बेंगलुरु, 3 अक्टूबर (आईएएनएस)। कर्नाटक के नेता प्रतिपक्ष आर अशोक पर कांग्रेस ने भूमि घोटाले का आरोप लगाया है, जिसके बाद भाजपा नेता ने गुरुवार को घोषणा की कि यदि मुख्यमंत्री सिद्दारमैया (मैसूर शहरी विकास प्राधिकरण) एमयूडीए घोटाले के आरोपों पर इस्तीफा देते हैं, तो वह (अशोक) भी इस्तीफा दे देंगे।
बेंगलुरु में मीडियाकर्मियों से बात करते हुए विपक्षी नेता ने कहा, “मैं उन चार कांग्रेस मंत्रियों की मांग के अनुसार इस्तीफा दे दूंगा, जिन्होंने मेरे खिलाफ प्रेस कॉन्फ्रेंस की थी। सबसे पहले, उन चार मंत्रियों को सिद्दारमैया को इस्तीफा देने के लिए मजबूर करना चाहिए। अन्यथा, गृह मंत्री जी. परमेश्वर को छोड़कर अन्य तीन मंत्रियों को सिद्दारमैया के प्रति अपना प्यार दिखाने के लिए इस्तीफा दे देना चाहिए।”
उन्होंने कहा, “मैं 24 घंटे तक इंतजार करूंगा। कांग्रेस के मंत्री को मेरी चुनौती स्वीकार करने दीजिए।” उन्होंने कहा कि कर्नाटक उच्च न्यायालय और विधायकों/सांसदों के लिए विशेष अदालत ने लोट्टेगोल्लाहल्ली भूमि मामले में उनके पक्ष में फैसला दिया है। साथ ही सिद्दारमैया को मैसूर शहरी विकास प्राधिकरण (एमयूडीए) मामले में अदालतों से ऐसी कोई राहत नहीं मिली है।
अशोक ने कहा, “राजनीतिक कारणों से मेरे खिलाफ आरोप लगाना सही नहीं है। यह जमीन बेंगलुरु विकास प्राधिकरण (बीडीए) की नहीं है। बीडीए ने एनओसी दी है। जमीन के मालिक रामास्वामी को यह संपत्ति उनके पिता से विरासत में मिली थी। मैंने कानूनी तरीके से पैसे देकर रजिस्ट्री करवाई है।”
उन्होंने कहा कि तत्कालीन राज्यपाल स्वर्गीय हंसराज भारद्वाज ने 2010 में इस मामले में अभियोजन की अनुमति देने से इनकार कर दिया था, जबकि दोनों अदालतों ने उनके पक्ष में फैसला सुनाया था। उन्होंने कहा कि कांग्रेस द्वारा नियुक्त राज्यपाल भारद्वाज ने अभियोजन की अनुमति नहीं दी।
उन्होंने कहा, “मेरा और सिद्दारमैया का मामला अलग है। फिर भी, मैं कांग्रेस के मंत्रियों की मांग के अनुसार अपने पद से इस्तीफा दे दूंगा, लेकिन पहले उन्हें सिद्दारमैया का इस्तीफा लेने दीजिए।”
उल्लेखनीय है कि बुधवार को कर्नाटक कांग्रेस ने अशोक के खिलाफ सैकड़ों करोड़ रुपये के भूमि घोटाले का आरोप लगाते हुए दस्तावेज जारी किए। कांग्रेस मुख्यालय में आयोजित संयुक्त प्रेस कॉन्फ्रेंस में कर्नाटक के गृह मंत्री जी. परमेश्वर ने आरोप लगाए और अशोक के खिलाफ कार्रवाई की मांग की।
प्रेस कॉन्फ्रेंस में कानून और संसदीय मामलों के मंत्री एच.के. पाटिल, पीडब्ल्यूडी मंत्री सतीश जारकीहोली और राजस्व मंत्री कृष्ण बायर गौड़ा ने संयुक्त रूप से हिस्सा लिया।
–आईएएनएस
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