पटना, 27 मई (आईएएनएस)। बिहार के उपमुख्यमंत्री विजय कुमार सिन्हा ने कहा कि विपक्ष और उसका पूरा इकोसिस्टम अपनी हार की हताशा में ‘शोकगीत’ पढ़ने में जुट गया है।
उन्होंने कहा कि लोकसभा चुनाव की घोषणा के बाद से ही यह स्पष्ट था कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में एनडीए की प्रचंड जीत होने जा रही है। लेकिन, एक बड़ी विडंबना यह है कि विपक्ष अपनी लोकतांत्रिक जिम्मेदारी से मुंह मोड़कर नकारात्मक मानसिकता के साथ चुनाव में उतरा। प्रचार अभियान के पहले दिन से विपक्षी इंडी गठबंधन ने देश को सार्थक विकल्प उपलब्ध कराने के प्रयास की जगह कभी संविधान को खतरे में बताया, कभी संवैधानिक संस्थाओं की छवि धूमिल करने की कोशिश की, कभी धार्मिक विभाजन का असफल प्रयास किया तो कभी लोकतंत्र के अस्तित्व को ही कटघरे में खड़ा कर दिया।
सिन्हा ने कहा कि चुनाव अपने अंतिम पड़ाव पर पहुंचने को है, अब इनके नेता और इनका इकोसिस्टम एक-एक कर चुनाव आयोग, ईवीएम और मतदान प्रतिशत से जुड़े निराधार विमर्श के साथ सामने आने लगे हैं। चुनाव आयोग की निष्पक्षता, ईवीएम या मतदान के आंकड़ों में छेड़छाड़ जैसे आरोप लगाकर ये लोग देश के लिए गंभीर समस्या खड़ी कर रहे हैं।
उन्होंने कहा कि लोगों ने पहले भी देखा है कि ये लोग जब चुनाव जीतते हैं तो ईवीएम ठीक हो जाता है, जब हारते हैं तो हैक हो जाता है। देश की जनता के सामने मोदी सरकार का 10 साल का रिपोर्ट कार्ड और अगले पांच साल की गारंटी है। भाजपा सहित एनडीए के सभी सहयोगी दलों के कार्यकर्ता दिन-रात एक कर हर बूथ के हर घर तक पहुंचे हैं। चुनाव की जीत-हार से आगे बढ़कर अब देश की जनता को इंडी गठबंधन के नेताओं के खरतनाक मंसूबों पर गंभीरता से विचार करना होगा। ये लोग संविधान, संवैधानिक संस्थाओं और लोकतंत्र पर निराधार आरोप लगाकर देश की पूरी व्यवस्था को अराजकता की आग में झोंकने का प्रयास कर रहे हैं।
–आईएएनएस
एमएनपी/एबीएम
ADVERTISEMENT
पटना, 27 मई (आईएएनएस)। बिहार के उपमुख्यमंत्री विजय कुमार सिन्हा ने कहा कि विपक्ष और उसका पूरा इकोसिस्टम अपनी हार की हताशा में ‘शोकगीत’ पढ़ने में जुट गया है।
उन्होंने कहा कि लोकसभा चुनाव की घोषणा के बाद से ही यह स्पष्ट था कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में एनडीए की प्रचंड जीत होने जा रही है। लेकिन, एक बड़ी विडंबना यह है कि विपक्ष अपनी लोकतांत्रिक जिम्मेदारी से मुंह मोड़कर नकारात्मक मानसिकता के साथ चुनाव में उतरा। प्रचार अभियान के पहले दिन से विपक्षी इंडी गठबंधन ने देश को सार्थक विकल्प उपलब्ध कराने के प्रयास की जगह कभी संविधान को खतरे में बताया, कभी संवैधानिक संस्थाओं की छवि धूमिल करने की कोशिश की, कभी धार्मिक विभाजन का असफल प्रयास किया तो कभी लोकतंत्र के अस्तित्व को ही कटघरे में खड़ा कर दिया।
सिन्हा ने कहा कि चुनाव अपने अंतिम पड़ाव पर पहुंचने को है, अब इनके नेता और इनका इकोसिस्टम एक-एक कर चुनाव आयोग, ईवीएम और मतदान प्रतिशत से जुड़े निराधार विमर्श के साथ सामने आने लगे हैं। चुनाव आयोग की निष्पक्षता, ईवीएम या मतदान के आंकड़ों में छेड़छाड़ जैसे आरोप लगाकर ये लोग देश के लिए गंभीर समस्या खड़ी कर रहे हैं।
उन्होंने कहा कि लोगों ने पहले भी देखा है कि ये लोग जब चुनाव जीतते हैं तो ईवीएम ठीक हो जाता है, जब हारते हैं तो हैक हो जाता है। देश की जनता के सामने मोदी सरकार का 10 साल का रिपोर्ट कार्ड और अगले पांच साल की गारंटी है। भाजपा सहित एनडीए के सभी सहयोगी दलों के कार्यकर्ता दिन-रात एक कर हर बूथ के हर घर तक पहुंचे हैं। चुनाव की जीत-हार से आगे बढ़कर अब देश की जनता को इंडी गठबंधन के नेताओं के खरतनाक मंसूबों पर गंभीरता से विचार करना होगा। ये लोग संविधान, संवैधानिक संस्थाओं और लोकतंत्र पर निराधार आरोप लगाकर देश की पूरी व्यवस्था को अराजकता की आग में झोंकने का प्रयास कर रहे हैं।
–आईएएनएस
एमएनपी/एबीएम
ADVERTISEMENT
पटना, 27 मई (आईएएनएस)। बिहार के उपमुख्यमंत्री विजय कुमार सिन्हा ने कहा कि विपक्ष और उसका पूरा इकोसिस्टम अपनी हार की हताशा में ‘शोकगीत’ पढ़ने में जुट गया है।
उन्होंने कहा कि लोकसभा चुनाव की घोषणा के बाद से ही यह स्पष्ट था कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में एनडीए की प्रचंड जीत होने जा रही है। लेकिन, एक बड़ी विडंबना यह है कि विपक्ष अपनी लोकतांत्रिक जिम्मेदारी से मुंह मोड़कर नकारात्मक मानसिकता के साथ चुनाव में उतरा। प्रचार अभियान के पहले दिन से विपक्षी इंडी गठबंधन ने देश को सार्थक विकल्प उपलब्ध कराने के प्रयास की जगह कभी संविधान को खतरे में बताया, कभी संवैधानिक संस्थाओं की छवि धूमिल करने की कोशिश की, कभी धार्मिक विभाजन का असफल प्रयास किया तो कभी लोकतंत्र के अस्तित्व को ही कटघरे में खड़ा कर दिया।
सिन्हा ने कहा कि चुनाव अपने अंतिम पड़ाव पर पहुंचने को है, अब इनके नेता और इनका इकोसिस्टम एक-एक कर चुनाव आयोग, ईवीएम और मतदान प्रतिशत से जुड़े निराधार विमर्श के साथ सामने आने लगे हैं। चुनाव आयोग की निष्पक्षता, ईवीएम या मतदान के आंकड़ों में छेड़छाड़ जैसे आरोप लगाकर ये लोग देश के लिए गंभीर समस्या खड़ी कर रहे हैं।
उन्होंने कहा कि लोगों ने पहले भी देखा है कि ये लोग जब चुनाव जीतते हैं तो ईवीएम ठीक हो जाता है, जब हारते हैं तो हैक हो जाता है। देश की जनता के सामने मोदी सरकार का 10 साल का रिपोर्ट कार्ड और अगले पांच साल की गारंटी है। भाजपा सहित एनडीए के सभी सहयोगी दलों के कार्यकर्ता दिन-रात एक कर हर बूथ के हर घर तक पहुंचे हैं। चुनाव की जीत-हार से आगे बढ़कर अब देश की जनता को इंडी गठबंधन के नेताओं के खरतनाक मंसूबों पर गंभीरता से विचार करना होगा। ये लोग संविधान, संवैधानिक संस्थाओं और लोकतंत्र पर निराधार आरोप लगाकर देश की पूरी व्यवस्था को अराजकता की आग में झोंकने का प्रयास कर रहे हैं।
–आईएएनएस
एमएनपी/एबीएम
ADVERTISEMENT
पटना, 27 मई (आईएएनएस)। बिहार के उपमुख्यमंत्री विजय कुमार सिन्हा ने कहा कि विपक्ष और उसका पूरा इकोसिस्टम अपनी हार की हताशा में ‘शोकगीत’ पढ़ने में जुट गया है।
उन्होंने कहा कि लोकसभा चुनाव की घोषणा के बाद से ही यह स्पष्ट था कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में एनडीए की प्रचंड जीत होने जा रही है। लेकिन, एक बड़ी विडंबना यह है कि विपक्ष अपनी लोकतांत्रिक जिम्मेदारी से मुंह मोड़कर नकारात्मक मानसिकता के साथ चुनाव में उतरा। प्रचार अभियान के पहले दिन से विपक्षी इंडी गठबंधन ने देश को सार्थक विकल्प उपलब्ध कराने के प्रयास की जगह कभी संविधान को खतरे में बताया, कभी संवैधानिक संस्थाओं की छवि धूमिल करने की कोशिश की, कभी धार्मिक विभाजन का असफल प्रयास किया तो कभी लोकतंत्र के अस्तित्व को ही कटघरे में खड़ा कर दिया।
सिन्हा ने कहा कि चुनाव अपने अंतिम पड़ाव पर पहुंचने को है, अब इनके नेता और इनका इकोसिस्टम एक-एक कर चुनाव आयोग, ईवीएम और मतदान प्रतिशत से जुड़े निराधार विमर्श के साथ सामने आने लगे हैं। चुनाव आयोग की निष्पक्षता, ईवीएम या मतदान के आंकड़ों में छेड़छाड़ जैसे आरोप लगाकर ये लोग देश के लिए गंभीर समस्या खड़ी कर रहे हैं।
उन्होंने कहा कि लोगों ने पहले भी देखा है कि ये लोग जब चुनाव जीतते हैं तो ईवीएम ठीक हो जाता है, जब हारते हैं तो हैक हो जाता है। देश की जनता के सामने मोदी सरकार का 10 साल का रिपोर्ट कार्ड और अगले पांच साल की गारंटी है। भाजपा सहित एनडीए के सभी सहयोगी दलों के कार्यकर्ता दिन-रात एक कर हर बूथ के हर घर तक पहुंचे हैं। चुनाव की जीत-हार से आगे बढ़कर अब देश की जनता को इंडी गठबंधन के नेताओं के खरतनाक मंसूबों पर गंभीरता से विचार करना होगा। ये लोग संविधान, संवैधानिक संस्थाओं और लोकतंत्र पर निराधार आरोप लगाकर देश की पूरी व्यवस्था को अराजकता की आग में झोंकने का प्रयास कर रहे हैं।
–आईएएनएस
एमएनपी/एबीएम
ADVERTISEMENT
पटना, 27 मई (आईएएनएस)। बिहार के उपमुख्यमंत्री विजय कुमार सिन्हा ने कहा कि विपक्ष और उसका पूरा इकोसिस्टम अपनी हार की हताशा में ‘शोकगीत’ पढ़ने में जुट गया है।
उन्होंने कहा कि लोकसभा चुनाव की घोषणा के बाद से ही यह स्पष्ट था कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में एनडीए की प्रचंड जीत होने जा रही है। लेकिन, एक बड़ी विडंबना यह है कि विपक्ष अपनी लोकतांत्रिक जिम्मेदारी से मुंह मोड़कर नकारात्मक मानसिकता के साथ चुनाव में उतरा। प्रचार अभियान के पहले दिन से विपक्षी इंडी गठबंधन ने देश को सार्थक विकल्प उपलब्ध कराने के प्रयास की जगह कभी संविधान को खतरे में बताया, कभी संवैधानिक संस्थाओं की छवि धूमिल करने की कोशिश की, कभी धार्मिक विभाजन का असफल प्रयास किया तो कभी लोकतंत्र के अस्तित्व को ही कटघरे में खड़ा कर दिया।
सिन्हा ने कहा कि चुनाव अपने अंतिम पड़ाव पर पहुंचने को है, अब इनके नेता और इनका इकोसिस्टम एक-एक कर चुनाव आयोग, ईवीएम और मतदान प्रतिशत से जुड़े निराधार विमर्श के साथ सामने आने लगे हैं। चुनाव आयोग की निष्पक्षता, ईवीएम या मतदान के आंकड़ों में छेड़छाड़ जैसे आरोप लगाकर ये लोग देश के लिए गंभीर समस्या खड़ी कर रहे हैं।
उन्होंने कहा कि लोगों ने पहले भी देखा है कि ये लोग जब चुनाव जीतते हैं तो ईवीएम ठीक हो जाता है, जब हारते हैं तो हैक हो जाता है। देश की जनता के सामने मोदी सरकार का 10 साल का रिपोर्ट कार्ड और अगले पांच साल की गारंटी है। भाजपा सहित एनडीए के सभी सहयोगी दलों के कार्यकर्ता दिन-रात एक कर हर बूथ के हर घर तक पहुंचे हैं। चुनाव की जीत-हार से आगे बढ़कर अब देश की जनता को इंडी गठबंधन के नेताओं के खरतनाक मंसूबों पर गंभीरता से विचार करना होगा। ये लोग संविधान, संवैधानिक संस्थाओं और लोकतंत्र पर निराधार आरोप लगाकर देश की पूरी व्यवस्था को अराजकता की आग में झोंकने का प्रयास कर रहे हैं।
–आईएएनएस
एमएनपी/एबीएम
ADVERTISEMENT
पटना, 27 मई (आईएएनएस)। बिहार के उपमुख्यमंत्री विजय कुमार सिन्हा ने कहा कि विपक्ष और उसका पूरा इकोसिस्टम अपनी हार की हताशा में ‘शोकगीत’ पढ़ने में जुट गया है।
उन्होंने कहा कि लोकसभा चुनाव की घोषणा के बाद से ही यह स्पष्ट था कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में एनडीए की प्रचंड जीत होने जा रही है। लेकिन, एक बड़ी विडंबना यह है कि विपक्ष अपनी लोकतांत्रिक जिम्मेदारी से मुंह मोड़कर नकारात्मक मानसिकता के साथ चुनाव में उतरा। प्रचार अभियान के पहले दिन से विपक्षी इंडी गठबंधन ने देश को सार्थक विकल्प उपलब्ध कराने के प्रयास की जगह कभी संविधान को खतरे में बताया, कभी संवैधानिक संस्थाओं की छवि धूमिल करने की कोशिश की, कभी धार्मिक विभाजन का असफल प्रयास किया तो कभी लोकतंत्र के अस्तित्व को ही कटघरे में खड़ा कर दिया।
सिन्हा ने कहा कि चुनाव अपने अंतिम पड़ाव पर पहुंचने को है, अब इनके नेता और इनका इकोसिस्टम एक-एक कर चुनाव आयोग, ईवीएम और मतदान प्रतिशत से जुड़े निराधार विमर्श के साथ सामने आने लगे हैं। चुनाव आयोग की निष्पक्षता, ईवीएम या मतदान के आंकड़ों में छेड़छाड़ जैसे आरोप लगाकर ये लोग देश के लिए गंभीर समस्या खड़ी कर रहे हैं।
उन्होंने कहा कि लोगों ने पहले भी देखा है कि ये लोग जब चुनाव जीतते हैं तो ईवीएम ठीक हो जाता है, जब हारते हैं तो हैक हो जाता है। देश की जनता के सामने मोदी सरकार का 10 साल का रिपोर्ट कार्ड और अगले पांच साल की गारंटी है। भाजपा सहित एनडीए के सभी सहयोगी दलों के कार्यकर्ता दिन-रात एक कर हर बूथ के हर घर तक पहुंचे हैं। चुनाव की जीत-हार से आगे बढ़कर अब देश की जनता को इंडी गठबंधन के नेताओं के खरतनाक मंसूबों पर गंभीरता से विचार करना होगा। ये लोग संविधान, संवैधानिक संस्थाओं और लोकतंत्र पर निराधार आरोप लगाकर देश की पूरी व्यवस्था को अराजकता की आग में झोंकने का प्रयास कर रहे हैं।
–आईएएनएस
एमएनपी/एबीएम
ADVERTISEMENT
पटना, 27 मई (आईएएनएस)। बिहार के उपमुख्यमंत्री विजय कुमार सिन्हा ने कहा कि विपक्ष और उसका पूरा इकोसिस्टम अपनी हार की हताशा में ‘शोकगीत’ पढ़ने में जुट गया है।
उन्होंने कहा कि लोकसभा चुनाव की घोषणा के बाद से ही यह स्पष्ट था कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में एनडीए की प्रचंड जीत होने जा रही है। लेकिन, एक बड़ी विडंबना यह है कि विपक्ष अपनी लोकतांत्रिक जिम्मेदारी से मुंह मोड़कर नकारात्मक मानसिकता के साथ चुनाव में उतरा। प्रचार अभियान के पहले दिन से विपक्षी इंडी गठबंधन ने देश को सार्थक विकल्प उपलब्ध कराने के प्रयास की जगह कभी संविधान को खतरे में बताया, कभी संवैधानिक संस्थाओं की छवि धूमिल करने की कोशिश की, कभी धार्मिक विभाजन का असफल प्रयास किया तो कभी लोकतंत्र के अस्तित्व को ही कटघरे में खड़ा कर दिया।
सिन्हा ने कहा कि चुनाव अपने अंतिम पड़ाव पर पहुंचने को है, अब इनके नेता और इनका इकोसिस्टम एक-एक कर चुनाव आयोग, ईवीएम और मतदान प्रतिशत से जुड़े निराधार विमर्श के साथ सामने आने लगे हैं। चुनाव आयोग की निष्पक्षता, ईवीएम या मतदान के आंकड़ों में छेड़छाड़ जैसे आरोप लगाकर ये लोग देश के लिए गंभीर समस्या खड़ी कर रहे हैं।
उन्होंने कहा कि लोगों ने पहले भी देखा है कि ये लोग जब चुनाव जीतते हैं तो ईवीएम ठीक हो जाता है, जब हारते हैं तो हैक हो जाता है। देश की जनता के सामने मोदी सरकार का 10 साल का रिपोर्ट कार्ड और अगले पांच साल की गारंटी है। भाजपा सहित एनडीए के सभी सहयोगी दलों के कार्यकर्ता दिन-रात एक कर हर बूथ के हर घर तक पहुंचे हैं। चुनाव की जीत-हार से आगे बढ़कर अब देश की जनता को इंडी गठबंधन के नेताओं के खरतनाक मंसूबों पर गंभीरता से विचार करना होगा। ये लोग संविधान, संवैधानिक संस्थाओं और लोकतंत्र पर निराधार आरोप लगाकर देश की पूरी व्यवस्था को अराजकता की आग में झोंकने का प्रयास कर रहे हैं।
–आईएएनएस
एमएनपी/एबीएम
ADVERTISEMENT
पटना, 27 मई (आईएएनएस)। बिहार के उपमुख्यमंत्री विजय कुमार सिन्हा ने कहा कि विपक्ष और उसका पूरा इकोसिस्टम अपनी हार की हताशा में ‘शोकगीत’ पढ़ने में जुट गया है।
उन्होंने कहा कि लोकसभा चुनाव की घोषणा के बाद से ही यह स्पष्ट था कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में एनडीए की प्रचंड जीत होने जा रही है। लेकिन, एक बड़ी विडंबना यह है कि विपक्ष अपनी लोकतांत्रिक जिम्मेदारी से मुंह मोड़कर नकारात्मक मानसिकता के साथ चुनाव में उतरा। प्रचार अभियान के पहले दिन से विपक्षी इंडी गठबंधन ने देश को सार्थक विकल्प उपलब्ध कराने के प्रयास की जगह कभी संविधान को खतरे में बताया, कभी संवैधानिक संस्थाओं की छवि धूमिल करने की कोशिश की, कभी धार्मिक विभाजन का असफल प्रयास किया तो कभी लोकतंत्र के अस्तित्व को ही कटघरे में खड़ा कर दिया।
सिन्हा ने कहा कि चुनाव अपने अंतिम पड़ाव पर पहुंचने को है, अब इनके नेता और इनका इकोसिस्टम एक-एक कर चुनाव आयोग, ईवीएम और मतदान प्रतिशत से जुड़े निराधार विमर्श के साथ सामने आने लगे हैं। चुनाव आयोग की निष्पक्षता, ईवीएम या मतदान के आंकड़ों में छेड़छाड़ जैसे आरोप लगाकर ये लोग देश के लिए गंभीर समस्या खड़ी कर रहे हैं।
उन्होंने कहा कि लोगों ने पहले भी देखा है कि ये लोग जब चुनाव जीतते हैं तो ईवीएम ठीक हो जाता है, जब हारते हैं तो हैक हो जाता है। देश की जनता के सामने मोदी सरकार का 10 साल का रिपोर्ट कार्ड और अगले पांच साल की गारंटी है। भाजपा सहित एनडीए के सभी सहयोगी दलों के कार्यकर्ता दिन-रात एक कर हर बूथ के हर घर तक पहुंचे हैं। चुनाव की जीत-हार से आगे बढ़कर अब देश की जनता को इंडी गठबंधन के नेताओं के खरतनाक मंसूबों पर गंभीरता से विचार करना होगा। ये लोग संविधान, संवैधानिक संस्थाओं और लोकतंत्र पर निराधार आरोप लगाकर देश की पूरी व्यवस्था को अराजकता की आग में झोंकने का प्रयास कर रहे हैं।
–आईएएनएस
एमएनपी/एबीएम
पटना, 27 मई (आईएएनएस)। बिहार के उपमुख्यमंत्री विजय कुमार सिन्हा ने कहा कि विपक्ष और उसका पूरा इकोसिस्टम अपनी हार की हताशा में ‘शोकगीत’ पढ़ने में जुट गया है।
उन्होंने कहा कि लोकसभा चुनाव की घोषणा के बाद से ही यह स्पष्ट था कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में एनडीए की प्रचंड जीत होने जा रही है। लेकिन, एक बड़ी विडंबना यह है कि विपक्ष अपनी लोकतांत्रिक जिम्मेदारी से मुंह मोड़कर नकारात्मक मानसिकता के साथ चुनाव में उतरा। प्रचार अभियान के पहले दिन से विपक्षी इंडी गठबंधन ने देश को सार्थक विकल्प उपलब्ध कराने के प्रयास की जगह कभी संविधान को खतरे में बताया, कभी संवैधानिक संस्थाओं की छवि धूमिल करने की कोशिश की, कभी धार्मिक विभाजन का असफल प्रयास किया तो कभी लोकतंत्र के अस्तित्व को ही कटघरे में खड़ा कर दिया।
सिन्हा ने कहा कि चुनाव अपने अंतिम पड़ाव पर पहुंचने को है, अब इनके नेता और इनका इकोसिस्टम एक-एक कर चुनाव आयोग, ईवीएम और मतदान प्रतिशत से जुड़े निराधार विमर्श के साथ सामने आने लगे हैं। चुनाव आयोग की निष्पक्षता, ईवीएम या मतदान के आंकड़ों में छेड़छाड़ जैसे आरोप लगाकर ये लोग देश के लिए गंभीर समस्या खड़ी कर रहे हैं।
उन्होंने कहा कि लोगों ने पहले भी देखा है कि ये लोग जब चुनाव जीतते हैं तो ईवीएम ठीक हो जाता है, जब हारते हैं तो हैक हो जाता है। देश की जनता के सामने मोदी सरकार का 10 साल का रिपोर्ट कार्ड और अगले पांच साल की गारंटी है। भाजपा सहित एनडीए के सभी सहयोगी दलों के कार्यकर्ता दिन-रात एक कर हर बूथ के हर घर तक पहुंचे हैं। चुनाव की जीत-हार से आगे बढ़कर अब देश की जनता को इंडी गठबंधन के नेताओं के खरतनाक मंसूबों पर गंभीरता से विचार करना होगा। ये लोग संविधान, संवैधानिक संस्थाओं और लोकतंत्र पर निराधार आरोप लगाकर देश की पूरी व्यवस्था को अराजकता की आग में झोंकने का प्रयास कर रहे हैं।
–आईएएनएस
एमएनपी/एबीएम
ADVERTISEMENT
पटना, 27 मई (आईएएनएस)। बिहार के उपमुख्यमंत्री विजय कुमार सिन्हा ने कहा कि विपक्ष और उसका पूरा इकोसिस्टम अपनी हार की हताशा में ‘शोकगीत’ पढ़ने में जुट गया है।
उन्होंने कहा कि लोकसभा चुनाव की घोषणा के बाद से ही यह स्पष्ट था कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में एनडीए की प्रचंड जीत होने जा रही है। लेकिन, एक बड़ी विडंबना यह है कि विपक्ष अपनी लोकतांत्रिक जिम्मेदारी से मुंह मोड़कर नकारात्मक मानसिकता के साथ चुनाव में उतरा। प्रचार अभियान के पहले दिन से विपक्षी इंडी गठबंधन ने देश को सार्थक विकल्प उपलब्ध कराने के प्रयास की जगह कभी संविधान को खतरे में बताया, कभी संवैधानिक संस्थाओं की छवि धूमिल करने की कोशिश की, कभी धार्मिक विभाजन का असफल प्रयास किया तो कभी लोकतंत्र के अस्तित्व को ही कटघरे में खड़ा कर दिया।
सिन्हा ने कहा कि चुनाव अपने अंतिम पड़ाव पर पहुंचने को है, अब इनके नेता और इनका इकोसिस्टम एक-एक कर चुनाव आयोग, ईवीएम और मतदान प्रतिशत से जुड़े निराधार विमर्श के साथ सामने आने लगे हैं। चुनाव आयोग की निष्पक्षता, ईवीएम या मतदान के आंकड़ों में छेड़छाड़ जैसे आरोप लगाकर ये लोग देश के लिए गंभीर समस्या खड़ी कर रहे हैं।
उन्होंने कहा कि लोगों ने पहले भी देखा है कि ये लोग जब चुनाव जीतते हैं तो ईवीएम ठीक हो जाता है, जब हारते हैं तो हैक हो जाता है। देश की जनता के सामने मोदी सरकार का 10 साल का रिपोर्ट कार्ड और अगले पांच साल की गारंटी है। भाजपा सहित एनडीए के सभी सहयोगी दलों के कार्यकर्ता दिन-रात एक कर हर बूथ के हर घर तक पहुंचे हैं। चुनाव की जीत-हार से आगे बढ़कर अब देश की जनता को इंडी गठबंधन के नेताओं के खरतनाक मंसूबों पर गंभीरता से विचार करना होगा। ये लोग संविधान, संवैधानिक संस्थाओं और लोकतंत्र पर निराधार आरोप लगाकर देश की पूरी व्यवस्था को अराजकता की आग में झोंकने का प्रयास कर रहे हैं।
–आईएएनएस
एमएनपी/एबीएम
ADVERTISEMENT
पटना, 27 मई (आईएएनएस)। बिहार के उपमुख्यमंत्री विजय कुमार सिन्हा ने कहा कि विपक्ष और उसका पूरा इकोसिस्टम अपनी हार की हताशा में ‘शोकगीत’ पढ़ने में जुट गया है।
उन्होंने कहा कि लोकसभा चुनाव की घोषणा के बाद से ही यह स्पष्ट था कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में एनडीए की प्रचंड जीत होने जा रही है। लेकिन, एक बड़ी विडंबना यह है कि विपक्ष अपनी लोकतांत्रिक जिम्मेदारी से मुंह मोड़कर नकारात्मक मानसिकता के साथ चुनाव में उतरा। प्रचार अभियान के पहले दिन से विपक्षी इंडी गठबंधन ने देश को सार्थक विकल्प उपलब्ध कराने के प्रयास की जगह कभी संविधान को खतरे में बताया, कभी संवैधानिक संस्थाओं की छवि धूमिल करने की कोशिश की, कभी धार्मिक विभाजन का असफल प्रयास किया तो कभी लोकतंत्र के अस्तित्व को ही कटघरे में खड़ा कर दिया।
सिन्हा ने कहा कि चुनाव अपने अंतिम पड़ाव पर पहुंचने को है, अब इनके नेता और इनका इकोसिस्टम एक-एक कर चुनाव आयोग, ईवीएम और मतदान प्रतिशत से जुड़े निराधार विमर्श के साथ सामने आने लगे हैं। चुनाव आयोग की निष्पक्षता, ईवीएम या मतदान के आंकड़ों में छेड़छाड़ जैसे आरोप लगाकर ये लोग देश के लिए गंभीर समस्या खड़ी कर रहे हैं।
उन्होंने कहा कि लोगों ने पहले भी देखा है कि ये लोग जब चुनाव जीतते हैं तो ईवीएम ठीक हो जाता है, जब हारते हैं तो हैक हो जाता है। देश की जनता के सामने मोदी सरकार का 10 साल का रिपोर्ट कार्ड और अगले पांच साल की गारंटी है। भाजपा सहित एनडीए के सभी सहयोगी दलों के कार्यकर्ता दिन-रात एक कर हर बूथ के हर घर तक पहुंचे हैं। चुनाव की जीत-हार से आगे बढ़कर अब देश की जनता को इंडी गठबंधन के नेताओं के खरतनाक मंसूबों पर गंभीरता से विचार करना होगा। ये लोग संविधान, संवैधानिक संस्थाओं और लोकतंत्र पर निराधार आरोप लगाकर देश की पूरी व्यवस्था को अराजकता की आग में झोंकने का प्रयास कर रहे हैं।
–आईएएनएस
एमएनपी/एबीएम
ADVERTISEMENT
पटना, 27 मई (आईएएनएस)। बिहार के उपमुख्यमंत्री विजय कुमार सिन्हा ने कहा कि विपक्ष और उसका पूरा इकोसिस्टम अपनी हार की हताशा में ‘शोकगीत’ पढ़ने में जुट गया है।
उन्होंने कहा कि लोकसभा चुनाव की घोषणा के बाद से ही यह स्पष्ट था कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में एनडीए की प्रचंड जीत होने जा रही है। लेकिन, एक बड़ी विडंबना यह है कि विपक्ष अपनी लोकतांत्रिक जिम्मेदारी से मुंह मोड़कर नकारात्मक मानसिकता के साथ चुनाव में उतरा। प्रचार अभियान के पहले दिन से विपक्षी इंडी गठबंधन ने देश को सार्थक विकल्प उपलब्ध कराने के प्रयास की जगह कभी संविधान को खतरे में बताया, कभी संवैधानिक संस्थाओं की छवि धूमिल करने की कोशिश की, कभी धार्मिक विभाजन का असफल प्रयास किया तो कभी लोकतंत्र के अस्तित्व को ही कटघरे में खड़ा कर दिया।
सिन्हा ने कहा कि चुनाव अपने अंतिम पड़ाव पर पहुंचने को है, अब इनके नेता और इनका इकोसिस्टम एक-एक कर चुनाव आयोग, ईवीएम और मतदान प्रतिशत से जुड़े निराधार विमर्श के साथ सामने आने लगे हैं। चुनाव आयोग की निष्पक्षता, ईवीएम या मतदान के आंकड़ों में छेड़छाड़ जैसे आरोप लगाकर ये लोग देश के लिए गंभीर समस्या खड़ी कर रहे हैं।
उन्होंने कहा कि लोगों ने पहले भी देखा है कि ये लोग जब चुनाव जीतते हैं तो ईवीएम ठीक हो जाता है, जब हारते हैं तो हैक हो जाता है। देश की जनता के सामने मोदी सरकार का 10 साल का रिपोर्ट कार्ड और अगले पांच साल की गारंटी है। भाजपा सहित एनडीए के सभी सहयोगी दलों के कार्यकर्ता दिन-रात एक कर हर बूथ के हर घर तक पहुंचे हैं। चुनाव की जीत-हार से आगे बढ़कर अब देश की जनता को इंडी गठबंधन के नेताओं के खरतनाक मंसूबों पर गंभीरता से विचार करना होगा। ये लोग संविधान, संवैधानिक संस्थाओं और लोकतंत्र पर निराधार आरोप लगाकर देश की पूरी व्यवस्था को अराजकता की आग में झोंकने का प्रयास कर रहे हैं।
–आईएएनएस
एमएनपी/एबीएम
ADVERTISEMENT
पटना, 27 मई (आईएएनएस)। बिहार के उपमुख्यमंत्री विजय कुमार सिन्हा ने कहा कि विपक्ष और उसका पूरा इकोसिस्टम अपनी हार की हताशा में ‘शोकगीत’ पढ़ने में जुट गया है।
उन्होंने कहा कि लोकसभा चुनाव की घोषणा के बाद से ही यह स्पष्ट था कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में एनडीए की प्रचंड जीत होने जा रही है। लेकिन, एक बड़ी विडंबना यह है कि विपक्ष अपनी लोकतांत्रिक जिम्मेदारी से मुंह मोड़कर नकारात्मक मानसिकता के साथ चुनाव में उतरा। प्रचार अभियान के पहले दिन से विपक्षी इंडी गठबंधन ने देश को सार्थक विकल्प उपलब्ध कराने के प्रयास की जगह कभी संविधान को खतरे में बताया, कभी संवैधानिक संस्थाओं की छवि धूमिल करने की कोशिश की, कभी धार्मिक विभाजन का असफल प्रयास किया तो कभी लोकतंत्र के अस्तित्व को ही कटघरे में खड़ा कर दिया।
सिन्हा ने कहा कि चुनाव अपने अंतिम पड़ाव पर पहुंचने को है, अब इनके नेता और इनका इकोसिस्टम एक-एक कर चुनाव आयोग, ईवीएम और मतदान प्रतिशत से जुड़े निराधार विमर्श के साथ सामने आने लगे हैं। चुनाव आयोग की निष्पक्षता, ईवीएम या मतदान के आंकड़ों में छेड़छाड़ जैसे आरोप लगाकर ये लोग देश के लिए गंभीर समस्या खड़ी कर रहे हैं।
उन्होंने कहा कि लोगों ने पहले भी देखा है कि ये लोग जब चुनाव जीतते हैं तो ईवीएम ठीक हो जाता है, जब हारते हैं तो हैक हो जाता है। देश की जनता के सामने मोदी सरकार का 10 साल का रिपोर्ट कार्ड और अगले पांच साल की गारंटी है। भाजपा सहित एनडीए के सभी सहयोगी दलों के कार्यकर्ता दिन-रात एक कर हर बूथ के हर घर तक पहुंचे हैं। चुनाव की जीत-हार से आगे बढ़कर अब देश की जनता को इंडी गठबंधन के नेताओं के खरतनाक मंसूबों पर गंभीरता से विचार करना होगा। ये लोग संविधान, संवैधानिक संस्थाओं और लोकतंत्र पर निराधार आरोप लगाकर देश की पूरी व्यवस्था को अराजकता की आग में झोंकने का प्रयास कर रहे हैं।
–आईएएनएस
एमएनपी/एबीएम
ADVERTISEMENT
पटना, 27 मई (आईएएनएस)। बिहार के उपमुख्यमंत्री विजय कुमार सिन्हा ने कहा कि विपक्ष और उसका पूरा इकोसिस्टम अपनी हार की हताशा में ‘शोकगीत’ पढ़ने में जुट गया है।
उन्होंने कहा कि लोकसभा चुनाव की घोषणा के बाद से ही यह स्पष्ट था कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में एनडीए की प्रचंड जीत होने जा रही है। लेकिन, एक बड़ी विडंबना यह है कि विपक्ष अपनी लोकतांत्रिक जिम्मेदारी से मुंह मोड़कर नकारात्मक मानसिकता के साथ चुनाव में उतरा। प्रचार अभियान के पहले दिन से विपक्षी इंडी गठबंधन ने देश को सार्थक विकल्प उपलब्ध कराने के प्रयास की जगह कभी संविधान को खतरे में बताया, कभी संवैधानिक संस्थाओं की छवि धूमिल करने की कोशिश की, कभी धार्मिक विभाजन का असफल प्रयास किया तो कभी लोकतंत्र के अस्तित्व को ही कटघरे में खड़ा कर दिया।
सिन्हा ने कहा कि चुनाव अपने अंतिम पड़ाव पर पहुंचने को है, अब इनके नेता और इनका इकोसिस्टम एक-एक कर चुनाव आयोग, ईवीएम और मतदान प्रतिशत से जुड़े निराधार विमर्श के साथ सामने आने लगे हैं। चुनाव आयोग की निष्पक्षता, ईवीएम या मतदान के आंकड़ों में छेड़छाड़ जैसे आरोप लगाकर ये लोग देश के लिए गंभीर समस्या खड़ी कर रहे हैं।
उन्होंने कहा कि लोगों ने पहले भी देखा है कि ये लोग जब चुनाव जीतते हैं तो ईवीएम ठीक हो जाता है, जब हारते हैं तो हैक हो जाता है। देश की जनता के सामने मोदी सरकार का 10 साल का रिपोर्ट कार्ड और अगले पांच साल की गारंटी है। भाजपा सहित एनडीए के सभी सहयोगी दलों के कार्यकर्ता दिन-रात एक कर हर बूथ के हर घर तक पहुंचे हैं। चुनाव की जीत-हार से आगे बढ़कर अब देश की जनता को इंडी गठबंधन के नेताओं के खरतनाक मंसूबों पर गंभीरता से विचार करना होगा। ये लोग संविधान, संवैधानिक संस्थाओं और लोकतंत्र पर निराधार आरोप लगाकर देश की पूरी व्यवस्था को अराजकता की आग में झोंकने का प्रयास कर रहे हैं।
–आईएएनएस
एमएनपी/एबीएम
ADVERTISEMENT
पटना, 27 मई (आईएएनएस)। बिहार के उपमुख्यमंत्री विजय कुमार सिन्हा ने कहा कि विपक्ष और उसका पूरा इकोसिस्टम अपनी हार की हताशा में ‘शोकगीत’ पढ़ने में जुट गया है।
उन्होंने कहा कि लोकसभा चुनाव की घोषणा के बाद से ही यह स्पष्ट था कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में एनडीए की प्रचंड जीत होने जा रही है। लेकिन, एक बड़ी विडंबना यह है कि विपक्ष अपनी लोकतांत्रिक जिम्मेदारी से मुंह मोड़कर नकारात्मक मानसिकता के साथ चुनाव में उतरा। प्रचार अभियान के पहले दिन से विपक्षी इंडी गठबंधन ने देश को सार्थक विकल्प उपलब्ध कराने के प्रयास की जगह कभी संविधान को खतरे में बताया, कभी संवैधानिक संस्थाओं की छवि धूमिल करने की कोशिश की, कभी धार्मिक विभाजन का असफल प्रयास किया तो कभी लोकतंत्र के अस्तित्व को ही कटघरे में खड़ा कर दिया।
सिन्हा ने कहा कि चुनाव अपने अंतिम पड़ाव पर पहुंचने को है, अब इनके नेता और इनका इकोसिस्टम एक-एक कर चुनाव आयोग, ईवीएम और मतदान प्रतिशत से जुड़े निराधार विमर्श के साथ सामने आने लगे हैं। चुनाव आयोग की निष्पक्षता, ईवीएम या मतदान के आंकड़ों में छेड़छाड़ जैसे आरोप लगाकर ये लोग देश के लिए गंभीर समस्या खड़ी कर रहे हैं।
उन्होंने कहा कि लोगों ने पहले भी देखा है कि ये लोग जब चुनाव जीतते हैं तो ईवीएम ठीक हो जाता है, जब हारते हैं तो हैक हो जाता है। देश की जनता के सामने मोदी सरकार का 10 साल का रिपोर्ट कार्ड और अगले पांच साल की गारंटी है। भाजपा सहित एनडीए के सभी सहयोगी दलों के कार्यकर्ता दिन-रात एक कर हर बूथ के हर घर तक पहुंचे हैं। चुनाव की जीत-हार से आगे बढ़कर अब देश की जनता को इंडी गठबंधन के नेताओं के खरतनाक मंसूबों पर गंभीरता से विचार करना होगा। ये लोग संविधान, संवैधानिक संस्थाओं और लोकतंत्र पर निराधार आरोप लगाकर देश की पूरी व्यवस्था को अराजकता की आग में झोंकने का प्रयास कर रहे हैं।
–आईएएनएस
एमएनपी/एबीएम
ADVERTISEMENT
पटना, 27 मई (आईएएनएस)। बिहार के उपमुख्यमंत्री विजय कुमार सिन्हा ने कहा कि विपक्ष और उसका पूरा इकोसिस्टम अपनी हार की हताशा में ‘शोकगीत’ पढ़ने में जुट गया है।
उन्होंने कहा कि लोकसभा चुनाव की घोषणा के बाद से ही यह स्पष्ट था कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में एनडीए की प्रचंड जीत होने जा रही है। लेकिन, एक बड़ी विडंबना यह है कि विपक्ष अपनी लोकतांत्रिक जिम्मेदारी से मुंह मोड़कर नकारात्मक मानसिकता के साथ चुनाव में उतरा। प्रचार अभियान के पहले दिन से विपक्षी इंडी गठबंधन ने देश को सार्थक विकल्प उपलब्ध कराने के प्रयास की जगह कभी संविधान को खतरे में बताया, कभी संवैधानिक संस्थाओं की छवि धूमिल करने की कोशिश की, कभी धार्मिक विभाजन का असफल प्रयास किया तो कभी लोकतंत्र के अस्तित्व को ही कटघरे में खड़ा कर दिया।
सिन्हा ने कहा कि चुनाव अपने अंतिम पड़ाव पर पहुंचने को है, अब इनके नेता और इनका इकोसिस्टम एक-एक कर चुनाव आयोग, ईवीएम और मतदान प्रतिशत से जुड़े निराधार विमर्श के साथ सामने आने लगे हैं। चुनाव आयोग की निष्पक्षता, ईवीएम या मतदान के आंकड़ों में छेड़छाड़ जैसे आरोप लगाकर ये लोग देश के लिए गंभीर समस्या खड़ी कर रहे हैं।
उन्होंने कहा कि लोगों ने पहले भी देखा है कि ये लोग जब चुनाव जीतते हैं तो ईवीएम ठीक हो जाता है, जब हारते हैं तो हैक हो जाता है। देश की जनता के सामने मोदी सरकार का 10 साल का रिपोर्ट कार्ड और अगले पांच साल की गारंटी है। भाजपा सहित एनडीए के सभी सहयोगी दलों के कार्यकर्ता दिन-रात एक कर हर बूथ के हर घर तक पहुंचे हैं। चुनाव की जीत-हार से आगे बढ़कर अब देश की जनता को इंडी गठबंधन के नेताओं के खरतनाक मंसूबों पर गंभीरता से विचार करना होगा। ये लोग संविधान, संवैधानिक संस्थाओं और लोकतंत्र पर निराधार आरोप लगाकर देश की पूरी व्यवस्था को अराजकता की आग में झोंकने का प्रयास कर रहे हैं।