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Home ताज़ा समाचार

विपक्ष के हंगामे की वजह से सदन नहीं चल पा रहा : रामदास अठावले

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December 10, 2024
in ताज़ा समाचार
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नई दिल्ली, 10 दिसंबर (आईएएनएस)। देश की संसद में मंगलवार को सत्ता पक्ष और विपक्ष द्वारा एक-दूसरे पर लगातार आरोप-प्रत्यारोप लगाने और हंगामे के कारण दोनों सदनों की कार्यवाही दिनभर के लिए स्थगित कर दी गई। इस पर रामदास अठावले ने विपक्ष पर सदन न चलने देने का आरोप लगाया।

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उन्होंने आईएएनएस से बात करते हुए कहा, “विपक्षी दलों का सत्ता पक्ष पर आरोप है कि सरकार सदन नहीं चला रही। सरकार सदन तो चलाना चाहती है। हर मुद्दे पर बात करना चाहती है। चर्चा करना चाहती है। विपक्षी पार्टियों को अपने सवालों को उठाने का मौका देना चाहती है। विपक्ष कोई न कोई बात पर रोज हंगामा कर रहा है और सदन चलने से रोक रहा है। यह अच्छी बात नहीं है। विपक्ष को अपनी बात रखने का पूरा अधिकार है। सरकार की जिम्मेदारी जरूर है, लेकिन सदन चलाने के लिए विपक्ष का भी सहयोग मिलना बहुत जरूरी है। विपक्ष रोज हंगामा करके समय और काम बर्बाद कर रहा है।”

इसके बाद इंडी गठबंधन की कमान ममता बनर्जी को सौंपने के सवाल पर उन्होंने कहा, “इंडी गठबंधन का आपस में एकमत नहीं है। कुछ लोग बोलते हैं इसका नेता राहुल गांधी को बनाना चाहिए, कुछ लोग बोलते हैं ममता को इसका नेता बनाना चाहिए। कुछ लोग बोलते हैं उद्धव ठाकरे को इसे देना चाहिए। विपक्ष में एकदम तालमेल नहीं है। यह इंडी गठबंधन जल्दी टूट जाएगा। जिस तरह दिल्ली के चुनाव में आप और कांग्रेस अलग-अलग लड़ रही है। इन लोगों में एकता नहीं है।”

बता दें कि तृणमूल कांग्रेस की अध्यक्ष ममता बनर्जी ने हाल ही में एक टीवी चैनल को दिए साक्षात्कार में इंडिया ब्लॉक की अध्यक्षता करने की मंशा जाहिर की थी। उनका कहना है कि अगर इंडिया ब्लॉक में नेतृत्व की बात आती है, तो वह इस जिम्मेदारी को संभालने के लिए तैयार हैं। ममता ने यह भी कहा कि विपक्षी दलों को एकजुट करने और भाजपा को परास्त करने के लिए एक मजबूत नेतृत्व की आवश्यकता है, और उनका मानना है कि यह नेतृत्व वह ही प्रदान कर सकती हैं। इस बयान के बाद से राजनीतिक हलकों में चर्चा तेज हो गई है, खासकर यह सवाल उठने लगा है कि क्या ममता बनर्जी इंडी गठबंधन के लिए उपयुक्त नेता हो सकती हैं, या अन्य दलों के नेता इस मामले पर अलग-अलग राय रखते हैं।

–आईएएनएस

पीएसएम/एएस

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नई दिल्ली, 10 दिसंबर (आईएएनएस)। देश की संसद में मंगलवार को सत्ता पक्ष और विपक्ष द्वारा एक-दूसरे पर लगातार आरोप-प्रत्यारोप लगाने और हंगामे के कारण दोनों सदनों की कार्यवाही दिनभर के लिए स्थगित कर दी गई। इस पर रामदास अठावले ने विपक्ष पर सदन न चलने देने का आरोप लगाया।

उन्होंने आईएएनएस से बात करते हुए कहा, “विपक्षी दलों का सत्ता पक्ष पर आरोप है कि सरकार सदन नहीं चला रही। सरकार सदन तो चलाना चाहती है। हर मुद्दे पर बात करना चाहती है। चर्चा करना चाहती है। विपक्षी पार्टियों को अपने सवालों को उठाने का मौका देना चाहती है। विपक्ष कोई न कोई बात पर रोज हंगामा कर रहा है और सदन चलने से रोक रहा है। यह अच्छी बात नहीं है। विपक्ष को अपनी बात रखने का पूरा अधिकार है। सरकार की जिम्मेदारी जरूर है, लेकिन सदन चलाने के लिए विपक्ष का भी सहयोग मिलना बहुत जरूरी है। विपक्ष रोज हंगामा करके समय और काम बर्बाद कर रहा है।”

इसके बाद इंडी गठबंधन की कमान ममता बनर्जी को सौंपने के सवाल पर उन्होंने कहा, “इंडी गठबंधन का आपस में एकमत नहीं है। कुछ लोग बोलते हैं इसका नेता राहुल गांधी को बनाना चाहिए, कुछ लोग बोलते हैं ममता को इसका नेता बनाना चाहिए। कुछ लोग बोलते हैं उद्धव ठाकरे को इसे देना चाहिए। विपक्ष में एकदम तालमेल नहीं है। यह इंडी गठबंधन जल्दी टूट जाएगा। जिस तरह दिल्ली के चुनाव में आप और कांग्रेस अलग-अलग लड़ रही है। इन लोगों में एकता नहीं है।”

बता दें कि तृणमूल कांग्रेस की अध्यक्ष ममता बनर्जी ने हाल ही में एक टीवी चैनल को दिए साक्षात्कार में इंडिया ब्लॉक की अध्यक्षता करने की मंशा जाहिर की थी। उनका कहना है कि अगर इंडिया ब्लॉक में नेतृत्व की बात आती है, तो वह इस जिम्मेदारी को संभालने के लिए तैयार हैं। ममता ने यह भी कहा कि विपक्षी दलों को एकजुट करने और भाजपा को परास्त करने के लिए एक मजबूत नेतृत्व की आवश्यकता है, और उनका मानना है कि यह नेतृत्व वह ही प्रदान कर सकती हैं। इस बयान के बाद से राजनीतिक हलकों में चर्चा तेज हो गई है, खासकर यह सवाल उठने लगा है कि क्या ममता बनर्जी इंडी गठबंधन के लिए उपयुक्त नेता हो सकती हैं, या अन्य दलों के नेता इस मामले पर अलग-अलग राय रखते हैं।

–आईएएनएस

पीएसएम/एएस

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नई दिल्ली, 10 दिसंबर (आईएएनएस)। देश की संसद में मंगलवार को सत्ता पक्ष और विपक्ष द्वारा एक-दूसरे पर लगातार आरोप-प्रत्यारोप लगाने और हंगामे के कारण दोनों सदनों की कार्यवाही दिनभर के लिए स्थगित कर दी गई। इस पर रामदास अठावले ने विपक्ष पर सदन न चलने देने का आरोप लगाया।

उन्होंने आईएएनएस से बात करते हुए कहा, “विपक्षी दलों का सत्ता पक्ष पर आरोप है कि सरकार सदन नहीं चला रही। सरकार सदन तो चलाना चाहती है। हर मुद्दे पर बात करना चाहती है। चर्चा करना चाहती है। विपक्षी पार्टियों को अपने सवालों को उठाने का मौका देना चाहती है। विपक्ष कोई न कोई बात पर रोज हंगामा कर रहा है और सदन चलने से रोक रहा है। यह अच्छी बात नहीं है। विपक्ष को अपनी बात रखने का पूरा अधिकार है। सरकार की जिम्मेदारी जरूर है, लेकिन सदन चलाने के लिए विपक्ष का भी सहयोग मिलना बहुत जरूरी है। विपक्ष रोज हंगामा करके समय और काम बर्बाद कर रहा है।”

इसके बाद इंडी गठबंधन की कमान ममता बनर्जी को सौंपने के सवाल पर उन्होंने कहा, “इंडी गठबंधन का आपस में एकमत नहीं है। कुछ लोग बोलते हैं इसका नेता राहुल गांधी को बनाना चाहिए, कुछ लोग बोलते हैं ममता को इसका नेता बनाना चाहिए। कुछ लोग बोलते हैं उद्धव ठाकरे को इसे देना चाहिए। विपक्ष में एकदम तालमेल नहीं है। यह इंडी गठबंधन जल्दी टूट जाएगा। जिस तरह दिल्ली के चुनाव में आप और कांग्रेस अलग-अलग लड़ रही है। इन लोगों में एकता नहीं है।”

बता दें कि तृणमूल कांग्रेस की अध्यक्ष ममता बनर्जी ने हाल ही में एक टीवी चैनल को दिए साक्षात्कार में इंडिया ब्लॉक की अध्यक्षता करने की मंशा जाहिर की थी। उनका कहना है कि अगर इंडिया ब्लॉक में नेतृत्व की बात आती है, तो वह इस जिम्मेदारी को संभालने के लिए तैयार हैं। ममता ने यह भी कहा कि विपक्षी दलों को एकजुट करने और भाजपा को परास्त करने के लिए एक मजबूत नेतृत्व की आवश्यकता है, और उनका मानना है कि यह नेतृत्व वह ही प्रदान कर सकती हैं। इस बयान के बाद से राजनीतिक हलकों में चर्चा तेज हो गई है, खासकर यह सवाल उठने लगा है कि क्या ममता बनर्जी इंडी गठबंधन के लिए उपयुक्त नेता हो सकती हैं, या अन्य दलों के नेता इस मामले पर अलग-अलग राय रखते हैं।

–आईएएनएस

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नई दिल्ली, 10 दिसंबर (आईएएनएस)। देश की संसद में मंगलवार को सत्ता पक्ष और विपक्ष द्वारा एक-दूसरे पर लगातार आरोप-प्रत्यारोप लगाने और हंगामे के कारण दोनों सदनों की कार्यवाही दिनभर के लिए स्थगित कर दी गई। इस पर रामदास अठावले ने विपक्ष पर सदन न चलने देने का आरोप लगाया।

उन्होंने आईएएनएस से बात करते हुए कहा, “विपक्षी दलों का सत्ता पक्ष पर आरोप है कि सरकार सदन नहीं चला रही। सरकार सदन तो चलाना चाहती है। हर मुद्दे पर बात करना चाहती है। चर्चा करना चाहती है। विपक्षी पार्टियों को अपने सवालों को उठाने का मौका देना चाहती है। विपक्ष कोई न कोई बात पर रोज हंगामा कर रहा है और सदन चलने से रोक रहा है। यह अच्छी बात नहीं है। विपक्ष को अपनी बात रखने का पूरा अधिकार है। सरकार की जिम्मेदारी जरूर है, लेकिन सदन चलाने के लिए विपक्ष का भी सहयोग मिलना बहुत जरूरी है। विपक्ष रोज हंगामा करके समय और काम बर्बाद कर रहा है।”

इसके बाद इंडी गठबंधन की कमान ममता बनर्जी को सौंपने के सवाल पर उन्होंने कहा, “इंडी गठबंधन का आपस में एकमत नहीं है। कुछ लोग बोलते हैं इसका नेता राहुल गांधी को बनाना चाहिए, कुछ लोग बोलते हैं ममता को इसका नेता बनाना चाहिए। कुछ लोग बोलते हैं उद्धव ठाकरे को इसे देना चाहिए। विपक्ष में एकदम तालमेल नहीं है। यह इंडी गठबंधन जल्दी टूट जाएगा। जिस तरह दिल्ली के चुनाव में आप और कांग्रेस अलग-अलग लड़ रही है। इन लोगों में एकता नहीं है।”

बता दें कि तृणमूल कांग्रेस की अध्यक्ष ममता बनर्जी ने हाल ही में एक टीवी चैनल को दिए साक्षात्कार में इंडिया ब्लॉक की अध्यक्षता करने की मंशा जाहिर की थी। उनका कहना है कि अगर इंडिया ब्लॉक में नेतृत्व की बात आती है, तो वह इस जिम्मेदारी को संभालने के लिए तैयार हैं। ममता ने यह भी कहा कि विपक्षी दलों को एकजुट करने और भाजपा को परास्त करने के लिए एक मजबूत नेतृत्व की आवश्यकता है, और उनका मानना है कि यह नेतृत्व वह ही प्रदान कर सकती हैं। इस बयान के बाद से राजनीतिक हलकों में चर्चा तेज हो गई है, खासकर यह सवाल उठने लगा है कि क्या ममता बनर्जी इंडी गठबंधन के लिए उपयुक्त नेता हो सकती हैं, या अन्य दलों के नेता इस मामले पर अलग-अलग राय रखते हैं।

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उन्होंने आईएएनएस से बात करते हुए कहा, “विपक्षी दलों का सत्ता पक्ष पर आरोप है कि सरकार सदन नहीं चला रही। सरकार सदन तो चलाना चाहती है। हर मुद्दे पर बात करना चाहती है। चर्चा करना चाहती है। विपक्षी पार्टियों को अपने सवालों को उठाने का मौका देना चाहती है। विपक्ष कोई न कोई बात पर रोज हंगामा कर रहा है और सदन चलने से रोक रहा है। यह अच्छी बात नहीं है। विपक्ष को अपनी बात रखने का पूरा अधिकार है। सरकार की जिम्मेदारी जरूर है, लेकिन सदन चलाने के लिए विपक्ष का भी सहयोग मिलना बहुत जरूरी है। विपक्ष रोज हंगामा करके समय और काम बर्बाद कर रहा है।”

इसके बाद इंडी गठबंधन की कमान ममता बनर्जी को सौंपने के सवाल पर उन्होंने कहा, “इंडी गठबंधन का आपस में एकमत नहीं है। कुछ लोग बोलते हैं इसका नेता राहुल गांधी को बनाना चाहिए, कुछ लोग बोलते हैं ममता को इसका नेता बनाना चाहिए। कुछ लोग बोलते हैं उद्धव ठाकरे को इसे देना चाहिए। विपक्ष में एकदम तालमेल नहीं है। यह इंडी गठबंधन जल्दी टूट जाएगा। जिस तरह दिल्ली के चुनाव में आप और कांग्रेस अलग-अलग लड़ रही है। इन लोगों में एकता नहीं है।”

बता दें कि तृणमूल कांग्रेस की अध्यक्ष ममता बनर्जी ने हाल ही में एक टीवी चैनल को दिए साक्षात्कार में इंडिया ब्लॉक की अध्यक्षता करने की मंशा जाहिर की थी। उनका कहना है कि अगर इंडिया ब्लॉक में नेतृत्व की बात आती है, तो वह इस जिम्मेदारी को संभालने के लिए तैयार हैं। ममता ने यह भी कहा कि विपक्षी दलों को एकजुट करने और भाजपा को परास्त करने के लिए एक मजबूत नेतृत्व की आवश्यकता है, और उनका मानना है कि यह नेतृत्व वह ही प्रदान कर सकती हैं। इस बयान के बाद से राजनीतिक हलकों में चर्चा तेज हो गई है, खासकर यह सवाल उठने लगा है कि क्या ममता बनर्जी इंडी गठबंधन के लिए उपयुक्त नेता हो सकती हैं, या अन्य दलों के नेता इस मामले पर अलग-अलग राय रखते हैं।

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उन्होंने आईएएनएस से बात करते हुए कहा, “विपक्षी दलों का सत्ता पक्ष पर आरोप है कि सरकार सदन नहीं चला रही। सरकार सदन तो चलाना चाहती है। हर मुद्दे पर बात करना चाहती है। चर्चा करना चाहती है। विपक्षी पार्टियों को अपने सवालों को उठाने का मौका देना चाहती है। विपक्ष कोई न कोई बात पर रोज हंगामा कर रहा है और सदन चलने से रोक रहा है। यह अच्छी बात नहीं है। विपक्ष को अपनी बात रखने का पूरा अधिकार है। सरकार की जिम्मेदारी जरूर है, लेकिन सदन चलाने के लिए विपक्ष का भी सहयोग मिलना बहुत जरूरी है। विपक्ष रोज हंगामा करके समय और काम बर्बाद कर रहा है।”

इसके बाद इंडी गठबंधन की कमान ममता बनर्जी को सौंपने के सवाल पर उन्होंने कहा, “इंडी गठबंधन का आपस में एकमत नहीं है। कुछ लोग बोलते हैं इसका नेता राहुल गांधी को बनाना चाहिए, कुछ लोग बोलते हैं ममता को इसका नेता बनाना चाहिए। कुछ लोग बोलते हैं उद्धव ठाकरे को इसे देना चाहिए। विपक्ष में एकदम तालमेल नहीं है। यह इंडी गठबंधन जल्दी टूट जाएगा। जिस तरह दिल्ली के चुनाव में आप और कांग्रेस अलग-अलग लड़ रही है। इन लोगों में एकता नहीं है।”

बता दें कि तृणमूल कांग्रेस की अध्यक्ष ममता बनर्जी ने हाल ही में एक टीवी चैनल को दिए साक्षात्कार में इंडिया ब्लॉक की अध्यक्षता करने की मंशा जाहिर की थी। उनका कहना है कि अगर इंडिया ब्लॉक में नेतृत्व की बात आती है, तो वह इस जिम्मेदारी को संभालने के लिए तैयार हैं। ममता ने यह भी कहा कि विपक्षी दलों को एकजुट करने और भाजपा को परास्त करने के लिए एक मजबूत नेतृत्व की आवश्यकता है, और उनका मानना है कि यह नेतृत्व वह ही प्रदान कर सकती हैं। इस बयान के बाद से राजनीतिक हलकों में चर्चा तेज हो गई है, खासकर यह सवाल उठने लगा है कि क्या ममता बनर्जी इंडी गठबंधन के लिए उपयुक्त नेता हो सकती हैं, या अन्य दलों के नेता इस मामले पर अलग-अलग राय रखते हैं।

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उन्होंने आईएएनएस से बात करते हुए कहा, “विपक्षी दलों का सत्ता पक्ष पर आरोप है कि सरकार सदन नहीं चला रही। सरकार सदन तो चलाना चाहती है। हर मुद्दे पर बात करना चाहती है। चर्चा करना चाहती है। विपक्षी पार्टियों को अपने सवालों को उठाने का मौका देना चाहती है। विपक्ष कोई न कोई बात पर रोज हंगामा कर रहा है और सदन चलने से रोक रहा है। यह अच्छी बात नहीं है। विपक्ष को अपनी बात रखने का पूरा अधिकार है। सरकार की जिम्मेदारी जरूर है, लेकिन सदन चलाने के लिए विपक्ष का भी सहयोग मिलना बहुत जरूरी है। विपक्ष रोज हंगामा करके समय और काम बर्बाद कर रहा है।”

इसके बाद इंडी गठबंधन की कमान ममता बनर्जी को सौंपने के सवाल पर उन्होंने कहा, “इंडी गठबंधन का आपस में एकमत नहीं है। कुछ लोग बोलते हैं इसका नेता राहुल गांधी को बनाना चाहिए, कुछ लोग बोलते हैं ममता को इसका नेता बनाना चाहिए। कुछ लोग बोलते हैं उद्धव ठाकरे को इसे देना चाहिए। विपक्ष में एकदम तालमेल नहीं है। यह इंडी गठबंधन जल्दी टूट जाएगा। जिस तरह दिल्ली के चुनाव में आप और कांग्रेस अलग-अलग लड़ रही है। इन लोगों में एकता नहीं है।”

बता दें कि तृणमूल कांग्रेस की अध्यक्ष ममता बनर्जी ने हाल ही में एक टीवी चैनल को दिए साक्षात्कार में इंडिया ब्लॉक की अध्यक्षता करने की मंशा जाहिर की थी। उनका कहना है कि अगर इंडिया ब्लॉक में नेतृत्व की बात आती है, तो वह इस जिम्मेदारी को संभालने के लिए तैयार हैं। ममता ने यह भी कहा कि विपक्षी दलों को एकजुट करने और भाजपा को परास्त करने के लिए एक मजबूत नेतृत्व की आवश्यकता है, और उनका मानना है कि यह नेतृत्व वह ही प्रदान कर सकती हैं। इस बयान के बाद से राजनीतिक हलकों में चर्चा तेज हो गई है, खासकर यह सवाल उठने लगा है कि क्या ममता बनर्जी इंडी गठबंधन के लिए उपयुक्त नेता हो सकती हैं, या अन्य दलों के नेता इस मामले पर अलग-अलग राय रखते हैं।

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नई दिल्ली, 10 दिसंबर (आईएएनएस)। देश की संसद में मंगलवार को सत्ता पक्ष और विपक्ष द्वारा एक-दूसरे पर लगातार आरोप-प्रत्यारोप लगाने और हंगामे के कारण दोनों सदनों की कार्यवाही दिनभर के लिए स्थगित कर दी गई। इस पर रामदास अठावले ने विपक्ष पर सदन न चलने देने का आरोप लगाया।

उन्होंने आईएएनएस से बात करते हुए कहा, “विपक्षी दलों का सत्ता पक्ष पर आरोप है कि सरकार सदन नहीं चला रही। सरकार सदन तो चलाना चाहती है। हर मुद्दे पर बात करना चाहती है। चर्चा करना चाहती है। विपक्षी पार्टियों को अपने सवालों को उठाने का मौका देना चाहती है। विपक्ष कोई न कोई बात पर रोज हंगामा कर रहा है और सदन चलने से रोक रहा है। यह अच्छी बात नहीं है। विपक्ष को अपनी बात रखने का पूरा अधिकार है। सरकार की जिम्मेदारी जरूर है, लेकिन सदन चलाने के लिए विपक्ष का भी सहयोग मिलना बहुत जरूरी है। विपक्ष रोज हंगामा करके समय और काम बर्बाद कर रहा है।”

इसके बाद इंडी गठबंधन की कमान ममता बनर्जी को सौंपने के सवाल पर उन्होंने कहा, “इंडी गठबंधन का आपस में एकमत नहीं है। कुछ लोग बोलते हैं इसका नेता राहुल गांधी को बनाना चाहिए, कुछ लोग बोलते हैं ममता को इसका नेता बनाना चाहिए। कुछ लोग बोलते हैं उद्धव ठाकरे को इसे देना चाहिए। विपक्ष में एकदम तालमेल नहीं है। यह इंडी गठबंधन जल्दी टूट जाएगा। जिस तरह दिल्ली के चुनाव में आप और कांग्रेस अलग-अलग लड़ रही है। इन लोगों में एकता नहीं है।”

बता दें कि तृणमूल कांग्रेस की अध्यक्ष ममता बनर्जी ने हाल ही में एक टीवी चैनल को दिए साक्षात्कार में इंडिया ब्लॉक की अध्यक्षता करने की मंशा जाहिर की थी। उनका कहना है कि अगर इंडिया ब्लॉक में नेतृत्व की बात आती है, तो वह इस जिम्मेदारी को संभालने के लिए तैयार हैं। ममता ने यह भी कहा कि विपक्षी दलों को एकजुट करने और भाजपा को परास्त करने के लिए एक मजबूत नेतृत्व की आवश्यकता है, और उनका मानना है कि यह नेतृत्व वह ही प्रदान कर सकती हैं। इस बयान के बाद से राजनीतिक हलकों में चर्चा तेज हो गई है, खासकर यह सवाल उठने लगा है कि क्या ममता बनर्जी इंडी गठबंधन के लिए उपयुक्त नेता हो सकती हैं, या अन्य दलों के नेता इस मामले पर अलग-अलग राय रखते हैं।

–आईएएनएस

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नई दिल्ली, 10 दिसंबर (आईएएनएस)। देश की संसद में मंगलवार को सत्ता पक्ष और विपक्ष द्वारा एक-दूसरे पर लगातार आरोप-प्रत्यारोप लगाने और हंगामे के कारण दोनों सदनों की कार्यवाही दिनभर के लिए स्थगित कर दी गई। इस पर रामदास अठावले ने विपक्ष पर सदन न चलने देने का आरोप लगाया।

उन्होंने आईएएनएस से बात करते हुए कहा, “विपक्षी दलों का सत्ता पक्ष पर आरोप है कि सरकार सदन नहीं चला रही। सरकार सदन तो चलाना चाहती है। हर मुद्दे पर बात करना चाहती है। चर्चा करना चाहती है। विपक्षी पार्टियों को अपने सवालों को उठाने का मौका देना चाहती है। विपक्ष कोई न कोई बात पर रोज हंगामा कर रहा है और सदन चलने से रोक रहा है। यह अच्छी बात नहीं है। विपक्ष को अपनी बात रखने का पूरा अधिकार है। सरकार की जिम्मेदारी जरूर है, लेकिन सदन चलाने के लिए विपक्ष का भी सहयोग मिलना बहुत जरूरी है। विपक्ष रोज हंगामा करके समय और काम बर्बाद कर रहा है।”

इसके बाद इंडी गठबंधन की कमान ममता बनर्जी को सौंपने के सवाल पर उन्होंने कहा, “इंडी गठबंधन का आपस में एकमत नहीं है। कुछ लोग बोलते हैं इसका नेता राहुल गांधी को बनाना चाहिए, कुछ लोग बोलते हैं ममता को इसका नेता बनाना चाहिए। कुछ लोग बोलते हैं उद्धव ठाकरे को इसे देना चाहिए। विपक्ष में एकदम तालमेल नहीं है। यह इंडी गठबंधन जल्दी टूट जाएगा। जिस तरह दिल्ली के चुनाव में आप और कांग्रेस अलग-अलग लड़ रही है। इन लोगों में एकता नहीं है।”

बता दें कि तृणमूल कांग्रेस की अध्यक्ष ममता बनर्जी ने हाल ही में एक टीवी चैनल को दिए साक्षात्कार में इंडिया ब्लॉक की अध्यक्षता करने की मंशा जाहिर की थी। उनका कहना है कि अगर इंडिया ब्लॉक में नेतृत्व की बात आती है, तो वह इस जिम्मेदारी को संभालने के लिए तैयार हैं। ममता ने यह भी कहा कि विपक्षी दलों को एकजुट करने और भाजपा को परास्त करने के लिए एक मजबूत नेतृत्व की आवश्यकता है, और उनका मानना है कि यह नेतृत्व वह ही प्रदान कर सकती हैं। इस बयान के बाद से राजनीतिक हलकों में चर्चा तेज हो गई है, खासकर यह सवाल उठने लगा है कि क्या ममता बनर्जी इंडी गठबंधन के लिए उपयुक्त नेता हो सकती हैं, या अन्य दलों के नेता इस मामले पर अलग-अलग राय रखते हैं।

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उन्होंने आईएएनएस से बात करते हुए कहा, “विपक्षी दलों का सत्ता पक्ष पर आरोप है कि सरकार सदन नहीं चला रही। सरकार सदन तो चलाना चाहती है। हर मुद्दे पर बात करना चाहती है। चर्चा करना चाहती है। विपक्षी पार्टियों को अपने सवालों को उठाने का मौका देना चाहती है। विपक्ष कोई न कोई बात पर रोज हंगामा कर रहा है और सदन चलने से रोक रहा है। यह अच्छी बात नहीं है। विपक्ष को अपनी बात रखने का पूरा अधिकार है। सरकार की जिम्मेदारी जरूर है, लेकिन सदन चलाने के लिए विपक्ष का भी सहयोग मिलना बहुत जरूरी है। विपक्ष रोज हंगामा करके समय और काम बर्बाद कर रहा है।”

इसके बाद इंडी गठबंधन की कमान ममता बनर्जी को सौंपने के सवाल पर उन्होंने कहा, “इंडी गठबंधन का आपस में एकमत नहीं है। कुछ लोग बोलते हैं इसका नेता राहुल गांधी को बनाना चाहिए, कुछ लोग बोलते हैं ममता को इसका नेता बनाना चाहिए। कुछ लोग बोलते हैं उद्धव ठाकरे को इसे देना चाहिए। विपक्ष में एकदम तालमेल नहीं है। यह इंडी गठबंधन जल्दी टूट जाएगा। जिस तरह दिल्ली के चुनाव में आप और कांग्रेस अलग-अलग लड़ रही है। इन लोगों में एकता नहीं है।”

बता दें कि तृणमूल कांग्रेस की अध्यक्ष ममता बनर्जी ने हाल ही में एक टीवी चैनल को दिए साक्षात्कार में इंडिया ब्लॉक की अध्यक्षता करने की मंशा जाहिर की थी। उनका कहना है कि अगर इंडिया ब्लॉक में नेतृत्व की बात आती है, तो वह इस जिम्मेदारी को संभालने के लिए तैयार हैं। ममता ने यह भी कहा कि विपक्षी दलों को एकजुट करने और भाजपा को परास्त करने के लिए एक मजबूत नेतृत्व की आवश्यकता है, और उनका मानना है कि यह नेतृत्व वह ही प्रदान कर सकती हैं। इस बयान के बाद से राजनीतिक हलकों में चर्चा तेज हो गई है, खासकर यह सवाल उठने लगा है कि क्या ममता बनर्जी इंडी गठबंधन के लिए उपयुक्त नेता हो सकती हैं, या अन्य दलों के नेता इस मामले पर अलग-अलग राय रखते हैं।

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नई दिल्ली, 10 दिसंबर (आईएएनएस)। देश की संसद में मंगलवार को सत्ता पक्ष और विपक्ष द्वारा एक-दूसरे पर लगातार आरोप-प्रत्यारोप लगाने और हंगामे के कारण दोनों सदनों की कार्यवाही दिनभर के लिए स्थगित कर दी गई। इस पर रामदास अठावले ने विपक्ष पर सदन न चलने देने का आरोप लगाया।

उन्होंने आईएएनएस से बात करते हुए कहा, “विपक्षी दलों का सत्ता पक्ष पर आरोप है कि सरकार सदन नहीं चला रही। सरकार सदन तो चलाना चाहती है। हर मुद्दे पर बात करना चाहती है। चर्चा करना चाहती है। विपक्षी पार्टियों को अपने सवालों को उठाने का मौका देना चाहती है। विपक्ष कोई न कोई बात पर रोज हंगामा कर रहा है और सदन चलने से रोक रहा है। यह अच्छी बात नहीं है। विपक्ष को अपनी बात रखने का पूरा अधिकार है। सरकार की जिम्मेदारी जरूर है, लेकिन सदन चलाने के लिए विपक्ष का भी सहयोग मिलना बहुत जरूरी है। विपक्ष रोज हंगामा करके समय और काम बर्बाद कर रहा है।”

इसके बाद इंडी गठबंधन की कमान ममता बनर्जी को सौंपने के सवाल पर उन्होंने कहा, “इंडी गठबंधन का आपस में एकमत नहीं है। कुछ लोग बोलते हैं इसका नेता राहुल गांधी को बनाना चाहिए, कुछ लोग बोलते हैं ममता को इसका नेता बनाना चाहिए। कुछ लोग बोलते हैं उद्धव ठाकरे को इसे देना चाहिए। विपक्ष में एकदम तालमेल नहीं है। यह इंडी गठबंधन जल्दी टूट जाएगा। जिस तरह दिल्ली के चुनाव में आप और कांग्रेस अलग-अलग लड़ रही है। इन लोगों में एकता नहीं है।”

बता दें कि तृणमूल कांग्रेस की अध्यक्ष ममता बनर्जी ने हाल ही में एक टीवी चैनल को दिए साक्षात्कार में इंडिया ब्लॉक की अध्यक्षता करने की मंशा जाहिर की थी। उनका कहना है कि अगर इंडिया ब्लॉक में नेतृत्व की बात आती है, तो वह इस जिम्मेदारी को संभालने के लिए तैयार हैं। ममता ने यह भी कहा कि विपक्षी दलों को एकजुट करने और भाजपा को परास्त करने के लिए एक मजबूत नेतृत्व की आवश्यकता है, और उनका मानना है कि यह नेतृत्व वह ही प्रदान कर सकती हैं। इस बयान के बाद से राजनीतिक हलकों में चर्चा तेज हो गई है, खासकर यह सवाल उठने लगा है कि क्या ममता बनर्जी इंडी गठबंधन के लिए उपयुक्त नेता हो सकती हैं, या अन्य दलों के नेता इस मामले पर अलग-अलग राय रखते हैं।

–आईएएनएस

पीएसएम/एएस

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नई दिल्ली, 10 दिसंबर (आईएएनएस)। देश की संसद में मंगलवार को सत्ता पक्ष और विपक्ष द्वारा एक-दूसरे पर लगातार आरोप-प्रत्यारोप लगाने और हंगामे के कारण दोनों सदनों की कार्यवाही दिनभर के लिए स्थगित कर दी गई। इस पर रामदास अठावले ने विपक्ष पर सदन न चलने देने का आरोप लगाया।

उन्होंने आईएएनएस से बात करते हुए कहा, “विपक्षी दलों का सत्ता पक्ष पर आरोप है कि सरकार सदन नहीं चला रही। सरकार सदन तो चलाना चाहती है। हर मुद्दे पर बात करना चाहती है। चर्चा करना चाहती है। विपक्षी पार्टियों को अपने सवालों को उठाने का मौका देना चाहती है। विपक्ष कोई न कोई बात पर रोज हंगामा कर रहा है और सदन चलने से रोक रहा है। यह अच्छी बात नहीं है। विपक्ष को अपनी बात रखने का पूरा अधिकार है। सरकार की जिम्मेदारी जरूर है, लेकिन सदन चलाने के लिए विपक्ष का भी सहयोग मिलना बहुत जरूरी है। विपक्ष रोज हंगामा करके समय और काम बर्बाद कर रहा है।”

इसके बाद इंडी गठबंधन की कमान ममता बनर्जी को सौंपने के सवाल पर उन्होंने कहा, “इंडी गठबंधन का आपस में एकमत नहीं है। कुछ लोग बोलते हैं इसका नेता राहुल गांधी को बनाना चाहिए, कुछ लोग बोलते हैं ममता को इसका नेता बनाना चाहिए। कुछ लोग बोलते हैं उद्धव ठाकरे को इसे देना चाहिए। विपक्ष में एकदम तालमेल नहीं है। यह इंडी गठबंधन जल्दी टूट जाएगा। जिस तरह दिल्ली के चुनाव में आप और कांग्रेस अलग-अलग लड़ रही है। इन लोगों में एकता नहीं है।”

बता दें कि तृणमूल कांग्रेस की अध्यक्ष ममता बनर्जी ने हाल ही में एक टीवी चैनल को दिए साक्षात्कार में इंडिया ब्लॉक की अध्यक्षता करने की मंशा जाहिर की थी। उनका कहना है कि अगर इंडिया ब्लॉक में नेतृत्व की बात आती है, तो वह इस जिम्मेदारी को संभालने के लिए तैयार हैं। ममता ने यह भी कहा कि विपक्षी दलों को एकजुट करने और भाजपा को परास्त करने के लिए एक मजबूत नेतृत्व की आवश्यकता है, और उनका मानना है कि यह नेतृत्व वह ही प्रदान कर सकती हैं। इस बयान के बाद से राजनीतिक हलकों में चर्चा तेज हो गई है, खासकर यह सवाल उठने लगा है कि क्या ममता बनर्जी इंडी गठबंधन के लिए उपयुक्त नेता हो सकती हैं, या अन्य दलों के नेता इस मामले पर अलग-अलग राय रखते हैं।

–आईएएनएस

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नई दिल्ली, 10 दिसंबर (आईएएनएस)। देश की संसद में मंगलवार को सत्ता पक्ष और विपक्ष द्वारा एक-दूसरे पर लगातार आरोप-प्रत्यारोप लगाने और हंगामे के कारण दोनों सदनों की कार्यवाही दिनभर के लिए स्थगित कर दी गई। इस पर रामदास अठावले ने विपक्ष पर सदन न चलने देने का आरोप लगाया।

उन्होंने आईएएनएस से बात करते हुए कहा, “विपक्षी दलों का सत्ता पक्ष पर आरोप है कि सरकार सदन नहीं चला रही। सरकार सदन तो चलाना चाहती है। हर मुद्दे पर बात करना चाहती है। चर्चा करना चाहती है। विपक्षी पार्टियों को अपने सवालों को उठाने का मौका देना चाहती है। विपक्ष कोई न कोई बात पर रोज हंगामा कर रहा है और सदन चलने से रोक रहा है। यह अच्छी बात नहीं है। विपक्ष को अपनी बात रखने का पूरा अधिकार है। सरकार की जिम्मेदारी जरूर है, लेकिन सदन चलाने के लिए विपक्ष का भी सहयोग मिलना बहुत जरूरी है। विपक्ष रोज हंगामा करके समय और काम बर्बाद कर रहा है।”

इसके बाद इंडी गठबंधन की कमान ममता बनर्जी को सौंपने के सवाल पर उन्होंने कहा, “इंडी गठबंधन का आपस में एकमत नहीं है। कुछ लोग बोलते हैं इसका नेता राहुल गांधी को बनाना चाहिए, कुछ लोग बोलते हैं ममता को इसका नेता बनाना चाहिए। कुछ लोग बोलते हैं उद्धव ठाकरे को इसे देना चाहिए। विपक्ष में एकदम तालमेल नहीं है। यह इंडी गठबंधन जल्दी टूट जाएगा। जिस तरह दिल्ली के चुनाव में आप और कांग्रेस अलग-अलग लड़ रही है। इन लोगों में एकता नहीं है।”

बता दें कि तृणमूल कांग्रेस की अध्यक्ष ममता बनर्जी ने हाल ही में एक टीवी चैनल को दिए साक्षात्कार में इंडिया ब्लॉक की अध्यक्षता करने की मंशा जाहिर की थी। उनका कहना है कि अगर इंडिया ब्लॉक में नेतृत्व की बात आती है, तो वह इस जिम्मेदारी को संभालने के लिए तैयार हैं। ममता ने यह भी कहा कि विपक्षी दलों को एकजुट करने और भाजपा को परास्त करने के लिए एक मजबूत नेतृत्व की आवश्यकता है, और उनका मानना है कि यह नेतृत्व वह ही प्रदान कर सकती हैं। इस बयान के बाद से राजनीतिक हलकों में चर्चा तेज हो गई है, खासकर यह सवाल उठने लगा है कि क्या ममता बनर्जी इंडी गठबंधन के लिए उपयुक्त नेता हो सकती हैं, या अन्य दलों के नेता इस मामले पर अलग-अलग राय रखते हैं।

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नई दिल्ली, 10 दिसंबर (आईएएनएस)। देश की संसद में मंगलवार को सत्ता पक्ष और विपक्ष द्वारा एक-दूसरे पर लगातार आरोप-प्रत्यारोप लगाने और हंगामे के कारण दोनों सदनों की कार्यवाही दिनभर के लिए स्थगित कर दी गई। इस पर रामदास अठावले ने विपक्ष पर सदन न चलने देने का आरोप लगाया।

उन्होंने आईएएनएस से बात करते हुए कहा, “विपक्षी दलों का सत्ता पक्ष पर आरोप है कि सरकार सदन नहीं चला रही। सरकार सदन तो चलाना चाहती है। हर मुद्दे पर बात करना चाहती है। चर्चा करना चाहती है। विपक्षी पार्टियों को अपने सवालों को उठाने का मौका देना चाहती है। विपक्ष कोई न कोई बात पर रोज हंगामा कर रहा है और सदन चलने से रोक रहा है। यह अच्छी बात नहीं है। विपक्ष को अपनी बात रखने का पूरा अधिकार है। सरकार की जिम्मेदारी जरूर है, लेकिन सदन चलाने के लिए विपक्ष का भी सहयोग मिलना बहुत जरूरी है। विपक्ष रोज हंगामा करके समय और काम बर्बाद कर रहा है।”

इसके बाद इंडी गठबंधन की कमान ममता बनर्जी को सौंपने के सवाल पर उन्होंने कहा, “इंडी गठबंधन का आपस में एकमत नहीं है। कुछ लोग बोलते हैं इसका नेता राहुल गांधी को बनाना चाहिए, कुछ लोग बोलते हैं ममता को इसका नेता बनाना चाहिए। कुछ लोग बोलते हैं उद्धव ठाकरे को इसे देना चाहिए। विपक्ष में एकदम तालमेल नहीं है। यह इंडी गठबंधन जल्दी टूट जाएगा। जिस तरह दिल्ली के चुनाव में आप और कांग्रेस अलग-अलग लड़ रही है। इन लोगों में एकता नहीं है।”

बता दें कि तृणमूल कांग्रेस की अध्यक्ष ममता बनर्जी ने हाल ही में एक टीवी चैनल को दिए साक्षात्कार में इंडिया ब्लॉक की अध्यक्षता करने की मंशा जाहिर की थी। उनका कहना है कि अगर इंडिया ब्लॉक में नेतृत्व की बात आती है, तो वह इस जिम्मेदारी को संभालने के लिए तैयार हैं। ममता ने यह भी कहा कि विपक्षी दलों को एकजुट करने और भाजपा को परास्त करने के लिए एक मजबूत नेतृत्व की आवश्यकता है, और उनका मानना है कि यह नेतृत्व वह ही प्रदान कर सकती हैं। इस बयान के बाद से राजनीतिक हलकों में चर्चा तेज हो गई है, खासकर यह सवाल उठने लगा है कि क्या ममता बनर्जी इंडी गठबंधन के लिए उपयुक्त नेता हो सकती हैं, या अन्य दलों के नेता इस मामले पर अलग-अलग राय रखते हैं।

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उन्होंने आईएएनएस से बात करते हुए कहा, “विपक्षी दलों का सत्ता पक्ष पर आरोप है कि सरकार सदन नहीं चला रही। सरकार सदन तो चलाना चाहती है। हर मुद्दे पर बात करना चाहती है। चर्चा करना चाहती है। विपक्षी पार्टियों को अपने सवालों को उठाने का मौका देना चाहती है। विपक्ष कोई न कोई बात पर रोज हंगामा कर रहा है और सदन चलने से रोक रहा है। यह अच्छी बात नहीं है। विपक्ष को अपनी बात रखने का पूरा अधिकार है। सरकार की जिम्मेदारी जरूर है, लेकिन सदन चलाने के लिए विपक्ष का भी सहयोग मिलना बहुत जरूरी है। विपक्ष रोज हंगामा करके समय और काम बर्बाद कर रहा है।”

इसके बाद इंडी गठबंधन की कमान ममता बनर्जी को सौंपने के सवाल पर उन्होंने कहा, “इंडी गठबंधन का आपस में एकमत नहीं है। कुछ लोग बोलते हैं इसका नेता राहुल गांधी को बनाना चाहिए, कुछ लोग बोलते हैं ममता को इसका नेता बनाना चाहिए। कुछ लोग बोलते हैं उद्धव ठाकरे को इसे देना चाहिए। विपक्ष में एकदम तालमेल नहीं है। यह इंडी गठबंधन जल्दी टूट जाएगा। जिस तरह दिल्ली के चुनाव में आप और कांग्रेस अलग-अलग लड़ रही है। इन लोगों में एकता नहीं है।”

बता दें कि तृणमूल कांग्रेस की अध्यक्ष ममता बनर्जी ने हाल ही में एक टीवी चैनल को दिए साक्षात्कार में इंडिया ब्लॉक की अध्यक्षता करने की मंशा जाहिर की थी। उनका कहना है कि अगर इंडिया ब्लॉक में नेतृत्व की बात आती है, तो वह इस जिम्मेदारी को संभालने के लिए तैयार हैं। ममता ने यह भी कहा कि विपक्षी दलों को एकजुट करने और भाजपा को परास्त करने के लिए एक मजबूत नेतृत्व की आवश्यकता है, और उनका मानना है कि यह नेतृत्व वह ही प्रदान कर सकती हैं। इस बयान के बाद से राजनीतिक हलकों में चर्चा तेज हो गई है, खासकर यह सवाल उठने लगा है कि क्या ममता बनर्जी इंडी गठबंधन के लिए उपयुक्त नेता हो सकती हैं, या अन्य दलों के नेता इस मामले पर अलग-अलग राय रखते हैं।

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उन्होंने आईएएनएस से बात करते हुए कहा, “विपक्षी दलों का सत्ता पक्ष पर आरोप है कि सरकार सदन नहीं चला रही। सरकार सदन तो चलाना चाहती है। हर मुद्दे पर बात करना चाहती है। चर्चा करना चाहती है। विपक्षी पार्टियों को अपने सवालों को उठाने का मौका देना चाहती है। विपक्ष कोई न कोई बात पर रोज हंगामा कर रहा है और सदन चलने से रोक रहा है। यह अच्छी बात नहीं है। विपक्ष को अपनी बात रखने का पूरा अधिकार है। सरकार की जिम्मेदारी जरूर है, लेकिन सदन चलाने के लिए विपक्ष का भी सहयोग मिलना बहुत जरूरी है। विपक्ष रोज हंगामा करके समय और काम बर्बाद कर रहा है।”

इसके बाद इंडी गठबंधन की कमान ममता बनर्जी को सौंपने के सवाल पर उन्होंने कहा, “इंडी गठबंधन का आपस में एकमत नहीं है। कुछ लोग बोलते हैं इसका नेता राहुल गांधी को बनाना चाहिए, कुछ लोग बोलते हैं ममता को इसका नेता बनाना चाहिए। कुछ लोग बोलते हैं उद्धव ठाकरे को इसे देना चाहिए। विपक्ष में एकदम तालमेल नहीं है। यह इंडी गठबंधन जल्दी टूट जाएगा। जिस तरह दिल्ली के चुनाव में आप और कांग्रेस अलग-अलग लड़ रही है। इन लोगों में एकता नहीं है।”

बता दें कि तृणमूल कांग्रेस की अध्यक्ष ममता बनर्जी ने हाल ही में एक टीवी चैनल को दिए साक्षात्कार में इंडिया ब्लॉक की अध्यक्षता करने की मंशा जाहिर की थी। उनका कहना है कि अगर इंडिया ब्लॉक में नेतृत्व की बात आती है, तो वह इस जिम्मेदारी को संभालने के लिए तैयार हैं। ममता ने यह भी कहा कि विपक्षी दलों को एकजुट करने और भाजपा को परास्त करने के लिए एक मजबूत नेतृत्व की आवश्यकता है, और उनका मानना है कि यह नेतृत्व वह ही प्रदान कर सकती हैं। इस बयान के बाद से राजनीतिक हलकों में चर्चा तेज हो गई है, खासकर यह सवाल उठने लगा है कि क्या ममता बनर्जी इंडी गठबंधन के लिए उपयुक्त नेता हो सकती हैं, या अन्य दलों के नेता इस मामले पर अलग-अलग राय रखते हैं।

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