नई दिल्ली, 21 जून (आईएएनएस)। विपक्ष, खासकर कांग्रेस और राहुल गांधी लगातार देश में लोकतंत्र को लेकर भाजपा सरकार पर निशाना साधते रहते हैं। भाजपा अब लोगों की आपातकाल की याद दिलाकर राहुल गांधी को जवाब देने जा रही है। भाजपा आपातकाल की बरसी पर 25 जून को एक तरफ देशभर में कांग्रेस को घेरने और लोगों को इंदिरा गांधी द्वारा लगाए गए आपातकाल की याद दिलाने के लिए कार्यक्रम करने जा रही है, तो वहीं सोशल मीडिया पर भी पोस्टर, बैनर और वीडियो के जरिए लोगों को खासकर युवा मतदाताओं को, जिन्होंने आपातकाल के बारे में अब तक सिर्फ सुना या पढ़ा है, यह बताने का प्रयास किया जाएगा कि आज लोकतंत्र की बात करने वाले कांग्रेस की पिछली सरकार ने देश में आपातकाल लगाकर किस तरह की ज्यादतियां की थीं।
पार्टी सूत्रों के मुताबिक, भाजपा ने अपने सभी सांसदों को 25 जून को आपातकाल से जुड़े कार्यक्रम करने और उसमें आपातकाल के खिलाफ लड़ने वाले लोगों के साथ-साथ आपातकाल की त्रासदी को झेलने वाले लोगों को भी आमंत्रित करने को कहा है, ताकि इन लोगों के जरिए पार्टी देश को आपातकाल के बारे में बता सकें।
आपको याद दिला दें कि 18 जून को अपने रेडियो कार्यक्रम मन की बात में युवा पीढ़ी को आपातकाल के बारे में बताने की वकालत करते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने भी कहा था कि भारत लोकतंत्र की जननी है, मदर ऑफ डेमोक्रेसी है। हम, अपने लोकतांत्रिक आदर्शो को सर्वोपरि मानते हैं, अपने संविधान को सर्वोपरि मानते हैं, इसलिए, हम 25 जून को भी कभी भुला नहीं सकते। यह वही दिन है, जब हमारे देश पर इमरजेंसी थोपी गई थी। यह भारत के इतिहास का काला दौर था। लाखों लोगों ने आपातकाल का पूरी ताकत से विरोध किया था। लोकतंत्र के समर्थकों पर उस दौरान इतना अत्याचार किया गया, इतनी यातनाएं दी गईं कि आज भी मन सिहर उठता है।
उन्होंने कहा था कि वे चाहेंगे कि आज, जब हम आजादी का अमृत महोत्सव मना रहे हैं, तो देश की आजादी को खतरे में डालने वाले ऐसे अपराधों का भी जरूर अवलोकन करें। इससे आज की युवा पीढ़ी को लोकतंत्र के मायने और उसकी अहमियत समझने में और ज्यादा आसानी होगी।
–आईएएनएस
एसटीपी/एसजीके
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नई दिल्ली, 21 जून (आईएएनएस)। विपक्ष, खासकर कांग्रेस और राहुल गांधी लगातार देश में लोकतंत्र को लेकर भाजपा सरकार पर निशाना साधते रहते हैं। भाजपा अब लोगों की आपातकाल की याद दिलाकर राहुल गांधी को जवाब देने जा रही है। भाजपा आपातकाल की बरसी पर 25 जून को एक तरफ देशभर में कांग्रेस को घेरने और लोगों को इंदिरा गांधी द्वारा लगाए गए आपातकाल की याद दिलाने के लिए कार्यक्रम करने जा रही है, तो वहीं सोशल मीडिया पर भी पोस्टर, बैनर और वीडियो के जरिए लोगों को खासकर युवा मतदाताओं को, जिन्होंने आपातकाल के बारे में अब तक सिर्फ सुना या पढ़ा है, यह बताने का प्रयास किया जाएगा कि आज लोकतंत्र की बात करने वाले कांग्रेस की पिछली सरकार ने देश में आपातकाल लगाकर किस तरह की ज्यादतियां की थीं।
पार्टी सूत्रों के मुताबिक, भाजपा ने अपने सभी सांसदों को 25 जून को आपातकाल से जुड़े कार्यक्रम करने और उसमें आपातकाल के खिलाफ लड़ने वाले लोगों के साथ-साथ आपातकाल की त्रासदी को झेलने वाले लोगों को भी आमंत्रित करने को कहा है, ताकि इन लोगों के जरिए पार्टी देश को आपातकाल के बारे में बता सकें।
आपको याद दिला दें कि 18 जून को अपने रेडियो कार्यक्रम मन की बात में युवा पीढ़ी को आपातकाल के बारे में बताने की वकालत करते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने भी कहा था कि भारत लोकतंत्र की जननी है, मदर ऑफ डेमोक्रेसी है। हम, अपने लोकतांत्रिक आदर्शो को सर्वोपरि मानते हैं, अपने संविधान को सर्वोपरि मानते हैं, इसलिए, हम 25 जून को भी कभी भुला नहीं सकते। यह वही दिन है, जब हमारे देश पर इमरजेंसी थोपी गई थी। यह भारत के इतिहास का काला दौर था। लाखों लोगों ने आपातकाल का पूरी ताकत से विरोध किया था। लोकतंत्र के समर्थकों पर उस दौरान इतना अत्याचार किया गया, इतनी यातनाएं दी गईं कि आज भी मन सिहर उठता है।
उन्होंने कहा था कि वे चाहेंगे कि आज, जब हम आजादी का अमृत महोत्सव मना रहे हैं, तो देश की आजादी को खतरे में डालने वाले ऐसे अपराधों का भी जरूर अवलोकन करें। इससे आज की युवा पीढ़ी को लोकतंत्र के मायने और उसकी अहमियत समझने में और ज्यादा आसानी होगी।
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नई दिल्ली, 21 जून (आईएएनएस)। विपक्ष, खासकर कांग्रेस और राहुल गांधी लगातार देश में लोकतंत्र को लेकर भाजपा सरकार पर निशाना साधते रहते हैं। भाजपा अब लोगों की आपातकाल की याद दिलाकर राहुल गांधी को जवाब देने जा रही है। भाजपा आपातकाल की बरसी पर 25 जून को एक तरफ देशभर में कांग्रेस को घेरने और लोगों को इंदिरा गांधी द्वारा लगाए गए आपातकाल की याद दिलाने के लिए कार्यक्रम करने जा रही है, तो वहीं सोशल मीडिया पर भी पोस्टर, बैनर और वीडियो के जरिए लोगों को खासकर युवा मतदाताओं को, जिन्होंने आपातकाल के बारे में अब तक सिर्फ सुना या पढ़ा है, यह बताने का प्रयास किया जाएगा कि आज लोकतंत्र की बात करने वाले कांग्रेस की पिछली सरकार ने देश में आपातकाल लगाकर किस तरह की ज्यादतियां की थीं।
पार्टी सूत्रों के मुताबिक, भाजपा ने अपने सभी सांसदों को 25 जून को आपातकाल से जुड़े कार्यक्रम करने और उसमें आपातकाल के खिलाफ लड़ने वाले लोगों के साथ-साथ आपातकाल की त्रासदी को झेलने वाले लोगों को भी आमंत्रित करने को कहा है, ताकि इन लोगों के जरिए पार्टी देश को आपातकाल के बारे में बता सकें।
आपको याद दिला दें कि 18 जून को अपने रेडियो कार्यक्रम मन की बात में युवा पीढ़ी को आपातकाल के बारे में बताने की वकालत करते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने भी कहा था कि भारत लोकतंत्र की जननी है, मदर ऑफ डेमोक्रेसी है। हम, अपने लोकतांत्रिक आदर्शो को सर्वोपरि मानते हैं, अपने संविधान को सर्वोपरि मानते हैं, इसलिए, हम 25 जून को भी कभी भुला नहीं सकते। यह वही दिन है, जब हमारे देश पर इमरजेंसी थोपी गई थी। यह भारत के इतिहास का काला दौर था। लाखों लोगों ने आपातकाल का पूरी ताकत से विरोध किया था। लोकतंत्र के समर्थकों पर उस दौरान इतना अत्याचार किया गया, इतनी यातनाएं दी गईं कि आज भी मन सिहर उठता है।
उन्होंने कहा था कि वे चाहेंगे कि आज, जब हम आजादी का अमृत महोत्सव मना रहे हैं, तो देश की आजादी को खतरे में डालने वाले ऐसे अपराधों का भी जरूर अवलोकन करें। इससे आज की युवा पीढ़ी को लोकतंत्र के मायने और उसकी अहमियत समझने में और ज्यादा आसानी होगी।
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आपको याद दिला दें कि 18 जून को अपने रेडियो कार्यक्रम मन की बात में युवा पीढ़ी को आपातकाल के बारे में बताने की वकालत करते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने भी कहा था कि भारत लोकतंत्र की जननी है, मदर ऑफ डेमोक्रेसी है। हम, अपने लोकतांत्रिक आदर्शो को सर्वोपरि मानते हैं, अपने संविधान को सर्वोपरि मानते हैं, इसलिए, हम 25 जून को भी कभी भुला नहीं सकते। यह वही दिन है, जब हमारे देश पर इमरजेंसी थोपी गई थी। यह भारत के इतिहास का काला दौर था। लाखों लोगों ने आपातकाल का पूरी ताकत से विरोध किया था। लोकतंत्र के समर्थकों पर उस दौरान इतना अत्याचार किया गया, इतनी यातनाएं दी गईं कि आज भी मन सिहर उठता है।
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पार्टी सूत्रों के मुताबिक, भाजपा ने अपने सभी सांसदों को 25 जून को आपातकाल से जुड़े कार्यक्रम करने और उसमें आपातकाल के खिलाफ लड़ने वाले लोगों के साथ-साथ आपातकाल की त्रासदी को झेलने वाले लोगों को भी आमंत्रित करने को कहा है, ताकि इन लोगों के जरिए पार्टी देश को आपातकाल के बारे में बता सकें।
आपको याद दिला दें कि 18 जून को अपने रेडियो कार्यक्रम मन की बात में युवा पीढ़ी को आपातकाल के बारे में बताने की वकालत करते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने भी कहा था कि भारत लोकतंत्र की जननी है, मदर ऑफ डेमोक्रेसी है। हम, अपने लोकतांत्रिक आदर्शो को सर्वोपरि मानते हैं, अपने संविधान को सर्वोपरि मानते हैं, इसलिए, हम 25 जून को भी कभी भुला नहीं सकते। यह वही दिन है, जब हमारे देश पर इमरजेंसी थोपी गई थी। यह भारत के इतिहास का काला दौर था। लाखों लोगों ने आपातकाल का पूरी ताकत से विरोध किया था। लोकतंत्र के समर्थकों पर उस दौरान इतना अत्याचार किया गया, इतनी यातनाएं दी गईं कि आज भी मन सिहर उठता है।
उन्होंने कहा था कि वे चाहेंगे कि आज, जब हम आजादी का अमृत महोत्सव मना रहे हैं, तो देश की आजादी को खतरे में डालने वाले ऐसे अपराधों का भी जरूर अवलोकन करें। इससे आज की युवा पीढ़ी को लोकतंत्र के मायने और उसकी अहमियत समझने में और ज्यादा आसानी होगी।
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पार्टी सूत्रों के मुताबिक, भाजपा ने अपने सभी सांसदों को 25 जून को आपातकाल से जुड़े कार्यक्रम करने और उसमें आपातकाल के खिलाफ लड़ने वाले लोगों के साथ-साथ आपातकाल की त्रासदी को झेलने वाले लोगों को भी आमंत्रित करने को कहा है, ताकि इन लोगों के जरिए पार्टी देश को आपातकाल के बारे में बता सकें।
आपको याद दिला दें कि 18 जून को अपने रेडियो कार्यक्रम मन की बात में युवा पीढ़ी को आपातकाल के बारे में बताने की वकालत करते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने भी कहा था कि भारत लोकतंत्र की जननी है, मदर ऑफ डेमोक्रेसी है। हम, अपने लोकतांत्रिक आदर्शो को सर्वोपरि मानते हैं, अपने संविधान को सर्वोपरि मानते हैं, इसलिए, हम 25 जून को भी कभी भुला नहीं सकते। यह वही दिन है, जब हमारे देश पर इमरजेंसी थोपी गई थी। यह भारत के इतिहास का काला दौर था। लाखों लोगों ने आपातकाल का पूरी ताकत से विरोध किया था। लोकतंत्र के समर्थकों पर उस दौरान इतना अत्याचार किया गया, इतनी यातनाएं दी गईं कि आज भी मन सिहर उठता है।
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पार्टी सूत्रों के मुताबिक, भाजपा ने अपने सभी सांसदों को 25 जून को आपातकाल से जुड़े कार्यक्रम करने और उसमें आपातकाल के खिलाफ लड़ने वाले लोगों के साथ-साथ आपातकाल की त्रासदी को झेलने वाले लोगों को भी आमंत्रित करने को कहा है, ताकि इन लोगों के जरिए पार्टी देश को आपातकाल के बारे में बता सकें।
आपको याद दिला दें कि 18 जून को अपने रेडियो कार्यक्रम मन की बात में युवा पीढ़ी को आपातकाल के बारे में बताने की वकालत करते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने भी कहा था कि भारत लोकतंत्र की जननी है, मदर ऑफ डेमोक्रेसी है। हम, अपने लोकतांत्रिक आदर्शो को सर्वोपरि मानते हैं, अपने संविधान को सर्वोपरि मानते हैं, इसलिए, हम 25 जून को भी कभी भुला नहीं सकते। यह वही दिन है, जब हमारे देश पर इमरजेंसी थोपी गई थी। यह भारत के इतिहास का काला दौर था। लाखों लोगों ने आपातकाल का पूरी ताकत से विरोध किया था। लोकतंत्र के समर्थकों पर उस दौरान इतना अत्याचार किया गया, इतनी यातनाएं दी गईं कि आज भी मन सिहर उठता है।
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पार्टी सूत्रों के मुताबिक, भाजपा ने अपने सभी सांसदों को 25 जून को आपातकाल से जुड़े कार्यक्रम करने और उसमें आपातकाल के खिलाफ लड़ने वाले लोगों के साथ-साथ आपातकाल की त्रासदी को झेलने वाले लोगों को भी आमंत्रित करने को कहा है, ताकि इन लोगों के जरिए पार्टी देश को आपातकाल के बारे में बता सकें।
आपको याद दिला दें कि 18 जून को अपने रेडियो कार्यक्रम मन की बात में युवा पीढ़ी को आपातकाल के बारे में बताने की वकालत करते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने भी कहा था कि भारत लोकतंत्र की जननी है, मदर ऑफ डेमोक्रेसी है। हम, अपने लोकतांत्रिक आदर्शो को सर्वोपरि मानते हैं, अपने संविधान को सर्वोपरि मानते हैं, इसलिए, हम 25 जून को भी कभी भुला नहीं सकते। यह वही दिन है, जब हमारे देश पर इमरजेंसी थोपी गई थी। यह भारत के इतिहास का काला दौर था। लाखों लोगों ने आपातकाल का पूरी ताकत से विरोध किया था। लोकतंत्र के समर्थकों पर उस दौरान इतना अत्याचार किया गया, इतनी यातनाएं दी गईं कि आज भी मन सिहर उठता है।
उन्होंने कहा था कि वे चाहेंगे कि आज, जब हम आजादी का अमृत महोत्सव मना रहे हैं, तो देश की आजादी को खतरे में डालने वाले ऐसे अपराधों का भी जरूर अवलोकन करें। इससे आज की युवा पीढ़ी को लोकतंत्र के मायने और उसकी अहमियत समझने में और ज्यादा आसानी होगी।
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पार्टी सूत्रों के मुताबिक, भाजपा ने अपने सभी सांसदों को 25 जून को आपातकाल से जुड़े कार्यक्रम करने और उसमें आपातकाल के खिलाफ लड़ने वाले लोगों के साथ-साथ आपातकाल की त्रासदी को झेलने वाले लोगों को भी आमंत्रित करने को कहा है, ताकि इन लोगों के जरिए पार्टी देश को आपातकाल के बारे में बता सकें।
आपको याद दिला दें कि 18 जून को अपने रेडियो कार्यक्रम मन की बात में युवा पीढ़ी को आपातकाल के बारे में बताने की वकालत करते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने भी कहा था कि भारत लोकतंत्र की जननी है, मदर ऑफ डेमोक्रेसी है। हम, अपने लोकतांत्रिक आदर्शो को सर्वोपरि मानते हैं, अपने संविधान को सर्वोपरि मानते हैं, इसलिए, हम 25 जून को भी कभी भुला नहीं सकते। यह वही दिन है, जब हमारे देश पर इमरजेंसी थोपी गई थी। यह भारत के इतिहास का काला दौर था। लाखों लोगों ने आपातकाल का पूरी ताकत से विरोध किया था। लोकतंत्र के समर्थकों पर उस दौरान इतना अत्याचार किया गया, इतनी यातनाएं दी गईं कि आज भी मन सिहर उठता है।
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उन्होंने कहा था कि वे चाहेंगे कि आज, जब हम आजादी का अमृत महोत्सव मना रहे हैं, तो देश की आजादी को खतरे में डालने वाले ऐसे अपराधों का भी जरूर अवलोकन करें। इससे आज की युवा पीढ़ी को लोकतंत्र के मायने और उसकी अहमियत समझने में और ज्यादा आसानी होगी।
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पार्टी सूत्रों के मुताबिक, भाजपा ने अपने सभी सांसदों को 25 जून को आपातकाल से जुड़े कार्यक्रम करने और उसमें आपातकाल के खिलाफ लड़ने वाले लोगों के साथ-साथ आपातकाल की त्रासदी को झेलने वाले लोगों को भी आमंत्रित करने को कहा है, ताकि इन लोगों के जरिए पार्टी देश को आपातकाल के बारे में बता सकें।
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उन्होंने कहा था कि वे चाहेंगे कि आज, जब हम आजादी का अमृत महोत्सव मना रहे हैं, तो देश की आजादी को खतरे में डालने वाले ऐसे अपराधों का भी जरूर अवलोकन करें। इससे आज की युवा पीढ़ी को लोकतंत्र के मायने और उसकी अहमियत समझने में और ज्यादा आसानी होगी।
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नई दिल्ली, 21 जून (आईएएनएस)। विपक्ष, खासकर कांग्रेस और राहुल गांधी लगातार देश में लोकतंत्र को लेकर भाजपा सरकार पर निशाना साधते रहते हैं। भाजपा अब लोगों की आपातकाल की याद दिलाकर राहुल गांधी को जवाब देने जा रही है। भाजपा आपातकाल की बरसी पर 25 जून को एक तरफ देशभर में कांग्रेस को घेरने और लोगों को इंदिरा गांधी द्वारा लगाए गए आपातकाल की याद दिलाने के लिए कार्यक्रम करने जा रही है, तो वहीं सोशल मीडिया पर भी पोस्टर, बैनर और वीडियो के जरिए लोगों को खासकर युवा मतदाताओं को, जिन्होंने आपातकाल के बारे में अब तक सिर्फ सुना या पढ़ा है, यह बताने का प्रयास किया जाएगा कि आज लोकतंत्र की बात करने वाले कांग्रेस की पिछली सरकार ने देश में आपातकाल लगाकर किस तरह की ज्यादतियां की थीं।
पार्टी सूत्रों के मुताबिक, भाजपा ने अपने सभी सांसदों को 25 जून को आपातकाल से जुड़े कार्यक्रम करने और उसमें आपातकाल के खिलाफ लड़ने वाले लोगों के साथ-साथ आपातकाल की त्रासदी को झेलने वाले लोगों को भी आमंत्रित करने को कहा है, ताकि इन लोगों के जरिए पार्टी देश को आपातकाल के बारे में बता सकें।
आपको याद दिला दें कि 18 जून को अपने रेडियो कार्यक्रम मन की बात में युवा पीढ़ी को आपातकाल के बारे में बताने की वकालत करते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने भी कहा था कि भारत लोकतंत्र की जननी है, मदर ऑफ डेमोक्रेसी है। हम, अपने लोकतांत्रिक आदर्शो को सर्वोपरि मानते हैं, अपने संविधान को सर्वोपरि मानते हैं, इसलिए, हम 25 जून को भी कभी भुला नहीं सकते। यह वही दिन है, जब हमारे देश पर इमरजेंसी थोपी गई थी। यह भारत के इतिहास का काला दौर था। लाखों लोगों ने आपातकाल का पूरी ताकत से विरोध किया था। लोकतंत्र के समर्थकों पर उस दौरान इतना अत्याचार किया गया, इतनी यातनाएं दी गईं कि आज भी मन सिहर उठता है।
उन्होंने कहा था कि वे चाहेंगे कि आज, जब हम आजादी का अमृत महोत्सव मना रहे हैं, तो देश की आजादी को खतरे में डालने वाले ऐसे अपराधों का भी जरूर अवलोकन करें। इससे आज की युवा पीढ़ी को लोकतंत्र के मायने और उसकी अहमियत समझने में और ज्यादा आसानी होगी।
–आईएएनएस
एसटीपी/एसजीके
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नई दिल्ली, 21 जून (आईएएनएस)। विपक्ष, खासकर कांग्रेस और राहुल गांधी लगातार देश में लोकतंत्र को लेकर भाजपा सरकार पर निशाना साधते रहते हैं। भाजपा अब लोगों की आपातकाल की याद दिलाकर राहुल गांधी को जवाब देने जा रही है। भाजपा आपातकाल की बरसी पर 25 जून को एक तरफ देशभर में कांग्रेस को घेरने और लोगों को इंदिरा गांधी द्वारा लगाए गए आपातकाल की याद दिलाने के लिए कार्यक्रम करने जा रही है, तो वहीं सोशल मीडिया पर भी पोस्टर, बैनर और वीडियो के जरिए लोगों को खासकर युवा मतदाताओं को, जिन्होंने आपातकाल के बारे में अब तक सिर्फ सुना या पढ़ा है, यह बताने का प्रयास किया जाएगा कि आज लोकतंत्र की बात करने वाले कांग्रेस की पिछली सरकार ने देश में आपातकाल लगाकर किस तरह की ज्यादतियां की थीं।
पार्टी सूत्रों के मुताबिक, भाजपा ने अपने सभी सांसदों को 25 जून को आपातकाल से जुड़े कार्यक्रम करने और उसमें आपातकाल के खिलाफ लड़ने वाले लोगों के साथ-साथ आपातकाल की त्रासदी को झेलने वाले लोगों को भी आमंत्रित करने को कहा है, ताकि इन लोगों के जरिए पार्टी देश को आपातकाल के बारे में बता सकें।
आपको याद दिला दें कि 18 जून को अपने रेडियो कार्यक्रम मन की बात में युवा पीढ़ी को आपातकाल के बारे में बताने की वकालत करते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने भी कहा था कि भारत लोकतंत्र की जननी है, मदर ऑफ डेमोक्रेसी है। हम, अपने लोकतांत्रिक आदर्शो को सर्वोपरि मानते हैं, अपने संविधान को सर्वोपरि मानते हैं, इसलिए, हम 25 जून को भी कभी भुला नहीं सकते। यह वही दिन है, जब हमारे देश पर इमरजेंसी थोपी गई थी। यह भारत के इतिहास का काला दौर था। लाखों लोगों ने आपातकाल का पूरी ताकत से विरोध किया था। लोकतंत्र के समर्थकों पर उस दौरान इतना अत्याचार किया गया, इतनी यातनाएं दी गईं कि आज भी मन सिहर उठता है।
उन्होंने कहा था कि वे चाहेंगे कि आज, जब हम आजादी का अमृत महोत्सव मना रहे हैं, तो देश की आजादी को खतरे में डालने वाले ऐसे अपराधों का भी जरूर अवलोकन करें। इससे आज की युवा पीढ़ी को लोकतंत्र के मायने और उसकी अहमियत समझने में और ज्यादा आसानी होगी।
–आईएएनएस
एसटीपी/एसजीके
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नई दिल्ली, 21 जून (आईएएनएस)। विपक्ष, खासकर कांग्रेस और राहुल गांधी लगातार देश में लोकतंत्र को लेकर भाजपा सरकार पर निशाना साधते रहते हैं। भाजपा अब लोगों की आपातकाल की याद दिलाकर राहुल गांधी को जवाब देने जा रही है। भाजपा आपातकाल की बरसी पर 25 जून को एक तरफ देशभर में कांग्रेस को घेरने और लोगों को इंदिरा गांधी द्वारा लगाए गए आपातकाल की याद दिलाने के लिए कार्यक्रम करने जा रही है, तो वहीं सोशल मीडिया पर भी पोस्टर, बैनर और वीडियो के जरिए लोगों को खासकर युवा मतदाताओं को, जिन्होंने आपातकाल के बारे में अब तक सिर्फ सुना या पढ़ा है, यह बताने का प्रयास किया जाएगा कि आज लोकतंत्र की बात करने वाले कांग्रेस की पिछली सरकार ने देश में आपातकाल लगाकर किस तरह की ज्यादतियां की थीं।
पार्टी सूत्रों के मुताबिक, भाजपा ने अपने सभी सांसदों को 25 जून को आपातकाल से जुड़े कार्यक्रम करने और उसमें आपातकाल के खिलाफ लड़ने वाले लोगों के साथ-साथ आपातकाल की त्रासदी को झेलने वाले लोगों को भी आमंत्रित करने को कहा है, ताकि इन लोगों के जरिए पार्टी देश को आपातकाल के बारे में बता सकें।
आपको याद दिला दें कि 18 जून को अपने रेडियो कार्यक्रम मन की बात में युवा पीढ़ी को आपातकाल के बारे में बताने की वकालत करते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने भी कहा था कि भारत लोकतंत्र की जननी है, मदर ऑफ डेमोक्रेसी है। हम, अपने लोकतांत्रिक आदर्शो को सर्वोपरि मानते हैं, अपने संविधान को सर्वोपरि मानते हैं, इसलिए, हम 25 जून को भी कभी भुला नहीं सकते। यह वही दिन है, जब हमारे देश पर इमरजेंसी थोपी गई थी। यह भारत के इतिहास का काला दौर था। लाखों लोगों ने आपातकाल का पूरी ताकत से विरोध किया था। लोकतंत्र के समर्थकों पर उस दौरान इतना अत्याचार किया गया, इतनी यातनाएं दी गईं कि आज भी मन सिहर उठता है।
उन्होंने कहा था कि वे चाहेंगे कि आज, जब हम आजादी का अमृत महोत्सव मना रहे हैं, तो देश की आजादी को खतरे में डालने वाले ऐसे अपराधों का भी जरूर अवलोकन करें। इससे आज की युवा पीढ़ी को लोकतंत्र के मायने और उसकी अहमियत समझने में और ज्यादा आसानी होगी।
–आईएएनएस
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नई दिल्ली, 21 जून (आईएएनएस)। विपक्ष, खासकर कांग्रेस और राहुल गांधी लगातार देश में लोकतंत्र को लेकर भाजपा सरकार पर निशाना साधते रहते हैं। भाजपा अब लोगों की आपातकाल की याद दिलाकर राहुल गांधी को जवाब देने जा रही है। भाजपा आपातकाल की बरसी पर 25 जून को एक तरफ देशभर में कांग्रेस को घेरने और लोगों को इंदिरा गांधी द्वारा लगाए गए आपातकाल की याद दिलाने के लिए कार्यक्रम करने जा रही है, तो वहीं सोशल मीडिया पर भी पोस्टर, बैनर और वीडियो के जरिए लोगों को खासकर युवा मतदाताओं को, जिन्होंने आपातकाल के बारे में अब तक सिर्फ सुना या पढ़ा है, यह बताने का प्रयास किया जाएगा कि आज लोकतंत्र की बात करने वाले कांग्रेस की पिछली सरकार ने देश में आपातकाल लगाकर किस तरह की ज्यादतियां की थीं।
पार्टी सूत्रों के मुताबिक, भाजपा ने अपने सभी सांसदों को 25 जून को आपातकाल से जुड़े कार्यक्रम करने और उसमें आपातकाल के खिलाफ लड़ने वाले लोगों के साथ-साथ आपातकाल की त्रासदी को झेलने वाले लोगों को भी आमंत्रित करने को कहा है, ताकि इन लोगों के जरिए पार्टी देश को आपातकाल के बारे में बता सकें।
आपको याद दिला दें कि 18 जून को अपने रेडियो कार्यक्रम मन की बात में युवा पीढ़ी को आपातकाल के बारे में बताने की वकालत करते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने भी कहा था कि भारत लोकतंत्र की जननी है, मदर ऑफ डेमोक्रेसी है। हम, अपने लोकतांत्रिक आदर्शो को सर्वोपरि मानते हैं, अपने संविधान को सर्वोपरि मानते हैं, इसलिए, हम 25 जून को भी कभी भुला नहीं सकते। यह वही दिन है, जब हमारे देश पर इमरजेंसी थोपी गई थी। यह भारत के इतिहास का काला दौर था। लाखों लोगों ने आपातकाल का पूरी ताकत से विरोध किया था। लोकतंत्र के समर्थकों पर उस दौरान इतना अत्याचार किया गया, इतनी यातनाएं दी गईं कि आज भी मन सिहर उठता है।
उन्होंने कहा था कि वे चाहेंगे कि आज, जब हम आजादी का अमृत महोत्सव मना रहे हैं, तो देश की आजादी को खतरे में डालने वाले ऐसे अपराधों का भी जरूर अवलोकन करें। इससे आज की युवा पीढ़ी को लोकतंत्र के मायने और उसकी अहमियत समझने में और ज्यादा आसानी होगी।