ग्वालियर,13 जुलाई (आईएएनएस)। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू का मध्य प्रदेश की ऐतिहासिक नगरी ग्वालियर में गुरुवार को प्रवास था। इस दौरान उन्होंने सर स्व. जीवाजीराव सिंधिया म्यूजियम का अवलोकन किया और दोपहर का भोज भी जयविलास पैलेस में किया। वो यहां सिंधिया परिवार की मेहमान थीं।
इस दौरान केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया और उनकी धर्मपत्नी प्रियदर्शिनी राजे सिंधिया गाइड की भूमिका में नजर आए। सिंधिया दंपत्ति ने म्यूजियम के बारे में विस्तार से बताया और वहां मौजूद लोगों का परिचय भी कराया।
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू वायुसेना के विमान से ग्वालियर पहुंची। उसके बाद उनका म्यूजियम आगमन हुआ, जहां लोक एवं शास्त्रीय नर्तकों ने परंपरागत तरीके से स्वागत किया। राष्ट्रपति मुर्मू ने महाराजा जीवाजीराव सिंधिया की प्रतिमा के समक्ष दीप प्रज्ज्वलन कर पुष्प अर्पित किए। राज्यपाल मंगुभाई पटेल और मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने भी पुष्पांजलि दी।
केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया और उनकी धर्मपत्नी प्रियदर्शिनी राजे सिंधिया ने राष्ट्रपति मुर्मू को समृद्धशाली और गौरवशाली मराठा इतिहास के बारे में बताया। साथ ही मानचित्र के जरिये वर्ष 1758 में मराठा साम्राज्य के विस्तार की जानकारी दी। राष्ट्रपति ने मराठा इतिहास और संस्कृति से जुड़ी कलाकृतियों को देखा। राष्ट्रपति ने संग्रहालय के अवलोकन के दौरान स्कूली बच्चों से भेंट कर उन्हें टॉफी दिया और बातचीत भी की। दिव्यांग बालक से भी उन्होंने बातचीत की। उन्होंने दरबार हॉल में गणमान्य नागरिकों से भी बातचीत की।
राष्ट्रपति मुर्मू ने संग्रहालय में लोक कला एवं शिल्प प्रदर्शनी का भी अवलोकन किया। लोक कलाकारों से उनके कला-शिल्पों और कला के बारे में जानकारी प्राप्त की। हैंडलूम पर साड़ी बुन रहे बुनकर, लोक-चित्रकार, लकड़ी की कलाकृतियां, माटी के बर्तन बनाने वाले कलाकार की कलाकृतियों की सराहना की।
पिछले 60 वर्षों से सिंधिया राजवंश की पगड़ी बांधने वाले कलाकार मोहम्मद रफीक अहमद से भेंट कर उसकी कला को भी सराहा। राष्ट्रपति मुर्मू ने टेराकोटा व्हील पर मिट्टी के बर्तन बना रहे छैलन बिहारी प्रजापति और कालीन बुनकर राकेश सविता से भी भेंट की। राष्ट्रपति ने स्कूली बच्चों, सभी कलाकारों, लोक नर्तकों, शास्त्रीय नर्तकों के साथ समूह फोटो खिंचवाया। राष्ट्रपति ने जयविलास पैलेस में दोपहर का भोजन भी किया।
–आईएएनएस
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