नई दिल्ली, 22 जनवरी (आईएएनएस)। देश में राजमार्गों और एक्सप्रेसवे के विकास पर सरकार के बढ़ते फोकस के साथ आगामी बजट में सड़क और राजमार्ग मंत्रालय को बजटीय सहायता मिलने की संभावना है, जो पिछले बजट की तुलना में लगभग 20 प्रतिशत अधिक हो सकती है।
सूत्रों ने कहा कि वित्तीय वर्ष 2023-24 में पूंजीगत और राजस्व व्यय के लिए आगामी बजट में 2.20 लाख करोड़ रुपये या उससे अधिक की सीमा में सकल बजटीय समर्थन की संभावना है। पिछले बजट (वित्त वर्ष 2022-23) में केंद्र ने सड़क और राजमार्ग मंत्रालय के लिए सकल बजटीय सहायता (जीबीएस) के रूप में लगभग 1.99 लाख करोड़ रुपये रखे गए थे।
सड़क और राजमार्ग मंत्रालय के लिए केंद्र के बजटीय आवंटन के बारे में सरकारी आंकड़ों ने मंत्रालय को बढ़ते आवंटन की प्रवृत्ति की ओर इशारा किया है, जो देश भर में राष्ट्रीय राजमार्ग नेटवर्क के विस्तार और सुधार को दिए जा रहे महत्व को रेखांकित करता है।
सड़क, परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय को 2017-18 में केंद्र का बजटीय आवंटन 59,636 करोड़ रुपये था और इसने साल दर साल काफी उछाल दर्ज किया, जो 2022-23 में 1,99,108 करोड़ रुपये तक पहुंच गया।
मंत्रालय ने 2022-23 के दौरान 12,200 किलोमीटर राष्ट्रीय राजमार्ग बनाने का लक्ष्य रखा था। नवंबर, 2022 तक 4,766 किलोमीटर का निर्माण किया जा चुका है।
अधिकारियों ने कहा कि प्रतिकूल मौसम के कारण निर्माण की गति प्रभावित हुई और मंत्रालय मार्च 2023 तक 11,000 किलोमीटर राष्ट्रीय राजमार्गों को पूरा करने का लक्ष्य पूरा कर सकता है।
उन्होंने कहा कि बढ़ते ब्याज खर्च और बढ़ती भूमि अधिग्रहण लागत के बीच मंत्रालय को लक्ष्य पूरा करने में मदद करने के लिए आगामी बजट में उच्च बजटीय आवंटन आवश्यक है। इसके अलावा ईंधन की बढ़ती लागत के कारण पिछले कुछ महीनों में निर्माण की लागत भी काफी बढ़ गई है और ये सभी कारक अधिक आवंटन की मांग करते हैं।
भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएसएआई) राजमार्गों के विकास के लिए जिम्मेदार राजमार्ग निर्माण एजेंसी को 2022-23 में 1,34,015 करोड़ रुपये आवंटित किए गए थे, जो 2020-21 के संशोधित अनुमान से 100 प्रतिशत अधिक है। सूत्रों ने दावा किया कि इस बजट में एनएचएआई को करीब 20 से 30 फीसदी ज्यादा फंड आवंटित किए जाने की संभावना है।
एनएचएआई के व्यय में अंब्रेला हाईवे योजना, भारतमाला परियोजना, सड़कों और पुलों के निर्माण और कुछ अन्य घटकों के लिए धन शामिल है।
सरकार की महत्वाकांक्षी सड़क अवसंरचना योजना भारतमाला परियोजना चरण- वन में लगभग 24,800 किलोमीटर एनएच नेटवर्क का विकास शामिल है जैसे कि आर्थिक गलियारे, इंटर-कॉरिडोर और फीडर सड़कें, राष्ट्रीय गलियारे दक्षता में सुधार, सीमा और अंतर्राष्ट्रीय कनेक्टिविटी सड़कें, तटीय और बंदरगाह कनेक्टिविटी सड़कें, एक्सप्रेसवे साथ ही शेष एनएचडीपी के तहत 10,000 किमी सड़कें।
देश में राजमार्गों और एक्सप्रेसवे के विकास के अलावा, जो भारतीय अर्थव्यवस्था को रसद दक्षता की सुविधा प्रदान करते हैं, 35 बहु मॉडल रसद पार्क (एमएमएलपी) विकसित किए जाने हैं। ये प्रमुख कार्गो समेकन और वितरण हब के रूप में कार्य करेंगे।
सूत्रों ने कहा कि देश में 35 एमएमएलपी के साथ भारतमाला परियोजना के कार्यान्वयन से रसद दक्षता में और वृद्धि होने की उम्मीद है।
अधिकारियों ने कहा कि आगामी बजट से पूरे देश में सड़क संपर्क में सुधार की उम्मीद है। भारतमाला परियोजना चरण-1 को 5.35 लाख करोड़ रुपये के परिव्यय के साथ 34,800 किलोमीटर की लंबाई के लिए मंजूरी दी गई थी। दिसंबर 2022 तक, लगभग 23,500 किलोमीटर के लिए काम दिया गया था और लगभग 11,400 किलोमीटर लंबाई का निर्माण किया जा चुका था।
शेष परियोजनाओं को वित्तीय वर्ष 2024-25 तक प्रदान करने का लक्ष्य रखा गया है।
सड़कों और पुलों के तहत होने वाले खर्च में एनएच का विकास, एक्सप्रेसवे से संबंधित परियोजनाएं, विभिन्न परियोजनाओं के तहत गलियों की संख्या में वृद्धि और वामपंथी उग्रवाद प्रभावित क्षेत्रों में सड़क संपर्क का विकास शामिल है। 2022-23 में सड़कों और पुलों के लिए आवंटन 64,573 करोड़ रुपये आवंटित है।
–आईएएनएस
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