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Home राष्ट्रीय

संघ की विभाजनकारी विचारधारा बदल रही पूर्वोत्तर की विविधता, मणिपुर दुखद उदाहरण : कांग्रेस

by
June 18, 2023
in राष्ट्रीय
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संघ की विभाजनकारी विचारधारा बदल रही पूर्वोत्तर की विविधता, मणिपुर दुखद उदाहरण : कांग्रेस
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नई दिल्ली, 18 जून (आईएएनएस)। कांग्रेस ने रविवार को एक बार फिर मणिपुर में हुई हिंसा पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की चुप्पी पर सवाल उठाया और विभाजनकारी विचारधारा और ध्रुवीकरण की गतिविधियों को लेकर आरएसएस पर निशाना साधा। पार्टी ने कहा कि ये गतिविधियां पूर्वोत्तर की विविधता को नष्ट कर रही हैं।

कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने कहा, 45 दिनों की अंतहीन हिंसा के बाद आखिरकार आरएसएस ने मणिपुर में शांति और सद्भाव के लिए एक सार्वजनिक अपील जारी की है। आरएसएस का जाना-पहचाना दोगलापन पूरी तरह से दिखाई दे रहा है, क्योंकि इसकी विभाजनकारी विचारधारा और ध्रुवीकरण की गतिविधियां विविधतापूर्ण पूर्वोत्तर के स्वभाव को बदल रही हैं, जिसका मणिपुर एक दुखद उदाहरण है।

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जयराम रमेश ने पीएम नरेंद्र मोदी पर निशाना साधते हुए कहा कि लेकिन इसके बहुचर्चित पूर्व प्रचारक का क्या, जो अब केंद्र और राज्य में प्रशासनिक तंत्र को नियंत्रित करते हैं? क्या उन्होंने सार्वजनिक अपील को उस संगठन से आउटसोर्स किया है, जिसने उन्हें ढाला है? भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी मणिपुर पर कब कुछ कहेंगे, कुछ करेंगे? क्या वह केवल प्रचार मंत्री हैं, प्रधानमंत्री नहीं?

रमेश की यह टिप्पणी आरएसएस द्वारा रविवार को मणिपुर में शांति की अपील करने के बाद आई है, जहां तीन मई से लगातार हिंसा हो रही है। मणिपुर में लगभग 45 दिनों से जातीय हिंसा जारी है, जहां हिंसा भड़कने के बाद से अब तक 100 से अधिक लोग मारे जा चुके हैं।

–आईएएनएस

एफजेड/एसजीके

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नई दिल्ली, 18 जून (आईएएनएस)। कांग्रेस ने रविवार को एक बार फिर मणिपुर में हुई हिंसा पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की चुप्पी पर सवाल उठाया और विभाजनकारी विचारधारा और ध्रुवीकरण की गतिविधियों को लेकर आरएसएस पर निशाना साधा। पार्टी ने कहा कि ये गतिविधियां पूर्वोत्तर की विविधता को नष्ट कर रही हैं।

कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने कहा, 45 दिनों की अंतहीन हिंसा के बाद आखिरकार आरएसएस ने मणिपुर में शांति और सद्भाव के लिए एक सार्वजनिक अपील जारी की है। आरएसएस का जाना-पहचाना दोगलापन पूरी तरह से दिखाई दे रहा है, क्योंकि इसकी विभाजनकारी विचारधारा और ध्रुवीकरण की गतिविधियां विविधतापूर्ण पूर्वोत्तर के स्वभाव को बदल रही हैं, जिसका मणिपुर एक दुखद उदाहरण है।

जयराम रमेश ने पीएम नरेंद्र मोदी पर निशाना साधते हुए कहा कि लेकिन इसके बहुचर्चित पूर्व प्रचारक का क्या, जो अब केंद्र और राज्य में प्रशासनिक तंत्र को नियंत्रित करते हैं? क्या उन्होंने सार्वजनिक अपील को उस संगठन से आउटसोर्स किया है, जिसने उन्हें ढाला है? भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी मणिपुर पर कब कुछ कहेंगे, कुछ करेंगे? क्या वह केवल प्रचार मंत्री हैं, प्रधानमंत्री नहीं?

रमेश की यह टिप्पणी आरएसएस द्वारा रविवार को मणिपुर में शांति की अपील करने के बाद आई है, जहां तीन मई से लगातार हिंसा हो रही है। मणिपुर में लगभग 45 दिनों से जातीय हिंसा जारी है, जहां हिंसा भड़कने के बाद से अब तक 100 से अधिक लोग मारे जा चुके हैं।

–आईएएनएस

एफजेड/एसजीके

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नई दिल्ली, 18 जून (आईएएनएस)। कांग्रेस ने रविवार को एक बार फिर मणिपुर में हुई हिंसा पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की चुप्पी पर सवाल उठाया और विभाजनकारी विचारधारा और ध्रुवीकरण की गतिविधियों को लेकर आरएसएस पर निशाना साधा। पार्टी ने कहा कि ये गतिविधियां पूर्वोत्तर की विविधता को नष्ट कर रही हैं।

कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने कहा, 45 दिनों की अंतहीन हिंसा के बाद आखिरकार आरएसएस ने मणिपुर में शांति और सद्भाव के लिए एक सार्वजनिक अपील जारी की है। आरएसएस का जाना-पहचाना दोगलापन पूरी तरह से दिखाई दे रहा है, क्योंकि इसकी विभाजनकारी विचारधारा और ध्रुवीकरण की गतिविधियां विविधतापूर्ण पूर्वोत्तर के स्वभाव को बदल रही हैं, जिसका मणिपुर एक दुखद उदाहरण है।

जयराम रमेश ने पीएम नरेंद्र मोदी पर निशाना साधते हुए कहा कि लेकिन इसके बहुचर्चित पूर्व प्रचारक का क्या, जो अब केंद्र और राज्य में प्रशासनिक तंत्र को नियंत्रित करते हैं? क्या उन्होंने सार्वजनिक अपील को उस संगठन से आउटसोर्स किया है, जिसने उन्हें ढाला है? भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी मणिपुर पर कब कुछ कहेंगे, कुछ करेंगे? क्या वह केवल प्रचार मंत्री हैं, प्रधानमंत्री नहीं?

रमेश की यह टिप्पणी आरएसएस द्वारा रविवार को मणिपुर में शांति की अपील करने के बाद आई है, जहां तीन मई से लगातार हिंसा हो रही है। मणिपुर में लगभग 45 दिनों से जातीय हिंसा जारी है, जहां हिंसा भड़कने के बाद से अब तक 100 से अधिक लोग मारे जा चुके हैं।

–आईएएनएस

एफजेड/एसजीके

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नई दिल्ली, 18 जून (आईएएनएस)। कांग्रेस ने रविवार को एक बार फिर मणिपुर में हुई हिंसा पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की चुप्पी पर सवाल उठाया और विभाजनकारी विचारधारा और ध्रुवीकरण की गतिविधियों को लेकर आरएसएस पर निशाना साधा। पार्टी ने कहा कि ये गतिविधियां पूर्वोत्तर की विविधता को नष्ट कर रही हैं।

कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने कहा, 45 दिनों की अंतहीन हिंसा के बाद आखिरकार आरएसएस ने मणिपुर में शांति और सद्भाव के लिए एक सार्वजनिक अपील जारी की है। आरएसएस का जाना-पहचाना दोगलापन पूरी तरह से दिखाई दे रहा है, क्योंकि इसकी विभाजनकारी विचारधारा और ध्रुवीकरण की गतिविधियां विविधतापूर्ण पूर्वोत्तर के स्वभाव को बदल रही हैं, जिसका मणिपुर एक दुखद उदाहरण है।

जयराम रमेश ने पीएम नरेंद्र मोदी पर निशाना साधते हुए कहा कि लेकिन इसके बहुचर्चित पूर्व प्रचारक का क्या, जो अब केंद्र और राज्य में प्रशासनिक तंत्र को नियंत्रित करते हैं? क्या उन्होंने सार्वजनिक अपील को उस संगठन से आउटसोर्स किया है, जिसने उन्हें ढाला है? भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी मणिपुर पर कब कुछ कहेंगे, कुछ करेंगे? क्या वह केवल प्रचार मंत्री हैं, प्रधानमंत्री नहीं?

रमेश की यह टिप्पणी आरएसएस द्वारा रविवार को मणिपुर में शांति की अपील करने के बाद आई है, जहां तीन मई से लगातार हिंसा हो रही है। मणिपुर में लगभग 45 दिनों से जातीय हिंसा जारी है, जहां हिंसा भड़कने के बाद से अब तक 100 से अधिक लोग मारे जा चुके हैं।

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कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने कहा, 45 दिनों की अंतहीन हिंसा के बाद आखिरकार आरएसएस ने मणिपुर में शांति और सद्भाव के लिए एक सार्वजनिक अपील जारी की है। आरएसएस का जाना-पहचाना दोगलापन पूरी तरह से दिखाई दे रहा है, क्योंकि इसकी विभाजनकारी विचारधारा और ध्रुवीकरण की गतिविधियां विविधतापूर्ण पूर्वोत्तर के स्वभाव को बदल रही हैं, जिसका मणिपुर एक दुखद उदाहरण है।

जयराम रमेश ने पीएम नरेंद्र मोदी पर निशाना साधते हुए कहा कि लेकिन इसके बहुचर्चित पूर्व प्रचारक का क्या, जो अब केंद्र और राज्य में प्रशासनिक तंत्र को नियंत्रित करते हैं? क्या उन्होंने सार्वजनिक अपील को उस संगठन से आउटसोर्स किया है, जिसने उन्हें ढाला है? भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी मणिपुर पर कब कुछ कहेंगे, कुछ करेंगे? क्या वह केवल प्रचार मंत्री हैं, प्रधानमंत्री नहीं?

रमेश की यह टिप्पणी आरएसएस द्वारा रविवार को मणिपुर में शांति की अपील करने के बाद आई है, जहां तीन मई से लगातार हिंसा हो रही है। मणिपुर में लगभग 45 दिनों से जातीय हिंसा जारी है, जहां हिंसा भड़कने के बाद से अब तक 100 से अधिक लोग मारे जा चुके हैं।

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कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने कहा, 45 दिनों की अंतहीन हिंसा के बाद आखिरकार आरएसएस ने मणिपुर में शांति और सद्भाव के लिए एक सार्वजनिक अपील जारी की है। आरएसएस का जाना-पहचाना दोगलापन पूरी तरह से दिखाई दे रहा है, क्योंकि इसकी विभाजनकारी विचारधारा और ध्रुवीकरण की गतिविधियां विविधतापूर्ण पूर्वोत्तर के स्वभाव को बदल रही हैं, जिसका मणिपुर एक दुखद उदाहरण है।

जयराम रमेश ने पीएम नरेंद्र मोदी पर निशाना साधते हुए कहा कि लेकिन इसके बहुचर्चित पूर्व प्रचारक का क्या, जो अब केंद्र और राज्य में प्रशासनिक तंत्र को नियंत्रित करते हैं? क्या उन्होंने सार्वजनिक अपील को उस संगठन से आउटसोर्स किया है, जिसने उन्हें ढाला है? भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी मणिपुर पर कब कुछ कहेंगे, कुछ करेंगे? क्या वह केवल प्रचार मंत्री हैं, प्रधानमंत्री नहीं?

रमेश की यह टिप्पणी आरएसएस द्वारा रविवार को मणिपुर में शांति की अपील करने के बाद आई है, जहां तीन मई से लगातार हिंसा हो रही है। मणिपुर में लगभग 45 दिनों से जातीय हिंसा जारी है, जहां हिंसा भड़कने के बाद से अब तक 100 से अधिक लोग मारे जा चुके हैं।

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कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने कहा, 45 दिनों की अंतहीन हिंसा के बाद आखिरकार आरएसएस ने मणिपुर में शांति और सद्भाव के लिए एक सार्वजनिक अपील जारी की है। आरएसएस का जाना-पहचाना दोगलापन पूरी तरह से दिखाई दे रहा है, क्योंकि इसकी विभाजनकारी विचारधारा और ध्रुवीकरण की गतिविधियां विविधतापूर्ण पूर्वोत्तर के स्वभाव को बदल रही हैं, जिसका मणिपुर एक दुखद उदाहरण है।

जयराम रमेश ने पीएम नरेंद्र मोदी पर निशाना साधते हुए कहा कि लेकिन इसके बहुचर्चित पूर्व प्रचारक का क्या, जो अब केंद्र और राज्य में प्रशासनिक तंत्र को नियंत्रित करते हैं? क्या उन्होंने सार्वजनिक अपील को उस संगठन से आउटसोर्स किया है, जिसने उन्हें ढाला है? भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी मणिपुर पर कब कुछ कहेंगे, कुछ करेंगे? क्या वह केवल प्रचार मंत्री हैं, प्रधानमंत्री नहीं?

रमेश की यह टिप्पणी आरएसएस द्वारा रविवार को मणिपुर में शांति की अपील करने के बाद आई है, जहां तीन मई से लगातार हिंसा हो रही है। मणिपुर में लगभग 45 दिनों से जातीय हिंसा जारी है, जहां हिंसा भड़कने के बाद से अब तक 100 से अधिक लोग मारे जा चुके हैं।

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कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने कहा, 45 दिनों की अंतहीन हिंसा के बाद आखिरकार आरएसएस ने मणिपुर में शांति और सद्भाव के लिए एक सार्वजनिक अपील जारी की है। आरएसएस का जाना-पहचाना दोगलापन पूरी तरह से दिखाई दे रहा है, क्योंकि इसकी विभाजनकारी विचारधारा और ध्रुवीकरण की गतिविधियां विविधतापूर्ण पूर्वोत्तर के स्वभाव को बदल रही हैं, जिसका मणिपुर एक दुखद उदाहरण है।

जयराम रमेश ने पीएम नरेंद्र मोदी पर निशाना साधते हुए कहा कि लेकिन इसके बहुचर्चित पूर्व प्रचारक का क्या, जो अब केंद्र और राज्य में प्रशासनिक तंत्र को नियंत्रित करते हैं? क्या उन्होंने सार्वजनिक अपील को उस संगठन से आउटसोर्स किया है, जिसने उन्हें ढाला है? भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी मणिपुर पर कब कुछ कहेंगे, कुछ करेंगे? क्या वह केवल प्रचार मंत्री हैं, प्रधानमंत्री नहीं?

रमेश की यह टिप्पणी आरएसएस द्वारा रविवार को मणिपुर में शांति की अपील करने के बाद आई है, जहां तीन मई से लगातार हिंसा हो रही है। मणिपुर में लगभग 45 दिनों से जातीय हिंसा जारी है, जहां हिंसा भड़कने के बाद से अब तक 100 से अधिक लोग मारे जा चुके हैं।

–आईएएनएस

एफजेड/एसजीके

नई दिल्ली, 18 जून (आईएएनएस)। कांग्रेस ने रविवार को एक बार फिर मणिपुर में हुई हिंसा पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की चुप्पी पर सवाल उठाया और विभाजनकारी विचारधारा और ध्रुवीकरण की गतिविधियों को लेकर आरएसएस पर निशाना साधा। पार्टी ने कहा कि ये गतिविधियां पूर्वोत्तर की विविधता को नष्ट कर रही हैं।

कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने कहा, 45 दिनों की अंतहीन हिंसा के बाद आखिरकार आरएसएस ने मणिपुर में शांति और सद्भाव के लिए एक सार्वजनिक अपील जारी की है। आरएसएस का जाना-पहचाना दोगलापन पूरी तरह से दिखाई दे रहा है, क्योंकि इसकी विभाजनकारी विचारधारा और ध्रुवीकरण की गतिविधियां विविधतापूर्ण पूर्वोत्तर के स्वभाव को बदल रही हैं, जिसका मणिपुर एक दुखद उदाहरण है।

जयराम रमेश ने पीएम नरेंद्र मोदी पर निशाना साधते हुए कहा कि लेकिन इसके बहुचर्चित पूर्व प्रचारक का क्या, जो अब केंद्र और राज्य में प्रशासनिक तंत्र को नियंत्रित करते हैं? क्या उन्होंने सार्वजनिक अपील को उस संगठन से आउटसोर्स किया है, जिसने उन्हें ढाला है? भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी मणिपुर पर कब कुछ कहेंगे, कुछ करेंगे? क्या वह केवल प्रचार मंत्री हैं, प्रधानमंत्री नहीं?

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कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने कहा, 45 दिनों की अंतहीन हिंसा के बाद आखिरकार आरएसएस ने मणिपुर में शांति और सद्भाव के लिए एक सार्वजनिक अपील जारी की है। आरएसएस का जाना-पहचाना दोगलापन पूरी तरह से दिखाई दे रहा है, क्योंकि इसकी विभाजनकारी विचारधारा और ध्रुवीकरण की गतिविधियां विविधतापूर्ण पूर्वोत्तर के स्वभाव को बदल रही हैं, जिसका मणिपुर एक दुखद उदाहरण है।

जयराम रमेश ने पीएम नरेंद्र मोदी पर निशाना साधते हुए कहा कि लेकिन इसके बहुचर्चित पूर्व प्रचारक का क्या, जो अब केंद्र और राज्य में प्रशासनिक तंत्र को नियंत्रित करते हैं? क्या उन्होंने सार्वजनिक अपील को उस संगठन से आउटसोर्स किया है, जिसने उन्हें ढाला है? भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी मणिपुर पर कब कुछ कहेंगे, कुछ करेंगे? क्या वह केवल प्रचार मंत्री हैं, प्रधानमंत्री नहीं?

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कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने कहा, 45 दिनों की अंतहीन हिंसा के बाद आखिरकार आरएसएस ने मणिपुर में शांति और सद्भाव के लिए एक सार्वजनिक अपील जारी की है। आरएसएस का जाना-पहचाना दोगलापन पूरी तरह से दिखाई दे रहा है, क्योंकि इसकी विभाजनकारी विचारधारा और ध्रुवीकरण की गतिविधियां विविधतापूर्ण पूर्वोत्तर के स्वभाव को बदल रही हैं, जिसका मणिपुर एक दुखद उदाहरण है।

जयराम रमेश ने पीएम नरेंद्र मोदी पर निशाना साधते हुए कहा कि लेकिन इसके बहुचर्चित पूर्व प्रचारक का क्या, जो अब केंद्र और राज्य में प्रशासनिक तंत्र को नियंत्रित करते हैं? क्या उन्होंने सार्वजनिक अपील को उस संगठन से आउटसोर्स किया है, जिसने उन्हें ढाला है? भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी मणिपुर पर कब कुछ कहेंगे, कुछ करेंगे? क्या वह केवल प्रचार मंत्री हैं, प्रधानमंत्री नहीं?

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कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने कहा, 45 दिनों की अंतहीन हिंसा के बाद आखिरकार आरएसएस ने मणिपुर में शांति और सद्भाव के लिए एक सार्वजनिक अपील जारी की है। आरएसएस का जाना-पहचाना दोगलापन पूरी तरह से दिखाई दे रहा है, क्योंकि इसकी विभाजनकारी विचारधारा और ध्रुवीकरण की गतिविधियां विविधतापूर्ण पूर्वोत्तर के स्वभाव को बदल रही हैं, जिसका मणिपुर एक दुखद उदाहरण है।

जयराम रमेश ने पीएम नरेंद्र मोदी पर निशाना साधते हुए कहा कि लेकिन इसके बहुचर्चित पूर्व प्रचारक का क्या, जो अब केंद्र और राज्य में प्रशासनिक तंत्र को नियंत्रित करते हैं? क्या उन्होंने सार्वजनिक अपील को उस संगठन से आउटसोर्स किया है, जिसने उन्हें ढाला है? भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी मणिपुर पर कब कुछ कहेंगे, कुछ करेंगे? क्या वह केवल प्रचार मंत्री हैं, प्रधानमंत्री नहीं?

रमेश की यह टिप्पणी आरएसएस द्वारा रविवार को मणिपुर में शांति की अपील करने के बाद आई है, जहां तीन मई से लगातार हिंसा हो रही है। मणिपुर में लगभग 45 दिनों से जातीय हिंसा जारी है, जहां हिंसा भड़कने के बाद से अब तक 100 से अधिक लोग मारे जा चुके हैं।

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कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने कहा, 45 दिनों की अंतहीन हिंसा के बाद आखिरकार आरएसएस ने मणिपुर में शांति और सद्भाव के लिए एक सार्वजनिक अपील जारी की है। आरएसएस का जाना-पहचाना दोगलापन पूरी तरह से दिखाई दे रहा है, क्योंकि इसकी विभाजनकारी विचारधारा और ध्रुवीकरण की गतिविधियां विविधतापूर्ण पूर्वोत्तर के स्वभाव को बदल रही हैं, जिसका मणिपुर एक दुखद उदाहरण है।

जयराम रमेश ने पीएम नरेंद्र मोदी पर निशाना साधते हुए कहा कि लेकिन इसके बहुचर्चित पूर्व प्रचारक का क्या, जो अब केंद्र और राज्य में प्रशासनिक तंत्र को नियंत्रित करते हैं? क्या उन्होंने सार्वजनिक अपील को उस संगठन से आउटसोर्स किया है, जिसने उन्हें ढाला है? भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी मणिपुर पर कब कुछ कहेंगे, कुछ करेंगे? क्या वह केवल प्रचार मंत्री हैं, प्रधानमंत्री नहीं?

रमेश की यह टिप्पणी आरएसएस द्वारा रविवार को मणिपुर में शांति की अपील करने के बाद आई है, जहां तीन मई से लगातार हिंसा हो रही है। मणिपुर में लगभग 45 दिनों से जातीय हिंसा जारी है, जहां हिंसा भड़कने के बाद से अब तक 100 से अधिक लोग मारे जा चुके हैं।

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कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने कहा, 45 दिनों की अंतहीन हिंसा के बाद आखिरकार आरएसएस ने मणिपुर में शांति और सद्भाव के लिए एक सार्वजनिक अपील जारी की है। आरएसएस का जाना-पहचाना दोगलापन पूरी तरह से दिखाई दे रहा है, क्योंकि इसकी विभाजनकारी विचारधारा और ध्रुवीकरण की गतिविधियां विविधतापूर्ण पूर्वोत्तर के स्वभाव को बदल रही हैं, जिसका मणिपुर एक दुखद उदाहरण है।

जयराम रमेश ने पीएम नरेंद्र मोदी पर निशाना साधते हुए कहा कि लेकिन इसके बहुचर्चित पूर्व प्रचारक का क्या, जो अब केंद्र और राज्य में प्रशासनिक तंत्र को नियंत्रित करते हैं? क्या उन्होंने सार्वजनिक अपील को उस संगठन से आउटसोर्स किया है, जिसने उन्हें ढाला है? भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी मणिपुर पर कब कुछ कहेंगे, कुछ करेंगे? क्या वह केवल प्रचार मंत्री हैं, प्रधानमंत्री नहीं?

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नई दिल्ली, 18 जून (आईएएनएस)। कांग्रेस ने रविवार को एक बार फिर मणिपुर में हुई हिंसा पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की चुप्पी पर सवाल उठाया और विभाजनकारी विचारधारा और ध्रुवीकरण की गतिविधियों को लेकर आरएसएस पर निशाना साधा। पार्टी ने कहा कि ये गतिविधियां पूर्वोत्तर की विविधता को नष्ट कर रही हैं।

कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने कहा, 45 दिनों की अंतहीन हिंसा के बाद आखिरकार आरएसएस ने मणिपुर में शांति और सद्भाव के लिए एक सार्वजनिक अपील जारी की है। आरएसएस का जाना-पहचाना दोगलापन पूरी तरह से दिखाई दे रहा है, क्योंकि इसकी विभाजनकारी विचारधारा और ध्रुवीकरण की गतिविधियां विविधतापूर्ण पूर्वोत्तर के स्वभाव को बदल रही हैं, जिसका मणिपुर एक दुखद उदाहरण है।

जयराम रमेश ने पीएम नरेंद्र मोदी पर निशाना साधते हुए कहा कि लेकिन इसके बहुचर्चित पूर्व प्रचारक का क्या, जो अब केंद्र और राज्य में प्रशासनिक तंत्र को नियंत्रित करते हैं? क्या उन्होंने सार्वजनिक अपील को उस संगठन से आउटसोर्स किया है, जिसने उन्हें ढाला है? भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी मणिपुर पर कब कुछ कहेंगे, कुछ करेंगे? क्या वह केवल प्रचार मंत्री हैं, प्रधानमंत्री नहीं?

रमेश की यह टिप्पणी आरएसएस द्वारा रविवार को मणिपुर में शांति की अपील करने के बाद आई है, जहां तीन मई से लगातार हिंसा हो रही है। मणिपुर में लगभग 45 दिनों से जातीय हिंसा जारी है, जहां हिंसा भड़कने के बाद से अब तक 100 से अधिक लोग मारे जा चुके हैं।

–आईएएनएस

एफजेड/एसजीके

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