल एकीकृत मंडलीय कार्यालय परिसर का विकास करने का निर्णय लिया गया है। इस संबंध में आवश्यक कार्यवाही तेजी से आगे बढ़ाई जाए।
योगी ने कहा कि एकीकृत मंडलीय कार्यालय के माध्यम से आम जनता से जुड़े सभी प्रमुख कार्यालय एक ही परिसर में संचालित होंगे। मंडल स्तरीय अधिकारियों का यह एकीकृत कार्यालय ऑडिटोरियम, वीडियो कांफ्रेंसिंग रूम, पार्किं ग, पेपरलेस वर्किं ग आदि अत्याधुनिक सुविधाओं से लैस हो। इसके बनने से जनता को काफी सुविधाएं होंगी। अपने काम के लिए उन्हें अलग-अलग दफ्तर आने-जाने की असुविधा नहीं होगी। विभिन्न कार्यालयों के बीच बेहतर समन्वय हो सकेगा।
उन्होंने कहा कि वाराणसी और गोरखपुर में एकीकृत मंडलीय कार्यालयों का निर्माण वीडीए और जीडीए द्वारा किया जाए। परियोजना की लागत संबंधित विकास प्राधिकरणों द्वारा ही वहन की जाए। एकीकृत भवन के संचालित होने के बाद जो सरकारी कार्यालय यहां शिफ्ट होंगे, उनके पूर्ववर्ती कार्यालय के परिसर की भूमि व भवन का प्रयोग प्राधिकरण ही करे। परियोजना के लिए शासन स्तर से भी आंशिक वित्तीय सहयोग दिया जाएगा।
मुख्यमंत्री ने कहा कि एकीकृत मंडलीय कार्यालय परिसर की परियोजना शासन की प्राथमिकता में है। दोनों संबंधित विकास प्राधिकरण यथाशीघ्र अपना प्रस्ताव शासन को प्रेषित करें, ताकि निर्माण कार्य समय से प्रारंभ हो सके। इसके स्वरूप का निर्धारण करते समय शहर के आगामी 50 वर्षो की आवश्यकताओं को ध्यान में रखें।
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उन्होंने कहा कि प्रशासनिक कार्यो में सुगमता एवं आम जन की सुविधा के दृष्टिगत शासन स्तर पर संचालित सचिवालयों की तर्ज पर मंडल मुख्यालयों पर एकीकृत मंडलीय कार्यालय परिसर का विकास किया जाना व्यावहारिक होगा। प्रारंभिक चरण में गोरखपुर व वाराणसी मंडल मुख्यालय पर ऐसे मॉडल एकीकृत मंडलीय कार्यालय परिसर का विकास करने का निर्णय लिया गया है। इस संबंध में आवश्यक कार्यवाही तेजी से आगे बढ़ाई जाए।
योगी ने कहा कि एकीकृत मंडलीय कार्यालय के माध्यम से आम जनता से जुड़े सभी प्रमुख कार्यालय एक ही परिसर में संचालित होंगे। मंडल स्तरीय अधिकारियों का यह एकीकृत कार्यालय ऑडिटोरियम, वीडियो कांफ्रेंसिंग रूम, पार्किं ग, पेपरलेस वर्किं ग आदि अत्याधुनिक सुविधाओं से लैस हो। इसके बनने से जनता को काफी सुविधाएं होंगी। अपने काम के लिए उन्हें अलग-अलग दफ्तर आने-जाने की असुविधा नहीं होगी। विभिन्न कार्यालयों के बीच बेहतर समन्वय हो सकेगा।
उन्होंने कहा कि वाराणसी और गोरखपुर में एकीकृत मंडलीय कार्यालयों का निर्माण वीडीए और जीडीए द्वारा किया जाए। परियोजना की लागत संबंधित विकास प्राधिकरणों द्वारा ही वहन की जाए। एकीकृत भवन के संचालित होने के बाद जो सरकारी कार्यालय यहां शिफ्ट होंगे, उनके पूर्ववर्ती कार्यालय के परिसर की भूमि व भवन का प्रयोग प्राधिकरण ही करे। परियोजना के लिए शासन स्तर से भी आंशिक वित्तीय सहयोग दिया जाएगा।
मुख्यमंत्री ने कहा कि एकीकृत मंडलीय कार्यालय परिसर की परियोजना शासन की प्राथमिकता में है। दोनों संबंधित विकास प्राधिकरण यथाशीघ्र अपना प्रस्ताव शासन को प्रेषित करें, ताकि निर्माण कार्य समय से प्रारंभ हो सके। इसके स्वरूप का निर्धारण करते समय शहर के आगामी 50 वर्षो की आवश्यकताओं को ध्यान में रखें।
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उन्होंने कहा कि प्रशासनिक कार्यो में सुगमता एवं आम जन की सुविधा के दृष्टिगत शासन स्तर पर संचालित सचिवालयों की तर्ज पर मंडल मुख्यालयों पर एकीकृत मंडलीय कार्यालय परिसर का विकास किया जाना व्यावहारिक होगा। प्रारंभिक चरण में गोरखपुर व वाराणसी मंडल मुख्यालय पर ऐसे मॉडल एकीकृत मंडलीय कार्यालय परिसर का विकास करने का निर्णय लिया गया है। इस संबंध में आवश्यक कार्यवाही तेजी से आगे बढ़ाई जाए।
योगी ने कहा कि एकीकृत मंडलीय कार्यालय के माध्यम से आम जनता से जुड़े सभी प्रमुख कार्यालय एक ही परिसर में संचालित होंगे। मंडल स्तरीय अधिकारियों का यह एकीकृत कार्यालय ऑडिटोरियम, वीडियो कांफ्रेंसिंग रूम, पार्किं ग, पेपरलेस वर्किं ग आदि अत्याधुनिक सुविधाओं से लैस हो। इसके बनने से जनता को काफी सुविधाएं होंगी। अपने काम के लिए उन्हें अलग-अलग दफ्तर आने-जाने की असुविधा नहीं होगी। विभिन्न कार्यालयों के बीच बेहतर समन्वय हो सकेगा।
उन्होंने कहा कि वाराणसी और गोरखपुर में एकीकृत मंडलीय कार्यालयों का निर्माण वीडीए और जीडीए द्वारा किया जाए। परियोजना की लागत संबंधित विकास प्राधिकरणों द्वारा ही वहन की जाए। एकीकृत भवन के संचालित होने के बाद जो सरकारी कार्यालय यहां शिफ्ट होंगे, उनके पूर्ववर्ती कार्यालय के परिसर की भूमि व भवन का प्रयोग प्राधिकरण ही करे। परियोजना के लिए शासन स्तर से भी आंशिक वित्तीय सहयोग दिया जाएगा।
मुख्यमंत्री ने कहा कि एकीकृत मंडलीय कार्यालय परिसर की परियोजना शासन की प्राथमिकता में है। दोनों संबंधित विकास प्राधिकरण यथाशीघ्र अपना प्रस्ताव शासन को प्रेषित करें, ताकि निर्माण कार्य समय से प्रारंभ हो सके। इसके स्वरूप का निर्धारण करते समय शहर के आगामी 50 वर्षो की आवश्यकताओं को ध्यान में रखें।
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उन्होंने कहा कि प्रशासनिक कार्यो में सुगमता एवं आम जन की सुविधा के दृष्टिगत शासन स्तर पर संचालित सचिवालयों की तर्ज पर मंडल मुख्यालयों पर एकीकृत मंडलीय कार्यालय परिसर का विकास किया जाना व्यावहारिक होगा। प्रारंभिक चरण में गोरखपुर व वाराणसी मंडल मुख्यालय पर ऐसे मॉडल एकीकृत मंडलीय कार्यालय परिसर का विकास करने का निर्णय लिया गया है। इस संबंध में आवश्यक कार्यवाही तेजी से आगे बढ़ाई जाए।
योगी ने कहा कि एकीकृत मंडलीय कार्यालय के माध्यम से आम जनता से जुड़े सभी प्रमुख कार्यालय एक ही परिसर में संचालित होंगे। मंडल स्तरीय अधिकारियों का यह एकीकृत कार्यालय ऑडिटोरियम, वीडियो कांफ्रेंसिंग रूम, पार्किं ग, पेपरलेस वर्किं ग आदि अत्याधुनिक सुविधाओं से लैस हो। इसके बनने से जनता को काफी सुविधाएं होंगी। अपने काम के लिए उन्हें अलग-अलग दफ्तर आने-जाने की असुविधा नहीं होगी। विभिन्न कार्यालयों के बीच बेहतर समन्वय हो सकेगा।
उन्होंने कहा कि वाराणसी और गोरखपुर में एकीकृत मंडलीय कार्यालयों का निर्माण वीडीए और जीडीए द्वारा किया जाए। परियोजना की लागत संबंधित विकास प्राधिकरणों द्वारा ही वहन की जाए। एकीकृत भवन के संचालित होने के बाद जो सरकारी कार्यालय यहां शिफ्ट होंगे, उनके पूर्ववर्ती कार्यालय के परिसर की भूमि व भवन का प्रयोग प्राधिकरण ही करे। परियोजना के लिए शासन स्तर से भी आंशिक वित्तीय सहयोग दिया जाएगा।
मुख्यमंत्री ने कहा कि एकीकृत मंडलीय कार्यालय परिसर की परियोजना शासन की प्राथमिकता में है। दोनों संबंधित विकास प्राधिकरण यथाशीघ्र अपना प्रस्ताव शासन को प्रेषित करें, ताकि निर्माण कार्य समय से प्रारंभ हो सके। इसके स्वरूप का निर्धारण करते समय शहर के आगामी 50 वर्षो की आवश्यकताओं को ध्यान में रखें।
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उन्होंने कहा कि प्रशासनिक कार्यो में सुगमता एवं आम जन की सुविधा के दृष्टिगत शासन स्तर पर संचालित सचिवालयों की तर्ज पर मंडल मुख्यालयों पर एकीकृत मंडलीय कार्यालय परिसर का विकास किया जाना व्यावहारिक होगा। प्रारंभिक चरण में गोरखपुर व वाराणसी मंडल मुख्यालय पर ऐसे मॉडल एकीकृत मंडलीय कार्यालय परिसर का विकास करने का निर्णय लिया गया है। इस संबंध में आवश्यक कार्यवाही तेजी से आगे बढ़ाई जाए।
योगी ने कहा कि एकीकृत मंडलीय कार्यालय के माध्यम से आम जनता से जुड़े सभी प्रमुख कार्यालय एक ही परिसर में संचालित होंगे। मंडल स्तरीय अधिकारियों का यह एकीकृत कार्यालय ऑडिटोरियम, वीडियो कांफ्रेंसिंग रूम, पार्किं ग, पेपरलेस वर्किं ग आदि अत्याधुनिक सुविधाओं से लैस हो। इसके बनने से जनता को काफी सुविधाएं होंगी। अपने काम के लिए उन्हें अलग-अलग दफ्तर आने-जाने की असुविधा नहीं होगी। विभिन्न कार्यालयों के बीच बेहतर समन्वय हो सकेगा।
उन्होंने कहा कि वाराणसी और गोरखपुर में एकीकृत मंडलीय कार्यालयों का निर्माण वीडीए और जीडीए द्वारा किया जाए। परियोजना की लागत संबंधित विकास प्राधिकरणों द्वारा ही वहन की जाए। एकीकृत भवन के संचालित होने के बाद जो सरकारी कार्यालय यहां शिफ्ट होंगे, उनके पूर्ववर्ती कार्यालय के परिसर की भूमि व भवन का प्रयोग प्राधिकरण ही करे। परियोजना के लिए शासन स्तर से भी आंशिक वित्तीय सहयोग दिया जाएगा।
मुख्यमंत्री ने कहा कि एकीकृत मंडलीय कार्यालय परिसर की परियोजना शासन की प्राथमिकता में है। दोनों संबंधित विकास प्राधिकरण यथाशीघ्र अपना प्रस्ताव शासन को प्रेषित करें, ताकि निर्माण कार्य समय से प्रारंभ हो सके। इसके स्वरूप का निर्धारण करते समय शहर के आगामी 50 वर्षो की आवश्यकताओं को ध्यान में रखें।
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उन्होंने कहा कि प्रशासनिक कार्यो में सुगमता एवं आम जन की सुविधा के दृष्टिगत शासन स्तर पर संचालित सचिवालयों की तर्ज पर मंडल मुख्यालयों पर एकीकृत मंडलीय कार्यालय परिसर का विकास किया जाना व्यावहारिक होगा। प्रारंभिक चरण में गोरखपुर व वाराणसी मंडल मुख्यालय पर ऐसे मॉडल एकीकृत मंडलीय कार्यालय परिसर का विकास करने का निर्णय लिया गया है। इस संबंध में आवश्यक कार्यवाही तेजी से आगे बढ़ाई जाए।
योगी ने कहा कि एकीकृत मंडलीय कार्यालय के माध्यम से आम जनता से जुड़े सभी प्रमुख कार्यालय एक ही परिसर में संचालित होंगे। मंडल स्तरीय अधिकारियों का यह एकीकृत कार्यालय ऑडिटोरियम, वीडियो कांफ्रेंसिंग रूम, पार्किं ग, पेपरलेस वर्किं ग आदि अत्याधुनिक सुविधाओं से लैस हो। इसके बनने से जनता को काफी सुविधाएं होंगी। अपने काम के लिए उन्हें अलग-अलग दफ्तर आने-जाने की असुविधा नहीं होगी। विभिन्न कार्यालयों के बीच बेहतर समन्वय हो सकेगा।
उन्होंने कहा कि वाराणसी और गोरखपुर में एकीकृत मंडलीय कार्यालयों का निर्माण वीडीए और जीडीए द्वारा किया जाए। परियोजना की लागत संबंधित विकास प्राधिकरणों द्वारा ही वहन की जाए। एकीकृत भवन के संचालित होने के बाद जो सरकारी कार्यालय यहां शिफ्ट होंगे, उनके पूर्ववर्ती कार्यालय के परिसर की भूमि व भवन का प्रयोग प्राधिकरण ही करे। परियोजना के लिए शासन स्तर से भी आंशिक वित्तीय सहयोग दिया जाएगा।
मुख्यमंत्री ने कहा कि एकीकृत मंडलीय कार्यालय परिसर की परियोजना शासन की प्राथमिकता में है। दोनों संबंधित विकास प्राधिकरण यथाशीघ्र अपना प्रस्ताव शासन को प्रेषित करें, ताकि निर्माण कार्य समय से प्रारंभ हो सके। इसके स्वरूप का निर्धारण करते समय शहर के आगामी 50 वर्षो की आवश्यकताओं को ध्यान में रखें।
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उन्होंने कहा कि प्रशासनिक कार्यो में सुगमता एवं आम जन की सुविधा के दृष्टिगत शासन स्तर पर संचालित सचिवालयों की तर्ज पर मंडल मुख्यालयों पर एकीकृत मंडलीय कार्यालय परिसर का विकास किया जाना व्यावहारिक होगा। प्रारंभिक चरण में गोरखपुर व वाराणसी मंडल मुख्यालय पर ऐसे मॉडल एकीकृत मंडलीय कार्यालय परिसर का विकास करने का निर्णय लिया गया है। इस संबंध में आवश्यक कार्यवाही तेजी से आगे बढ़ाई जाए।
योगी ने कहा कि एकीकृत मंडलीय कार्यालय के माध्यम से आम जनता से जुड़े सभी प्रमुख कार्यालय एक ही परिसर में संचालित होंगे। मंडल स्तरीय अधिकारियों का यह एकीकृत कार्यालय ऑडिटोरियम, वीडियो कांफ्रेंसिंग रूम, पार्किं ग, पेपरलेस वर्किं ग आदि अत्याधुनिक सुविधाओं से लैस हो। इसके बनने से जनता को काफी सुविधाएं होंगी। अपने काम के लिए उन्हें अलग-अलग दफ्तर आने-जाने की असुविधा नहीं होगी। विभिन्न कार्यालयों के बीच बेहतर समन्वय हो सकेगा।
उन्होंने कहा कि वाराणसी और गोरखपुर में एकीकृत मंडलीय कार्यालयों का निर्माण वीडीए और जीडीए द्वारा किया जाए। परियोजना की लागत संबंधित विकास प्राधिकरणों द्वारा ही वहन की जाए। एकीकृत भवन के संचालित होने के बाद जो सरकारी कार्यालय यहां शिफ्ट होंगे, उनके पूर्ववर्ती कार्यालय के परिसर की भूमि व भवन का प्रयोग प्राधिकरण ही करे। परियोजना के लिए शासन स्तर से भी आंशिक वित्तीय सहयोग दिया जाएगा।
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योगी ने कहा कि एकीकृत मंडलीय कार्यालय के माध्यम से आम जनता से जुड़े सभी प्रमुख कार्यालय एक ही परिसर में संचालित होंगे। मंडल स्तरीय अधिकारियों का यह एकीकृत कार्यालय ऑडिटोरियम, वीडियो कांफ्रेंसिंग रूम, पार्किं ग, पेपरलेस वर्किं ग आदि अत्याधुनिक सुविधाओं से लैस हो। इसके बनने से जनता को काफी सुविधाएं होंगी। अपने काम के लिए उन्हें अलग-अलग दफ्तर आने-जाने की असुविधा नहीं होगी। विभिन्न कार्यालयों के बीच बेहतर समन्वय हो सकेगा।
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मुख्यमंत्री ने कहा कि एकीकृत मंडलीय कार्यालय परिसर की परियोजना शासन की प्राथमिकता में है। दोनों संबंधित विकास प्राधिकरण यथाशीघ्र अपना प्रस्ताव शासन को प्रेषित करें, ताकि निर्माण कार्य समय से प्रारंभ हो सके। इसके स्वरूप का निर्धारण करते समय शहर के आगामी 50 वर्षो की आवश्यकताओं को ध्यान में रखें।
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योगी ने कहा कि एकीकृत मंडलीय कार्यालय के माध्यम से आम जनता से जुड़े सभी प्रमुख कार्यालय एक ही परिसर में संचालित होंगे। मंडल स्तरीय अधिकारियों का यह एकीकृत कार्यालय ऑडिटोरियम, वीडियो कांफ्रेंसिंग रूम, पार्किं ग, पेपरलेस वर्किं ग आदि अत्याधुनिक सुविधाओं से लैस हो। इसके बनने से जनता को काफी सुविधाएं होंगी। अपने काम के लिए उन्हें अलग-अलग दफ्तर आने-जाने की असुविधा नहीं होगी। विभिन्न कार्यालयों के बीच बेहतर समन्वय हो सकेगा।
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योगी ने कहा कि एकीकृत मंडलीय कार्यालय के माध्यम से आम जनता से जुड़े सभी प्रमुख कार्यालय एक ही परिसर में संचालित होंगे। मंडल स्तरीय अधिकारियों का यह एकीकृत कार्यालय ऑडिटोरियम, वीडियो कांफ्रेंसिंग रूम, पार्किं ग, पेपरलेस वर्किं ग आदि अत्याधुनिक सुविधाओं से लैस हो। इसके बनने से जनता को काफी सुविधाएं होंगी। अपने काम के लिए उन्हें अलग-अलग दफ्तर आने-जाने की असुविधा नहीं होगी। विभिन्न कार्यालयों के बीच बेहतर समन्वय हो सकेगा।
उन्होंने कहा कि वाराणसी और गोरखपुर में एकीकृत मंडलीय कार्यालयों का निर्माण वीडीए और जीडीए द्वारा किया जाए। परियोजना की लागत संबंधित विकास प्राधिकरणों द्वारा ही वहन की जाए। एकीकृत भवन के संचालित होने के बाद जो सरकारी कार्यालय यहां शिफ्ट होंगे, उनके पूर्ववर्ती कार्यालय के परिसर की भूमि व भवन का प्रयोग प्राधिकरण ही करे। परियोजना के लिए शासन स्तर से भी आंशिक वित्तीय सहयोग दिया जाएगा।
मुख्यमंत्री ने कहा कि एकीकृत मंडलीय कार्यालय परिसर की परियोजना शासन की प्राथमिकता में है। दोनों संबंधित विकास प्राधिकरण यथाशीघ्र अपना प्रस्ताव शासन को प्रेषित करें, ताकि निर्माण कार्य समय से प्रारंभ हो सके। इसके स्वरूप का निर्धारण करते समय शहर के आगामी 50 वर्षो की आवश्यकताओं को ध्यान में रखें।
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लखनऊ, 18 मई (आईएएनएस)। यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने गुरुवार को आयोजित एक उच्चस्तरीय बैठक में वाराणसी व गोरखपुर में प्रस्तावित एकीकृत मंडलीय कार्यालय परिसरों के निर्माण की प्रगति की समीक्षा की और आवश्यक दिशा-निर्देश दिए। बोले, एकीकृत मंडलीय कार्यालय परिसर का निर्माण कार्य शीघ्र प्रारंभ करें।
उन्होंने कहा कि प्रशासनिक कार्यो में सुगमता एवं आम जन की सुविधा के दृष्टिगत शासन स्तर पर संचालित सचिवालयों की तर्ज पर मंडल मुख्यालयों पर एकीकृत मंडलीय कार्यालय परिसर का विकास किया जाना व्यावहारिक होगा। प्रारंभिक चरण में गोरखपुर व वाराणसी मंडल मुख्यालय पर ऐसे मॉडल एकीकृत मंडलीय कार्यालय परिसर का विकास करने का निर्णय लिया गया है। इस संबंध में आवश्यक कार्यवाही तेजी से आगे बढ़ाई जाए।
योगी ने कहा कि एकीकृत मंडलीय कार्यालय के माध्यम से आम जनता से जुड़े सभी प्रमुख कार्यालय एक ही परिसर में संचालित होंगे। मंडल स्तरीय अधिकारियों का यह एकीकृत कार्यालय ऑडिटोरियम, वीडियो कांफ्रेंसिंग रूम, पार्किं ग, पेपरलेस वर्किं ग आदि अत्याधुनिक सुविधाओं से लैस हो। इसके बनने से जनता को काफी सुविधाएं होंगी। अपने काम के लिए उन्हें अलग-अलग दफ्तर आने-जाने की असुविधा नहीं होगी। विभिन्न कार्यालयों के बीच बेहतर समन्वय हो सकेगा।
उन्होंने कहा कि वाराणसी और गोरखपुर में एकीकृत मंडलीय कार्यालयों का निर्माण वीडीए और जीडीए द्वारा किया जाए। परियोजना की लागत संबंधित विकास प्राधिकरणों द्वारा ही वहन की जाए। एकीकृत भवन के संचालित होने के बाद जो सरकारी कार्यालय यहां शिफ्ट होंगे, उनके पूर्ववर्ती कार्यालय के परिसर की भूमि व भवन का प्रयोग प्राधिकरण ही करे। परियोजना के लिए शासन स्तर से भी आंशिक वित्तीय सहयोग दिया जाएगा।
मुख्यमंत्री ने कहा कि एकीकृत मंडलीय कार्यालय परिसर की परियोजना शासन की प्राथमिकता में है। दोनों संबंधित विकास प्राधिकरण यथाशीघ्र अपना प्रस्ताव शासन को प्रेषित करें, ताकि निर्माण कार्य समय से प्रारंभ हो सके। इसके स्वरूप का निर्धारण करते समय शहर के आगामी 50 वर्षो की आवश्यकताओं को ध्यान में रखें।
–आईएएनएस
विकेटी/एसजीके
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लखनऊ, 18 मई (आईएएनएस)। यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने गुरुवार को आयोजित एक उच्चस्तरीय बैठक में वाराणसी व गोरखपुर में प्रस्तावित एकीकृत मंडलीय कार्यालय परिसरों के निर्माण की प्रगति की समीक्षा की और आवश्यक दिशा-निर्देश दिए। बोले, एकीकृत मंडलीय कार्यालय परिसर का निर्माण कार्य शीघ्र प्रारंभ करें।
उन्होंने कहा कि प्रशासनिक कार्यो में सुगमता एवं आम जन की सुविधा के दृष्टिगत शासन स्तर पर संचालित सचिवालयों की तर्ज पर मंडल मुख्यालयों पर एकीकृत मंडलीय कार्यालय परिसर का विकास किया जाना व्यावहारिक होगा। प्रारंभिक चरण में गोरखपुर व वाराणसी मंडल मुख्यालय पर ऐसे मॉडल एकीकृत मंडलीय कार्यालय परिसर का विकास करने का निर्णय लिया गया है। इस संबंध में आवश्यक कार्यवाही तेजी से आगे बढ़ाई जाए।
योगी ने कहा कि एकीकृत मंडलीय कार्यालय के माध्यम से आम जनता से जुड़े सभी प्रमुख कार्यालय एक ही परिसर में संचालित होंगे। मंडल स्तरीय अधिकारियों का यह एकीकृत कार्यालय ऑडिटोरियम, वीडियो कांफ्रेंसिंग रूम, पार्किं ग, पेपरलेस वर्किं ग आदि अत्याधुनिक सुविधाओं से लैस हो। इसके बनने से जनता को काफी सुविधाएं होंगी। अपने काम के लिए उन्हें अलग-अलग दफ्तर आने-जाने की असुविधा नहीं होगी। विभिन्न कार्यालयों के बीच बेहतर समन्वय हो सकेगा।
उन्होंने कहा कि वाराणसी और गोरखपुर में एकीकृत मंडलीय कार्यालयों का निर्माण वीडीए और जीडीए द्वारा किया जाए। परियोजना की लागत संबंधित विकास प्राधिकरणों द्वारा ही वहन की जाए। एकीकृत भवन के संचालित होने के बाद जो सरकारी कार्यालय यहां शिफ्ट होंगे, उनके पूर्ववर्ती कार्यालय के परिसर की भूमि व भवन का प्रयोग प्राधिकरण ही करे। परियोजना के लिए शासन स्तर से भी आंशिक वित्तीय सहयोग दिया जाएगा।
मुख्यमंत्री ने कहा कि एकीकृत मंडलीय कार्यालय परिसर की परियोजना शासन की प्राथमिकता में है। दोनों संबंधित विकास प्राधिकरण यथाशीघ्र अपना प्रस्ताव शासन को प्रेषित करें, ताकि निर्माण कार्य समय से प्रारंभ हो सके। इसके स्वरूप का निर्धारण करते समय शहर के आगामी 50 वर्षो की आवश्यकताओं को ध्यान में रखें।
–आईएएनएस
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लखनऊ, 18 मई (आईएएनएस)। यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने गुरुवार को आयोजित एक उच्चस्तरीय बैठक में वाराणसी व गोरखपुर में प्रस्तावित एकीकृत मंडलीय कार्यालय परिसरों के निर्माण की प्रगति की समीक्षा की और आवश्यक दिशा-निर्देश दिए। बोले, एकीकृत मंडलीय कार्यालय परिसर का निर्माण कार्य शीघ्र प्रारंभ करें।
उन्होंने कहा कि प्रशासनिक कार्यो में सुगमता एवं आम जन की सुविधा के दृष्टिगत शासन स्तर पर संचालित सचिवालयों की तर्ज पर मंडल मुख्यालयों पर एकीकृत मंडलीय कार्यालय परिसर का विकास किया जाना व्यावहारिक होगा। प्रारंभिक चरण में गोरखपुर व वाराणसी मंडल मुख्यालय पर ऐसे मॉडल एकीकृत मंडलीय कार्यालय परिसर का विकास करने का निर्णय लिया गया है। इस संबंध में आवश्यक कार्यवाही तेजी से आगे बढ़ाई जाए।
योगी ने कहा कि एकीकृत मंडलीय कार्यालय के माध्यम से आम जनता से जुड़े सभी प्रमुख कार्यालय एक ही परिसर में संचालित होंगे। मंडल स्तरीय अधिकारियों का यह एकीकृत कार्यालय ऑडिटोरियम, वीडियो कांफ्रेंसिंग रूम, पार्किं ग, पेपरलेस वर्किं ग आदि अत्याधुनिक सुविधाओं से लैस हो। इसके बनने से जनता को काफी सुविधाएं होंगी। अपने काम के लिए उन्हें अलग-अलग दफ्तर आने-जाने की असुविधा नहीं होगी। विभिन्न कार्यालयों के बीच बेहतर समन्वय हो सकेगा।
उन्होंने कहा कि वाराणसी और गोरखपुर में एकीकृत मंडलीय कार्यालयों का निर्माण वीडीए और जीडीए द्वारा किया जाए। परियोजना की लागत संबंधित विकास प्राधिकरणों द्वारा ही वहन की जाए। एकीकृत भवन के संचालित होने के बाद जो सरकारी कार्यालय यहां शिफ्ट होंगे, उनके पूर्ववर्ती कार्यालय के परिसर की भूमि व भवन का प्रयोग प्राधिकरण ही करे। परियोजना के लिए शासन स्तर से भी आंशिक वित्तीय सहयोग दिया जाएगा।
मुख्यमंत्री ने कहा कि एकीकृत मंडलीय कार्यालय परिसर की परियोजना शासन की प्राथमिकता में है। दोनों संबंधित विकास प्राधिकरण यथाशीघ्र अपना प्रस्ताव शासन को प्रेषित करें, ताकि निर्माण कार्य समय से प्रारंभ हो सके। इसके स्वरूप का निर्धारण करते समय शहर के आगामी 50 वर्षो की आवश्यकताओं को ध्यान में रखें।
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लखनऊ, 18 मई (आईएएनएस)। यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने गुरुवार को आयोजित एक उच्चस्तरीय बैठक में वाराणसी व गोरखपुर में प्रस्तावित एकीकृत मंडलीय कार्यालय परिसरों के निर्माण की प्रगति की समीक्षा की और आवश्यक दिशा-निर्देश दिए। बोले, एकीकृत मंडलीय कार्यालय परिसर का निर्माण कार्य शीघ्र प्रारंभ करें।
उन्होंने कहा कि प्रशासनिक कार्यो में सुगमता एवं आम जन की सुविधा के दृष्टिगत शासन स्तर पर संचालित सचिवालयों की तर्ज पर मंडल मुख्यालयों पर एकीकृत मंडलीय कार्यालय परिसर का विकास किया जाना व्यावहारिक होगा। प्रारंभिक चरण में गोरखपुर व वाराणसी मंडल मुख्यालय पर ऐसे मॉडल एकीकृत मंडलीय कार्यालय परिसर का विकास करने का निर्णय लिया गया है। इस संबंध में आवश्यक कार्यवाही तेजी से आगे बढ़ाई जाए।
योगी ने कहा कि एकीकृत मंडलीय कार्यालय के माध्यम से आम जनता से जुड़े सभी प्रमुख कार्यालय एक ही परिसर में संचालित होंगे। मंडल स्तरीय अधिकारियों का यह एकीकृत कार्यालय ऑडिटोरियम, वीडियो कांफ्रेंसिंग रूम, पार्किं ग, पेपरलेस वर्किं ग आदि अत्याधुनिक सुविधाओं से लैस हो। इसके बनने से जनता को काफी सुविधाएं होंगी। अपने काम के लिए उन्हें अलग-अलग दफ्तर आने-जाने की असुविधा नहीं होगी। विभिन्न कार्यालयों के बीच बेहतर समन्वय हो सकेगा।
उन्होंने कहा कि वाराणसी और गोरखपुर में एकीकृत मंडलीय कार्यालयों का निर्माण वीडीए और जीडीए द्वारा किया जाए। परियोजना की लागत संबंधित विकास प्राधिकरणों द्वारा ही वहन की जाए। एकीकृत भवन के संचालित होने के बाद जो सरकारी कार्यालय यहां शिफ्ट होंगे, उनके पूर्ववर्ती कार्यालय के परिसर की भूमि व भवन का प्रयोग प्राधिकरण ही करे। परियोजना के लिए शासन स्तर से भी आंशिक वित्तीय सहयोग दिया जाएगा।
मुख्यमंत्री ने कहा कि एकीकृत मंडलीय कार्यालय परिसर की परियोजना शासन की प्राथमिकता में है। दोनों संबंधित विकास प्राधिकरण यथाशीघ्र अपना प्रस्ताव शासन को प्रेषित करें, ताकि निर्माण कार्य समय से प्रारंभ हो सके। इसके स्वरूप का निर्धारण करते समय शहर के आगामी 50 वर्षो की आवश्यकताओं को ध्यान में रखें।