कोपेनहेगन, 28 दिसम्बर (आईएएनएस)। डेनमार्क उद्योग परिसंघ (डीआई) द्वारा प्रकाशित एक रिपोर्ट के अनुसार, डेनमार्क में व्यवसायों के ऊर्जा बिल में 2022 में कुल 45.8 बिलियन डीकेके (6 बिलियन डॉलर) की वृद्धि हुई है।
डीआई के ऊर्जा विभाग ट्रॉल्स रानिस में उद्योग निदेशक ने मंगलवार को प्रकाशित रिपोर्ट में कहा, 2022 में, बिजली और गैस की कीमतें उस स्तर तक पहुंच गई हैं, जिसे हमने पहले कभी नहीं देखा था।
समाचार एजेंसी शिन्हुआ ने रिपोर्ट का हवाला देते हुए डीआई की गणना के अनुसार, 2019 की तुलना में 2022 में गैस और बिजली की कीमतों में क्रमश: डीकेके 15.7 बिलियन और डीकेके 30.1 बिलियन की वृद्धि हुई है।
रानिस ने कहा, कई कंपनियों के लिए, ऊर्जा की लागत पहले एक अपेक्षाकृत स्थिर खर्च थी, लेकिन इस साल यह पूरी तरह से उल्टा हो गया है। अब ऊर्जा की कीमतें उन पहली चीजों में से एक बन गई हैं, जिन पर कारोबारी नेता सुबह ध्यान केंद्रित करते हैं।
रिपोर्ट रूस-यूक्रेन युद्ध के लिए बढ़ती लागत का श्रेय देती है, जिसके परिणामस्वरूप रूस से प्राकृतिक गैस वितरण में कटौती हुई है और नॉर्वे में आधे-खाली जल जलाशयों में कटौती हुई है।
इन सभी ने, थोड़ी हवा की अवधि के साथ मिलकर, बिजली की कीमतों को साल भर में आसमान छू लिया है।
डीआई रिपोर्ट भविष्यवाणी करती है कि उच्च ऊर्जा कीमतों की प्रवृत्ति 2023 में जारी रहने की उम्मीद है क्योंकि गैस और बिजली वितरण के लिए निश्चित मूल्य वायदा अनुबंध समाप्त हो जाते हैं, जिसके परिणामस्वरूप अधिक कंपनियों को ऊर्जा के लिए उच्च कीमत का भुगतान करने के लिए मजबूर होना पड़ता है।
रानिस ने कहा, ऊर्जा की कीमतों में एक वर्ष के दौरान बहुत अधिक उतार-चढ़ाव हो सकता है, लेकिन आंकड़े बताते हैं कि आने वाले वर्ष में उच्च ऊर्जा कीमतों से कंपनियों पर दबाव पड़ेगा।
–आईएएनएस
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