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Home राष्ट्रीय

राज्यसभा में पेश हुआ महिला आरक्षण बिल, आयोग तय करेगा महिला सीटें

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September 21, 2023
in राष्ट्रीय
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राज्यसभा में पेश हुआ महिला आरक्षण बिल, आयोग तय करेगा महिला सीटें
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 नई दिल्ली, 21 सितंबर (आईएएनएस)। गुरुवार को राज्यसभा में महिला आरक्षण विधेयक पेश कर दिया गया। केंद्रीय मंत्री अर्जुन राम मेघवाल ने राज्यसभा में महिला आरक्षण बिल (128 संविधान संशोधन विधेयक) पेश किया। यह बिल लोकसभा में पहले ही पास हो चुका है।

सरकार का कहना है कि बिल पास होने के बाद जनगणना होगी, सीटों का डीलिमिटेशन होगा। यह एक संवैधानिक प्रक्रिया है। कौन सी सीट महिलाओं को दी जाएगी यह तय करने का कार्य डीलिमिटेशन आयोग करेगा।

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मेघवाल ने विधेयक पेश करते हुए कहा कि यह महिला सशक्तिकरण की दिशा में बढ़ता हुआ कदम है, साथ ही दुनिया को दिशा दिखाने वाला एक महत्व महत्वपूर्ण कदम है।

राज्यसभा में बिल पेश करते समय मेघवाल ने कहा कि इस बिल के माध्यम से लोकसभा और देश की सभी विधानसभाओं में एक तिहाई सीटें नारी शक्ति के लिए आरक्षित की जाएगी।

उन्होंने कहा कि इस विधेयक के माध्यम से एससी एसटी वर्ग की महिलाओं को भी आरक्षण दिया जाएगा, इसलिए जनगणना और डीलिमिटेशन आवश्यक है।

संविधान के आर्टिकल 82 में पहले से ही प्रावधान है, डीलिमिटेशन की व्यवस्था दी गई है। उन्होंने कहा कि यह बिल पास होगा, जनगणना होगी, डीलिमिटेशन होगा। यह एक संवैधानिक प्रक्रिया है। कौन सी सीट महिलाओं को दी जाएगी यह डीलिमिटेशन आयोग तय करेगा।

उन्होंने बताया कि यह आयोग सभी हितधारकों से विचार विमर्श करेगा। केंद्रीय मंत्री ने इस अवसर पर एक कविता भी पढ़ी, “सपने सब साकार करेंगे, नारी को अधिकार मिलेंगे, मातृशक्ति नेतृत्व करेंगी, जन गण मन की शान बढ़ेगी।”

गौरतलब है कि सरकार ने संसद का विशेष सत्र बुलाया है। इस विशेष सत्र में महिला आरक्षण विधेयक पेश किया गया है जिसे लोकसभा पारित कर चुकी है और सरकार ने आशा जताई है कि गुरुवार को इस विधेयक को राज्यसभा में भी पारित कर दिया जाएगा।

–आईएएनएस

जीसीबी/एसकेपी

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 नई दिल्ली, 21 सितंबर (आईएएनएस)। गुरुवार को राज्यसभा में महिला आरक्षण विधेयक पेश कर दिया गया। केंद्रीय मंत्री अर्जुन राम मेघवाल ने राज्यसभा में महिला आरक्षण बिल (128 संविधान संशोधन विधेयक) पेश किया। यह बिल लोकसभा में पहले ही पास हो चुका है।

सरकार का कहना है कि बिल पास होने के बाद जनगणना होगी, सीटों का डीलिमिटेशन होगा। यह एक संवैधानिक प्रक्रिया है। कौन सी सीट महिलाओं को दी जाएगी यह तय करने का कार्य डीलिमिटेशन आयोग करेगा।

मेघवाल ने विधेयक पेश करते हुए कहा कि यह महिला सशक्तिकरण की दिशा में बढ़ता हुआ कदम है, साथ ही दुनिया को दिशा दिखाने वाला एक महत्व महत्वपूर्ण कदम है।

राज्यसभा में बिल पेश करते समय मेघवाल ने कहा कि इस बिल के माध्यम से लोकसभा और देश की सभी विधानसभाओं में एक तिहाई सीटें नारी शक्ति के लिए आरक्षित की जाएगी।

उन्होंने कहा कि इस विधेयक के माध्यम से एससी एसटी वर्ग की महिलाओं को भी आरक्षण दिया जाएगा, इसलिए जनगणना और डीलिमिटेशन आवश्यक है।

संविधान के आर्टिकल 82 में पहले से ही प्रावधान है, डीलिमिटेशन की व्यवस्था दी गई है। उन्होंने कहा कि यह बिल पास होगा, जनगणना होगी, डीलिमिटेशन होगा। यह एक संवैधानिक प्रक्रिया है। कौन सी सीट महिलाओं को दी जाएगी यह डीलिमिटेशन आयोग तय करेगा।

उन्होंने बताया कि यह आयोग सभी हितधारकों से विचार विमर्श करेगा। केंद्रीय मंत्री ने इस अवसर पर एक कविता भी पढ़ी, “सपने सब साकार करेंगे, नारी को अधिकार मिलेंगे, मातृशक्ति नेतृत्व करेंगी, जन गण मन की शान बढ़ेगी।”

गौरतलब है कि सरकार ने संसद का विशेष सत्र बुलाया है। इस विशेष सत्र में महिला आरक्षण विधेयक पेश किया गया है जिसे लोकसभा पारित कर चुकी है और सरकार ने आशा जताई है कि गुरुवार को इस विधेयक को राज्यसभा में भी पारित कर दिया जाएगा।

–आईएएनएस

जीसीबी/एसकेपी

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 नई दिल्ली, 21 सितंबर (आईएएनएस)। गुरुवार को राज्यसभा में महिला आरक्षण विधेयक पेश कर दिया गया। केंद्रीय मंत्री अर्जुन राम मेघवाल ने राज्यसभा में महिला आरक्षण बिल (128 संविधान संशोधन विधेयक) पेश किया। यह बिल लोकसभा में पहले ही पास हो चुका है।

सरकार का कहना है कि बिल पास होने के बाद जनगणना होगी, सीटों का डीलिमिटेशन होगा। यह एक संवैधानिक प्रक्रिया है। कौन सी सीट महिलाओं को दी जाएगी यह तय करने का कार्य डीलिमिटेशन आयोग करेगा।

मेघवाल ने विधेयक पेश करते हुए कहा कि यह महिला सशक्तिकरण की दिशा में बढ़ता हुआ कदम है, साथ ही दुनिया को दिशा दिखाने वाला एक महत्व महत्वपूर्ण कदम है।

राज्यसभा में बिल पेश करते समय मेघवाल ने कहा कि इस बिल के माध्यम से लोकसभा और देश की सभी विधानसभाओं में एक तिहाई सीटें नारी शक्ति के लिए आरक्षित की जाएगी।

उन्होंने कहा कि इस विधेयक के माध्यम से एससी एसटी वर्ग की महिलाओं को भी आरक्षण दिया जाएगा, इसलिए जनगणना और डीलिमिटेशन आवश्यक है।

संविधान के आर्टिकल 82 में पहले से ही प्रावधान है, डीलिमिटेशन की व्यवस्था दी गई है। उन्होंने कहा कि यह बिल पास होगा, जनगणना होगी, डीलिमिटेशन होगा। यह एक संवैधानिक प्रक्रिया है। कौन सी सीट महिलाओं को दी जाएगी यह डीलिमिटेशन आयोग तय करेगा।

उन्होंने बताया कि यह आयोग सभी हितधारकों से विचार विमर्श करेगा। केंद्रीय मंत्री ने इस अवसर पर एक कविता भी पढ़ी, “सपने सब साकार करेंगे, नारी को अधिकार मिलेंगे, मातृशक्ति नेतृत्व करेंगी, जन गण मन की शान बढ़ेगी।”

गौरतलब है कि सरकार ने संसद का विशेष सत्र बुलाया है। इस विशेष सत्र में महिला आरक्षण विधेयक पेश किया गया है जिसे लोकसभा पारित कर चुकी है और सरकार ने आशा जताई है कि गुरुवार को इस विधेयक को राज्यसभा में भी पारित कर दिया जाएगा।

–आईएएनएस

जीसीबी/एसकेपी

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 नई दिल्ली, 21 सितंबर (आईएएनएस)। गुरुवार को राज्यसभा में महिला आरक्षण विधेयक पेश कर दिया गया। केंद्रीय मंत्री अर्जुन राम मेघवाल ने राज्यसभा में महिला आरक्षण बिल (128 संविधान संशोधन विधेयक) पेश किया। यह बिल लोकसभा में पहले ही पास हो चुका है।

सरकार का कहना है कि बिल पास होने के बाद जनगणना होगी, सीटों का डीलिमिटेशन होगा। यह एक संवैधानिक प्रक्रिया है। कौन सी सीट महिलाओं को दी जाएगी यह तय करने का कार्य डीलिमिटेशन आयोग करेगा।

मेघवाल ने विधेयक पेश करते हुए कहा कि यह महिला सशक्तिकरण की दिशा में बढ़ता हुआ कदम है, साथ ही दुनिया को दिशा दिखाने वाला एक महत्व महत्वपूर्ण कदम है।

राज्यसभा में बिल पेश करते समय मेघवाल ने कहा कि इस बिल के माध्यम से लोकसभा और देश की सभी विधानसभाओं में एक तिहाई सीटें नारी शक्ति के लिए आरक्षित की जाएगी।

उन्होंने कहा कि इस विधेयक के माध्यम से एससी एसटी वर्ग की महिलाओं को भी आरक्षण दिया जाएगा, इसलिए जनगणना और डीलिमिटेशन आवश्यक है।

संविधान के आर्टिकल 82 में पहले से ही प्रावधान है, डीलिमिटेशन की व्यवस्था दी गई है। उन्होंने कहा कि यह बिल पास होगा, जनगणना होगी, डीलिमिटेशन होगा। यह एक संवैधानिक प्रक्रिया है। कौन सी सीट महिलाओं को दी जाएगी यह डीलिमिटेशन आयोग तय करेगा।

उन्होंने बताया कि यह आयोग सभी हितधारकों से विचार विमर्श करेगा। केंद्रीय मंत्री ने इस अवसर पर एक कविता भी पढ़ी, “सपने सब साकार करेंगे, नारी को अधिकार मिलेंगे, मातृशक्ति नेतृत्व करेंगी, जन गण मन की शान बढ़ेगी।”

गौरतलब है कि सरकार ने संसद का विशेष सत्र बुलाया है। इस विशेष सत्र में महिला आरक्षण विधेयक पेश किया गया है जिसे लोकसभा पारित कर चुकी है और सरकार ने आशा जताई है कि गुरुवार को इस विधेयक को राज्यसभा में भी पारित कर दिया जाएगा।

–आईएएनएस

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 नई दिल्ली, 21 सितंबर (आईएएनएस)। गुरुवार को राज्यसभा में महिला आरक्षण विधेयक पेश कर दिया गया। केंद्रीय मंत्री अर्जुन राम मेघवाल ने राज्यसभा में महिला आरक्षण बिल (128 संविधान संशोधन विधेयक) पेश किया। यह बिल लोकसभा में पहले ही पास हो चुका है।

सरकार का कहना है कि बिल पास होने के बाद जनगणना होगी, सीटों का डीलिमिटेशन होगा। यह एक संवैधानिक प्रक्रिया है। कौन सी सीट महिलाओं को दी जाएगी यह तय करने का कार्य डीलिमिटेशन आयोग करेगा।

मेघवाल ने विधेयक पेश करते हुए कहा कि यह महिला सशक्तिकरण की दिशा में बढ़ता हुआ कदम है, साथ ही दुनिया को दिशा दिखाने वाला एक महत्व महत्वपूर्ण कदम है।

राज्यसभा में बिल पेश करते समय मेघवाल ने कहा कि इस बिल के माध्यम से लोकसभा और देश की सभी विधानसभाओं में एक तिहाई सीटें नारी शक्ति के लिए आरक्षित की जाएगी।

उन्होंने कहा कि इस विधेयक के माध्यम से एससी एसटी वर्ग की महिलाओं को भी आरक्षण दिया जाएगा, इसलिए जनगणना और डीलिमिटेशन आवश्यक है।

संविधान के आर्टिकल 82 में पहले से ही प्रावधान है, डीलिमिटेशन की व्यवस्था दी गई है। उन्होंने कहा कि यह बिल पास होगा, जनगणना होगी, डीलिमिटेशन होगा। यह एक संवैधानिक प्रक्रिया है। कौन सी सीट महिलाओं को दी जाएगी यह डीलिमिटेशन आयोग तय करेगा।

उन्होंने बताया कि यह आयोग सभी हितधारकों से विचार विमर्श करेगा। केंद्रीय मंत्री ने इस अवसर पर एक कविता भी पढ़ी, “सपने सब साकार करेंगे, नारी को अधिकार मिलेंगे, मातृशक्ति नेतृत्व करेंगी, जन गण मन की शान बढ़ेगी।”

गौरतलब है कि सरकार ने संसद का विशेष सत्र बुलाया है। इस विशेष सत्र में महिला आरक्षण विधेयक पेश किया गया है जिसे लोकसभा पारित कर चुकी है और सरकार ने आशा जताई है कि गुरुवार को इस विधेयक को राज्यसभा में भी पारित कर दिया जाएगा।

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 नई दिल्ली, 21 सितंबर (आईएएनएस)। गुरुवार को राज्यसभा में महिला आरक्षण विधेयक पेश कर दिया गया। केंद्रीय मंत्री अर्जुन राम मेघवाल ने राज्यसभा में महिला आरक्षण बिल (128 संविधान संशोधन विधेयक) पेश किया। यह बिल लोकसभा में पहले ही पास हो चुका है।

सरकार का कहना है कि बिल पास होने के बाद जनगणना होगी, सीटों का डीलिमिटेशन होगा। यह एक संवैधानिक प्रक्रिया है। कौन सी सीट महिलाओं को दी जाएगी यह तय करने का कार्य डीलिमिटेशन आयोग करेगा।

मेघवाल ने विधेयक पेश करते हुए कहा कि यह महिला सशक्तिकरण की दिशा में बढ़ता हुआ कदम है, साथ ही दुनिया को दिशा दिखाने वाला एक महत्व महत्वपूर्ण कदम है।

राज्यसभा में बिल पेश करते समय मेघवाल ने कहा कि इस बिल के माध्यम से लोकसभा और देश की सभी विधानसभाओं में एक तिहाई सीटें नारी शक्ति के लिए आरक्षित की जाएगी।

उन्होंने कहा कि इस विधेयक के माध्यम से एससी एसटी वर्ग की महिलाओं को भी आरक्षण दिया जाएगा, इसलिए जनगणना और डीलिमिटेशन आवश्यक है।

संविधान के आर्टिकल 82 में पहले से ही प्रावधान है, डीलिमिटेशन की व्यवस्था दी गई है। उन्होंने कहा कि यह बिल पास होगा, जनगणना होगी, डीलिमिटेशन होगा। यह एक संवैधानिक प्रक्रिया है। कौन सी सीट महिलाओं को दी जाएगी यह डीलिमिटेशन आयोग तय करेगा।

उन्होंने बताया कि यह आयोग सभी हितधारकों से विचार विमर्श करेगा। केंद्रीय मंत्री ने इस अवसर पर एक कविता भी पढ़ी, “सपने सब साकार करेंगे, नारी को अधिकार मिलेंगे, मातृशक्ति नेतृत्व करेंगी, जन गण मन की शान बढ़ेगी।”

गौरतलब है कि सरकार ने संसद का विशेष सत्र बुलाया है। इस विशेष सत्र में महिला आरक्षण विधेयक पेश किया गया है जिसे लोकसभा पारित कर चुकी है और सरकार ने आशा जताई है कि गुरुवार को इस विधेयक को राज्यसभा में भी पारित कर दिया जाएगा।

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 नई दिल्ली, 21 सितंबर (आईएएनएस)। गुरुवार को राज्यसभा में महिला आरक्षण विधेयक पेश कर दिया गया। केंद्रीय मंत्री अर्जुन राम मेघवाल ने राज्यसभा में महिला आरक्षण बिल (128 संविधान संशोधन विधेयक) पेश किया। यह बिल लोकसभा में पहले ही पास हो चुका है।

सरकार का कहना है कि बिल पास होने के बाद जनगणना होगी, सीटों का डीलिमिटेशन होगा। यह एक संवैधानिक प्रक्रिया है। कौन सी सीट महिलाओं को दी जाएगी यह तय करने का कार्य डीलिमिटेशन आयोग करेगा।

मेघवाल ने विधेयक पेश करते हुए कहा कि यह महिला सशक्तिकरण की दिशा में बढ़ता हुआ कदम है, साथ ही दुनिया को दिशा दिखाने वाला एक महत्व महत्वपूर्ण कदम है।

राज्यसभा में बिल पेश करते समय मेघवाल ने कहा कि इस बिल के माध्यम से लोकसभा और देश की सभी विधानसभाओं में एक तिहाई सीटें नारी शक्ति के लिए आरक्षित की जाएगी।

उन्होंने कहा कि इस विधेयक के माध्यम से एससी एसटी वर्ग की महिलाओं को भी आरक्षण दिया जाएगा, इसलिए जनगणना और डीलिमिटेशन आवश्यक है।

संविधान के आर्टिकल 82 में पहले से ही प्रावधान है, डीलिमिटेशन की व्यवस्था दी गई है। उन्होंने कहा कि यह बिल पास होगा, जनगणना होगी, डीलिमिटेशन होगा। यह एक संवैधानिक प्रक्रिया है। कौन सी सीट महिलाओं को दी जाएगी यह डीलिमिटेशन आयोग तय करेगा।

उन्होंने बताया कि यह आयोग सभी हितधारकों से विचार विमर्श करेगा। केंद्रीय मंत्री ने इस अवसर पर एक कविता भी पढ़ी, “सपने सब साकार करेंगे, नारी को अधिकार मिलेंगे, मातृशक्ति नेतृत्व करेंगी, जन गण मन की शान बढ़ेगी।”

गौरतलब है कि सरकार ने संसद का विशेष सत्र बुलाया है। इस विशेष सत्र में महिला आरक्षण विधेयक पेश किया गया है जिसे लोकसभा पारित कर चुकी है और सरकार ने आशा जताई है कि गुरुवार को इस विधेयक को राज्यसभा में भी पारित कर दिया जाएगा।

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 नई दिल्ली, 21 सितंबर (आईएएनएस)। गुरुवार को राज्यसभा में महिला आरक्षण विधेयक पेश कर दिया गया। केंद्रीय मंत्री अर्जुन राम मेघवाल ने राज्यसभा में महिला आरक्षण बिल (128 संविधान संशोधन विधेयक) पेश किया। यह बिल लोकसभा में पहले ही पास हो चुका है।

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मेघवाल ने विधेयक पेश करते हुए कहा कि यह महिला सशक्तिकरण की दिशा में बढ़ता हुआ कदम है, साथ ही दुनिया को दिशा दिखाने वाला एक महत्व महत्वपूर्ण कदम है।

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संविधान के आर्टिकल 82 में पहले से ही प्रावधान है, डीलिमिटेशन की व्यवस्था दी गई है। उन्होंने कहा कि यह बिल पास होगा, जनगणना होगी, डीलिमिटेशन होगा। यह एक संवैधानिक प्रक्रिया है। कौन सी सीट महिलाओं को दी जाएगी यह डीलिमिटेशन आयोग तय करेगा।

उन्होंने बताया कि यह आयोग सभी हितधारकों से विचार विमर्श करेगा। केंद्रीय मंत्री ने इस अवसर पर एक कविता भी पढ़ी, “सपने सब साकार करेंगे, नारी को अधिकार मिलेंगे, मातृशक्ति नेतृत्व करेंगी, जन गण मन की शान बढ़ेगी।”

गौरतलब है कि सरकार ने संसद का विशेष सत्र बुलाया है। इस विशेष सत्र में महिला आरक्षण विधेयक पेश किया गया है जिसे लोकसभा पारित कर चुकी है और सरकार ने आशा जताई है कि गुरुवार को इस विधेयक को राज्यसभा में भी पारित कर दिया जाएगा।

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सरकार का कहना है कि बिल पास होने के बाद जनगणना होगी, सीटों का डीलिमिटेशन होगा। यह एक संवैधानिक प्रक्रिया है। कौन सी सीट महिलाओं को दी जाएगी यह तय करने का कार्य डीलिमिटेशन आयोग करेगा।

मेघवाल ने विधेयक पेश करते हुए कहा कि यह महिला सशक्तिकरण की दिशा में बढ़ता हुआ कदम है, साथ ही दुनिया को दिशा दिखाने वाला एक महत्व महत्वपूर्ण कदम है।

राज्यसभा में बिल पेश करते समय मेघवाल ने कहा कि इस बिल के माध्यम से लोकसभा और देश की सभी विधानसभाओं में एक तिहाई सीटें नारी शक्ति के लिए आरक्षित की जाएगी।

उन्होंने कहा कि इस विधेयक के माध्यम से एससी एसटी वर्ग की महिलाओं को भी आरक्षण दिया जाएगा, इसलिए जनगणना और डीलिमिटेशन आवश्यक है।

संविधान के आर्टिकल 82 में पहले से ही प्रावधान है, डीलिमिटेशन की व्यवस्था दी गई है। उन्होंने कहा कि यह बिल पास होगा, जनगणना होगी, डीलिमिटेशन होगा। यह एक संवैधानिक प्रक्रिया है। कौन सी सीट महिलाओं को दी जाएगी यह डीलिमिटेशन आयोग तय करेगा।

उन्होंने बताया कि यह आयोग सभी हितधारकों से विचार विमर्श करेगा। केंद्रीय मंत्री ने इस अवसर पर एक कविता भी पढ़ी, “सपने सब साकार करेंगे, नारी को अधिकार मिलेंगे, मातृशक्ति नेतृत्व करेंगी, जन गण मन की शान बढ़ेगी।”

गौरतलब है कि सरकार ने संसद का विशेष सत्र बुलाया है। इस विशेष सत्र में महिला आरक्षण विधेयक पेश किया गया है जिसे लोकसभा पारित कर चुकी है और सरकार ने आशा जताई है कि गुरुवार को इस विधेयक को राज्यसभा में भी पारित कर दिया जाएगा।

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 नई दिल्ली, 21 सितंबर (आईएएनएस)। गुरुवार को राज्यसभा में महिला आरक्षण विधेयक पेश कर दिया गया। केंद्रीय मंत्री अर्जुन राम मेघवाल ने राज्यसभा में महिला आरक्षण बिल (128 संविधान संशोधन विधेयक) पेश किया। यह बिल लोकसभा में पहले ही पास हो चुका है।

सरकार का कहना है कि बिल पास होने के बाद जनगणना होगी, सीटों का डीलिमिटेशन होगा। यह एक संवैधानिक प्रक्रिया है। कौन सी सीट महिलाओं को दी जाएगी यह तय करने का कार्य डीलिमिटेशन आयोग करेगा।

मेघवाल ने विधेयक पेश करते हुए कहा कि यह महिला सशक्तिकरण की दिशा में बढ़ता हुआ कदम है, साथ ही दुनिया को दिशा दिखाने वाला एक महत्व महत्वपूर्ण कदम है।

राज्यसभा में बिल पेश करते समय मेघवाल ने कहा कि इस बिल के माध्यम से लोकसभा और देश की सभी विधानसभाओं में एक तिहाई सीटें नारी शक्ति के लिए आरक्षित की जाएगी।

उन्होंने कहा कि इस विधेयक के माध्यम से एससी एसटी वर्ग की महिलाओं को भी आरक्षण दिया जाएगा, इसलिए जनगणना और डीलिमिटेशन आवश्यक है।

संविधान के आर्टिकल 82 में पहले से ही प्रावधान है, डीलिमिटेशन की व्यवस्था दी गई है। उन्होंने कहा कि यह बिल पास होगा, जनगणना होगी, डीलिमिटेशन होगा। यह एक संवैधानिक प्रक्रिया है। कौन सी सीट महिलाओं को दी जाएगी यह डीलिमिटेशन आयोग तय करेगा।

उन्होंने बताया कि यह आयोग सभी हितधारकों से विचार विमर्श करेगा। केंद्रीय मंत्री ने इस अवसर पर एक कविता भी पढ़ी, “सपने सब साकार करेंगे, नारी को अधिकार मिलेंगे, मातृशक्ति नेतृत्व करेंगी, जन गण मन की शान बढ़ेगी।”

गौरतलब है कि सरकार ने संसद का विशेष सत्र बुलाया है। इस विशेष सत्र में महिला आरक्षण विधेयक पेश किया गया है जिसे लोकसभा पारित कर चुकी है और सरकार ने आशा जताई है कि गुरुवार को इस विधेयक को राज्यसभा में भी पारित कर दिया जाएगा।

–आईएएनएस

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 नई दिल्ली, 21 सितंबर (आईएएनएस)। गुरुवार को राज्यसभा में महिला आरक्षण विधेयक पेश कर दिया गया। केंद्रीय मंत्री अर्जुन राम मेघवाल ने राज्यसभा में महिला आरक्षण बिल (128 संविधान संशोधन विधेयक) पेश किया। यह बिल लोकसभा में पहले ही पास हो चुका है।

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मेघवाल ने विधेयक पेश करते हुए कहा कि यह महिला सशक्तिकरण की दिशा में बढ़ता हुआ कदम है, साथ ही दुनिया को दिशा दिखाने वाला एक महत्व महत्वपूर्ण कदम है।

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उन्होंने कहा कि इस विधेयक के माध्यम से एससी एसटी वर्ग की महिलाओं को भी आरक्षण दिया जाएगा, इसलिए जनगणना और डीलिमिटेशन आवश्यक है।

संविधान के आर्टिकल 82 में पहले से ही प्रावधान है, डीलिमिटेशन की व्यवस्था दी गई है। उन्होंने कहा कि यह बिल पास होगा, जनगणना होगी, डीलिमिटेशन होगा। यह एक संवैधानिक प्रक्रिया है। कौन सी सीट महिलाओं को दी जाएगी यह डीलिमिटेशन आयोग तय करेगा।

उन्होंने बताया कि यह आयोग सभी हितधारकों से विचार विमर्श करेगा। केंद्रीय मंत्री ने इस अवसर पर एक कविता भी पढ़ी, “सपने सब साकार करेंगे, नारी को अधिकार मिलेंगे, मातृशक्ति नेतृत्व करेंगी, जन गण मन की शान बढ़ेगी।”

गौरतलब है कि सरकार ने संसद का विशेष सत्र बुलाया है। इस विशेष सत्र में महिला आरक्षण विधेयक पेश किया गया है जिसे लोकसभा पारित कर चुकी है और सरकार ने आशा जताई है कि गुरुवार को इस विधेयक को राज्यसभा में भी पारित कर दिया जाएगा।

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सरकार का कहना है कि बिल पास होने के बाद जनगणना होगी, सीटों का डीलिमिटेशन होगा। यह एक संवैधानिक प्रक्रिया है। कौन सी सीट महिलाओं को दी जाएगी यह तय करने का कार्य डीलिमिटेशन आयोग करेगा।

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राज्यसभा में बिल पेश करते समय मेघवाल ने कहा कि इस बिल के माध्यम से लोकसभा और देश की सभी विधानसभाओं में एक तिहाई सीटें नारी शक्ति के लिए आरक्षित की जाएगी।

उन्होंने कहा कि इस विधेयक के माध्यम से एससी एसटी वर्ग की महिलाओं को भी आरक्षण दिया जाएगा, इसलिए जनगणना और डीलिमिटेशन आवश्यक है।

संविधान के आर्टिकल 82 में पहले से ही प्रावधान है, डीलिमिटेशन की व्यवस्था दी गई है। उन्होंने कहा कि यह बिल पास होगा, जनगणना होगी, डीलिमिटेशन होगा। यह एक संवैधानिक प्रक्रिया है। कौन सी सीट महिलाओं को दी जाएगी यह डीलिमिटेशन आयोग तय करेगा।

उन्होंने बताया कि यह आयोग सभी हितधारकों से विचार विमर्श करेगा। केंद्रीय मंत्री ने इस अवसर पर एक कविता भी पढ़ी, “सपने सब साकार करेंगे, नारी को अधिकार मिलेंगे, मातृशक्ति नेतृत्व करेंगी, जन गण मन की शान बढ़ेगी।”

गौरतलब है कि सरकार ने संसद का विशेष सत्र बुलाया है। इस विशेष सत्र में महिला आरक्षण विधेयक पेश किया गया है जिसे लोकसभा पारित कर चुकी है और सरकार ने आशा जताई है कि गुरुवार को इस विधेयक को राज्यसभा में भी पारित कर दिया जाएगा।

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सरकार का कहना है कि बिल पास होने के बाद जनगणना होगी, सीटों का डीलिमिटेशन होगा। यह एक संवैधानिक प्रक्रिया है। कौन सी सीट महिलाओं को दी जाएगी यह तय करने का कार्य डीलिमिटेशन आयोग करेगा।

मेघवाल ने विधेयक पेश करते हुए कहा कि यह महिला सशक्तिकरण की दिशा में बढ़ता हुआ कदम है, साथ ही दुनिया को दिशा दिखाने वाला एक महत्व महत्वपूर्ण कदम है।

राज्यसभा में बिल पेश करते समय मेघवाल ने कहा कि इस बिल के माध्यम से लोकसभा और देश की सभी विधानसभाओं में एक तिहाई सीटें नारी शक्ति के लिए आरक्षित की जाएगी।

उन्होंने कहा कि इस विधेयक के माध्यम से एससी एसटी वर्ग की महिलाओं को भी आरक्षण दिया जाएगा, इसलिए जनगणना और डीलिमिटेशन आवश्यक है।

संविधान के आर्टिकल 82 में पहले से ही प्रावधान है, डीलिमिटेशन की व्यवस्था दी गई है। उन्होंने कहा कि यह बिल पास होगा, जनगणना होगी, डीलिमिटेशन होगा। यह एक संवैधानिक प्रक्रिया है। कौन सी सीट महिलाओं को दी जाएगी यह डीलिमिटेशन आयोग तय करेगा।

उन्होंने बताया कि यह आयोग सभी हितधारकों से विचार विमर्श करेगा। केंद्रीय मंत्री ने इस अवसर पर एक कविता भी पढ़ी, “सपने सब साकार करेंगे, नारी को अधिकार मिलेंगे, मातृशक्ति नेतृत्व करेंगी, जन गण मन की शान बढ़ेगी।”

गौरतलब है कि सरकार ने संसद का विशेष सत्र बुलाया है। इस विशेष सत्र में महिला आरक्षण विधेयक पेश किया गया है जिसे लोकसभा पारित कर चुकी है और सरकार ने आशा जताई है कि गुरुवार को इस विधेयक को राज्यसभा में भी पारित कर दिया जाएगा।

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 नई दिल्ली, 21 सितंबर (आईएएनएस)। गुरुवार को राज्यसभा में महिला आरक्षण विधेयक पेश कर दिया गया। केंद्रीय मंत्री अर्जुन राम मेघवाल ने राज्यसभा में महिला आरक्षण बिल (128 संविधान संशोधन विधेयक) पेश किया। यह बिल लोकसभा में पहले ही पास हो चुका है।

सरकार का कहना है कि बिल पास होने के बाद जनगणना होगी, सीटों का डीलिमिटेशन होगा। यह एक संवैधानिक प्रक्रिया है। कौन सी सीट महिलाओं को दी जाएगी यह तय करने का कार्य डीलिमिटेशन आयोग करेगा।

मेघवाल ने विधेयक पेश करते हुए कहा कि यह महिला सशक्तिकरण की दिशा में बढ़ता हुआ कदम है, साथ ही दुनिया को दिशा दिखाने वाला एक महत्व महत्वपूर्ण कदम है।

राज्यसभा में बिल पेश करते समय मेघवाल ने कहा कि इस बिल के माध्यम से लोकसभा और देश की सभी विधानसभाओं में एक तिहाई सीटें नारी शक्ति के लिए आरक्षित की जाएगी।

उन्होंने कहा कि इस विधेयक के माध्यम से एससी एसटी वर्ग की महिलाओं को भी आरक्षण दिया जाएगा, इसलिए जनगणना और डीलिमिटेशन आवश्यक है।

संविधान के आर्टिकल 82 में पहले से ही प्रावधान है, डीलिमिटेशन की व्यवस्था दी गई है। उन्होंने कहा कि यह बिल पास होगा, जनगणना होगी, डीलिमिटेशन होगा। यह एक संवैधानिक प्रक्रिया है। कौन सी सीट महिलाओं को दी जाएगी यह डीलिमिटेशन आयोग तय करेगा।

उन्होंने बताया कि यह आयोग सभी हितधारकों से विचार विमर्श करेगा। केंद्रीय मंत्री ने इस अवसर पर एक कविता भी पढ़ी, “सपने सब साकार करेंगे, नारी को अधिकार मिलेंगे, मातृशक्ति नेतृत्व करेंगी, जन गण मन की शान बढ़ेगी।”

गौरतलब है कि सरकार ने संसद का विशेष सत्र बुलाया है। इस विशेष सत्र में महिला आरक्षण विधेयक पेश किया गया है जिसे लोकसभा पारित कर चुकी है और सरकार ने आशा जताई है कि गुरुवार को इस विधेयक को राज्यसभा में भी पारित कर दिया जाएगा।

–आईएएनएस

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 नई दिल्ली, 21 सितंबर (आईएएनएस)। गुरुवार को राज्यसभा में महिला आरक्षण विधेयक पेश कर दिया गया। केंद्रीय मंत्री अर्जुन राम मेघवाल ने राज्यसभा में महिला आरक्षण बिल (128 संविधान संशोधन विधेयक) पेश किया। यह बिल लोकसभा में पहले ही पास हो चुका है।

सरकार का कहना है कि बिल पास होने के बाद जनगणना होगी, सीटों का डीलिमिटेशन होगा। यह एक संवैधानिक प्रक्रिया है। कौन सी सीट महिलाओं को दी जाएगी यह तय करने का कार्य डीलिमिटेशन आयोग करेगा।

मेघवाल ने विधेयक पेश करते हुए कहा कि यह महिला सशक्तिकरण की दिशा में बढ़ता हुआ कदम है, साथ ही दुनिया को दिशा दिखाने वाला एक महत्व महत्वपूर्ण कदम है।

राज्यसभा में बिल पेश करते समय मेघवाल ने कहा कि इस बिल के माध्यम से लोकसभा और देश की सभी विधानसभाओं में एक तिहाई सीटें नारी शक्ति के लिए आरक्षित की जाएगी।

उन्होंने कहा कि इस विधेयक के माध्यम से एससी एसटी वर्ग की महिलाओं को भी आरक्षण दिया जाएगा, इसलिए जनगणना और डीलिमिटेशन आवश्यक है।

संविधान के आर्टिकल 82 में पहले से ही प्रावधान है, डीलिमिटेशन की व्यवस्था दी गई है। उन्होंने कहा कि यह बिल पास होगा, जनगणना होगी, डीलिमिटेशन होगा। यह एक संवैधानिक प्रक्रिया है। कौन सी सीट महिलाओं को दी जाएगी यह डीलिमिटेशन आयोग तय करेगा।

उन्होंने बताया कि यह आयोग सभी हितधारकों से विचार विमर्श करेगा। केंद्रीय मंत्री ने इस अवसर पर एक कविता भी पढ़ी, “सपने सब साकार करेंगे, नारी को अधिकार मिलेंगे, मातृशक्ति नेतृत्व करेंगी, जन गण मन की शान बढ़ेगी।”

गौरतलब है कि सरकार ने संसद का विशेष सत्र बुलाया है। इस विशेष सत्र में महिला आरक्षण विधेयक पेश किया गया है जिसे लोकसभा पारित कर चुकी है और सरकार ने आशा जताई है कि गुरुवार को इस विधेयक को राज्यसभा में भी पारित कर दिया जाएगा।

–आईएएनएस

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 नई दिल्ली, 21 सितंबर (आईएएनएस)। गुरुवार को राज्यसभा में महिला आरक्षण विधेयक पेश कर दिया गया। केंद्रीय मंत्री अर्जुन राम मेघवाल ने राज्यसभा में महिला आरक्षण बिल (128 संविधान संशोधन विधेयक) पेश किया। यह बिल लोकसभा में पहले ही पास हो चुका है।

सरकार का कहना है कि बिल पास होने के बाद जनगणना होगी, सीटों का डीलिमिटेशन होगा। यह एक संवैधानिक प्रक्रिया है। कौन सी सीट महिलाओं को दी जाएगी यह तय करने का कार्य डीलिमिटेशन आयोग करेगा।

मेघवाल ने विधेयक पेश करते हुए कहा कि यह महिला सशक्तिकरण की दिशा में बढ़ता हुआ कदम है, साथ ही दुनिया को दिशा दिखाने वाला एक महत्व महत्वपूर्ण कदम है।

राज्यसभा में बिल पेश करते समय मेघवाल ने कहा कि इस बिल के माध्यम से लोकसभा और देश की सभी विधानसभाओं में एक तिहाई सीटें नारी शक्ति के लिए आरक्षित की जाएगी।

उन्होंने कहा कि इस विधेयक के माध्यम से एससी एसटी वर्ग की महिलाओं को भी आरक्षण दिया जाएगा, इसलिए जनगणना और डीलिमिटेशन आवश्यक है।

संविधान के आर्टिकल 82 में पहले से ही प्रावधान है, डीलिमिटेशन की व्यवस्था दी गई है। उन्होंने कहा कि यह बिल पास होगा, जनगणना होगी, डीलिमिटेशन होगा। यह एक संवैधानिक प्रक्रिया है। कौन सी सीट महिलाओं को दी जाएगी यह डीलिमिटेशन आयोग तय करेगा।

उन्होंने बताया कि यह आयोग सभी हितधारकों से विचार विमर्श करेगा। केंद्रीय मंत्री ने इस अवसर पर एक कविता भी पढ़ी, “सपने सब साकार करेंगे, नारी को अधिकार मिलेंगे, मातृशक्ति नेतृत्व करेंगी, जन गण मन की शान बढ़ेगी।”

गौरतलब है कि सरकार ने संसद का विशेष सत्र बुलाया है। इस विशेष सत्र में महिला आरक्षण विधेयक पेश किया गया है जिसे लोकसभा पारित कर चुकी है और सरकार ने आशा जताई है कि गुरुवार को इस विधेयक को राज्यसभा में भी पारित कर दिया जाएगा।

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