नई दिल्ली, 16 दिसंबर (आईएएनएस)। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने सोमवार (16 दिसंबर) को राष्ट्रपति भवन में श्रीलंका के राष्ट्रपति अनुरा कुमारा दिसानायके का स्वागत किया। इस दौरान राष्ट्रपति भवन में उनके सम्मान में भोज का भी आयोजन किया गया।
श्रीलंकाई राष्ट्रपति और उनके प्रतिनिधिमंडल का राष्ट्रपति भवन में स्वागत करते हुए राष्ट्रपति मुर्मू ने उन्हें श्रीलंका में हाल के राष्ट्रपति और संसदीय चुनावों में मिली जीत के लिए बधाई दी।
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने कहा कि श्रीलंका भारत की ‘पड़ोसी पहले’ नीति और सागर विजन का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है। एक करीबी और भरोसेमंद साझेदार के रूप में भारत श्रीलंका के सतत आर्थिक विकास के लिए श्रीलंकाई सरकार के प्रयासों का समर्थन करना जारी रखेगा।
मुर्मू ने आगे कहा, “हमारे दोनों देशों के बीच संबंध ना केवल भौगोलिक हैं, बल्कि साझा धार्मिक और सांस्कृतिक प्रथाओं, भाषाई समानताओं, आर्थिक सहयोग, और राजनीतिक समझ पर आधारित हैं। बौद्ध धर्म की साझा विरासत ने विशेष रूप से दो सहस्राब्दियों से अधिक समय से हमारे संबंधों को पोषित किया है। समकालीन समय में हमारे संबंध बहुआयामी हो गए हैं और सहयोग के कई क्षेत्रों में विस्तारित हो गए हैं। एक जिम्मेदार पड़ोसी और मित्र के रूप में भारत जरूरत के समय हमेशा श्रीलंका के समर्थन में खड़ा रहा है, चाहे वह हालिया आर्थिक संकट हो, या उसके बाद के ऋण पुनर्गठन की चर्चा हो।”
राष्ट्रपति ने कहा कि मुझे खुशी है कि आज राष्ट्रपति दिसानायके की यात्रा के दौरान हमने “भारत-श्रीलंका संयुक्त वक्तव्य: साझा भविष्य के लिए साझेदारी को बढ़ावा देना” अपनाया है, जो हमारे बहुआयामी द्विपक्षीय संबंधों को और गहरा करने के लिए एक व्यापक रूपरेखा प्रदान करेगा।
राष्ट्रपति ने कहा कि श्रीलंका भारतीय लोगों के मानस में गहराई से बसा हुआ है और हमारी लोक कथाओं और साझा सभ्यतागत विरासत का अभिन्न हिस्सा है। प्राचीन भारत के कलिंग क्षेत्र का श्रीलंका से विशेष सांस्कृतिक और आध्यात्मिक संबंध था, जिसे आज भी ओडिशा में स्मरण किया जाता है। मुझे विश्वास है कि आज के रात्रि भोज के कुछ स्वाद, और कुछ सुर, श्रीलंका से आए हमारे मित्रों के लिए परिचित होंगे। हम इतिहास और संस्कृति के इन गहरे संबंधों को आगे बढ़ाने के लिए और दोनों देशों के लोगों की साझा समृद्धि की दिशा में काम करते रहेंगे।
उन्होंने कहा कि आइए हम सब मिल कर राष्ट्रपति अनुरा कुमारा दिसानायके के अच्छे स्वास्थ्य के लिए, श्रीलंका के लोगों की निरंतर प्रगति और समृद्धि के लिए और भारत और श्रीलंका के बीच घनिष्ठ मित्रता और सहयोग के लिए अपनी शुभकामनाएं व्यक्त करें।
–आईएएनएस
एफएम/सीबीटी
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नई दिल्ली, 16 दिसंबर (आईएएनएस)। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने सोमवार (16 दिसंबर) को राष्ट्रपति भवन में श्रीलंका के राष्ट्रपति अनुरा कुमारा दिसानायके का स्वागत किया। इस दौरान राष्ट्रपति भवन में उनके सम्मान में भोज का भी आयोजन किया गया।
श्रीलंकाई राष्ट्रपति और उनके प्रतिनिधिमंडल का राष्ट्रपति भवन में स्वागत करते हुए राष्ट्रपति मुर्मू ने उन्हें श्रीलंका में हाल के राष्ट्रपति और संसदीय चुनावों में मिली जीत के लिए बधाई दी।
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने कहा कि श्रीलंका भारत की ‘पड़ोसी पहले’ नीति और सागर विजन का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है। एक करीबी और भरोसेमंद साझेदार के रूप में भारत श्रीलंका के सतत आर्थिक विकास के लिए श्रीलंकाई सरकार के प्रयासों का समर्थन करना जारी रखेगा।
मुर्मू ने आगे कहा, “हमारे दोनों देशों के बीच संबंध ना केवल भौगोलिक हैं, बल्कि साझा धार्मिक और सांस्कृतिक प्रथाओं, भाषाई समानताओं, आर्थिक सहयोग, और राजनीतिक समझ पर आधारित हैं। बौद्ध धर्म की साझा विरासत ने विशेष रूप से दो सहस्राब्दियों से अधिक समय से हमारे संबंधों को पोषित किया है। समकालीन समय में हमारे संबंध बहुआयामी हो गए हैं और सहयोग के कई क्षेत्रों में विस्तारित हो गए हैं। एक जिम्मेदार पड़ोसी और मित्र के रूप में भारत जरूरत के समय हमेशा श्रीलंका के समर्थन में खड़ा रहा है, चाहे वह हालिया आर्थिक संकट हो, या उसके बाद के ऋण पुनर्गठन की चर्चा हो।”
राष्ट्रपति ने कहा कि मुझे खुशी है कि आज राष्ट्रपति दिसानायके की यात्रा के दौरान हमने “भारत-श्रीलंका संयुक्त वक्तव्य: साझा भविष्य के लिए साझेदारी को बढ़ावा देना” अपनाया है, जो हमारे बहुआयामी द्विपक्षीय संबंधों को और गहरा करने के लिए एक व्यापक रूपरेखा प्रदान करेगा।
राष्ट्रपति ने कहा कि श्रीलंका भारतीय लोगों के मानस में गहराई से बसा हुआ है और हमारी लोक कथाओं और साझा सभ्यतागत विरासत का अभिन्न हिस्सा है। प्राचीन भारत के कलिंग क्षेत्र का श्रीलंका से विशेष सांस्कृतिक और आध्यात्मिक संबंध था, जिसे आज भी ओडिशा में स्मरण किया जाता है। मुझे विश्वास है कि आज के रात्रि भोज के कुछ स्वाद, और कुछ सुर, श्रीलंका से आए हमारे मित्रों के लिए परिचित होंगे। हम इतिहास और संस्कृति के इन गहरे संबंधों को आगे बढ़ाने के लिए और दोनों देशों के लोगों की साझा समृद्धि की दिशा में काम करते रहेंगे।
उन्होंने कहा कि आइए हम सब मिल कर राष्ट्रपति अनुरा कुमारा दिसानायके के अच्छे स्वास्थ्य के लिए, श्रीलंका के लोगों की निरंतर प्रगति और समृद्धि के लिए और भारत और श्रीलंका के बीच घनिष्ठ मित्रता और सहयोग के लिए अपनी शुभकामनाएं व्यक्त करें।
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श्रीलंकाई राष्ट्रपति और उनके प्रतिनिधिमंडल का राष्ट्रपति भवन में स्वागत करते हुए राष्ट्रपति मुर्मू ने उन्हें श्रीलंका में हाल के राष्ट्रपति और संसदीय चुनावों में मिली जीत के लिए बधाई दी।
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने कहा कि श्रीलंका भारत की ‘पड़ोसी पहले’ नीति और सागर विजन का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है। एक करीबी और भरोसेमंद साझेदार के रूप में भारत श्रीलंका के सतत आर्थिक विकास के लिए श्रीलंकाई सरकार के प्रयासों का समर्थन करना जारी रखेगा।
मुर्मू ने आगे कहा, “हमारे दोनों देशों के बीच संबंध ना केवल भौगोलिक हैं, बल्कि साझा धार्मिक और सांस्कृतिक प्रथाओं, भाषाई समानताओं, आर्थिक सहयोग, और राजनीतिक समझ पर आधारित हैं। बौद्ध धर्म की साझा विरासत ने विशेष रूप से दो सहस्राब्दियों से अधिक समय से हमारे संबंधों को पोषित किया है। समकालीन समय में हमारे संबंध बहुआयामी हो गए हैं और सहयोग के कई क्षेत्रों में विस्तारित हो गए हैं। एक जिम्मेदार पड़ोसी और मित्र के रूप में भारत जरूरत के समय हमेशा श्रीलंका के समर्थन में खड़ा रहा है, चाहे वह हालिया आर्थिक संकट हो, या उसके बाद के ऋण पुनर्गठन की चर्चा हो।”
राष्ट्रपति ने कहा कि मुझे खुशी है कि आज राष्ट्रपति दिसानायके की यात्रा के दौरान हमने “भारत-श्रीलंका संयुक्त वक्तव्य: साझा भविष्य के लिए साझेदारी को बढ़ावा देना” अपनाया है, जो हमारे बहुआयामी द्विपक्षीय संबंधों को और गहरा करने के लिए एक व्यापक रूपरेखा प्रदान करेगा।
राष्ट्रपति ने कहा कि श्रीलंका भारतीय लोगों के मानस में गहराई से बसा हुआ है और हमारी लोक कथाओं और साझा सभ्यतागत विरासत का अभिन्न हिस्सा है। प्राचीन भारत के कलिंग क्षेत्र का श्रीलंका से विशेष सांस्कृतिक और आध्यात्मिक संबंध था, जिसे आज भी ओडिशा में स्मरण किया जाता है। मुझे विश्वास है कि आज के रात्रि भोज के कुछ स्वाद, और कुछ सुर, श्रीलंका से आए हमारे मित्रों के लिए परिचित होंगे। हम इतिहास और संस्कृति के इन गहरे संबंधों को आगे बढ़ाने के लिए और दोनों देशों के लोगों की साझा समृद्धि की दिशा में काम करते रहेंगे।
उन्होंने कहा कि आइए हम सब मिल कर राष्ट्रपति अनुरा कुमारा दिसानायके के अच्छे स्वास्थ्य के लिए, श्रीलंका के लोगों की निरंतर प्रगति और समृद्धि के लिए और भारत और श्रीलंका के बीच घनिष्ठ मित्रता और सहयोग के लिए अपनी शुभकामनाएं व्यक्त करें।
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श्रीलंकाई राष्ट्रपति और उनके प्रतिनिधिमंडल का राष्ट्रपति भवन में स्वागत करते हुए राष्ट्रपति मुर्मू ने उन्हें श्रीलंका में हाल के राष्ट्रपति और संसदीय चुनावों में मिली जीत के लिए बधाई दी।
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने कहा कि श्रीलंका भारत की ‘पड़ोसी पहले’ नीति और सागर विजन का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है। एक करीबी और भरोसेमंद साझेदार के रूप में भारत श्रीलंका के सतत आर्थिक विकास के लिए श्रीलंकाई सरकार के प्रयासों का समर्थन करना जारी रखेगा।
मुर्मू ने आगे कहा, “हमारे दोनों देशों के बीच संबंध ना केवल भौगोलिक हैं, बल्कि साझा धार्मिक और सांस्कृतिक प्रथाओं, भाषाई समानताओं, आर्थिक सहयोग, और राजनीतिक समझ पर आधारित हैं। बौद्ध धर्म की साझा विरासत ने विशेष रूप से दो सहस्राब्दियों से अधिक समय से हमारे संबंधों को पोषित किया है। समकालीन समय में हमारे संबंध बहुआयामी हो गए हैं और सहयोग के कई क्षेत्रों में विस्तारित हो गए हैं। एक जिम्मेदार पड़ोसी और मित्र के रूप में भारत जरूरत के समय हमेशा श्रीलंका के समर्थन में खड़ा रहा है, चाहे वह हालिया आर्थिक संकट हो, या उसके बाद के ऋण पुनर्गठन की चर्चा हो।”
राष्ट्रपति ने कहा कि मुझे खुशी है कि आज राष्ट्रपति दिसानायके की यात्रा के दौरान हमने “भारत-श्रीलंका संयुक्त वक्तव्य: साझा भविष्य के लिए साझेदारी को बढ़ावा देना” अपनाया है, जो हमारे बहुआयामी द्विपक्षीय संबंधों को और गहरा करने के लिए एक व्यापक रूपरेखा प्रदान करेगा।
राष्ट्रपति ने कहा कि श्रीलंका भारतीय लोगों के मानस में गहराई से बसा हुआ है और हमारी लोक कथाओं और साझा सभ्यतागत विरासत का अभिन्न हिस्सा है। प्राचीन भारत के कलिंग क्षेत्र का श्रीलंका से विशेष सांस्कृतिक और आध्यात्मिक संबंध था, जिसे आज भी ओडिशा में स्मरण किया जाता है। मुझे विश्वास है कि आज के रात्रि भोज के कुछ स्वाद, और कुछ सुर, श्रीलंका से आए हमारे मित्रों के लिए परिचित होंगे। हम इतिहास और संस्कृति के इन गहरे संबंधों को आगे बढ़ाने के लिए और दोनों देशों के लोगों की साझा समृद्धि की दिशा में काम करते रहेंगे।
उन्होंने कहा कि आइए हम सब मिल कर राष्ट्रपति अनुरा कुमारा दिसानायके के अच्छे स्वास्थ्य के लिए, श्रीलंका के लोगों की निरंतर प्रगति और समृद्धि के लिए और भारत और श्रीलंका के बीच घनिष्ठ मित्रता और सहयोग के लिए अपनी शुभकामनाएं व्यक्त करें।
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श्रीलंकाई राष्ट्रपति और उनके प्रतिनिधिमंडल का राष्ट्रपति भवन में स्वागत करते हुए राष्ट्रपति मुर्मू ने उन्हें श्रीलंका में हाल के राष्ट्रपति और संसदीय चुनावों में मिली जीत के लिए बधाई दी।
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने कहा कि श्रीलंका भारत की ‘पड़ोसी पहले’ नीति और सागर विजन का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है। एक करीबी और भरोसेमंद साझेदार के रूप में भारत श्रीलंका के सतत आर्थिक विकास के लिए श्रीलंकाई सरकार के प्रयासों का समर्थन करना जारी रखेगा।
मुर्मू ने आगे कहा, “हमारे दोनों देशों के बीच संबंध ना केवल भौगोलिक हैं, बल्कि साझा धार्मिक और सांस्कृतिक प्रथाओं, भाषाई समानताओं, आर्थिक सहयोग, और राजनीतिक समझ पर आधारित हैं। बौद्ध धर्म की साझा विरासत ने विशेष रूप से दो सहस्राब्दियों से अधिक समय से हमारे संबंधों को पोषित किया है। समकालीन समय में हमारे संबंध बहुआयामी हो गए हैं और सहयोग के कई क्षेत्रों में विस्तारित हो गए हैं। एक जिम्मेदार पड़ोसी और मित्र के रूप में भारत जरूरत के समय हमेशा श्रीलंका के समर्थन में खड़ा रहा है, चाहे वह हालिया आर्थिक संकट हो, या उसके बाद के ऋण पुनर्गठन की चर्चा हो।”
राष्ट्रपति ने कहा कि मुझे खुशी है कि आज राष्ट्रपति दिसानायके की यात्रा के दौरान हमने “भारत-श्रीलंका संयुक्त वक्तव्य: साझा भविष्य के लिए साझेदारी को बढ़ावा देना” अपनाया है, जो हमारे बहुआयामी द्विपक्षीय संबंधों को और गहरा करने के लिए एक व्यापक रूपरेखा प्रदान करेगा।
राष्ट्रपति ने कहा कि श्रीलंका भारतीय लोगों के मानस में गहराई से बसा हुआ है और हमारी लोक कथाओं और साझा सभ्यतागत विरासत का अभिन्न हिस्सा है। प्राचीन भारत के कलिंग क्षेत्र का श्रीलंका से विशेष सांस्कृतिक और आध्यात्मिक संबंध था, जिसे आज भी ओडिशा में स्मरण किया जाता है। मुझे विश्वास है कि आज के रात्रि भोज के कुछ स्वाद, और कुछ सुर, श्रीलंका से आए हमारे मित्रों के लिए परिचित होंगे। हम इतिहास और संस्कृति के इन गहरे संबंधों को आगे बढ़ाने के लिए और दोनों देशों के लोगों की साझा समृद्धि की दिशा में काम करते रहेंगे।
उन्होंने कहा कि आइए हम सब मिल कर राष्ट्रपति अनुरा कुमारा दिसानायके के अच्छे स्वास्थ्य के लिए, श्रीलंका के लोगों की निरंतर प्रगति और समृद्धि के लिए और भारत और श्रीलंका के बीच घनिष्ठ मित्रता और सहयोग के लिए अपनी शुभकामनाएं व्यक्त करें।
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श्रीलंकाई राष्ट्रपति और उनके प्रतिनिधिमंडल का राष्ट्रपति भवन में स्वागत करते हुए राष्ट्रपति मुर्मू ने उन्हें श्रीलंका में हाल के राष्ट्रपति और संसदीय चुनावों में मिली जीत के लिए बधाई दी।
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने कहा कि श्रीलंका भारत की ‘पड़ोसी पहले’ नीति और सागर विजन का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है। एक करीबी और भरोसेमंद साझेदार के रूप में भारत श्रीलंका के सतत आर्थिक विकास के लिए श्रीलंकाई सरकार के प्रयासों का समर्थन करना जारी रखेगा।
मुर्मू ने आगे कहा, “हमारे दोनों देशों के बीच संबंध ना केवल भौगोलिक हैं, बल्कि साझा धार्मिक और सांस्कृतिक प्रथाओं, भाषाई समानताओं, आर्थिक सहयोग, और राजनीतिक समझ पर आधारित हैं। बौद्ध धर्म की साझा विरासत ने विशेष रूप से दो सहस्राब्दियों से अधिक समय से हमारे संबंधों को पोषित किया है। समकालीन समय में हमारे संबंध बहुआयामी हो गए हैं और सहयोग के कई क्षेत्रों में विस्तारित हो गए हैं। एक जिम्मेदार पड़ोसी और मित्र के रूप में भारत जरूरत के समय हमेशा श्रीलंका के समर्थन में खड़ा रहा है, चाहे वह हालिया आर्थिक संकट हो, या उसके बाद के ऋण पुनर्गठन की चर्चा हो।”
राष्ट्रपति ने कहा कि मुझे खुशी है कि आज राष्ट्रपति दिसानायके की यात्रा के दौरान हमने “भारत-श्रीलंका संयुक्त वक्तव्य: साझा भविष्य के लिए साझेदारी को बढ़ावा देना” अपनाया है, जो हमारे बहुआयामी द्विपक्षीय संबंधों को और गहरा करने के लिए एक व्यापक रूपरेखा प्रदान करेगा।
राष्ट्रपति ने कहा कि श्रीलंका भारतीय लोगों के मानस में गहराई से बसा हुआ है और हमारी लोक कथाओं और साझा सभ्यतागत विरासत का अभिन्न हिस्सा है। प्राचीन भारत के कलिंग क्षेत्र का श्रीलंका से विशेष सांस्कृतिक और आध्यात्मिक संबंध था, जिसे आज भी ओडिशा में स्मरण किया जाता है। मुझे विश्वास है कि आज के रात्रि भोज के कुछ स्वाद, और कुछ सुर, श्रीलंका से आए हमारे मित्रों के लिए परिचित होंगे। हम इतिहास और संस्कृति के इन गहरे संबंधों को आगे बढ़ाने के लिए और दोनों देशों के लोगों की साझा समृद्धि की दिशा में काम करते रहेंगे।
उन्होंने कहा कि आइए हम सब मिल कर राष्ट्रपति अनुरा कुमारा दिसानायके के अच्छे स्वास्थ्य के लिए, श्रीलंका के लोगों की निरंतर प्रगति और समृद्धि के लिए और भारत और श्रीलंका के बीच घनिष्ठ मित्रता और सहयोग के लिए अपनी शुभकामनाएं व्यक्त करें।
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नई दिल्ली, 16 दिसंबर (आईएएनएस)। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने सोमवार (16 दिसंबर) को राष्ट्रपति भवन में श्रीलंका के राष्ट्रपति अनुरा कुमारा दिसानायके का स्वागत किया। इस दौरान राष्ट्रपति भवन में उनके सम्मान में भोज का भी आयोजन किया गया।
श्रीलंकाई राष्ट्रपति और उनके प्रतिनिधिमंडल का राष्ट्रपति भवन में स्वागत करते हुए राष्ट्रपति मुर्मू ने उन्हें श्रीलंका में हाल के राष्ट्रपति और संसदीय चुनावों में मिली जीत के लिए बधाई दी।
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने कहा कि श्रीलंका भारत की ‘पड़ोसी पहले’ नीति और सागर विजन का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है। एक करीबी और भरोसेमंद साझेदार के रूप में भारत श्रीलंका के सतत आर्थिक विकास के लिए श्रीलंकाई सरकार के प्रयासों का समर्थन करना जारी रखेगा।
मुर्मू ने आगे कहा, “हमारे दोनों देशों के बीच संबंध ना केवल भौगोलिक हैं, बल्कि साझा धार्मिक और सांस्कृतिक प्रथाओं, भाषाई समानताओं, आर्थिक सहयोग, और राजनीतिक समझ पर आधारित हैं। बौद्ध धर्म की साझा विरासत ने विशेष रूप से दो सहस्राब्दियों से अधिक समय से हमारे संबंधों को पोषित किया है। समकालीन समय में हमारे संबंध बहुआयामी हो गए हैं और सहयोग के कई क्षेत्रों में विस्तारित हो गए हैं। एक जिम्मेदार पड़ोसी और मित्र के रूप में भारत जरूरत के समय हमेशा श्रीलंका के समर्थन में खड़ा रहा है, चाहे वह हालिया आर्थिक संकट हो, या उसके बाद के ऋण पुनर्गठन की चर्चा हो।”
राष्ट्रपति ने कहा कि मुझे खुशी है कि आज राष्ट्रपति दिसानायके की यात्रा के दौरान हमने “भारत-श्रीलंका संयुक्त वक्तव्य: साझा भविष्य के लिए साझेदारी को बढ़ावा देना” अपनाया है, जो हमारे बहुआयामी द्विपक्षीय संबंधों को और गहरा करने के लिए एक व्यापक रूपरेखा प्रदान करेगा।
राष्ट्रपति ने कहा कि श्रीलंका भारतीय लोगों के मानस में गहराई से बसा हुआ है और हमारी लोक कथाओं और साझा सभ्यतागत विरासत का अभिन्न हिस्सा है। प्राचीन भारत के कलिंग क्षेत्र का श्रीलंका से विशेष सांस्कृतिक और आध्यात्मिक संबंध था, जिसे आज भी ओडिशा में स्मरण किया जाता है। मुझे विश्वास है कि आज के रात्रि भोज के कुछ स्वाद, और कुछ सुर, श्रीलंका से आए हमारे मित्रों के लिए परिचित होंगे। हम इतिहास और संस्कृति के इन गहरे संबंधों को आगे बढ़ाने के लिए और दोनों देशों के लोगों की साझा समृद्धि की दिशा में काम करते रहेंगे।
उन्होंने कहा कि आइए हम सब मिल कर राष्ट्रपति अनुरा कुमारा दिसानायके के अच्छे स्वास्थ्य के लिए, श्रीलंका के लोगों की निरंतर प्रगति और समृद्धि के लिए और भारत और श्रीलंका के बीच घनिष्ठ मित्रता और सहयोग के लिए अपनी शुभकामनाएं व्यक्त करें।
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मुर्मू ने आगे कहा, “हमारे दोनों देशों के बीच संबंध ना केवल भौगोलिक हैं, बल्कि साझा धार्मिक और सांस्कृतिक प्रथाओं, भाषाई समानताओं, आर्थिक सहयोग, और राजनीतिक समझ पर आधारित हैं। बौद्ध धर्म की साझा विरासत ने विशेष रूप से दो सहस्राब्दियों से अधिक समय से हमारे संबंधों को पोषित किया है। समकालीन समय में हमारे संबंध बहुआयामी हो गए हैं और सहयोग के कई क्षेत्रों में विस्तारित हो गए हैं। एक जिम्मेदार पड़ोसी और मित्र के रूप में भारत जरूरत के समय हमेशा श्रीलंका के समर्थन में खड़ा रहा है, चाहे वह हालिया आर्थिक संकट हो, या उसके बाद के ऋण पुनर्गठन की चर्चा हो।”
राष्ट्रपति ने कहा कि मुझे खुशी है कि आज राष्ट्रपति दिसानायके की यात्रा के दौरान हमने “भारत-श्रीलंका संयुक्त वक्तव्य: साझा भविष्य के लिए साझेदारी को बढ़ावा देना” अपनाया है, जो हमारे बहुआयामी द्विपक्षीय संबंधों को और गहरा करने के लिए एक व्यापक रूपरेखा प्रदान करेगा।
राष्ट्रपति ने कहा कि श्रीलंका भारतीय लोगों के मानस में गहराई से बसा हुआ है और हमारी लोक कथाओं और साझा सभ्यतागत विरासत का अभिन्न हिस्सा है। प्राचीन भारत के कलिंग क्षेत्र का श्रीलंका से विशेष सांस्कृतिक और आध्यात्मिक संबंध था, जिसे आज भी ओडिशा में स्मरण किया जाता है। मुझे विश्वास है कि आज के रात्रि भोज के कुछ स्वाद, और कुछ सुर, श्रीलंका से आए हमारे मित्रों के लिए परिचित होंगे। हम इतिहास और संस्कृति के इन गहरे संबंधों को आगे बढ़ाने के लिए और दोनों देशों के लोगों की साझा समृद्धि की दिशा में काम करते रहेंगे।
उन्होंने कहा कि आइए हम सब मिल कर राष्ट्रपति अनुरा कुमारा दिसानायके के अच्छे स्वास्थ्य के लिए, श्रीलंका के लोगों की निरंतर प्रगति और समृद्धि के लिए और भारत और श्रीलंका के बीच घनिष्ठ मित्रता और सहयोग के लिए अपनी शुभकामनाएं व्यक्त करें।
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मुर्मू ने आगे कहा, “हमारे दोनों देशों के बीच संबंध ना केवल भौगोलिक हैं, बल्कि साझा धार्मिक और सांस्कृतिक प्रथाओं, भाषाई समानताओं, आर्थिक सहयोग, और राजनीतिक समझ पर आधारित हैं। बौद्ध धर्म की साझा विरासत ने विशेष रूप से दो सहस्राब्दियों से अधिक समय से हमारे संबंधों को पोषित किया है। समकालीन समय में हमारे संबंध बहुआयामी हो गए हैं और सहयोग के कई क्षेत्रों में विस्तारित हो गए हैं। एक जिम्मेदार पड़ोसी और मित्र के रूप में भारत जरूरत के समय हमेशा श्रीलंका के समर्थन में खड़ा रहा है, चाहे वह हालिया आर्थिक संकट हो, या उसके बाद के ऋण पुनर्गठन की चर्चा हो।”
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राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने कहा कि श्रीलंका भारत की ‘पड़ोसी पहले’ नीति और सागर विजन का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है। एक करीबी और भरोसेमंद साझेदार के रूप में भारत श्रीलंका के सतत आर्थिक विकास के लिए श्रीलंकाई सरकार के प्रयासों का समर्थन करना जारी रखेगा।
मुर्मू ने आगे कहा, “हमारे दोनों देशों के बीच संबंध ना केवल भौगोलिक हैं, बल्कि साझा धार्मिक और सांस्कृतिक प्रथाओं, भाषाई समानताओं, आर्थिक सहयोग, और राजनीतिक समझ पर आधारित हैं। बौद्ध धर्म की साझा विरासत ने विशेष रूप से दो सहस्राब्दियों से अधिक समय से हमारे संबंधों को पोषित किया है। समकालीन समय में हमारे संबंध बहुआयामी हो गए हैं और सहयोग के कई क्षेत्रों में विस्तारित हो गए हैं। एक जिम्मेदार पड़ोसी और मित्र के रूप में भारत जरूरत के समय हमेशा श्रीलंका के समर्थन में खड़ा रहा है, चाहे वह हालिया आर्थिक संकट हो, या उसके बाद के ऋण पुनर्गठन की चर्चा हो।”
राष्ट्रपति ने कहा कि मुझे खुशी है कि आज राष्ट्रपति दिसानायके की यात्रा के दौरान हमने “भारत-श्रीलंका संयुक्त वक्तव्य: साझा भविष्य के लिए साझेदारी को बढ़ावा देना” अपनाया है, जो हमारे बहुआयामी द्विपक्षीय संबंधों को और गहरा करने के लिए एक व्यापक रूपरेखा प्रदान करेगा।
राष्ट्रपति ने कहा कि श्रीलंका भारतीय लोगों के मानस में गहराई से बसा हुआ है और हमारी लोक कथाओं और साझा सभ्यतागत विरासत का अभिन्न हिस्सा है। प्राचीन भारत के कलिंग क्षेत्र का श्रीलंका से विशेष सांस्कृतिक और आध्यात्मिक संबंध था, जिसे आज भी ओडिशा में स्मरण किया जाता है। मुझे विश्वास है कि आज के रात्रि भोज के कुछ स्वाद, और कुछ सुर, श्रीलंका से आए हमारे मित्रों के लिए परिचित होंगे। हम इतिहास और संस्कृति के इन गहरे संबंधों को आगे बढ़ाने के लिए और दोनों देशों के लोगों की साझा समृद्धि की दिशा में काम करते रहेंगे।
उन्होंने कहा कि आइए हम सब मिल कर राष्ट्रपति अनुरा कुमारा दिसानायके के अच्छे स्वास्थ्य के लिए, श्रीलंका के लोगों की निरंतर प्रगति और समृद्धि के लिए और भारत और श्रीलंका के बीच घनिष्ठ मित्रता और सहयोग के लिए अपनी शुभकामनाएं व्यक्त करें।
–आईएएनएस
एफएम/सीबीटी
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नई दिल्ली, 16 दिसंबर (आईएएनएस)। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने सोमवार (16 दिसंबर) को राष्ट्रपति भवन में श्रीलंका के राष्ट्रपति अनुरा कुमारा दिसानायके का स्वागत किया। इस दौरान राष्ट्रपति भवन में उनके सम्मान में भोज का भी आयोजन किया गया।
श्रीलंकाई राष्ट्रपति और उनके प्रतिनिधिमंडल का राष्ट्रपति भवन में स्वागत करते हुए राष्ट्रपति मुर्मू ने उन्हें श्रीलंका में हाल के राष्ट्रपति और संसदीय चुनावों में मिली जीत के लिए बधाई दी।
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने कहा कि श्रीलंका भारत की ‘पड़ोसी पहले’ नीति और सागर विजन का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है। एक करीबी और भरोसेमंद साझेदार के रूप में भारत श्रीलंका के सतत आर्थिक विकास के लिए श्रीलंकाई सरकार के प्रयासों का समर्थन करना जारी रखेगा।
मुर्मू ने आगे कहा, “हमारे दोनों देशों के बीच संबंध ना केवल भौगोलिक हैं, बल्कि साझा धार्मिक और सांस्कृतिक प्रथाओं, भाषाई समानताओं, आर्थिक सहयोग, और राजनीतिक समझ पर आधारित हैं। बौद्ध धर्म की साझा विरासत ने विशेष रूप से दो सहस्राब्दियों से अधिक समय से हमारे संबंधों को पोषित किया है। समकालीन समय में हमारे संबंध बहुआयामी हो गए हैं और सहयोग के कई क्षेत्रों में विस्तारित हो गए हैं। एक जिम्मेदार पड़ोसी और मित्र के रूप में भारत जरूरत के समय हमेशा श्रीलंका के समर्थन में खड़ा रहा है, चाहे वह हालिया आर्थिक संकट हो, या उसके बाद के ऋण पुनर्गठन की चर्चा हो।”
राष्ट्रपति ने कहा कि मुझे खुशी है कि आज राष्ट्रपति दिसानायके की यात्रा के दौरान हमने “भारत-श्रीलंका संयुक्त वक्तव्य: साझा भविष्य के लिए साझेदारी को बढ़ावा देना” अपनाया है, जो हमारे बहुआयामी द्विपक्षीय संबंधों को और गहरा करने के लिए एक व्यापक रूपरेखा प्रदान करेगा।
राष्ट्रपति ने कहा कि श्रीलंका भारतीय लोगों के मानस में गहराई से बसा हुआ है और हमारी लोक कथाओं और साझा सभ्यतागत विरासत का अभिन्न हिस्सा है। प्राचीन भारत के कलिंग क्षेत्र का श्रीलंका से विशेष सांस्कृतिक और आध्यात्मिक संबंध था, जिसे आज भी ओडिशा में स्मरण किया जाता है। मुझे विश्वास है कि आज के रात्रि भोज के कुछ स्वाद, और कुछ सुर, श्रीलंका से आए हमारे मित्रों के लिए परिचित होंगे। हम इतिहास और संस्कृति के इन गहरे संबंधों को आगे बढ़ाने के लिए और दोनों देशों के लोगों की साझा समृद्धि की दिशा में काम करते रहेंगे।
उन्होंने कहा कि आइए हम सब मिल कर राष्ट्रपति अनुरा कुमारा दिसानायके के अच्छे स्वास्थ्य के लिए, श्रीलंका के लोगों की निरंतर प्रगति और समृद्धि के लिए और भारत और श्रीलंका के बीच घनिष्ठ मित्रता और सहयोग के लिए अपनी शुभकामनाएं व्यक्त करें।
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नई दिल्ली, 16 दिसंबर (आईएएनएस)। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने सोमवार (16 दिसंबर) को राष्ट्रपति भवन में श्रीलंका के राष्ट्रपति अनुरा कुमारा दिसानायके का स्वागत किया। इस दौरान राष्ट्रपति भवन में उनके सम्मान में भोज का भी आयोजन किया गया।
श्रीलंकाई राष्ट्रपति और उनके प्रतिनिधिमंडल का राष्ट्रपति भवन में स्वागत करते हुए राष्ट्रपति मुर्मू ने उन्हें श्रीलंका में हाल के राष्ट्रपति और संसदीय चुनावों में मिली जीत के लिए बधाई दी।
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने कहा कि श्रीलंका भारत की ‘पड़ोसी पहले’ नीति और सागर विजन का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है। एक करीबी और भरोसेमंद साझेदार के रूप में भारत श्रीलंका के सतत आर्थिक विकास के लिए श्रीलंकाई सरकार के प्रयासों का समर्थन करना जारी रखेगा।
मुर्मू ने आगे कहा, “हमारे दोनों देशों के बीच संबंध ना केवल भौगोलिक हैं, बल्कि साझा धार्मिक और सांस्कृतिक प्रथाओं, भाषाई समानताओं, आर्थिक सहयोग, और राजनीतिक समझ पर आधारित हैं। बौद्ध धर्म की साझा विरासत ने विशेष रूप से दो सहस्राब्दियों से अधिक समय से हमारे संबंधों को पोषित किया है। समकालीन समय में हमारे संबंध बहुआयामी हो गए हैं और सहयोग के कई क्षेत्रों में विस्तारित हो गए हैं। एक जिम्मेदार पड़ोसी और मित्र के रूप में भारत जरूरत के समय हमेशा श्रीलंका के समर्थन में खड़ा रहा है, चाहे वह हालिया आर्थिक संकट हो, या उसके बाद के ऋण पुनर्गठन की चर्चा हो।”
राष्ट्रपति ने कहा कि मुझे खुशी है कि आज राष्ट्रपति दिसानायके की यात्रा के दौरान हमने “भारत-श्रीलंका संयुक्त वक्तव्य: साझा भविष्य के लिए साझेदारी को बढ़ावा देना” अपनाया है, जो हमारे बहुआयामी द्विपक्षीय संबंधों को और गहरा करने के लिए एक व्यापक रूपरेखा प्रदान करेगा।
राष्ट्रपति ने कहा कि श्रीलंका भारतीय लोगों के मानस में गहराई से बसा हुआ है और हमारी लोक कथाओं और साझा सभ्यतागत विरासत का अभिन्न हिस्सा है। प्राचीन भारत के कलिंग क्षेत्र का श्रीलंका से विशेष सांस्कृतिक और आध्यात्मिक संबंध था, जिसे आज भी ओडिशा में स्मरण किया जाता है। मुझे विश्वास है कि आज के रात्रि भोज के कुछ स्वाद, और कुछ सुर, श्रीलंका से आए हमारे मित्रों के लिए परिचित होंगे। हम इतिहास और संस्कृति के इन गहरे संबंधों को आगे बढ़ाने के लिए और दोनों देशों के लोगों की साझा समृद्धि की दिशा में काम करते रहेंगे।
उन्होंने कहा कि आइए हम सब मिल कर राष्ट्रपति अनुरा कुमारा दिसानायके के अच्छे स्वास्थ्य के लिए, श्रीलंका के लोगों की निरंतर प्रगति और समृद्धि के लिए और भारत और श्रीलंका के बीच घनिष्ठ मित्रता और सहयोग के लिए अपनी शुभकामनाएं व्यक्त करें।
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नई दिल्ली, 16 दिसंबर (आईएएनएस)। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने सोमवार (16 दिसंबर) को राष्ट्रपति भवन में श्रीलंका के राष्ट्रपति अनुरा कुमारा दिसानायके का स्वागत किया। इस दौरान राष्ट्रपति भवन में उनके सम्मान में भोज का भी आयोजन किया गया।
श्रीलंकाई राष्ट्रपति और उनके प्रतिनिधिमंडल का राष्ट्रपति भवन में स्वागत करते हुए राष्ट्रपति मुर्मू ने उन्हें श्रीलंका में हाल के राष्ट्रपति और संसदीय चुनावों में मिली जीत के लिए बधाई दी।
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने कहा कि श्रीलंका भारत की ‘पड़ोसी पहले’ नीति और सागर विजन का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है। एक करीबी और भरोसेमंद साझेदार के रूप में भारत श्रीलंका के सतत आर्थिक विकास के लिए श्रीलंकाई सरकार के प्रयासों का समर्थन करना जारी रखेगा।
मुर्मू ने आगे कहा, “हमारे दोनों देशों के बीच संबंध ना केवल भौगोलिक हैं, बल्कि साझा धार्मिक और सांस्कृतिक प्रथाओं, भाषाई समानताओं, आर्थिक सहयोग, और राजनीतिक समझ पर आधारित हैं। बौद्ध धर्म की साझा विरासत ने विशेष रूप से दो सहस्राब्दियों से अधिक समय से हमारे संबंधों को पोषित किया है। समकालीन समय में हमारे संबंध बहुआयामी हो गए हैं और सहयोग के कई क्षेत्रों में विस्तारित हो गए हैं। एक जिम्मेदार पड़ोसी और मित्र के रूप में भारत जरूरत के समय हमेशा श्रीलंका के समर्थन में खड़ा रहा है, चाहे वह हालिया आर्थिक संकट हो, या उसके बाद के ऋण पुनर्गठन की चर्चा हो।”
राष्ट्रपति ने कहा कि मुझे खुशी है कि आज राष्ट्रपति दिसानायके की यात्रा के दौरान हमने “भारत-श्रीलंका संयुक्त वक्तव्य: साझा भविष्य के लिए साझेदारी को बढ़ावा देना” अपनाया है, जो हमारे बहुआयामी द्विपक्षीय संबंधों को और गहरा करने के लिए एक व्यापक रूपरेखा प्रदान करेगा।
राष्ट्रपति ने कहा कि श्रीलंका भारतीय लोगों के मानस में गहराई से बसा हुआ है और हमारी लोक कथाओं और साझा सभ्यतागत विरासत का अभिन्न हिस्सा है। प्राचीन भारत के कलिंग क्षेत्र का श्रीलंका से विशेष सांस्कृतिक और आध्यात्मिक संबंध था, जिसे आज भी ओडिशा में स्मरण किया जाता है। मुझे विश्वास है कि आज के रात्रि भोज के कुछ स्वाद, और कुछ सुर, श्रीलंका से आए हमारे मित्रों के लिए परिचित होंगे। हम इतिहास और संस्कृति के इन गहरे संबंधों को आगे बढ़ाने के लिए और दोनों देशों के लोगों की साझा समृद्धि की दिशा में काम करते रहेंगे।
उन्होंने कहा कि आइए हम सब मिल कर राष्ट्रपति अनुरा कुमारा दिसानायके के अच्छे स्वास्थ्य के लिए, श्रीलंका के लोगों की निरंतर प्रगति और समृद्धि के लिए और भारत और श्रीलंका के बीच घनिष्ठ मित्रता और सहयोग के लिए अपनी शुभकामनाएं व्यक्त करें।
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नई दिल्ली, 16 दिसंबर (आईएएनएस)। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने सोमवार (16 दिसंबर) को राष्ट्रपति भवन में श्रीलंका के राष्ट्रपति अनुरा कुमारा दिसानायके का स्वागत किया। इस दौरान राष्ट्रपति भवन में उनके सम्मान में भोज का भी आयोजन किया गया।
श्रीलंकाई राष्ट्रपति और उनके प्रतिनिधिमंडल का राष्ट्रपति भवन में स्वागत करते हुए राष्ट्रपति मुर्मू ने उन्हें श्रीलंका में हाल के राष्ट्रपति और संसदीय चुनावों में मिली जीत के लिए बधाई दी।
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने कहा कि श्रीलंका भारत की ‘पड़ोसी पहले’ नीति और सागर विजन का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है। एक करीबी और भरोसेमंद साझेदार के रूप में भारत श्रीलंका के सतत आर्थिक विकास के लिए श्रीलंकाई सरकार के प्रयासों का समर्थन करना जारी रखेगा।
मुर्मू ने आगे कहा, “हमारे दोनों देशों के बीच संबंध ना केवल भौगोलिक हैं, बल्कि साझा धार्मिक और सांस्कृतिक प्रथाओं, भाषाई समानताओं, आर्थिक सहयोग, और राजनीतिक समझ पर आधारित हैं। बौद्ध धर्म की साझा विरासत ने विशेष रूप से दो सहस्राब्दियों से अधिक समय से हमारे संबंधों को पोषित किया है। समकालीन समय में हमारे संबंध बहुआयामी हो गए हैं और सहयोग के कई क्षेत्रों में विस्तारित हो गए हैं। एक जिम्मेदार पड़ोसी और मित्र के रूप में भारत जरूरत के समय हमेशा श्रीलंका के समर्थन में खड़ा रहा है, चाहे वह हालिया आर्थिक संकट हो, या उसके बाद के ऋण पुनर्गठन की चर्चा हो।”
राष्ट्रपति ने कहा कि मुझे खुशी है कि आज राष्ट्रपति दिसानायके की यात्रा के दौरान हमने “भारत-श्रीलंका संयुक्त वक्तव्य: साझा भविष्य के लिए साझेदारी को बढ़ावा देना” अपनाया है, जो हमारे बहुआयामी द्विपक्षीय संबंधों को और गहरा करने के लिए एक व्यापक रूपरेखा प्रदान करेगा।
राष्ट्रपति ने कहा कि श्रीलंका भारतीय लोगों के मानस में गहराई से बसा हुआ है और हमारी लोक कथाओं और साझा सभ्यतागत विरासत का अभिन्न हिस्सा है। प्राचीन भारत के कलिंग क्षेत्र का श्रीलंका से विशेष सांस्कृतिक और आध्यात्मिक संबंध था, जिसे आज भी ओडिशा में स्मरण किया जाता है। मुझे विश्वास है कि आज के रात्रि भोज के कुछ स्वाद, और कुछ सुर, श्रीलंका से आए हमारे मित्रों के लिए परिचित होंगे। हम इतिहास और संस्कृति के इन गहरे संबंधों को आगे बढ़ाने के लिए और दोनों देशों के लोगों की साझा समृद्धि की दिशा में काम करते रहेंगे।
उन्होंने कहा कि आइए हम सब मिल कर राष्ट्रपति अनुरा कुमारा दिसानायके के अच्छे स्वास्थ्य के लिए, श्रीलंका के लोगों की निरंतर प्रगति और समृद्धि के लिए और भारत और श्रीलंका के बीच घनिष्ठ मित्रता और सहयोग के लिए अपनी शुभकामनाएं व्यक्त करें।
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नई दिल्ली, 16 दिसंबर (आईएएनएस)। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने सोमवार (16 दिसंबर) को राष्ट्रपति भवन में श्रीलंका के राष्ट्रपति अनुरा कुमारा दिसानायके का स्वागत किया। इस दौरान राष्ट्रपति भवन में उनके सम्मान में भोज का भी आयोजन किया गया।
श्रीलंकाई राष्ट्रपति और उनके प्रतिनिधिमंडल का राष्ट्रपति भवन में स्वागत करते हुए राष्ट्रपति मुर्मू ने उन्हें श्रीलंका में हाल के राष्ट्रपति और संसदीय चुनावों में मिली जीत के लिए बधाई दी।
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने कहा कि श्रीलंका भारत की ‘पड़ोसी पहले’ नीति और सागर विजन का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है। एक करीबी और भरोसेमंद साझेदार के रूप में भारत श्रीलंका के सतत आर्थिक विकास के लिए श्रीलंकाई सरकार के प्रयासों का समर्थन करना जारी रखेगा।
मुर्मू ने आगे कहा, “हमारे दोनों देशों के बीच संबंध ना केवल भौगोलिक हैं, बल्कि साझा धार्मिक और सांस्कृतिक प्रथाओं, भाषाई समानताओं, आर्थिक सहयोग, और राजनीतिक समझ पर आधारित हैं। बौद्ध धर्म की साझा विरासत ने विशेष रूप से दो सहस्राब्दियों से अधिक समय से हमारे संबंधों को पोषित किया है। समकालीन समय में हमारे संबंध बहुआयामी हो गए हैं और सहयोग के कई क्षेत्रों में विस्तारित हो गए हैं। एक जिम्मेदार पड़ोसी और मित्र के रूप में भारत जरूरत के समय हमेशा श्रीलंका के समर्थन में खड़ा रहा है, चाहे वह हालिया आर्थिक संकट हो, या उसके बाद के ऋण पुनर्गठन की चर्चा हो।”
राष्ट्रपति ने कहा कि मुझे खुशी है कि आज राष्ट्रपति दिसानायके की यात्रा के दौरान हमने “भारत-श्रीलंका संयुक्त वक्तव्य: साझा भविष्य के लिए साझेदारी को बढ़ावा देना” अपनाया है, जो हमारे बहुआयामी द्विपक्षीय संबंधों को और गहरा करने के लिए एक व्यापक रूपरेखा प्रदान करेगा।
राष्ट्रपति ने कहा कि श्रीलंका भारतीय लोगों के मानस में गहराई से बसा हुआ है और हमारी लोक कथाओं और साझा सभ्यतागत विरासत का अभिन्न हिस्सा है। प्राचीन भारत के कलिंग क्षेत्र का श्रीलंका से विशेष सांस्कृतिक और आध्यात्मिक संबंध था, जिसे आज भी ओडिशा में स्मरण किया जाता है। मुझे विश्वास है कि आज के रात्रि भोज के कुछ स्वाद, और कुछ सुर, श्रीलंका से आए हमारे मित्रों के लिए परिचित होंगे। हम इतिहास और संस्कृति के इन गहरे संबंधों को आगे बढ़ाने के लिए और दोनों देशों के लोगों की साझा समृद्धि की दिशा में काम करते रहेंगे।
उन्होंने कहा कि आइए हम सब मिल कर राष्ट्रपति अनुरा कुमारा दिसानायके के अच्छे स्वास्थ्य के लिए, श्रीलंका के लोगों की निरंतर प्रगति और समृद्धि के लिए और भारत और श्रीलंका के बीच घनिष्ठ मित्रता और सहयोग के लिए अपनी शुभकामनाएं व्यक्त करें।
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नई दिल्ली, 16 दिसंबर (आईएएनएस)। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने सोमवार (16 दिसंबर) को राष्ट्रपति भवन में श्रीलंका के राष्ट्रपति अनुरा कुमारा दिसानायके का स्वागत किया। इस दौरान राष्ट्रपति भवन में उनके सम्मान में भोज का भी आयोजन किया गया।
श्रीलंकाई राष्ट्रपति और उनके प्रतिनिधिमंडल का राष्ट्रपति भवन में स्वागत करते हुए राष्ट्रपति मुर्मू ने उन्हें श्रीलंका में हाल के राष्ट्रपति और संसदीय चुनावों में मिली जीत के लिए बधाई दी।
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने कहा कि श्रीलंका भारत की ‘पड़ोसी पहले’ नीति और सागर विजन का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है। एक करीबी और भरोसेमंद साझेदार के रूप में भारत श्रीलंका के सतत आर्थिक विकास के लिए श्रीलंकाई सरकार के प्रयासों का समर्थन करना जारी रखेगा।
मुर्मू ने आगे कहा, “हमारे दोनों देशों के बीच संबंध ना केवल भौगोलिक हैं, बल्कि साझा धार्मिक और सांस्कृतिक प्रथाओं, भाषाई समानताओं, आर्थिक सहयोग, और राजनीतिक समझ पर आधारित हैं। बौद्ध धर्म की साझा विरासत ने विशेष रूप से दो सहस्राब्दियों से अधिक समय से हमारे संबंधों को पोषित किया है। समकालीन समय में हमारे संबंध बहुआयामी हो गए हैं और सहयोग के कई क्षेत्रों में विस्तारित हो गए हैं। एक जिम्मेदार पड़ोसी और मित्र के रूप में भारत जरूरत के समय हमेशा श्रीलंका के समर्थन में खड़ा रहा है, चाहे वह हालिया आर्थिक संकट हो, या उसके बाद के ऋण पुनर्गठन की चर्चा हो।”
राष्ट्रपति ने कहा कि मुझे खुशी है कि आज राष्ट्रपति दिसानायके की यात्रा के दौरान हमने “भारत-श्रीलंका संयुक्त वक्तव्य: साझा भविष्य के लिए साझेदारी को बढ़ावा देना” अपनाया है, जो हमारे बहुआयामी द्विपक्षीय संबंधों को और गहरा करने के लिए एक व्यापक रूपरेखा प्रदान करेगा।
राष्ट्रपति ने कहा कि श्रीलंका भारतीय लोगों के मानस में गहराई से बसा हुआ है और हमारी लोक कथाओं और साझा सभ्यतागत विरासत का अभिन्न हिस्सा है। प्राचीन भारत के कलिंग क्षेत्र का श्रीलंका से विशेष सांस्कृतिक और आध्यात्मिक संबंध था, जिसे आज भी ओडिशा में स्मरण किया जाता है। मुझे विश्वास है कि आज के रात्रि भोज के कुछ स्वाद, और कुछ सुर, श्रीलंका से आए हमारे मित्रों के लिए परिचित होंगे। हम इतिहास और संस्कृति के इन गहरे संबंधों को आगे बढ़ाने के लिए और दोनों देशों के लोगों की साझा समृद्धि की दिशा में काम करते रहेंगे।
उन्होंने कहा कि आइए हम सब मिल कर राष्ट्रपति अनुरा कुमारा दिसानायके के अच्छे स्वास्थ्य के लिए, श्रीलंका के लोगों की निरंतर प्रगति और समृद्धि के लिए और भारत और श्रीलंका के बीच घनिष्ठ मित्रता और सहयोग के लिए अपनी शुभकामनाएं व्यक्त करें।