चेन्नई, 4 मार्च (आईएएनएस)। केंद्रीय इलेक्ट्रॉनिक्स एवं आईटी राज्य मंत्री राजीव चन्द्रशेखर ने सोमवार को कहा कि सरकार को जल्द ही प्रतिष्ठित भारत सेमीकंडक्टर रिसर्च सेंटर लॉन्च करने की उम्मीद है, जो वैश्विक मानकों के अनुरूप एक अकादमिक-सरकारी-निजी क्षेत्र-स्टार्ट-अप भागीदारी वाला संस्थान होगा।
उन्होंने भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईटी), मद्रास में ऑल इंडिया रिसर्च स्कॉलर्स समिट (एआईआरएसएस) 2024 के उद्घाटन सत्र में एक वर्चुअल संबोधन के दौरान यह बात कही।
रिसर्च सेंटर उद्योग विशेषज्ञों और शिक्षाविदों के सहयोग से सार्वजनिक-निजी भागीदारी (पीपीपी) के तहत बनाया जाएगा।
मंत्री ने कहा, “इस अनुसंधान शिखर सम्मेलन के संदर्भ में, सबसे महत्वपूर्ण विकास जल्द ही घोषित होने वाला भारत सेमीकंडक्टर रिसर्च सेंटर है, जो वास्तव में एक वैश्विक मानक अकादमिक-सरकारी-निजी क्षेत्र-स्टार्ट-अप भागीदारी वाला संस्थान होगा। शुरुआत में एक संस्थान के रूप में सेमीकंडक्टर कॉम्प्लेक्स लिमिटेड के साथ सह-स्थित बनाई जाएगी।”
उन्होंने कहा कि बाद में केंद्र को “एक स्वतंत्र अर्धचालक अनुसंधान संगठन में बदल दिया जाएगा जो अमेरिका और ताइवान के शीर्ष संस्थानों के साथ प्रतिस्पर्धा और सहयोग करेगा, और आने वाले वर्षों में खुद को सेमीकंडक्टर अनुसंधान के एक प्रमुख केंद्र के रूप में स्थापित करेगा”।
चन्द्रशेखर ने बताया कि अनुसंधान केंद्र में “भारत के शीर्ष विश्वविद्यालयों और कॉलेजों का एक जीवंत पारिस्थितिकी तंत्र होगा जो मटिरियल से लेकर भौतिकी से लेकर विज्ञान तक ट्रांजिस्टर से लेकर उपकरणों से लेकर पैकेजिंग से लेकर सिस्टम इनोवेशन तक विविध क्षेत्रों में अनुसंधान पर काम और सहयोग करेगा।”
मंत्री ने कहा कि देश में सेमीकंडक्टर पारिस्थितिकी तंत्र, जो सिर्फ दो साल पहले शुरू किया गया था, “जीवंत है और तेजी से बढ़ रहा है”।
उन्होंने कहा कि चिप्स और उपकरणों पर डिजाइन नवाचार में महत्वपूर्ण वृद्धि के साथ भारत ने “75 वर्षों के खोए हुए अवसरों की भरपाई कर ली है”।
मंत्री ने कहा, “एक उत्पाद पारिस्थितिकी तंत्र है जो ऑटोमोटिव, औद्योगिक, दूरसंचार, कंप्यूटर और कई अन्य क्षेत्रों में विकसित हो रहा है जो अनिवार्य रूप से डिजाइन नवाचार और डिजाइन में हम जो कर रहे हैं उसका लाभ उठा रहे हैं।
–आईएएनएस
एकेजे/