संयुक्त राष्ट्र, 6 सितंबर (आईएएनएस)। संयुक्त राष्ट्र के एक प्रवक्ता ने बुधवार को कहा कि यदि औपचारिक रूप से ‘इंडिया’ का नाम बदलकर ‘भारत’ करने का अनुरोध किया जाता है, तो संयुक्त राष्ट्र इस पर विचार करेगा और हाल की एक मिसाल के अनुसार, इसके लिए शायद विदेश मंत्री एस. जयशंकर का एक पत्र ही काफी होगा।
एक चीनी मीडिया रिपोर्टर द्वारा यह पूछे जाने पर कि यदि भारत तुर्की के समान अनुरोध करता है, जिसने इसका नाम बदलकर तुर्किये कर दिया है, तो नाम बदलने की प्रक्रिया क्या होगी, संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंटोनियो गुटेरेस के उप प्रवक्ता फरहान हक ने कहा, “जैसे तुर्की के मामले में तुर्किए पर हमने सरकार द्वारा दिए गए एक औपचारिक अनुरोध का जवाब दिया। जाहिर है, अगर हमें इस तरह का अनुरोध (भारत से नाम बदलने के लिए) मिलता है, तो हम उन पर भी विचार करेंगे।”
तुर्किये के राष्ट्रपति रेसेप तईप एर्दोगन ने पिछले साल अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर इसका नाम बदलकर तुर्की भाषा के नाम के अनुरूप कर दिया और विदेश मंत्री मेवलुत कैवुसोगालु के गुटेरेस को लिखे एक पत्र ने संयुक्त राष्ट्र में नए नामकरण को औपचारिक बना दिया।
गुटेरेस के प्रवक्ता स्टीफन दुजारिक ने उस समय कहा था कि जैसे ही पिछले साल 1 जून को नाम बदलने के लिए कैवुसोगालु का पत्र प्राप्त हुआ, यह प्रभावी हो गया।
भारत का संविधान भी देश को भारत के रूप में संदर्भित करता है।
राष्ट्र का वर्णन करते हुए संविधान कहता है, “इंडिया, जो कि भारत है, राज्यों का एक संघ होगा।”
जी20 शिखर सम्मेलन में भाग लेने वाले नेताओं को राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू की ओर से अंग्रेजी में “प्रेसिडेंट ऑफ भारत” शीर्षक के साथ भेजे गए रात्रिभोज निमंत्रण ने अटकलें तेज कर दी हैं कि इंडिया नाम को अब छोड़ दिया जाएगा।
अगले साल के चुनाव अभियान से पहले विपक्षी गठबंधन द्वारा खुद को ‘इंडिया’ यानी भारतीय राष्ट्रीय विकासात्मक समावेशी गठबंधन का नाम दिए जाने के बाद यह राजनीतिक रूप से एक जटिल मुद्दा बन गया है।
सत्ताधारी भाजपा अपने नाम में ‘भारतीय’ का इस्तेमाल करती है, साथ ही अंग्रेजी शब्द ‘पार्टी’ का भी इस्तेमाल करती है। विपक्षी कांग्रेस ने 1885 में अपने गठन के समय से ही स्वयं को भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस का नाम दिया और स्वतंत्रता आंदोलन की संवाहक बन गई।
(अरुल लुइस से arul.l@ians.in पर संपर्क किया जा सकता है और @arulouis पर फ़ॉलो किया जा सकता है)
–आईएएनएस
एसजीके