नई दिल्ली, 4 अक्टूबर (आईएएनएस)। आम आदमी पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक और दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल अपना सरकारी आवास खाली कर रहे हैं। दिल्ली विधानसभा के निकट सिविल लाइंस में स्थित यह आवास उन्हें बतौर मुख्यमंत्री रहते हुए आवंटित हुआ था। शुक्रवार 4 अक्टूबर को अरविंद केजरीवाल ने सीएम आवास खाली करना शुरू कर दिया है। इसके लिए पैकर एंड मूवर्स से जुड़े वाहन व कर्मचारी सीएम बंगले पर पहुंच चुके हैं।
आम आदमी पार्टी ने आधिकारिक जानकारी देते हुए बताया कि केजरीवाल शुक्रवार को ही अपने सारे सामान और परिवार के साथ मुख्यमंत्री आवास खाली कर देंगे। दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल का नया ठिकाना अब नई दिल्ली में होगा। वह नई दिल्ली स्थित सांसदों को मिलने वाले एक सरकारी आवास में रहेंगे। यह आवास आम आदमी पार्टी के सांसद अशोक मित्तल को आवंटित किया गया है। अशोक मित्तल का यही सरकारी आवास अब पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल का अस्थाई ठिकाना हो गया है।
बीते दिनों अरविंद केजरीवाल ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया था। दरअसल दिल्ली शराब नीति में अरविंद केजरीवाल पर आरोप लगाए गए हैं, जिसके बाद उन्हें जेल भी जाना पड़ा था। जेल से बाहर आने के बाद इस्तीफे का ऐलान करते हुए अरविंद केजरीवाल ने कहा था कि, “दाग के साथ काम करना तो दूर की बात है, मैं इस दाग के साथ में जी भी नहीं सकता, मैं जिंदा भी नहीं रह सकता। मैंने मन में सोचा था जब तक कोर्ट मेरे को बा-इज्जत बरी नहीं कर देता मैं दोबारा कुर्सी पर नहीं बैठूंगा। लेकिन मुझे वकीलों ने कहा कि यह केस 10- 15 साल तक चल सकता है। मैने सोचा कि मैं अपनी जनता की अदालत में जाऊंगा, जनता से पूछूंगा, जनता मेरे को बताएं कि मैं बेईमान हूं कि मैं ईमानदार हूं।”
इस्तीफा देने के बाद अरविंद केजरीवाल ने सरकारी आवास छोड़ने की बात की थी। इसके बाद से अरविंद केजरीवाल के लिए नया घर ढूंढने की कवायद हो रही थी। पूर्व मुख्यमंत्री के लिए आवास ढूंढने की प्रक्रिया में आम आदमी पार्टी के कई नेताओं, पार्षदों , विधायकों और सांसदों ने अपना घर देने की पेशकश की थी। आम आदमी पार्टी के नेताओं और पार्षदों के अलावा दिल्ली में से कई अन्य लोगों ने भी अपना आवास अरविंद केजरीवाल को देने की पेशकश की थी।
हालांकि पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के लिए ढूंढे जा रहे आवास की यह तलाश उन्हीं की पार्टी के सांसद अशोक मित्तल पर आकर खत्म हुई। नई दिल्ली विधानसभा के अंतर्गत आने वाले अशोक मित्तल के सरकारी आवास पर रहते हुए ही केजरीवाल अपनी विधानसभा व पार्टी से जुड़े कामों को देखेंगे।
–आईएएनएस
जीसीबी/एएस
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नई दिल्ली, 4 अक्टूबर (आईएएनएस)। आम आदमी पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक और दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल अपना सरकारी आवास खाली कर रहे हैं। दिल्ली विधानसभा के निकट सिविल लाइंस में स्थित यह आवास उन्हें बतौर मुख्यमंत्री रहते हुए आवंटित हुआ था। शुक्रवार 4 अक्टूबर को अरविंद केजरीवाल ने सीएम आवास खाली करना शुरू कर दिया है। इसके लिए पैकर एंड मूवर्स से जुड़े वाहन व कर्मचारी सीएम बंगले पर पहुंच चुके हैं।
आम आदमी पार्टी ने आधिकारिक जानकारी देते हुए बताया कि केजरीवाल शुक्रवार को ही अपने सारे सामान और परिवार के साथ मुख्यमंत्री आवास खाली कर देंगे। दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल का नया ठिकाना अब नई दिल्ली में होगा। वह नई दिल्ली स्थित सांसदों को मिलने वाले एक सरकारी आवास में रहेंगे। यह आवास आम आदमी पार्टी के सांसद अशोक मित्तल को आवंटित किया गया है। अशोक मित्तल का यही सरकारी आवास अब पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल का अस्थाई ठिकाना हो गया है।
बीते दिनों अरविंद केजरीवाल ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया था। दरअसल दिल्ली शराब नीति में अरविंद केजरीवाल पर आरोप लगाए गए हैं, जिसके बाद उन्हें जेल भी जाना पड़ा था। जेल से बाहर आने के बाद इस्तीफे का ऐलान करते हुए अरविंद केजरीवाल ने कहा था कि, “दाग के साथ काम करना तो दूर की बात है, मैं इस दाग के साथ में जी भी नहीं सकता, मैं जिंदा भी नहीं रह सकता। मैंने मन में सोचा था जब तक कोर्ट मेरे को बा-इज्जत बरी नहीं कर देता मैं दोबारा कुर्सी पर नहीं बैठूंगा। लेकिन मुझे वकीलों ने कहा कि यह केस 10- 15 साल तक चल सकता है। मैने सोचा कि मैं अपनी जनता की अदालत में जाऊंगा, जनता से पूछूंगा, जनता मेरे को बताएं कि मैं बेईमान हूं कि मैं ईमानदार हूं।”
इस्तीफा देने के बाद अरविंद केजरीवाल ने सरकारी आवास छोड़ने की बात की थी। इसके बाद से अरविंद केजरीवाल के लिए नया घर ढूंढने की कवायद हो रही थी। पूर्व मुख्यमंत्री के लिए आवास ढूंढने की प्रक्रिया में आम आदमी पार्टी के कई नेताओं, पार्षदों , विधायकों और सांसदों ने अपना घर देने की पेशकश की थी। आम आदमी पार्टी के नेताओं और पार्षदों के अलावा दिल्ली में से कई अन्य लोगों ने भी अपना आवास अरविंद केजरीवाल को देने की पेशकश की थी।
हालांकि पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के लिए ढूंढे जा रहे आवास की यह तलाश उन्हीं की पार्टी के सांसद अशोक मित्तल पर आकर खत्म हुई। नई दिल्ली विधानसभा के अंतर्गत आने वाले अशोक मित्तल के सरकारी आवास पर रहते हुए ही केजरीवाल अपनी विधानसभा व पार्टी से जुड़े कामों को देखेंगे।
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आम आदमी पार्टी ने आधिकारिक जानकारी देते हुए बताया कि केजरीवाल शुक्रवार को ही अपने सारे सामान और परिवार के साथ मुख्यमंत्री आवास खाली कर देंगे। दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल का नया ठिकाना अब नई दिल्ली में होगा। वह नई दिल्ली स्थित सांसदों को मिलने वाले एक सरकारी आवास में रहेंगे। यह आवास आम आदमी पार्टी के सांसद अशोक मित्तल को आवंटित किया गया है। अशोक मित्तल का यही सरकारी आवास अब पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल का अस्थाई ठिकाना हो गया है।
बीते दिनों अरविंद केजरीवाल ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया था। दरअसल दिल्ली शराब नीति में अरविंद केजरीवाल पर आरोप लगाए गए हैं, जिसके बाद उन्हें जेल भी जाना पड़ा था। जेल से बाहर आने के बाद इस्तीफे का ऐलान करते हुए अरविंद केजरीवाल ने कहा था कि, “दाग के साथ काम करना तो दूर की बात है, मैं इस दाग के साथ में जी भी नहीं सकता, मैं जिंदा भी नहीं रह सकता। मैंने मन में सोचा था जब तक कोर्ट मेरे को बा-इज्जत बरी नहीं कर देता मैं दोबारा कुर्सी पर नहीं बैठूंगा। लेकिन मुझे वकीलों ने कहा कि यह केस 10- 15 साल तक चल सकता है। मैने सोचा कि मैं अपनी जनता की अदालत में जाऊंगा, जनता से पूछूंगा, जनता मेरे को बताएं कि मैं बेईमान हूं कि मैं ईमानदार हूं।”
इस्तीफा देने के बाद अरविंद केजरीवाल ने सरकारी आवास छोड़ने की बात की थी। इसके बाद से अरविंद केजरीवाल के लिए नया घर ढूंढने की कवायद हो रही थी। पूर्व मुख्यमंत्री के लिए आवास ढूंढने की प्रक्रिया में आम आदमी पार्टी के कई नेताओं, पार्षदों , विधायकों और सांसदों ने अपना घर देने की पेशकश की थी। आम आदमी पार्टी के नेताओं और पार्षदों के अलावा दिल्ली में से कई अन्य लोगों ने भी अपना आवास अरविंद केजरीवाल को देने की पेशकश की थी।
हालांकि पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के लिए ढूंढे जा रहे आवास की यह तलाश उन्हीं की पार्टी के सांसद अशोक मित्तल पर आकर खत्म हुई। नई दिल्ली विधानसभा के अंतर्गत आने वाले अशोक मित्तल के सरकारी आवास पर रहते हुए ही केजरीवाल अपनी विधानसभा व पार्टी से जुड़े कामों को देखेंगे।
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आम आदमी पार्टी ने आधिकारिक जानकारी देते हुए बताया कि केजरीवाल शुक्रवार को ही अपने सारे सामान और परिवार के साथ मुख्यमंत्री आवास खाली कर देंगे। दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल का नया ठिकाना अब नई दिल्ली में होगा। वह नई दिल्ली स्थित सांसदों को मिलने वाले एक सरकारी आवास में रहेंगे। यह आवास आम आदमी पार्टी के सांसद अशोक मित्तल को आवंटित किया गया है। अशोक मित्तल का यही सरकारी आवास अब पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल का अस्थाई ठिकाना हो गया है।
बीते दिनों अरविंद केजरीवाल ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया था। दरअसल दिल्ली शराब नीति में अरविंद केजरीवाल पर आरोप लगाए गए हैं, जिसके बाद उन्हें जेल भी जाना पड़ा था। जेल से बाहर आने के बाद इस्तीफे का ऐलान करते हुए अरविंद केजरीवाल ने कहा था कि, “दाग के साथ काम करना तो दूर की बात है, मैं इस दाग के साथ में जी भी नहीं सकता, मैं जिंदा भी नहीं रह सकता। मैंने मन में सोचा था जब तक कोर्ट मेरे को बा-इज्जत बरी नहीं कर देता मैं दोबारा कुर्सी पर नहीं बैठूंगा। लेकिन मुझे वकीलों ने कहा कि यह केस 10- 15 साल तक चल सकता है। मैने सोचा कि मैं अपनी जनता की अदालत में जाऊंगा, जनता से पूछूंगा, जनता मेरे को बताएं कि मैं बेईमान हूं कि मैं ईमानदार हूं।”
इस्तीफा देने के बाद अरविंद केजरीवाल ने सरकारी आवास छोड़ने की बात की थी। इसके बाद से अरविंद केजरीवाल के लिए नया घर ढूंढने की कवायद हो रही थी। पूर्व मुख्यमंत्री के लिए आवास ढूंढने की प्रक्रिया में आम आदमी पार्टी के कई नेताओं, पार्षदों , विधायकों और सांसदों ने अपना घर देने की पेशकश की थी। आम आदमी पार्टी के नेताओं और पार्षदों के अलावा दिल्ली में से कई अन्य लोगों ने भी अपना आवास अरविंद केजरीवाल को देने की पेशकश की थी।
हालांकि पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के लिए ढूंढे जा रहे आवास की यह तलाश उन्हीं की पार्टी के सांसद अशोक मित्तल पर आकर खत्म हुई। नई दिल्ली विधानसभा के अंतर्गत आने वाले अशोक मित्तल के सरकारी आवास पर रहते हुए ही केजरीवाल अपनी विधानसभा व पार्टी से जुड़े कामों को देखेंगे।
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आम आदमी पार्टी ने आधिकारिक जानकारी देते हुए बताया कि केजरीवाल शुक्रवार को ही अपने सारे सामान और परिवार के साथ मुख्यमंत्री आवास खाली कर देंगे। दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल का नया ठिकाना अब नई दिल्ली में होगा। वह नई दिल्ली स्थित सांसदों को मिलने वाले एक सरकारी आवास में रहेंगे। यह आवास आम आदमी पार्टी के सांसद अशोक मित्तल को आवंटित किया गया है। अशोक मित्तल का यही सरकारी आवास अब पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल का अस्थाई ठिकाना हो गया है।
बीते दिनों अरविंद केजरीवाल ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया था। दरअसल दिल्ली शराब नीति में अरविंद केजरीवाल पर आरोप लगाए गए हैं, जिसके बाद उन्हें जेल भी जाना पड़ा था। जेल से बाहर आने के बाद इस्तीफे का ऐलान करते हुए अरविंद केजरीवाल ने कहा था कि, “दाग के साथ काम करना तो दूर की बात है, मैं इस दाग के साथ में जी भी नहीं सकता, मैं जिंदा भी नहीं रह सकता। मैंने मन में सोचा था जब तक कोर्ट मेरे को बा-इज्जत बरी नहीं कर देता मैं दोबारा कुर्सी पर नहीं बैठूंगा। लेकिन मुझे वकीलों ने कहा कि यह केस 10- 15 साल तक चल सकता है। मैने सोचा कि मैं अपनी जनता की अदालत में जाऊंगा, जनता से पूछूंगा, जनता मेरे को बताएं कि मैं बेईमान हूं कि मैं ईमानदार हूं।”
इस्तीफा देने के बाद अरविंद केजरीवाल ने सरकारी आवास छोड़ने की बात की थी। इसके बाद से अरविंद केजरीवाल के लिए नया घर ढूंढने की कवायद हो रही थी। पूर्व मुख्यमंत्री के लिए आवास ढूंढने की प्रक्रिया में आम आदमी पार्टी के कई नेताओं, पार्षदों , विधायकों और सांसदों ने अपना घर देने की पेशकश की थी। आम आदमी पार्टी के नेताओं और पार्षदों के अलावा दिल्ली में से कई अन्य लोगों ने भी अपना आवास अरविंद केजरीवाल को देने की पेशकश की थी।
हालांकि पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के लिए ढूंढे जा रहे आवास की यह तलाश उन्हीं की पार्टी के सांसद अशोक मित्तल पर आकर खत्म हुई। नई दिल्ली विधानसभा के अंतर्गत आने वाले अशोक मित्तल के सरकारी आवास पर रहते हुए ही केजरीवाल अपनी विधानसभा व पार्टी से जुड़े कामों को देखेंगे।
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आम आदमी पार्टी ने आधिकारिक जानकारी देते हुए बताया कि केजरीवाल शुक्रवार को ही अपने सारे सामान और परिवार के साथ मुख्यमंत्री आवास खाली कर देंगे। दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल का नया ठिकाना अब नई दिल्ली में होगा। वह नई दिल्ली स्थित सांसदों को मिलने वाले एक सरकारी आवास में रहेंगे। यह आवास आम आदमी पार्टी के सांसद अशोक मित्तल को आवंटित किया गया है। अशोक मित्तल का यही सरकारी आवास अब पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल का अस्थाई ठिकाना हो गया है।
बीते दिनों अरविंद केजरीवाल ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया था। दरअसल दिल्ली शराब नीति में अरविंद केजरीवाल पर आरोप लगाए गए हैं, जिसके बाद उन्हें जेल भी जाना पड़ा था। जेल से बाहर आने के बाद इस्तीफे का ऐलान करते हुए अरविंद केजरीवाल ने कहा था कि, “दाग के साथ काम करना तो दूर की बात है, मैं इस दाग के साथ में जी भी नहीं सकता, मैं जिंदा भी नहीं रह सकता। मैंने मन में सोचा था जब तक कोर्ट मेरे को बा-इज्जत बरी नहीं कर देता मैं दोबारा कुर्सी पर नहीं बैठूंगा। लेकिन मुझे वकीलों ने कहा कि यह केस 10- 15 साल तक चल सकता है। मैने सोचा कि मैं अपनी जनता की अदालत में जाऊंगा, जनता से पूछूंगा, जनता मेरे को बताएं कि मैं बेईमान हूं कि मैं ईमानदार हूं।”
इस्तीफा देने के बाद अरविंद केजरीवाल ने सरकारी आवास छोड़ने की बात की थी। इसके बाद से अरविंद केजरीवाल के लिए नया घर ढूंढने की कवायद हो रही थी। पूर्व मुख्यमंत्री के लिए आवास ढूंढने की प्रक्रिया में आम आदमी पार्टी के कई नेताओं, पार्षदों , विधायकों और सांसदों ने अपना घर देने की पेशकश की थी। आम आदमी पार्टी के नेताओं और पार्षदों के अलावा दिल्ली में से कई अन्य लोगों ने भी अपना आवास अरविंद केजरीवाल को देने की पेशकश की थी।
हालांकि पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के लिए ढूंढे जा रहे आवास की यह तलाश उन्हीं की पार्टी के सांसद अशोक मित्तल पर आकर खत्म हुई। नई दिल्ली विधानसभा के अंतर्गत आने वाले अशोक मित्तल के सरकारी आवास पर रहते हुए ही केजरीवाल अपनी विधानसभा व पार्टी से जुड़े कामों को देखेंगे।
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आम आदमी पार्टी ने आधिकारिक जानकारी देते हुए बताया कि केजरीवाल शुक्रवार को ही अपने सारे सामान और परिवार के साथ मुख्यमंत्री आवास खाली कर देंगे। दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल का नया ठिकाना अब नई दिल्ली में होगा। वह नई दिल्ली स्थित सांसदों को मिलने वाले एक सरकारी आवास में रहेंगे। यह आवास आम आदमी पार्टी के सांसद अशोक मित्तल को आवंटित किया गया है। अशोक मित्तल का यही सरकारी आवास अब पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल का अस्थाई ठिकाना हो गया है।
बीते दिनों अरविंद केजरीवाल ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया था। दरअसल दिल्ली शराब नीति में अरविंद केजरीवाल पर आरोप लगाए गए हैं, जिसके बाद उन्हें जेल भी जाना पड़ा था। जेल से बाहर आने के बाद इस्तीफे का ऐलान करते हुए अरविंद केजरीवाल ने कहा था कि, “दाग के साथ काम करना तो दूर की बात है, मैं इस दाग के साथ में जी भी नहीं सकता, मैं जिंदा भी नहीं रह सकता। मैंने मन में सोचा था जब तक कोर्ट मेरे को बा-इज्जत बरी नहीं कर देता मैं दोबारा कुर्सी पर नहीं बैठूंगा। लेकिन मुझे वकीलों ने कहा कि यह केस 10- 15 साल तक चल सकता है। मैने सोचा कि मैं अपनी जनता की अदालत में जाऊंगा, जनता से पूछूंगा, जनता मेरे को बताएं कि मैं बेईमान हूं कि मैं ईमानदार हूं।”
इस्तीफा देने के बाद अरविंद केजरीवाल ने सरकारी आवास छोड़ने की बात की थी। इसके बाद से अरविंद केजरीवाल के लिए नया घर ढूंढने की कवायद हो रही थी। पूर्व मुख्यमंत्री के लिए आवास ढूंढने की प्रक्रिया में आम आदमी पार्टी के कई नेताओं, पार्षदों , विधायकों और सांसदों ने अपना घर देने की पेशकश की थी। आम आदमी पार्टी के नेताओं और पार्षदों के अलावा दिल्ली में से कई अन्य लोगों ने भी अपना आवास अरविंद केजरीवाल को देने की पेशकश की थी।
हालांकि पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के लिए ढूंढे जा रहे आवास की यह तलाश उन्हीं की पार्टी के सांसद अशोक मित्तल पर आकर खत्म हुई। नई दिल्ली विधानसभा के अंतर्गत आने वाले अशोक मित्तल के सरकारी आवास पर रहते हुए ही केजरीवाल अपनी विधानसभा व पार्टी से जुड़े कामों को देखेंगे।
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आम आदमी पार्टी ने आधिकारिक जानकारी देते हुए बताया कि केजरीवाल शुक्रवार को ही अपने सारे सामान और परिवार के साथ मुख्यमंत्री आवास खाली कर देंगे। दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल का नया ठिकाना अब नई दिल्ली में होगा। वह नई दिल्ली स्थित सांसदों को मिलने वाले एक सरकारी आवास में रहेंगे। यह आवास आम आदमी पार्टी के सांसद अशोक मित्तल को आवंटित किया गया है। अशोक मित्तल का यही सरकारी आवास अब पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल का अस्थाई ठिकाना हो गया है।
बीते दिनों अरविंद केजरीवाल ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया था। दरअसल दिल्ली शराब नीति में अरविंद केजरीवाल पर आरोप लगाए गए हैं, जिसके बाद उन्हें जेल भी जाना पड़ा था। जेल से बाहर आने के बाद इस्तीफे का ऐलान करते हुए अरविंद केजरीवाल ने कहा था कि, “दाग के साथ काम करना तो दूर की बात है, मैं इस दाग के साथ में जी भी नहीं सकता, मैं जिंदा भी नहीं रह सकता। मैंने मन में सोचा था जब तक कोर्ट मेरे को बा-इज्जत बरी नहीं कर देता मैं दोबारा कुर्सी पर नहीं बैठूंगा। लेकिन मुझे वकीलों ने कहा कि यह केस 10- 15 साल तक चल सकता है। मैने सोचा कि मैं अपनी जनता की अदालत में जाऊंगा, जनता से पूछूंगा, जनता मेरे को बताएं कि मैं बेईमान हूं कि मैं ईमानदार हूं।”
इस्तीफा देने के बाद अरविंद केजरीवाल ने सरकारी आवास छोड़ने की बात की थी। इसके बाद से अरविंद केजरीवाल के लिए नया घर ढूंढने की कवायद हो रही थी। पूर्व मुख्यमंत्री के लिए आवास ढूंढने की प्रक्रिया में आम आदमी पार्टी के कई नेताओं, पार्षदों , विधायकों और सांसदों ने अपना घर देने की पेशकश की थी। आम आदमी पार्टी के नेताओं और पार्षदों के अलावा दिल्ली में से कई अन्य लोगों ने भी अपना आवास अरविंद केजरीवाल को देने की पेशकश की थी।
हालांकि पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के लिए ढूंढे जा रहे आवास की यह तलाश उन्हीं की पार्टी के सांसद अशोक मित्तल पर आकर खत्म हुई। नई दिल्ली विधानसभा के अंतर्गत आने वाले अशोक मित्तल के सरकारी आवास पर रहते हुए ही केजरीवाल अपनी विधानसभा व पार्टी से जुड़े कामों को देखेंगे।
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नई दिल्ली, 4 अक्टूबर (आईएएनएस)। आम आदमी पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक और दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल अपना सरकारी आवास खाली कर रहे हैं। दिल्ली विधानसभा के निकट सिविल लाइंस में स्थित यह आवास उन्हें बतौर मुख्यमंत्री रहते हुए आवंटित हुआ था। शुक्रवार 4 अक्टूबर को अरविंद केजरीवाल ने सीएम आवास खाली करना शुरू कर दिया है। इसके लिए पैकर एंड मूवर्स से जुड़े वाहन व कर्मचारी सीएम बंगले पर पहुंच चुके हैं।
आम आदमी पार्टी ने आधिकारिक जानकारी देते हुए बताया कि केजरीवाल शुक्रवार को ही अपने सारे सामान और परिवार के साथ मुख्यमंत्री आवास खाली कर देंगे। दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल का नया ठिकाना अब नई दिल्ली में होगा। वह नई दिल्ली स्थित सांसदों को मिलने वाले एक सरकारी आवास में रहेंगे। यह आवास आम आदमी पार्टी के सांसद अशोक मित्तल को आवंटित किया गया है। अशोक मित्तल का यही सरकारी आवास अब पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल का अस्थाई ठिकाना हो गया है।
बीते दिनों अरविंद केजरीवाल ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया था। दरअसल दिल्ली शराब नीति में अरविंद केजरीवाल पर आरोप लगाए गए हैं, जिसके बाद उन्हें जेल भी जाना पड़ा था। जेल से बाहर आने के बाद इस्तीफे का ऐलान करते हुए अरविंद केजरीवाल ने कहा था कि, “दाग के साथ काम करना तो दूर की बात है, मैं इस दाग के साथ में जी भी नहीं सकता, मैं जिंदा भी नहीं रह सकता। मैंने मन में सोचा था जब तक कोर्ट मेरे को बा-इज्जत बरी नहीं कर देता मैं दोबारा कुर्सी पर नहीं बैठूंगा। लेकिन मुझे वकीलों ने कहा कि यह केस 10- 15 साल तक चल सकता है। मैने सोचा कि मैं अपनी जनता की अदालत में जाऊंगा, जनता से पूछूंगा, जनता मेरे को बताएं कि मैं बेईमान हूं कि मैं ईमानदार हूं।”
इस्तीफा देने के बाद अरविंद केजरीवाल ने सरकारी आवास छोड़ने की बात की थी। इसके बाद से अरविंद केजरीवाल के लिए नया घर ढूंढने की कवायद हो रही थी। पूर्व मुख्यमंत्री के लिए आवास ढूंढने की प्रक्रिया में आम आदमी पार्टी के कई नेताओं, पार्षदों , विधायकों और सांसदों ने अपना घर देने की पेशकश की थी। आम आदमी पार्टी के नेताओं और पार्षदों के अलावा दिल्ली में से कई अन्य लोगों ने भी अपना आवास अरविंद केजरीवाल को देने की पेशकश की थी।
हालांकि पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के लिए ढूंढे जा रहे आवास की यह तलाश उन्हीं की पार्टी के सांसद अशोक मित्तल पर आकर खत्म हुई। नई दिल्ली विधानसभा के अंतर्गत आने वाले अशोक मित्तल के सरकारी आवास पर रहते हुए ही केजरीवाल अपनी विधानसभा व पार्टी से जुड़े कामों को देखेंगे।
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आम आदमी पार्टी ने आधिकारिक जानकारी देते हुए बताया कि केजरीवाल शुक्रवार को ही अपने सारे सामान और परिवार के साथ मुख्यमंत्री आवास खाली कर देंगे। दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल का नया ठिकाना अब नई दिल्ली में होगा। वह नई दिल्ली स्थित सांसदों को मिलने वाले एक सरकारी आवास में रहेंगे। यह आवास आम आदमी पार्टी के सांसद अशोक मित्तल को आवंटित किया गया है। अशोक मित्तल का यही सरकारी आवास अब पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल का अस्थाई ठिकाना हो गया है।
बीते दिनों अरविंद केजरीवाल ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया था। दरअसल दिल्ली शराब नीति में अरविंद केजरीवाल पर आरोप लगाए गए हैं, जिसके बाद उन्हें जेल भी जाना पड़ा था। जेल से बाहर आने के बाद इस्तीफे का ऐलान करते हुए अरविंद केजरीवाल ने कहा था कि, “दाग के साथ काम करना तो दूर की बात है, मैं इस दाग के साथ में जी भी नहीं सकता, मैं जिंदा भी नहीं रह सकता। मैंने मन में सोचा था जब तक कोर्ट मेरे को बा-इज्जत बरी नहीं कर देता मैं दोबारा कुर्सी पर नहीं बैठूंगा। लेकिन मुझे वकीलों ने कहा कि यह केस 10- 15 साल तक चल सकता है। मैने सोचा कि मैं अपनी जनता की अदालत में जाऊंगा, जनता से पूछूंगा, जनता मेरे को बताएं कि मैं बेईमान हूं कि मैं ईमानदार हूं।”
इस्तीफा देने के बाद अरविंद केजरीवाल ने सरकारी आवास छोड़ने की बात की थी। इसके बाद से अरविंद केजरीवाल के लिए नया घर ढूंढने की कवायद हो रही थी। पूर्व मुख्यमंत्री के लिए आवास ढूंढने की प्रक्रिया में आम आदमी पार्टी के कई नेताओं, पार्षदों , विधायकों और सांसदों ने अपना घर देने की पेशकश की थी। आम आदमी पार्टी के नेताओं और पार्षदों के अलावा दिल्ली में से कई अन्य लोगों ने भी अपना आवास अरविंद केजरीवाल को देने की पेशकश की थी।
हालांकि पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के लिए ढूंढे जा रहे आवास की यह तलाश उन्हीं की पार्टी के सांसद अशोक मित्तल पर आकर खत्म हुई। नई दिल्ली विधानसभा के अंतर्गत आने वाले अशोक मित्तल के सरकारी आवास पर रहते हुए ही केजरीवाल अपनी विधानसभा व पार्टी से जुड़े कामों को देखेंगे।
–आईएएनएस
जीसीबी/एएस
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नई दिल्ली, 4 अक्टूबर (आईएएनएस)। आम आदमी पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक और दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल अपना सरकारी आवास खाली कर रहे हैं। दिल्ली विधानसभा के निकट सिविल लाइंस में स्थित यह आवास उन्हें बतौर मुख्यमंत्री रहते हुए आवंटित हुआ था। शुक्रवार 4 अक्टूबर को अरविंद केजरीवाल ने सीएम आवास खाली करना शुरू कर दिया है। इसके लिए पैकर एंड मूवर्स से जुड़े वाहन व कर्मचारी सीएम बंगले पर पहुंच चुके हैं।
आम आदमी पार्टी ने आधिकारिक जानकारी देते हुए बताया कि केजरीवाल शुक्रवार को ही अपने सारे सामान और परिवार के साथ मुख्यमंत्री आवास खाली कर देंगे। दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल का नया ठिकाना अब नई दिल्ली में होगा। वह नई दिल्ली स्थित सांसदों को मिलने वाले एक सरकारी आवास में रहेंगे। यह आवास आम आदमी पार्टी के सांसद अशोक मित्तल को आवंटित किया गया है। अशोक मित्तल का यही सरकारी आवास अब पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल का अस्थाई ठिकाना हो गया है।
बीते दिनों अरविंद केजरीवाल ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया था। दरअसल दिल्ली शराब नीति में अरविंद केजरीवाल पर आरोप लगाए गए हैं, जिसके बाद उन्हें जेल भी जाना पड़ा था। जेल से बाहर आने के बाद इस्तीफे का ऐलान करते हुए अरविंद केजरीवाल ने कहा था कि, “दाग के साथ काम करना तो दूर की बात है, मैं इस दाग के साथ में जी भी नहीं सकता, मैं जिंदा भी नहीं रह सकता। मैंने मन में सोचा था जब तक कोर्ट मेरे को बा-इज्जत बरी नहीं कर देता मैं दोबारा कुर्सी पर नहीं बैठूंगा। लेकिन मुझे वकीलों ने कहा कि यह केस 10- 15 साल तक चल सकता है। मैने सोचा कि मैं अपनी जनता की अदालत में जाऊंगा, जनता से पूछूंगा, जनता मेरे को बताएं कि मैं बेईमान हूं कि मैं ईमानदार हूं।”
इस्तीफा देने के बाद अरविंद केजरीवाल ने सरकारी आवास छोड़ने की बात की थी। इसके बाद से अरविंद केजरीवाल के लिए नया घर ढूंढने की कवायद हो रही थी। पूर्व मुख्यमंत्री के लिए आवास ढूंढने की प्रक्रिया में आम आदमी पार्टी के कई नेताओं, पार्षदों , विधायकों और सांसदों ने अपना घर देने की पेशकश की थी। आम आदमी पार्टी के नेताओं और पार्षदों के अलावा दिल्ली में से कई अन्य लोगों ने भी अपना आवास अरविंद केजरीवाल को देने की पेशकश की थी।
हालांकि पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के लिए ढूंढे जा रहे आवास की यह तलाश उन्हीं की पार्टी के सांसद अशोक मित्तल पर आकर खत्म हुई। नई दिल्ली विधानसभा के अंतर्गत आने वाले अशोक मित्तल के सरकारी आवास पर रहते हुए ही केजरीवाल अपनी विधानसभा व पार्टी से जुड़े कामों को देखेंगे।
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नई दिल्ली, 4 अक्टूबर (आईएएनएस)। आम आदमी पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक और दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल अपना सरकारी आवास खाली कर रहे हैं। दिल्ली विधानसभा के निकट सिविल लाइंस में स्थित यह आवास उन्हें बतौर मुख्यमंत्री रहते हुए आवंटित हुआ था। शुक्रवार 4 अक्टूबर को अरविंद केजरीवाल ने सीएम आवास खाली करना शुरू कर दिया है। इसके लिए पैकर एंड मूवर्स से जुड़े वाहन व कर्मचारी सीएम बंगले पर पहुंच चुके हैं।
आम आदमी पार्टी ने आधिकारिक जानकारी देते हुए बताया कि केजरीवाल शुक्रवार को ही अपने सारे सामान और परिवार के साथ मुख्यमंत्री आवास खाली कर देंगे। दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल का नया ठिकाना अब नई दिल्ली में होगा। वह नई दिल्ली स्थित सांसदों को मिलने वाले एक सरकारी आवास में रहेंगे। यह आवास आम आदमी पार्टी के सांसद अशोक मित्तल को आवंटित किया गया है। अशोक मित्तल का यही सरकारी आवास अब पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल का अस्थाई ठिकाना हो गया है।
बीते दिनों अरविंद केजरीवाल ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया था। दरअसल दिल्ली शराब नीति में अरविंद केजरीवाल पर आरोप लगाए गए हैं, जिसके बाद उन्हें जेल भी जाना पड़ा था। जेल से बाहर आने के बाद इस्तीफे का ऐलान करते हुए अरविंद केजरीवाल ने कहा था कि, “दाग के साथ काम करना तो दूर की बात है, मैं इस दाग के साथ में जी भी नहीं सकता, मैं जिंदा भी नहीं रह सकता। मैंने मन में सोचा था जब तक कोर्ट मेरे को बा-इज्जत बरी नहीं कर देता मैं दोबारा कुर्सी पर नहीं बैठूंगा। लेकिन मुझे वकीलों ने कहा कि यह केस 10- 15 साल तक चल सकता है। मैने सोचा कि मैं अपनी जनता की अदालत में जाऊंगा, जनता से पूछूंगा, जनता मेरे को बताएं कि मैं बेईमान हूं कि मैं ईमानदार हूं।”
इस्तीफा देने के बाद अरविंद केजरीवाल ने सरकारी आवास छोड़ने की बात की थी। इसके बाद से अरविंद केजरीवाल के लिए नया घर ढूंढने की कवायद हो रही थी। पूर्व मुख्यमंत्री के लिए आवास ढूंढने की प्रक्रिया में आम आदमी पार्टी के कई नेताओं, पार्षदों , विधायकों और सांसदों ने अपना घर देने की पेशकश की थी। आम आदमी पार्टी के नेताओं और पार्षदों के अलावा दिल्ली में से कई अन्य लोगों ने भी अपना आवास अरविंद केजरीवाल को देने की पेशकश की थी।
हालांकि पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के लिए ढूंढे जा रहे आवास की यह तलाश उन्हीं की पार्टी के सांसद अशोक मित्तल पर आकर खत्म हुई। नई दिल्ली विधानसभा के अंतर्गत आने वाले अशोक मित्तल के सरकारी आवास पर रहते हुए ही केजरीवाल अपनी विधानसभा व पार्टी से जुड़े कामों को देखेंगे।
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नई दिल्ली, 4 अक्टूबर (आईएएनएस)। आम आदमी पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक और दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल अपना सरकारी आवास खाली कर रहे हैं। दिल्ली विधानसभा के निकट सिविल लाइंस में स्थित यह आवास उन्हें बतौर मुख्यमंत्री रहते हुए आवंटित हुआ था। शुक्रवार 4 अक्टूबर को अरविंद केजरीवाल ने सीएम आवास खाली करना शुरू कर दिया है। इसके लिए पैकर एंड मूवर्स से जुड़े वाहन व कर्मचारी सीएम बंगले पर पहुंच चुके हैं।
आम आदमी पार्टी ने आधिकारिक जानकारी देते हुए बताया कि केजरीवाल शुक्रवार को ही अपने सारे सामान और परिवार के साथ मुख्यमंत्री आवास खाली कर देंगे। दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल का नया ठिकाना अब नई दिल्ली में होगा। वह नई दिल्ली स्थित सांसदों को मिलने वाले एक सरकारी आवास में रहेंगे। यह आवास आम आदमी पार्टी के सांसद अशोक मित्तल को आवंटित किया गया है। अशोक मित्तल का यही सरकारी आवास अब पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल का अस्थाई ठिकाना हो गया है।
बीते दिनों अरविंद केजरीवाल ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया था। दरअसल दिल्ली शराब नीति में अरविंद केजरीवाल पर आरोप लगाए गए हैं, जिसके बाद उन्हें जेल भी जाना पड़ा था। जेल से बाहर आने के बाद इस्तीफे का ऐलान करते हुए अरविंद केजरीवाल ने कहा था कि, “दाग के साथ काम करना तो दूर की बात है, मैं इस दाग के साथ में जी भी नहीं सकता, मैं जिंदा भी नहीं रह सकता। मैंने मन में सोचा था जब तक कोर्ट मेरे को बा-इज्जत बरी नहीं कर देता मैं दोबारा कुर्सी पर नहीं बैठूंगा। लेकिन मुझे वकीलों ने कहा कि यह केस 10- 15 साल तक चल सकता है। मैने सोचा कि मैं अपनी जनता की अदालत में जाऊंगा, जनता से पूछूंगा, जनता मेरे को बताएं कि मैं बेईमान हूं कि मैं ईमानदार हूं।”
इस्तीफा देने के बाद अरविंद केजरीवाल ने सरकारी आवास छोड़ने की बात की थी। इसके बाद से अरविंद केजरीवाल के लिए नया घर ढूंढने की कवायद हो रही थी। पूर्व मुख्यमंत्री के लिए आवास ढूंढने की प्रक्रिया में आम आदमी पार्टी के कई नेताओं, पार्षदों , विधायकों और सांसदों ने अपना घर देने की पेशकश की थी। आम आदमी पार्टी के नेताओं और पार्षदों के अलावा दिल्ली में से कई अन्य लोगों ने भी अपना आवास अरविंद केजरीवाल को देने की पेशकश की थी।
हालांकि पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के लिए ढूंढे जा रहे आवास की यह तलाश उन्हीं की पार्टी के सांसद अशोक मित्तल पर आकर खत्म हुई। नई दिल्ली विधानसभा के अंतर्गत आने वाले अशोक मित्तल के सरकारी आवास पर रहते हुए ही केजरीवाल अपनी विधानसभा व पार्टी से जुड़े कामों को देखेंगे।
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नई दिल्ली, 4 अक्टूबर (आईएएनएस)। आम आदमी पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक और दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल अपना सरकारी आवास खाली कर रहे हैं। दिल्ली विधानसभा के निकट सिविल लाइंस में स्थित यह आवास उन्हें बतौर मुख्यमंत्री रहते हुए आवंटित हुआ था। शुक्रवार 4 अक्टूबर को अरविंद केजरीवाल ने सीएम आवास खाली करना शुरू कर दिया है। इसके लिए पैकर एंड मूवर्स से जुड़े वाहन व कर्मचारी सीएम बंगले पर पहुंच चुके हैं।
आम आदमी पार्टी ने आधिकारिक जानकारी देते हुए बताया कि केजरीवाल शुक्रवार को ही अपने सारे सामान और परिवार के साथ मुख्यमंत्री आवास खाली कर देंगे। दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल का नया ठिकाना अब नई दिल्ली में होगा। वह नई दिल्ली स्थित सांसदों को मिलने वाले एक सरकारी आवास में रहेंगे। यह आवास आम आदमी पार्टी के सांसद अशोक मित्तल को आवंटित किया गया है। अशोक मित्तल का यही सरकारी आवास अब पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल का अस्थाई ठिकाना हो गया है।
बीते दिनों अरविंद केजरीवाल ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया था। दरअसल दिल्ली शराब नीति में अरविंद केजरीवाल पर आरोप लगाए गए हैं, जिसके बाद उन्हें जेल भी जाना पड़ा था। जेल से बाहर आने के बाद इस्तीफे का ऐलान करते हुए अरविंद केजरीवाल ने कहा था कि, “दाग के साथ काम करना तो दूर की बात है, मैं इस दाग के साथ में जी भी नहीं सकता, मैं जिंदा भी नहीं रह सकता। मैंने मन में सोचा था जब तक कोर्ट मेरे को बा-इज्जत बरी नहीं कर देता मैं दोबारा कुर्सी पर नहीं बैठूंगा। लेकिन मुझे वकीलों ने कहा कि यह केस 10- 15 साल तक चल सकता है। मैने सोचा कि मैं अपनी जनता की अदालत में जाऊंगा, जनता से पूछूंगा, जनता मेरे को बताएं कि मैं बेईमान हूं कि मैं ईमानदार हूं।”
इस्तीफा देने के बाद अरविंद केजरीवाल ने सरकारी आवास छोड़ने की बात की थी। इसके बाद से अरविंद केजरीवाल के लिए नया घर ढूंढने की कवायद हो रही थी। पूर्व मुख्यमंत्री के लिए आवास ढूंढने की प्रक्रिया में आम आदमी पार्टी के कई नेताओं, पार्षदों , विधायकों और सांसदों ने अपना घर देने की पेशकश की थी। आम आदमी पार्टी के नेताओं और पार्षदों के अलावा दिल्ली में से कई अन्य लोगों ने भी अपना आवास अरविंद केजरीवाल को देने की पेशकश की थी।
हालांकि पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के लिए ढूंढे जा रहे आवास की यह तलाश उन्हीं की पार्टी के सांसद अशोक मित्तल पर आकर खत्म हुई। नई दिल्ली विधानसभा के अंतर्गत आने वाले अशोक मित्तल के सरकारी आवास पर रहते हुए ही केजरीवाल अपनी विधानसभा व पार्टी से जुड़े कामों को देखेंगे।
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आम आदमी पार्टी ने आधिकारिक जानकारी देते हुए बताया कि केजरीवाल शुक्रवार को ही अपने सारे सामान और परिवार के साथ मुख्यमंत्री आवास खाली कर देंगे। दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल का नया ठिकाना अब नई दिल्ली में होगा। वह नई दिल्ली स्थित सांसदों को मिलने वाले एक सरकारी आवास में रहेंगे। यह आवास आम आदमी पार्टी के सांसद अशोक मित्तल को आवंटित किया गया है। अशोक मित्तल का यही सरकारी आवास अब पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल का अस्थाई ठिकाना हो गया है।
बीते दिनों अरविंद केजरीवाल ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया था। दरअसल दिल्ली शराब नीति में अरविंद केजरीवाल पर आरोप लगाए गए हैं, जिसके बाद उन्हें जेल भी जाना पड़ा था। जेल से बाहर आने के बाद इस्तीफे का ऐलान करते हुए अरविंद केजरीवाल ने कहा था कि, “दाग के साथ काम करना तो दूर की बात है, मैं इस दाग के साथ में जी भी नहीं सकता, मैं जिंदा भी नहीं रह सकता। मैंने मन में सोचा था जब तक कोर्ट मेरे को बा-इज्जत बरी नहीं कर देता मैं दोबारा कुर्सी पर नहीं बैठूंगा। लेकिन मुझे वकीलों ने कहा कि यह केस 10- 15 साल तक चल सकता है। मैने सोचा कि मैं अपनी जनता की अदालत में जाऊंगा, जनता से पूछूंगा, जनता मेरे को बताएं कि मैं बेईमान हूं कि मैं ईमानदार हूं।”
इस्तीफा देने के बाद अरविंद केजरीवाल ने सरकारी आवास छोड़ने की बात की थी। इसके बाद से अरविंद केजरीवाल के लिए नया घर ढूंढने की कवायद हो रही थी। पूर्व मुख्यमंत्री के लिए आवास ढूंढने की प्रक्रिया में आम आदमी पार्टी के कई नेताओं, पार्षदों , विधायकों और सांसदों ने अपना घर देने की पेशकश की थी। आम आदमी पार्टी के नेताओं और पार्षदों के अलावा दिल्ली में से कई अन्य लोगों ने भी अपना आवास अरविंद केजरीवाल को देने की पेशकश की थी।
हालांकि पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के लिए ढूंढे जा रहे आवास की यह तलाश उन्हीं की पार्टी के सांसद अशोक मित्तल पर आकर खत्म हुई। नई दिल्ली विधानसभा के अंतर्गत आने वाले अशोक मित्तल के सरकारी आवास पर रहते हुए ही केजरीवाल अपनी विधानसभा व पार्टी से जुड़े कामों को देखेंगे।
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नई दिल्ली, 4 अक्टूबर (आईएएनएस)। आम आदमी पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक और दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल अपना सरकारी आवास खाली कर रहे हैं। दिल्ली विधानसभा के निकट सिविल लाइंस में स्थित यह आवास उन्हें बतौर मुख्यमंत्री रहते हुए आवंटित हुआ था। शुक्रवार 4 अक्टूबर को अरविंद केजरीवाल ने सीएम आवास खाली करना शुरू कर दिया है। इसके लिए पैकर एंड मूवर्स से जुड़े वाहन व कर्मचारी सीएम बंगले पर पहुंच चुके हैं।
आम आदमी पार्टी ने आधिकारिक जानकारी देते हुए बताया कि केजरीवाल शुक्रवार को ही अपने सारे सामान और परिवार के साथ मुख्यमंत्री आवास खाली कर देंगे। दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल का नया ठिकाना अब नई दिल्ली में होगा। वह नई दिल्ली स्थित सांसदों को मिलने वाले एक सरकारी आवास में रहेंगे। यह आवास आम आदमी पार्टी के सांसद अशोक मित्तल को आवंटित किया गया है। अशोक मित्तल का यही सरकारी आवास अब पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल का अस्थाई ठिकाना हो गया है।
बीते दिनों अरविंद केजरीवाल ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया था। दरअसल दिल्ली शराब नीति में अरविंद केजरीवाल पर आरोप लगाए गए हैं, जिसके बाद उन्हें जेल भी जाना पड़ा था। जेल से बाहर आने के बाद इस्तीफे का ऐलान करते हुए अरविंद केजरीवाल ने कहा था कि, “दाग के साथ काम करना तो दूर की बात है, मैं इस दाग के साथ में जी भी नहीं सकता, मैं जिंदा भी नहीं रह सकता। मैंने मन में सोचा था जब तक कोर्ट मेरे को बा-इज्जत बरी नहीं कर देता मैं दोबारा कुर्सी पर नहीं बैठूंगा। लेकिन मुझे वकीलों ने कहा कि यह केस 10- 15 साल तक चल सकता है। मैने सोचा कि मैं अपनी जनता की अदालत में जाऊंगा, जनता से पूछूंगा, जनता मेरे को बताएं कि मैं बेईमान हूं कि मैं ईमानदार हूं।”
इस्तीफा देने के बाद अरविंद केजरीवाल ने सरकारी आवास छोड़ने की बात की थी। इसके बाद से अरविंद केजरीवाल के लिए नया घर ढूंढने की कवायद हो रही थी। पूर्व मुख्यमंत्री के लिए आवास ढूंढने की प्रक्रिया में आम आदमी पार्टी के कई नेताओं, पार्षदों , विधायकों और सांसदों ने अपना घर देने की पेशकश की थी। आम आदमी पार्टी के नेताओं और पार्षदों के अलावा दिल्ली में से कई अन्य लोगों ने भी अपना आवास अरविंद केजरीवाल को देने की पेशकश की थी।
हालांकि पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के लिए ढूंढे जा रहे आवास की यह तलाश उन्हीं की पार्टी के सांसद अशोक मित्तल पर आकर खत्म हुई। नई दिल्ली विधानसभा के अंतर्गत आने वाले अशोक मित्तल के सरकारी आवास पर रहते हुए ही केजरीवाल अपनी विधानसभा व पार्टी से जुड़े कामों को देखेंगे।