deshbandhu

deshbandu_logo
  • राष्ट्रीय
  • अंतरराष्ट्रीय
  • लाइफ स्टाइल
  • अर्थजगत
  • मनोरंजन
  • खेल
  • अभिमत
  • धर्म
  • विचार
  • ई पेपर
deshbandu_logo
  • राष्ट्रीय
  • अंतरराष्ट्रीय
  • लाइफ स्टाइल
  • अर्थजगत
  • मनोरंजन
  • खेल
  • अभिमत
  • धर्म
  • विचार
  • ई पेपर
Menu
  • राष्ट्रीय
  • अंतरराष्ट्रीय
  • लाइफ स्टाइल
  • अर्थजगत
  • मनोरंजन
  • खेल
  • अभिमत
  • धर्म
  • विचार
  • ई पेपर
Facebook Twitter Youtube
  • भोपाल
  • इंदौर
  • उज्जैन
  • ग्वालियर
  • जबलपुर
  • रीवा
  • चंबल
  • नर्मदापुरम
  • शहडोल
  • सागर
  • देशबन्धु जनमत
  • पाठक प्रतिक्रियाएं
  • हमें जानें
  • विज्ञापन दरें
ADVERTISEMENT
Home राष्ट्रीय

शोभा करंदलाजे, विजयेंद्र कर्नाटक भाजपा अध्यक्ष पद की दौड़ में सबसे आगे

by
October 25, 2023
in राष्ट्रीय
0
शोभा करंदलाजे, विजयेंद्र कर्नाटक भाजपा अध्यक्ष पद की दौड़ में सबसे आगे
0
SHARES
1
VIEWS
Share on FacebookShare on Whatsapp
ADVERTISEMENT
ADVERTISEMENT

बेंगलुरु, 25 अक्टूबर (आईएएनएस)। कर्नाटक भाजपा में अंदरूनी कलह की खबरों के बीच केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण राज्य मंत्री शोभा करंदलाजे और पूर्व मुख्यमंत्री बी.एस. येदियुरप्पा के बेटे तथा विधायक बी.वाई. विजयेंद्र पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष पद की दौड़ में सबसे आगे माने जा रहे हैं।

सूत्रों के मुताबिक, आलाकमान ने पूर्व उप मुख्‍यमंत्री डॉ. सी.एन. अश्वथ नारायण, विधायक बसनगौड़ा पाटिल, पूर्व राष्ट्रीय महासचिव सी.टी. रवि तथा पूर्व मंत्री और कट्टर हिंदुत्ववादी नेता वी. सुनील कुमार के नामों पर भी विचार किया है।

READ ALSO

‘ऑपरेशन सिंदूर’ के बाद पहली बार बीकानेर पहुंचेंगे पीएम मोदी, कार्यकर्ताओं में उत्साह

सड़क हादसा: निजी बस और लॉरी की टक्कर में चार की मौत, दर्जनों घायल

फिलहाल सांसद नलिन कुमार कतील प्रदेश अध्यक्ष हैं। उनका कार्यकाल खत्म हो चुका है।

नए प्रमुख की चर्चा कर्नाटक में पांच महीने पहले हुए विधानसभा चुनाव के बाद से ही चल रही है, जिसमें पार्टी को करारी हार का सामना करना पड़ा था। विपक्षी कांग्रेस राज्य अध्यक्ष और राज्य विधानमंडल में विपक्ष के नेता के पदों के लिए उम्मीदवारों की नियुक्ति करने में विफल रहने के लिए भगवा पार्टी पर निशाना साध रही है।

राज्य में दिसंबर में शीतकालीन सत्र होगा और पार्टी नेताओं को उम्मीद है कि आलाकमान इस पर फैसला लेगा और उन्हें कांग्रेस नेताओं की आलोचना से बचाएगा। हालांकि, पार्टी के शीर्ष नेतृत्व का ध्यान अभी भी देश के पांच राज्यों में नवंबर में होने वाले चुनावों पर है।

सूत्रों ने बताया कि विधानसभा चुनाव में रणनीति पूरी तरह विफल होने के कारण आलाकमान फूंक-फूंक कर कदम रख रहा है। पूर्व मुख्‍यमंत्री येदियुरप्पा और राष्ट्रीय महासचिव बी.एल. संतोष के बीच के बीच अंदरूनी कलह के कारण भी पार्टी इस संबंध में निर्णय नहीं ले पा रही है। चूंकि दोनों नेता एक-दूसरे के हितों को कुचलना चाहते हैं, इसलिए आलाकमान के लिए यह मुश्किल हो गया है क्योंकि वह राज्य में अपनी पकड़ खोना नहीं चाहता था।

सूत्रों ने कहा कि शीर्ष नेतृत्व ने येदियुरप्पा को नजरअंदाज कर दिया और संतोष को प्रमुखता दी। विधानसभा चुनाव लड़ने के लिए कुल 72 नए चेहरों को टिकट दिया गया और वरिष्ठ नेता जगदीश शेट्टार, लक्ष्मण सावदी, के.एस. ईश्वरप्पा और कई अन्य लोगों को टिकट देने से इनकार कर दिया गया। पीएम मोदी और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने राज्य की अधिकतम यात्राएं कीं और राज्य भर में बड़े पैमाने पर रैलियां और रोड शो किए।

प्रचंड जीत दर्ज करने के बाद कांग्रेस के मुख्यमंत्री सिद्दारमैया ने उपहास करते हुए कहा कि पीएम मोदी और अमित शाह जहां भी गए वहां कांग्रेस के उम्मीदवार भारी अंतर से जीते। यहां तक कि आसपास के इलाकों में भी भाजपा के उम्मीदवार हार गए। हार को पचा नहीं पाने के कारण भाजपा आलाकमान ने राज्य नेतृत्व को किनारे कर दिया था।

सूत्रों ने कहा कि आलाकमान फिर से अपने हाथ नहीं जलाना चाहता और संतोष या येदियुरप्पा के प्रस्तावों पर बिल्‍कुल विचार नहीं कर रहा है।

सूत्र बताते हैं कि कभी येदियुरप्पा की खास मानी जाने वाली शोभा करंदलाजे अब बदली हुई परिस्थितियों में संतोष की भी करीबी हैं। येदियुरप्पा के अधीन मंत्री के रूप में उनके काम की सराहना की गई। वह वोक्कालिगा समुदाय से आती हैं। शोभा करंदलाजे उग्र हिंदुत्ववादी टिप्पणियों के लिए जानी जाती हैं।

दूसरी ओर विजयेंद्र पहले ही राज्य की राजनीति में अपनी पहचान बना चुके हैं। उन्हें लिंगायत समुदाय के नेता के तौर पर पेश किया जाता है। विजयेंद्र की संगठनात्मक क्षमताओं की सराहना की जाती है। उन्होंने दक्षिण कर्नाटक के जिलों में भाजपा उम्मीदवारों की जीत सुनिश्चित की थी, जहां भगवा पार्टी पहले कभी नहीं जीती थी।

–आईएएनएस

एकेजे

ADVERTISEMENT

बेंगलुरु, 25 अक्टूबर (आईएएनएस)। कर्नाटक भाजपा में अंदरूनी कलह की खबरों के बीच केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण राज्य मंत्री शोभा करंदलाजे और पूर्व मुख्यमंत्री बी.एस. येदियुरप्पा के बेटे तथा विधायक बी.वाई. विजयेंद्र पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष पद की दौड़ में सबसे आगे माने जा रहे हैं।

सूत्रों के मुताबिक, आलाकमान ने पूर्व उप मुख्‍यमंत्री डॉ. सी.एन. अश्वथ नारायण, विधायक बसनगौड़ा पाटिल, पूर्व राष्ट्रीय महासचिव सी.टी. रवि तथा पूर्व मंत्री और कट्टर हिंदुत्ववादी नेता वी. सुनील कुमार के नामों पर भी विचार किया है।

फिलहाल सांसद नलिन कुमार कतील प्रदेश अध्यक्ष हैं। उनका कार्यकाल खत्म हो चुका है।

नए प्रमुख की चर्चा कर्नाटक में पांच महीने पहले हुए विधानसभा चुनाव के बाद से ही चल रही है, जिसमें पार्टी को करारी हार का सामना करना पड़ा था। विपक्षी कांग्रेस राज्य अध्यक्ष और राज्य विधानमंडल में विपक्ष के नेता के पदों के लिए उम्मीदवारों की नियुक्ति करने में विफल रहने के लिए भगवा पार्टी पर निशाना साध रही है।

राज्य में दिसंबर में शीतकालीन सत्र होगा और पार्टी नेताओं को उम्मीद है कि आलाकमान इस पर फैसला लेगा और उन्हें कांग्रेस नेताओं की आलोचना से बचाएगा। हालांकि, पार्टी के शीर्ष नेतृत्व का ध्यान अभी भी देश के पांच राज्यों में नवंबर में होने वाले चुनावों पर है।

सूत्रों ने बताया कि विधानसभा चुनाव में रणनीति पूरी तरह विफल होने के कारण आलाकमान फूंक-फूंक कर कदम रख रहा है। पूर्व मुख्‍यमंत्री येदियुरप्पा और राष्ट्रीय महासचिव बी.एल. संतोष के बीच के बीच अंदरूनी कलह के कारण भी पार्टी इस संबंध में निर्णय नहीं ले पा रही है। चूंकि दोनों नेता एक-दूसरे के हितों को कुचलना चाहते हैं, इसलिए आलाकमान के लिए यह मुश्किल हो गया है क्योंकि वह राज्य में अपनी पकड़ खोना नहीं चाहता था।

सूत्रों ने कहा कि शीर्ष नेतृत्व ने येदियुरप्पा को नजरअंदाज कर दिया और संतोष को प्रमुखता दी। विधानसभा चुनाव लड़ने के लिए कुल 72 नए चेहरों को टिकट दिया गया और वरिष्ठ नेता जगदीश शेट्टार, लक्ष्मण सावदी, के.एस. ईश्वरप्पा और कई अन्य लोगों को टिकट देने से इनकार कर दिया गया। पीएम मोदी और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने राज्य की अधिकतम यात्राएं कीं और राज्य भर में बड़े पैमाने पर रैलियां और रोड शो किए।

प्रचंड जीत दर्ज करने के बाद कांग्रेस के मुख्यमंत्री सिद्दारमैया ने उपहास करते हुए कहा कि पीएम मोदी और अमित शाह जहां भी गए वहां कांग्रेस के उम्मीदवार भारी अंतर से जीते। यहां तक कि आसपास के इलाकों में भी भाजपा के उम्मीदवार हार गए। हार को पचा नहीं पाने के कारण भाजपा आलाकमान ने राज्य नेतृत्व को किनारे कर दिया था।

सूत्रों ने कहा कि आलाकमान फिर से अपने हाथ नहीं जलाना चाहता और संतोष या येदियुरप्पा के प्रस्तावों पर बिल्‍कुल विचार नहीं कर रहा है।

सूत्र बताते हैं कि कभी येदियुरप्पा की खास मानी जाने वाली शोभा करंदलाजे अब बदली हुई परिस्थितियों में संतोष की भी करीबी हैं। येदियुरप्पा के अधीन मंत्री के रूप में उनके काम की सराहना की गई। वह वोक्कालिगा समुदाय से आती हैं। शोभा करंदलाजे उग्र हिंदुत्ववादी टिप्पणियों के लिए जानी जाती हैं।

दूसरी ओर विजयेंद्र पहले ही राज्य की राजनीति में अपनी पहचान बना चुके हैं। उन्हें लिंगायत समुदाय के नेता के तौर पर पेश किया जाता है। विजयेंद्र की संगठनात्मक क्षमताओं की सराहना की जाती है। उन्होंने दक्षिण कर्नाटक के जिलों में भाजपा उम्मीदवारों की जीत सुनिश्चित की थी, जहां भगवा पार्टी पहले कभी नहीं जीती थी।

–आईएएनएस

एकेजे

ADVERTISEMENT

बेंगलुरु, 25 अक्टूबर (आईएएनएस)। कर्नाटक भाजपा में अंदरूनी कलह की खबरों के बीच केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण राज्य मंत्री शोभा करंदलाजे और पूर्व मुख्यमंत्री बी.एस. येदियुरप्पा के बेटे तथा विधायक बी.वाई. विजयेंद्र पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष पद की दौड़ में सबसे आगे माने जा रहे हैं।

सूत्रों के मुताबिक, आलाकमान ने पूर्व उप मुख्‍यमंत्री डॉ. सी.एन. अश्वथ नारायण, विधायक बसनगौड़ा पाटिल, पूर्व राष्ट्रीय महासचिव सी.टी. रवि तथा पूर्व मंत्री और कट्टर हिंदुत्ववादी नेता वी. सुनील कुमार के नामों पर भी विचार किया है।

फिलहाल सांसद नलिन कुमार कतील प्रदेश अध्यक्ष हैं। उनका कार्यकाल खत्म हो चुका है।

नए प्रमुख की चर्चा कर्नाटक में पांच महीने पहले हुए विधानसभा चुनाव के बाद से ही चल रही है, जिसमें पार्टी को करारी हार का सामना करना पड़ा था। विपक्षी कांग्रेस राज्य अध्यक्ष और राज्य विधानमंडल में विपक्ष के नेता के पदों के लिए उम्मीदवारों की नियुक्ति करने में विफल रहने के लिए भगवा पार्टी पर निशाना साध रही है।

राज्य में दिसंबर में शीतकालीन सत्र होगा और पार्टी नेताओं को उम्मीद है कि आलाकमान इस पर फैसला लेगा और उन्हें कांग्रेस नेताओं की आलोचना से बचाएगा। हालांकि, पार्टी के शीर्ष नेतृत्व का ध्यान अभी भी देश के पांच राज्यों में नवंबर में होने वाले चुनावों पर है।

सूत्रों ने बताया कि विधानसभा चुनाव में रणनीति पूरी तरह विफल होने के कारण आलाकमान फूंक-फूंक कर कदम रख रहा है। पूर्व मुख्‍यमंत्री येदियुरप्पा और राष्ट्रीय महासचिव बी.एल. संतोष के बीच के बीच अंदरूनी कलह के कारण भी पार्टी इस संबंध में निर्णय नहीं ले पा रही है। चूंकि दोनों नेता एक-दूसरे के हितों को कुचलना चाहते हैं, इसलिए आलाकमान के लिए यह मुश्किल हो गया है क्योंकि वह राज्य में अपनी पकड़ खोना नहीं चाहता था।

सूत्रों ने कहा कि शीर्ष नेतृत्व ने येदियुरप्पा को नजरअंदाज कर दिया और संतोष को प्रमुखता दी। विधानसभा चुनाव लड़ने के लिए कुल 72 नए चेहरों को टिकट दिया गया और वरिष्ठ नेता जगदीश शेट्टार, लक्ष्मण सावदी, के.एस. ईश्वरप्पा और कई अन्य लोगों को टिकट देने से इनकार कर दिया गया। पीएम मोदी और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने राज्य की अधिकतम यात्राएं कीं और राज्य भर में बड़े पैमाने पर रैलियां और रोड शो किए।

प्रचंड जीत दर्ज करने के बाद कांग्रेस के मुख्यमंत्री सिद्दारमैया ने उपहास करते हुए कहा कि पीएम मोदी और अमित शाह जहां भी गए वहां कांग्रेस के उम्मीदवार भारी अंतर से जीते। यहां तक कि आसपास के इलाकों में भी भाजपा के उम्मीदवार हार गए। हार को पचा नहीं पाने के कारण भाजपा आलाकमान ने राज्य नेतृत्व को किनारे कर दिया था।

सूत्रों ने कहा कि आलाकमान फिर से अपने हाथ नहीं जलाना चाहता और संतोष या येदियुरप्पा के प्रस्तावों पर बिल्‍कुल विचार नहीं कर रहा है।

सूत्र बताते हैं कि कभी येदियुरप्पा की खास मानी जाने वाली शोभा करंदलाजे अब बदली हुई परिस्थितियों में संतोष की भी करीबी हैं। येदियुरप्पा के अधीन मंत्री के रूप में उनके काम की सराहना की गई। वह वोक्कालिगा समुदाय से आती हैं। शोभा करंदलाजे उग्र हिंदुत्ववादी टिप्पणियों के लिए जानी जाती हैं।

दूसरी ओर विजयेंद्र पहले ही राज्य की राजनीति में अपनी पहचान बना चुके हैं। उन्हें लिंगायत समुदाय के नेता के तौर पर पेश किया जाता है। विजयेंद्र की संगठनात्मक क्षमताओं की सराहना की जाती है। उन्होंने दक्षिण कर्नाटक के जिलों में भाजपा उम्मीदवारों की जीत सुनिश्चित की थी, जहां भगवा पार्टी पहले कभी नहीं जीती थी।

–आईएएनएस

एकेजे

ADVERTISEMENT

बेंगलुरु, 25 अक्टूबर (आईएएनएस)। कर्नाटक भाजपा में अंदरूनी कलह की खबरों के बीच केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण राज्य मंत्री शोभा करंदलाजे और पूर्व मुख्यमंत्री बी.एस. येदियुरप्पा के बेटे तथा विधायक बी.वाई. विजयेंद्र पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष पद की दौड़ में सबसे आगे माने जा रहे हैं।

सूत्रों के मुताबिक, आलाकमान ने पूर्व उप मुख्‍यमंत्री डॉ. सी.एन. अश्वथ नारायण, विधायक बसनगौड़ा पाटिल, पूर्व राष्ट्रीय महासचिव सी.टी. रवि तथा पूर्व मंत्री और कट्टर हिंदुत्ववादी नेता वी. सुनील कुमार के नामों पर भी विचार किया है।

फिलहाल सांसद नलिन कुमार कतील प्रदेश अध्यक्ष हैं। उनका कार्यकाल खत्म हो चुका है।

नए प्रमुख की चर्चा कर्नाटक में पांच महीने पहले हुए विधानसभा चुनाव के बाद से ही चल रही है, जिसमें पार्टी को करारी हार का सामना करना पड़ा था। विपक्षी कांग्रेस राज्य अध्यक्ष और राज्य विधानमंडल में विपक्ष के नेता के पदों के लिए उम्मीदवारों की नियुक्ति करने में विफल रहने के लिए भगवा पार्टी पर निशाना साध रही है।

राज्य में दिसंबर में शीतकालीन सत्र होगा और पार्टी नेताओं को उम्मीद है कि आलाकमान इस पर फैसला लेगा और उन्हें कांग्रेस नेताओं की आलोचना से बचाएगा। हालांकि, पार्टी के शीर्ष नेतृत्व का ध्यान अभी भी देश के पांच राज्यों में नवंबर में होने वाले चुनावों पर है।

सूत्रों ने बताया कि विधानसभा चुनाव में रणनीति पूरी तरह विफल होने के कारण आलाकमान फूंक-फूंक कर कदम रख रहा है। पूर्व मुख्‍यमंत्री येदियुरप्पा और राष्ट्रीय महासचिव बी.एल. संतोष के बीच के बीच अंदरूनी कलह के कारण भी पार्टी इस संबंध में निर्णय नहीं ले पा रही है। चूंकि दोनों नेता एक-दूसरे के हितों को कुचलना चाहते हैं, इसलिए आलाकमान के लिए यह मुश्किल हो गया है क्योंकि वह राज्य में अपनी पकड़ खोना नहीं चाहता था।

सूत्रों ने कहा कि शीर्ष नेतृत्व ने येदियुरप्पा को नजरअंदाज कर दिया और संतोष को प्रमुखता दी। विधानसभा चुनाव लड़ने के लिए कुल 72 नए चेहरों को टिकट दिया गया और वरिष्ठ नेता जगदीश शेट्टार, लक्ष्मण सावदी, के.एस. ईश्वरप्पा और कई अन्य लोगों को टिकट देने से इनकार कर दिया गया। पीएम मोदी और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने राज्य की अधिकतम यात्राएं कीं और राज्य भर में बड़े पैमाने पर रैलियां और रोड शो किए।

प्रचंड जीत दर्ज करने के बाद कांग्रेस के मुख्यमंत्री सिद्दारमैया ने उपहास करते हुए कहा कि पीएम मोदी और अमित शाह जहां भी गए वहां कांग्रेस के उम्मीदवार भारी अंतर से जीते। यहां तक कि आसपास के इलाकों में भी भाजपा के उम्मीदवार हार गए। हार को पचा नहीं पाने के कारण भाजपा आलाकमान ने राज्य नेतृत्व को किनारे कर दिया था।

सूत्रों ने कहा कि आलाकमान फिर से अपने हाथ नहीं जलाना चाहता और संतोष या येदियुरप्पा के प्रस्तावों पर बिल्‍कुल विचार नहीं कर रहा है।

सूत्र बताते हैं कि कभी येदियुरप्पा की खास मानी जाने वाली शोभा करंदलाजे अब बदली हुई परिस्थितियों में संतोष की भी करीबी हैं। येदियुरप्पा के अधीन मंत्री के रूप में उनके काम की सराहना की गई। वह वोक्कालिगा समुदाय से आती हैं। शोभा करंदलाजे उग्र हिंदुत्ववादी टिप्पणियों के लिए जानी जाती हैं।

दूसरी ओर विजयेंद्र पहले ही राज्य की राजनीति में अपनी पहचान बना चुके हैं। उन्हें लिंगायत समुदाय के नेता के तौर पर पेश किया जाता है। विजयेंद्र की संगठनात्मक क्षमताओं की सराहना की जाती है। उन्होंने दक्षिण कर्नाटक के जिलों में भाजपा उम्मीदवारों की जीत सुनिश्चित की थी, जहां भगवा पार्टी पहले कभी नहीं जीती थी।

–आईएएनएस

एकेजे

ADVERTISEMENT

बेंगलुरु, 25 अक्टूबर (आईएएनएस)। कर्नाटक भाजपा में अंदरूनी कलह की खबरों के बीच केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण राज्य मंत्री शोभा करंदलाजे और पूर्व मुख्यमंत्री बी.एस. येदियुरप्पा के बेटे तथा विधायक बी.वाई. विजयेंद्र पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष पद की दौड़ में सबसे आगे माने जा रहे हैं।

सूत्रों के मुताबिक, आलाकमान ने पूर्व उप मुख्‍यमंत्री डॉ. सी.एन. अश्वथ नारायण, विधायक बसनगौड़ा पाटिल, पूर्व राष्ट्रीय महासचिव सी.टी. रवि तथा पूर्व मंत्री और कट्टर हिंदुत्ववादी नेता वी. सुनील कुमार के नामों पर भी विचार किया है।

फिलहाल सांसद नलिन कुमार कतील प्रदेश अध्यक्ष हैं। उनका कार्यकाल खत्म हो चुका है।

नए प्रमुख की चर्चा कर्नाटक में पांच महीने पहले हुए विधानसभा चुनाव के बाद से ही चल रही है, जिसमें पार्टी को करारी हार का सामना करना पड़ा था। विपक्षी कांग्रेस राज्य अध्यक्ष और राज्य विधानमंडल में विपक्ष के नेता के पदों के लिए उम्मीदवारों की नियुक्ति करने में विफल रहने के लिए भगवा पार्टी पर निशाना साध रही है।

राज्य में दिसंबर में शीतकालीन सत्र होगा और पार्टी नेताओं को उम्मीद है कि आलाकमान इस पर फैसला लेगा और उन्हें कांग्रेस नेताओं की आलोचना से बचाएगा। हालांकि, पार्टी के शीर्ष नेतृत्व का ध्यान अभी भी देश के पांच राज्यों में नवंबर में होने वाले चुनावों पर है।

सूत्रों ने बताया कि विधानसभा चुनाव में रणनीति पूरी तरह विफल होने के कारण आलाकमान फूंक-फूंक कर कदम रख रहा है। पूर्व मुख्‍यमंत्री येदियुरप्पा और राष्ट्रीय महासचिव बी.एल. संतोष के बीच के बीच अंदरूनी कलह के कारण भी पार्टी इस संबंध में निर्णय नहीं ले पा रही है। चूंकि दोनों नेता एक-दूसरे के हितों को कुचलना चाहते हैं, इसलिए आलाकमान के लिए यह मुश्किल हो गया है क्योंकि वह राज्य में अपनी पकड़ खोना नहीं चाहता था।

सूत्रों ने कहा कि शीर्ष नेतृत्व ने येदियुरप्पा को नजरअंदाज कर दिया और संतोष को प्रमुखता दी। विधानसभा चुनाव लड़ने के लिए कुल 72 नए चेहरों को टिकट दिया गया और वरिष्ठ नेता जगदीश शेट्टार, लक्ष्मण सावदी, के.एस. ईश्वरप्पा और कई अन्य लोगों को टिकट देने से इनकार कर दिया गया। पीएम मोदी और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने राज्य की अधिकतम यात्राएं कीं और राज्य भर में बड़े पैमाने पर रैलियां और रोड शो किए।

प्रचंड जीत दर्ज करने के बाद कांग्रेस के मुख्यमंत्री सिद्दारमैया ने उपहास करते हुए कहा कि पीएम मोदी और अमित शाह जहां भी गए वहां कांग्रेस के उम्मीदवार भारी अंतर से जीते। यहां तक कि आसपास के इलाकों में भी भाजपा के उम्मीदवार हार गए। हार को पचा नहीं पाने के कारण भाजपा आलाकमान ने राज्य नेतृत्व को किनारे कर दिया था।

सूत्रों ने कहा कि आलाकमान फिर से अपने हाथ नहीं जलाना चाहता और संतोष या येदियुरप्पा के प्रस्तावों पर बिल्‍कुल विचार नहीं कर रहा है।

सूत्र बताते हैं कि कभी येदियुरप्पा की खास मानी जाने वाली शोभा करंदलाजे अब बदली हुई परिस्थितियों में संतोष की भी करीबी हैं। येदियुरप्पा के अधीन मंत्री के रूप में उनके काम की सराहना की गई। वह वोक्कालिगा समुदाय से आती हैं। शोभा करंदलाजे उग्र हिंदुत्ववादी टिप्पणियों के लिए जानी जाती हैं।

दूसरी ओर विजयेंद्र पहले ही राज्य की राजनीति में अपनी पहचान बना चुके हैं। उन्हें लिंगायत समुदाय के नेता के तौर पर पेश किया जाता है। विजयेंद्र की संगठनात्मक क्षमताओं की सराहना की जाती है। उन्होंने दक्षिण कर्नाटक के जिलों में भाजपा उम्मीदवारों की जीत सुनिश्चित की थी, जहां भगवा पार्टी पहले कभी नहीं जीती थी।

–आईएएनएस

एकेजे

ADVERTISEMENT

बेंगलुरु, 25 अक्टूबर (आईएएनएस)। कर्नाटक भाजपा में अंदरूनी कलह की खबरों के बीच केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण राज्य मंत्री शोभा करंदलाजे और पूर्व मुख्यमंत्री बी.एस. येदियुरप्पा के बेटे तथा विधायक बी.वाई. विजयेंद्र पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष पद की दौड़ में सबसे आगे माने जा रहे हैं।

सूत्रों के मुताबिक, आलाकमान ने पूर्व उप मुख्‍यमंत्री डॉ. सी.एन. अश्वथ नारायण, विधायक बसनगौड़ा पाटिल, पूर्व राष्ट्रीय महासचिव सी.टी. रवि तथा पूर्व मंत्री और कट्टर हिंदुत्ववादी नेता वी. सुनील कुमार के नामों पर भी विचार किया है।

फिलहाल सांसद नलिन कुमार कतील प्रदेश अध्यक्ष हैं। उनका कार्यकाल खत्म हो चुका है।

नए प्रमुख की चर्चा कर्नाटक में पांच महीने पहले हुए विधानसभा चुनाव के बाद से ही चल रही है, जिसमें पार्टी को करारी हार का सामना करना पड़ा था। विपक्षी कांग्रेस राज्य अध्यक्ष और राज्य विधानमंडल में विपक्ष के नेता के पदों के लिए उम्मीदवारों की नियुक्ति करने में विफल रहने के लिए भगवा पार्टी पर निशाना साध रही है।

राज्य में दिसंबर में शीतकालीन सत्र होगा और पार्टी नेताओं को उम्मीद है कि आलाकमान इस पर फैसला लेगा और उन्हें कांग्रेस नेताओं की आलोचना से बचाएगा। हालांकि, पार्टी के शीर्ष नेतृत्व का ध्यान अभी भी देश के पांच राज्यों में नवंबर में होने वाले चुनावों पर है।

सूत्रों ने बताया कि विधानसभा चुनाव में रणनीति पूरी तरह विफल होने के कारण आलाकमान फूंक-फूंक कर कदम रख रहा है। पूर्व मुख्‍यमंत्री येदियुरप्पा और राष्ट्रीय महासचिव बी.एल. संतोष के बीच के बीच अंदरूनी कलह के कारण भी पार्टी इस संबंध में निर्णय नहीं ले पा रही है। चूंकि दोनों नेता एक-दूसरे के हितों को कुचलना चाहते हैं, इसलिए आलाकमान के लिए यह मुश्किल हो गया है क्योंकि वह राज्य में अपनी पकड़ खोना नहीं चाहता था।

सूत्रों ने कहा कि शीर्ष नेतृत्व ने येदियुरप्पा को नजरअंदाज कर दिया और संतोष को प्रमुखता दी। विधानसभा चुनाव लड़ने के लिए कुल 72 नए चेहरों को टिकट दिया गया और वरिष्ठ नेता जगदीश शेट्टार, लक्ष्मण सावदी, के.एस. ईश्वरप्पा और कई अन्य लोगों को टिकट देने से इनकार कर दिया गया। पीएम मोदी और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने राज्य की अधिकतम यात्राएं कीं और राज्य भर में बड़े पैमाने पर रैलियां और रोड शो किए।

प्रचंड जीत दर्ज करने के बाद कांग्रेस के मुख्यमंत्री सिद्दारमैया ने उपहास करते हुए कहा कि पीएम मोदी और अमित शाह जहां भी गए वहां कांग्रेस के उम्मीदवार भारी अंतर से जीते। यहां तक कि आसपास के इलाकों में भी भाजपा के उम्मीदवार हार गए। हार को पचा नहीं पाने के कारण भाजपा आलाकमान ने राज्य नेतृत्व को किनारे कर दिया था।

सूत्रों ने कहा कि आलाकमान फिर से अपने हाथ नहीं जलाना चाहता और संतोष या येदियुरप्पा के प्रस्तावों पर बिल्‍कुल विचार नहीं कर रहा है।

सूत्र बताते हैं कि कभी येदियुरप्पा की खास मानी जाने वाली शोभा करंदलाजे अब बदली हुई परिस्थितियों में संतोष की भी करीबी हैं। येदियुरप्पा के अधीन मंत्री के रूप में उनके काम की सराहना की गई। वह वोक्कालिगा समुदाय से आती हैं। शोभा करंदलाजे उग्र हिंदुत्ववादी टिप्पणियों के लिए जानी जाती हैं।

दूसरी ओर विजयेंद्र पहले ही राज्य की राजनीति में अपनी पहचान बना चुके हैं। उन्हें लिंगायत समुदाय के नेता के तौर पर पेश किया जाता है। विजयेंद्र की संगठनात्मक क्षमताओं की सराहना की जाती है। उन्होंने दक्षिण कर्नाटक के जिलों में भाजपा उम्मीदवारों की जीत सुनिश्चित की थी, जहां भगवा पार्टी पहले कभी नहीं जीती थी।

–आईएएनएस

एकेजे

ADVERTISEMENT

बेंगलुरु, 25 अक्टूबर (आईएएनएस)। कर्नाटक भाजपा में अंदरूनी कलह की खबरों के बीच केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण राज्य मंत्री शोभा करंदलाजे और पूर्व मुख्यमंत्री बी.एस. येदियुरप्पा के बेटे तथा विधायक बी.वाई. विजयेंद्र पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष पद की दौड़ में सबसे आगे माने जा रहे हैं।

सूत्रों के मुताबिक, आलाकमान ने पूर्व उप मुख्‍यमंत्री डॉ. सी.एन. अश्वथ नारायण, विधायक बसनगौड़ा पाटिल, पूर्व राष्ट्रीय महासचिव सी.टी. रवि तथा पूर्व मंत्री और कट्टर हिंदुत्ववादी नेता वी. सुनील कुमार के नामों पर भी विचार किया है।

फिलहाल सांसद नलिन कुमार कतील प्रदेश अध्यक्ष हैं। उनका कार्यकाल खत्म हो चुका है।

नए प्रमुख की चर्चा कर्नाटक में पांच महीने पहले हुए विधानसभा चुनाव के बाद से ही चल रही है, जिसमें पार्टी को करारी हार का सामना करना पड़ा था। विपक्षी कांग्रेस राज्य अध्यक्ष और राज्य विधानमंडल में विपक्ष के नेता के पदों के लिए उम्मीदवारों की नियुक्ति करने में विफल रहने के लिए भगवा पार्टी पर निशाना साध रही है।

राज्य में दिसंबर में शीतकालीन सत्र होगा और पार्टी नेताओं को उम्मीद है कि आलाकमान इस पर फैसला लेगा और उन्हें कांग्रेस नेताओं की आलोचना से बचाएगा। हालांकि, पार्टी के शीर्ष नेतृत्व का ध्यान अभी भी देश के पांच राज्यों में नवंबर में होने वाले चुनावों पर है।

सूत्रों ने बताया कि विधानसभा चुनाव में रणनीति पूरी तरह विफल होने के कारण आलाकमान फूंक-फूंक कर कदम रख रहा है। पूर्व मुख्‍यमंत्री येदियुरप्पा और राष्ट्रीय महासचिव बी.एल. संतोष के बीच के बीच अंदरूनी कलह के कारण भी पार्टी इस संबंध में निर्णय नहीं ले पा रही है। चूंकि दोनों नेता एक-दूसरे के हितों को कुचलना चाहते हैं, इसलिए आलाकमान के लिए यह मुश्किल हो गया है क्योंकि वह राज्य में अपनी पकड़ खोना नहीं चाहता था।

सूत्रों ने कहा कि शीर्ष नेतृत्व ने येदियुरप्पा को नजरअंदाज कर दिया और संतोष को प्रमुखता दी। विधानसभा चुनाव लड़ने के लिए कुल 72 नए चेहरों को टिकट दिया गया और वरिष्ठ नेता जगदीश शेट्टार, लक्ष्मण सावदी, के.एस. ईश्वरप्पा और कई अन्य लोगों को टिकट देने से इनकार कर दिया गया। पीएम मोदी और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने राज्य की अधिकतम यात्राएं कीं और राज्य भर में बड़े पैमाने पर रैलियां और रोड शो किए।

प्रचंड जीत दर्ज करने के बाद कांग्रेस के मुख्यमंत्री सिद्दारमैया ने उपहास करते हुए कहा कि पीएम मोदी और अमित शाह जहां भी गए वहां कांग्रेस के उम्मीदवार भारी अंतर से जीते। यहां तक कि आसपास के इलाकों में भी भाजपा के उम्मीदवार हार गए। हार को पचा नहीं पाने के कारण भाजपा आलाकमान ने राज्य नेतृत्व को किनारे कर दिया था।

सूत्रों ने कहा कि आलाकमान फिर से अपने हाथ नहीं जलाना चाहता और संतोष या येदियुरप्पा के प्रस्तावों पर बिल्‍कुल विचार नहीं कर रहा है।

सूत्र बताते हैं कि कभी येदियुरप्पा की खास मानी जाने वाली शोभा करंदलाजे अब बदली हुई परिस्थितियों में संतोष की भी करीबी हैं। येदियुरप्पा के अधीन मंत्री के रूप में उनके काम की सराहना की गई। वह वोक्कालिगा समुदाय से आती हैं। शोभा करंदलाजे उग्र हिंदुत्ववादी टिप्पणियों के लिए जानी जाती हैं।

दूसरी ओर विजयेंद्र पहले ही राज्य की राजनीति में अपनी पहचान बना चुके हैं। उन्हें लिंगायत समुदाय के नेता के तौर पर पेश किया जाता है। विजयेंद्र की संगठनात्मक क्षमताओं की सराहना की जाती है। उन्होंने दक्षिण कर्नाटक के जिलों में भाजपा उम्मीदवारों की जीत सुनिश्चित की थी, जहां भगवा पार्टी पहले कभी नहीं जीती थी।

–आईएएनएस

एकेजे

ADVERTISEMENT

बेंगलुरु, 25 अक्टूबर (आईएएनएस)। कर्नाटक भाजपा में अंदरूनी कलह की खबरों के बीच केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण राज्य मंत्री शोभा करंदलाजे और पूर्व मुख्यमंत्री बी.एस. येदियुरप्पा के बेटे तथा विधायक बी.वाई. विजयेंद्र पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष पद की दौड़ में सबसे आगे माने जा रहे हैं।

सूत्रों के मुताबिक, आलाकमान ने पूर्व उप मुख्‍यमंत्री डॉ. सी.एन. अश्वथ नारायण, विधायक बसनगौड़ा पाटिल, पूर्व राष्ट्रीय महासचिव सी.टी. रवि तथा पूर्व मंत्री और कट्टर हिंदुत्ववादी नेता वी. सुनील कुमार के नामों पर भी विचार किया है।

फिलहाल सांसद नलिन कुमार कतील प्रदेश अध्यक्ष हैं। उनका कार्यकाल खत्म हो चुका है।

नए प्रमुख की चर्चा कर्नाटक में पांच महीने पहले हुए विधानसभा चुनाव के बाद से ही चल रही है, जिसमें पार्टी को करारी हार का सामना करना पड़ा था। विपक्षी कांग्रेस राज्य अध्यक्ष और राज्य विधानमंडल में विपक्ष के नेता के पदों के लिए उम्मीदवारों की नियुक्ति करने में विफल रहने के लिए भगवा पार्टी पर निशाना साध रही है।

राज्य में दिसंबर में शीतकालीन सत्र होगा और पार्टी नेताओं को उम्मीद है कि आलाकमान इस पर फैसला लेगा और उन्हें कांग्रेस नेताओं की आलोचना से बचाएगा। हालांकि, पार्टी के शीर्ष नेतृत्व का ध्यान अभी भी देश के पांच राज्यों में नवंबर में होने वाले चुनावों पर है।

सूत्रों ने बताया कि विधानसभा चुनाव में रणनीति पूरी तरह विफल होने के कारण आलाकमान फूंक-फूंक कर कदम रख रहा है। पूर्व मुख्‍यमंत्री येदियुरप्पा और राष्ट्रीय महासचिव बी.एल. संतोष के बीच के बीच अंदरूनी कलह के कारण भी पार्टी इस संबंध में निर्णय नहीं ले पा रही है। चूंकि दोनों नेता एक-दूसरे के हितों को कुचलना चाहते हैं, इसलिए आलाकमान के लिए यह मुश्किल हो गया है क्योंकि वह राज्य में अपनी पकड़ खोना नहीं चाहता था।

सूत्रों ने कहा कि शीर्ष नेतृत्व ने येदियुरप्पा को नजरअंदाज कर दिया और संतोष को प्रमुखता दी। विधानसभा चुनाव लड़ने के लिए कुल 72 नए चेहरों को टिकट दिया गया और वरिष्ठ नेता जगदीश शेट्टार, लक्ष्मण सावदी, के.एस. ईश्वरप्पा और कई अन्य लोगों को टिकट देने से इनकार कर दिया गया। पीएम मोदी और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने राज्य की अधिकतम यात्राएं कीं और राज्य भर में बड़े पैमाने पर रैलियां और रोड शो किए।

प्रचंड जीत दर्ज करने के बाद कांग्रेस के मुख्यमंत्री सिद्दारमैया ने उपहास करते हुए कहा कि पीएम मोदी और अमित शाह जहां भी गए वहां कांग्रेस के उम्मीदवार भारी अंतर से जीते। यहां तक कि आसपास के इलाकों में भी भाजपा के उम्मीदवार हार गए। हार को पचा नहीं पाने के कारण भाजपा आलाकमान ने राज्य नेतृत्व को किनारे कर दिया था।

सूत्रों ने कहा कि आलाकमान फिर से अपने हाथ नहीं जलाना चाहता और संतोष या येदियुरप्पा के प्रस्तावों पर बिल्‍कुल विचार नहीं कर रहा है।

सूत्र बताते हैं कि कभी येदियुरप्पा की खास मानी जाने वाली शोभा करंदलाजे अब बदली हुई परिस्थितियों में संतोष की भी करीबी हैं। येदियुरप्पा के अधीन मंत्री के रूप में उनके काम की सराहना की गई। वह वोक्कालिगा समुदाय से आती हैं। शोभा करंदलाजे उग्र हिंदुत्ववादी टिप्पणियों के लिए जानी जाती हैं।

दूसरी ओर विजयेंद्र पहले ही राज्य की राजनीति में अपनी पहचान बना चुके हैं। उन्हें लिंगायत समुदाय के नेता के तौर पर पेश किया जाता है। विजयेंद्र की संगठनात्मक क्षमताओं की सराहना की जाती है। उन्होंने दक्षिण कर्नाटक के जिलों में भाजपा उम्मीदवारों की जीत सुनिश्चित की थी, जहां भगवा पार्टी पहले कभी नहीं जीती थी।

–आईएएनएस

एकेजे

Related Posts

राष्ट्रीय

‘ऑपरेशन सिंदूर’ के बाद पहली बार बीकानेर पहुंचेंगे पीएम मोदी, कार्यकर्ताओं में उत्साह

May 20, 2025
तेलंगाना विकाराबाद सड़क हादसा, बस और लॉरी की टक्कर में चार की मौत,
ताज़ा समाचार

सड़क हादसा: निजी बस और लॉरी की टक्कर में चार की मौत, दर्जनों घायल

May 20, 2025
अमृतसर में निकली भव्य तिरंगा यात्रा, तरुण चुघ बोले- ‘भारत ने रुकेगा न झुकेगा’
राष्ट्रीय

अमृतसर में निकली भव्य तिरंगा यात्रा, तरुण चुघ बोले- ‘भारत ने रुकेगा न झुकेगा’

May 20, 2025
मुंबई कोरोना संक्रमण, 53 नए मरीज, 2 की मौत
ताज़ा समाचार

देश में फिर कोरोना का कहर! मुंबई में मिले 53 नए मरीज, 2 की मौत

May 20, 2025
बीटिंग रिट्रीट समारोह आज भारत-पाकिस्तान सीमा पर
राष्ट्रीय

बीटिंग रिट्रीट समारोह आज भारत-पाकिस्तान सीमा पर

May 20, 2025
अहमदाबाद, बांग्लादेशियों का अड्डा चंडोला तालाब बुलडोजर एक्शन
ताज़ा समाचार

अहमदाबाद: बांग्लादेशियों का अड्डा बना चंडोला तालाब में फिर बुलडोजर एक्शन, 8 हजार अवैध निर्माण होंगे ध्वस्त

May 20, 2025
Next Post

एआई से माइक्रोसॉफ्ट की शुद्ध आय 27 प्रतिशत बढ़ी, राजस्व में 13 प्रतिशत का इजाफा

Leave a Reply Cancel reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

POPULAR NEWS

बंदा प्रकाश तेलंगाना विधान परिषद के उप सभापति चुने गए

बंदा प्रकाश तेलंगाना विधान परिषद के उप सभापति चुने गए

February 12, 2023
बीएसएफ ने मेघालय में 40 मवेशियों को छुड़ाया, 3 तस्कर गिरफ्तार

बीएसएफ ने मेघालय में 40 मवेशियों को छुड़ाया, 3 तस्कर गिरफ्तार

February 12, 2023
चीनी शताब्दी की दूर-दूर तक संभावना नहीं

चीनी शताब्दी की दूर-दूर तक संभावना नहीं

February 12, 2023

बंगाल के जलपाईगुड़ी में बाढ़ जैसे हालात, शहर में घुसने लगा नदी का पानी

August 26, 2023
राधिका खेड़ा ने छोड़ा कांग्रेस का दामन, प्राथमिक सदस्यता से दिया इस्तीफा

राधिका खेड़ा ने छोड़ा कांग्रेस का दामन, प्राथमिक सदस्यता से दिया इस्तीफा

May 5, 2024

EDITOR'S PICK

सोल और आसपास के इलाकों में भारी हिमपात की चेतावनी

सोल और आसपास के इलाकों में भारी हिमपात की चेतावनी

January 26, 2023

इजरायली पीएम अमेरिका रवाना, पहले विदेशी नेता जो व्हाइट हाउस में डोनाल्ड ट्रंप से करेंगे मुलाकात

February 2, 2025
स्लीमनाबाद पुलिस ने किया अंधी हत्या का पर्दाफाश

स्लीमनाबाद पुलिस ने किया अंधी हत्या का पर्दाफाश

November 8, 2024
आप ने पंजाब नगर निगम चुनाव के लिए 784 उम्मीदवारों का किया ऐलान

आप ने पंजाब नगर निगम चुनाव के लिए 784 उम्मीदवारों का किया ऐलान

December 11, 2024
ADVERTISEMENT

Contact us

Address

Deshbandhu Complex, Naudra Bridge Jabalpur 482001

Mail

deshbandhump@gmail.com

Mobile

9425156056

Important links

  • राशि-भविष्य
  • वर्गीकृत विज्ञापन
  • लाइफ स्टाइल
  • मनोरंजन
  • ब्लॉग

Important links

  • देशबन्धु जनमत
  • पाठक प्रतिक्रियाएं
  • हमें जानें
  • विज्ञापन दरें
  • ई पेपर

Related Links

  • Mayaram Surjan
  • Swayamsiddha
  • Deshbandhu

Social Links

081935
Total views : 5877251
Powered By WPS Visitor Counter

Published by Abhas Surjan on behalf of Patrakar Prakashan Pvt.Ltd., Deshbandhu Complex, Naudra Bridge, Jabalpur – 482001 |T:+91 761 4006577 |M: +91 9425156056 Disclaimer, Privacy Policy & Other Terms & Conditions The contents of this website is for reading only. Any unauthorised attempt to temper / edit / change the contents of this website comes under cyber crime and is punishable.

Copyright @ 2022 Deshbandhu. All rights are reserved.

  • Disclaimer, Privacy Policy & Other Terms & Conditions
No Result
View All Result
  • राष्ट्रीय
  • अंतरराष्ट्रीय
  • लाइफ स्टाइल
  • अर्थजगत
  • मनोरंजन
  • खेल
  • अभिमत
  • धर्म
  • विचार
  • ई पेपर

Copyright @ 2022 Deshbandhu-MP All rights are reserved.

Welcome Back!

Login to your account below

Forgotten Password? Sign Up

Create New Account!

Fill the forms below to register

All fields are required. Log In

Retrieve your password

Please enter your username or email address to reset your password.

Log In