नई दिल्ली, 6 नवंबर (आईएएनएस)। ‘भारत-ऑस्ट्रेलिया’ शिक्षा एवं कौशल परिषद की प्रथम बैठक सोमवार को शुरू हुई। यह बैठक आईआईटी गांधीनगर में होने जा रही है। इस महत्वपूर्ण बैठक में भारत और ऑस्ट्रेलिया के शिक्षा मंत्री हिस्सा ले रहे हैं। ऑस्ट्रेलिया व भारत के एक साथ आने का उद्देश्य दोनों देशों के बीच शिक्षा, ट्रेनिंग और रिसर्च के क्षेत्र में होने वाली साझेदारी को बढ़ाना है।
दोनों देशों की राष्ट्रीय प्राथमिकताओं के अनुरूप इसे तैयार किया गया है। भारत और ऑस्ट्रेलिया की इस पहल से दोनों देशों के छात्रों और फैकल्टी का आवागमन पहले से बेहतर हो सकेगा। यहां ट्रेनिंग के माध्यम से शिक्षा के साथ-साथ कौशल इको-सिस्टम में सहयोग पर ध्यान केंद्रित किया जा सकेगा। ऑस्ट्रेलिया-भारत शिक्षा एवं कौशल परिषद दोनों देशों के बीच शिक्षा, प्रशिक्षण और अनुसंधान साझेदारी का एक द्वि-राष्ट्रीय निकाय है।
शिक्षा मंत्रालय का कहना है कि ऐसा पहली बार है, जब शिक्षा और कौशल विकास को एक ही संस्थागत मंच के तहत लाया जा रहा है। इस यात्रा से शिक्षा और कौशल क्षेत्र में पारस्परिक हितों के महत्वपूर्ण क्षेत्रों में सहयोग, भागीदारी व तालमेल को बढ़ावा मिलने की उम्मीद है। बैठक की अध्यक्षता भारत सरकार के शिक्षा और कौशल विकास मंत्री धर्मेंद्र प्रधान व ऑस्ट्रेलिया सरकार के शिक्षा मंत्री जेसन क्लेयर संयुक्त रूप से कर रहे हैं।
बैठक में अकादमिक और कौशल विशेषज्ञों को पारस्परिक रूप से सम्मत प्राथमिकताओं की एक विस्तृत श्रृंखला पर चर्चा हुई। इसका अंतिम उद्देश्य दोनों देशों में शिक्षा और कौशल के भविष्य को आकार देना है। भविष्य के कार्यबल को आकार देने, शिक्षा में संस्थागत भागीदारी को सुदृढ़ बनाने और अंतर्राष्ट्रीयकरण के माध्यम से अनुसंधान प्रभाव को बढ़ाने के तीन प्रमुख विषयों पर ध्यान केंद्रित करने पर चर्चा की जा रही है।
इस बैठक में भारत और ऑस्ट्रेलिया के वरिष्ठ सरकारी अधिकारियों के साथ-साथ दोनों देशों के उच्च शिक्षा संस्थानों और कौशल क्षेत्रों के प्रमुख भाग ले रहे हैं। सहयोग के लिए महत्वपूर्ण विषयों की पहचान करने के लिए दोनों देशों के शिक्षा मंत्री प्रमुख संस्थानों का दौरा करेंगे। इसमें क्रिएटिव लर्निंग सेंटर, आईआईटी गांधीनगर का दौरा शामिल है, जो उपकरणों के निर्माण, एसटीईएम कला, खिलौनों पर ध्यान केंद्रित करने वाले विचारों के प्रसार, आईआईटी गांधीनगर में विज्ञान केंद्रों की स्थापना और प्रयोगशाला कार्यों के माध्यम से छात्रों और शिक्षकों में वैज्ञानिक रुझान और अंतर्निहित रचनात्मकता को बढ़ावा देने पर काम कर रहा है।
भारत और ऑस्ट्रेलिया के शिक्षा मंत्री, पंडित दीनदयाल ऊर्जा विश्वविद्यालय (पीडीडीयू) और विद्या समीक्षा केंद्र (वीएसके) का भी दौरा कर रहे हैं। पीडीडीयू की स्थापना तेजी से विकसित हो रहे और प्रतिस्पर्धी ऊर्जा उद्योग के साथ तालमेल बनाए रखने, भविष्य की योजना बनाने और आवश्यक बौद्धिक पूंजी का निरंतर निर्माण और मानव संसाधन कौशल का विकास करने के लिए की गई थी।
–आईएएनएस
जीसीबी/एबीएम