नई दिल्ली, 6 अगस्त (आईएएनएस)। भारत के पड़ोसी मुल्क बांग्लादेश में हालात बिगड़ने को लेकर भारत में भी बैठकों का दौर जारी है। केंद्र सरकार ने मंगलवार को सर्वदलीय बैठक बुलाई, जिसमें बांग्लादेश के ताजा हालातों के बारे में जानकारी दी गई।
इस सर्वदलीय बैठक में आम आदमी पार्टी को नहीं बुलाया गया। इस पर आप नेताओं ने आपत्ति जताई है। दिल्ली सरकार में मंत्री और आम आदमी पार्टी के नेता सौरभ भारद्वाज ने कहा, “सर्वदलीय बैठक में सभी दलों को बुलाए जाने की परंपरा संवैधानिक है। इसमें अपनी व्यक्तिगत राय नहीं दे सकते।”
सौरभ भारद्वाज ने आईएएनएस से बातचीत में कहा, “प्रधानमंत्री ये बात भूल गए हैं कि सर्वदलीय बैठक की परंपराएं संवैधानिक हैं। आप किस दल को पसंद करते हैं, किस दल को आप पसंद नहीं करते, उसका कोई महत्व नहीं है। अगर कोई राष्ट्रीय दल है और उसके 13 सांसद संसद में है तो आपको उसे बुलाना चाहिए। मगर वह मर्यादा को खत्म करना चाहते हैं तो कोई कुछ नहीं बोल सकता।”
सर्वदलीय बैठक में विदेश मंत्री ने कहा कि सरकार की बांग्लादेश के हालात पर पैनी नजर बनी हुई है। इसके बाद विदेश मंत्री एस जयशंकर ने बांग्लादेश के हालातों को लेकर राज्यसभा में बयान दिया।
उन्होंने बताया कि 5 अगस्त को कर्फ्यू के बावजूद प्रदर्शनकारी ढाका में इकट्ठा हुए और इसके बाद प्रधानमंत्री शेख हसीना ने इस्तीफा देने का फैसला किया। बहुत ही कम समय में, उन्होंने भारत आने के लिए मंजूरी मांगी। हमें उसी समय बांग्लादेश के अधिकारियों से उड़ान की मंजूरी के लिए अनुरोध प्राप्त हुआ। वह कल शाम दिल्ली पहुंचीं। हम अपने राजनयिक मिशनों के माध्यम से बांग्लादेश में भारतीय समुदाय के साथ लगातार संपर्क में हैं। वहां 19,000 भारतीय नागरिक हैं, जिनमें से लगभग 9000 छात्र हैं।
–आईएएनएस
एफएम/एसकेपी
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नई दिल्ली, 6 अगस्त (आईएएनएस)। भारत के पड़ोसी मुल्क बांग्लादेश में हालात बिगड़ने को लेकर भारत में भी बैठकों का दौर जारी है। केंद्र सरकार ने मंगलवार को सर्वदलीय बैठक बुलाई, जिसमें बांग्लादेश के ताजा हालातों के बारे में जानकारी दी गई।
इस सर्वदलीय बैठक में आम आदमी पार्टी को नहीं बुलाया गया। इस पर आप नेताओं ने आपत्ति जताई है। दिल्ली सरकार में मंत्री और आम आदमी पार्टी के नेता सौरभ भारद्वाज ने कहा, “सर्वदलीय बैठक में सभी दलों को बुलाए जाने की परंपरा संवैधानिक है। इसमें अपनी व्यक्तिगत राय नहीं दे सकते।”
सौरभ भारद्वाज ने आईएएनएस से बातचीत में कहा, “प्रधानमंत्री ये बात भूल गए हैं कि सर्वदलीय बैठक की परंपराएं संवैधानिक हैं। आप किस दल को पसंद करते हैं, किस दल को आप पसंद नहीं करते, उसका कोई महत्व नहीं है। अगर कोई राष्ट्रीय दल है और उसके 13 सांसद संसद में है तो आपको उसे बुलाना चाहिए। मगर वह मर्यादा को खत्म करना चाहते हैं तो कोई कुछ नहीं बोल सकता।”
सर्वदलीय बैठक में विदेश मंत्री ने कहा कि सरकार की बांग्लादेश के हालात पर पैनी नजर बनी हुई है। इसके बाद विदेश मंत्री एस जयशंकर ने बांग्लादेश के हालातों को लेकर राज्यसभा में बयान दिया।
उन्होंने बताया कि 5 अगस्त को कर्फ्यू के बावजूद प्रदर्शनकारी ढाका में इकट्ठा हुए और इसके बाद प्रधानमंत्री शेख हसीना ने इस्तीफा देने का फैसला किया। बहुत ही कम समय में, उन्होंने भारत आने के लिए मंजूरी मांगी। हमें उसी समय बांग्लादेश के अधिकारियों से उड़ान की मंजूरी के लिए अनुरोध प्राप्त हुआ। वह कल शाम दिल्ली पहुंचीं। हम अपने राजनयिक मिशनों के माध्यम से बांग्लादेश में भारतीय समुदाय के साथ लगातार संपर्क में हैं। वहां 19,000 भारतीय नागरिक हैं, जिनमें से लगभग 9000 छात्र हैं।
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इस सर्वदलीय बैठक में आम आदमी पार्टी को नहीं बुलाया गया। इस पर आप नेताओं ने आपत्ति जताई है। दिल्ली सरकार में मंत्री और आम आदमी पार्टी के नेता सौरभ भारद्वाज ने कहा, “सर्वदलीय बैठक में सभी दलों को बुलाए जाने की परंपरा संवैधानिक है। इसमें अपनी व्यक्तिगत राय नहीं दे सकते।”
सौरभ भारद्वाज ने आईएएनएस से बातचीत में कहा, “प्रधानमंत्री ये बात भूल गए हैं कि सर्वदलीय बैठक की परंपराएं संवैधानिक हैं। आप किस दल को पसंद करते हैं, किस दल को आप पसंद नहीं करते, उसका कोई महत्व नहीं है। अगर कोई राष्ट्रीय दल है और उसके 13 सांसद संसद में है तो आपको उसे बुलाना चाहिए। मगर वह मर्यादा को खत्म करना चाहते हैं तो कोई कुछ नहीं बोल सकता।”
सर्वदलीय बैठक में विदेश मंत्री ने कहा कि सरकार की बांग्लादेश के हालात पर पैनी नजर बनी हुई है। इसके बाद विदेश मंत्री एस जयशंकर ने बांग्लादेश के हालातों को लेकर राज्यसभा में बयान दिया।
उन्होंने बताया कि 5 अगस्त को कर्फ्यू के बावजूद प्रदर्शनकारी ढाका में इकट्ठा हुए और इसके बाद प्रधानमंत्री शेख हसीना ने इस्तीफा देने का फैसला किया। बहुत ही कम समय में, उन्होंने भारत आने के लिए मंजूरी मांगी। हमें उसी समय बांग्लादेश के अधिकारियों से उड़ान की मंजूरी के लिए अनुरोध प्राप्त हुआ। वह कल शाम दिल्ली पहुंचीं। हम अपने राजनयिक मिशनों के माध्यम से बांग्लादेश में भारतीय समुदाय के साथ लगातार संपर्क में हैं। वहां 19,000 भारतीय नागरिक हैं, जिनमें से लगभग 9000 छात्र हैं।
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इस सर्वदलीय बैठक में आम आदमी पार्टी को नहीं बुलाया गया। इस पर आप नेताओं ने आपत्ति जताई है। दिल्ली सरकार में मंत्री और आम आदमी पार्टी के नेता सौरभ भारद्वाज ने कहा, “सर्वदलीय बैठक में सभी दलों को बुलाए जाने की परंपरा संवैधानिक है। इसमें अपनी व्यक्तिगत राय नहीं दे सकते।”
सौरभ भारद्वाज ने आईएएनएस से बातचीत में कहा, “प्रधानमंत्री ये बात भूल गए हैं कि सर्वदलीय बैठक की परंपराएं संवैधानिक हैं। आप किस दल को पसंद करते हैं, किस दल को आप पसंद नहीं करते, उसका कोई महत्व नहीं है। अगर कोई राष्ट्रीय दल है और उसके 13 सांसद संसद में है तो आपको उसे बुलाना चाहिए। मगर वह मर्यादा को खत्म करना चाहते हैं तो कोई कुछ नहीं बोल सकता।”
सर्वदलीय बैठक में विदेश मंत्री ने कहा कि सरकार की बांग्लादेश के हालात पर पैनी नजर बनी हुई है। इसके बाद विदेश मंत्री एस जयशंकर ने बांग्लादेश के हालातों को लेकर राज्यसभा में बयान दिया।
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इस सर्वदलीय बैठक में आम आदमी पार्टी को नहीं बुलाया गया। इस पर आप नेताओं ने आपत्ति जताई है। दिल्ली सरकार में मंत्री और आम आदमी पार्टी के नेता सौरभ भारद्वाज ने कहा, “सर्वदलीय बैठक में सभी दलों को बुलाए जाने की परंपरा संवैधानिक है। इसमें अपनी व्यक्तिगत राय नहीं दे सकते।”
सौरभ भारद्वाज ने आईएएनएस से बातचीत में कहा, “प्रधानमंत्री ये बात भूल गए हैं कि सर्वदलीय बैठक की परंपराएं संवैधानिक हैं। आप किस दल को पसंद करते हैं, किस दल को आप पसंद नहीं करते, उसका कोई महत्व नहीं है। अगर कोई राष्ट्रीय दल है और उसके 13 सांसद संसद में है तो आपको उसे बुलाना चाहिए। मगर वह मर्यादा को खत्म करना चाहते हैं तो कोई कुछ नहीं बोल सकता।”
सर्वदलीय बैठक में विदेश मंत्री ने कहा कि सरकार की बांग्लादेश के हालात पर पैनी नजर बनी हुई है। इसके बाद विदेश मंत्री एस जयशंकर ने बांग्लादेश के हालातों को लेकर राज्यसभा में बयान दिया।
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इस सर्वदलीय बैठक में आम आदमी पार्टी को नहीं बुलाया गया। इस पर आप नेताओं ने आपत्ति जताई है। दिल्ली सरकार में मंत्री और आम आदमी पार्टी के नेता सौरभ भारद्वाज ने कहा, “सर्वदलीय बैठक में सभी दलों को बुलाए जाने की परंपरा संवैधानिक है। इसमें अपनी व्यक्तिगत राय नहीं दे सकते।”
सौरभ भारद्वाज ने आईएएनएस से बातचीत में कहा, “प्रधानमंत्री ये बात भूल गए हैं कि सर्वदलीय बैठक की परंपराएं संवैधानिक हैं। आप किस दल को पसंद करते हैं, किस दल को आप पसंद नहीं करते, उसका कोई महत्व नहीं है। अगर कोई राष्ट्रीय दल है और उसके 13 सांसद संसद में है तो आपको उसे बुलाना चाहिए। मगर वह मर्यादा को खत्म करना चाहते हैं तो कोई कुछ नहीं बोल सकता।”
सर्वदलीय बैठक में विदेश मंत्री ने कहा कि सरकार की बांग्लादेश के हालात पर पैनी नजर बनी हुई है। इसके बाद विदेश मंत्री एस जयशंकर ने बांग्लादेश के हालातों को लेकर राज्यसभा में बयान दिया।
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इस सर्वदलीय बैठक में आम आदमी पार्टी को नहीं बुलाया गया। इस पर आप नेताओं ने आपत्ति जताई है। दिल्ली सरकार में मंत्री और आम आदमी पार्टी के नेता सौरभ भारद्वाज ने कहा, “सर्वदलीय बैठक में सभी दलों को बुलाए जाने की परंपरा संवैधानिक है। इसमें अपनी व्यक्तिगत राय नहीं दे सकते।”
सौरभ भारद्वाज ने आईएएनएस से बातचीत में कहा, “प्रधानमंत्री ये बात भूल गए हैं कि सर्वदलीय बैठक की परंपराएं संवैधानिक हैं। आप किस दल को पसंद करते हैं, किस दल को आप पसंद नहीं करते, उसका कोई महत्व नहीं है। अगर कोई राष्ट्रीय दल है और उसके 13 सांसद संसद में है तो आपको उसे बुलाना चाहिए। मगर वह मर्यादा को खत्म करना चाहते हैं तो कोई कुछ नहीं बोल सकता।”
सर्वदलीय बैठक में विदेश मंत्री ने कहा कि सरकार की बांग्लादेश के हालात पर पैनी नजर बनी हुई है। इसके बाद विदेश मंत्री एस जयशंकर ने बांग्लादेश के हालातों को लेकर राज्यसभा में बयान दिया।
उन्होंने बताया कि 5 अगस्त को कर्फ्यू के बावजूद प्रदर्शनकारी ढाका में इकट्ठा हुए और इसके बाद प्रधानमंत्री शेख हसीना ने इस्तीफा देने का फैसला किया। बहुत ही कम समय में, उन्होंने भारत आने के लिए मंजूरी मांगी। हमें उसी समय बांग्लादेश के अधिकारियों से उड़ान की मंजूरी के लिए अनुरोध प्राप्त हुआ। वह कल शाम दिल्ली पहुंचीं। हम अपने राजनयिक मिशनों के माध्यम से बांग्लादेश में भारतीय समुदाय के साथ लगातार संपर्क में हैं। वहां 19,000 भारतीय नागरिक हैं, जिनमें से लगभग 9000 छात्र हैं।
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इस सर्वदलीय बैठक में आम आदमी पार्टी को नहीं बुलाया गया। इस पर आप नेताओं ने आपत्ति जताई है। दिल्ली सरकार में मंत्री और आम आदमी पार्टी के नेता सौरभ भारद्वाज ने कहा, “सर्वदलीय बैठक में सभी दलों को बुलाए जाने की परंपरा संवैधानिक है। इसमें अपनी व्यक्तिगत राय नहीं दे सकते।”
सौरभ भारद्वाज ने आईएएनएस से बातचीत में कहा, “प्रधानमंत्री ये बात भूल गए हैं कि सर्वदलीय बैठक की परंपराएं संवैधानिक हैं। आप किस दल को पसंद करते हैं, किस दल को आप पसंद नहीं करते, उसका कोई महत्व नहीं है। अगर कोई राष्ट्रीय दल है और उसके 13 सांसद संसद में है तो आपको उसे बुलाना चाहिए। मगर वह मर्यादा को खत्म करना चाहते हैं तो कोई कुछ नहीं बोल सकता।”
सर्वदलीय बैठक में विदेश मंत्री ने कहा कि सरकार की बांग्लादेश के हालात पर पैनी नजर बनी हुई है। इसके बाद विदेश मंत्री एस जयशंकर ने बांग्लादेश के हालातों को लेकर राज्यसभा में बयान दिया।
उन्होंने बताया कि 5 अगस्त को कर्फ्यू के बावजूद प्रदर्शनकारी ढाका में इकट्ठा हुए और इसके बाद प्रधानमंत्री शेख हसीना ने इस्तीफा देने का फैसला किया। बहुत ही कम समय में, उन्होंने भारत आने के लिए मंजूरी मांगी। हमें उसी समय बांग्लादेश के अधिकारियों से उड़ान की मंजूरी के लिए अनुरोध प्राप्त हुआ। वह कल शाम दिल्ली पहुंचीं। हम अपने राजनयिक मिशनों के माध्यम से बांग्लादेश में भारतीय समुदाय के साथ लगातार संपर्क में हैं। वहां 19,000 भारतीय नागरिक हैं, जिनमें से लगभग 9000 छात्र हैं।
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सौरभ भारद्वाज ने आईएएनएस से बातचीत में कहा, “प्रधानमंत्री ये बात भूल गए हैं कि सर्वदलीय बैठक की परंपराएं संवैधानिक हैं। आप किस दल को पसंद करते हैं, किस दल को आप पसंद नहीं करते, उसका कोई महत्व नहीं है। अगर कोई राष्ट्रीय दल है और उसके 13 सांसद संसद में है तो आपको उसे बुलाना चाहिए। मगर वह मर्यादा को खत्म करना चाहते हैं तो कोई कुछ नहीं बोल सकता।”
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नई दिल्ली, 6 अगस्त (आईएएनएस)। भारत के पड़ोसी मुल्क बांग्लादेश में हालात बिगड़ने को लेकर भारत में भी बैठकों का दौर जारी है। केंद्र सरकार ने मंगलवार को सर्वदलीय बैठक बुलाई, जिसमें बांग्लादेश के ताजा हालातों के बारे में जानकारी दी गई।
इस सर्वदलीय बैठक में आम आदमी पार्टी को नहीं बुलाया गया। इस पर आप नेताओं ने आपत्ति जताई है। दिल्ली सरकार में मंत्री और आम आदमी पार्टी के नेता सौरभ भारद्वाज ने कहा, “सर्वदलीय बैठक में सभी दलों को बुलाए जाने की परंपरा संवैधानिक है। इसमें अपनी व्यक्तिगत राय नहीं दे सकते।”
सौरभ भारद्वाज ने आईएएनएस से बातचीत में कहा, “प्रधानमंत्री ये बात भूल गए हैं कि सर्वदलीय बैठक की परंपराएं संवैधानिक हैं। आप किस दल को पसंद करते हैं, किस दल को आप पसंद नहीं करते, उसका कोई महत्व नहीं है। अगर कोई राष्ट्रीय दल है और उसके 13 सांसद संसद में है तो आपको उसे बुलाना चाहिए। मगर वह मर्यादा को खत्म करना चाहते हैं तो कोई कुछ नहीं बोल सकता।”
सर्वदलीय बैठक में विदेश मंत्री ने कहा कि सरकार की बांग्लादेश के हालात पर पैनी नजर बनी हुई है। इसके बाद विदेश मंत्री एस जयशंकर ने बांग्लादेश के हालातों को लेकर राज्यसभा में बयान दिया।
उन्होंने बताया कि 5 अगस्त को कर्फ्यू के बावजूद प्रदर्शनकारी ढाका में इकट्ठा हुए और इसके बाद प्रधानमंत्री शेख हसीना ने इस्तीफा देने का फैसला किया। बहुत ही कम समय में, उन्होंने भारत आने के लिए मंजूरी मांगी। हमें उसी समय बांग्लादेश के अधिकारियों से उड़ान की मंजूरी के लिए अनुरोध प्राप्त हुआ। वह कल शाम दिल्ली पहुंचीं। हम अपने राजनयिक मिशनों के माध्यम से बांग्लादेश में भारतीय समुदाय के साथ लगातार संपर्क में हैं। वहां 19,000 भारतीय नागरिक हैं, जिनमें से लगभग 9000 छात्र हैं।
–आईएएनएस
एफएम/एसकेपी
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नई दिल्ली, 6 अगस्त (आईएएनएस)। भारत के पड़ोसी मुल्क बांग्लादेश में हालात बिगड़ने को लेकर भारत में भी बैठकों का दौर जारी है। केंद्र सरकार ने मंगलवार को सर्वदलीय बैठक बुलाई, जिसमें बांग्लादेश के ताजा हालातों के बारे में जानकारी दी गई।
इस सर्वदलीय बैठक में आम आदमी पार्टी को नहीं बुलाया गया। इस पर आप नेताओं ने आपत्ति जताई है। दिल्ली सरकार में मंत्री और आम आदमी पार्टी के नेता सौरभ भारद्वाज ने कहा, “सर्वदलीय बैठक में सभी दलों को बुलाए जाने की परंपरा संवैधानिक है। इसमें अपनी व्यक्तिगत राय नहीं दे सकते।”
सौरभ भारद्वाज ने आईएएनएस से बातचीत में कहा, “प्रधानमंत्री ये बात भूल गए हैं कि सर्वदलीय बैठक की परंपराएं संवैधानिक हैं। आप किस दल को पसंद करते हैं, किस दल को आप पसंद नहीं करते, उसका कोई महत्व नहीं है। अगर कोई राष्ट्रीय दल है और उसके 13 सांसद संसद में है तो आपको उसे बुलाना चाहिए। मगर वह मर्यादा को खत्म करना चाहते हैं तो कोई कुछ नहीं बोल सकता।”
सर्वदलीय बैठक में विदेश मंत्री ने कहा कि सरकार की बांग्लादेश के हालात पर पैनी नजर बनी हुई है। इसके बाद विदेश मंत्री एस जयशंकर ने बांग्लादेश के हालातों को लेकर राज्यसभा में बयान दिया।
उन्होंने बताया कि 5 अगस्त को कर्फ्यू के बावजूद प्रदर्शनकारी ढाका में इकट्ठा हुए और इसके बाद प्रधानमंत्री शेख हसीना ने इस्तीफा देने का फैसला किया। बहुत ही कम समय में, उन्होंने भारत आने के लिए मंजूरी मांगी। हमें उसी समय बांग्लादेश के अधिकारियों से उड़ान की मंजूरी के लिए अनुरोध प्राप्त हुआ। वह कल शाम दिल्ली पहुंचीं। हम अपने राजनयिक मिशनों के माध्यम से बांग्लादेश में भारतीय समुदाय के साथ लगातार संपर्क में हैं। वहां 19,000 भारतीय नागरिक हैं, जिनमें से लगभग 9000 छात्र हैं।