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Home ताज़ा समाचार

संसद का शीतकालीन सत्र : एक दिन में 78 सांसद सस्पेंड, सत्र में अब तक 92 सांसदों का निलंबन

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December 18, 2023
in ताज़ा समाचार
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नई दिल्ली, 18 दिसंबर (आईएएनएस)। संसद का शीतकालीन सत्र चल रहा है। इसी बीच सोमवार को लोकसभा और राज्यसभा से कुल 78 सांसद सस्पेंड कर दिए गए। राज्यसभा से 45 और लोकसभा से 33 सांसदों को निलंबित किया गया है। इससे पहले पिछले सप्ताह 14 विपक्षी सांसदों को निलंबित किया गया था।

इन्हें मिलाकर अब तक इस सत्र में कुल 92 विपक्षी सांसदों को निलंबित किया जा चुका है। राज्यसभा से निलंबित किए गए सांसदों में कांग्रेस नेता केसी वेणुगोपाल, जयराम रमेश, रणदीप सुरजेवाला, प्रमोद तिवारी, फुलों देवी नेताम, रंजीत रंजन, इमरान प्रतापगढ़ी, समाजवादी पार्टी के प्रोफेसर रामगोपाल यादव, आरजेडी के मनोज झा, सहित 45 नाम शामिल हैं।

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इससे पहले राज्यसभा से एक और लोकसभा से 13 विपक्षी सांसदों को निलंबित किया गया था। असल में संसद में सुरक्षा चूक के मसले पर राज्यसभा और लोकसभा में लगातार हंगामा होता रहा। लोकसभा स्पीकर ओम बिरला ने 33 सांसदों को सस्पेंड कर दिया। इनमें अधीर रंजन चौधरी समेत कांग्रेस के 11 सांसद, तृणमूल कांग्रेस के 9, डीएमके के 9 और अन्य दलों के 4 सांसद शामिल हैं। वहीं, इस मुद्दे पर राज्यसभा में भी दिनभर हंगामा होता रहा।

सभापति जगदीप धनखड़ ने 45 विपक्षी सांसदों को पूरे सत्र के लिए यानी 22 दिसंबर तक निलंबित कर दिया। सोमवार को विपक्ष के 22 सांसदों ने नियम 267 के अंतर्गत चर्चा के लिए सभापति को नोटिस दिया था। चर्चा के लिए दिए गए सांसदों के सभी नोटिस अस्वीकार कर दिए गए। नोटिस अस्वीकार होने के बाद भी सांसद संसद की सुरक्षा पर चर्चा चाहते थे, लेकिन, जब उन्हें इसकी इजाजत नहीं मिली तो हंगामा शुरू हो गया और सदन की कार्यवाही कई बार स्थगित करने के बाद अंत में शोर कर रहे सांसदों को निलंबित कर दिया गया।

दरअसल, 13 दिसंबर को लोकसभा में दो व्यक्तियों के घुस आने के बाद से यह मुद्दा खड़ा हुआ। लोकसभा में बुधवार को दो युवक दर्शक दीर्घा से कूद कर सदन में घुस आए। अब, इस विषय पर सांसद चर्चा चाहते थे। राज्यसभा में सांसदों की संख्या 245 है। इसमें भाजपा और उसके सहयोगी दलों के 105 सांसद हैं जबकि कांग्रेस और उसके सहयोगी दलों के 64 सांसद हैं। इनके अलावा राज्यसभा में 76 अन्य सांसद भी हैं।

इन सांसदों में से विपक्ष के 46 सांसदों को पूरे सेशन के लिए सस्पेंड कर दिया गया है। लोकसभा की बात करें तो में फिलहाल यहां 538 सांसद हैं। उनमें भाजपा नेतृत्व वाले एनडीए के 329, कांग्रेस गठबंधन के 142 और अन्य दलों के 67 सांसद हैं। इनमें से 46 सांसद पूरे सत्र के लिए सस्पेंड हो चुके हैं।

कांग्रेस अध्यक्ष व राज्यसभा में नेता प्रतिपक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने सांसदों के निलंबन को लोकतंत्र पर हमला करार दिया। खड़गे ने कहा कि पहले घुसपैठियों ने संसद पर हमला किया। अब सरकार संसद और लोकतंत्र पर हमला कर रही है। खड़गे ने राज्यसभा के सभापति को एक पत्र भी लिखा है। अपने इस पत्र में उन्होंने कहा कि टीएमसी सांसद डेरेक ओ’ब्रायन का सस्पेंशन हटा लेना चाहिए। ऐसा करना संसदीय परंपरा का उल्लंघन है।

–आईएएनएस

जीसीबी/एबीएम

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नई दिल्ली, 18 दिसंबर (आईएएनएस)। संसद का शीतकालीन सत्र चल रहा है। इसी बीच सोमवार को लोकसभा और राज्यसभा से कुल 78 सांसद सस्पेंड कर दिए गए। राज्यसभा से 45 और लोकसभा से 33 सांसदों को निलंबित किया गया है। इससे पहले पिछले सप्ताह 14 विपक्षी सांसदों को निलंबित किया गया था।

इन्हें मिलाकर अब तक इस सत्र में कुल 92 विपक्षी सांसदों को निलंबित किया जा चुका है। राज्यसभा से निलंबित किए गए सांसदों में कांग्रेस नेता केसी वेणुगोपाल, जयराम रमेश, रणदीप सुरजेवाला, प्रमोद तिवारी, फुलों देवी नेताम, रंजीत रंजन, इमरान प्रतापगढ़ी, समाजवादी पार्टी के प्रोफेसर रामगोपाल यादव, आरजेडी के मनोज झा, सहित 45 नाम शामिल हैं।

इससे पहले राज्यसभा से एक और लोकसभा से 13 विपक्षी सांसदों को निलंबित किया गया था। असल में संसद में सुरक्षा चूक के मसले पर राज्यसभा और लोकसभा में लगातार हंगामा होता रहा। लोकसभा स्पीकर ओम बिरला ने 33 सांसदों को सस्पेंड कर दिया। इनमें अधीर रंजन चौधरी समेत कांग्रेस के 11 सांसद, तृणमूल कांग्रेस के 9, डीएमके के 9 और अन्य दलों के 4 सांसद शामिल हैं। वहीं, इस मुद्दे पर राज्यसभा में भी दिनभर हंगामा होता रहा।

सभापति जगदीप धनखड़ ने 45 विपक्षी सांसदों को पूरे सत्र के लिए यानी 22 दिसंबर तक निलंबित कर दिया। सोमवार को विपक्ष के 22 सांसदों ने नियम 267 के अंतर्गत चर्चा के लिए सभापति को नोटिस दिया था। चर्चा के लिए दिए गए सांसदों के सभी नोटिस अस्वीकार कर दिए गए। नोटिस अस्वीकार होने के बाद भी सांसद संसद की सुरक्षा पर चर्चा चाहते थे, लेकिन, जब उन्हें इसकी इजाजत नहीं मिली तो हंगामा शुरू हो गया और सदन की कार्यवाही कई बार स्थगित करने के बाद अंत में शोर कर रहे सांसदों को निलंबित कर दिया गया।

दरअसल, 13 दिसंबर को लोकसभा में दो व्यक्तियों के घुस आने के बाद से यह मुद्दा खड़ा हुआ। लोकसभा में बुधवार को दो युवक दर्शक दीर्घा से कूद कर सदन में घुस आए। अब, इस विषय पर सांसद चर्चा चाहते थे। राज्यसभा में सांसदों की संख्या 245 है। इसमें भाजपा और उसके सहयोगी दलों के 105 सांसद हैं जबकि कांग्रेस और उसके सहयोगी दलों के 64 सांसद हैं। इनके अलावा राज्यसभा में 76 अन्य सांसद भी हैं।

इन सांसदों में से विपक्ष के 46 सांसदों को पूरे सेशन के लिए सस्पेंड कर दिया गया है। लोकसभा की बात करें तो में फिलहाल यहां 538 सांसद हैं। उनमें भाजपा नेतृत्व वाले एनडीए के 329, कांग्रेस गठबंधन के 142 और अन्य दलों के 67 सांसद हैं। इनमें से 46 सांसद पूरे सत्र के लिए सस्पेंड हो चुके हैं।

कांग्रेस अध्यक्ष व राज्यसभा में नेता प्रतिपक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने सांसदों के निलंबन को लोकतंत्र पर हमला करार दिया। खड़गे ने कहा कि पहले घुसपैठियों ने संसद पर हमला किया। अब सरकार संसद और लोकतंत्र पर हमला कर रही है। खड़गे ने राज्यसभा के सभापति को एक पत्र भी लिखा है। अपने इस पत्र में उन्होंने कहा कि टीएमसी सांसद डेरेक ओ’ब्रायन का सस्पेंशन हटा लेना चाहिए। ऐसा करना संसदीय परंपरा का उल्लंघन है।

–आईएएनएस

जीसीबी/एबीएम

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नई दिल्ली, 18 दिसंबर (आईएएनएस)। संसद का शीतकालीन सत्र चल रहा है। इसी बीच सोमवार को लोकसभा और राज्यसभा से कुल 78 सांसद सस्पेंड कर दिए गए। राज्यसभा से 45 और लोकसभा से 33 सांसदों को निलंबित किया गया है। इससे पहले पिछले सप्ताह 14 विपक्षी सांसदों को निलंबित किया गया था।

इन्हें मिलाकर अब तक इस सत्र में कुल 92 विपक्षी सांसदों को निलंबित किया जा चुका है। राज्यसभा से निलंबित किए गए सांसदों में कांग्रेस नेता केसी वेणुगोपाल, जयराम रमेश, रणदीप सुरजेवाला, प्रमोद तिवारी, फुलों देवी नेताम, रंजीत रंजन, इमरान प्रतापगढ़ी, समाजवादी पार्टी के प्रोफेसर रामगोपाल यादव, आरजेडी के मनोज झा, सहित 45 नाम शामिल हैं।

इससे पहले राज्यसभा से एक और लोकसभा से 13 विपक्षी सांसदों को निलंबित किया गया था। असल में संसद में सुरक्षा चूक के मसले पर राज्यसभा और लोकसभा में लगातार हंगामा होता रहा। लोकसभा स्पीकर ओम बिरला ने 33 सांसदों को सस्पेंड कर दिया। इनमें अधीर रंजन चौधरी समेत कांग्रेस के 11 सांसद, तृणमूल कांग्रेस के 9, डीएमके के 9 और अन्य दलों के 4 सांसद शामिल हैं। वहीं, इस मुद्दे पर राज्यसभा में भी दिनभर हंगामा होता रहा।

सभापति जगदीप धनखड़ ने 45 विपक्षी सांसदों को पूरे सत्र के लिए यानी 22 दिसंबर तक निलंबित कर दिया। सोमवार को विपक्ष के 22 सांसदों ने नियम 267 के अंतर्गत चर्चा के लिए सभापति को नोटिस दिया था। चर्चा के लिए दिए गए सांसदों के सभी नोटिस अस्वीकार कर दिए गए। नोटिस अस्वीकार होने के बाद भी सांसद संसद की सुरक्षा पर चर्चा चाहते थे, लेकिन, जब उन्हें इसकी इजाजत नहीं मिली तो हंगामा शुरू हो गया और सदन की कार्यवाही कई बार स्थगित करने के बाद अंत में शोर कर रहे सांसदों को निलंबित कर दिया गया।

दरअसल, 13 दिसंबर को लोकसभा में दो व्यक्तियों के घुस आने के बाद से यह मुद्दा खड़ा हुआ। लोकसभा में बुधवार को दो युवक दर्शक दीर्घा से कूद कर सदन में घुस आए। अब, इस विषय पर सांसद चर्चा चाहते थे। राज्यसभा में सांसदों की संख्या 245 है। इसमें भाजपा और उसके सहयोगी दलों के 105 सांसद हैं जबकि कांग्रेस और उसके सहयोगी दलों के 64 सांसद हैं। इनके अलावा राज्यसभा में 76 अन्य सांसद भी हैं।

इन सांसदों में से विपक्ष के 46 सांसदों को पूरे सेशन के लिए सस्पेंड कर दिया गया है। लोकसभा की बात करें तो में फिलहाल यहां 538 सांसद हैं। उनमें भाजपा नेतृत्व वाले एनडीए के 329, कांग्रेस गठबंधन के 142 और अन्य दलों के 67 सांसद हैं। इनमें से 46 सांसद पूरे सत्र के लिए सस्पेंड हो चुके हैं।

कांग्रेस अध्यक्ष व राज्यसभा में नेता प्रतिपक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने सांसदों के निलंबन को लोकतंत्र पर हमला करार दिया। खड़गे ने कहा कि पहले घुसपैठियों ने संसद पर हमला किया। अब सरकार संसद और लोकतंत्र पर हमला कर रही है। खड़गे ने राज्यसभा के सभापति को एक पत्र भी लिखा है। अपने इस पत्र में उन्होंने कहा कि टीएमसी सांसद डेरेक ओ’ब्रायन का सस्पेंशन हटा लेना चाहिए। ऐसा करना संसदीय परंपरा का उल्लंघन है।

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नई दिल्ली, 18 दिसंबर (आईएएनएस)। संसद का शीतकालीन सत्र चल रहा है। इसी बीच सोमवार को लोकसभा और राज्यसभा से कुल 78 सांसद सस्पेंड कर दिए गए। राज्यसभा से 45 और लोकसभा से 33 सांसदों को निलंबित किया गया है। इससे पहले पिछले सप्ताह 14 विपक्षी सांसदों को निलंबित किया गया था।

इन्हें मिलाकर अब तक इस सत्र में कुल 92 विपक्षी सांसदों को निलंबित किया जा चुका है। राज्यसभा से निलंबित किए गए सांसदों में कांग्रेस नेता केसी वेणुगोपाल, जयराम रमेश, रणदीप सुरजेवाला, प्रमोद तिवारी, फुलों देवी नेताम, रंजीत रंजन, इमरान प्रतापगढ़ी, समाजवादी पार्टी के प्रोफेसर रामगोपाल यादव, आरजेडी के मनोज झा, सहित 45 नाम शामिल हैं।

इससे पहले राज्यसभा से एक और लोकसभा से 13 विपक्षी सांसदों को निलंबित किया गया था। असल में संसद में सुरक्षा चूक के मसले पर राज्यसभा और लोकसभा में लगातार हंगामा होता रहा। लोकसभा स्पीकर ओम बिरला ने 33 सांसदों को सस्पेंड कर दिया। इनमें अधीर रंजन चौधरी समेत कांग्रेस के 11 सांसद, तृणमूल कांग्रेस के 9, डीएमके के 9 और अन्य दलों के 4 सांसद शामिल हैं। वहीं, इस मुद्दे पर राज्यसभा में भी दिनभर हंगामा होता रहा।

सभापति जगदीप धनखड़ ने 45 विपक्षी सांसदों को पूरे सत्र के लिए यानी 22 दिसंबर तक निलंबित कर दिया। सोमवार को विपक्ष के 22 सांसदों ने नियम 267 के अंतर्गत चर्चा के लिए सभापति को नोटिस दिया था। चर्चा के लिए दिए गए सांसदों के सभी नोटिस अस्वीकार कर दिए गए। नोटिस अस्वीकार होने के बाद भी सांसद संसद की सुरक्षा पर चर्चा चाहते थे, लेकिन, जब उन्हें इसकी इजाजत नहीं मिली तो हंगामा शुरू हो गया और सदन की कार्यवाही कई बार स्थगित करने के बाद अंत में शोर कर रहे सांसदों को निलंबित कर दिया गया।

दरअसल, 13 दिसंबर को लोकसभा में दो व्यक्तियों के घुस आने के बाद से यह मुद्दा खड़ा हुआ। लोकसभा में बुधवार को दो युवक दर्शक दीर्घा से कूद कर सदन में घुस आए। अब, इस विषय पर सांसद चर्चा चाहते थे। राज्यसभा में सांसदों की संख्या 245 है। इसमें भाजपा और उसके सहयोगी दलों के 105 सांसद हैं जबकि कांग्रेस और उसके सहयोगी दलों के 64 सांसद हैं। इनके अलावा राज्यसभा में 76 अन्य सांसद भी हैं।

इन सांसदों में से विपक्ष के 46 सांसदों को पूरे सेशन के लिए सस्पेंड कर दिया गया है। लोकसभा की बात करें तो में फिलहाल यहां 538 सांसद हैं। उनमें भाजपा नेतृत्व वाले एनडीए के 329, कांग्रेस गठबंधन के 142 और अन्य दलों के 67 सांसद हैं। इनमें से 46 सांसद पूरे सत्र के लिए सस्पेंड हो चुके हैं।

कांग्रेस अध्यक्ष व राज्यसभा में नेता प्रतिपक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने सांसदों के निलंबन को लोकतंत्र पर हमला करार दिया। खड़गे ने कहा कि पहले घुसपैठियों ने संसद पर हमला किया। अब सरकार संसद और लोकतंत्र पर हमला कर रही है। खड़गे ने राज्यसभा के सभापति को एक पत्र भी लिखा है। अपने इस पत्र में उन्होंने कहा कि टीएमसी सांसद डेरेक ओ’ब्रायन का सस्पेंशन हटा लेना चाहिए। ऐसा करना संसदीय परंपरा का उल्लंघन है।

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नई दिल्ली, 18 दिसंबर (आईएएनएस)। संसद का शीतकालीन सत्र चल रहा है। इसी बीच सोमवार को लोकसभा और राज्यसभा से कुल 78 सांसद सस्पेंड कर दिए गए। राज्यसभा से 45 और लोकसभा से 33 सांसदों को निलंबित किया गया है। इससे पहले पिछले सप्ताह 14 विपक्षी सांसदों को निलंबित किया गया था।

इन्हें मिलाकर अब तक इस सत्र में कुल 92 विपक्षी सांसदों को निलंबित किया जा चुका है। राज्यसभा से निलंबित किए गए सांसदों में कांग्रेस नेता केसी वेणुगोपाल, जयराम रमेश, रणदीप सुरजेवाला, प्रमोद तिवारी, फुलों देवी नेताम, रंजीत रंजन, इमरान प्रतापगढ़ी, समाजवादी पार्टी के प्रोफेसर रामगोपाल यादव, आरजेडी के मनोज झा, सहित 45 नाम शामिल हैं।

इससे पहले राज्यसभा से एक और लोकसभा से 13 विपक्षी सांसदों को निलंबित किया गया था। असल में संसद में सुरक्षा चूक के मसले पर राज्यसभा और लोकसभा में लगातार हंगामा होता रहा। लोकसभा स्पीकर ओम बिरला ने 33 सांसदों को सस्पेंड कर दिया। इनमें अधीर रंजन चौधरी समेत कांग्रेस के 11 सांसद, तृणमूल कांग्रेस के 9, डीएमके के 9 और अन्य दलों के 4 सांसद शामिल हैं। वहीं, इस मुद्दे पर राज्यसभा में भी दिनभर हंगामा होता रहा।

सभापति जगदीप धनखड़ ने 45 विपक्षी सांसदों को पूरे सत्र के लिए यानी 22 दिसंबर तक निलंबित कर दिया। सोमवार को विपक्ष के 22 सांसदों ने नियम 267 के अंतर्गत चर्चा के लिए सभापति को नोटिस दिया था। चर्चा के लिए दिए गए सांसदों के सभी नोटिस अस्वीकार कर दिए गए। नोटिस अस्वीकार होने के बाद भी सांसद संसद की सुरक्षा पर चर्चा चाहते थे, लेकिन, जब उन्हें इसकी इजाजत नहीं मिली तो हंगामा शुरू हो गया और सदन की कार्यवाही कई बार स्थगित करने के बाद अंत में शोर कर रहे सांसदों को निलंबित कर दिया गया।

दरअसल, 13 दिसंबर को लोकसभा में दो व्यक्तियों के घुस आने के बाद से यह मुद्दा खड़ा हुआ। लोकसभा में बुधवार को दो युवक दर्शक दीर्घा से कूद कर सदन में घुस आए। अब, इस विषय पर सांसद चर्चा चाहते थे। राज्यसभा में सांसदों की संख्या 245 है। इसमें भाजपा और उसके सहयोगी दलों के 105 सांसद हैं जबकि कांग्रेस और उसके सहयोगी दलों के 64 सांसद हैं। इनके अलावा राज्यसभा में 76 अन्य सांसद भी हैं।

इन सांसदों में से विपक्ष के 46 सांसदों को पूरे सेशन के लिए सस्पेंड कर दिया गया है। लोकसभा की बात करें तो में फिलहाल यहां 538 सांसद हैं। उनमें भाजपा नेतृत्व वाले एनडीए के 329, कांग्रेस गठबंधन के 142 और अन्य दलों के 67 सांसद हैं। इनमें से 46 सांसद पूरे सत्र के लिए सस्पेंड हो चुके हैं।

कांग्रेस अध्यक्ष व राज्यसभा में नेता प्रतिपक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने सांसदों के निलंबन को लोकतंत्र पर हमला करार दिया। खड़गे ने कहा कि पहले घुसपैठियों ने संसद पर हमला किया। अब सरकार संसद और लोकतंत्र पर हमला कर रही है। खड़गे ने राज्यसभा के सभापति को एक पत्र भी लिखा है। अपने इस पत्र में उन्होंने कहा कि टीएमसी सांसद डेरेक ओ’ब्रायन का सस्पेंशन हटा लेना चाहिए। ऐसा करना संसदीय परंपरा का उल्लंघन है।

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नई दिल्ली, 18 दिसंबर (आईएएनएस)। संसद का शीतकालीन सत्र चल रहा है। इसी बीच सोमवार को लोकसभा और राज्यसभा से कुल 78 सांसद सस्पेंड कर दिए गए। राज्यसभा से 45 और लोकसभा से 33 सांसदों को निलंबित किया गया है। इससे पहले पिछले सप्ताह 14 विपक्षी सांसदों को निलंबित किया गया था।

इन्हें मिलाकर अब तक इस सत्र में कुल 92 विपक्षी सांसदों को निलंबित किया जा चुका है। राज्यसभा से निलंबित किए गए सांसदों में कांग्रेस नेता केसी वेणुगोपाल, जयराम रमेश, रणदीप सुरजेवाला, प्रमोद तिवारी, फुलों देवी नेताम, रंजीत रंजन, इमरान प्रतापगढ़ी, समाजवादी पार्टी के प्रोफेसर रामगोपाल यादव, आरजेडी के मनोज झा, सहित 45 नाम शामिल हैं।

इससे पहले राज्यसभा से एक और लोकसभा से 13 विपक्षी सांसदों को निलंबित किया गया था। असल में संसद में सुरक्षा चूक के मसले पर राज्यसभा और लोकसभा में लगातार हंगामा होता रहा। लोकसभा स्पीकर ओम बिरला ने 33 सांसदों को सस्पेंड कर दिया। इनमें अधीर रंजन चौधरी समेत कांग्रेस के 11 सांसद, तृणमूल कांग्रेस के 9, डीएमके के 9 और अन्य दलों के 4 सांसद शामिल हैं। वहीं, इस मुद्दे पर राज्यसभा में भी दिनभर हंगामा होता रहा।

सभापति जगदीप धनखड़ ने 45 विपक्षी सांसदों को पूरे सत्र के लिए यानी 22 दिसंबर तक निलंबित कर दिया। सोमवार को विपक्ष के 22 सांसदों ने नियम 267 के अंतर्गत चर्चा के लिए सभापति को नोटिस दिया था। चर्चा के लिए दिए गए सांसदों के सभी नोटिस अस्वीकार कर दिए गए। नोटिस अस्वीकार होने के बाद भी सांसद संसद की सुरक्षा पर चर्चा चाहते थे, लेकिन, जब उन्हें इसकी इजाजत नहीं मिली तो हंगामा शुरू हो गया और सदन की कार्यवाही कई बार स्थगित करने के बाद अंत में शोर कर रहे सांसदों को निलंबित कर दिया गया।

दरअसल, 13 दिसंबर को लोकसभा में दो व्यक्तियों के घुस आने के बाद से यह मुद्दा खड़ा हुआ। लोकसभा में बुधवार को दो युवक दर्शक दीर्घा से कूद कर सदन में घुस आए। अब, इस विषय पर सांसद चर्चा चाहते थे। राज्यसभा में सांसदों की संख्या 245 है। इसमें भाजपा और उसके सहयोगी दलों के 105 सांसद हैं जबकि कांग्रेस और उसके सहयोगी दलों के 64 सांसद हैं। इनके अलावा राज्यसभा में 76 अन्य सांसद भी हैं।

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इन्हें मिलाकर अब तक इस सत्र में कुल 92 विपक्षी सांसदों को निलंबित किया जा चुका है। राज्यसभा से निलंबित किए गए सांसदों में कांग्रेस नेता केसी वेणुगोपाल, जयराम रमेश, रणदीप सुरजेवाला, प्रमोद तिवारी, फुलों देवी नेताम, रंजीत रंजन, इमरान प्रतापगढ़ी, समाजवादी पार्टी के प्रोफेसर रामगोपाल यादव, आरजेडी के मनोज झा, सहित 45 नाम शामिल हैं।

इससे पहले राज्यसभा से एक और लोकसभा से 13 विपक्षी सांसदों को निलंबित किया गया था। असल में संसद में सुरक्षा चूक के मसले पर राज्यसभा और लोकसभा में लगातार हंगामा होता रहा। लोकसभा स्पीकर ओम बिरला ने 33 सांसदों को सस्पेंड कर दिया। इनमें अधीर रंजन चौधरी समेत कांग्रेस के 11 सांसद, तृणमूल कांग्रेस के 9, डीएमके के 9 और अन्य दलों के 4 सांसद शामिल हैं। वहीं, इस मुद्दे पर राज्यसभा में भी दिनभर हंगामा होता रहा।

सभापति जगदीप धनखड़ ने 45 विपक्षी सांसदों को पूरे सत्र के लिए यानी 22 दिसंबर तक निलंबित कर दिया। सोमवार को विपक्ष के 22 सांसदों ने नियम 267 के अंतर्गत चर्चा के लिए सभापति को नोटिस दिया था। चर्चा के लिए दिए गए सांसदों के सभी नोटिस अस्वीकार कर दिए गए। नोटिस अस्वीकार होने के बाद भी सांसद संसद की सुरक्षा पर चर्चा चाहते थे, लेकिन, जब उन्हें इसकी इजाजत नहीं मिली तो हंगामा शुरू हो गया और सदन की कार्यवाही कई बार स्थगित करने के बाद अंत में शोर कर रहे सांसदों को निलंबित कर दिया गया।

दरअसल, 13 दिसंबर को लोकसभा में दो व्यक्तियों के घुस आने के बाद से यह मुद्दा खड़ा हुआ। लोकसभा में बुधवार को दो युवक दर्शक दीर्घा से कूद कर सदन में घुस आए। अब, इस विषय पर सांसद चर्चा चाहते थे। राज्यसभा में सांसदों की संख्या 245 है। इसमें भाजपा और उसके सहयोगी दलों के 105 सांसद हैं जबकि कांग्रेस और उसके सहयोगी दलों के 64 सांसद हैं। इनके अलावा राज्यसभा में 76 अन्य सांसद भी हैं।

इन सांसदों में से विपक्ष के 46 सांसदों को पूरे सेशन के लिए सस्पेंड कर दिया गया है। लोकसभा की बात करें तो में फिलहाल यहां 538 सांसद हैं। उनमें भाजपा नेतृत्व वाले एनडीए के 329, कांग्रेस गठबंधन के 142 और अन्य दलों के 67 सांसद हैं। इनमें से 46 सांसद पूरे सत्र के लिए सस्पेंड हो चुके हैं।

कांग्रेस अध्यक्ष व राज्यसभा में नेता प्रतिपक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने सांसदों के निलंबन को लोकतंत्र पर हमला करार दिया। खड़गे ने कहा कि पहले घुसपैठियों ने संसद पर हमला किया। अब सरकार संसद और लोकतंत्र पर हमला कर रही है। खड़गे ने राज्यसभा के सभापति को एक पत्र भी लिखा है। अपने इस पत्र में उन्होंने कहा कि टीएमसी सांसद डेरेक ओ’ब्रायन का सस्पेंशन हटा लेना चाहिए। ऐसा करना संसदीय परंपरा का उल्लंघन है।

–आईएएनएस

जीसीबी/एबीएम

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नई दिल्ली, 18 दिसंबर (आईएएनएस)। संसद का शीतकालीन सत्र चल रहा है। इसी बीच सोमवार को लोकसभा और राज्यसभा से कुल 78 सांसद सस्पेंड कर दिए गए। राज्यसभा से 45 और लोकसभा से 33 सांसदों को निलंबित किया गया है। इससे पहले पिछले सप्ताह 14 विपक्षी सांसदों को निलंबित किया गया था।

इन्हें मिलाकर अब तक इस सत्र में कुल 92 विपक्षी सांसदों को निलंबित किया जा चुका है। राज्यसभा से निलंबित किए गए सांसदों में कांग्रेस नेता केसी वेणुगोपाल, जयराम रमेश, रणदीप सुरजेवाला, प्रमोद तिवारी, फुलों देवी नेताम, रंजीत रंजन, इमरान प्रतापगढ़ी, समाजवादी पार्टी के प्रोफेसर रामगोपाल यादव, आरजेडी के मनोज झा, सहित 45 नाम शामिल हैं।

इससे पहले राज्यसभा से एक और लोकसभा से 13 विपक्षी सांसदों को निलंबित किया गया था। असल में संसद में सुरक्षा चूक के मसले पर राज्यसभा और लोकसभा में लगातार हंगामा होता रहा। लोकसभा स्पीकर ओम बिरला ने 33 सांसदों को सस्पेंड कर दिया। इनमें अधीर रंजन चौधरी समेत कांग्रेस के 11 सांसद, तृणमूल कांग्रेस के 9, डीएमके के 9 और अन्य दलों के 4 सांसद शामिल हैं। वहीं, इस मुद्दे पर राज्यसभा में भी दिनभर हंगामा होता रहा।

सभापति जगदीप धनखड़ ने 45 विपक्षी सांसदों को पूरे सत्र के लिए यानी 22 दिसंबर तक निलंबित कर दिया। सोमवार को विपक्ष के 22 सांसदों ने नियम 267 के अंतर्गत चर्चा के लिए सभापति को नोटिस दिया था। चर्चा के लिए दिए गए सांसदों के सभी नोटिस अस्वीकार कर दिए गए। नोटिस अस्वीकार होने के बाद भी सांसद संसद की सुरक्षा पर चर्चा चाहते थे, लेकिन, जब उन्हें इसकी इजाजत नहीं मिली तो हंगामा शुरू हो गया और सदन की कार्यवाही कई बार स्थगित करने के बाद अंत में शोर कर रहे सांसदों को निलंबित कर दिया गया।

दरअसल, 13 दिसंबर को लोकसभा में दो व्यक्तियों के घुस आने के बाद से यह मुद्दा खड़ा हुआ। लोकसभा में बुधवार को दो युवक दर्शक दीर्घा से कूद कर सदन में घुस आए। अब, इस विषय पर सांसद चर्चा चाहते थे। राज्यसभा में सांसदों की संख्या 245 है। इसमें भाजपा और उसके सहयोगी दलों के 105 सांसद हैं जबकि कांग्रेस और उसके सहयोगी दलों के 64 सांसद हैं। इनके अलावा राज्यसभा में 76 अन्य सांसद भी हैं।

इन सांसदों में से विपक्ष के 46 सांसदों को पूरे सेशन के लिए सस्पेंड कर दिया गया है। लोकसभा की बात करें तो में फिलहाल यहां 538 सांसद हैं। उनमें भाजपा नेतृत्व वाले एनडीए के 329, कांग्रेस गठबंधन के 142 और अन्य दलों के 67 सांसद हैं। इनमें से 46 सांसद पूरे सत्र के लिए सस्पेंड हो चुके हैं।

कांग्रेस अध्यक्ष व राज्यसभा में नेता प्रतिपक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने सांसदों के निलंबन को लोकतंत्र पर हमला करार दिया। खड़गे ने कहा कि पहले घुसपैठियों ने संसद पर हमला किया। अब सरकार संसद और लोकतंत्र पर हमला कर रही है। खड़गे ने राज्यसभा के सभापति को एक पत्र भी लिखा है। अपने इस पत्र में उन्होंने कहा कि टीएमसी सांसद डेरेक ओ’ब्रायन का सस्पेंशन हटा लेना चाहिए। ऐसा करना संसदीय परंपरा का उल्लंघन है।

–आईएएनएस

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नई दिल्ली, 18 दिसंबर (आईएएनएस)। संसद का शीतकालीन सत्र चल रहा है। इसी बीच सोमवार को लोकसभा और राज्यसभा से कुल 78 सांसद सस्पेंड कर दिए गए। राज्यसभा से 45 और लोकसभा से 33 सांसदों को निलंबित किया गया है। इससे पहले पिछले सप्ताह 14 विपक्षी सांसदों को निलंबित किया गया था।

इन्हें मिलाकर अब तक इस सत्र में कुल 92 विपक्षी सांसदों को निलंबित किया जा चुका है। राज्यसभा से निलंबित किए गए सांसदों में कांग्रेस नेता केसी वेणुगोपाल, जयराम रमेश, रणदीप सुरजेवाला, प्रमोद तिवारी, फुलों देवी नेताम, रंजीत रंजन, इमरान प्रतापगढ़ी, समाजवादी पार्टी के प्रोफेसर रामगोपाल यादव, आरजेडी के मनोज झा, सहित 45 नाम शामिल हैं।

इससे पहले राज्यसभा से एक और लोकसभा से 13 विपक्षी सांसदों को निलंबित किया गया था। असल में संसद में सुरक्षा चूक के मसले पर राज्यसभा और लोकसभा में लगातार हंगामा होता रहा। लोकसभा स्पीकर ओम बिरला ने 33 सांसदों को सस्पेंड कर दिया। इनमें अधीर रंजन चौधरी समेत कांग्रेस के 11 सांसद, तृणमूल कांग्रेस के 9, डीएमके के 9 और अन्य दलों के 4 सांसद शामिल हैं। वहीं, इस मुद्दे पर राज्यसभा में भी दिनभर हंगामा होता रहा।

सभापति जगदीप धनखड़ ने 45 विपक्षी सांसदों को पूरे सत्र के लिए यानी 22 दिसंबर तक निलंबित कर दिया। सोमवार को विपक्ष के 22 सांसदों ने नियम 267 के अंतर्गत चर्चा के लिए सभापति को नोटिस दिया था। चर्चा के लिए दिए गए सांसदों के सभी नोटिस अस्वीकार कर दिए गए। नोटिस अस्वीकार होने के बाद भी सांसद संसद की सुरक्षा पर चर्चा चाहते थे, लेकिन, जब उन्हें इसकी इजाजत नहीं मिली तो हंगामा शुरू हो गया और सदन की कार्यवाही कई बार स्थगित करने के बाद अंत में शोर कर रहे सांसदों को निलंबित कर दिया गया।

दरअसल, 13 दिसंबर को लोकसभा में दो व्यक्तियों के घुस आने के बाद से यह मुद्दा खड़ा हुआ। लोकसभा में बुधवार को दो युवक दर्शक दीर्घा से कूद कर सदन में घुस आए। अब, इस विषय पर सांसद चर्चा चाहते थे। राज्यसभा में सांसदों की संख्या 245 है। इसमें भाजपा और उसके सहयोगी दलों के 105 सांसद हैं जबकि कांग्रेस और उसके सहयोगी दलों के 64 सांसद हैं। इनके अलावा राज्यसभा में 76 अन्य सांसद भी हैं।

इन सांसदों में से विपक्ष के 46 सांसदों को पूरे सेशन के लिए सस्पेंड कर दिया गया है। लोकसभा की बात करें तो में फिलहाल यहां 538 सांसद हैं। उनमें भाजपा नेतृत्व वाले एनडीए के 329, कांग्रेस गठबंधन के 142 और अन्य दलों के 67 सांसद हैं। इनमें से 46 सांसद पूरे सत्र के लिए सस्पेंड हो चुके हैं।

कांग्रेस अध्यक्ष व राज्यसभा में नेता प्रतिपक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने सांसदों के निलंबन को लोकतंत्र पर हमला करार दिया। खड़गे ने कहा कि पहले घुसपैठियों ने संसद पर हमला किया। अब सरकार संसद और लोकतंत्र पर हमला कर रही है। खड़गे ने राज्यसभा के सभापति को एक पत्र भी लिखा है। अपने इस पत्र में उन्होंने कहा कि टीएमसी सांसद डेरेक ओ’ब्रायन का सस्पेंशन हटा लेना चाहिए। ऐसा करना संसदीय परंपरा का उल्लंघन है।

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नई दिल्ली, 18 दिसंबर (आईएएनएस)। संसद का शीतकालीन सत्र चल रहा है। इसी बीच सोमवार को लोकसभा और राज्यसभा से कुल 78 सांसद सस्पेंड कर दिए गए। राज्यसभा से 45 और लोकसभा से 33 सांसदों को निलंबित किया गया है। इससे पहले पिछले सप्ताह 14 विपक्षी सांसदों को निलंबित किया गया था।

इन्हें मिलाकर अब तक इस सत्र में कुल 92 विपक्षी सांसदों को निलंबित किया जा चुका है। राज्यसभा से निलंबित किए गए सांसदों में कांग्रेस नेता केसी वेणुगोपाल, जयराम रमेश, रणदीप सुरजेवाला, प्रमोद तिवारी, फुलों देवी नेताम, रंजीत रंजन, इमरान प्रतापगढ़ी, समाजवादी पार्टी के प्रोफेसर रामगोपाल यादव, आरजेडी के मनोज झा, सहित 45 नाम शामिल हैं।

इससे पहले राज्यसभा से एक और लोकसभा से 13 विपक्षी सांसदों को निलंबित किया गया था। असल में संसद में सुरक्षा चूक के मसले पर राज्यसभा और लोकसभा में लगातार हंगामा होता रहा। लोकसभा स्पीकर ओम बिरला ने 33 सांसदों को सस्पेंड कर दिया। इनमें अधीर रंजन चौधरी समेत कांग्रेस के 11 सांसद, तृणमूल कांग्रेस के 9, डीएमके के 9 और अन्य दलों के 4 सांसद शामिल हैं। वहीं, इस मुद्दे पर राज्यसभा में भी दिनभर हंगामा होता रहा।

सभापति जगदीप धनखड़ ने 45 विपक्षी सांसदों को पूरे सत्र के लिए यानी 22 दिसंबर तक निलंबित कर दिया। सोमवार को विपक्ष के 22 सांसदों ने नियम 267 के अंतर्गत चर्चा के लिए सभापति को नोटिस दिया था। चर्चा के लिए दिए गए सांसदों के सभी नोटिस अस्वीकार कर दिए गए। नोटिस अस्वीकार होने के बाद भी सांसद संसद की सुरक्षा पर चर्चा चाहते थे, लेकिन, जब उन्हें इसकी इजाजत नहीं मिली तो हंगामा शुरू हो गया और सदन की कार्यवाही कई बार स्थगित करने के बाद अंत में शोर कर रहे सांसदों को निलंबित कर दिया गया।

दरअसल, 13 दिसंबर को लोकसभा में दो व्यक्तियों के घुस आने के बाद से यह मुद्दा खड़ा हुआ। लोकसभा में बुधवार को दो युवक दर्शक दीर्घा से कूद कर सदन में घुस आए। अब, इस विषय पर सांसद चर्चा चाहते थे। राज्यसभा में सांसदों की संख्या 245 है। इसमें भाजपा और उसके सहयोगी दलों के 105 सांसद हैं जबकि कांग्रेस और उसके सहयोगी दलों के 64 सांसद हैं। इनके अलावा राज्यसभा में 76 अन्य सांसद भी हैं।

इन सांसदों में से विपक्ष के 46 सांसदों को पूरे सेशन के लिए सस्पेंड कर दिया गया है। लोकसभा की बात करें तो में फिलहाल यहां 538 सांसद हैं। उनमें भाजपा नेतृत्व वाले एनडीए के 329, कांग्रेस गठबंधन के 142 और अन्य दलों के 67 सांसद हैं। इनमें से 46 सांसद पूरे सत्र के लिए सस्पेंड हो चुके हैं।

कांग्रेस अध्यक्ष व राज्यसभा में नेता प्रतिपक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने सांसदों के निलंबन को लोकतंत्र पर हमला करार दिया। खड़गे ने कहा कि पहले घुसपैठियों ने संसद पर हमला किया। अब सरकार संसद और लोकतंत्र पर हमला कर रही है। खड़गे ने राज्यसभा के सभापति को एक पत्र भी लिखा है। अपने इस पत्र में उन्होंने कहा कि टीएमसी सांसद डेरेक ओ’ब्रायन का सस्पेंशन हटा लेना चाहिए। ऐसा करना संसदीय परंपरा का उल्लंघन है।

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नई दिल्ली, 18 दिसंबर (आईएएनएस)। संसद का शीतकालीन सत्र चल रहा है। इसी बीच सोमवार को लोकसभा और राज्यसभा से कुल 78 सांसद सस्पेंड कर दिए गए। राज्यसभा से 45 और लोकसभा से 33 सांसदों को निलंबित किया गया है। इससे पहले पिछले सप्ताह 14 विपक्षी सांसदों को निलंबित किया गया था।

इन्हें मिलाकर अब तक इस सत्र में कुल 92 विपक्षी सांसदों को निलंबित किया जा चुका है। राज्यसभा से निलंबित किए गए सांसदों में कांग्रेस नेता केसी वेणुगोपाल, जयराम रमेश, रणदीप सुरजेवाला, प्रमोद तिवारी, फुलों देवी नेताम, रंजीत रंजन, इमरान प्रतापगढ़ी, समाजवादी पार्टी के प्रोफेसर रामगोपाल यादव, आरजेडी के मनोज झा, सहित 45 नाम शामिल हैं।

इससे पहले राज्यसभा से एक और लोकसभा से 13 विपक्षी सांसदों को निलंबित किया गया था। असल में संसद में सुरक्षा चूक के मसले पर राज्यसभा और लोकसभा में लगातार हंगामा होता रहा। लोकसभा स्पीकर ओम बिरला ने 33 सांसदों को सस्पेंड कर दिया। इनमें अधीर रंजन चौधरी समेत कांग्रेस के 11 सांसद, तृणमूल कांग्रेस के 9, डीएमके के 9 और अन्य दलों के 4 सांसद शामिल हैं। वहीं, इस मुद्दे पर राज्यसभा में भी दिनभर हंगामा होता रहा।

सभापति जगदीप धनखड़ ने 45 विपक्षी सांसदों को पूरे सत्र के लिए यानी 22 दिसंबर तक निलंबित कर दिया। सोमवार को विपक्ष के 22 सांसदों ने नियम 267 के अंतर्गत चर्चा के लिए सभापति को नोटिस दिया था। चर्चा के लिए दिए गए सांसदों के सभी नोटिस अस्वीकार कर दिए गए। नोटिस अस्वीकार होने के बाद भी सांसद संसद की सुरक्षा पर चर्चा चाहते थे, लेकिन, जब उन्हें इसकी इजाजत नहीं मिली तो हंगामा शुरू हो गया और सदन की कार्यवाही कई बार स्थगित करने के बाद अंत में शोर कर रहे सांसदों को निलंबित कर दिया गया।

दरअसल, 13 दिसंबर को लोकसभा में दो व्यक्तियों के घुस आने के बाद से यह मुद्दा खड़ा हुआ। लोकसभा में बुधवार को दो युवक दर्शक दीर्घा से कूद कर सदन में घुस आए। अब, इस विषय पर सांसद चर्चा चाहते थे। राज्यसभा में सांसदों की संख्या 245 है। इसमें भाजपा और उसके सहयोगी दलों के 105 सांसद हैं जबकि कांग्रेस और उसके सहयोगी दलों के 64 सांसद हैं। इनके अलावा राज्यसभा में 76 अन्य सांसद भी हैं।

इन सांसदों में से विपक्ष के 46 सांसदों को पूरे सेशन के लिए सस्पेंड कर दिया गया है। लोकसभा की बात करें तो में फिलहाल यहां 538 सांसद हैं। उनमें भाजपा नेतृत्व वाले एनडीए के 329, कांग्रेस गठबंधन के 142 और अन्य दलों के 67 सांसद हैं। इनमें से 46 सांसद पूरे सत्र के लिए सस्पेंड हो चुके हैं।

कांग्रेस अध्यक्ष व राज्यसभा में नेता प्रतिपक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने सांसदों के निलंबन को लोकतंत्र पर हमला करार दिया। खड़गे ने कहा कि पहले घुसपैठियों ने संसद पर हमला किया। अब सरकार संसद और लोकतंत्र पर हमला कर रही है। खड़गे ने राज्यसभा के सभापति को एक पत्र भी लिखा है। अपने इस पत्र में उन्होंने कहा कि टीएमसी सांसद डेरेक ओ’ब्रायन का सस्पेंशन हटा लेना चाहिए। ऐसा करना संसदीय परंपरा का उल्लंघन है।

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नई दिल्ली, 18 दिसंबर (आईएएनएस)। संसद का शीतकालीन सत्र चल रहा है। इसी बीच सोमवार को लोकसभा और राज्यसभा से कुल 78 सांसद सस्पेंड कर दिए गए। राज्यसभा से 45 और लोकसभा से 33 सांसदों को निलंबित किया गया है। इससे पहले पिछले सप्ताह 14 विपक्षी सांसदों को निलंबित किया गया था।

इन्हें मिलाकर अब तक इस सत्र में कुल 92 विपक्षी सांसदों को निलंबित किया जा चुका है। राज्यसभा से निलंबित किए गए सांसदों में कांग्रेस नेता केसी वेणुगोपाल, जयराम रमेश, रणदीप सुरजेवाला, प्रमोद तिवारी, फुलों देवी नेताम, रंजीत रंजन, इमरान प्रतापगढ़ी, समाजवादी पार्टी के प्रोफेसर रामगोपाल यादव, आरजेडी के मनोज झा, सहित 45 नाम शामिल हैं।

इससे पहले राज्यसभा से एक और लोकसभा से 13 विपक्षी सांसदों को निलंबित किया गया था। असल में संसद में सुरक्षा चूक के मसले पर राज्यसभा और लोकसभा में लगातार हंगामा होता रहा। लोकसभा स्पीकर ओम बिरला ने 33 सांसदों को सस्पेंड कर दिया। इनमें अधीर रंजन चौधरी समेत कांग्रेस के 11 सांसद, तृणमूल कांग्रेस के 9, डीएमके के 9 और अन्य दलों के 4 सांसद शामिल हैं। वहीं, इस मुद्दे पर राज्यसभा में भी दिनभर हंगामा होता रहा।

सभापति जगदीप धनखड़ ने 45 विपक्षी सांसदों को पूरे सत्र के लिए यानी 22 दिसंबर तक निलंबित कर दिया। सोमवार को विपक्ष के 22 सांसदों ने नियम 267 के अंतर्गत चर्चा के लिए सभापति को नोटिस दिया था। चर्चा के लिए दिए गए सांसदों के सभी नोटिस अस्वीकार कर दिए गए। नोटिस अस्वीकार होने के बाद भी सांसद संसद की सुरक्षा पर चर्चा चाहते थे, लेकिन, जब उन्हें इसकी इजाजत नहीं मिली तो हंगामा शुरू हो गया और सदन की कार्यवाही कई बार स्थगित करने के बाद अंत में शोर कर रहे सांसदों को निलंबित कर दिया गया।

दरअसल, 13 दिसंबर को लोकसभा में दो व्यक्तियों के घुस आने के बाद से यह मुद्दा खड़ा हुआ। लोकसभा में बुधवार को दो युवक दर्शक दीर्घा से कूद कर सदन में घुस आए। अब, इस विषय पर सांसद चर्चा चाहते थे। राज्यसभा में सांसदों की संख्या 245 है। इसमें भाजपा और उसके सहयोगी दलों के 105 सांसद हैं जबकि कांग्रेस और उसके सहयोगी दलों के 64 सांसद हैं। इनके अलावा राज्यसभा में 76 अन्य सांसद भी हैं।

इन सांसदों में से विपक्ष के 46 सांसदों को पूरे सेशन के लिए सस्पेंड कर दिया गया है। लोकसभा की बात करें तो में फिलहाल यहां 538 सांसद हैं। उनमें भाजपा नेतृत्व वाले एनडीए के 329, कांग्रेस गठबंधन के 142 और अन्य दलों के 67 सांसद हैं। इनमें से 46 सांसद पूरे सत्र के लिए सस्पेंड हो चुके हैं।

कांग्रेस अध्यक्ष व राज्यसभा में नेता प्रतिपक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने सांसदों के निलंबन को लोकतंत्र पर हमला करार दिया। खड़गे ने कहा कि पहले घुसपैठियों ने संसद पर हमला किया। अब सरकार संसद और लोकतंत्र पर हमला कर रही है। खड़गे ने राज्यसभा के सभापति को एक पत्र भी लिखा है। अपने इस पत्र में उन्होंने कहा कि टीएमसी सांसद डेरेक ओ’ब्रायन का सस्पेंशन हटा लेना चाहिए। ऐसा करना संसदीय परंपरा का उल्लंघन है।

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नई दिल्ली, 18 दिसंबर (आईएएनएस)। संसद का शीतकालीन सत्र चल रहा है। इसी बीच सोमवार को लोकसभा और राज्यसभा से कुल 78 सांसद सस्पेंड कर दिए गए। राज्यसभा से 45 और लोकसभा से 33 सांसदों को निलंबित किया गया है। इससे पहले पिछले सप्ताह 14 विपक्षी सांसदों को निलंबित किया गया था।

इन्हें मिलाकर अब तक इस सत्र में कुल 92 विपक्षी सांसदों को निलंबित किया जा चुका है। राज्यसभा से निलंबित किए गए सांसदों में कांग्रेस नेता केसी वेणुगोपाल, जयराम रमेश, रणदीप सुरजेवाला, प्रमोद तिवारी, फुलों देवी नेताम, रंजीत रंजन, इमरान प्रतापगढ़ी, समाजवादी पार्टी के प्रोफेसर रामगोपाल यादव, आरजेडी के मनोज झा, सहित 45 नाम शामिल हैं।

इससे पहले राज्यसभा से एक और लोकसभा से 13 विपक्षी सांसदों को निलंबित किया गया था। असल में संसद में सुरक्षा चूक के मसले पर राज्यसभा और लोकसभा में लगातार हंगामा होता रहा। लोकसभा स्पीकर ओम बिरला ने 33 सांसदों को सस्पेंड कर दिया। इनमें अधीर रंजन चौधरी समेत कांग्रेस के 11 सांसद, तृणमूल कांग्रेस के 9, डीएमके के 9 और अन्य दलों के 4 सांसद शामिल हैं। वहीं, इस मुद्दे पर राज्यसभा में भी दिनभर हंगामा होता रहा।

सभापति जगदीप धनखड़ ने 45 विपक्षी सांसदों को पूरे सत्र के लिए यानी 22 दिसंबर तक निलंबित कर दिया। सोमवार को विपक्ष के 22 सांसदों ने नियम 267 के अंतर्गत चर्चा के लिए सभापति को नोटिस दिया था। चर्चा के लिए दिए गए सांसदों के सभी नोटिस अस्वीकार कर दिए गए। नोटिस अस्वीकार होने के बाद भी सांसद संसद की सुरक्षा पर चर्चा चाहते थे, लेकिन, जब उन्हें इसकी इजाजत नहीं मिली तो हंगामा शुरू हो गया और सदन की कार्यवाही कई बार स्थगित करने के बाद अंत में शोर कर रहे सांसदों को निलंबित कर दिया गया।

दरअसल, 13 दिसंबर को लोकसभा में दो व्यक्तियों के घुस आने के बाद से यह मुद्दा खड़ा हुआ। लोकसभा में बुधवार को दो युवक दर्शक दीर्घा से कूद कर सदन में घुस आए। अब, इस विषय पर सांसद चर्चा चाहते थे। राज्यसभा में सांसदों की संख्या 245 है। इसमें भाजपा और उसके सहयोगी दलों के 105 सांसद हैं जबकि कांग्रेस और उसके सहयोगी दलों के 64 सांसद हैं। इनके अलावा राज्यसभा में 76 अन्य सांसद भी हैं।

इन सांसदों में से विपक्ष के 46 सांसदों को पूरे सेशन के लिए सस्पेंड कर दिया गया है। लोकसभा की बात करें तो में फिलहाल यहां 538 सांसद हैं। उनमें भाजपा नेतृत्व वाले एनडीए के 329, कांग्रेस गठबंधन के 142 और अन्य दलों के 67 सांसद हैं। इनमें से 46 सांसद पूरे सत्र के लिए सस्पेंड हो चुके हैं।

कांग्रेस अध्यक्ष व राज्यसभा में नेता प्रतिपक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने सांसदों के निलंबन को लोकतंत्र पर हमला करार दिया। खड़गे ने कहा कि पहले घुसपैठियों ने संसद पर हमला किया। अब सरकार संसद और लोकतंत्र पर हमला कर रही है। खड़गे ने राज्यसभा के सभापति को एक पत्र भी लिखा है। अपने इस पत्र में उन्होंने कहा कि टीएमसी सांसद डेरेक ओ’ब्रायन का सस्पेंशन हटा लेना चाहिए। ऐसा करना संसदीय परंपरा का उल्लंघन है।

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नई दिल्ली, 18 दिसंबर (आईएएनएस)। संसद का शीतकालीन सत्र चल रहा है। इसी बीच सोमवार को लोकसभा और राज्यसभा से कुल 78 सांसद सस्पेंड कर दिए गए। राज्यसभा से 45 और लोकसभा से 33 सांसदों को निलंबित किया गया है। इससे पहले पिछले सप्ताह 14 विपक्षी सांसदों को निलंबित किया गया था।

इन्हें मिलाकर अब तक इस सत्र में कुल 92 विपक्षी सांसदों को निलंबित किया जा चुका है। राज्यसभा से निलंबित किए गए सांसदों में कांग्रेस नेता केसी वेणुगोपाल, जयराम रमेश, रणदीप सुरजेवाला, प्रमोद तिवारी, फुलों देवी नेताम, रंजीत रंजन, इमरान प्रतापगढ़ी, समाजवादी पार्टी के प्रोफेसर रामगोपाल यादव, आरजेडी के मनोज झा, सहित 45 नाम शामिल हैं।

इससे पहले राज्यसभा से एक और लोकसभा से 13 विपक्षी सांसदों को निलंबित किया गया था। असल में संसद में सुरक्षा चूक के मसले पर राज्यसभा और लोकसभा में लगातार हंगामा होता रहा। लोकसभा स्पीकर ओम बिरला ने 33 सांसदों को सस्पेंड कर दिया। इनमें अधीर रंजन चौधरी समेत कांग्रेस के 11 सांसद, तृणमूल कांग्रेस के 9, डीएमके के 9 और अन्य दलों के 4 सांसद शामिल हैं। वहीं, इस मुद्दे पर राज्यसभा में भी दिनभर हंगामा होता रहा।

सभापति जगदीप धनखड़ ने 45 विपक्षी सांसदों को पूरे सत्र के लिए यानी 22 दिसंबर तक निलंबित कर दिया। सोमवार को विपक्ष के 22 सांसदों ने नियम 267 के अंतर्गत चर्चा के लिए सभापति को नोटिस दिया था। चर्चा के लिए दिए गए सांसदों के सभी नोटिस अस्वीकार कर दिए गए। नोटिस अस्वीकार होने के बाद भी सांसद संसद की सुरक्षा पर चर्चा चाहते थे, लेकिन, जब उन्हें इसकी इजाजत नहीं मिली तो हंगामा शुरू हो गया और सदन की कार्यवाही कई बार स्थगित करने के बाद अंत में शोर कर रहे सांसदों को निलंबित कर दिया गया।

दरअसल, 13 दिसंबर को लोकसभा में दो व्यक्तियों के घुस आने के बाद से यह मुद्दा खड़ा हुआ। लोकसभा में बुधवार को दो युवक दर्शक दीर्घा से कूद कर सदन में घुस आए। अब, इस विषय पर सांसद चर्चा चाहते थे। राज्यसभा में सांसदों की संख्या 245 है। इसमें भाजपा और उसके सहयोगी दलों के 105 सांसद हैं जबकि कांग्रेस और उसके सहयोगी दलों के 64 सांसद हैं। इनके अलावा राज्यसभा में 76 अन्य सांसद भी हैं।

इन सांसदों में से विपक्ष के 46 सांसदों को पूरे सेशन के लिए सस्पेंड कर दिया गया है। लोकसभा की बात करें तो में फिलहाल यहां 538 सांसद हैं। उनमें भाजपा नेतृत्व वाले एनडीए के 329, कांग्रेस गठबंधन के 142 और अन्य दलों के 67 सांसद हैं। इनमें से 46 सांसद पूरे सत्र के लिए सस्पेंड हो चुके हैं।

कांग्रेस अध्यक्ष व राज्यसभा में नेता प्रतिपक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने सांसदों के निलंबन को लोकतंत्र पर हमला करार दिया। खड़गे ने कहा कि पहले घुसपैठियों ने संसद पर हमला किया। अब सरकार संसद और लोकतंत्र पर हमला कर रही है। खड़गे ने राज्यसभा के सभापति को एक पत्र भी लिखा है। अपने इस पत्र में उन्होंने कहा कि टीएमसी सांसद डेरेक ओ’ब्रायन का सस्पेंशन हटा लेना चाहिए। ऐसा करना संसदीय परंपरा का उल्लंघन है।

–आईएएनएस

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नई दिल्ली, 18 दिसंबर (आईएएनएस)। संसद का शीतकालीन सत्र चल रहा है। इसी बीच सोमवार को लोकसभा और राज्यसभा से कुल 78 सांसद सस्पेंड कर दिए गए। राज्यसभा से 45 और लोकसभा से 33 सांसदों को निलंबित किया गया है। इससे पहले पिछले सप्ताह 14 विपक्षी सांसदों को निलंबित किया गया था।

इन्हें मिलाकर अब तक इस सत्र में कुल 92 विपक्षी सांसदों को निलंबित किया जा चुका है। राज्यसभा से निलंबित किए गए सांसदों में कांग्रेस नेता केसी वेणुगोपाल, जयराम रमेश, रणदीप सुरजेवाला, प्रमोद तिवारी, फुलों देवी नेताम, रंजीत रंजन, इमरान प्रतापगढ़ी, समाजवादी पार्टी के प्रोफेसर रामगोपाल यादव, आरजेडी के मनोज झा, सहित 45 नाम शामिल हैं।

इससे पहले राज्यसभा से एक और लोकसभा से 13 विपक्षी सांसदों को निलंबित किया गया था। असल में संसद में सुरक्षा चूक के मसले पर राज्यसभा और लोकसभा में लगातार हंगामा होता रहा। लोकसभा स्पीकर ओम बिरला ने 33 सांसदों को सस्पेंड कर दिया। इनमें अधीर रंजन चौधरी समेत कांग्रेस के 11 सांसद, तृणमूल कांग्रेस के 9, डीएमके के 9 और अन्य दलों के 4 सांसद शामिल हैं। वहीं, इस मुद्दे पर राज्यसभा में भी दिनभर हंगामा होता रहा।

सभापति जगदीप धनखड़ ने 45 विपक्षी सांसदों को पूरे सत्र के लिए यानी 22 दिसंबर तक निलंबित कर दिया। सोमवार को विपक्ष के 22 सांसदों ने नियम 267 के अंतर्गत चर्चा के लिए सभापति को नोटिस दिया था। चर्चा के लिए दिए गए सांसदों के सभी नोटिस अस्वीकार कर दिए गए। नोटिस अस्वीकार होने के बाद भी सांसद संसद की सुरक्षा पर चर्चा चाहते थे, लेकिन, जब उन्हें इसकी इजाजत नहीं मिली तो हंगामा शुरू हो गया और सदन की कार्यवाही कई बार स्थगित करने के बाद अंत में शोर कर रहे सांसदों को निलंबित कर दिया गया।

दरअसल, 13 दिसंबर को लोकसभा में दो व्यक्तियों के घुस आने के बाद से यह मुद्दा खड़ा हुआ। लोकसभा में बुधवार को दो युवक दर्शक दीर्घा से कूद कर सदन में घुस आए। अब, इस विषय पर सांसद चर्चा चाहते थे। राज्यसभा में सांसदों की संख्या 245 है। इसमें भाजपा और उसके सहयोगी दलों के 105 सांसद हैं जबकि कांग्रेस और उसके सहयोगी दलों के 64 सांसद हैं। इनके अलावा राज्यसभा में 76 अन्य सांसद भी हैं।

इन सांसदों में से विपक्ष के 46 सांसदों को पूरे सेशन के लिए सस्पेंड कर दिया गया है। लोकसभा की बात करें तो में फिलहाल यहां 538 सांसद हैं। उनमें भाजपा नेतृत्व वाले एनडीए के 329, कांग्रेस गठबंधन के 142 और अन्य दलों के 67 सांसद हैं। इनमें से 46 सांसद पूरे सत्र के लिए सस्पेंड हो चुके हैं।

कांग्रेस अध्यक्ष व राज्यसभा में नेता प्रतिपक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने सांसदों के निलंबन को लोकतंत्र पर हमला करार दिया। खड़गे ने कहा कि पहले घुसपैठियों ने संसद पर हमला किया। अब सरकार संसद और लोकतंत्र पर हमला कर रही है। खड़गे ने राज्यसभा के सभापति को एक पत्र भी लिखा है। अपने इस पत्र में उन्होंने कहा कि टीएमसी सांसद डेरेक ओ’ब्रायन का सस्पेंशन हटा लेना चाहिए। ऐसा करना संसदीय परंपरा का उल्लंघन है।

–आईएएनएस

जीसीबी/एबीएम

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नई दिल्ली, 18 दिसंबर (आईएएनएस)। संसद का शीतकालीन सत्र चल रहा है। इसी बीच सोमवार को लोकसभा और राज्यसभा से कुल 78 सांसद सस्पेंड कर दिए गए। राज्यसभा से 45 और लोकसभा से 33 सांसदों को निलंबित किया गया है। इससे पहले पिछले सप्ताह 14 विपक्षी सांसदों को निलंबित किया गया था।

इन्हें मिलाकर अब तक इस सत्र में कुल 92 विपक्षी सांसदों को निलंबित किया जा चुका है। राज्यसभा से निलंबित किए गए सांसदों में कांग्रेस नेता केसी वेणुगोपाल, जयराम रमेश, रणदीप सुरजेवाला, प्रमोद तिवारी, फुलों देवी नेताम, रंजीत रंजन, इमरान प्रतापगढ़ी, समाजवादी पार्टी के प्रोफेसर रामगोपाल यादव, आरजेडी के मनोज झा, सहित 45 नाम शामिल हैं।

इससे पहले राज्यसभा से एक और लोकसभा से 13 विपक्षी सांसदों को निलंबित किया गया था। असल में संसद में सुरक्षा चूक के मसले पर राज्यसभा और लोकसभा में लगातार हंगामा होता रहा। लोकसभा स्पीकर ओम बिरला ने 33 सांसदों को सस्पेंड कर दिया। इनमें अधीर रंजन चौधरी समेत कांग्रेस के 11 सांसद, तृणमूल कांग्रेस के 9, डीएमके के 9 और अन्य दलों के 4 सांसद शामिल हैं। वहीं, इस मुद्दे पर राज्यसभा में भी दिनभर हंगामा होता रहा।

सभापति जगदीप धनखड़ ने 45 विपक्षी सांसदों को पूरे सत्र के लिए यानी 22 दिसंबर तक निलंबित कर दिया। सोमवार को विपक्ष के 22 सांसदों ने नियम 267 के अंतर्गत चर्चा के लिए सभापति को नोटिस दिया था। चर्चा के लिए दिए गए सांसदों के सभी नोटिस अस्वीकार कर दिए गए। नोटिस अस्वीकार होने के बाद भी सांसद संसद की सुरक्षा पर चर्चा चाहते थे, लेकिन, जब उन्हें इसकी इजाजत नहीं मिली तो हंगामा शुरू हो गया और सदन की कार्यवाही कई बार स्थगित करने के बाद अंत में शोर कर रहे सांसदों को निलंबित कर दिया गया।

दरअसल, 13 दिसंबर को लोकसभा में दो व्यक्तियों के घुस आने के बाद से यह मुद्दा खड़ा हुआ। लोकसभा में बुधवार को दो युवक दर्शक दीर्घा से कूद कर सदन में घुस आए। अब, इस विषय पर सांसद चर्चा चाहते थे। राज्यसभा में सांसदों की संख्या 245 है। इसमें भाजपा और उसके सहयोगी दलों के 105 सांसद हैं जबकि कांग्रेस और उसके सहयोगी दलों के 64 सांसद हैं। इनके अलावा राज्यसभा में 76 अन्य सांसद भी हैं।

इन सांसदों में से विपक्ष के 46 सांसदों को पूरे सेशन के लिए सस्पेंड कर दिया गया है। लोकसभा की बात करें तो में फिलहाल यहां 538 सांसद हैं। उनमें भाजपा नेतृत्व वाले एनडीए के 329, कांग्रेस गठबंधन के 142 और अन्य दलों के 67 सांसद हैं। इनमें से 46 सांसद पूरे सत्र के लिए सस्पेंड हो चुके हैं।

कांग्रेस अध्यक्ष व राज्यसभा में नेता प्रतिपक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने सांसदों के निलंबन को लोकतंत्र पर हमला करार दिया। खड़गे ने कहा कि पहले घुसपैठियों ने संसद पर हमला किया। अब सरकार संसद और लोकतंत्र पर हमला कर रही है। खड़गे ने राज्यसभा के सभापति को एक पत्र भी लिखा है। अपने इस पत्र में उन्होंने कहा कि टीएमसी सांसद डेरेक ओ’ब्रायन का सस्पेंशन हटा लेना चाहिए। ऐसा करना संसदीय परंपरा का उल्लंघन है।

–आईएएनएस

जीसीबी/एबीएम

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