नई दिल्ली, 13 दिसंबर (आईएएनएस)। दिग्गज कांग्रेसी नेता दिग्विजय सिंह ने शुक्रवार को आईएएनएस से एक विशेष साक्षात्कार में उपराष्ट्रपति और राज्यसभा के सभापति जगदीप धनखड़ पर विपक्षी सांसदों के साथ भेदभाव करने के आरोप लगाए। साथ ही उन्होंने ईवीएम, वक्फ संशोधन विधेयक, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा कुंभ पूजा में जाने और तमाम मुद्दों पर अपनी राय दी।
सवाल: विपक्षी पार्टियां उपराष्ट्रपति के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लेकर आई हैं, इसे कैसे देखते हैं?
जवाब: विपक्ष लगातार यह महसूस करता रहा है कि सभापति विपक्ष की अपीलों को नहीं सुनते हैं। पिछले कुछ समय से वह लगातार विपक्ष को अपनी बात कहने का अवसर नहीं दे रहे थे। पहली बार किसी भारतीय औद्योगिक घराने के खिलाफ अमेरिका में चार्जशीट दायर किया गया है और हम उस पर चर्चा करना चाहते थे। जब हमने चर्चा की मांग की तो उन्होंने मना कर दिया। लगातार मना करने के बाद विपक्ष ने भी राज्यसभा के नियम 267 (कार्यस्थगन प्रस्ताव) के तहत इस तथा अन्य विषयों पर चर्चा की मांग की। उन्होंने नियम 267 के तहत चर्चा के प्रस्तावों को अस्वीकार कर दिया। इसके बाद भी उन्होंने सामान्यतः विपक्ष के सांसदों को अपना बयान देने का अवसर नहीं दिया।
इसके बाद, तीन दिन सत्ता पक्ष की तरफ से वरिष्ठ सांसदों, संसदीय कार्य मंत्री और सदन के नेता ने भारतीय जनता पार्टी की तरफ से ऐसे आरोप लगाए, जिनको नियमों के तहत सदन में शामिल करने से पहले लिखित अनुमति ली जानी चाहिए थी। उन्होंने सोनिया गांधी पर आरोप लगाए, लेकिन इस बारे में पूरी जानकारी नहीं दी गई। यह सीधे तौर पर राज्यसभा की नियमावली का उल्लंघन था। इन बातों को लेकर विपक्ष में नाराजगी थी और जिस प्रकार से उन्होंने पक्षपात किया, वह चिंता का विषय था।
सवाल: ईवीएम का मुद्दा विपक्ष उठा रहा है। आपको लगता है कि वाकई ईवीएम में छेड़छाड़ हुई है?
जवाब: यह हमारा मौलिक अधिकार है कि हम जिसे चाहें, उसे वोट दें और वह वोट सही तरीके से गिना जाए। अब, ईवीएम आ जाने के बाद किसी को रसीद नहीं दी जा रही है जबकि 2013 में सुप्रीम कोर्ट का आदेश था कि वोटर को प्रिंटेड रसीद दी जाए, अब क्या हो रहा है कि सिर्फ सात सेकंड के लिए वीवीपैट दिखाया जाता है, लेकिन वह रसीद हमारे हाथ में नहीं दी जाती है। हमारी दो मुख्य शिकायतें हैं। पहली यह कि बैलेट यूनिट से संदेश वीवीपैट को जाता है और वीवीपैट का संदेश कंट्रोल यूनिट को भेजा जाता है। जो प्रिंटर है, वह वीवीपैट में है। वह माइक्रोप्रोसेसर के जरिए जाता है। इसमें सॉफ्टवेयर डाला जाता है, लेकिन उस सॉफ्टवेयर को उजागर नहीं किया जाता। हमारा अनुरोध है कि बैलेट पेपर से वोटिंग कराने में कोई दिक्कत नहीं होनी चाहिए, क्योंकि इससे लोगों का विश्वास बन जाएगा कि हमने जहां वोट डाला, वहीं उसकी गिनती हो रही है।
लोग कहते हैं कि इससे ज्यादा समय लगेगा, लेकिन हम यह कहते हैं कि अब सामान्य तौर पर 14 से 16 काउंटिंग टेबल लगते हैं। अगर आप 50-60 या 70 टेबल लगाते हैं तो इसकी गिनती आराम से हो जाएगी। हमारे पास सरकारी कर्मचारियों या अधिकारियों की कोई कमी नहीं है, न ही जगह की कमी है। सरकार के पास यह सुविधा है। इससे 6-7 राउंड में काउंटिंग पूरी हो सकती है और मुश्किल से आठ घंटे में काउंटिंग खत्म हो जाएगी। लोग इस व्यवस्था पर विश्वास करने लगेंगे। इसलिए हम ईवीएम पर विश्वास नहीं करते क्योंकि उसमें जो सॉफ्टवेयर डाला जाता है, उसे उजागर नहीं किया जाता, और यह भी नहीं बताया जाता कि वह मशीन कैसे काम करती है। इसमें सिग्नल लोडिंग के जरिए सॉफ्टवेयर डाला जाता है और नाम लोड होते हैं, जो इंटरनेट के माध्यम से किया जाता है। हमारा कहना है कि या तो बैलेट पेपर से वोटिंग कराइए, या ईवीएम के प्रति प्रेम है तो उस स्लिप को हमें हाथ में दे दीजिए ताकि हम उसे फोल्ड करके अलग से बैलेट बॉक्स में डाल सकें।
सवाल: लेकिन, पिछली बार आप इसी ईवीएम से जीते थे। उस पर क्या कहेंगे?
जवाब: मैं इस पर चर्चा नहीं करना चाहता कि कौन जीता और कौन हारा। मेरा मुख्य मुद्दा यह है कि मुझे अपने मौलिक अधिकारों का पालन करते हुए वोट डालने का अधिकार है। मुझे मेरा वोट मेरे हाथ में दिया जाए, ताकि मैं देख सकूं कि उसे सही तरीके से बैलेट बॉक्स में डाला जा रहा है।
सवाल: शुक्रवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी कुंभ के भूमि पूजन में गए थे। क्या उनको भूमि पूजन में जाना चाहिए?
जवाब: बिल्कुल जाना चाहिए। हमें इस पर कोई आपत्ति नहीं है। कोई भी व्यक्ति अपनी आस्था के अनुरूप यदि कहीं जाना चाहता है तो उसका अधिकार है।
सवाल: क्या वक्फ संशोधन विधेयक देश के मुसलमानों के खिलाफ है?
जवाब: वक्फ संशोधन विधेयक संयुक्त संसदीय समिति (जेपीसी) के पास गया है। जेपीसी से रिपोर्ट आने दीजिए, फिर हम देखेंगे। अभी कुछ कहना उचित नहीं होगा, जब तक जेपीसी में चर्चा पूरी नहीं हो जाती और रिपोर्ट नहीं आती। उसके बाद सदन में चर्चा के लिए आएगा तो उस पर विचार किया जाएगा।
सवाल : नरेंद्र मोदी आपको प्रधानमंत्री के तौर पर कैसे लगते हैं?
जवाब: नरेंद्र मोदी ने जितने वादे किए थे, वे पूरे नहीं किए। उन्होंने काला धन लाने का वादा किया था, लेकिन वह कहां गया? उन्होंने कहा था कि विदेशों में काला धन बहुत जमा है, लेकिन वह यहां से निकलने की बजाय स्विस बैंक में चला गया। एसआईटी बनाई थी, काला धन लाने के बारे में, और पनामा पेपर के बारे में जो खुलासे हुए थे, उन पर आज तक कोई रिपोर्ट नहीं आई है। नोटबंदी में उन्होंने वादा किया था कि भ्रष्टाचार समाप्त हो जाएगा, महंगाई कम हो जाएगी। इन सब बातों के बावजूद आज महंगाई बढ़ रही है, बेरोजगारी बढ़ रही है और जनता की बचत घट रही है।
उन्होंने जो वादे किए थे, उन्हें पूरा करने में वह असफल रहे हैं। आज बाजार में कैश फ्लो पांच गुणा ज्यादा हो गया है। महंगाई, बेरोजगारी बढ़ती जा रही है। बचत कम होती जा रही है। आप अपने परिवार को ही देख लीजिए, सैलरी आपकी बढ़ी नहीं है, खर्चा बढ़ गया, महंगाई बढ़ गई। प्रति व्यक्ति पारिवारिक बचत कम हो गई है। अल्पसंख्यकों के साथ जो बर्ताव हो रहा है, वह देश की समरसता को प्रभावित कर रहा है। संवैधानिक संस्थाओं को कमजोर किया जा रहा है, जिससे देश की स्थिति कमजोर हो रही है। गरीबों का कर्ज माफ नहीं हुआ, लेकिन बड़े उद्योगपतियों का कर्ज माफ कर दिया गया। राहुल गांधी ने सही कहा था कि यह सूट-बूट की सरकार है, और वाकई में यह एक सूट-बूट की सरकार है। इसी सत्र में केंद्र सरकार ने एक उत्तर में बताया है कि उद्योगपतियों का 9.5 लाख करोड़ रुपये का कर्जा माफ हुआ है। साथ ही कई और मदों में भी कर्जा भी माफ किया गया है। यह सरकार केवल बड़े-बड़े उद्योगपतियों के हक में ही काम करती है।
सवाल: मध्य प्रदेश के सीहोर जिले में परमार दंपति ने खुदकुशी करने से पहले आरोप लगाया कि उन्हें बीजेपी में शामिल होने के लिए मजबूर किया जा रहा था। इसको कैसे देखते हैं?
जवाब: मनोज परमार ने जो सुसाइड नोट छोड़ा है, उसकी नकल मेरे पास है। उन्होंने सभी को यह नोट भेजा है, जिसमें उनके हस्ताक्षर भी हैं। इसमें उन्होंने आरोप लगाया है कि उन पर राजनीतिक दबाव डाला जा रहा था कि अगर वह भाजपा में शामिल नहीं हुए, तो उन्हें जेल में डाल दिया जाएगा। यह गंभीर आरोप है। मैं चाहता हूं कि इसकी तत्काल जांच होनी चाहिए। निर्मला सीतारमण से मैंने अनुरोध किया था कि इस मामले की जांच हो और संबंधित अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की जाए।
–आईएएनएस
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