लखनऊ, 14 फरवरी (आईएएनएस)। एक संयुक्त साझेदारी समिति (जेपीसी) उत्तर प्रदेश सरकार और सिंगापुर सरकार के बीच हाल ही में संपन्न निवेशक सम्मेलन में हस्ताक्षर किए गए समझौता ज्ञापनों (एमओयू) को लागू करना सुनिश्चित करेगी।
उत्तर प्रदेश सरकार ने विभिन्न क्षेत्रों में 29,000 करोड़ रुपये से अधिक के निवेश के लिए सिंगापुर सरकार के साथ 20 समझौता ज्ञापनों पर हस्ताक्षर किए।
राज्य सरकार के प्रवक्ता के अनुसार समझौता ज्ञापनों की सहकारी गतिविधियों की योजना, निगरानी, कार्यान्वयन और समीक्षा के लिए एक जेपीसी का गठन किया जाएगा।
समिति की सह-अध्यक्षता सिंगापुर और उत्तर प्रदेश के वरिष्ठ अधिकारी करेंगे। इसमें ऐसे अधिकारी शामिल होंगे, जिनके पास प्रासंगिक विशेषज्ञता और जिम्मेदारियां होंगी।
जेपीसी पारस्परिक रूप से अन्य एजेंसियों को शामिल करने का निर्णय ले सकती है, जो सहयोग के क्षेत्रों में जेपीसी सदस्य नहीं हैं।
यह स्थायी सचिव (विकास), व्यापार और उद्योग मंत्रालय, सिंगापुर और उत्तर प्रदेश सरकार के मुख्य सचिव को भी नियमित रूप से अपनी प्रगति की रिपोर्ट देगा।
यूपीजीआईएस-23 में भागीदार देश सिंगापुर ने शिक्षा, स्मार्ट सिटी, सुरक्षित शहर, कचरा प्रबंधन और डाटा सेंटर सहित कई क्षेत्रों में निवेश किया है।
कई परियोजनाओं में अयोध्या के कुढ़ा केशवपुर में लागू की जाने वाली एक पायलट परियोजना है।
यह पानी की आपूर्ति की लागत में कटौती, पीने योग्य पानी की आपूर्ति को बढ़ावा देने और पानी और परिसंपत्ति प्रबंधन की स्थिरता को बढ़ाने के लिए स्मार्ट जल प्रौद्योगिकियों की प्रभावकारिता को प्रदर्शित करेगा।
–आईएएनएस
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