रांची, 26 दिसंबर (आईएएनएस)। झारखंड के सरकारी स्कूलों में कार्यरत जेटेट (झारखंड टीचर्स एलिजिबिलिटी टेस्ट) उत्तीर्ण सहायक शिक्षकों ने मंगलवार को रांची में सीएम आवास घेरने की कोशिश की। मोरहाबादी मैदान से निकलकर सीएम आवास की तरफ बढ़ रहे शिक्षकों को राजभवन के पास पुलिस ने बैरिकेडिंग लगाकर रोक दिया।
बैरिकेडिंग को लांघने की कोशिश के दौरान उनकी पुलिस से उनकी झड़प भी हुई। इससे नाराज आंदोलित शिक्षकों ने सरकार विरोधी नारे लगाए और लगभग एक घंटे तक सड़क पर जमे रहे। सीएम हाउस के घेराव के लिए राज्य भर से हजारों शिक्षक इकट्ठा हुए थे। वे ग्रेड वेतनमान देने और सेवा को स्थायी करने की मांग कर रहे हैं।
उल्लेखनीय है कि आंदोलित शिक्षक राजभवन के समक्ष जत्थेवार तरीके से पिछले चार महीनों से लगातार धरना दे रहे हैं। आंदोलित सहायक प्राध्यापकों का कहना है कि राज्य के सरकारी स्कूलों में शिक्षण व्यवस्था वही संभाल रहे हैं। सरकारी स्कूलों में नियमित शिक्षकों की संख्या बहुत ही कम है, लेकिन इसके बाद भी सहायक प्राध्यापकों के साथ सरकार उपेक्षापूर्ण व्यवहार कर रही है।
जेटेट उत्तीर्ण जिन शिक्षकों की नियुक्ति वर्ष 2012 में प्रारंभिक शिक्षक नियुक्ति नियमावली के आधार पर हुई, उनकी नियुक्तियां ग्रेड पे के आधार पर हुई, लेकिन उसी नियमावली के तहत 2016 में जिन जेटेट पास अभ्यर्थियों की सहायक प्राध्यापक के तौर पर नियुक्ति हुई, उन्हें 21 हजार से लेकर 22 हजार 500 रुपए का फिक्स वेतन दिया जा रहा है। महंगाई के इस दौर में इतने कम वेतन पर काम करना मुश्किल है।
धरना दे रहे अध्यापकों ने कहा कि उन्हें पहले राज्य की भाजपा की सरकार ने ठगा और अब झामुमो के नेतृत्व वाली महागठबंधन की सरकार भी उनकी वाजिब मांग पर ध्यान नहीं दे रही है। यह सरकार युवाओं को रोजगार का भरोसा देकर सत्ता में आई थी, लेकिन उसने अपने वादों को भूला दिया।
झारखंड राज्य टेट सफल सहायक अध्यापक समन्वय समिति के प्रवक्ता ने कहा कि मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन से शिक्षकों का प्रतिनिधिमंडल मिला था, उन्होंने उनकी मांगों पर सकारात्मक पहल का आश्वासन भी दिया था, लेकिन इसके बाद भी कोई कार्रवाई नहीं हुई।
–आईएएनएस
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