नई दिल्ली, 8 दिसंबर (आईएएनएस)। राज्यसभा में शुक्रवार को वक्फ बोर्ड (एक्ट) अधिनियम 1995 को निरस्त करने का प्राइवेट मेंबर बिल पेश किया गया। यह बिल भाजपा सांसद हरनाथ सिंह यादव ने पेश किया। सदन में इस बिल को पेश करने के संबंध में मतदान भी कराया गया। इस बिल को पेश करने के समर्थन में 53 सदस्य थे। जबकि, इसके विरोध में 32 सदस्यों ने अपना मत प्रदान किया।
उत्तर प्रदेश से राज्यसभा सांसद यादव ने यह बिल पेश करने की अनुमति मांगते हुए कहा कि वक्फ बोर्ड अधिनियम 1995 समाज में द्वेष और नफरत पैदा करता है। यह अपनी अकूत ताकत का दुरुपयोग करता है। समाज की एकता और सद्भाव को विभाजित करता है। अपनी अकूत शक्तियों के आधार पर सरकारी, निजी संपत्तियों तथा मठ, मंदिरों पर मनमाने तरीके से कब्जा करता है।
यादव ने राज्यसभा सभापति से कहा कि यह एक्ट पीड़ित पक्षों को उनके अधिकारों के उल्लंघन के खिलाफ अदालत जाने से रोकता है। न्यायपालिका और अदालत की सर्वोच्चता को खंडित करता है। अत: मैं आपकी अनुमति से देश हित में वक्फ बोर्ड अधिनियम 1995 को निरस्त करने के वाले विधेयक को पुनर्स्थापित करने की इजाजत देने की मांग करता हूं।
राज्यसभा के कई सांसद इस प्राइवेट मेंबर बिल के खिलाफ खड़े नजर आए। कांग्रेस सांसद जयराम रमेश ने बिना अनुमति के बोलते हुए कई बार प्राइवेट मेंबर बिल पर डिवीजन की मांग की। यह मांग दोहराने पर सभापति ने जयराम रमेश को फटकार लगाते हुए कहा कि जयराम रमेश यह सदन है कोई मछली बाजार नहीं है, यह काफी महत्वपूर्ण स्थान है। थोड़ी देर बाद इस विषय पर कांग्रेस सांसद जयराम रमेश ने मत विभाजन की बात फिर से कही।
इस पर सभापति ने कहा, “मैं जयराम रमेश को कहूंगा कि मेरी कुर्सी पर आकर बैठ जाएं। मुझे लगता है कि वह स्थिति को बेहतर नियंत्रित कर सकते हैं, या मुझे अपना काम करने दीजिए। जयराम आप दूसरे सदस्यों के बोलने के अधिकार को प्रभावित कर रहे हैं।”
सीपीआई (एम) के इलामारम करीम ने इस प्राइवेट मेंबर बिल का विरोध किया। उन्होंने कहा कि वक्फ बोर्ड कई शिक्षण संस्थान व अनाथालय चलाता है। यह एक काफी संवेदनशील विषय है और यह समाज के विभिन्न संप्रदायों के बीच नफरत व बंटवारा पैदा करेगा इसीलिए इस बिल को इजाजत नहीं दी जानी चाहिए।
राष्ट्रीय जनता दल के राज्यसभा सांसद मनोज झा ने इस बिल का विरोध करते हुए कहा कि संसद का यह दायित्व है कि संसद भवन से कोई ऐसा विचार कोई कोई ऐसा संवाद न हो जिससे समाज में बंटवारा हो। इस प्राइवेट मेंबर बिल को पेश किए जाने पर संक्षिप्त चर्चा और मतदान बाद हरनाथ सिंह यादव ने संविधान संशोधन विधेयक 2023, वक्फ बोर्ड एक्ट 1995 के निरस्तीकरण का बिल राज्यसभा में पेश किया।
–आईएएनएस
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