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Home ताज़ा समाचार

राहुल गांधी के हिंदुत्व वाले बयान पर सड़क से संसद तक मचा बवाल

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July 2, 2024
in ताज़ा समाचार
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नई दिल्ली, 2 जुलाई (आईएएनएस)। लोकसभा के पहले सत्र के दौरान कांग्रेस नेता राहुल गांधी के हिंदुत्व पर दिए गए बयान से बवाल मच गया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, गृह मंत्री अमित शाह समेत भाजपा नेताओं ने उनके बयान पर कड़ी आपत्ति जताई है।

यह मामला अब तूल पकड़ता जा रहा है। भाजपा इस बयान को लेकर सड़क से संसद तक पुरजोर तरीके से विरोध कर रही है। मुंबई में भाजपा कार्यकर्ता राहुल गांधी के खिलाफ सड़कों पर उतर गए हैं। उन्होंने हाथ में राहुल गांधी का पोस्टर लेकर उनके खिलाफ जमकर नारेबाजी की।

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राहुल गांधी के हिंदुत्व वाले बयान पर सड़क से संसद तक मचा बवाल

राहुल गांधी के हिंदुत्व वाले बयान पर सड़क से संसद तक मचा बवाल

भाजपा नेताओं ने कहा कि कांग्रेस ने हिन्दुओं को हिंसक और झूठ बोलने वाला बताया है। हिंदुओं का अपमान करना ही बस राहुल गांधी का काम है।

भाजपा नेता और योगी सरकार में मंत्री दिनेश प्रताप सिंह ने राहुल गांधी के बयान की कड़ी निंदा की। उन्होंने कहा कि राहुल गांधी को हिंदुओं के बारे में कुछ भी नहीं पता है। हिंदू हिंसक नहीं बल्कि अहिंसा वादी धर्म है। कांग्रेस नेता को अपने इस बयान के लिए माफी मांगनी चाहिए।

भाजपा नेता अनिल विज ने भी राहुल गांधी के बयान को लेकर हमला किया। उन्होंने कहा कि राहुल गांधी का भाषण सुनकर लगा कि पप्पू अब बड़ा हो गया है।

उनके बयान से ऐसा लगता है कि वो बहुत ही गहरी साजिश रच रहे हैं। वो हिंदुस्तान के अलग-अलग धर्म के लोगों को आपस में लड़ाना चाहते हैं। वो देश का एक बार और विभाजन करवाना चाहते हैं। उनके भाषण को पूरी तरह से नजरअंदाज कर देना ही देश हित में सही होगा।

वहीं शिवसेना डोगरा फ्रंट के अध्यक्ष अशोक गुप्ता ने भी राहुल गांधी पर हमला बोला। उन्होंने राहुल गांधी के विपक्ष नेता की भूमिका पर सवाल खड़े किए। अशोक गुप्ता ने कहा कि उन्हें विपक्ष का नेता बनना आता ही नहीं। तेज रफ्तार से आगे भाग रहे थे अब अपने बयान से पीछे जा चुके हैं। वो हिंदुओं को हिंसक बता रहे हैं। ऐसा होता तो दुनिया में हमारी संख्या लगातार घटती नहीं बल्कि बढ़ती। उन्होंने लोकसभा स्पीकर ओम बिरला से राहुल गांधी के इस्तीफे की भी मांग की है।

जेडीयू नेता अशोक चौधरी ने भी राहुल गांधी के बयान का विरोध किया है। उन्होंने कहा कि सनातन में हमेशा कहा गया है कि ‘धर्म की जय हो अधर्म का नाश हो। प्राणियों में सद्भावना हो विश्व का कल्याण हो।’ हिंदुत्व प्रेम बढ़ाने वाला धर्म है, इसलिए यह कहना उचित नहीं है कि हिंदू हिंसा को बढ़ाता है।

वहीं इंडी गठबंधन की सहयोगी समाजवादी पार्टी ने राहुल गांधी के बयान का समर्थन किया है। सपा प्रवक्ता फकरुल हसन चांद ने कहा कि राहुल गांधी हिंसा नहीं, बल्कि अहिंसा की बात करते हैं। वो सिर्फ एक धर्म से नहीं बल्कि हर धर्म से प्यार करते हैं। भाजपा सिर्फ नकारात्मक और धर्म की राजनीति करती है। सरकार के पास अग्निविर, महिला सुरक्षा, मणिपुर और नीट पेपर लीक मामले पर कोई जवाब नहीं है। भाजपा की केंद्र सरकार इन सवालों का जवाब नहीं देना चाहती।

–आईएएनएस

एसएम/एसकेपी

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नई दिल्ली, 2 जुलाई (आईएएनएस)। लोकसभा के पहले सत्र के दौरान कांग्रेस नेता राहुल गांधी के हिंदुत्व पर दिए गए बयान से बवाल मच गया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, गृह मंत्री अमित शाह समेत भाजपा नेताओं ने उनके बयान पर कड़ी आपत्ति जताई है।

यह मामला अब तूल पकड़ता जा रहा है। भाजपा इस बयान को लेकर सड़क से संसद तक पुरजोर तरीके से विरोध कर रही है। मुंबई में भाजपा कार्यकर्ता राहुल गांधी के खिलाफ सड़कों पर उतर गए हैं। उन्होंने हाथ में राहुल गांधी का पोस्टर लेकर उनके खिलाफ जमकर नारेबाजी की।

भाजपा नेताओं ने कहा कि कांग्रेस ने हिन्दुओं को हिंसक और झूठ बोलने वाला बताया है। हिंदुओं का अपमान करना ही बस राहुल गांधी का काम है।

भाजपा नेता और योगी सरकार में मंत्री दिनेश प्रताप सिंह ने राहुल गांधी के बयान की कड़ी निंदा की। उन्होंने कहा कि राहुल गांधी को हिंदुओं के बारे में कुछ भी नहीं पता है। हिंदू हिंसक नहीं बल्कि अहिंसा वादी धर्म है। कांग्रेस नेता को अपने इस बयान के लिए माफी मांगनी चाहिए।

भाजपा नेता अनिल विज ने भी राहुल गांधी के बयान को लेकर हमला किया। उन्होंने कहा कि राहुल गांधी का भाषण सुनकर लगा कि पप्पू अब बड़ा हो गया है।

उनके बयान से ऐसा लगता है कि वो बहुत ही गहरी साजिश रच रहे हैं। वो हिंदुस्तान के अलग-अलग धर्म के लोगों को आपस में लड़ाना चाहते हैं। वो देश का एक बार और विभाजन करवाना चाहते हैं। उनके भाषण को पूरी तरह से नजरअंदाज कर देना ही देश हित में सही होगा।

वहीं शिवसेना डोगरा फ्रंट के अध्यक्ष अशोक गुप्ता ने भी राहुल गांधी पर हमला बोला। उन्होंने राहुल गांधी के विपक्ष नेता की भूमिका पर सवाल खड़े किए। अशोक गुप्ता ने कहा कि उन्हें विपक्ष का नेता बनना आता ही नहीं। तेज रफ्तार से आगे भाग रहे थे अब अपने बयान से पीछे जा चुके हैं। वो हिंदुओं को हिंसक बता रहे हैं। ऐसा होता तो दुनिया में हमारी संख्या लगातार घटती नहीं बल्कि बढ़ती। उन्होंने लोकसभा स्पीकर ओम बिरला से राहुल गांधी के इस्तीफे की भी मांग की है।

जेडीयू नेता अशोक चौधरी ने भी राहुल गांधी के बयान का विरोध किया है। उन्होंने कहा कि सनातन में हमेशा कहा गया है कि ‘धर्म की जय हो अधर्म का नाश हो। प्राणियों में सद्भावना हो विश्व का कल्याण हो।’ हिंदुत्व प्रेम बढ़ाने वाला धर्म है, इसलिए यह कहना उचित नहीं है कि हिंदू हिंसा को बढ़ाता है।

वहीं इंडी गठबंधन की सहयोगी समाजवादी पार्टी ने राहुल गांधी के बयान का समर्थन किया है। सपा प्रवक्ता फकरुल हसन चांद ने कहा कि राहुल गांधी हिंसा नहीं, बल्कि अहिंसा की बात करते हैं। वो सिर्फ एक धर्म से नहीं बल्कि हर धर्म से प्यार करते हैं। भाजपा सिर्फ नकारात्मक और धर्म की राजनीति करती है। सरकार के पास अग्निविर, महिला सुरक्षा, मणिपुर और नीट पेपर लीक मामले पर कोई जवाब नहीं है। भाजपा की केंद्र सरकार इन सवालों का जवाब नहीं देना चाहती।

–आईएएनएस

एसएम/एसकेपी

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नई दिल्ली, 2 जुलाई (आईएएनएस)। लोकसभा के पहले सत्र के दौरान कांग्रेस नेता राहुल गांधी के हिंदुत्व पर दिए गए बयान से बवाल मच गया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, गृह मंत्री अमित शाह समेत भाजपा नेताओं ने उनके बयान पर कड़ी आपत्ति जताई है।

यह मामला अब तूल पकड़ता जा रहा है। भाजपा इस बयान को लेकर सड़क से संसद तक पुरजोर तरीके से विरोध कर रही है। मुंबई में भाजपा कार्यकर्ता राहुल गांधी के खिलाफ सड़कों पर उतर गए हैं। उन्होंने हाथ में राहुल गांधी का पोस्टर लेकर उनके खिलाफ जमकर नारेबाजी की।

भाजपा नेताओं ने कहा कि कांग्रेस ने हिन्दुओं को हिंसक और झूठ बोलने वाला बताया है। हिंदुओं का अपमान करना ही बस राहुल गांधी का काम है।

भाजपा नेता और योगी सरकार में मंत्री दिनेश प्रताप सिंह ने राहुल गांधी के बयान की कड़ी निंदा की। उन्होंने कहा कि राहुल गांधी को हिंदुओं के बारे में कुछ भी नहीं पता है। हिंदू हिंसक नहीं बल्कि अहिंसा वादी धर्म है। कांग्रेस नेता को अपने इस बयान के लिए माफी मांगनी चाहिए।

भाजपा नेता अनिल विज ने भी राहुल गांधी के बयान को लेकर हमला किया। उन्होंने कहा कि राहुल गांधी का भाषण सुनकर लगा कि पप्पू अब बड़ा हो गया है।

उनके बयान से ऐसा लगता है कि वो बहुत ही गहरी साजिश रच रहे हैं। वो हिंदुस्तान के अलग-अलग धर्म के लोगों को आपस में लड़ाना चाहते हैं। वो देश का एक बार और विभाजन करवाना चाहते हैं। उनके भाषण को पूरी तरह से नजरअंदाज कर देना ही देश हित में सही होगा।

वहीं शिवसेना डोगरा फ्रंट के अध्यक्ष अशोक गुप्ता ने भी राहुल गांधी पर हमला बोला। उन्होंने राहुल गांधी के विपक्ष नेता की भूमिका पर सवाल खड़े किए। अशोक गुप्ता ने कहा कि उन्हें विपक्ष का नेता बनना आता ही नहीं। तेज रफ्तार से आगे भाग रहे थे अब अपने बयान से पीछे जा चुके हैं। वो हिंदुओं को हिंसक बता रहे हैं। ऐसा होता तो दुनिया में हमारी संख्या लगातार घटती नहीं बल्कि बढ़ती। उन्होंने लोकसभा स्पीकर ओम बिरला से राहुल गांधी के इस्तीफे की भी मांग की है।

जेडीयू नेता अशोक चौधरी ने भी राहुल गांधी के बयान का विरोध किया है। उन्होंने कहा कि सनातन में हमेशा कहा गया है कि ‘धर्म की जय हो अधर्म का नाश हो। प्राणियों में सद्भावना हो विश्व का कल्याण हो।’ हिंदुत्व प्रेम बढ़ाने वाला धर्म है, इसलिए यह कहना उचित नहीं है कि हिंदू हिंसा को बढ़ाता है।

वहीं इंडी गठबंधन की सहयोगी समाजवादी पार्टी ने राहुल गांधी के बयान का समर्थन किया है। सपा प्रवक्ता फकरुल हसन चांद ने कहा कि राहुल गांधी हिंसा नहीं, बल्कि अहिंसा की बात करते हैं। वो सिर्फ एक धर्म से नहीं बल्कि हर धर्म से प्यार करते हैं। भाजपा सिर्फ नकारात्मक और धर्म की राजनीति करती है। सरकार के पास अग्निविर, महिला सुरक्षा, मणिपुर और नीट पेपर लीक मामले पर कोई जवाब नहीं है। भाजपा की केंद्र सरकार इन सवालों का जवाब नहीं देना चाहती।

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यह मामला अब तूल पकड़ता जा रहा है। भाजपा इस बयान को लेकर सड़क से संसद तक पुरजोर तरीके से विरोध कर रही है। मुंबई में भाजपा कार्यकर्ता राहुल गांधी के खिलाफ सड़कों पर उतर गए हैं। उन्होंने हाथ में राहुल गांधी का पोस्टर लेकर उनके खिलाफ जमकर नारेबाजी की।

भाजपा नेताओं ने कहा कि कांग्रेस ने हिन्दुओं को हिंसक और झूठ बोलने वाला बताया है। हिंदुओं का अपमान करना ही बस राहुल गांधी का काम है।

भाजपा नेता और योगी सरकार में मंत्री दिनेश प्रताप सिंह ने राहुल गांधी के बयान की कड़ी निंदा की। उन्होंने कहा कि राहुल गांधी को हिंदुओं के बारे में कुछ भी नहीं पता है। हिंदू हिंसक नहीं बल्कि अहिंसा वादी धर्म है। कांग्रेस नेता को अपने इस बयान के लिए माफी मांगनी चाहिए।

भाजपा नेता अनिल विज ने भी राहुल गांधी के बयान को लेकर हमला किया। उन्होंने कहा कि राहुल गांधी का भाषण सुनकर लगा कि पप्पू अब बड़ा हो गया है।

उनके बयान से ऐसा लगता है कि वो बहुत ही गहरी साजिश रच रहे हैं। वो हिंदुस्तान के अलग-अलग धर्म के लोगों को आपस में लड़ाना चाहते हैं। वो देश का एक बार और विभाजन करवाना चाहते हैं। उनके भाषण को पूरी तरह से नजरअंदाज कर देना ही देश हित में सही होगा।

वहीं शिवसेना डोगरा फ्रंट के अध्यक्ष अशोक गुप्ता ने भी राहुल गांधी पर हमला बोला। उन्होंने राहुल गांधी के विपक्ष नेता की भूमिका पर सवाल खड़े किए। अशोक गुप्ता ने कहा कि उन्हें विपक्ष का नेता बनना आता ही नहीं। तेज रफ्तार से आगे भाग रहे थे अब अपने बयान से पीछे जा चुके हैं। वो हिंदुओं को हिंसक बता रहे हैं। ऐसा होता तो दुनिया में हमारी संख्या लगातार घटती नहीं बल्कि बढ़ती। उन्होंने लोकसभा स्पीकर ओम बिरला से राहुल गांधी के इस्तीफे की भी मांग की है।

जेडीयू नेता अशोक चौधरी ने भी राहुल गांधी के बयान का विरोध किया है। उन्होंने कहा कि सनातन में हमेशा कहा गया है कि ‘धर्म की जय हो अधर्म का नाश हो। प्राणियों में सद्भावना हो विश्व का कल्याण हो।’ हिंदुत्व प्रेम बढ़ाने वाला धर्म है, इसलिए यह कहना उचित नहीं है कि हिंदू हिंसा को बढ़ाता है।

वहीं इंडी गठबंधन की सहयोगी समाजवादी पार्टी ने राहुल गांधी के बयान का समर्थन किया है। सपा प्रवक्ता फकरुल हसन चांद ने कहा कि राहुल गांधी हिंसा नहीं, बल्कि अहिंसा की बात करते हैं। वो सिर्फ एक धर्म से नहीं बल्कि हर धर्म से प्यार करते हैं। भाजपा सिर्फ नकारात्मक और धर्म की राजनीति करती है। सरकार के पास अग्निविर, महिला सुरक्षा, मणिपुर और नीट पेपर लीक मामले पर कोई जवाब नहीं है। भाजपा की केंद्र सरकार इन सवालों का जवाब नहीं देना चाहती।

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नई दिल्ली, 2 जुलाई (आईएएनएस)। लोकसभा के पहले सत्र के दौरान कांग्रेस नेता राहुल गांधी के हिंदुत्व पर दिए गए बयान से बवाल मच गया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, गृह मंत्री अमित शाह समेत भाजपा नेताओं ने उनके बयान पर कड़ी आपत्ति जताई है।

यह मामला अब तूल पकड़ता जा रहा है। भाजपा इस बयान को लेकर सड़क से संसद तक पुरजोर तरीके से विरोध कर रही है। मुंबई में भाजपा कार्यकर्ता राहुल गांधी के खिलाफ सड़कों पर उतर गए हैं। उन्होंने हाथ में राहुल गांधी का पोस्टर लेकर उनके खिलाफ जमकर नारेबाजी की।

भाजपा नेताओं ने कहा कि कांग्रेस ने हिन्दुओं को हिंसक और झूठ बोलने वाला बताया है। हिंदुओं का अपमान करना ही बस राहुल गांधी का काम है।

भाजपा नेता और योगी सरकार में मंत्री दिनेश प्रताप सिंह ने राहुल गांधी के बयान की कड़ी निंदा की। उन्होंने कहा कि राहुल गांधी को हिंदुओं के बारे में कुछ भी नहीं पता है। हिंदू हिंसक नहीं बल्कि अहिंसा वादी धर्म है। कांग्रेस नेता को अपने इस बयान के लिए माफी मांगनी चाहिए।

भाजपा नेता अनिल विज ने भी राहुल गांधी के बयान को लेकर हमला किया। उन्होंने कहा कि राहुल गांधी का भाषण सुनकर लगा कि पप्पू अब बड़ा हो गया है।

उनके बयान से ऐसा लगता है कि वो बहुत ही गहरी साजिश रच रहे हैं। वो हिंदुस्तान के अलग-अलग धर्म के लोगों को आपस में लड़ाना चाहते हैं। वो देश का एक बार और विभाजन करवाना चाहते हैं। उनके भाषण को पूरी तरह से नजरअंदाज कर देना ही देश हित में सही होगा।

वहीं शिवसेना डोगरा फ्रंट के अध्यक्ष अशोक गुप्ता ने भी राहुल गांधी पर हमला बोला। उन्होंने राहुल गांधी के विपक्ष नेता की भूमिका पर सवाल खड़े किए। अशोक गुप्ता ने कहा कि उन्हें विपक्ष का नेता बनना आता ही नहीं। तेज रफ्तार से आगे भाग रहे थे अब अपने बयान से पीछे जा चुके हैं। वो हिंदुओं को हिंसक बता रहे हैं। ऐसा होता तो दुनिया में हमारी संख्या लगातार घटती नहीं बल्कि बढ़ती। उन्होंने लोकसभा स्पीकर ओम बिरला से राहुल गांधी के इस्तीफे की भी मांग की है।

जेडीयू नेता अशोक चौधरी ने भी राहुल गांधी के बयान का विरोध किया है। उन्होंने कहा कि सनातन में हमेशा कहा गया है कि ‘धर्म की जय हो अधर्म का नाश हो। प्राणियों में सद्भावना हो विश्व का कल्याण हो।’ हिंदुत्व प्रेम बढ़ाने वाला धर्म है, इसलिए यह कहना उचित नहीं है कि हिंदू हिंसा को बढ़ाता है।

वहीं इंडी गठबंधन की सहयोगी समाजवादी पार्टी ने राहुल गांधी के बयान का समर्थन किया है। सपा प्रवक्ता फकरुल हसन चांद ने कहा कि राहुल गांधी हिंसा नहीं, बल्कि अहिंसा की बात करते हैं। वो सिर्फ एक धर्म से नहीं बल्कि हर धर्म से प्यार करते हैं। भाजपा सिर्फ नकारात्मक और धर्म की राजनीति करती है। सरकार के पास अग्निविर, महिला सुरक्षा, मणिपुर और नीट पेपर लीक मामले पर कोई जवाब नहीं है। भाजपा की केंद्र सरकार इन सवालों का जवाब नहीं देना चाहती।

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नई दिल्ली, 2 जुलाई (आईएएनएस)। लोकसभा के पहले सत्र के दौरान कांग्रेस नेता राहुल गांधी के हिंदुत्व पर दिए गए बयान से बवाल मच गया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, गृह मंत्री अमित शाह समेत भाजपा नेताओं ने उनके बयान पर कड़ी आपत्ति जताई है।

यह मामला अब तूल पकड़ता जा रहा है। भाजपा इस बयान को लेकर सड़क से संसद तक पुरजोर तरीके से विरोध कर रही है। मुंबई में भाजपा कार्यकर्ता राहुल गांधी के खिलाफ सड़कों पर उतर गए हैं। उन्होंने हाथ में राहुल गांधी का पोस्टर लेकर उनके खिलाफ जमकर नारेबाजी की।

भाजपा नेताओं ने कहा कि कांग्रेस ने हिन्दुओं को हिंसक और झूठ बोलने वाला बताया है। हिंदुओं का अपमान करना ही बस राहुल गांधी का काम है।

भाजपा नेता और योगी सरकार में मंत्री दिनेश प्रताप सिंह ने राहुल गांधी के बयान की कड़ी निंदा की। उन्होंने कहा कि राहुल गांधी को हिंदुओं के बारे में कुछ भी नहीं पता है। हिंदू हिंसक नहीं बल्कि अहिंसा वादी धर्म है। कांग्रेस नेता को अपने इस बयान के लिए माफी मांगनी चाहिए।

भाजपा नेता अनिल विज ने भी राहुल गांधी के बयान को लेकर हमला किया। उन्होंने कहा कि राहुल गांधी का भाषण सुनकर लगा कि पप्पू अब बड़ा हो गया है।

उनके बयान से ऐसा लगता है कि वो बहुत ही गहरी साजिश रच रहे हैं। वो हिंदुस्तान के अलग-अलग धर्म के लोगों को आपस में लड़ाना चाहते हैं। वो देश का एक बार और विभाजन करवाना चाहते हैं। उनके भाषण को पूरी तरह से नजरअंदाज कर देना ही देश हित में सही होगा।

वहीं शिवसेना डोगरा फ्रंट के अध्यक्ष अशोक गुप्ता ने भी राहुल गांधी पर हमला बोला। उन्होंने राहुल गांधी के विपक्ष नेता की भूमिका पर सवाल खड़े किए। अशोक गुप्ता ने कहा कि उन्हें विपक्ष का नेता बनना आता ही नहीं। तेज रफ्तार से आगे भाग रहे थे अब अपने बयान से पीछे जा चुके हैं। वो हिंदुओं को हिंसक बता रहे हैं। ऐसा होता तो दुनिया में हमारी संख्या लगातार घटती नहीं बल्कि बढ़ती। उन्होंने लोकसभा स्पीकर ओम बिरला से राहुल गांधी के इस्तीफे की भी मांग की है।

जेडीयू नेता अशोक चौधरी ने भी राहुल गांधी के बयान का विरोध किया है। उन्होंने कहा कि सनातन में हमेशा कहा गया है कि ‘धर्म की जय हो अधर्म का नाश हो। प्राणियों में सद्भावना हो विश्व का कल्याण हो।’ हिंदुत्व प्रेम बढ़ाने वाला धर्म है, इसलिए यह कहना उचित नहीं है कि हिंदू हिंसा को बढ़ाता है।

वहीं इंडी गठबंधन की सहयोगी समाजवादी पार्टी ने राहुल गांधी के बयान का समर्थन किया है। सपा प्रवक्ता फकरुल हसन चांद ने कहा कि राहुल गांधी हिंसा नहीं, बल्कि अहिंसा की बात करते हैं। वो सिर्फ एक धर्म से नहीं बल्कि हर धर्म से प्यार करते हैं। भाजपा सिर्फ नकारात्मक और धर्म की राजनीति करती है। सरकार के पास अग्निविर, महिला सुरक्षा, मणिपुर और नीट पेपर लीक मामले पर कोई जवाब नहीं है। भाजपा की केंद्र सरकार इन सवालों का जवाब नहीं देना चाहती।

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यह मामला अब तूल पकड़ता जा रहा है। भाजपा इस बयान को लेकर सड़क से संसद तक पुरजोर तरीके से विरोध कर रही है। मुंबई में भाजपा कार्यकर्ता राहुल गांधी के खिलाफ सड़कों पर उतर गए हैं। उन्होंने हाथ में राहुल गांधी का पोस्टर लेकर उनके खिलाफ जमकर नारेबाजी की।

भाजपा नेताओं ने कहा कि कांग्रेस ने हिन्दुओं को हिंसक और झूठ बोलने वाला बताया है। हिंदुओं का अपमान करना ही बस राहुल गांधी का काम है।

भाजपा नेता और योगी सरकार में मंत्री दिनेश प्रताप सिंह ने राहुल गांधी के बयान की कड़ी निंदा की। उन्होंने कहा कि राहुल गांधी को हिंदुओं के बारे में कुछ भी नहीं पता है। हिंदू हिंसक नहीं बल्कि अहिंसा वादी धर्म है। कांग्रेस नेता को अपने इस बयान के लिए माफी मांगनी चाहिए।

भाजपा नेता अनिल विज ने भी राहुल गांधी के बयान को लेकर हमला किया। उन्होंने कहा कि राहुल गांधी का भाषण सुनकर लगा कि पप्पू अब बड़ा हो गया है।

उनके बयान से ऐसा लगता है कि वो बहुत ही गहरी साजिश रच रहे हैं। वो हिंदुस्तान के अलग-अलग धर्म के लोगों को आपस में लड़ाना चाहते हैं। वो देश का एक बार और विभाजन करवाना चाहते हैं। उनके भाषण को पूरी तरह से नजरअंदाज कर देना ही देश हित में सही होगा।

वहीं शिवसेना डोगरा फ्रंट के अध्यक्ष अशोक गुप्ता ने भी राहुल गांधी पर हमला बोला। उन्होंने राहुल गांधी के विपक्ष नेता की भूमिका पर सवाल खड़े किए। अशोक गुप्ता ने कहा कि उन्हें विपक्ष का नेता बनना आता ही नहीं। तेज रफ्तार से आगे भाग रहे थे अब अपने बयान से पीछे जा चुके हैं। वो हिंदुओं को हिंसक बता रहे हैं। ऐसा होता तो दुनिया में हमारी संख्या लगातार घटती नहीं बल्कि बढ़ती। उन्होंने लोकसभा स्पीकर ओम बिरला से राहुल गांधी के इस्तीफे की भी मांग की है।

जेडीयू नेता अशोक चौधरी ने भी राहुल गांधी के बयान का विरोध किया है। उन्होंने कहा कि सनातन में हमेशा कहा गया है कि ‘धर्म की जय हो अधर्म का नाश हो। प्राणियों में सद्भावना हो विश्व का कल्याण हो।’ हिंदुत्व प्रेम बढ़ाने वाला धर्म है, इसलिए यह कहना उचित नहीं है कि हिंदू हिंसा को बढ़ाता है।

वहीं इंडी गठबंधन की सहयोगी समाजवादी पार्टी ने राहुल गांधी के बयान का समर्थन किया है। सपा प्रवक्ता फकरुल हसन चांद ने कहा कि राहुल गांधी हिंसा नहीं, बल्कि अहिंसा की बात करते हैं। वो सिर्फ एक धर्म से नहीं बल्कि हर धर्म से प्यार करते हैं। भाजपा सिर्फ नकारात्मक और धर्म की राजनीति करती है। सरकार के पास अग्निविर, महिला सुरक्षा, मणिपुर और नीट पेपर लीक मामले पर कोई जवाब नहीं है। भाजपा की केंद्र सरकार इन सवालों का जवाब नहीं देना चाहती।

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यह मामला अब तूल पकड़ता जा रहा है। भाजपा इस बयान को लेकर सड़क से संसद तक पुरजोर तरीके से विरोध कर रही है। मुंबई में भाजपा कार्यकर्ता राहुल गांधी के खिलाफ सड़कों पर उतर गए हैं। उन्होंने हाथ में राहुल गांधी का पोस्टर लेकर उनके खिलाफ जमकर नारेबाजी की।

भाजपा नेताओं ने कहा कि कांग्रेस ने हिन्दुओं को हिंसक और झूठ बोलने वाला बताया है। हिंदुओं का अपमान करना ही बस राहुल गांधी का काम है।

भाजपा नेता और योगी सरकार में मंत्री दिनेश प्रताप सिंह ने राहुल गांधी के बयान की कड़ी निंदा की। उन्होंने कहा कि राहुल गांधी को हिंदुओं के बारे में कुछ भी नहीं पता है। हिंदू हिंसक नहीं बल्कि अहिंसा वादी धर्म है। कांग्रेस नेता को अपने इस बयान के लिए माफी मांगनी चाहिए।

भाजपा नेता अनिल विज ने भी राहुल गांधी के बयान को लेकर हमला किया। उन्होंने कहा कि राहुल गांधी का भाषण सुनकर लगा कि पप्पू अब बड़ा हो गया है।

उनके बयान से ऐसा लगता है कि वो बहुत ही गहरी साजिश रच रहे हैं। वो हिंदुस्तान के अलग-अलग धर्म के लोगों को आपस में लड़ाना चाहते हैं। वो देश का एक बार और विभाजन करवाना चाहते हैं। उनके भाषण को पूरी तरह से नजरअंदाज कर देना ही देश हित में सही होगा।

वहीं शिवसेना डोगरा फ्रंट के अध्यक्ष अशोक गुप्ता ने भी राहुल गांधी पर हमला बोला। उन्होंने राहुल गांधी के विपक्ष नेता की भूमिका पर सवाल खड़े किए। अशोक गुप्ता ने कहा कि उन्हें विपक्ष का नेता बनना आता ही नहीं। तेज रफ्तार से आगे भाग रहे थे अब अपने बयान से पीछे जा चुके हैं। वो हिंदुओं को हिंसक बता रहे हैं। ऐसा होता तो दुनिया में हमारी संख्या लगातार घटती नहीं बल्कि बढ़ती। उन्होंने लोकसभा स्पीकर ओम बिरला से राहुल गांधी के इस्तीफे की भी मांग की है।

जेडीयू नेता अशोक चौधरी ने भी राहुल गांधी के बयान का विरोध किया है। उन्होंने कहा कि सनातन में हमेशा कहा गया है कि ‘धर्म की जय हो अधर्म का नाश हो। प्राणियों में सद्भावना हो विश्व का कल्याण हो।’ हिंदुत्व प्रेम बढ़ाने वाला धर्म है, इसलिए यह कहना उचित नहीं है कि हिंदू हिंसा को बढ़ाता है।

वहीं इंडी गठबंधन की सहयोगी समाजवादी पार्टी ने राहुल गांधी के बयान का समर्थन किया है। सपा प्रवक्ता फकरुल हसन चांद ने कहा कि राहुल गांधी हिंसा नहीं, बल्कि अहिंसा की बात करते हैं। वो सिर्फ एक धर्म से नहीं बल्कि हर धर्म से प्यार करते हैं। भाजपा सिर्फ नकारात्मक और धर्म की राजनीति करती है। सरकार के पास अग्निविर, महिला सुरक्षा, मणिपुर और नीट पेपर लीक मामले पर कोई जवाब नहीं है। भाजपा की केंद्र सरकार इन सवालों का जवाब नहीं देना चाहती।

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