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Home Today's Special News

सरफराज को नजरअंदाज किए जाने पर भड़के विशेषज्ञ और प्रशंसक

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January 14, 2023
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सरफराज को नजरअंदाज किए जाने पर भड़के विशेषज्ञ और प्रशंसक
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मुंबई, 14 जनवरी (आईएएनएस)। राष्ट्रीय चयन समिति के सफेद बॉल विशेषज्ञ सूर्यकुमार यादव को लाल बाल विशेषज्ञ सरफराज खान पर प्राथमिकता देकर भारतीय टीम में शामिल किये जाने के फैसले पर विशेषज्ञ और प्रशंसकों ने सवाल उठाये हैं।

पूर्व भारतीय ओपनर और जाने माने कमेंटेटर आकाश चोपड़ा इस मुद्दे पर प्रतिक्रिया व्यक्त करने वाले पहले व्यक्ति थे। उन्होंने कहा कि घरेलू लाल बॉल क्रिकेट में अच्छा प्रदर्शन करने के बावजूद बॉर्डर गावस्कर ट्रॉफी के पहले दो टेस्टों के लिए नहीं चुने जाने पर सरफराज खुद को ठगा सा महसूस कर रहे होंगे।

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चयनकर्ताओं ने शुक्रवार शाम ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ सीरीज के पहले दो टेस्टों के लिए 17 सदस्यीय टीम की घोषणा की जिसमें विकेटकीपर बल्लेबाज ईशान किशन और स्टाइलिश बल्लेबाज सूर्यकुमार यादव को शामिल किया गया है।

भारत के लिए टी20 में शानदार प्रदर्शन कर रहे सूर्यकुमार ने दिसम्बर 2010 में अपना प्रथम श्रेणी पदार्पण किया था। सूर्य ने उस फॉर्मेट में 44.79 के औसत से 5549 रन बनाये हैं।

आकाश ने अपने यूट्यूब चैनल पर चयन का विश्लेषण करते हुए कहा, सरफराज का नाम नहीं है। वह खुद को ठगा सा महसूस कर रहे होंगे क्योंकि उनका नाम होना चाहिए था। बुमराह भी नहीं हैं। यह एक और खबर है लेकिन मैं सरफराज का नाम न होने पर ज्यादा चिंतित हूं।

25 वर्षीय सरफराज पिछले दो सत्रों में घरेलू क्रिकेट में शीर्ष परफार्मर रहे हैं। पिछले 36 प्रथम श्रेणी मैचों में उन्होंने 80.47 के औसत से 3380 रन बनाये हैं जिसमें 12 शतक और नौ अर्धशतक शामिल हैं। उनका सर्वाधिक स्कोर नाबाद 301 रन रहा है। यही कारण है कि आकाश चोपड़ा का मानना है कि सरफराज को सूर्यकुमार के मुकाबले चुना जाना चाहिए था।

आकाश ने कहा,सरफराज ने भारतीय टीम में होने के लिए सब कुछ किया है क्योंकि सरफराज का औसत 80 है और केवल डॉन ब्रैडमैन का उतने मैचों में उनसे ज्यादा का औसत है। मैं इस फैसले से निराश हूं। यदि किसी का घरेलू सत्र इतना अच्छा चल रहा हो तो उसे उसके लिए ईनाम दिया जाना चाहिए।

जाने-माने कमेंटेटर हर्षा भोगले ने इसे सरफराज के लिए कड़ा फैसला बताया।

प्रशंसकों ने सोशल मीडिया पर आकाश चोपड़ा के विचारों से सहमति जताई कि सरफराज को मौका मिलना चाहिए था।

एक प्रशंसक शिवानी शुक्ला ने लिखा, सरफराज के मुकाबले सूर्यकुमार को चुना जाना रणजी ट्रॉफी का अपमान है। जो खिलाड़ी प्रथम श्रेणी क्रिकेट में इतना निरंतर रहा हो, उसे मौका मिलना चाहिए। एक बार फिर इस समिति द्वारा अटपटा चयन।

इस मुद्दे पर नौ फरवरी से नागपुर में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ होने वाले पहले टेस्ट तक बहस चलती रहेगी।

–आईएनएस

आरआर

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मुंबई, 14 जनवरी (आईएएनएस)। राष्ट्रीय चयन समिति के सफेद बॉल विशेषज्ञ सूर्यकुमार यादव को लाल बाल विशेषज्ञ सरफराज खान पर प्राथमिकता देकर भारतीय टीम में शामिल किये जाने के फैसले पर विशेषज्ञ और प्रशंसकों ने सवाल उठाये हैं।

पूर्व भारतीय ओपनर और जाने माने कमेंटेटर आकाश चोपड़ा इस मुद्दे पर प्रतिक्रिया व्यक्त करने वाले पहले व्यक्ति थे। उन्होंने कहा कि घरेलू लाल बॉल क्रिकेट में अच्छा प्रदर्शन करने के बावजूद बॉर्डर गावस्कर ट्रॉफी के पहले दो टेस्टों के लिए नहीं चुने जाने पर सरफराज खुद को ठगा सा महसूस कर रहे होंगे।

चयनकर्ताओं ने शुक्रवार शाम ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ सीरीज के पहले दो टेस्टों के लिए 17 सदस्यीय टीम की घोषणा की जिसमें विकेटकीपर बल्लेबाज ईशान किशन और स्टाइलिश बल्लेबाज सूर्यकुमार यादव को शामिल किया गया है।

भारत के लिए टी20 में शानदार प्रदर्शन कर रहे सूर्यकुमार ने दिसम्बर 2010 में अपना प्रथम श्रेणी पदार्पण किया था। सूर्य ने उस फॉर्मेट में 44.79 के औसत से 5549 रन बनाये हैं।

आकाश ने अपने यूट्यूब चैनल पर चयन का विश्लेषण करते हुए कहा, सरफराज का नाम नहीं है। वह खुद को ठगा सा महसूस कर रहे होंगे क्योंकि उनका नाम होना चाहिए था। बुमराह भी नहीं हैं। यह एक और खबर है लेकिन मैं सरफराज का नाम न होने पर ज्यादा चिंतित हूं।

25 वर्षीय सरफराज पिछले दो सत्रों में घरेलू क्रिकेट में शीर्ष परफार्मर रहे हैं। पिछले 36 प्रथम श्रेणी मैचों में उन्होंने 80.47 के औसत से 3380 रन बनाये हैं जिसमें 12 शतक और नौ अर्धशतक शामिल हैं। उनका सर्वाधिक स्कोर नाबाद 301 रन रहा है। यही कारण है कि आकाश चोपड़ा का मानना है कि सरफराज को सूर्यकुमार के मुकाबले चुना जाना चाहिए था।

आकाश ने कहा,सरफराज ने भारतीय टीम में होने के लिए सब कुछ किया है क्योंकि सरफराज का औसत 80 है और केवल डॉन ब्रैडमैन का उतने मैचों में उनसे ज्यादा का औसत है। मैं इस फैसले से निराश हूं। यदि किसी का घरेलू सत्र इतना अच्छा चल रहा हो तो उसे उसके लिए ईनाम दिया जाना चाहिए।

जाने-माने कमेंटेटर हर्षा भोगले ने इसे सरफराज के लिए कड़ा फैसला बताया।

प्रशंसकों ने सोशल मीडिया पर आकाश चोपड़ा के विचारों से सहमति जताई कि सरफराज को मौका मिलना चाहिए था।

एक प्रशंसक शिवानी शुक्ला ने लिखा, सरफराज के मुकाबले सूर्यकुमार को चुना जाना रणजी ट्रॉफी का अपमान है। जो खिलाड़ी प्रथम श्रेणी क्रिकेट में इतना निरंतर रहा हो, उसे मौका मिलना चाहिए। एक बार फिर इस समिति द्वारा अटपटा चयन।

इस मुद्दे पर नौ फरवरी से नागपुर में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ होने वाले पहले टेस्ट तक बहस चलती रहेगी।

–आईएनएस

आरआर

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मुंबई, 14 जनवरी (आईएएनएस)। राष्ट्रीय चयन समिति के सफेद बॉल विशेषज्ञ सूर्यकुमार यादव को लाल बाल विशेषज्ञ सरफराज खान पर प्राथमिकता देकर भारतीय टीम में शामिल किये जाने के फैसले पर विशेषज्ञ और प्रशंसकों ने सवाल उठाये हैं।

पूर्व भारतीय ओपनर और जाने माने कमेंटेटर आकाश चोपड़ा इस मुद्दे पर प्रतिक्रिया व्यक्त करने वाले पहले व्यक्ति थे। उन्होंने कहा कि घरेलू लाल बॉल क्रिकेट में अच्छा प्रदर्शन करने के बावजूद बॉर्डर गावस्कर ट्रॉफी के पहले दो टेस्टों के लिए नहीं चुने जाने पर सरफराज खुद को ठगा सा महसूस कर रहे होंगे।

चयनकर्ताओं ने शुक्रवार शाम ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ सीरीज के पहले दो टेस्टों के लिए 17 सदस्यीय टीम की घोषणा की जिसमें विकेटकीपर बल्लेबाज ईशान किशन और स्टाइलिश बल्लेबाज सूर्यकुमार यादव को शामिल किया गया है।

भारत के लिए टी20 में शानदार प्रदर्शन कर रहे सूर्यकुमार ने दिसम्बर 2010 में अपना प्रथम श्रेणी पदार्पण किया था। सूर्य ने उस फॉर्मेट में 44.79 के औसत से 5549 रन बनाये हैं।

आकाश ने अपने यूट्यूब चैनल पर चयन का विश्लेषण करते हुए कहा, सरफराज का नाम नहीं है। वह खुद को ठगा सा महसूस कर रहे होंगे क्योंकि उनका नाम होना चाहिए था। बुमराह भी नहीं हैं। यह एक और खबर है लेकिन मैं सरफराज का नाम न होने पर ज्यादा चिंतित हूं।

25 वर्षीय सरफराज पिछले दो सत्रों में घरेलू क्रिकेट में शीर्ष परफार्मर रहे हैं। पिछले 36 प्रथम श्रेणी मैचों में उन्होंने 80.47 के औसत से 3380 रन बनाये हैं जिसमें 12 शतक और नौ अर्धशतक शामिल हैं। उनका सर्वाधिक स्कोर नाबाद 301 रन रहा है। यही कारण है कि आकाश चोपड़ा का मानना है कि सरफराज को सूर्यकुमार के मुकाबले चुना जाना चाहिए था।

आकाश ने कहा,सरफराज ने भारतीय टीम में होने के लिए सब कुछ किया है क्योंकि सरफराज का औसत 80 है और केवल डॉन ब्रैडमैन का उतने मैचों में उनसे ज्यादा का औसत है। मैं इस फैसले से निराश हूं। यदि किसी का घरेलू सत्र इतना अच्छा चल रहा हो तो उसे उसके लिए ईनाम दिया जाना चाहिए।

जाने-माने कमेंटेटर हर्षा भोगले ने इसे सरफराज के लिए कड़ा फैसला बताया।

प्रशंसकों ने सोशल मीडिया पर आकाश चोपड़ा के विचारों से सहमति जताई कि सरफराज को मौका मिलना चाहिए था।

एक प्रशंसक शिवानी शुक्ला ने लिखा, सरफराज के मुकाबले सूर्यकुमार को चुना जाना रणजी ट्रॉफी का अपमान है। जो खिलाड़ी प्रथम श्रेणी क्रिकेट में इतना निरंतर रहा हो, उसे मौका मिलना चाहिए। एक बार फिर इस समिति द्वारा अटपटा चयन।

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पूर्व भारतीय ओपनर और जाने माने कमेंटेटर आकाश चोपड़ा इस मुद्दे पर प्रतिक्रिया व्यक्त करने वाले पहले व्यक्ति थे। उन्होंने कहा कि घरेलू लाल बॉल क्रिकेट में अच्छा प्रदर्शन करने के बावजूद बॉर्डर गावस्कर ट्रॉफी के पहले दो टेस्टों के लिए नहीं चुने जाने पर सरफराज खुद को ठगा सा महसूस कर रहे होंगे।

चयनकर्ताओं ने शुक्रवार शाम ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ सीरीज के पहले दो टेस्टों के लिए 17 सदस्यीय टीम की घोषणा की जिसमें विकेटकीपर बल्लेबाज ईशान किशन और स्टाइलिश बल्लेबाज सूर्यकुमार यादव को शामिल किया गया है।

भारत के लिए टी20 में शानदार प्रदर्शन कर रहे सूर्यकुमार ने दिसम्बर 2010 में अपना प्रथम श्रेणी पदार्पण किया था। सूर्य ने उस फॉर्मेट में 44.79 के औसत से 5549 रन बनाये हैं।

आकाश ने अपने यूट्यूब चैनल पर चयन का विश्लेषण करते हुए कहा, सरफराज का नाम नहीं है। वह खुद को ठगा सा महसूस कर रहे होंगे क्योंकि उनका नाम होना चाहिए था। बुमराह भी नहीं हैं। यह एक और खबर है लेकिन मैं सरफराज का नाम न होने पर ज्यादा चिंतित हूं।

25 वर्षीय सरफराज पिछले दो सत्रों में घरेलू क्रिकेट में शीर्ष परफार्मर रहे हैं। पिछले 36 प्रथम श्रेणी मैचों में उन्होंने 80.47 के औसत से 3380 रन बनाये हैं जिसमें 12 शतक और नौ अर्धशतक शामिल हैं। उनका सर्वाधिक स्कोर नाबाद 301 रन रहा है। यही कारण है कि आकाश चोपड़ा का मानना है कि सरफराज को सूर्यकुमार के मुकाबले चुना जाना चाहिए था।

आकाश ने कहा,सरफराज ने भारतीय टीम में होने के लिए सब कुछ किया है क्योंकि सरफराज का औसत 80 है और केवल डॉन ब्रैडमैन का उतने मैचों में उनसे ज्यादा का औसत है। मैं इस फैसले से निराश हूं। यदि किसी का घरेलू सत्र इतना अच्छा चल रहा हो तो उसे उसके लिए ईनाम दिया जाना चाहिए।

जाने-माने कमेंटेटर हर्षा भोगले ने इसे सरफराज के लिए कड़ा फैसला बताया।

प्रशंसकों ने सोशल मीडिया पर आकाश चोपड़ा के विचारों से सहमति जताई कि सरफराज को मौका मिलना चाहिए था।

एक प्रशंसक शिवानी शुक्ला ने लिखा, सरफराज के मुकाबले सूर्यकुमार को चुना जाना रणजी ट्रॉफी का अपमान है। जो खिलाड़ी प्रथम श्रेणी क्रिकेट में इतना निरंतर रहा हो, उसे मौका मिलना चाहिए। एक बार फिर इस समिति द्वारा अटपटा चयन।

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पूर्व भारतीय ओपनर और जाने माने कमेंटेटर आकाश चोपड़ा इस मुद्दे पर प्रतिक्रिया व्यक्त करने वाले पहले व्यक्ति थे। उन्होंने कहा कि घरेलू लाल बॉल क्रिकेट में अच्छा प्रदर्शन करने के बावजूद बॉर्डर गावस्कर ट्रॉफी के पहले दो टेस्टों के लिए नहीं चुने जाने पर सरफराज खुद को ठगा सा महसूस कर रहे होंगे।

चयनकर्ताओं ने शुक्रवार शाम ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ सीरीज के पहले दो टेस्टों के लिए 17 सदस्यीय टीम की घोषणा की जिसमें विकेटकीपर बल्लेबाज ईशान किशन और स्टाइलिश बल्लेबाज सूर्यकुमार यादव को शामिल किया गया है।

भारत के लिए टी20 में शानदार प्रदर्शन कर रहे सूर्यकुमार ने दिसम्बर 2010 में अपना प्रथम श्रेणी पदार्पण किया था। सूर्य ने उस फॉर्मेट में 44.79 के औसत से 5549 रन बनाये हैं।

आकाश ने अपने यूट्यूब चैनल पर चयन का विश्लेषण करते हुए कहा, सरफराज का नाम नहीं है। वह खुद को ठगा सा महसूस कर रहे होंगे क्योंकि उनका नाम होना चाहिए था। बुमराह भी नहीं हैं। यह एक और खबर है लेकिन मैं सरफराज का नाम न होने पर ज्यादा चिंतित हूं।

25 वर्षीय सरफराज पिछले दो सत्रों में घरेलू क्रिकेट में शीर्ष परफार्मर रहे हैं। पिछले 36 प्रथम श्रेणी मैचों में उन्होंने 80.47 के औसत से 3380 रन बनाये हैं जिसमें 12 शतक और नौ अर्धशतक शामिल हैं। उनका सर्वाधिक स्कोर नाबाद 301 रन रहा है। यही कारण है कि आकाश चोपड़ा का मानना है कि सरफराज को सूर्यकुमार के मुकाबले चुना जाना चाहिए था।

आकाश ने कहा,सरफराज ने भारतीय टीम में होने के लिए सब कुछ किया है क्योंकि सरफराज का औसत 80 है और केवल डॉन ब्रैडमैन का उतने मैचों में उनसे ज्यादा का औसत है। मैं इस फैसले से निराश हूं। यदि किसी का घरेलू सत्र इतना अच्छा चल रहा हो तो उसे उसके लिए ईनाम दिया जाना चाहिए।

जाने-माने कमेंटेटर हर्षा भोगले ने इसे सरफराज के लिए कड़ा फैसला बताया।

प्रशंसकों ने सोशल मीडिया पर आकाश चोपड़ा के विचारों से सहमति जताई कि सरफराज को मौका मिलना चाहिए था।

एक प्रशंसक शिवानी शुक्ला ने लिखा, सरफराज के मुकाबले सूर्यकुमार को चुना जाना रणजी ट्रॉफी का अपमान है। जो खिलाड़ी प्रथम श्रेणी क्रिकेट में इतना निरंतर रहा हो, उसे मौका मिलना चाहिए। एक बार फिर इस समिति द्वारा अटपटा चयन।

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पूर्व भारतीय ओपनर और जाने माने कमेंटेटर आकाश चोपड़ा इस मुद्दे पर प्रतिक्रिया व्यक्त करने वाले पहले व्यक्ति थे। उन्होंने कहा कि घरेलू लाल बॉल क्रिकेट में अच्छा प्रदर्शन करने के बावजूद बॉर्डर गावस्कर ट्रॉफी के पहले दो टेस्टों के लिए नहीं चुने जाने पर सरफराज खुद को ठगा सा महसूस कर रहे होंगे।

चयनकर्ताओं ने शुक्रवार शाम ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ सीरीज के पहले दो टेस्टों के लिए 17 सदस्यीय टीम की घोषणा की जिसमें विकेटकीपर बल्लेबाज ईशान किशन और स्टाइलिश बल्लेबाज सूर्यकुमार यादव को शामिल किया गया है।

भारत के लिए टी20 में शानदार प्रदर्शन कर रहे सूर्यकुमार ने दिसम्बर 2010 में अपना प्रथम श्रेणी पदार्पण किया था। सूर्य ने उस फॉर्मेट में 44.79 के औसत से 5549 रन बनाये हैं।

आकाश ने अपने यूट्यूब चैनल पर चयन का विश्लेषण करते हुए कहा, सरफराज का नाम नहीं है। वह खुद को ठगा सा महसूस कर रहे होंगे क्योंकि उनका नाम होना चाहिए था। बुमराह भी नहीं हैं। यह एक और खबर है लेकिन मैं सरफराज का नाम न होने पर ज्यादा चिंतित हूं।

25 वर्षीय सरफराज पिछले दो सत्रों में घरेलू क्रिकेट में शीर्ष परफार्मर रहे हैं। पिछले 36 प्रथम श्रेणी मैचों में उन्होंने 80.47 के औसत से 3380 रन बनाये हैं जिसमें 12 शतक और नौ अर्धशतक शामिल हैं। उनका सर्वाधिक स्कोर नाबाद 301 रन रहा है। यही कारण है कि आकाश चोपड़ा का मानना है कि सरफराज को सूर्यकुमार के मुकाबले चुना जाना चाहिए था।

आकाश ने कहा,सरफराज ने भारतीय टीम में होने के लिए सब कुछ किया है क्योंकि सरफराज का औसत 80 है और केवल डॉन ब्रैडमैन का उतने मैचों में उनसे ज्यादा का औसत है। मैं इस फैसले से निराश हूं। यदि किसी का घरेलू सत्र इतना अच्छा चल रहा हो तो उसे उसके लिए ईनाम दिया जाना चाहिए।

जाने-माने कमेंटेटर हर्षा भोगले ने इसे सरफराज के लिए कड़ा फैसला बताया।

प्रशंसकों ने सोशल मीडिया पर आकाश चोपड़ा के विचारों से सहमति जताई कि सरफराज को मौका मिलना चाहिए था।

एक प्रशंसक शिवानी शुक्ला ने लिखा, सरफराज के मुकाबले सूर्यकुमार को चुना जाना रणजी ट्रॉफी का अपमान है। जो खिलाड़ी प्रथम श्रेणी क्रिकेट में इतना निरंतर रहा हो, उसे मौका मिलना चाहिए। एक बार फिर इस समिति द्वारा अटपटा चयन।

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पूर्व भारतीय ओपनर और जाने माने कमेंटेटर आकाश चोपड़ा इस मुद्दे पर प्रतिक्रिया व्यक्त करने वाले पहले व्यक्ति थे। उन्होंने कहा कि घरेलू लाल बॉल क्रिकेट में अच्छा प्रदर्शन करने के बावजूद बॉर्डर गावस्कर ट्रॉफी के पहले दो टेस्टों के लिए नहीं चुने जाने पर सरफराज खुद को ठगा सा महसूस कर रहे होंगे।

चयनकर्ताओं ने शुक्रवार शाम ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ सीरीज के पहले दो टेस्टों के लिए 17 सदस्यीय टीम की घोषणा की जिसमें विकेटकीपर बल्लेबाज ईशान किशन और स्टाइलिश बल्लेबाज सूर्यकुमार यादव को शामिल किया गया है।

भारत के लिए टी20 में शानदार प्रदर्शन कर रहे सूर्यकुमार ने दिसम्बर 2010 में अपना प्रथम श्रेणी पदार्पण किया था। सूर्य ने उस फॉर्मेट में 44.79 के औसत से 5549 रन बनाये हैं।

आकाश ने अपने यूट्यूब चैनल पर चयन का विश्लेषण करते हुए कहा, सरफराज का नाम नहीं है। वह खुद को ठगा सा महसूस कर रहे होंगे क्योंकि उनका नाम होना चाहिए था। बुमराह भी नहीं हैं। यह एक और खबर है लेकिन मैं सरफराज का नाम न होने पर ज्यादा चिंतित हूं।

25 वर्षीय सरफराज पिछले दो सत्रों में घरेलू क्रिकेट में शीर्ष परफार्मर रहे हैं। पिछले 36 प्रथम श्रेणी मैचों में उन्होंने 80.47 के औसत से 3380 रन बनाये हैं जिसमें 12 शतक और नौ अर्धशतक शामिल हैं। उनका सर्वाधिक स्कोर नाबाद 301 रन रहा है। यही कारण है कि आकाश चोपड़ा का मानना है कि सरफराज को सूर्यकुमार के मुकाबले चुना जाना चाहिए था।

आकाश ने कहा,सरफराज ने भारतीय टीम में होने के लिए सब कुछ किया है क्योंकि सरफराज का औसत 80 है और केवल डॉन ब्रैडमैन का उतने मैचों में उनसे ज्यादा का औसत है। मैं इस फैसले से निराश हूं। यदि किसी का घरेलू सत्र इतना अच्छा चल रहा हो तो उसे उसके लिए ईनाम दिया जाना चाहिए।

जाने-माने कमेंटेटर हर्षा भोगले ने इसे सरफराज के लिए कड़ा फैसला बताया।

प्रशंसकों ने सोशल मीडिया पर आकाश चोपड़ा के विचारों से सहमति जताई कि सरफराज को मौका मिलना चाहिए था।

एक प्रशंसक शिवानी शुक्ला ने लिखा, सरफराज के मुकाबले सूर्यकुमार को चुना जाना रणजी ट्रॉफी का अपमान है। जो खिलाड़ी प्रथम श्रेणी क्रिकेट में इतना निरंतर रहा हो, उसे मौका मिलना चाहिए। एक बार फिर इस समिति द्वारा अटपटा चयन।

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पूर्व भारतीय ओपनर और जाने माने कमेंटेटर आकाश चोपड़ा इस मुद्दे पर प्रतिक्रिया व्यक्त करने वाले पहले व्यक्ति थे। उन्होंने कहा कि घरेलू लाल बॉल क्रिकेट में अच्छा प्रदर्शन करने के बावजूद बॉर्डर गावस्कर ट्रॉफी के पहले दो टेस्टों के लिए नहीं चुने जाने पर सरफराज खुद को ठगा सा महसूस कर रहे होंगे।

चयनकर्ताओं ने शुक्रवार शाम ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ सीरीज के पहले दो टेस्टों के लिए 17 सदस्यीय टीम की घोषणा की जिसमें विकेटकीपर बल्लेबाज ईशान किशन और स्टाइलिश बल्लेबाज सूर्यकुमार यादव को शामिल किया गया है।

भारत के लिए टी20 में शानदार प्रदर्शन कर रहे सूर्यकुमार ने दिसम्बर 2010 में अपना प्रथम श्रेणी पदार्पण किया था। सूर्य ने उस फॉर्मेट में 44.79 के औसत से 5549 रन बनाये हैं।

आकाश ने अपने यूट्यूब चैनल पर चयन का विश्लेषण करते हुए कहा, सरफराज का नाम नहीं है। वह खुद को ठगा सा महसूस कर रहे होंगे क्योंकि उनका नाम होना चाहिए था। बुमराह भी नहीं हैं। यह एक और खबर है लेकिन मैं सरफराज का नाम न होने पर ज्यादा चिंतित हूं।

25 वर्षीय सरफराज पिछले दो सत्रों में घरेलू क्रिकेट में शीर्ष परफार्मर रहे हैं। पिछले 36 प्रथम श्रेणी मैचों में उन्होंने 80.47 के औसत से 3380 रन बनाये हैं जिसमें 12 शतक और नौ अर्धशतक शामिल हैं। उनका सर्वाधिक स्कोर नाबाद 301 रन रहा है। यही कारण है कि आकाश चोपड़ा का मानना है कि सरफराज को सूर्यकुमार के मुकाबले चुना जाना चाहिए था।

आकाश ने कहा,सरफराज ने भारतीय टीम में होने के लिए सब कुछ किया है क्योंकि सरफराज का औसत 80 है और केवल डॉन ब्रैडमैन का उतने मैचों में उनसे ज्यादा का औसत है। मैं इस फैसले से निराश हूं। यदि किसी का घरेलू सत्र इतना अच्छा चल रहा हो तो उसे उसके लिए ईनाम दिया जाना चाहिए।

जाने-माने कमेंटेटर हर्षा भोगले ने इसे सरफराज के लिए कड़ा फैसला बताया।

प्रशंसकों ने सोशल मीडिया पर आकाश चोपड़ा के विचारों से सहमति जताई कि सरफराज को मौका मिलना चाहिए था।

एक प्रशंसक शिवानी शुक्ला ने लिखा, सरफराज के मुकाबले सूर्यकुमार को चुना जाना रणजी ट्रॉफी का अपमान है। जो खिलाड़ी प्रथम श्रेणी क्रिकेट में इतना निरंतर रहा हो, उसे मौका मिलना चाहिए। एक बार फिर इस समिति द्वारा अटपटा चयन।

इस मुद्दे पर नौ फरवरी से नागपुर में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ होने वाले पहले टेस्ट तक बहस चलती रहेगी।

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पूर्व भारतीय ओपनर और जाने माने कमेंटेटर आकाश चोपड़ा इस मुद्दे पर प्रतिक्रिया व्यक्त करने वाले पहले व्यक्ति थे। उन्होंने कहा कि घरेलू लाल बॉल क्रिकेट में अच्छा प्रदर्शन करने के बावजूद बॉर्डर गावस्कर ट्रॉफी के पहले दो टेस्टों के लिए नहीं चुने जाने पर सरफराज खुद को ठगा सा महसूस कर रहे होंगे।

चयनकर्ताओं ने शुक्रवार शाम ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ सीरीज के पहले दो टेस्टों के लिए 17 सदस्यीय टीम की घोषणा की जिसमें विकेटकीपर बल्लेबाज ईशान किशन और स्टाइलिश बल्लेबाज सूर्यकुमार यादव को शामिल किया गया है।

भारत के लिए टी20 में शानदार प्रदर्शन कर रहे सूर्यकुमार ने दिसम्बर 2010 में अपना प्रथम श्रेणी पदार्पण किया था। सूर्य ने उस फॉर्मेट में 44.79 के औसत से 5549 रन बनाये हैं।

आकाश ने अपने यूट्यूब चैनल पर चयन का विश्लेषण करते हुए कहा, सरफराज का नाम नहीं है। वह खुद को ठगा सा महसूस कर रहे होंगे क्योंकि उनका नाम होना चाहिए था। बुमराह भी नहीं हैं। यह एक और खबर है लेकिन मैं सरफराज का नाम न होने पर ज्यादा चिंतित हूं।

25 वर्षीय सरफराज पिछले दो सत्रों में घरेलू क्रिकेट में शीर्ष परफार्मर रहे हैं। पिछले 36 प्रथम श्रेणी मैचों में उन्होंने 80.47 के औसत से 3380 रन बनाये हैं जिसमें 12 शतक और नौ अर्धशतक शामिल हैं। उनका सर्वाधिक स्कोर नाबाद 301 रन रहा है। यही कारण है कि आकाश चोपड़ा का मानना है कि सरफराज को सूर्यकुमार के मुकाबले चुना जाना चाहिए था।

आकाश ने कहा,सरफराज ने भारतीय टीम में होने के लिए सब कुछ किया है क्योंकि सरफराज का औसत 80 है और केवल डॉन ब्रैडमैन का उतने मैचों में उनसे ज्यादा का औसत है। मैं इस फैसले से निराश हूं। यदि किसी का घरेलू सत्र इतना अच्छा चल रहा हो तो उसे उसके लिए ईनाम दिया जाना चाहिए।

जाने-माने कमेंटेटर हर्षा भोगले ने इसे सरफराज के लिए कड़ा फैसला बताया।

प्रशंसकों ने सोशल मीडिया पर आकाश चोपड़ा के विचारों से सहमति जताई कि सरफराज को मौका मिलना चाहिए था।

एक प्रशंसक शिवानी शुक्ला ने लिखा, सरफराज के मुकाबले सूर्यकुमार को चुना जाना रणजी ट्रॉफी का अपमान है। जो खिलाड़ी प्रथम श्रेणी क्रिकेट में इतना निरंतर रहा हो, उसे मौका मिलना चाहिए। एक बार फिर इस समिति द्वारा अटपटा चयन।

इस मुद्दे पर नौ फरवरी से नागपुर में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ होने वाले पहले टेस्ट तक बहस चलती रहेगी।

–आईएनएस

आरआर

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मुंबई, 14 जनवरी (आईएएनएस)। राष्ट्रीय चयन समिति के सफेद बॉल विशेषज्ञ सूर्यकुमार यादव को लाल बाल विशेषज्ञ सरफराज खान पर प्राथमिकता देकर भारतीय टीम में शामिल किये जाने के फैसले पर विशेषज्ञ और प्रशंसकों ने सवाल उठाये हैं।

पूर्व भारतीय ओपनर और जाने माने कमेंटेटर आकाश चोपड़ा इस मुद्दे पर प्रतिक्रिया व्यक्त करने वाले पहले व्यक्ति थे। उन्होंने कहा कि घरेलू लाल बॉल क्रिकेट में अच्छा प्रदर्शन करने के बावजूद बॉर्डर गावस्कर ट्रॉफी के पहले दो टेस्टों के लिए नहीं चुने जाने पर सरफराज खुद को ठगा सा महसूस कर रहे होंगे।

चयनकर्ताओं ने शुक्रवार शाम ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ सीरीज के पहले दो टेस्टों के लिए 17 सदस्यीय टीम की घोषणा की जिसमें विकेटकीपर बल्लेबाज ईशान किशन और स्टाइलिश बल्लेबाज सूर्यकुमार यादव को शामिल किया गया है।

भारत के लिए टी20 में शानदार प्रदर्शन कर रहे सूर्यकुमार ने दिसम्बर 2010 में अपना प्रथम श्रेणी पदार्पण किया था। सूर्य ने उस फॉर्मेट में 44.79 के औसत से 5549 रन बनाये हैं।

आकाश ने अपने यूट्यूब चैनल पर चयन का विश्लेषण करते हुए कहा, सरफराज का नाम नहीं है। वह खुद को ठगा सा महसूस कर रहे होंगे क्योंकि उनका नाम होना चाहिए था। बुमराह भी नहीं हैं। यह एक और खबर है लेकिन मैं सरफराज का नाम न होने पर ज्यादा चिंतित हूं।

25 वर्षीय सरफराज पिछले दो सत्रों में घरेलू क्रिकेट में शीर्ष परफार्मर रहे हैं। पिछले 36 प्रथम श्रेणी मैचों में उन्होंने 80.47 के औसत से 3380 रन बनाये हैं जिसमें 12 शतक और नौ अर्धशतक शामिल हैं। उनका सर्वाधिक स्कोर नाबाद 301 रन रहा है। यही कारण है कि आकाश चोपड़ा का मानना है कि सरफराज को सूर्यकुमार के मुकाबले चुना जाना चाहिए था।

आकाश ने कहा,सरफराज ने भारतीय टीम में होने के लिए सब कुछ किया है क्योंकि सरफराज का औसत 80 है और केवल डॉन ब्रैडमैन का उतने मैचों में उनसे ज्यादा का औसत है। मैं इस फैसले से निराश हूं। यदि किसी का घरेलू सत्र इतना अच्छा चल रहा हो तो उसे उसके लिए ईनाम दिया जाना चाहिए।

जाने-माने कमेंटेटर हर्षा भोगले ने इसे सरफराज के लिए कड़ा फैसला बताया।

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एक प्रशंसक शिवानी शुक्ला ने लिखा, सरफराज के मुकाबले सूर्यकुमार को चुना जाना रणजी ट्रॉफी का अपमान है। जो खिलाड़ी प्रथम श्रेणी क्रिकेट में इतना निरंतर रहा हो, उसे मौका मिलना चाहिए। एक बार फिर इस समिति द्वारा अटपटा चयन।

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पूर्व भारतीय ओपनर और जाने माने कमेंटेटर आकाश चोपड़ा इस मुद्दे पर प्रतिक्रिया व्यक्त करने वाले पहले व्यक्ति थे। उन्होंने कहा कि घरेलू लाल बॉल क्रिकेट में अच्छा प्रदर्शन करने के बावजूद बॉर्डर गावस्कर ट्रॉफी के पहले दो टेस्टों के लिए नहीं चुने जाने पर सरफराज खुद को ठगा सा महसूस कर रहे होंगे।

चयनकर्ताओं ने शुक्रवार शाम ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ सीरीज के पहले दो टेस्टों के लिए 17 सदस्यीय टीम की घोषणा की जिसमें विकेटकीपर बल्लेबाज ईशान किशन और स्टाइलिश बल्लेबाज सूर्यकुमार यादव को शामिल किया गया है।

भारत के लिए टी20 में शानदार प्रदर्शन कर रहे सूर्यकुमार ने दिसम्बर 2010 में अपना प्रथम श्रेणी पदार्पण किया था। सूर्य ने उस फॉर्मेट में 44.79 के औसत से 5549 रन बनाये हैं।

आकाश ने अपने यूट्यूब चैनल पर चयन का विश्लेषण करते हुए कहा, सरफराज का नाम नहीं है। वह खुद को ठगा सा महसूस कर रहे होंगे क्योंकि उनका नाम होना चाहिए था। बुमराह भी नहीं हैं। यह एक और खबर है लेकिन मैं सरफराज का नाम न होने पर ज्यादा चिंतित हूं।

25 वर्षीय सरफराज पिछले दो सत्रों में घरेलू क्रिकेट में शीर्ष परफार्मर रहे हैं। पिछले 36 प्रथम श्रेणी मैचों में उन्होंने 80.47 के औसत से 3380 रन बनाये हैं जिसमें 12 शतक और नौ अर्धशतक शामिल हैं। उनका सर्वाधिक स्कोर नाबाद 301 रन रहा है। यही कारण है कि आकाश चोपड़ा का मानना है कि सरफराज को सूर्यकुमार के मुकाबले चुना जाना चाहिए था।

आकाश ने कहा,सरफराज ने भारतीय टीम में होने के लिए सब कुछ किया है क्योंकि सरफराज का औसत 80 है और केवल डॉन ब्रैडमैन का उतने मैचों में उनसे ज्यादा का औसत है। मैं इस फैसले से निराश हूं। यदि किसी का घरेलू सत्र इतना अच्छा चल रहा हो तो उसे उसके लिए ईनाम दिया जाना चाहिए।

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भारत के लिए टी20 में शानदार प्रदर्शन कर रहे सूर्यकुमार ने दिसम्बर 2010 में अपना प्रथम श्रेणी पदार्पण किया था। सूर्य ने उस फॉर्मेट में 44.79 के औसत से 5549 रन बनाये हैं।

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एक प्रशंसक शिवानी शुक्ला ने लिखा, सरफराज के मुकाबले सूर्यकुमार को चुना जाना रणजी ट्रॉफी का अपमान है। जो खिलाड़ी प्रथम श्रेणी क्रिकेट में इतना निरंतर रहा हो, उसे मौका मिलना चाहिए। एक बार फिर इस समिति द्वारा अटपटा चयन।

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पूर्व भारतीय ओपनर और जाने माने कमेंटेटर आकाश चोपड़ा इस मुद्दे पर प्रतिक्रिया व्यक्त करने वाले पहले व्यक्ति थे। उन्होंने कहा कि घरेलू लाल बॉल क्रिकेट में अच्छा प्रदर्शन करने के बावजूद बॉर्डर गावस्कर ट्रॉफी के पहले दो टेस्टों के लिए नहीं चुने जाने पर सरफराज खुद को ठगा सा महसूस कर रहे होंगे।

चयनकर्ताओं ने शुक्रवार शाम ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ सीरीज के पहले दो टेस्टों के लिए 17 सदस्यीय टीम की घोषणा की जिसमें विकेटकीपर बल्लेबाज ईशान किशन और स्टाइलिश बल्लेबाज सूर्यकुमार यादव को शामिल किया गया है।

भारत के लिए टी20 में शानदार प्रदर्शन कर रहे सूर्यकुमार ने दिसम्बर 2010 में अपना प्रथम श्रेणी पदार्पण किया था। सूर्य ने उस फॉर्मेट में 44.79 के औसत से 5549 रन बनाये हैं।

आकाश ने अपने यूट्यूब चैनल पर चयन का विश्लेषण करते हुए कहा, सरफराज का नाम नहीं है। वह खुद को ठगा सा महसूस कर रहे होंगे क्योंकि उनका नाम होना चाहिए था। बुमराह भी नहीं हैं। यह एक और खबर है लेकिन मैं सरफराज का नाम न होने पर ज्यादा चिंतित हूं।

25 वर्षीय सरफराज पिछले दो सत्रों में घरेलू क्रिकेट में शीर्ष परफार्मर रहे हैं। पिछले 36 प्रथम श्रेणी मैचों में उन्होंने 80.47 के औसत से 3380 रन बनाये हैं जिसमें 12 शतक और नौ अर्धशतक शामिल हैं। उनका सर्वाधिक स्कोर नाबाद 301 रन रहा है। यही कारण है कि आकाश चोपड़ा का मानना है कि सरफराज को सूर्यकुमार के मुकाबले चुना जाना चाहिए था।

आकाश ने कहा,सरफराज ने भारतीय टीम में होने के लिए सब कुछ किया है क्योंकि सरफराज का औसत 80 है और केवल डॉन ब्रैडमैन का उतने मैचों में उनसे ज्यादा का औसत है। मैं इस फैसले से निराश हूं। यदि किसी का घरेलू सत्र इतना अच्छा चल रहा हो तो उसे उसके लिए ईनाम दिया जाना चाहिए।

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पूर्व भारतीय ओपनर और जाने माने कमेंटेटर आकाश चोपड़ा इस मुद्दे पर प्रतिक्रिया व्यक्त करने वाले पहले व्यक्ति थे। उन्होंने कहा कि घरेलू लाल बॉल क्रिकेट में अच्छा प्रदर्शन करने के बावजूद बॉर्डर गावस्कर ट्रॉफी के पहले दो टेस्टों के लिए नहीं चुने जाने पर सरफराज खुद को ठगा सा महसूस कर रहे होंगे।

चयनकर्ताओं ने शुक्रवार शाम ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ सीरीज के पहले दो टेस्टों के लिए 17 सदस्यीय टीम की घोषणा की जिसमें विकेटकीपर बल्लेबाज ईशान किशन और स्टाइलिश बल्लेबाज सूर्यकुमार यादव को शामिल किया गया है।

भारत के लिए टी20 में शानदार प्रदर्शन कर रहे सूर्यकुमार ने दिसम्बर 2010 में अपना प्रथम श्रेणी पदार्पण किया था। सूर्य ने उस फॉर्मेट में 44.79 के औसत से 5549 रन बनाये हैं।

आकाश ने अपने यूट्यूब चैनल पर चयन का विश्लेषण करते हुए कहा, सरफराज का नाम नहीं है। वह खुद को ठगा सा महसूस कर रहे होंगे क्योंकि उनका नाम होना चाहिए था। बुमराह भी नहीं हैं। यह एक और खबर है लेकिन मैं सरफराज का नाम न होने पर ज्यादा चिंतित हूं।

25 वर्षीय सरफराज पिछले दो सत्रों में घरेलू क्रिकेट में शीर्ष परफार्मर रहे हैं। पिछले 36 प्रथम श्रेणी मैचों में उन्होंने 80.47 के औसत से 3380 रन बनाये हैं जिसमें 12 शतक और नौ अर्धशतक शामिल हैं। उनका सर्वाधिक स्कोर नाबाद 301 रन रहा है। यही कारण है कि आकाश चोपड़ा का मानना है कि सरफराज को सूर्यकुमार के मुकाबले चुना जाना चाहिए था।

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चयनकर्ताओं ने शुक्रवार शाम ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ सीरीज के पहले दो टेस्टों के लिए 17 सदस्यीय टीम की घोषणा की जिसमें विकेटकीपर बल्लेबाज ईशान किशन और स्टाइलिश बल्लेबाज सूर्यकुमार यादव को शामिल किया गया है।

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आकाश ने अपने यूट्यूब चैनल पर चयन का विश्लेषण करते हुए कहा, सरफराज का नाम नहीं है। वह खुद को ठगा सा महसूस कर रहे होंगे क्योंकि उनका नाम होना चाहिए था। बुमराह भी नहीं हैं। यह एक और खबर है लेकिन मैं सरफराज का नाम न होने पर ज्यादा चिंतित हूं।

25 वर्षीय सरफराज पिछले दो सत्रों में घरेलू क्रिकेट में शीर्ष परफार्मर रहे हैं। पिछले 36 प्रथम श्रेणी मैचों में उन्होंने 80.47 के औसत से 3380 रन बनाये हैं जिसमें 12 शतक और नौ अर्धशतक शामिल हैं। उनका सर्वाधिक स्कोर नाबाद 301 रन रहा है। यही कारण है कि आकाश चोपड़ा का मानना है कि सरफराज को सूर्यकुमार के मुकाबले चुना जाना चाहिए था।

आकाश ने कहा,सरफराज ने भारतीय टीम में होने के लिए सब कुछ किया है क्योंकि सरफराज का औसत 80 है और केवल डॉन ब्रैडमैन का उतने मैचों में उनसे ज्यादा का औसत है। मैं इस फैसले से निराश हूं। यदि किसी का घरेलू सत्र इतना अच्छा चल रहा हो तो उसे उसके लिए ईनाम दिया जाना चाहिए।

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प्रशंसकों ने सोशल मीडिया पर आकाश चोपड़ा के विचारों से सहमति जताई कि सरफराज को मौका मिलना चाहिए था।

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