कोलकाता, 11 मार्च (आईएएनएस)। पश्चिम बंगाल में करोड़ों रुपये के शिक्षक भर्ती घोटाले के सिलसिले में शुक्रवार को प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) द्वारा गिरफ्तार तृणमूल कांग्रेस नेता शांतनु बंदोपाध्याय को विशेष पीएमएलए अदालत ने सोमवार को तीन दिन की ईडी हिरासत में भेज दिया।
हालांकि ईडी के वकील ने हुगली जिला परिषद के प्रमुख नोडल अधिकारी बंदोपाध्याय की 14 दिनों की हिरासत के लिए याचिका दायर की थी, न्यायाधीश ने 13 मार्च तक रिमांड मंजूर की।
बंदोपाध्याय ने शनिवार को दावा किया कि उन्हें इस मामले में फंसाया गया है और करोड़ों रुपये के घोटाले के सिलसिले में पहले से ही न्यायिक हिरासत में बंद लोगों ने जानबूझकर ऐसा किया है। हालांकि, उन्होंने इस सिलसिले में किसी खास का नाम नहीं लिया।
इस बीच, ईडी के सूत्रों ने कहा कि एजेंसी को इस बात के पुख्ता सबूत मिले हैं कि बंदोपाध्याय के तृणमूल कांग्रेस के विधायक और पश्चिम बंगाल प्राथमिक शिक्षा बोर्ड (डब्ल्यूबीबीपीई) के पूर्व अध्यक्ष माणिक भट्टाचार्य के साथ सीधे संबंध थे, जो वर्तमान में भर्ती घोटाले में उनकी कथित संलिप्तता के लिए अपनी पत्नी और बेटे के साथ न्यायिक हिरासत में है।
ईडी ने प्राथमिक शिक्षकों की भर्ती के लिए उम्मीदवारों की दो समान सूची बरामद की है, पहली भट्टाचार्य के आवास से और दूसरी बंदोपाध्याय के आवास से। 319 उम्मीदवारों की दो समान सूचियों में, 20 वर्तमान में विभिन्न सरकारी स्कूलों में प्राथमिक शिक्षकों के रूप में कार्यरत हैं। जांच अधिकारी उन्हें पूछताछ के लिए बुलाने पर विचार कर रहे हैं ताकि यह पता लगाया जा सके कि उन्होंने अपनी नियुक्तियों को सुनिश्चित करने के लिए किसे पैसे दिए।
घोटाले के एक अन्य आरोपी बिचौलिए तापस मंडल द्वारा ईडी को दिए गए बयानों के अनुसार, बंदोपाध्याय सीधे भट्टाचार्य को प्राथमिक शिक्षकों की नियुक्ति के लिए सिफारिशें भेजते थे।
–आईएएनएस
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