ग्रेटर नोएडा, 31 जुलाई (आईएएनएस)। भारत के सबसे युवा प्रतिष्ठित संस्थान, शिव नादर आईओई ने 29 जुलाई को अपने नौवें दीक्षांत समारोह के साथ अपने अगले दशक में प्रवेश किया।
इस भव्य समारोह में 2000 से ज्यादा छात्र, अभिभावक और मेहमानों ने भाग लिया।
कार्यक्रम के दौरान, पद्म श्री पुरस्कार से सम्मानित दो महान शख्सियत भी कार्यक्रम में शामिल हुए। मशहूर फिजिसिस्ट प्रोफेसर रोहिणी गोडबोले और भारत सरकार के वैज्ञानिक सलाहकार अजय कुमार सूद कार्यक्रम में बतौर स्पेशल गेस्ट शामिल हुए। उन्होंने छात्रों को मानद डॉक्टरेट की डिग्री प्रदान की।
कार्यक्रम में, शिव नादर इंस्टीट्यूशन ऑफ एमिनेंस के संस्थापक और पूर्व चांसलर और एचसीएल के संस्थापक शिव नादर ने कहा, ”अपने लक्ष्यों पर केंद्रित रहें, प्रेरित रहें और अपने भविष्य के बारे में आशावादी बने रहें। जब आप बाहर की दुनिया में कदम रखते हैं, याद रखें कि सफलता अक्सर पारंपरिक सोच से मुक्त होने में निहित होती है। अपने यूनिक दृष्टिकोण की शक्ति को अपनाएं और अज्ञात रास्तों पर चलने से पहले काफी सोच-विचार करें। यह भी याद रखें कि जहां आपको कई सफलताएं देखने को मिलेंगी, वहीं असफलताएं भी मिलेंगी। यदि आप कभी असफल नहीं हुए हैं, तो इसका मतलब है कि आपने स्वयं का परीक्षण नहीं किया है। असफलता को एक सीख मानें और आगे बढ़ते रहें।”
प्रोफेसर रोहिणी गोडबोले ने अपने भाषण में कहा, ”मैं ग्रेजुएट छात्रों को बताना चाहती हूं कि जीवन संयोग का खेल है, लेकिन आप किस हिस्से पर व्यापार करना चाहते हैं यह आपका अपना फैसला होना चाहिए। किसी को यह बताने न दें कि आप क्या कर सकते हैं या क्या नहीं। अपने मन, मस्तिष्क और हृदय को फैसले लेने के लिए सक्षम बनाएं।”
अपनी मानद डॉक्टरेट उपाधि स्वीकार करते हुए, प्रोफेसर अजय कुमार सूद ने कहा, ”मुझे यह देखकर खुशी हुई कि विश्वविद्यालय शैक्षणिक प्रशिक्षण और नए विचारों के मंथन के माध्यम से मौलिक अनुसंधान और उत्कृष्टता को आगे बढ़ाने के लिए प्रतिबद्ध है।”
विश्वविद्यालय एक बहु-विषयक, अनुसंधान-केंद्रित और छात्र-केंद्रित संस्थान होने के नाते वैश्विक शैक्षिक मानकों के निर्माण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।
शिव नादर इंस्टीट्यूशन ऑफ एमिनेंस के चांसलर शिखर मल्होत्रा ने कहा, ”जैसा कि विश्वविद्यालय अपनी 12वीं वर्षगांठ मना रहा है, यह ज्ञान की सीमाओं का विस्तार कर रहा है, छात्रों को वास्तव में बहु-विषयक अनुभव प्रदान कर रहा है। विश्वविद्यालय ने स्थिरता के मिशन को भी अपनाया है। हम उच्च लक्ष्य रखेंगे और विश्वविद्यालय को दुनिया के सबसे टिकाऊ परिसरों में से एक बनाएंगे।”’
नौवें दीक्षांत समारोह में 442 अंडरग्रेजुएट को डिग्री, 106 ग्रेजुएट को डिग्री, 33 डॉक्टरेट और चार इंटीग्रेटेड बैचलर्स-मास्टर्स डिग्री प्रदान की गईं।
–आईएएनएस
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