रांची, 6 अगस्त (आईएएनएस)। झारखंड सरकार दिव्यांगों के लिए रांची में स्पेशल यूनिवर्सिटी स्थापित करने की तैयारी कर रही है। इसे लेकर मंगलवार को ‘स्टेट लेवल कंसल्टेटिव वर्कशॉप’ का आयोजन किया गया।
राज्य के उच्च एवं तकनीकी शिक्षा मंत्री चंपई सोरेन ने वर्कशॉप में शिक्षाविदों और विशेषज्ञों के साथ यूनिवर्सिटी की स्थापना से जुड़े विभिन्न पहलुओं पर मंथन किया।
कार्यशाला को संबोधित करते हुए सोरेन ने कहा कि दिव्यांगजनों की सामान्य जीवन में समावेशी भागीदारी के लिए राज्य सरकार कृत संकल्पित है। इसी सोच को आगे बढ़ाते हुए विशेष विश्वविद्यालय की स्थापना की परिकल्पना की गई है।
उन्होंने सरायकेला खरसावां के राजनगर प्रखंड में ओडिशा की सीमा पर स्थित एक गांव का जिक्र करते हुए बताया कि वहां के स्कूल के नेत्रहीन हेडमास्टर बच्चों को कुशलतापूर्वक शिक्षा देते थे। उनसे प्रेरित होकर हमने दिव्यांग विश्वविद्यालय की स्थापना की पहल की है।
उन्होंने कहा कि इच्छाशक्ति हो, तो हर समस्या का समाधान संभव है। सरकार उच्चतर शिक्षा के लिए लगातार सुविधाएं विकसित कर रही है। छात्रों को हर सुविधा दी जा रही है। अनाथ बच्चों की शिक्षा-दीक्षा पर भी सरकार का फोकस है।
उन्होंने कार्यशाला में आए प्रबुद्धजनों से कहा कि उनके सुझाव लेकर सरकार ‘समावेशी दिव्यांग विश्वविद्यालय’ की परिकल्पना को साकार करेगी।
कार्यशाला में उच्चतर एवं तकनीकी शिक्षा विभाग के प्रधान सचिव राहुल पुरवार ने कहा कि समाज के विशेष वर्ग दिव्यांगजनों के लिए समावेशी वातावरण बनाना होगा। यह सिर्फ विभाग ही नहीं, हम सभी का दायित्व है। दिव्यांगजनों की कुल 21 कैटेगरी है। उनकी कैटेगरी के अनुसार उनकी आवश्यकता को ध्यान में रखकर कोर्सेज डिजाइन करना होगा।
कार्यशाला में उच्च शिक्षा निदेशक रामनिवास यादव, कोऑपरेटिव सर्विस के असिस्टेंट रजिस्टार विवेक सिंह, मनोविकास, दिल्ली के मैनेजिंग सेक्रेटरी डॉ. आलोक भुवन, निदेशक तकनीकी शिक्षा सुनील कुमार सहित कई अन्य मौजूद रहे।
–आईएएनएएस
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