deshbandhu

deshbandu_logo
  • राष्ट्रीय
  • अंतरराष्ट्रीय
  • लाइफ स्टाइल
  • अर्थजगत
  • मनोरंजन
  • खेल
  • अभिमत
  • धर्म
  • विचार
  • ई पेपर
deshbandu_logo
  • राष्ट्रीय
  • अंतरराष्ट्रीय
  • लाइफ स्टाइल
  • अर्थजगत
  • मनोरंजन
  • खेल
  • अभिमत
  • धर्म
  • विचार
  • ई पेपर
Menu
  • राष्ट्रीय
  • अंतरराष्ट्रीय
  • लाइफ स्टाइल
  • अर्थजगत
  • मनोरंजन
  • खेल
  • अभिमत
  • धर्म
  • विचार
  • ई पेपर
Facebook Twitter Youtube
  • भोपाल
  • इंदौर
  • उज्जैन
  • ग्वालियर
  • जबलपुर
  • रीवा
  • चंबल
  • नर्मदापुरम
  • शहडोल
  • सागर
  • देशबन्धु जनमत
  • पाठक प्रतिक्रियाएं
  • हमें जानें
  • विज्ञापन दरें
ADVERTISEMENT
Home ताज़ा समाचार

राज ठाकरे ने बोम्मई से चुप रहने को कहा, कांग्रेस ने महाराष्ट्र तोड़ने की साजिश करार दिया

by
December 7, 2022
in ताज़ा समाचार
0
राज ठाकरे ने बोम्मई से चुप रहने को कहा, कांग्रेस ने महाराष्ट्र तोड़ने की साजिश करार दिया
0
SHARES
2
VIEWS
Share on FacebookShare on Whatsapp
ADVERTISEMENT

मुंबई, 7 दिसंबर (आईएएनएस)। महाराष्ट्र-कर्नाटक सीमा विवाद में सबसे आगे महाराष्ट्र कांग्रेस इकाई के अध्यक्ष नाना पटोले को महाराष्ट्र को विभाजित करने की साजिश की बू आ रही है, जबकि मनसे अध्यक्ष राज ठाकरे ने बुधवार को कर्नाटक के मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई को चुप रहने और पेचीदा मुद्दे को उलझाने से बचने के लिए कहा।

पटोले ने कहा कि कर्नाटक की भारतीय जनता पार्टी सरकार जानबूझकर सीमावर्ती जिलों में मराठी लोगों और उनकी संपत्तियों पर हमले कर शांतिपूर्ण माहौल को बिगाड़ रही है। इसके लिए केंद्र और कर्नाटक जिम्मेदार होंगे।

READ ALSO

WhatsApp में जल्द आएगा बड़ा बदलाव: ‘अपडेट्स’ टैब में दिखेंगे ऐड्स, मिलेंगे नए फीचर्स

G7 का बड़ा बयान: “ईरान नहीं रख सकता परमाणु हथियार”, हमलों के लिए ईरान को जिम्मेदार ठहराया

पटोले ने सख्ती से कहा, यह सब महाराष्ट्र को तोड़ने की सोची-समझी साजिश की ओर इशारा करता है..कर्नाटक के मुख्यमंत्री भड़काऊ बयान देते रहते हैं, लेकिन महाराष्ट्र सरकार चुप है। हमने अब तक संयम बरता है, लेकिन अब उनकी धमकाने की रणनीति को बर्दाश्त नहीं करेंगे।

महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना के प्रमुख राज ठाकरे ने कर्नाटक के मुख्यमंत्री बोम्मई से अपना मुंह बंद रखने और भड़काऊ बयान देने से बचने की अपील करते हुए कहा कि अगले साल होने वाले कर्नाटक विधानसभा चुनाव से पहले महाराष्ट्र को अनावश्यक रूप से परेशान किया जा रहा है।

राज ठाकरे ने सीमावर्ती क्षेत्रों में वाहनों और मराठियों पर हमलों को तत्काल खत्म करने की मांग करते हुए कहा कि सीमा रेखा को बातचीत के माध्यम से सुलझाया जाना चाहिए, लेकिन अगर जरूरत पड़ी तो मनसे के लोग जवाब देने में किसी भी तरह की कमी नहीं रखेंगे।

कांग्रेस विधायक दल के नेता बालासाहेब थोराट ने मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे और डिप्टी सीएम फड़णवीस पर चुप रहने का आरोप लगाते हुए हैरानी जताई कि वे इस मुद्दे को हल करने में रुचि रखते हैं या नहीं।

टकराव के सौहार्दपूर्ण समाधान की मांग करने वाले अन्य लोगों में राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के अध्यक्ष शरद पवार, विपक्ष के राज्य नेता अजीत पवार, डॉ. जितेंद्र आव्हाड, राष्ट्रीय प्रवक्ता क्लाइड क्रास्टो और अन्य शामिल हैं।

शिवसेना (यूबीटी) के मुख्य प्रवक्ता और सांसद संजय राउत ने सीमाओं में मराठी आबादी के हितों की रक्षा करने में विफल रहने का आरोप लगाते हुए शिंदे के इस्तीफे की मांग की।

राज्य के भाजपा अध्यक्ष चंद्रशेखर बावनकुले ने शरद पवार द्वारा कर्नाटक को 48 घंटे के अल्टीमेटम दिए जाने का जिक्र करते हुए उनसे भड़काऊ बयान देने से बचने और मुद्दे का शांतिपूर्ण समाधान सुनिश्चित करने के लिए काम करने का आग्रह किया।

पटोले और राज ठाकरे ने दोहराया कि राज्यों के बीच विवाद में केंद्र का कर्तव्य है कि वह हस्तक्षेप करे और समाधान निकाले, लेकिन ऐसा होता नहीं दिख रहा है।

इस बीच, हजारों सरकारी और निजी बसें, सामान और आवश्यक वस्तुओं से लदे ट्रक, मध्यम या छोटे निजी वाहन फंसे हुए हैं, क्योंकि दोनों राज्यों के बीच वाहनों की आवाजाही पिछले 24 घंटों से रुकी हुई है, जिससे दोनों तरफ के हजारों लोग सांसत में हैं।

–आईएएनएस

एसजीके/एएनएम

ADVERTISEMENT

मुंबई, 7 दिसंबर (आईएएनएस)। महाराष्ट्र-कर्नाटक सीमा विवाद में सबसे आगे महाराष्ट्र कांग्रेस इकाई के अध्यक्ष नाना पटोले को महाराष्ट्र को विभाजित करने की साजिश की बू आ रही है, जबकि मनसे अध्यक्ष राज ठाकरे ने बुधवार को कर्नाटक के मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई को चुप रहने और पेचीदा मुद्दे को उलझाने से बचने के लिए कहा।

पटोले ने कहा कि कर्नाटक की भारतीय जनता पार्टी सरकार जानबूझकर सीमावर्ती जिलों में मराठी लोगों और उनकी संपत्तियों पर हमले कर शांतिपूर्ण माहौल को बिगाड़ रही है। इसके लिए केंद्र और कर्नाटक जिम्मेदार होंगे।

पटोले ने सख्ती से कहा, यह सब महाराष्ट्र को तोड़ने की सोची-समझी साजिश की ओर इशारा करता है..कर्नाटक के मुख्यमंत्री भड़काऊ बयान देते रहते हैं, लेकिन महाराष्ट्र सरकार चुप है। हमने अब तक संयम बरता है, लेकिन अब उनकी धमकाने की रणनीति को बर्दाश्त नहीं करेंगे।

महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना के प्रमुख राज ठाकरे ने कर्नाटक के मुख्यमंत्री बोम्मई से अपना मुंह बंद रखने और भड़काऊ बयान देने से बचने की अपील करते हुए कहा कि अगले साल होने वाले कर्नाटक विधानसभा चुनाव से पहले महाराष्ट्र को अनावश्यक रूप से परेशान किया जा रहा है।

राज ठाकरे ने सीमावर्ती क्षेत्रों में वाहनों और मराठियों पर हमलों को तत्काल खत्म करने की मांग करते हुए कहा कि सीमा रेखा को बातचीत के माध्यम से सुलझाया जाना चाहिए, लेकिन अगर जरूरत पड़ी तो मनसे के लोग जवाब देने में किसी भी तरह की कमी नहीं रखेंगे।

कांग्रेस विधायक दल के नेता बालासाहेब थोराट ने मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे और डिप्टी सीएम फड़णवीस पर चुप रहने का आरोप लगाते हुए हैरानी जताई कि वे इस मुद्दे को हल करने में रुचि रखते हैं या नहीं।

टकराव के सौहार्दपूर्ण समाधान की मांग करने वाले अन्य लोगों में राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के अध्यक्ष शरद पवार, विपक्ष के राज्य नेता अजीत पवार, डॉ. जितेंद्र आव्हाड, राष्ट्रीय प्रवक्ता क्लाइड क्रास्टो और अन्य शामिल हैं।

शिवसेना (यूबीटी) के मुख्य प्रवक्ता और सांसद संजय राउत ने सीमाओं में मराठी आबादी के हितों की रक्षा करने में विफल रहने का आरोप लगाते हुए शिंदे के इस्तीफे की मांग की।

राज्य के भाजपा अध्यक्ष चंद्रशेखर बावनकुले ने शरद पवार द्वारा कर्नाटक को 48 घंटे के अल्टीमेटम दिए जाने का जिक्र करते हुए उनसे भड़काऊ बयान देने से बचने और मुद्दे का शांतिपूर्ण समाधान सुनिश्चित करने के लिए काम करने का आग्रह किया।

पटोले और राज ठाकरे ने दोहराया कि राज्यों के बीच विवाद में केंद्र का कर्तव्य है कि वह हस्तक्षेप करे और समाधान निकाले, लेकिन ऐसा होता नहीं दिख रहा है।

इस बीच, हजारों सरकारी और निजी बसें, सामान और आवश्यक वस्तुओं से लदे ट्रक, मध्यम या छोटे निजी वाहन फंसे हुए हैं, क्योंकि दोनों राज्यों के बीच वाहनों की आवाजाही पिछले 24 घंटों से रुकी हुई है, जिससे दोनों तरफ के हजारों लोग सांसत में हैं।

–आईएएनएस

एसजीके/एएनएम

ADVERTISEMENT

मुंबई, 7 दिसंबर (आईएएनएस)। महाराष्ट्र-कर्नाटक सीमा विवाद में सबसे आगे महाराष्ट्र कांग्रेस इकाई के अध्यक्ष नाना पटोले को महाराष्ट्र को विभाजित करने की साजिश की बू आ रही है, जबकि मनसे अध्यक्ष राज ठाकरे ने बुधवार को कर्नाटक के मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई को चुप रहने और पेचीदा मुद्दे को उलझाने से बचने के लिए कहा।

पटोले ने कहा कि कर्नाटक की भारतीय जनता पार्टी सरकार जानबूझकर सीमावर्ती जिलों में मराठी लोगों और उनकी संपत्तियों पर हमले कर शांतिपूर्ण माहौल को बिगाड़ रही है। इसके लिए केंद्र और कर्नाटक जिम्मेदार होंगे।

पटोले ने सख्ती से कहा, यह सब महाराष्ट्र को तोड़ने की सोची-समझी साजिश की ओर इशारा करता है..कर्नाटक के मुख्यमंत्री भड़काऊ बयान देते रहते हैं, लेकिन महाराष्ट्र सरकार चुप है। हमने अब तक संयम बरता है, लेकिन अब उनकी धमकाने की रणनीति को बर्दाश्त नहीं करेंगे।

महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना के प्रमुख राज ठाकरे ने कर्नाटक के मुख्यमंत्री बोम्मई से अपना मुंह बंद रखने और भड़काऊ बयान देने से बचने की अपील करते हुए कहा कि अगले साल होने वाले कर्नाटक विधानसभा चुनाव से पहले महाराष्ट्र को अनावश्यक रूप से परेशान किया जा रहा है।

राज ठाकरे ने सीमावर्ती क्षेत्रों में वाहनों और मराठियों पर हमलों को तत्काल खत्म करने की मांग करते हुए कहा कि सीमा रेखा को बातचीत के माध्यम से सुलझाया जाना चाहिए, लेकिन अगर जरूरत पड़ी तो मनसे के लोग जवाब देने में किसी भी तरह की कमी नहीं रखेंगे।

कांग्रेस विधायक दल के नेता बालासाहेब थोराट ने मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे और डिप्टी सीएम फड़णवीस पर चुप रहने का आरोप लगाते हुए हैरानी जताई कि वे इस मुद्दे को हल करने में रुचि रखते हैं या नहीं।

टकराव के सौहार्दपूर्ण समाधान की मांग करने वाले अन्य लोगों में राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के अध्यक्ष शरद पवार, विपक्ष के राज्य नेता अजीत पवार, डॉ. जितेंद्र आव्हाड, राष्ट्रीय प्रवक्ता क्लाइड क्रास्टो और अन्य शामिल हैं।

शिवसेना (यूबीटी) के मुख्य प्रवक्ता और सांसद संजय राउत ने सीमाओं में मराठी आबादी के हितों की रक्षा करने में विफल रहने का आरोप लगाते हुए शिंदे के इस्तीफे की मांग की।

राज्य के भाजपा अध्यक्ष चंद्रशेखर बावनकुले ने शरद पवार द्वारा कर्नाटक को 48 घंटे के अल्टीमेटम दिए जाने का जिक्र करते हुए उनसे भड़काऊ बयान देने से बचने और मुद्दे का शांतिपूर्ण समाधान सुनिश्चित करने के लिए काम करने का आग्रह किया।

पटोले और राज ठाकरे ने दोहराया कि राज्यों के बीच विवाद में केंद्र का कर्तव्य है कि वह हस्तक्षेप करे और समाधान निकाले, लेकिन ऐसा होता नहीं दिख रहा है।

इस बीच, हजारों सरकारी और निजी बसें, सामान और आवश्यक वस्तुओं से लदे ट्रक, मध्यम या छोटे निजी वाहन फंसे हुए हैं, क्योंकि दोनों राज्यों के बीच वाहनों की आवाजाही पिछले 24 घंटों से रुकी हुई है, जिससे दोनों तरफ के हजारों लोग सांसत में हैं।

–आईएएनएस

एसजीके/एएनएम

ADVERTISEMENT

मुंबई, 7 दिसंबर (आईएएनएस)। महाराष्ट्र-कर्नाटक सीमा विवाद में सबसे आगे महाराष्ट्र कांग्रेस इकाई के अध्यक्ष नाना पटोले को महाराष्ट्र को विभाजित करने की साजिश की बू आ रही है, जबकि मनसे अध्यक्ष राज ठाकरे ने बुधवार को कर्नाटक के मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई को चुप रहने और पेचीदा मुद्दे को उलझाने से बचने के लिए कहा।

पटोले ने कहा कि कर्नाटक की भारतीय जनता पार्टी सरकार जानबूझकर सीमावर्ती जिलों में मराठी लोगों और उनकी संपत्तियों पर हमले कर शांतिपूर्ण माहौल को बिगाड़ रही है। इसके लिए केंद्र और कर्नाटक जिम्मेदार होंगे।

पटोले ने सख्ती से कहा, यह सब महाराष्ट्र को तोड़ने की सोची-समझी साजिश की ओर इशारा करता है..कर्नाटक के मुख्यमंत्री भड़काऊ बयान देते रहते हैं, लेकिन महाराष्ट्र सरकार चुप है। हमने अब तक संयम बरता है, लेकिन अब उनकी धमकाने की रणनीति को बर्दाश्त नहीं करेंगे।

महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना के प्रमुख राज ठाकरे ने कर्नाटक के मुख्यमंत्री बोम्मई से अपना मुंह बंद रखने और भड़काऊ बयान देने से बचने की अपील करते हुए कहा कि अगले साल होने वाले कर्नाटक विधानसभा चुनाव से पहले महाराष्ट्र को अनावश्यक रूप से परेशान किया जा रहा है।

राज ठाकरे ने सीमावर्ती क्षेत्रों में वाहनों और मराठियों पर हमलों को तत्काल खत्म करने की मांग करते हुए कहा कि सीमा रेखा को बातचीत के माध्यम से सुलझाया जाना चाहिए, लेकिन अगर जरूरत पड़ी तो मनसे के लोग जवाब देने में किसी भी तरह की कमी नहीं रखेंगे।

कांग्रेस विधायक दल के नेता बालासाहेब थोराट ने मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे और डिप्टी सीएम फड़णवीस पर चुप रहने का आरोप लगाते हुए हैरानी जताई कि वे इस मुद्दे को हल करने में रुचि रखते हैं या नहीं।

टकराव के सौहार्दपूर्ण समाधान की मांग करने वाले अन्य लोगों में राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के अध्यक्ष शरद पवार, विपक्ष के राज्य नेता अजीत पवार, डॉ. जितेंद्र आव्हाड, राष्ट्रीय प्रवक्ता क्लाइड क्रास्टो और अन्य शामिल हैं।

शिवसेना (यूबीटी) के मुख्य प्रवक्ता और सांसद संजय राउत ने सीमाओं में मराठी आबादी के हितों की रक्षा करने में विफल रहने का आरोप लगाते हुए शिंदे के इस्तीफे की मांग की।

राज्य के भाजपा अध्यक्ष चंद्रशेखर बावनकुले ने शरद पवार द्वारा कर्नाटक को 48 घंटे के अल्टीमेटम दिए जाने का जिक्र करते हुए उनसे भड़काऊ बयान देने से बचने और मुद्दे का शांतिपूर्ण समाधान सुनिश्चित करने के लिए काम करने का आग्रह किया।

पटोले और राज ठाकरे ने दोहराया कि राज्यों के बीच विवाद में केंद्र का कर्तव्य है कि वह हस्तक्षेप करे और समाधान निकाले, लेकिन ऐसा होता नहीं दिख रहा है।

इस बीच, हजारों सरकारी और निजी बसें, सामान और आवश्यक वस्तुओं से लदे ट्रक, मध्यम या छोटे निजी वाहन फंसे हुए हैं, क्योंकि दोनों राज्यों के बीच वाहनों की आवाजाही पिछले 24 घंटों से रुकी हुई है, जिससे दोनों तरफ के हजारों लोग सांसत में हैं।

–आईएएनएस

एसजीके/एएनएम

ADVERTISEMENT

मुंबई, 7 दिसंबर (आईएएनएस)। महाराष्ट्र-कर्नाटक सीमा विवाद में सबसे आगे महाराष्ट्र कांग्रेस इकाई के अध्यक्ष नाना पटोले को महाराष्ट्र को विभाजित करने की साजिश की बू आ रही है, जबकि मनसे अध्यक्ष राज ठाकरे ने बुधवार को कर्नाटक के मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई को चुप रहने और पेचीदा मुद्दे को उलझाने से बचने के लिए कहा।

पटोले ने कहा कि कर्नाटक की भारतीय जनता पार्टी सरकार जानबूझकर सीमावर्ती जिलों में मराठी लोगों और उनकी संपत्तियों पर हमले कर शांतिपूर्ण माहौल को बिगाड़ रही है। इसके लिए केंद्र और कर्नाटक जिम्मेदार होंगे।

पटोले ने सख्ती से कहा, यह सब महाराष्ट्र को तोड़ने की सोची-समझी साजिश की ओर इशारा करता है..कर्नाटक के मुख्यमंत्री भड़काऊ बयान देते रहते हैं, लेकिन महाराष्ट्र सरकार चुप है। हमने अब तक संयम बरता है, लेकिन अब उनकी धमकाने की रणनीति को बर्दाश्त नहीं करेंगे।

महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना के प्रमुख राज ठाकरे ने कर्नाटक के मुख्यमंत्री बोम्मई से अपना मुंह बंद रखने और भड़काऊ बयान देने से बचने की अपील करते हुए कहा कि अगले साल होने वाले कर्नाटक विधानसभा चुनाव से पहले महाराष्ट्र को अनावश्यक रूप से परेशान किया जा रहा है।

राज ठाकरे ने सीमावर्ती क्षेत्रों में वाहनों और मराठियों पर हमलों को तत्काल खत्म करने की मांग करते हुए कहा कि सीमा रेखा को बातचीत के माध्यम से सुलझाया जाना चाहिए, लेकिन अगर जरूरत पड़ी तो मनसे के लोग जवाब देने में किसी भी तरह की कमी नहीं रखेंगे।

कांग्रेस विधायक दल के नेता बालासाहेब थोराट ने मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे और डिप्टी सीएम फड़णवीस पर चुप रहने का आरोप लगाते हुए हैरानी जताई कि वे इस मुद्दे को हल करने में रुचि रखते हैं या नहीं।

टकराव के सौहार्दपूर्ण समाधान की मांग करने वाले अन्य लोगों में राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के अध्यक्ष शरद पवार, विपक्ष के राज्य नेता अजीत पवार, डॉ. जितेंद्र आव्हाड, राष्ट्रीय प्रवक्ता क्लाइड क्रास्टो और अन्य शामिल हैं।

शिवसेना (यूबीटी) के मुख्य प्रवक्ता और सांसद संजय राउत ने सीमाओं में मराठी आबादी के हितों की रक्षा करने में विफल रहने का आरोप लगाते हुए शिंदे के इस्तीफे की मांग की।

राज्य के भाजपा अध्यक्ष चंद्रशेखर बावनकुले ने शरद पवार द्वारा कर्नाटक को 48 घंटे के अल्टीमेटम दिए जाने का जिक्र करते हुए उनसे भड़काऊ बयान देने से बचने और मुद्दे का शांतिपूर्ण समाधान सुनिश्चित करने के लिए काम करने का आग्रह किया।

पटोले और राज ठाकरे ने दोहराया कि राज्यों के बीच विवाद में केंद्र का कर्तव्य है कि वह हस्तक्षेप करे और समाधान निकाले, लेकिन ऐसा होता नहीं दिख रहा है।

इस बीच, हजारों सरकारी और निजी बसें, सामान और आवश्यक वस्तुओं से लदे ट्रक, मध्यम या छोटे निजी वाहन फंसे हुए हैं, क्योंकि दोनों राज्यों के बीच वाहनों की आवाजाही पिछले 24 घंटों से रुकी हुई है, जिससे दोनों तरफ के हजारों लोग सांसत में हैं।

–आईएएनएस

एसजीके/एएनएम

ADVERTISEMENT

मुंबई, 7 दिसंबर (आईएएनएस)। महाराष्ट्र-कर्नाटक सीमा विवाद में सबसे आगे महाराष्ट्र कांग्रेस इकाई के अध्यक्ष नाना पटोले को महाराष्ट्र को विभाजित करने की साजिश की बू आ रही है, जबकि मनसे अध्यक्ष राज ठाकरे ने बुधवार को कर्नाटक के मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई को चुप रहने और पेचीदा मुद्दे को उलझाने से बचने के लिए कहा।

पटोले ने कहा कि कर्नाटक की भारतीय जनता पार्टी सरकार जानबूझकर सीमावर्ती जिलों में मराठी लोगों और उनकी संपत्तियों पर हमले कर शांतिपूर्ण माहौल को बिगाड़ रही है। इसके लिए केंद्र और कर्नाटक जिम्मेदार होंगे।

पटोले ने सख्ती से कहा, यह सब महाराष्ट्र को तोड़ने की सोची-समझी साजिश की ओर इशारा करता है..कर्नाटक के मुख्यमंत्री भड़काऊ बयान देते रहते हैं, लेकिन महाराष्ट्र सरकार चुप है। हमने अब तक संयम बरता है, लेकिन अब उनकी धमकाने की रणनीति को बर्दाश्त नहीं करेंगे।

महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना के प्रमुख राज ठाकरे ने कर्नाटक के मुख्यमंत्री बोम्मई से अपना मुंह बंद रखने और भड़काऊ बयान देने से बचने की अपील करते हुए कहा कि अगले साल होने वाले कर्नाटक विधानसभा चुनाव से पहले महाराष्ट्र को अनावश्यक रूप से परेशान किया जा रहा है।

राज ठाकरे ने सीमावर्ती क्षेत्रों में वाहनों और मराठियों पर हमलों को तत्काल खत्म करने की मांग करते हुए कहा कि सीमा रेखा को बातचीत के माध्यम से सुलझाया जाना चाहिए, लेकिन अगर जरूरत पड़ी तो मनसे के लोग जवाब देने में किसी भी तरह की कमी नहीं रखेंगे।

कांग्रेस विधायक दल के नेता बालासाहेब थोराट ने मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे और डिप्टी सीएम फड़णवीस पर चुप रहने का आरोप लगाते हुए हैरानी जताई कि वे इस मुद्दे को हल करने में रुचि रखते हैं या नहीं।

टकराव के सौहार्दपूर्ण समाधान की मांग करने वाले अन्य लोगों में राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के अध्यक्ष शरद पवार, विपक्ष के राज्य नेता अजीत पवार, डॉ. जितेंद्र आव्हाड, राष्ट्रीय प्रवक्ता क्लाइड क्रास्टो और अन्य शामिल हैं।

शिवसेना (यूबीटी) के मुख्य प्रवक्ता और सांसद संजय राउत ने सीमाओं में मराठी आबादी के हितों की रक्षा करने में विफल रहने का आरोप लगाते हुए शिंदे के इस्तीफे की मांग की।

राज्य के भाजपा अध्यक्ष चंद्रशेखर बावनकुले ने शरद पवार द्वारा कर्नाटक को 48 घंटे के अल्टीमेटम दिए जाने का जिक्र करते हुए उनसे भड़काऊ बयान देने से बचने और मुद्दे का शांतिपूर्ण समाधान सुनिश्चित करने के लिए काम करने का आग्रह किया।

पटोले और राज ठाकरे ने दोहराया कि राज्यों के बीच विवाद में केंद्र का कर्तव्य है कि वह हस्तक्षेप करे और समाधान निकाले, लेकिन ऐसा होता नहीं दिख रहा है।

इस बीच, हजारों सरकारी और निजी बसें, सामान और आवश्यक वस्तुओं से लदे ट्रक, मध्यम या छोटे निजी वाहन फंसे हुए हैं, क्योंकि दोनों राज्यों के बीच वाहनों की आवाजाही पिछले 24 घंटों से रुकी हुई है, जिससे दोनों तरफ के हजारों लोग सांसत में हैं।

–आईएएनएस

एसजीके/एएनएम

ADVERTISEMENT

मुंबई, 7 दिसंबर (आईएएनएस)। महाराष्ट्र-कर्नाटक सीमा विवाद में सबसे आगे महाराष्ट्र कांग्रेस इकाई के अध्यक्ष नाना पटोले को महाराष्ट्र को विभाजित करने की साजिश की बू आ रही है, जबकि मनसे अध्यक्ष राज ठाकरे ने बुधवार को कर्नाटक के मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई को चुप रहने और पेचीदा मुद्दे को उलझाने से बचने के लिए कहा।

पटोले ने कहा कि कर्नाटक की भारतीय जनता पार्टी सरकार जानबूझकर सीमावर्ती जिलों में मराठी लोगों और उनकी संपत्तियों पर हमले कर शांतिपूर्ण माहौल को बिगाड़ रही है। इसके लिए केंद्र और कर्नाटक जिम्मेदार होंगे।

पटोले ने सख्ती से कहा, यह सब महाराष्ट्र को तोड़ने की सोची-समझी साजिश की ओर इशारा करता है..कर्नाटक के मुख्यमंत्री भड़काऊ बयान देते रहते हैं, लेकिन महाराष्ट्र सरकार चुप है। हमने अब तक संयम बरता है, लेकिन अब उनकी धमकाने की रणनीति को बर्दाश्त नहीं करेंगे।

महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना के प्रमुख राज ठाकरे ने कर्नाटक के मुख्यमंत्री बोम्मई से अपना मुंह बंद रखने और भड़काऊ बयान देने से बचने की अपील करते हुए कहा कि अगले साल होने वाले कर्नाटक विधानसभा चुनाव से पहले महाराष्ट्र को अनावश्यक रूप से परेशान किया जा रहा है।

राज ठाकरे ने सीमावर्ती क्षेत्रों में वाहनों और मराठियों पर हमलों को तत्काल खत्म करने की मांग करते हुए कहा कि सीमा रेखा को बातचीत के माध्यम से सुलझाया जाना चाहिए, लेकिन अगर जरूरत पड़ी तो मनसे के लोग जवाब देने में किसी भी तरह की कमी नहीं रखेंगे।

कांग्रेस विधायक दल के नेता बालासाहेब थोराट ने मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे और डिप्टी सीएम फड़णवीस पर चुप रहने का आरोप लगाते हुए हैरानी जताई कि वे इस मुद्दे को हल करने में रुचि रखते हैं या नहीं।

टकराव के सौहार्दपूर्ण समाधान की मांग करने वाले अन्य लोगों में राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के अध्यक्ष शरद पवार, विपक्ष के राज्य नेता अजीत पवार, डॉ. जितेंद्र आव्हाड, राष्ट्रीय प्रवक्ता क्लाइड क्रास्टो और अन्य शामिल हैं।

शिवसेना (यूबीटी) के मुख्य प्रवक्ता और सांसद संजय राउत ने सीमाओं में मराठी आबादी के हितों की रक्षा करने में विफल रहने का आरोप लगाते हुए शिंदे के इस्तीफे की मांग की।

राज्य के भाजपा अध्यक्ष चंद्रशेखर बावनकुले ने शरद पवार द्वारा कर्नाटक को 48 घंटे के अल्टीमेटम दिए जाने का जिक्र करते हुए उनसे भड़काऊ बयान देने से बचने और मुद्दे का शांतिपूर्ण समाधान सुनिश्चित करने के लिए काम करने का आग्रह किया।

पटोले और राज ठाकरे ने दोहराया कि राज्यों के बीच विवाद में केंद्र का कर्तव्य है कि वह हस्तक्षेप करे और समाधान निकाले, लेकिन ऐसा होता नहीं दिख रहा है।

इस बीच, हजारों सरकारी और निजी बसें, सामान और आवश्यक वस्तुओं से लदे ट्रक, मध्यम या छोटे निजी वाहन फंसे हुए हैं, क्योंकि दोनों राज्यों के बीच वाहनों की आवाजाही पिछले 24 घंटों से रुकी हुई है, जिससे दोनों तरफ के हजारों लोग सांसत में हैं।

–आईएएनएस

एसजीके/एएनएम

ADVERTISEMENT

मुंबई, 7 दिसंबर (आईएएनएस)। महाराष्ट्र-कर्नाटक सीमा विवाद में सबसे आगे महाराष्ट्र कांग्रेस इकाई के अध्यक्ष नाना पटोले को महाराष्ट्र को विभाजित करने की साजिश की बू आ रही है, जबकि मनसे अध्यक्ष राज ठाकरे ने बुधवार को कर्नाटक के मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई को चुप रहने और पेचीदा मुद्दे को उलझाने से बचने के लिए कहा।

पटोले ने कहा कि कर्नाटक की भारतीय जनता पार्टी सरकार जानबूझकर सीमावर्ती जिलों में मराठी लोगों और उनकी संपत्तियों पर हमले कर शांतिपूर्ण माहौल को बिगाड़ रही है। इसके लिए केंद्र और कर्नाटक जिम्मेदार होंगे।

पटोले ने सख्ती से कहा, यह सब महाराष्ट्र को तोड़ने की सोची-समझी साजिश की ओर इशारा करता है..कर्नाटक के मुख्यमंत्री भड़काऊ बयान देते रहते हैं, लेकिन महाराष्ट्र सरकार चुप है। हमने अब तक संयम बरता है, लेकिन अब उनकी धमकाने की रणनीति को बर्दाश्त नहीं करेंगे।

महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना के प्रमुख राज ठाकरे ने कर्नाटक के मुख्यमंत्री बोम्मई से अपना मुंह बंद रखने और भड़काऊ बयान देने से बचने की अपील करते हुए कहा कि अगले साल होने वाले कर्नाटक विधानसभा चुनाव से पहले महाराष्ट्र को अनावश्यक रूप से परेशान किया जा रहा है।

राज ठाकरे ने सीमावर्ती क्षेत्रों में वाहनों और मराठियों पर हमलों को तत्काल खत्म करने की मांग करते हुए कहा कि सीमा रेखा को बातचीत के माध्यम से सुलझाया जाना चाहिए, लेकिन अगर जरूरत पड़ी तो मनसे के लोग जवाब देने में किसी भी तरह की कमी नहीं रखेंगे।

कांग्रेस विधायक दल के नेता बालासाहेब थोराट ने मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे और डिप्टी सीएम फड़णवीस पर चुप रहने का आरोप लगाते हुए हैरानी जताई कि वे इस मुद्दे को हल करने में रुचि रखते हैं या नहीं।

टकराव के सौहार्दपूर्ण समाधान की मांग करने वाले अन्य लोगों में राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के अध्यक्ष शरद पवार, विपक्ष के राज्य नेता अजीत पवार, डॉ. जितेंद्र आव्हाड, राष्ट्रीय प्रवक्ता क्लाइड क्रास्टो और अन्य शामिल हैं।

शिवसेना (यूबीटी) के मुख्य प्रवक्ता और सांसद संजय राउत ने सीमाओं में मराठी आबादी के हितों की रक्षा करने में विफल रहने का आरोप लगाते हुए शिंदे के इस्तीफे की मांग की।

राज्य के भाजपा अध्यक्ष चंद्रशेखर बावनकुले ने शरद पवार द्वारा कर्नाटक को 48 घंटे के अल्टीमेटम दिए जाने का जिक्र करते हुए उनसे भड़काऊ बयान देने से बचने और मुद्दे का शांतिपूर्ण समाधान सुनिश्चित करने के लिए काम करने का आग्रह किया।

पटोले और राज ठाकरे ने दोहराया कि राज्यों के बीच विवाद में केंद्र का कर्तव्य है कि वह हस्तक्षेप करे और समाधान निकाले, लेकिन ऐसा होता नहीं दिख रहा है।

इस बीच, हजारों सरकारी और निजी बसें, सामान और आवश्यक वस्तुओं से लदे ट्रक, मध्यम या छोटे निजी वाहन फंसे हुए हैं, क्योंकि दोनों राज्यों के बीच वाहनों की आवाजाही पिछले 24 घंटों से रुकी हुई है, जिससे दोनों तरफ के हजारों लोग सांसत में हैं।

–आईएएनएस

एसजीके/एएनएम

मुंबई, 7 दिसंबर (आईएएनएस)। महाराष्ट्र-कर्नाटक सीमा विवाद में सबसे आगे महाराष्ट्र कांग्रेस इकाई के अध्यक्ष नाना पटोले को महाराष्ट्र को विभाजित करने की साजिश की बू आ रही है, जबकि मनसे अध्यक्ष राज ठाकरे ने बुधवार को कर्नाटक के मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई को चुप रहने और पेचीदा मुद्दे को उलझाने से बचने के लिए कहा।

पटोले ने कहा कि कर्नाटक की भारतीय जनता पार्टी सरकार जानबूझकर सीमावर्ती जिलों में मराठी लोगों और उनकी संपत्तियों पर हमले कर शांतिपूर्ण माहौल को बिगाड़ रही है। इसके लिए केंद्र और कर्नाटक जिम्मेदार होंगे।

पटोले ने सख्ती से कहा, यह सब महाराष्ट्र को तोड़ने की सोची-समझी साजिश की ओर इशारा करता है..कर्नाटक के मुख्यमंत्री भड़काऊ बयान देते रहते हैं, लेकिन महाराष्ट्र सरकार चुप है। हमने अब तक संयम बरता है, लेकिन अब उनकी धमकाने की रणनीति को बर्दाश्त नहीं करेंगे।

महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना के प्रमुख राज ठाकरे ने कर्नाटक के मुख्यमंत्री बोम्मई से अपना मुंह बंद रखने और भड़काऊ बयान देने से बचने की अपील करते हुए कहा कि अगले साल होने वाले कर्नाटक विधानसभा चुनाव से पहले महाराष्ट्र को अनावश्यक रूप से परेशान किया जा रहा है।

राज ठाकरे ने सीमावर्ती क्षेत्रों में वाहनों और मराठियों पर हमलों को तत्काल खत्म करने की मांग करते हुए कहा कि सीमा रेखा को बातचीत के माध्यम से सुलझाया जाना चाहिए, लेकिन अगर जरूरत पड़ी तो मनसे के लोग जवाब देने में किसी भी तरह की कमी नहीं रखेंगे।

कांग्रेस विधायक दल के नेता बालासाहेब थोराट ने मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे और डिप्टी सीएम फड़णवीस पर चुप रहने का आरोप लगाते हुए हैरानी जताई कि वे इस मुद्दे को हल करने में रुचि रखते हैं या नहीं।

टकराव के सौहार्दपूर्ण समाधान की मांग करने वाले अन्य लोगों में राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के अध्यक्ष शरद पवार, विपक्ष के राज्य नेता अजीत पवार, डॉ. जितेंद्र आव्हाड, राष्ट्रीय प्रवक्ता क्लाइड क्रास्टो और अन्य शामिल हैं।

शिवसेना (यूबीटी) के मुख्य प्रवक्ता और सांसद संजय राउत ने सीमाओं में मराठी आबादी के हितों की रक्षा करने में विफल रहने का आरोप लगाते हुए शिंदे के इस्तीफे की मांग की।

राज्य के भाजपा अध्यक्ष चंद्रशेखर बावनकुले ने शरद पवार द्वारा कर्नाटक को 48 घंटे के अल्टीमेटम दिए जाने का जिक्र करते हुए उनसे भड़काऊ बयान देने से बचने और मुद्दे का शांतिपूर्ण समाधान सुनिश्चित करने के लिए काम करने का आग्रह किया।

पटोले और राज ठाकरे ने दोहराया कि राज्यों के बीच विवाद में केंद्र का कर्तव्य है कि वह हस्तक्षेप करे और समाधान निकाले, लेकिन ऐसा होता नहीं दिख रहा है।

इस बीच, हजारों सरकारी और निजी बसें, सामान और आवश्यक वस्तुओं से लदे ट्रक, मध्यम या छोटे निजी वाहन फंसे हुए हैं, क्योंकि दोनों राज्यों के बीच वाहनों की आवाजाही पिछले 24 घंटों से रुकी हुई है, जिससे दोनों तरफ के हजारों लोग सांसत में हैं।

–आईएएनएस

एसजीके/एएनएम

ADVERTISEMENT

मुंबई, 7 दिसंबर (आईएएनएस)। महाराष्ट्र-कर्नाटक सीमा विवाद में सबसे आगे महाराष्ट्र कांग्रेस इकाई के अध्यक्ष नाना पटोले को महाराष्ट्र को विभाजित करने की साजिश की बू आ रही है, जबकि मनसे अध्यक्ष राज ठाकरे ने बुधवार को कर्नाटक के मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई को चुप रहने और पेचीदा मुद्दे को उलझाने से बचने के लिए कहा।

पटोले ने कहा कि कर्नाटक की भारतीय जनता पार्टी सरकार जानबूझकर सीमावर्ती जिलों में मराठी लोगों और उनकी संपत्तियों पर हमले कर शांतिपूर्ण माहौल को बिगाड़ रही है। इसके लिए केंद्र और कर्नाटक जिम्मेदार होंगे।

पटोले ने सख्ती से कहा, यह सब महाराष्ट्र को तोड़ने की सोची-समझी साजिश की ओर इशारा करता है..कर्नाटक के मुख्यमंत्री भड़काऊ बयान देते रहते हैं, लेकिन महाराष्ट्र सरकार चुप है। हमने अब तक संयम बरता है, लेकिन अब उनकी धमकाने की रणनीति को बर्दाश्त नहीं करेंगे।

महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना के प्रमुख राज ठाकरे ने कर्नाटक के मुख्यमंत्री बोम्मई से अपना मुंह बंद रखने और भड़काऊ बयान देने से बचने की अपील करते हुए कहा कि अगले साल होने वाले कर्नाटक विधानसभा चुनाव से पहले महाराष्ट्र को अनावश्यक रूप से परेशान किया जा रहा है।

राज ठाकरे ने सीमावर्ती क्षेत्रों में वाहनों और मराठियों पर हमलों को तत्काल खत्म करने की मांग करते हुए कहा कि सीमा रेखा को बातचीत के माध्यम से सुलझाया जाना चाहिए, लेकिन अगर जरूरत पड़ी तो मनसे के लोग जवाब देने में किसी भी तरह की कमी नहीं रखेंगे।

कांग्रेस विधायक दल के नेता बालासाहेब थोराट ने मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे और डिप्टी सीएम फड़णवीस पर चुप रहने का आरोप लगाते हुए हैरानी जताई कि वे इस मुद्दे को हल करने में रुचि रखते हैं या नहीं।

टकराव के सौहार्दपूर्ण समाधान की मांग करने वाले अन्य लोगों में राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के अध्यक्ष शरद पवार, विपक्ष के राज्य नेता अजीत पवार, डॉ. जितेंद्र आव्हाड, राष्ट्रीय प्रवक्ता क्लाइड क्रास्टो और अन्य शामिल हैं।

शिवसेना (यूबीटी) के मुख्य प्रवक्ता और सांसद संजय राउत ने सीमाओं में मराठी आबादी के हितों की रक्षा करने में विफल रहने का आरोप लगाते हुए शिंदे के इस्तीफे की मांग की।

राज्य के भाजपा अध्यक्ष चंद्रशेखर बावनकुले ने शरद पवार द्वारा कर्नाटक को 48 घंटे के अल्टीमेटम दिए जाने का जिक्र करते हुए उनसे भड़काऊ बयान देने से बचने और मुद्दे का शांतिपूर्ण समाधान सुनिश्चित करने के लिए काम करने का आग्रह किया।

पटोले और राज ठाकरे ने दोहराया कि राज्यों के बीच विवाद में केंद्र का कर्तव्य है कि वह हस्तक्षेप करे और समाधान निकाले, लेकिन ऐसा होता नहीं दिख रहा है।

इस बीच, हजारों सरकारी और निजी बसें, सामान और आवश्यक वस्तुओं से लदे ट्रक, मध्यम या छोटे निजी वाहन फंसे हुए हैं, क्योंकि दोनों राज्यों के बीच वाहनों की आवाजाही पिछले 24 घंटों से रुकी हुई है, जिससे दोनों तरफ के हजारों लोग सांसत में हैं।

–आईएएनएस

एसजीके/एएनएम

ADVERTISEMENT

मुंबई, 7 दिसंबर (आईएएनएस)। महाराष्ट्र-कर्नाटक सीमा विवाद में सबसे आगे महाराष्ट्र कांग्रेस इकाई के अध्यक्ष नाना पटोले को महाराष्ट्र को विभाजित करने की साजिश की बू आ रही है, जबकि मनसे अध्यक्ष राज ठाकरे ने बुधवार को कर्नाटक के मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई को चुप रहने और पेचीदा मुद्दे को उलझाने से बचने के लिए कहा।

पटोले ने कहा कि कर्नाटक की भारतीय जनता पार्टी सरकार जानबूझकर सीमावर्ती जिलों में मराठी लोगों और उनकी संपत्तियों पर हमले कर शांतिपूर्ण माहौल को बिगाड़ रही है। इसके लिए केंद्र और कर्नाटक जिम्मेदार होंगे।

पटोले ने सख्ती से कहा, यह सब महाराष्ट्र को तोड़ने की सोची-समझी साजिश की ओर इशारा करता है..कर्नाटक के मुख्यमंत्री भड़काऊ बयान देते रहते हैं, लेकिन महाराष्ट्र सरकार चुप है। हमने अब तक संयम बरता है, लेकिन अब उनकी धमकाने की रणनीति को बर्दाश्त नहीं करेंगे।

महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना के प्रमुख राज ठाकरे ने कर्नाटक के मुख्यमंत्री बोम्मई से अपना मुंह बंद रखने और भड़काऊ बयान देने से बचने की अपील करते हुए कहा कि अगले साल होने वाले कर्नाटक विधानसभा चुनाव से पहले महाराष्ट्र को अनावश्यक रूप से परेशान किया जा रहा है।

राज ठाकरे ने सीमावर्ती क्षेत्रों में वाहनों और मराठियों पर हमलों को तत्काल खत्म करने की मांग करते हुए कहा कि सीमा रेखा को बातचीत के माध्यम से सुलझाया जाना चाहिए, लेकिन अगर जरूरत पड़ी तो मनसे के लोग जवाब देने में किसी भी तरह की कमी नहीं रखेंगे।

कांग्रेस विधायक दल के नेता बालासाहेब थोराट ने मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे और डिप्टी सीएम फड़णवीस पर चुप रहने का आरोप लगाते हुए हैरानी जताई कि वे इस मुद्दे को हल करने में रुचि रखते हैं या नहीं।

टकराव के सौहार्दपूर्ण समाधान की मांग करने वाले अन्य लोगों में राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के अध्यक्ष शरद पवार, विपक्ष के राज्य नेता अजीत पवार, डॉ. जितेंद्र आव्हाड, राष्ट्रीय प्रवक्ता क्लाइड क्रास्टो और अन्य शामिल हैं।

शिवसेना (यूबीटी) के मुख्य प्रवक्ता और सांसद संजय राउत ने सीमाओं में मराठी आबादी के हितों की रक्षा करने में विफल रहने का आरोप लगाते हुए शिंदे के इस्तीफे की मांग की।

राज्य के भाजपा अध्यक्ष चंद्रशेखर बावनकुले ने शरद पवार द्वारा कर्नाटक को 48 घंटे के अल्टीमेटम दिए जाने का जिक्र करते हुए उनसे भड़काऊ बयान देने से बचने और मुद्दे का शांतिपूर्ण समाधान सुनिश्चित करने के लिए काम करने का आग्रह किया।

पटोले और राज ठाकरे ने दोहराया कि राज्यों के बीच विवाद में केंद्र का कर्तव्य है कि वह हस्तक्षेप करे और समाधान निकाले, लेकिन ऐसा होता नहीं दिख रहा है।

इस बीच, हजारों सरकारी और निजी बसें, सामान और आवश्यक वस्तुओं से लदे ट्रक, मध्यम या छोटे निजी वाहन फंसे हुए हैं, क्योंकि दोनों राज्यों के बीच वाहनों की आवाजाही पिछले 24 घंटों से रुकी हुई है, जिससे दोनों तरफ के हजारों लोग सांसत में हैं।

–आईएएनएस

एसजीके/एएनएम

ADVERTISEMENT

मुंबई, 7 दिसंबर (आईएएनएस)। महाराष्ट्र-कर्नाटक सीमा विवाद में सबसे आगे महाराष्ट्र कांग्रेस इकाई के अध्यक्ष नाना पटोले को महाराष्ट्र को विभाजित करने की साजिश की बू आ रही है, जबकि मनसे अध्यक्ष राज ठाकरे ने बुधवार को कर्नाटक के मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई को चुप रहने और पेचीदा मुद्दे को उलझाने से बचने के लिए कहा।

पटोले ने कहा कि कर्नाटक की भारतीय जनता पार्टी सरकार जानबूझकर सीमावर्ती जिलों में मराठी लोगों और उनकी संपत्तियों पर हमले कर शांतिपूर्ण माहौल को बिगाड़ रही है। इसके लिए केंद्र और कर्नाटक जिम्मेदार होंगे।

पटोले ने सख्ती से कहा, यह सब महाराष्ट्र को तोड़ने की सोची-समझी साजिश की ओर इशारा करता है..कर्नाटक के मुख्यमंत्री भड़काऊ बयान देते रहते हैं, लेकिन महाराष्ट्र सरकार चुप है। हमने अब तक संयम बरता है, लेकिन अब उनकी धमकाने की रणनीति को बर्दाश्त नहीं करेंगे।

महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना के प्रमुख राज ठाकरे ने कर्नाटक के मुख्यमंत्री बोम्मई से अपना मुंह बंद रखने और भड़काऊ बयान देने से बचने की अपील करते हुए कहा कि अगले साल होने वाले कर्नाटक विधानसभा चुनाव से पहले महाराष्ट्र को अनावश्यक रूप से परेशान किया जा रहा है।

राज ठाकरे ने सीमावर्ती क्षेत्रों में वाहनों और मराठियों पर हमलों को तत्काल खत्म करने की मांग करते हुए कहा कि सीमा रेखा को बातचीत के माध्यम से सुलझाया जाना चाहिए, लेकिन अगर जरूरत पड़ी तो मनसे के लोग जवाब देने में किसी भी तरह की कमी नहीं रखेंगे।

कांग्रेस विधायक दल के नेता बालासाहेब थोराट ने मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे और डिप्टी सीएम फड़णवीस पर चुप रहने का आरोप लगाते हुए हैरानी जताई कि वे इस मुद्दे को हल करने में रुचि रखते हैं या नहीं।

टकराव के सौहार्दपूर्ण समाधान की मांग करने वाले अन्य लोगों में राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के अध्यक्ष शरद पवार, विपक्ष के राज्य नेता अजीत पवार, डॉ. जितेंद्र आव्हाड, राष्ट्रीय प्रवक्ता क्लाइड क्रास्टो और अन्य शामिल हैं।

शिवसेना (यूबीटी) के मुख्य प्रवक्ता और सांसद संजय राउत ने सीमाओं में मराठी आबादी के हितों की रक्षा करने में विफल रहने का आरोप लगाते हुए शिंदे के इस्तीफे की मांग की।

राज्य के भाजपा अध्यक्ष चंद्रशेखर बावनकुले ने शरद पवार द्वारा कर्नाटक को 48 घंटे के अल्टीमेटम दिए जाने का जिक्र करते हुए उनसे भड़काऊ बयान देने से बचने और मुद्दे का शांतिपूर्ण समाधान सुनिश्चित करने के लिए काम करने का आग्रह किया।

पटोले और राज ठाकरे ने दोहराया कि राज्यों के बीच विवाद में केंद्र का कर्तव्य है कि वह हस्तक्षेप करे और समाधान निकाले, लेकिन ऐसा होता नहीं दिख रहा है।

इस बीच, हजारों सरकारी और निजी बसें, सामान और आवश्यक वस्तुओं से लदे ट्रक, मध्यम या छोटे निजी वाहन फंसे हुए हैं, क्योंकि दोनों राज्यों के बीच वाहनों की आवाजाही पिछले 24 घंटों से रुकी हुई है, जिससे दोनों तरफ के हजारों लोग सांसत में हैं।

–आईएएनएस

एसजीके/एएनएम

ADVERTISEMENT

मुंबई, 7 दिसंबर (आईएएनएस)। महाराष्ट्र-कर्नाटक सीमा विवाद में सबसे आगे महाराष्ट्र कांग्रेस इकाई के अध्यक्ष नाना पटोले को महाराष्ट्र को विभाजित करने की साजिश की बू आ रही है, जबकि मनसे अध्यक्ष राज ठाकरे ने बुधवार को कर्नाटक के मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई को चुप रहने और पेचीदा मुद्दे को उलझाने से बचने के लिए कहा।

पटोले ने कहा कि कर्नाटक की भारतीय जनता पार्टी सरकार जानबूझकर सीमावर्ती जिलों में मराठी लोगों और उनकी संपत्तियों पर हमले कर शांतिपूर्ण माहौल को बिगाड़ रही है। इसके लिए केंद्र और कर्नाटक जिम्मेदार होंगे।

पटोले ने सख्ती से कहा, यह सब महाराष्ट्र को तोड़ने की सोची-समझी साजिश की ओर इशारा करता है..कर्नाटक के मुख्यमंत्री भड़काऊ बयान देते रहते हैं, लेकिन महाराष्ट्र सरकार चुप है। हमने अब तक संयम बरता है, लेकिन अब उनकी धमकाने की रणनीति को बर्दाश्त नहीं करेंगे।

महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना के प्रमुख राज ठाकरे ने कर्नाटक के मुख्यमंत्री बोम्मई से अपना मुंह बंद रखने और भड़काऊ बयान देने से बचने की अपील करते हुए कहा कि अगले साल होने वाले कर्नाटक विधानसभा चुनाव से पहले महाराष्ट्र को अनावश्यक रूप से परेशान किया जा रहा है।

राज ठाकरे ने सीमावर्ती क्षेत्रों में वाहनों और मराठियों पर हमलों को तत्काल खत्म करने की मांग करते हुए कहा कि सीमा रेखा को बातचीत के माध्यम से सुलझाया जाना चाहिए, लेकिन अगर जरूरत पड़ी तो मनसे के लोग जवाब देने में किसी भी तरह की कमी नहीं रखेंगे।

कांग्रेस विधायक दल के नेता बालासाहेब थोराट ने मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे और डिप्टी सीएम फड़णवीस पर चुप रहने का आरोप लगाते हुए हैरानी जताई कि वे इस मुद्दे को हल करने में रुचि रखते हैं या नहीं।

टकराव के सौहार्दपूर्ण समाधान की मांग करने वाले अन्य लोगों में राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के अध्यक्ष शरद पवार, विपक्ष के राज्य नेता अजीत पवार, डॉ. जितेंद्र आव्हाड, राष्ट्रीय प्रवक्ता क्लाइड क्रास्टो और अन्य शामिल हैं।

शिवसेना (यूबीटी) के मुख्य प्रवक्ता और सांसद संजय राउत ने सीमाओं में मराठी आबादी के हितों की रक्षा करने में विफल रहने का आरोप लगाते हुए शिंदे के इस्तीफे की मांग की।

राज्य के भाजपा अध्यक्ष चंद्रशेखर बावनकुले ने शरद पवार द्वारा कर्नाटक को 48 घंटे के अल्टीमेटम दिए जाने का जिक्र करते हुए उनसे भड़काऊ बयान देने से बचने और मुद्दे का शांतिपूर्ण समाधान सुनिश्चित करने के लिए काम करने का आग्रह किया।

पटोले और राज ठाकरे ने दोहराया कि राज्यों के बीच विवाद में केंद्र का कर्तव्य है कि वह हस्तक्षेप करे और समाधान निकाले, लेकिन ऐसा होता नहीं दिख रहा है।

इस बीच, हजारों सरकारी और निजी बसें, सामान और आवश्यक वस्तुओं से लदे ट्रक, मध्यम या छोटे निजी वाहन फंसे हुए हैं, क्योंकि दोनों राज्यों के बीच वाहनों की आवाजाही पिछले 24 घंटों से रुकी हुई है, जिससे दोनों तरफ के हजारों लोग सांसत में हैं।

–आईएएनएस

एसजीके/एएनएम

ADVERTISEMENT

मुंबई, 7 दिसंबर (आईएएनएस)। महाराष्ट्र-कर्नाटक सीमा विवाद में सबसे आगे महाराष्ट्र कांग्रेस इकाई के अध्यक्ष नाना पटोले को महाराष्ट्र को विभाजित करने की साजिश की बू आ रही है, जबकि मनसे अध्यक्ष राज ठाकरे ने बुधवार को कर्नाटक के मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई को चुप रहने और पेचीदा मुद्दे को उलझाने से बचने के लिए कहा।

पटोले ने कहा कि कर्नाटक की भारतीय जनता पार्टी सरकार जानबूझकर सीमावर्ती जिलों में मराठी लोगों और उनकी संपत्तियों पर हमले कर शांतिपूर्ण माहौल को बिगाड़ रही है। इसके लिए केंद्र और कर्नाटक जिम्मेदार होंगे।

पटोले ने सख्ती से कहा, यह सब महाराष्ट्र को तोड़ने की सोची-समझी साजिश की ओर इशारा करता है..कर्नाटक के मुख्यमंत्री भड़काऊ बयान देते रहते हैं, लेकिन महाराष्ट्र सरकार चुप है। हमने अब तक संयम बरता है, लेकिन अब उनकी धमकाने की रणनीति को बर्दाश्त नहीं करेंगे।

महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना के प्रमुख राज ठाकरे ने कर्नाटक के मुख्यमंत्री बोम्मई से अपना मुंह बंद रखने और भड़काऊ बयान देने से बचने की अपील करते हुए कहा कि अगले साल होने वाले कर्नाटक विधानसभा चुनाव से पहले महाराष्ट्र को अनावश्यक रूप से परेशान किया जा रहा है।

राज ठाकरे ने सीमावर्ती क्षेत्रों में वाहनों और मराठियों पर हमलों को तत्काल खत्म करने की मांग करते हुए कहा कि सीमा रेखा को बातचीत के माध्यम से सुलझाया जाना चाहिए, लेकिन अगर जरूरत पड़ी तो मनसे के लोग जवाब देने में किसी भी तरह की कमी नहीं रखेंगे।

कांग्रेस विधायक दल के नेता बालासाहेब थोराट ने मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे और डिप्टी सीएम फड़णवीस पर चुप रहने का आरोप लगाते हुए हैरानी जताई कि वे इस मुद्दे को हल करने में रुचि रखते हैं या नहीं।

टकराव के सौहार्दपूर्ण समाधान की मांग करने वाले अन्य लोगों में राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के अध्यक्ष शरद पवार, विपक्ष के राज्य नेता अजीत पवार, डॉ. जितेंद्र आव्हाड, राष्ट्रीय प्रवक्ता क्लाइड क्रास्टो और अन्य शामिल हैं।

शिवसेना (यूबीटी) के मुख्य प्रवक्ता और सांसद संजय राउत ने सीमाओं में मराठी आबादी के हितों की रक्षा करने में विफल रहने का आरोप लगाते हुए शिंदे के इस्तीफे की मांग की।

राज्य के भाजपा अध्यक्ष चंद्रशेखर बावनकुले ने शरद पवार द्वारा कर्नाटक को 48 घंटे के अल्टीमेटम दिए जाने का जिक्र करते हुए उनसे भड़काऊ बयान देने से बचने और मुद्दे का शांतिपूर्ण समाधान सुनिश्चित करने के लिए काम करने का आग्रह किया।

पटोले और राज ठाकरे ने दोहराया कि राज्यों के बीच विवाद में केंद्र का कर्तव्य है कि वह हस्तक्षेप करे और समाधान निकाले, लेकिन ऐसा होता नहीं दिख रहा है।

इस बीच, हजारों सरकारी और निजी बसें, सामान और आवश्यक वस्तुओं से लदे ट्रक, मध्यम या छोटे निजी वाहन फंसे हुए हैं, क्योंकि दोनों राज्यों के बीच वाहनों की आवाजाही पिछले 24 घंटों से रुकी हुई है, जिससे दोनों तरफ के हजारों लोग सांसत में हैं।

–आईएएनएस

एसजीके/एएनएम

ADVERTISEMENT

मुंबई, 7 दिसंबर (आईएएनएस)। महाराष्ट्र-कर्नाटक सीमा विवाद में सबसे आगे महाराष्ट्र कांग्रेस इकाई के अध्यक्ष नाना पटोले को महाराष्ट्र को विभाजित करने की साजिश की बू आ रही है, जबकि मनसे अध्यक्ष राज ठाकरे ने बुधवार को कर्नाटक के मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई को चुप रहने और पेचीदा मुद्दे को उलझाने से बचने के लिए कहा।

पटोले ने कहा कि कर्नाटक की भारतीय जनता पार्टी सरकार जानबूझकर सीमावर्ती जिलों में मराठी लोगों और उनकी संपत्तियों पर हमले कर शांतिपूर्ण माहौल को बिगाड़ रही है। इसके लिए केंद्र और कर्नाटक जिम्मेदार होंगे।

पटोले ने सख्ती से कहा, यह सब महाराष्ट्र को तोड़ने की सोची-समझी साजिश की ओर इशारा करता है..कर्नाटक के मुख्यमंत्री भड़काऊ बयान देते रहते हैं, लेकिन महाराष्ट्र सरकार चुप है। हमने अब तक संयम बरता है, लेकिन अब उनकी धमकाने की रणनीति को बर्दाश्त नहीं करेंगे।

महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना के प्रमुख राज ठाकरे ने कर्नाटक के मुख्यमंत्री बोम्मई से अपना मुंह बंद रखने और भड़काऊ बयान देने से बचने की अपील करते हुए कहा कि अगले साल होने वाले कर्नाटक विधानसभा चुनाव से पहले महाराष्ट्र को अनावश्यक रूप से परेशान किया जा रहा है।

राज ठाकरे ने सीमावर्ती क्षेत्रों में वाहनों और मराठियों पर हमलों को तत्काल खत्म करने की मांग करते हुए कहा कि सीमा रेखा को बातचीत के माध्यम से सुलझाया जाना चाहिए, लेकिन अगर जरूरत पड़ी तो मनसे के लोग जवाब देने में किसी भी तरह की कमी नहीं रखेंगे।

कांग्रेस विधायक दल के नेता बालासाहेब थोराट ने मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे और डिप्टी सीएम फड़णवीस पर चुप रहने का आरोप लगाते हुए हैरानी जताई कि वे इस मुद्दे को हल करने में रुचि रखते हैं या नहीं।

टकराव के सौहार्दपूर्ण समाधान की मांग करने वाले अन्य लोगों में राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के अध्यक्ष शरद पवार, विपक्ष के राज्य नेता अजीत पवार, डॉ. जितेंद्र आव्हाड, राष्ट्रीय प्रवक्ता क्लाइड क्रास्टो और अन्य शामिल हैं।

शिवसेना (यूबीटी) के मुख्य प्रवक्ता और सांसद संजय राउत ने सीमाओं में मराठी आबादी के हितों की रक्षा करने में विफल रहने का आरोप लगाते हुए शिंदे के इस्तीफे की मांग की।

राज्य के भाजपा अध्यक्ष चंद्रशेखर बावनकुले ने शरद पवार द्वारा कर्नाटक को 48 घंटे के अल्टीमेटम दिए जाने का जिक्र करते हुए उनसे भड़काऊ बयान देने से बचने और मुद्दे का शांतिपूर्ण समाधान सुनिश्चित करने के लिए काम करने का आग्रह किया।

पटोले और राज ठाकरे ने दोहराया कि राज्यों के बीच विवाद में केंद्र का कर्तव्य है कि वह हस्तक्षेप करे और समाधान निकाले, लेकिन ऐसा होता नहीं दिख रहा है।

इस बीच, हजारों सरकारी और निजी बसें, सामान और आवश्यक वस्तुओं से लदे ट्रक, मध्यम या छोटे निजी वाहन फंसे हुए हैं, क्योंकि दोनों राज्यों के बीच वाहनों की आवाजाही पिछले 24 घंटों से रुकी हुई है, जिससे दोनों तरफ के हजारों लोग सांसत में हैं।

–आईएएनएस

एसजीके/एएनएम

ADVERTISEMENT

मुंबई, 7 दिसंबर (आईएएनएस)। महाराष्ट्र-कर्नाटक सीमा विवाद में सबसे आगे महाराष्ट्र कांग्रेस इकाई के अध्यक्ष नाना पटोले को महाराष्ट्र को विभाजित करने की साजिश की बू आ रही है, जबकि मनसे अध्यक्ष राज ठाकरे ने बुधवार को कर्नाटक के मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई को चुप रहने और पेचीदा मुद्दे को उलझाने से बचने के लिए कहा।

पटोले ने कहा कि कर्नाटक की भारतीय जनता पार्टी सरकार जानबूझकर सीमावर्ती जिलों में मराठी लोगों और उनकी संपत्तियों पर हमले कर शांतिपूर्ण माहौल को बिगाड़ रही है। इसके लिए केंद्र और कर्नाटक जिम्मेदार होंगे।

पटोले ने सख्ती से कहा, यह सब महाराष्ट्र को तोड़ने की सोची-समझी साजिश की ओर इशारा करता है..कर्नाटक के मुख्यमंत्री भड़काऊ बयान देते रहते हैं, लेकिन महाराष्ट्र सरकार चुप है। हमने अब तक संयम बरता है, लेकिन अब उनकी धमकाने की रणनीति को बर्दाश्त नहीं करेंगे।

महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना के प्रमुख राज ठाकरे ने कर्नाटक के मुख्यमंत्री बोम्मई से अपना मुंह बंद रखने और भड़काऊ बयान देने से बचने की अपील करते हुए कहा कि अगले साल होने वाले कर्नाटक विधानसभा चुनाव से पहले महाराष्ट्र को अनावश्यक रूप से परेशान किया जा रहा है।

राज ठाकरे ने सीमावर्ती क्षेत्रों में वाहनों और मराठियों पर हमलों को तत्काल खत्म करने की मांग करते हुए कहा कि सीमा रेखा को बातचीत के माध्यम से सुलझाया जाना चाहिए, लेकिन अगर जरूरत पड़ी तो मनसे के लोग जवाब देने में किसी भी तरह की कमी नहीं रखेंगे।

कांग्रेस विधायक दल के नेता बालासाहेब थोराट ने मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे और डिप्टी सीएम फड़णवीस पर चुप रहने का आरोप लगाते हुए हैरानी जताई कि वे इस मुद्दे को हल करने में रुचि रखते हैं या नहीं।

टकराव के सौहार्दपूर्ण समाधान की मांग करने वाले अन्य लोगों में राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के अध्यक्ष शरद पवार, विपक्ष के राज्य नेता अजीत पवार, डॉ. जितेंद्र आव्हाड, राष्ट्रीय प्रवक्ता क्लाइड क्रास्टो और अन्य शामिल हैं।

शिवसेना (यूबीटी) के मुख्य प्रवक्ता और सांसद संजय राउत ने सीमाओं में मराठी आबादी के हितों की रक्षा करने में विफल रहने का आरोप लगाते हुए शिंदे के इस्तीफे की मांग की।

राज्य के भाजपा अध्यक्ष चंद्रशेखर बावनकुले ने शरद पवार द्वारा कर्नाटक को 48 घंटे के अल्टीमेटम दिए जाने का जिक्र करते हुए उनसे भड़काऊ बयान देने से बचने और मुद्दे का शांतिपूर्ण समाधान सुनिश्चित करने के लिए काम करने का आग्रह किया।

पटोले और राज ठाकरे ने दोहराया कि राज्यों के बीच विवाद में केंद्र का कर्तव्य है कि वह हस्तक्षेप करे और समाधान निकाले, लेकिन ऐसा होता नहीं दिख रहा है।

इस बीच, हजारों सरकारी और निजी बसें, सामान और आवश्यक वस्तुओं से लदे ट्रक, मध्यम या छोटे निजी वाहन फंसे हुए हैं, क्योंकि दोनों राज्यों के बीच वाहनों की आवाजाही पिछले 24 घंटों से रुकी हुई है, जिससे दोनों तरफ के हजारों लोग सांसत में हैं।

–आईएएनएस

एसजीके/एएनएम

Related Posts

WhatsApp जल्द आएगा बड़ा बदलाव, अपडेट्स टैब में दिखेंगे ऐड्स
जानकारी

WhatsApp में जल्द आएगा बड़ा बदलाव: ‘अपडेट्स’ टैब में दिखेंगे ऐड्स, मिलेंगे नए फीचर्स

June 17, 2025
G7 का बड़ा बयान: “ईरान नहीं रख सकता परमाणु हथियार”, हमलों के लिए ईरान को जिम्मेदार ठहराया
अंतरराष्ट्रीय

G7 का बड़ा बयान: “ईरान नहीं रख सकता परमाणु हथियार”, हमलों के लिए ईरान को जिम्मेदार ठहराया

June 17, 2025
ताज़ा समाचार

पीएम मोदी की कनाडा यात्रा, भारतीय समुदाय को दोनों देशों के रिश्‍तों में सुधार की उम्‍मीद

June 17, 2025
ताज़ा समाचार

कोविड-19: देश के लिए बड़ी राहत, एक्टिव केसों की संख्या 7 हजार से नीचे

June 17, 2025
ताज़ा समाचार

दिल्ली- एनसीआर में लगातार बदल रहा मौसम का मिजाज, आने वाला है बारिश-आंधी का दौर

June 17, 2025
ताज़ा समाचार

अपने नागरिकों को ईरान से निकालने की तैयारी में ऑस्ट्रेलियाई सरकार

June 17, 2025
Next Post
दोहा 2025 टेबल टेनिस विश्व की करेगा मेजबानी

दोहा 2025 टेबल टेनिस विश्व की करेगा मेजबानी

Leave a Reply Cancel reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

ADVERTISEMENT

Contact us

Address

Deshbandhu Complex, Naudra Bridge Jabalpur 482001

Mail

deshbandhump@gmail.com

Mobile

9425156056

Important links

  • राशि-भविष्य
  • वर्गीकृत विज्ञापन
  • लाइफ स्टाइल
  • मनोरंजन
  • ब्लॉग

Important links

  • देशबन्धु जनमत
  • पाठक प्रतिक्रियाएं
  • हमें जानें
  • विज्ञापन दरें
  • ई पेपर

Related Links

  • Mayaram Surjan
  • Swayamsiddha
  • Deshbandhu

Social Links

084663
Total views : 5894518
Powered By WPS Visitor Counter

Published by Abhas Surjan on behalf of Patrakar Prakashan Pvt.Ltd., Deshbandhu Complex, Naudra Bridge, Jabalpur – 482001 |T:+91 761 4006577 |M: +91 9425156056 Disclaimer, Privacy Policy & Other Terms & Conditions The contents of this website is for reading only. Any unauthorised attempt to temper / edit / change the contents of this website comes under cyber crime and is punishable.

Copyright @ 2022 Deshbandhu. All rights are reserved.

  • Disclaimer, Privacy Policy & Other Terms & Conditions
No Result
View All Result
  • राष्ट्रीय
  • अंतरराष्ट्रीय
  • लाइफ स्टाइल
  • अर्थजगत
  • मनोरंजन
  • खेल
  • अभिमत
  • धर्म
  • विचार
  • ई पेपर

Copyright @ 2022 Deshbandhu-MP All rights are reserved.

Welcome Back!

Login to your account below

Forgotten Password? Sign Up

Create New Account!

Fill the forms below to register

All fields are required. Log In

Retrieve your password

Please enter your username or email address to reset your password.

Log In