मुंबई, 13 मार्च (आईएएनएस)। देश में आगामी लोकसभा चुनाव का रण जीतने के लिए राजनीतिक दलों के नेताओं ने कमर कस ली है। इसी बीच भाजपा, शिवसेना और एनसीपी की महायुति ने एक विज्ञापन अभियान शुरू किया है। इसके जरिए युवाओं, विशेषकर पहली बार मतदान करने वाले मतदाताओं को लुभाने के लिए कमर कस ली गई है।
महायुति का मकसद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की तर्ज पर ज्यादा से ज्यादा युवा आबादी तक पहुंचने का है। पीएम मोदी कहते हैं कि विकसित भारत के लिए युवाओं को सबसे आगे रखा जाना जरूरी है।
महाराष्ट्र सरकार और केंद्रीय सांख्यिकी एवं कार्यक्रम कार्यान्वयन मंत्रालय द्वारा एकत्र किए गए आंकड़ों के अनुसार, राज्य की 12.67 करोड़ आबादी में युवा 26.1 प्रतिशत से अधिक हैं, जबकि 15-29 वर्ष की श्रेणी में 26.7 प्रतिशत लोग हैं।
महायुति गठबंधन का मानना है कि वोटिंग के दौरान युवाओं की भागीदारी बढ़ने से वह महाराष्ट्र में अपने मिशन-45 प्लस को हासिल करने में कामयाब होंगे। महायुति सरकार ने युवाओं के कल्याण के लिए कई पहल की है, जो मुख्य रूप से नौकरी के अवसर और कौशल प्रदान करने से संबंधित है।
महायुति सरकार ने 6.86 लाख युवाओं के लिए रोजगार के अवसर पैदा करने के लिए 1,175 संस्थानों और उद्योगों के साथ समझौता ज्ञापनों पर हस्ताक्षर किए हैं। नमो महारोजगार मेला के माध्यम से नागपुर, लातूर, बारामती, अहमदनगर और ठाणे के प्रत्येक राजस्व प्रभाग में करीब 2 लाख रोजगार के अवसर उपलब्ध कराए गए।
सरकार ने पंडित दीनदयाल उपाध्याय रोजगार योजना के तहत अब तक 557 रोजगार मेलों का आयोजन किया है और प्रत्येक राजस्व मंडल पर अंतर्राष्ट्रीय कौशल विकास केंद्र की स्थापना की है।
इसी तरह अंतरराष्ट्रीय रोजगार केंद्र के माध्यम से विदेशों में भी रोजगार के अवसर उपलब्ध कराए गए। आधुनिक प्रशिक्षण एवं कौशल विकास भवन का निर्माण मुंबई के वर्ली में किया जाएगा। सरकार स्टार्टअप्स के लिए वित्तीय सहायता, प्रशिक्षण और परामर्श सेवाएं प्रदान करने के लिए पैसा खर्च कर रही है। सरकार ने पहले ही महाराष्ट्र को अपना हब बनाने के उद्देश्य से अपनी स्टार्ट-अप और फिनटेक नीति को लागू करना शुरू कर दिया है।
सरकार ने 1.53 लाख से ज्यादा खाली पदों पर भर्ती प्रक्रिया भी शुरू कर दी है। सरकार ने सभी वर्ग के लोगों को आकर्षित करने के लिए उनकी सैलरी 2.5 गुना तक बढ़ा दी है। एशियाई खेलों के विजेताओं के लिए पुरस्कार राशि 10 गुना बढ़ा दी गई है, इसी तरह खिलाड़ियों की पुरस्कार राशि का 10 प्रतिशत कोचों को दिया जाएगा। इसके अलावा, छत्रपति राज्य खेल पुरस्कार की राशि बढ़ा दी गई है, जबकि आजीवन उपलब्धि पुरस्कार के रूप में 3 लाख रुपये के बजाय 5 लाख रुपये दिए जाएंगे।
–आईएएनएस
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