लखनऊ, 29 जून (आईएएनएस)। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा है कि शिक्षकों का सम्मान देश की वर्तमान और भावी पीढ़ी का सम्मान है। बच्चों में मानवीय संवेदनाओं को जागृत करना ही एक शिक्षक का परम दायित्व है।
उन्होंने कहा कि हमें छोटी-छोटी लोकोक्तियों के माध्यम से शिक्षण कला को और मनोरंजक बनाना होगा, साथ ही इस क्षेत्र में लगातार नये अनुसंधान की भी जरूरत है।
मुख्यमंत्री योगी शनिवार को गोमती नगर विस्तार में प्रतिष्ठित शिक्षण संस्था सीएमएस में शिक्षक सम्मान समारोह को संबोधित कर रहे थे।
मुख्यमंत्री ने सीएमएस के संस्थापक डॉ जगदीश गांधी की स्मृतियों को नमन करते हुए उन्हें विनम्र श्रद्धांजलि अर्पित की। सीएम ने सीएमएस की संस्थापिका और चेयरमैन डॉ भारती गांधी की भी इस बात के लिए प्रशंसा की कि उन्होंने डॉ जगदीश गांधी के साथ अलीगढ़ से आकर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में इस विशाल वटवृक्ष को रोपने का कार्य किया। आज यह वटवृक्ष हजारों विद्यार्थियों को अपनी छाया प्रदान कर रहा है।
मुख्यंमत्री ने कहा कि शिक्षकों का सम्मान हमारे वर्तमान और भावी जीवन का सम्मान है। जो देश के भविष्य का निर्माण कर रहे हैं उनका सम्मान करना अपने आप में सम्मान का विषय है। शिक्षण व्यवस्थाओं से जुड़ी समस्याओं का समाधान कठिन परिश्रम है। परिश्रम से ही हमें अंत:करण की खुशी मिलती है। विद्यार्थियों को उबाऊ कक्षाओं से उबारकर कैसे मनोरंजक शिक्षा की ओर ले जाया जा सकता है, शिक्षकों को इसका ध्यान रखना होगा। शिक्षण कला में नये-नये अनुसंधान करने होंगे। बच्चे कैसे आसानी से शिक्षा को ग्रहण कर सकें, इसका ध्यान रखना होगा।
सीएम योगी ने अपने विद्यार्थी जीवन की भी चर्चा करते हुए कहा कि छोटी-छोटी लोकोक्तियों के माध्यम से हमें शिक्षा को मनोरंजक बनाना होगा। बच्चों को स्वस्थ प्रतिस्पर्धा के लिए तैयार करना होगा, साथ ही उनकी क्षमताओं का भी ध्यान रखना होगा। बच्चों के साथ जबरदस्ती न हो, इसके लिए हमें धीरे-धीरे उन्हें प्रतिस्पर्धा के लिए तैयार करना होगा। उन्होंने कहा कि ये अच्छी बात है कि हम अपने बच्चों को आईएएस और आईपीएस बनाएं, मगर उससे भी ज्यादा जरूरी है कि हमारे बच्चे एक अच्छे राष्ट्रभक्त नागरिक बनें। हमें बच्चों में मानवीय संवेदनाओं को जागृत करना है।
–आईएएनएस
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