कोलकाता, 27 फरवरी (आईएएनएस)। ममता बनर्जी के कट्टर विरोधी माने जाने वाले इंडिया सेक्युलर फ्रंट (आईएसएफ) के विधायक नौशाद सिद्दीकी को मंगलवार सुबह संदेशखाली जाते समय गिरफ्तार कर लिया गया।
बता दें कि विधायक सिद्दीकी संदेशखाली पीड़ितों से मिलने जा रहे थे। सिद्दीकी को कोलकाता की परिधि से बाहर निकलने की भी अनुमति नहीं थी, इसलिए उनके काफिले को पूर्वी मेट्रोपॉलिटन बाईपास में साइंस सिटी के सामने रोक दिया गया ।
जैसे ही पुलिस ने उनकी गाड़ी रोकी, सिद्दीकी की पुलिस अधिकारियों से तीखी नोकझोंक हो गई। उन्होंने पुलिस से गिरफ्तारी का कारण बताने की मांग करते हुए दावा किया कि उन्होंने न तो किसी नियम का उल्लंघन किया है और न ही पुलिस द्वारा लगाए गए बैरिकेड को तोड़कर आगे बढ़ने की कोशिश की है।
सिद्दीकी ने पुलिस की जेल वैन में चढ़ने से पहले संवाददाताओं से कहा, “मुझे संदेशखाली से 60 किलोमीटर से अधिक दूर एक स्थान पर गिरफ्तार किया गया है। वे मुझे रोकने के लिए वहां लगाई गई धारा 144 का हवाला दे रहे हैं। लेकिन जिस जगह मुझे रोका जा रहा है वहां धारा 144 नहीं लगी है। इसके अलावा तीन से अधिक लोग मेरे साथ नहीं थे।”
उन्हें मध्य कोलकाता के लालबाजार के कोलकाता पुलिस मुख्यालय ले जाया गया।
सिद्दीकी, सोमवार को हुए स्थानीय तृणमूल कांग्रेस नेता शंकर सरदार के खिलाफ ताजा विरोध प्रदर्शन को लेकर वहां जाने का प्रयास कर रहे थे। जिन पर जमीन पर जबरन कब्जा करने और उसे मछली पालन के खेतों में बदलने का आरोप था, इसके अलावा महिलाओं के खिलाफ यौन उत्पीड़न और हिंसा की शिकायतें भी थीं।
सोमवार को, स्थानीय महिलाएं हाथों में लाठियां और झाड़ू लेकर स्थानीय तृणमूल नेता शंकर सरदार के आवास के सामने एकत्र हुईं, जो सत्तारूढ़ पार्टी के दोनों फरार नेताओं शेख शाहजहां और उनके छोटे भाई शेख सिराजुद्दीन के करीबी विश्वासपात्र माने जाते हैं।
शंकर सरदार की गिरफ्तारी की मांग को लेकर नारे लगाने के अलावा, प्रदर्शनकारी महिलाओं ने तृणमूल कांग्रेस नेता के घर में तोड़फोड़ की। किसी भी नए हमले को रोकने के लिए उनके घर भारी सुरक्षा बलों को भेजा गया।
–आईएएनएस
एमकेएस/सीबीटी