नई दिल्ली, 17 जनवरी (आईएएनएस)। इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी राज्य मंत्री राजीव चंद्रशेखर ने मंगलवार को गेमिंग कंपनियों के शीर्ष अधिकारियों और संस्थापकों के साथ एक बैठक में कहा कि आईटी मंत्रालय स्किल गेम्स पर एक समेकित ²ष्टिकोण बना रहा है और यह सभी मंत्रालयों और राज्यों में लागू होगा।
यह बैठक भारत के आनलाइन गेमिंग नियमों के मसौदे पर चर्चा के लिए बुलाई गई थी।
मंत्री विशेष रूप से स्किल गेम्स बनाम मौका के खेल के मुद्दे पर आईटी मंत्रालय से वित्त मंत्रालय के अलग-अलग ²ष्टिकोण पर एक प्रश्न का उत्तर दे रहे थे।
यह बयान माल और सेवा कर महानिदेशालय (जीएसटी) इंटेलिजेंस की पृष्ठभूमि में महत्वपूर्ण है, जिसने बेंगलुरू मुख्यालय वाले गेम्सक्राफ्ट को 28 प्रतिशत जीएसटी नोटिस दिया। गेम आफ चांस पर 28 प्रतिशत की दर से जीएसटी लागू है और कौशल गेमिंग उद्योग कमीशन पर 18 प्रतिशत जीएसटी का भुगतान करता है।
वित्त मंत्रालय ने गेम्सक्राफ्ट को नोटिस देते हुए इस अंतर को मान्यता देने से इनकार कर दिया है। गेम्सक्राफ्ट ने इसे कर्नाटक हाईकोर्ट में चुनौती दी है और कोर्ट ने उसे अंतरिम राहत दी है।
भारतीय आनलाइन गेमिंग कंपनियां भी कुछ राज्यों द्वारा स्किल गेम्स और गेम आफ चांस के बीच इस अंतर को पहचानने से इनकार कर रही हैं। अभी असम, आंध्र प्रदेश और तेलंगाना जैसे राज्यों में स्किल गेम्स की अनुमति नहीं है।
तमिलनाडु में आनलाइन स्किल गेम्स पर प्रतिबंध लगाने के लिए एक विधेयक प्रस्तावित किया गया है। आईटी मंत्रालय के इस कदम से कौशल के खेल पर स्पष्टता आएगी और इस बढ़ते क्षेत्र को बहुत आवश्यक नियामक स्थिरता प्रदान होगी।
दिलचस्प बात यह है कि सुप्रीम कोर्ट ने पिछले 50 वर्षों से लगातार यह विचार रखा है कि जिन प्रतियोगिताओं में पर्याप्त स्किल शामिल होता है, वे जुआ गतिविधियां नहीं होती है। ऐसी प्रतियोगितएं संविधान के अनुच्छेद 19(1)(जी) के तहत संरक्षित व्यावसायिक गतिविधियां हैं। इसमें रम्मी और पोकर जैसे गेम शामिल हैं।
–आईएएनएस
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