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Home ताज़ा समाचार

राहुल गांधी ने सत्यपाल मलिक से धारा 370 हटाने, पुलवामा आतंकी हमले पर चर्चा की

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October 25, 2023
in ताज़ा समाचार
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नई दिल्ली, 25 अक्टूबर (आईएएनएस)। कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने बुधवार को जम्मू-कश्मीर के पूर्व राज्यपाल सत्यपाल मलिक का साक्षात्कार साझा किया है। जिसमें उन्होंने पुलवामा आतंकी हमले, पूर्ववर्ती जम्मू-कश्मीर राज्य के दर्जे समेत अन्य मुद्दों पर चर्चा की थी।

सत्यपाल मलिक ने 14 अक्टूबर को राहुल गांधी के साथ अपनी बातचीत में कहा था कि जम्मू-कश्मीर का राज्य का दर्जा वापस कर दिया जाना चाहिए क्योंकि लोग नाखुश हैं। सरकार की चूक के कारण 14 फरवरी 2019 को पुलवामा आतंकी हमला हुआ, जिसमें सीआरपीएफ के 40 जवानों की शहादत हो गई।

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राहुल गांधी ने एक्स पर पोस्ट शेयर करते हुए कहा, ”क्या इस बातचीत से ईडी-सीबीआई के बीच हलचल मच जाएगी?”

सत्यपाल मलिक से बातचीत में राहुल गांधी ने उनसे पूछा कि आपके कार्यकाल के दौरान वह सबसे जटिल समय था। उन्होंने अनुच्छेद 370 को रद्द करने और राज्य को केंद्र शासित प्रदेश के रूप में विभाजित किये जाने का जिक्र करते हुए यह बात कही।

इस पर मलिक ने कहा, ”मेरी राय में, आप जम्मू-कश्मीर को बलपूर्वक और सशस्त्र बलों के माध्यम से अपने पास नहीं रख सकते। आप लोगों का विश्वास जीतकर कुछ भी कर सकते हैं।”

इस पर राहुल गांधी ने उनसे फिर पूछा कि जम्मू-कश्मीर कैसे सामान्य स्थिति में आएगा, इस पर मलिक ने कहा कि सरकार को जम्मू-कश्मीर का राज्य का दर्जा बहाल करना होगा।

सत्यपाल मलिक ने कहा कि अनुच्छेद 370 को रद्द करना और राज्य का पूर्ण राज्य का दर्जा ख़त्म करना लोगों के लिए सबसे दर्दनाक था। मुझे लगा कि सरकार सोच रही है कि राज्य पुलिस विद्रोह कर देगी।

उन्होंने इसे मेरे साथ कभी साझा नहीं किया। लेकिन सच तो यह था कि जम्मू-कश्मीर पुलिस सरकार के पास ही रही और पुलिसकर्मियों ने ईद के मौके पर छुट्टी भी नहीं ली।

उन्होंने यह भी कहा कि जम्मू-कश्मीर को राज्य का दर्जा वापस दिया जाना चाहिए, और यह अमित शाह द्वारा संसद में लोगों से किया गया वादा भी है और तुरंत चुनाव कराएं।

राहुल गांधी ने कहा कि कश्मीर का राज्य का दर्जा छीनने के सरकार के फैसले से जम्मू के लोग भी खुश नहीं हैं। इसके बाद मलिक ने कहा कि मुझे नहीं पता कि वे ऐसा क्यों नहीं कर रहे हैं। अब फिर से उग्रवाद लौट आया है और आतंकी गतिविधियां बढ़ गई हैं।

जब राहुल गांधी ने उनसे पुलवामा आतंकी हमले के बारे में पूछा, तो मलिक ने 14 फरवरी 2019 के हमले के लिए सरकार की खामियों को जिम्मेदार ठहराया।

पुलवामा पर बोलते हुए राहुल गांधी ने कहा कि जैसे ही उन्हें घटना के बारे में पता चला, वह शहीदों को श्रद्धांजलि देने के लिए हवाईअड्डे गए। मुझे एक कमरे में बंद कर दिया गया। मुझे ऐसा लगा जैसे यह कोई घटना हो। पीएम मोदी वहां थे। मुझे कमरे से बाहर निकलने के लिए संघर्ष करना पड़ा। यह काफी अरुचिकर था।

पूर्व राज्यपाल ने कहा कि प्रधानमंत्री को श्रीनगर पहुंचना चाहिए था। घटना वाले दिन वह जिम कॉर्बेट में शूटिंग कर रहे थे। फिर उन्होंने शाम को मुझे फोन किया और उन्होंने मुझसे इस मुद्दे पर नहीं बोलने को कहा।

मलिक ने दावा किया कि मैंने दो चैनलों को बताया कि यह हमारी गलती थी लेकिन मुझसे कहा गया कि मैं यह बात कहीं न कहूं। मुझे लगा कि मेरे बयानों से जांच पर असर पड़ सकता है, लेकिन कोई जांच नहीं हुई। इसका इस्तेमाल चुनाव के लिए किया गया। तीसरे दिन प्रधानमंत्री मोदी ने अपना भाषण दिया जहां उन्होंने इसका राजनीतिक इस्तेमाल किया।

इसके बाद राहुल गांधी ने पूछा कि पुलवामा की घटना क्यों हुई। मलिक ने जवाब दिया कि सीआरपीएफ ने पांच विमान मांगे थे। अगर उन्होंने मुझसे पूछा होता, तो मैं उन्हें तुरंत दे देता, जैसे मैंने बर्फ में फंसे छात्रों को विमान उपलब्ध कराया था।

उन्होंने यह भी कहा कि दिल्ली में किराये पर विमान लेना आसान है। लेकिन उनका आवेदन गृह मंत्रालय में चार महीने तक पड़ा रहा, और फिर इसे खारिज कर दिया गया। इसके बाद सीआरपीएफ कर्मियों ने वह सड़क अपनाई जो असुरक्षित मानी जाती थी।

सीआरपीएफ वाहन पर हमला करने वाला विस्फोटक लदा ट्रक करीब 10-12 दिनों से इलाके में घूम रहा था और हमारी व्यवस्था अच्छी नहीं थी।

इसके अलावा सत्यपाल मलिक ने कहा कि विस्फोटक पाकिस्तान से भेजे गया था। गाड़ी के ड्राइवर और मालिक का आतंकी रिकॉर्ड था। उन्हें कई बार गिरफ्तार किया गया और फिर रिहा किया गया। लेकिन वे इंटेलिजेंस के रडार पर नहीं थे। घटना के दिन सभी लिंक सड़कों को साफ नहीं किया गया था। घटना की खबर सुनने के बाद मैं रो पड़ा था।

राहुल गांधी ने जाति आधारित जनगणना की भी बात की और संसद में अपने भाषण का जिक्र किया और मलिक की राय मांगी।

मलिक ने कहा कि हमें इसे अनिवार्य बनाना होगा और लोगों को सिस्टम में आने के लिए जागरूक करना होगा।

दोनों नेताओं ने मणिपुर की स्थिति पर भी चर्चा की। मलिक ने कहा कि सरकार का मणिपुर में कोई नियंत्रण नहीं है। लेकिन यह केवल छह महीने के लिए है। मैं लिखित में दे सकता हूं। वे सत्ता में वापस नहीं आएंगे।

कांग्रेस नेता ने यह भी कहा कि जीएसटी और नोटबंदी ने देश में कारोबार को बड़ा नुकसान पहुंचाया है।

–आईएएनएस

एफजेड/एबीएम

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नई दिल्ली, 25 अक्टूबर (आईएएनएस)। कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने बुधवार को जम्मू-कश्मीर के पूर्व राज्यपाल सत्यपाल मलिक का साक्षात्कार साझा किया है। जिसमें उन्होंने पुलवामा आतंकी हमले, पूर्ववर्ती जम्मू-कश्मीर राज्य के दर्जे समेत अन्य मुद्दों पर चर्चा की थी।

सत्यपाल मलिक ने 14 अक्टूबर को राहुल गांधी के साथ अपनी बातचीत में कहा था कि जम्मू-कश्मीर का राज्य का दर्जा वापस कर दिया जाना चाहिए क्योंकि लोग नाखुश हैं। सरकार की चूक के कारण 14 फरवरी 2019 को पुलवामा आतंकी हमला हुआ, जिसमें सीआरपीएफ के 40 जवानों की शहादत हो गई।

राहुल गांधी ने एक्स पर पोस्ट शेयर करते हुए कहा, ”क्या इस बातचीत से ईडी-सीबीआई के बीच हलचल मच जाएगी?”

सत्यपाल मलिक से बातचीत में राहुल गांधी ने उनसे पूछा कि आपके कार्यकाल के दौरान वह सबसे जटिल समय था। उन्होंने अनुच्छेद 370 को रद्द करने और राज्य को केंद्र शासित प्रदेश के रूप में विभाजित किये जाने का जिक्र करते हुए यह बात कही।

इस पर मलिक ने कहा, ”मेरी राय में, आप जम्मू-कश्मीर को बलपूर्वक और सशस्त्र बलों के माध्यम से अपने पास नहीं रख सकते। आप लोगों का विश्वास जीतकर कुछ भी कर सकते हैं।”

इस पर राहुल गांधी ने उनसे फिर पूछा कि जम्मू-कश्मीर कैसे सामान्य स्थिति में आएगा, इस पर मलिक ने कहा कि सरकार को जम्मू-कश्मीर का राज्य का दर्जा बहाल करना होगा।

सत्यपाल मलिक ने कहा कि अनुच्छेद 370 को रद्द करना और राज्य का पूर्ण राज्य का दर्जा ख़त्म करना लोगों के लिए सबसे दर्दनाक था। मुझे लगा कि सरकार सोच रही है कि राज्य पुलिस विद्रोह कर देगी।

उन्होंने इसे मेरे साथ कभी साझा नहीं किया। लेकिन सच तो यह था कि जम्मू-कश्मीर पुलिस सरकार के पास ही रही और पुलिसकर्मियों ने ईद के मौके पर छुट्टी भी नहीं ली।

उन्होंने यह भी कहा कि जम्मू-कश्मीर को राज्य का दर्जा वापस दिया जाना चाहिए, और यह अमित शाह द्वारा संसद में लोगों से किया गया वादा भी है और तुरंत चुनाव कराएं।

राहुल गांधी ने कहा कि कश्मीर का राज्य का दर्जा छीनने के सरकार के फैसले से जम्मू के लोग भी खुश नहीं हैं। इसके बाद मलिक ने कहा कि मुझे नहीं पता कि वे ऐसा क्यों नहीं कर रहे हैं। अब फिर से उग्रवाद लौट आया है और आतंकी गतिविधियां बढ़ गई हैं।

जब राहुल गांधी ने उनसे पुलवामा आतंकी हमले के बारे में पूछा, तो मलिक ने 14 फरवरी 2019 के हमले के लिए सरकार की खामियों को जिम्मेदार ठहराया।

पुलवामा पर बोलते हुए राहुल गांधी ने कहा कि जैसे ही उन्हें घटना के बारे में पता चला, वह शहीदों को श्रद्धांजलि देने के लिए हवाईअड्डे गए। मुझे एक कमरे में बंद कर दिया गया। मुझे ऐसा लगा जैसे यह कोई घटना हो। पीएम मोदी वहां थे। मुझे कमरे से बाहर निकलने के लिए संघर्ष करना पड़ा। यह काफी अरुचिकर था।

पूर्व राज्यपाल ने कहा कि प्रधानमंत्री को श्रीनगर पहुंचना चाहिए था। घटना वाले दिन वह जिम कॉर्बेट में शूटिंग कर रहे थे। फिर उन्होंने शाम को मुझे फोन किया और उन्होंने मुझसे इस मुद्दे पर नहीं बोलने को कहा।

मलिक ने दावा किया कि मैंने दो चैनलों को बताया कि यह हमारी गलती थी लेकिन मुझसे कहा गया कि मैं यह बात कहीं न कहूं। मुझे लगा कि मेरे बयानों से जांच पर असर पड़ सकता है, लेकिन कोई जांच नहीं हुई। इसका इस्तेमाल चुनाव के लिए किया गया। तीसरे दिन प्रधानमंत्री मोदी ने अपना भाषण दिया जहां उन्होंने इसका राजनीतिक इस्तेमाल किया।

इसके बाद राहुल गांधी ने पूछा कि पुलवामा की घटना क्यों हुई। मलिक ने जवाब दिया कि सीआरपीएफ ने पांच विमान मांगे थे। अगर उन्होंने मुझसे पूछा होता, तो मैं उन्हें तुरंत दे देता, जैसे मैंने बर्फ में फंसे छात्रों को विमान उपलब्ध कराया था।

उन्होंने यह भी कहा कि दिल्ली में किराये पर विमान लेना आसान है। लेकिन उनका आवेदन गृह मंत्रालय में चार महीने तक पड़ा रहा, और फिर इसे खारिज कर दिया गया। इसके बाद सीआरपीएफ कर्मियों ने वह सड़क अपनाई जो असुरक्षित मानी जाती थी।

सीआरपीएफ वाहन पर हमला करने वाला विस्फोटक लदा ट्रक करीब 10-12 दिनों से इलाके में घूम रहा था और हमारी व्यवस्था अच्छी नहीं थी।

इसके अलावा सत्यपाल मलिक ने कहा कि विस्फोटक पाकिस्तान से भेजे गया था। गाड़ी के ड्राइवर और मालिक का आतंकी रिकॉर्ड था। उन्हें कई बार गिरफ्तार किया गया और फिर रिहा किया गया। लेकिन वे इंटेलिजेंस के रडार पर नहीं थे। घटना के दिन सभी लिंक सड़कों को साफ नहीं किया गया था। घटना की खबर सुनने के बाद मैं रो पड़ा था।

राहुल गांधी ने जाति आधारित जनगणना की भी बात की और संसद में अपने भाषण का जिक्र किया और मलिक की राय मांगी।

मलिक ने कहा कि हमें इसे अनिवार्य बनाना होगा और लोगों को सिस्टम में आने के लिए जागरूक करना होगा।

दोनों नेताओं ने मणिपुर की स्थिति पर भी चर्चा की। मलिक ने कहा कि सरकार का मणिपुर में कोई नियंत्रण नहीं है। लेकिन यह केवल छह महीने के लिए है। मैं लिखित में दे सकता हूं। वे सत्ता में वापस नहीं आएंगे।

कांग्रेस नेता ने यह भी कहा कि जीएसटी और नोटबंदी ने देश में कारोबार को बड़ा नुकसान पहुंचाया है।

–आईएएनएस

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नई दिल्ली, 25 अक्टूबर (आईएएनएस)। कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने बुधवार को जम्मू-कश्मीर के पूर्व राज्यपाल सत्यपाल मलिक का साक्षात्कार साझा किया है। जिसमें उन्होंने पुलवामा आतंकी हमले, पूर्ववर्ती जम्मू-कश्मीर राज्य के दर्जे समेत अन्य मुद्दों पर चर्चा की थी।

सत्यपाल मलिक ने 14 अक्टूबर को राहुल गांधी के साथ अपनी बातचीत में कहा था कि जम्मू-कश्मीर का राज्य का दर्जा वापस कर दिया जाना चाहिए क्योंकि लोग नाखुश हैं। सरकार की चूक के कारण 14 फरवरी 2019 को पुलवामा आतंकी हमला हुआ, जिसमें सीआरपीएफ के 40 जवानों की शहादत हो गई।

राहुल गांधी ने एक्स पर पोस्ट शेयर करते हुए कहा, ”क्या इस बातचीत से ईडी-सीबीआई के बीच हलचल मच जाएगी?”

सत्यपाल मलिक से बातचीत में राहुल गांधी ने उनसे पूछा कि आपके कार्यकाल के दौरान वह सबसे जटिल समय था। उन्होंने अनुच्छेद 370 को रद्द करने और राज्य को केंद्र शासित प्रदेश के रूप में विभाजित किये जाने का जिक्र करते हुए यह बात कही।

इस पर मलिक ने कहा, ”मेरी राय में, आप जम्मू-कश्मीर को बलपूर्वक और सशस्त्र बलों के माध्यम से अपने पास नहीं रख सकते। आप लोगों का विश्वास जीतकर कुछ भी कर सकते हैं।”

इस पर राहुल गांधी ने उनसे फिर पूछा कि जम्मू-कश्मीर कैसे सामान्य स्थिति में आएगा, इस पर मलिक ने कहा कि सरकार को जम्मू-कश्मीर का राज्य का दर्जा बहाल करना होगा।

सत्यपाल मलिक ने कहा कि अनुच्छेद 370 को रद्द करना और राज्य का पूर्ण राज्य का दर्जा ख़त्म करना लोगों के लिए सबसे दर्दनाक था। मुझे लगा कि सरकार सोच रही है कि राज्य पुलिस विद्रोह कर देगी।

उन्होंने इसे मेरे साथ कभी साझा नहीं किया। लेकिन सच तो यह था कि जम्मू-कश्मीर पुलिस सरकार के पास ही रही और पुलिसकर्मियों ने ईद के मौके पर छुट्टी भी नहीं ली।

उन्होंने यह भी कहा कि जम्मू-कश्मीर को राज्य का दर्जा वापस दिया जाना चाहिए, और यह अमित शाह द्वारा संसद में लोगों से किया गया वादा भी है और तुरंत चुनाव कराएं।

राहुल गांधी ने कहा कि कश्मीर का राज्य का दर्जा छीनने के सरकार के फैसले से जम्मू के लोग भी खुश नहीं हैं। इसके बाद मलिक ने कहा कि मुझे नहीं पता कि वे ऐसा क्यों नहीं कर रहे हैं। अब फिर से उग्रवाद लौट आया है और आतंकी गतिविधियां बढ़ गई हैं।

जब राहुल गांधी ने उनसे पुलवामा आतंकी हमले के बारे में पूछा, तो मलिक ने 14 फरवरी 2019 के हमले के लिए सरकार की खामियों को जिम्मेदार ठहराया।

पुलवामा पर बोलते हुए राहुल गांधी ने कहा कि जैसे ही उन्हें घटना के बारे में पता चला, वह शहीदों को श्रद्धांजलि देने के लिए हवाईअड्डे गए। मुझे एक कमरे में बंद कर दिया गया। मुझे ऐसा लगा जैसे यह कोई घटना हो। पीएम मोदी वहां थे। मुझे कमरे से बाहर निकलने के लिए संघर्ष करना पड़ा। यह काफी अरुचिकर था।

पूर्व राज्यपाल ने कहा कि प्रधानमंत्री को श्रीनगर पहुंचना चाहिए था। घटना वाले दिन वह जिम कॉर्बेट में शूटिंग कर रहे थे। फिर उन्होंने शाम को मुझे फोन किया और उन्होंने मुझसे इस मुद्दे पर नहीं बोलने को कहा।

मलिक ने दावा किया कि मैंने दो चैनलों को बताया कि यह हमारी गलती थी लेकिन मुझसे कहा गया कि मैं यह बात कहीं न कहूं। मुझे लगा कि मेरे बयानों से जांच पर असर पड़ सकता है, लेकिन कोई जांच नहीं हुई। इसका इस्तेमाल चुनाव के लिए किया गया। तीसरे दिन प्रधानमंत्री मोदी ने अपना भाषण दिया जहां उन्होंने इसका राजनीतिक इस्तेमाल किया।

इसके बाद राहुल गांधी ने पूछा कि पुलवामा की घटना क्यों हुई। मलिक ने जवाब दिया कि सीआरपीएफ ने पांच विमान मांगे थे। अगर उन्होंने मुझसे पूछा होता, तो मैं उन्हें तुरंत दे देता, जैसे मैंने बर्फ में फंसे छात्रों को विमान उपलब्ध कराया था।

उन्होंने यह भी कहा कि दिल्ली में किराये पर विमान लेना आसान है। लेकिन उनका आवेदन गृह मंत्रालय में चार महीने तक पड़ा रहा, और फिर इसे खारिज कर दिया गया। इसके बाद सीआरपीएफ कर्मियों ने वह सड़क अपनाई जो असुरक्षित मानी जाती थी।

सीआरपीएफ वाहन पर हमला करने वाला विस्फोटक लदा ट्रक करीब 10-12 दिनों से इलाके में घूम रहा था और हमारी व्यवस्था अच्छी नहीं थी।

इसके अलावा सत्यपाल मलिक ने कहा कि विस्फोटक पाकिस्तान से भेजे गया था। गाड़ी के ड्राइवर और मालिक का आतंकी रिकॉर्ड था। उन्हें कई बार गिरफ्तार किया गया और फिर रिहा किया गया। लेकिन वे इंटेलिजेंस के रडार पर नहीं थे। घटना के दिन सभी लिंक सड़कों को साफ नहीं किया गया था। घटना की खबर सुनने के बाद मैं रो पड़ा था।

राहुल गांधी ने जाति आधारित जनगणना की भी बात की और संसद में अपने भाषण का जिक्र किया और मलिक की राय मांगी।

मलिक ने कहा कि हमें इसे अनिवार्य बनाना होगा और लोगों को सिस्टम में आने के लिए जागरूक करना होगा।

दोनों नेताओं ने मणिपुर की स्थिति पर भी चर्चा की। मलिक ने कहा कि सरकार का मणिपुर में कोई नियंत्रण नहीं है। लेकिन यह केवल छह महीने के लिए है। मैं लिखित में दे सकता हूं। वे सत्ता में वापस नहीं आएंगे।

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नई दिल्ली, 25 अक्टूबर (आईएएनएस)। कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने बुधवार को जम्मू-कश्मीर के पूर्व राज्यपाल सत्यपाल मलिक का साक्षात्कार साझा किया है। जिसमें उन्होंने पुलवामा आतंकी हमले, पूर्ववर्ती जम्मू-कश्मीर राज्य के दर्जे समेत अन्य मुद्दों पर चर्चा की थी।

सत्यपाल मलिक ने 14 अक्टूबर को राहुल गांधी के साथ अपनी बातचीत में कहा था कि जम्मू-कश्मीर का राज्य का दर्जा वापस कर दिया जाना चाहिए क्योंकि लोग नाखुश हैं। सरकार की चूक के कारण 14 फरवरी 2019 को पुलवामा आतंकी हमला हुआ, जिसमें सीआरपीएफ के 40 जवानों की शहादत हो गई।

राहुल गांधी ने एक्स पर पोस्ट शेयर करते हुए कहा, ”क्या इस बातचीत से ईडी-सीबीआई के बीच हलचल मच जाएगी?”

सत्यपाल मलिक से बातचीत में राहुल गांधी ने उनसे पूछा कि आपके कार्यकाल के दौरान वह सबसे जटिल समय था। उन्होंने अनुच्छेद 370 को रद्द करने और राज्य को केंद्र शासित प्रदेश के रूप में विभाजित किये जाने का जिक्र करते हुए यह बात कही।

इस पर मलिक ने कहा, ”मेरी राय में, आप जम्मू-कश्मीर को बलपूर्वक और सशस्त्र बलों के माध्यम से अपने पास नहीं रख सकते। आप लोगों का विश्वास जीतकर कुछ भी कर सकते हैं।”

इस पर राहुल गांधी ने उनसे फिर पूछा कि जम्मू-कश्मीर कैसे सामान्य स्थिति में आएगा, इस पर मलिक ने कहा कि सरकार को जम्मू-कश्मीर का राज्य का दर्जा बहाल करना होगा।

सत्यपाल मलिक ने कहा कि अनुच्छेद 370 को रद्द करना और राज्य का पूर्ण राज्य का दर्जा ख़त्म करना लोगों के लिए सबसे दर्दनाक था। मुझे लगा कि सरकार सोच रही है कि राज्य पुलिस विद्रोह कर देगी।

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उन्होंने यह भी कहा कि दिल्ली में किराये पर विमान लेना आसान है। लेकिन उनका आवेदन गृह मंत्रालय में चार महीने तक पड़ा रहा, और फिर इसे खारिज कर दिया गया। इसके बाद सीआरपीएफ कर्मियों ने वह सड़क अपनाई जो असुरक्षित मानी जाती थी।

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इसके अलावा सत्यपाल मलिक ने कहा कि विस्फोटक पाकिस्तान से भेजे गया था। गाड़ी के ड्राइवर और मालिक का आतंकी रिकॉर्ड था। उन्हें कई बार गिरफ्तार किया गया और फिर रिहा किया गया। लेकिन वे इंटेलिजेंस के रडार पर नहीं थे। घटना के दिन सभी लिंक सड़कों को साफ नहीं किया गया था। घटना की खबर सुनने के बाद मैं रो पड़ा था।

राहुल गांधी ने जाति आधारित जनगणना की भी बात की और संसद में अपने भाषण का जिक्र किया और मलिक की राय मांगी।

मलिक ने कहा कि हमें इसे अनिवार्य बनाना होगा और लोगों को सिस्टम में आने के लिए जागरूक करना होगा।

दोनों नेताओं ने मणिपुर की स्थिति पर भी चर्चा की। मलिक ने कहा कि सरकार का मणिपुर में कोई नियंत्रण नहीं है। लेकिन यह केवल छह महीने के लिए है। मैं लिखित में दे सकता हूं। वे सत्ता में वापस नहीं आएंगे।

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सत्यपाल मलिक ने 14 अक्टूबर को राहुल गांधी के साथ अपनी बातचीत में कहा था कि जम्मू-कश्मीर का राज्य का दर्जा वापस कर दिया जाना चाहिए क्योंकि लोग नाखुश हैं। सरकार की चूक के कारण 14 फरवरी 2019 को पुलवामा आतंकी हमला हुआ, जिसमें सीआरपीएफ के 40 जवानों की शहादत हो गई।

राहुल गांधी ने एक्स पर पोस्ट शेयर करते हुए कहा, ”क्या इस बातचीत से ईडी-सीबीआई के बीच हलचल मच जाएगी?”

सत्यपाल मलिक से बातचीत में राहुल गांधी ने उनसे पूछा कि आपके कार्यकाल के दौरान वह सबसे जटिल समय था। उन्होंने अनुच्छेद 370 को रद्द करने और राज्य को केंद्र शासित प्रदेश के रूप में विभाजित किये जाने का जिक्र करते हुए यह बात कही।

इस पर मलिक ने कहा, ”मेरी राय में, आप जम्मू-कश्मीर को बलपूर्वक और सशस्त्र बलों के माध्यम से अपने पास नहीं रख सकते। आप लोगों का विश्वास जीतकर कुछ भी कर सकते हैं।”

इस पर राहुल गांधी ने उनसे फिर पूछा कि जम्मू-कश्मीर कैसे सामान्य स्थिति में आएगा, इस पर मलिक ने कहा कि सरकार को जम्मू-कश्मीर का राज्य का दर्जा बहाल करना होगा।

सत्यपाल मलिक ने कहा कि अनुच्छेद 370 को रद्द करना और राज्य का पूर्ण राज्य का दर्जा ख़त्म करना लोगों के लिए सबसे दर्दनाक था। मुझे लगा कि सरकार सोच रही है कि राज्य पुलिस विद्रोह कर देगी।

उन्होंने इसे मेरे साथ कभी साझा नहीं किया। लेकिन सच तो यह था कि जम्मू-कश्मीर पुलिस सरकार के पास ही रही और पुलिसकर्मियों ने ईद के मौके पर छुट्टी भी नहीं ली।

उन्होंने यह भी कहा कि जम्मू-कश्मीर को राज्य का दर्जा वापस दिया जाना चाहिए, और यह अमित शाह द्वारा संसद में लोगों से किया गया वादा भी है और तुरंत चुनाव कराएं।

राहुल गांधी ने कहा कि कश्मीर का राज्य का दर्जा छीनने के सरकार के फैसले से जम्मू के लोग भी खुश नहीं हैं। इसके बाद मलिक ने कहा कि मुझे नहीं पता कि वे ऐसा क्यों नहीं कर रहे हैं। अब फिर से उग्रवाद लौट आया है और आतंकी गतिविधियां बढ़ गई हैं।

जब राहुल गांधी ने उनसे पुलवामा आतंकी हमले के बारे में पूछा, तो मलिक ने 14 फरवरी 2019 के हमले के लिए सरकार की खामियों को जिम्मेदार ठहराया।

पुलवामा पर बोलते हुए राहुल गांधी ने कहा कि जैसे ही उन्हें घटना के बारे में पता चला, वह शहीदों को श्रद्धांजलि देने के लिए हवाईअड्डे गए। मुझे एक कमरे में बंद कर दिया गया। मुझे ऐसा लगा जैसे यह कोई घटना हो। पीएम मोदी वहां थे। मुझे कमरे से बाहर निकलने के लिए संघर्ष करना पड़ा। यह काफी अरुचिकर था।

पूर्व राज्यपाल ने कहा कि प्रधानमंत्री को श्रीनगर पहुंचना चाहिए था। घटना वाले दिन वह जिम कॉर्बेट में शूटिंग कर रहे थे। फिर उन्होंने शाम को मुझे फोन किया और उन्होंने मुझसे इस मुद्दे पर नहीं बोलने को कहा।

मलिक ने दावा किया कि मैंने दो चैनलों को बताया कि यह हमारी गलती थी लेकिन मुझसे कहा गया कि मैं यह बात कहीं न कहूं। मुझे लगा कि मेरे बयानों से जांच पर असर पड़ सकता है, लेकिन कोई जांच नहीं हुई। इसका इस्तेमाल चुनाव के लिए किया गया। तीसरे दिन प्रधानमंत्री मोदी ने अपना भाषण दिया जहां उन्होंने इसका राजनीतिक इस्तेमाल किया।

इसके बाद राहुल गांधी ने पूछा कि पुलवामा की घटना क्यों हुई। मलिक ने जवाब दिया कि सीआरपीएफ ने पांच विमान मांगे थे। अगर उन्होंने मुझसे पूछा होता, तो मैं उन्हें तुरंत दे देता, जैसे मैंने बर्फ में फंसे छात्रों को विमान उपलब्ध कराया था।

उन्होंने यह भी कहा कि दिल्ली में किराये पर विमान लेना आसान है। लेकिन उनका आवेदन गृह मंत्रालय में चार महीने तक पड़ा रहा, और फिर इसे खारिज कर दिया गया। इसके बाद सीआरपीएफ कर्मियों ने वह सड़क अपनाई जो असुरक्षित मानी जाती थी।

सीआरपीएफ वाहन पर हमला करने वाला विस्फोटक लदा ट्रक करीब 10-12 दिनों से इलाके में घूम रहा था और हमारी व्यवस्था अच्छी नहीं थी।

इसके अलावा सत्यपाल मलिक ने कहा कि विस्फोटक पाकिस्तान से भेजे गया था। गाड़ी के ड्राइवर और मालिक का आतंकी रिकॉर्ड था। उन्हें कई बार गिरफ्तार किया गया और फिर रिहा किया गया। लेकिन वे इंटेलिजेंस के रडार पर नहीं थे। घटना के दिन सभी लिंक सड़कों को साफ नहीं किया गया था। घटना की खबर सुनने के बाद मैं रो पड़ा था।

राहुल गांधी ने जाति आधारित जनगणना की भी बात की और संसद में अपने भाषण का जिक्र किया और मलिक की राय मांगी।

मलिक ने कहा कि हमें इसे अनिवार्य बनाना होगा और लोगों को सिस्टम में आने के लिए जागरूक करना होगा।

दोनों नेताओं ने मणिपुर की स्थिति पर भी चर्चा की। मलिक ने कहा कि सरकार का मणिपुर में कोई नियंत्रण नहीं है। लेकिन यह केवल छह महीने के लिए है। मैं लिखित में दे सकता हूं। वे सत्ता में वापस नहीं आएंगे।

कांग्रेस नेता ने यह भी कहा कि जीएसटी और नोटबंदी ने देश में कारोबार को बड़ा नुकसान पहुंचाया है।

–आईएएनएस

एफजेड/एबीएम

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नई दिल्ली, 25 अक्टूबर (आईएएनएस)। कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने बुधवार को जम्मू-कश्मीर के पूर्व राज्यपाल सत्यपाल मलिक का साक्षात्कार साझा किया है। जिसमें उन्होंने पुलवामा आतंकी हमले, पूर्ववर्ती जम्मू-कश्मीर राज्य के दर्जे समेत अन्य मुद्दों पर चर्चा की थी।

सत्यपाल मलिक ने 14 अक्टूबर को राहुल गांधी के साथ अपनी बातचीत में कहा था कि जम्मू-कश्मीर का राज्य का दर्जा वापस कर दिया जाना चाहिए क्योंकि लोग नाखुश हैं। सरकार की चूक के कारण 14 फरवरी 2019 को पुलवामा आतंकी हमला हुआ, जिसमें सीआरपीएफ के 40 जवानों की शहादत हो गई।

राहुल गांधी ने एक्स पर पोस्ट शेयर करते हुए कहा, ”क्या इस बातचीत से ईडी-सीबीआई के बीच हलचल मच जाएगी?”

सत्यपाल मलिक से बातचीत में राहुल गांधी ने उनसे पूछा कि आपके कार्यकाल के दौरान वह सबसे जटिल समय था। उन्होंने अनुच्छेद 370 को रद्द करने और राज्य को केंद्र शासित प्रदेश के रूप में विभाजित किये जाने का जिक्र करते हुए यह बात कही।

इस पर मलिक ने कहा, ”मेरी राय में, आप जम्मू-कश्मीर को बलपूर्वक और सशस्त्र बलों के माध्यम से अपने पास नहीं रख सकते। आप लोगों का विश्वास जीतकर कुछ भी कर सकते हैं।”

इस पर राहुल गांधी ने उनसे फिर पूछा कि जम्मू-कश्मीर कैसे सामान्य स्थिति में आएगा, इस पर मलिक ने कहा कि सरकार को जम्मू-कश्मीर का राज्य का दर्जा बहाल करना होगा।

सत्यपाल मलिक ने कहा कि अनुच्छेद 370 को रद्द करना और राज्य का पूर्ण राज्य का दर्जा ख़त्म करना लोगों के लिए सबसे दर्दनाक था। मुझे लगा कि सरकार सोच रही है कि राज्य पुलिस विद्रोह कर देगी।

उन्होंने इसे मेरे साथ कभी साझा नहीं किया। लेकिन सच तो यह था कि जम्मू-कश्मीर पुलिस सरकार के पास ही रही और पुलिसकर्मियों ने ईद के मौके पर छुट्टी भी नहीं ली।

उन्होंने यह भी कहा कि जम्मू-कश्मीर को राज्य का दर्जा वापस दिया जाना चाहिए, और यह अमित शाह द्वारा संसद में लोगों से किया गया वादा भी है और तुरंत चुनाव कराएं।

राहुल गांधी ने कहा कि कश्मीर का राज्य का दर्जा छीनने के सरकार के फैसले से जम्मू के लोग भी खुश नहीं हैं। इसके बाद मलिक ने कहा कि मुझे नहीं पता कि वे ऐसा क्यों नहीं कर रहे हैं। अब फिर से उग्रवाद लौट आया है और आतंकी गतिविधियां बढ़ गई हैं।

जब राहुल गांधी ने उनसे पुलवामा आतंकी हमले के बारे में पूछा, तो मलिक ने 14 फरवरी 2019 के हमले के लिए सरकार की खामियों को जिम्मेदार ठहराया।

पुलवामा पर बोलते हुए राहुल गांधी ने कहा कि जैसे ही उन्हें घटना के बारे में पता चला, वह शहीदों को श्रद्धांजलि देने के लिए हवाईअड्डे गए। मुझे एक कमरे में बंद कर दिया गया। मुझे ऐसा लगा जैसे यह कोई घटना हो। पीएम मोदी वहां थे। मुझे कमरे से बाहर निकलने के लिए संघर्ष करना पड़ा। यह काफी अरुचिकर था।

पूर्व राज्यपाल ने कहा कि प्रधानमंत्री को श्रीनगर पहुंचना चाहिए था। घटना वाले दिन वह जिम कॉर्बेट में शूटिंग कर रहे थे। फिर उन्होंने शाम को मुझे फोन किया और उन्होंने मुझसे इस मुद्दे पर नहीं बोलने को कहा।

मलिक ने दावा किया कि मैंने दो चैनलों को बताया कि यह हमारी गलती थी लेकिन मुझसे कहा गया कि मैं यह बात कहीं न कहूं। मुझे लगा कि मेरे बयानों से जांच पर असर पड़ सकता है, लेकिन कोई जांच नहीं हुई। इसका इस्तेमाल चुनाव के लिए किया गया। तीसरे दिन प्रधानमंत्री मोदी ने अपना भाषण दिया जहां उन्होंने इसका राजनीतिक इस्तेमाल किया।

इसके बाद राहुल गांधी ने पूछा कि पुलवामा की घटना क्यों हुई। मलिक ने जवाब दिया कि सीआरपीएफ ने पांच विमान मांगे थे। अगर उन्होंने मुझसे पूछा होता, तो मैं उन्हें तुरंत दे देता, जैसे मैंने बर्फ में फंसे छात्रों को विमान उपलब्ध कराया था।

उन्होंने यह भी कहा कि दिल्ली में किराये पर विमान लेना आसान है। लेकिन उनका आवेदन गृह मंत्रालय में चार महीने तक पड़ा रहा, और फिर इसे खारिज कर दिया गया। इसके बाद सीआरपीएफ कर्मियों ने वह सड़क अपनाई जो असुरक्षित मानी जाती थी।

सीआरपीएफ वाहन पर हमला करने वाला विस्फोटक लदा ट्रक करीब 10-12 दिनों से इलाके में घूम रहा था और हमारी व्यवस्था अच्छी नहीं थी।

इसके अलावा सत्यपाल मलिक ने कहा कि विस्फोटक पाकिस्तान से भेजे गया था। गाड़ी के ड्राइवर और मालिक का आतंकी रिकॉर्ड था। उन्हें कई बार गिरफ्तार किया गया और फिर रिहा किया गया। लेकिन वे इंटेलिजेंस के रडार पर नहीं थे। घटना के दिन सभी लिंक सड़कों को साफ नहीं किया गया था। घटना की खबर सुनने के बाद मैं रो पड़ा था।

राहुल गांधी ने जाति आधारित जनगणना की भी बात की और संसद में अपने भाषण का जिक्र किया और मलिक की राय मांगी।

मलिक ने कहा कि हमें इसे अनिवार्य बनाना होगा और लोगों को सिस्टम में आने के लिए जागरूक करना होगा।

दोनों नेताओं ने मणिपुर की स्थिति पर भी चर्चा की। मलिक ने कहा कि सरकार का मणिपुर में कोई नियंत्रण नहीं है। लेकिन यह केवल छह महीने के लिए है। मैं लिखित में दे सकता हूं। वे सत्ता में वापस नहीं आएंगे।

कांग्रेस नेता ने यह भी कहा कि जीएसटी और नोटबंदी ने देश में कारोबार को बड़ा नुकसान पहुंचाया है।

–आईएएनएस

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नई दिल्ली, 25 अक्टूबर (आईएएनएस)। कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने बुधवार को जम्मू-कश्मीर के पूर्व राज्यपाल सत्यपाल मलिक का साक्षात्कार साझा किया है। जिसमें उन्होंने पुलवामा आतंकी हमले, पूर्ववर्ती जम्मू-कश्मीर राज्य के दर्जे समेत अन्य मुद्दों पर चर्चा की थी।

सत्यपाल मलिक ने 14 अक्टूबर को राहुल गांधी के साथ अपनी बातचीत में कहा था कि जम्मू-कश्मीर का राज्य का दर्जा वापस कर दिया जाना चाहिए क्योंकि लोग नाखुश हैं। सरकार की चूक के कारण 14 फरवरी 2019 को पुलवामा आतंकी हमला हुआ, जिसमें सीआरपीएफ के 40 जवानों की शहादत हो गई।

राहुल गांधी ने एक्स पर पोस्ट शेयर करते हुए कहा, ”क्या इस बातचीत से ईडी-सीबीआई के बीच हलचल मच जाएगी?”

सत्यपाल मलिक से बातचीत में राहुल गांधी ने उनसे पूछा कि आपके कार्यकाल के दौरान वह सबसे जटिल समय था। उन्होंने अनुच्छेद 370 को रद्द करने और राज्य को केंद्र शासित प्रदेश के रूप में विभाजित किये जाने का जिक्र करते हुए यह बात कही।

इस पर मलिक ने कहा, ”मेरी राय में, आप जम्मू-कश्मीर को बलपूर्वक और सशस्त्र बलों के माध्यम से अपने पास नहीं रख सकते। आप लोगों का विश्वास जीतकर कुछ भी कर सकते हैं।”

इस पर राहुल गांधी ने उनसे फिर पूछा कि जम्मू-कश्मीर कैसे सामान्य स्थिति में आएगा, इस पर मलिक ने कहा कि सरकार को जम्मू-कश्मीर का राज्य का दर्जा बहाल करना होगा।

सत्यपाल मलिक ने कहा कि अनुच्छेद 370 को रद्द करना और राज्य का पूर्ण राज्य का दर्जा ख़त्म करना लोगों के लिए सबसे दर्दनाक था। मुझे लगा कि सरकार सोच रही है कि राज्य पुलिस विद्रोह कर देगी।

उन्होंने इसे मेरे साथ कभी साझा नहीं किया। लेकिन सच तो यह था कि जम्मू-कश्मीर पुलिस सरकार के पास ही रही और पुलिसकर्मियों ने ईद के मौके पर छुट्टी भी नहीं ली।

उन्होंने यह भी कहा कि जम्मू-कश्मीर को राज्य का दर्जा वापस दिया जाना चाहिए, और यह अमित शाह द्वारा संसद में लोगों से किया गया वादा भी है और तुरंत चुनाव कराएं।

राहुल गांधी ने कहा कि कश्मीर का राज्य का दर्जा छीनने के सरकार के फैसले से जम्मू के लोग भी खुश नहीं हैं। इसके बाद मलिक ने कहा कि मुझे नहीं पता कि वे ऐसा क्यों नहीं कर रहे हैं। अब फिर से उग्रवाद लौट आया है और आतंकी गतिविधियां बढ़ गई हैं।

जब राहुल गांधी ने उनसे पुलवामा आतंकी हमले के बारे में पूछा, तो मलिक ने 14 फरवरी 2019 के हमले के लिए सरकार की खामियों को जिम्मेदार ठहराया।

पुलवामा पर बोलते हुए राहुल गांधी ने कहा कि जैसे ही उन्हें घटना के बारे में पता चला, वह शहीदों को श्रद्धांजलि देने के लिए हवाईअड्डे गए। मुझे एक कमरे में बंद कर दिया गया। मुझे ऐसा लगा जैसे यह कोई घटना हो। पीएम मोदी वहां थे। मुझे कमरे से बाहर निकलने के लिए संघर्ष करना पड़ा। यह काफी अरुचिकर था।

पूर्व राज्यपाल ने कहा कि प्रधानमंत्री को श्रीनगर पहुंचना चाहिए था। घटना वाले दिन वह जिम कॉर्बेट में शूटिंग कर रहे थे। फिर उन्होंने शाम को मुझे फोन किया और उन्होंने मुझसे इस मुद्दे पर नहीं बोलने को कहा।

मलिक ने दावा किया कि मैंने दो चैनलों को बताया कि यह हमारी गलती थी लेकिन मुझसे कहा गया कि मैं यह बात कहीं न कहूं। मुझे लगा कि मेरे बयानों से जांच पर असर पड़ सकता है, लेकिन कोई जांच नहीं हुई। इसका इस्तेमाल चुनाव के लिए किया गया। तीसरे दिन प्रधानमंत्री मोदी ने अपना भाषण दिया जहां उन्होंने इसका राजनीतिक इस्तेमाल किया।

इसके बाद राहुल गांधी ने पूछा कि पुलवामा की घटना क्यों हुई। मलिक ने जवाब दिया कि सीआरपीएफ ने पांच विमान मांगे थे। अगर उन्होंने मुझसे पूछा होता, तो मैं उन्हें तुरंत दे देता, जैसे मैंने बर्फ में फंसे छात्रों को विमान उपलब्ध कराया था।

उन्होंने यह भी कहा कि दिल्ली में किराये पर विमान लेना आसान है। लेकिन उनका आवेदन गृह मंत्रालय में चार महीने तक पड़ा रहा, और फिर इसे खारिज कर दिया गया। इसके बाद सीआरपीएफ कर्मियों ने वह सड़क अपनाई जो असुरक्षित मानी जाती थी।

सीआरपीएफ वाहन पर हमला करने वाला विस्फोटक लदा ट्रक करीब 10-12 दिनों से इलाके में घूम रहा था और हमारी व्यवस्था अच्छी नहीं थी।

इसके अलावा सत्यपाल मलिक ने कहा कि विस्फोटक पाकिस्तान से भेजे गया था। गाड़ी के ड्राइवर और मालिक का आतंकी रिकॉर्ड था। उन्हें कई बार गिरफ्तार किया गया और फिर रिहा किया गया। लेकिन वे इंटेलिजेंस के रडार पर नहीं थे। घटना के दिन सभी लिंक सड़कों को साफ नहीं किया गया था। घटना की खबर सुनने के बाद मैं रो पड़ा था।

राहुल गांधी ने जाति आधारित जनगणना की भी बात की और संसद में अपने भाषण का जिक्र किया और मलिक की राय मांगी।

मलिक ने कहा कि हमें इसे अनिवार्य बनाना होगा और लोगों को सिस्टम में आने के लिए जागरूक करना होगा।

दोनों नेताओं ने मणिपुर की स्थिति पर भी चर्चा की। मलिक ने कहा कि सरकार का मणिपुर में कोई नियंत्रण नहीं है। लेकिन यह केवल छह महीने के लिए है। मैं लिखित में दे सकता हूं। वे सत्ता में वापस नहीं आएंगे।

कांग्रेस नेता ने यह भी कहा कि जीएसटी और नोटबंदी ने देश में कारोबार को बड़ा नुकसान पहुंचाया है।

–आईएएनएस

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नई दिल्ली, 25 अक्टूबर (आईएएनएस)। कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने बुधवार को जम्मू-कश्मीर के पूर्व राज्यपाल सत्यपाल मलिक का साक्षात्कार साझा किया है। जिसमें उन्होंने पुलवामा आतंकी हमले, पूर्ववर्ती जम्मू-कश्मीर राज्य के दर्जे समेत अन्य मुद्दों पर चर्चा की थी।

सत्यपाल मलिक ने 14 अक्टूबर को राहुल गांधी के साथ अपनी बातचीत में कहा था कि जम्मू-कश्मीर का राज्य का दर्जा वापस कर दिया जाना चाहिए क्योंकि लोग नाखुश हैं। सरकार की चूक के कारण 14 फरवरी 2019 को पुलवामा आतंकी हमला हुआ, जिसमें सीआरपीएफ के 40 जवानों की शहादत हो गई।

राहुल गांधी ने एक्स पर पोस्ट शेयर करते हुए कहा, ”क्या इस बातचीत से ईडी-सीबीआई के बीच हलचल मच जाएगी?”

सत्यपाल मलिक से बातचीत में राहुल गांधी ने उनसे पूछा कि आपके कार्यकाल के दौरान वह सबसे जटिल समय था। उन्होंने अनुच्छेद 370 को रद्द करने और राज्य को केंद्र शासित प्रदेश के रूप में विभाजित किये जाने का जिक्र करते हुए यह बात कही।

इस पर मलिक ने कहा, ”मेरी राय में, आप जम्मू-कश्मीर को बलपूर्वक और सशस्त्र बलों के माध्यम से अपने पास नहीं रख सकते। आप लोगों का विश्वास जीतकर कुछ भी कर सकते हैं।”

इस पर राहुल गांधी ने उनसे फिर पूछा कि जम्मू-कश्मीर कैसे सामान्य स्थिति में आएगा, इस पर मलिक ने कहा कि सरकार को जम्मू-कश्मीर का राज्य का दर्जा बहाल करना होगा।

सत्यपाल मलिक ने कहा कि अनुच्छेद 370 को रद्द करना और राज्य का पूर्ण राज्य का दर्जा ख़त्म करना लोगों के लिए सबसे दर्दनाक था। मुझे लगा कि सरकार सोच रही है कि राज्य पुलिस विद्रोह कर देगी।

उन्होंने इसे मेरे साथ कभी साझा नहीं किया। लेकिन सच तो यह था कि जम्मू-कश्मीर पुलिस सरकार के पास ही रही और पुलिसकर्मियों ने ईद के मौके पर छुट्टी भी नहीं ली।

उन्होंने यह भी कहा कि जम्मू-कश्मीर को राज्य का दर्जा वापस दिया जाना चाहिए, और यह अमित शाह द्वारा संसद में लोगों से किया गया वादा भी है और तुरंत चुनाव कराएं।

राहुल गांधी ने कहा कि कश्मीर का राज्य का दर्जा छीनने के सरकार के फैसले से जम्मू के लोग भी खुश नहीं हैं। इसके बाद मलिक ने कहा कि मुझे नहीं पता कि वे ऐसा क्यों नहीं कर रहे हैं। अब फिर से उग्रवाद लौट आया है और आतंकी गतिविधियां बढ़ गई हैं।

जब राहुल गांधी ने उनसे पुलवामा आतंकी हमले के बारे में पूछा, तो मलिक ने 14 फरवरी 2019 के हमले के लिए सरकार की खामियों को जिम्मेदार ठहराया।

पुलवामा पर बोलते हुए राहुल गांधी ने कहा कि जैसे ही उन्हें घटना के बारे में पता चला, वह शहीदों को श्रद्धांजलि देने के लिए हवाईअड्डे गए। मुझे एक कमरे में बंद कर दिया गया। मुझे ऐसा लगा जैसे यह कोई घटना हो। पीएम मोदी वहां थे। मुझे कमरे से बाहर निकलने के लिए संघर्ष करना पड़ा। यह काफी अरुचिकर था।

पूर्व राज्यपाल ने कहा कि प्रधानमंत्री को श्रीनगर पहुंचना चाहिए था। घटना वाले दिन वह जिम कॉर्बेट में शूटिंग कर रहे थे। फिर उन्होंने शाम को मुझे फोन किया और उन्होंने मुझसे इस मुद्दे पर नहीं बोलने को कहा।

मलिक ने दावा किया कि मैंने दो चैनलों को बताया कि यह हमारी गलती थी लेकिन मुझसे कहा गया कि मैं यह बात कहीं न कहूं। मुझे लगा कि मेरे बयानों से जांच पर असर पड़ सकता है, लेकिन कोई जांच नहीं हुई। इसका इस्तेमाल चुनाव के लिए किया गया। तीसरे दिन प्रधानमंत्री मोदी ने अपना भाषण दिया जहां उन्होंने इसका राजनीतिक इस्तेमाल किया।

इसके बाद राहुल गांधी ने पूछा कि पुलवामा की घटना क्यों हुई। मलिक ने जवाब दिया कि सीआरपीएफ ने पांच विमान मांगे थे। अगर उन्होंने मुझसे पूछा होता, तो मैं उन्हें तुरंत दे देता, जैसे मैंने बर्फ में फंसे छात्रों को विमान उपलब्ध कराया था।

उन्होंने यह भी कहा कि दिल्ली में किराये पर विमान लेना आसान है। लेकिन उनका आवेदन गृह मंत्रालय में चार महीने तक पड़ा रहा, और फिर इसे खारिज कर दिया गया। इसके बाद सीआरपीएफ कर्मियों ने वह सड़क अपनाई जो असुरक्षित मानी जाती थी।

सीआरपीएफ वाहन पर हमला करने वाला विस्फोटक लदा ट्रक करीब 10-12 दिनों से इलाके में घूम रहा था और हमारी व्यवस्था अच्छी नहीं थी।

इसके अलावा सत्यपाल मलिक ने कहा कि विस्फोटक पाकिस्तान से भेजे गया था। गाड़ी के ड्राइवर और मालिक का आतंकी रिकॉर्ड था। उन्हें कई बार गिरफ्तार किया गया और फिर रिहा किया गया। लेकिन वे इंटेलिजेंस के रडार पर नहीं थे। घटना के दिन सभी लिंक सड़कों को साफ नहीं किया गया था। घटना की खबर सुनने के बाद मैं रो पड़ा था।

राहुल गांधी ने जाति आधारित जनगणना की भी बात की और संसद में अपने भाषण का जिक्र किया और मलिक की राय मांगी।

मलिक ने कहा कि हमें इसे अनिवार्य बनाना होगा और लोगों को सिस्टम में आने के लिए जागरूक करना होगा।

दोनों नेताओं ने मणिपुर की स्थिति पर भी चर्चा की। मलिक ने कहा कि सरकार का मणिपुर में कोई नियंत्रण नहीं है। लेकिन यह केवल छह महीने के लिए है। मैं लिखित में दे सकता हूं। वे सत्ता में वापस नहीं आएंगे।

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